संचारी रोगों के नियंत्रण में सामुदायिक सहयोग की भूमिका अहम
गोरखपुर।जिले में ग्यारह विभाग आपस में समन्वय बना कर संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए प्रयास करेंगे । इसके लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने अपने कार्यालय परिसर से सोमवार को शपथ दिला कर किया। उन्होंने जनजागरूकता वाहनों को हरी झंडी भी दिखाई ।
एक माह तक चलने वाले इस अभियान के दौरान ही बीस दिन का दस्तक अभियान भी चलेगा जिसमें बुखार, टीबी, फाइलेरिया, कुष्ठ और कुपोषण के रोगी ढूंढे जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभागीय प्रयासों के साथ साथ सामुदायिक सहयोग की अहम भूमिका है।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान नगर निकाय और पंचायती राज विभाग के कर्मचारी सार्वजनिक स्थानों की सफाई करेंगे, लेकिन घर के भीतर की सफाई नागरिकों का दायित्व है। आवासीय व व्यावसायिक परिसर में हर उस स्थान की सफाई करनी होगी जहां मच्छर पनपते हैं और डेंगू, इंसेफेलाइटिस, मलेरिया आदि बीमारियां पैदा करते हैं।
जिन सार्वजनिक स्थानों की सफाई हो रही है वहां गंदगी न फैले यह भी सुनिश्चित करना होगा । चूहे और छछूंदर के कारण होने वाले स्क्रबटाइफस से बचाव के लिए नंगे पैर खेतों में जाने से बचना होगा और जंगल झाड़ियां साफ रखनी होगी । अभियान के दौरान स्कूली बच्चों को प्रार्थना सभाओं में स्वच्छ पेयजल के इस्तेमाल, साफ सफाई, खुले में शौच न करने जैसी सीख दी जाएगी। इसका अनुकरण सिर्फ बच्चों को नहीं, बल्कि बड़े को भी करना है।
डॉ दूबे ने बताया कि अभियान के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और पाथ संस्था की टीम सभी विभागों की गतिविधियों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करेंगी। मच्छरों के घनत्व वाले इलाकों का खासतौर से पता लगाया जाएगा और उसे नगर निकायों व पंचायती राज विभाग से साझा किया जाएगा ताकि निरोधात्मक कार्रवाई की जा सके। लोगों को हीट वेव से बचाव के संदेश भी दिये जाएंगे।
आईसीडीएस, कृषि विभाग, पशु पालन विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, उद्यान विभाग, दिव्यांगजन कल्याण विभाग और सूचना विभाग भी विविध गतिविधियों के जरिये लोगों का संचारी रोगों से बचाव का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर वेक्टर बार्न कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल कुमार सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, मलेरिया इंस्पेक्टर प्रवीण, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, एआरओ एसएन शुक्ला, एनएचएम से आदिल समेत सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
10 अप्रैल से चलेगा दस्तक अभियान
सीएमओ ने बताया कि जिले में दस से तीस अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा । इस दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम घर घर जाएंगी और बुखार के रोगी, आईएलआई रोगी, संभावित क्षय रोगियों, कुष्ठ, फाइलेरिया व कालाजार के संभावित रोगी और कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर ई कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
इन रोगियों की जांच कर बीमारी की पुष्टि होने पर इलाज व प्रबन्धन की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। पहली बार दस्तक अभियान के दौरान लोगों का विवरण लेकर आभा आईडी भी बनाया जाएगा जिसके जरिये उनका सम्पूर्ण हेल्थ रिकॉर्ड एक स्थान पर संग्रहित किया जा सकेगा। इस रिकॉर्ड को देश के किसी भी कोने से ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है।
जेई का कोई केस नहीं है
डॉ दूबे ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान के कारण पिछले वर्ष जापानीज इंसेफेलाइटिस से एक भी मौत जिले में नहीं हुई है। इस वर्ष भी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के साथ केस निकले हैं, लेकिन जिले में फिलहाल जेई का कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है।
Apr 03 2024, 06:59