देश की प्रगति में स्वराज का अहम योगदान

सहजनवा/गोरखपुर। अन्न दाता किसानों की मेहनत से स्वराज देश की प्रगति में ही नहीं बल्कि देश की समृद्धि में भी सहभागी बना। किसानों ने भी स्वराज से एक मजबूत रिश्ता बनाया और उसके बाद उनके जीवन व परिवार में खुशहाली आई।

उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि स्टेट हेड राजकुमार सिंह ने स्वराज के 50 वर्ष पूरे होने पर जोश का स्वर्णोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।इस अवसर पर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अरविंद कुमार सिंह, एरिया मैनेजर सुशील चौधरी विशेष रूप से उपस्थित रहे। एरिया मैनेजर श्री चौधरी ने कहा कि स्वराज एक परिवार है। इस परिवार से 22 लाख किसान प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं । 50 वर्ष की यात्रा परिवार के रिश्ते से ही पूरा हुआ है। गोरखपुर के डीलर अजय गुप्ता ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत बुकें देकर दिया। श्री गुप्ता ने कहा कि स्वराज शुद्ध रूप से स्वदेशी उत्पाद है।

देश को आत्मनिर्भर एवं मजबूत बनाना है तो स्वराज को अपनाना ही होगा। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में लगभग सैकड़ो किसानों को माल्यार्पण,शाल व पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। अतिथियों द्वारा मशाल प्रज्वलित किए जाने के पश्चात राष्ट्रगान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर स्वराज टीम के अनुराग, इंद्रमणि, अभिषेक, रविकांत, आशीष ऋषि आदि के अलावा विकास, अखिलेश यादव, परवेज आलम, अमित शाही, अभय मल्ल, सूर्यकांत सिंह, के एम पांडे, दिनेश पांडे, राजेश, धीरेन्द्र, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ मंडल के विभिन्न जिलों के सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

हज़रत आयशा व शोह-दाए-बद्र को पेश किया अकीदत का नज़राना

गोरखपुर। गुरुवार 17 रमज़ान को चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में सामूहिक कुरआन ख्वानी हुई। हज़रत आयशा सिद्दीका रदियल्लाहु अन्हा व शोह-दाए-बद्र के शहीदों को अकीदत का नज़राना पेश किया गया।

मस्जिद के इमाम मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि उम्मुल मोमिनीन (मोमिनों की मां) हज़रत आयशा सिद्दीका पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बीवी व दीन-ए-इस्लाम के पहले ख़लीफा हजरत अबू बक्र रदियल्लाहु अन्हु की पुत्री हैं। आप बहुत विद्वान थीं। आप पैग़ंबरे इस्लाम से बहुत सी हदीस रिवायत करने वाली हैं। आप इल्म का चमकता हुआ आफताब हैं। आप महिला सशक्तिकरण की सशक्त पहचान हैं। आप पूरी ज़िंदगी महिलाओं के हक़ की अलमबरदार रहीं। आपने 17 रमज़ानुल मुबारक को इस फानी दुनिया को अलविदा कहा।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार में हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा तमाम मुसलमानों की मां हैं। आपकी ज़िंदगी का हर पहलू दुनिया की तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। तकवा परहेजगारी में आपका कोई सानी नहीं हैं। क़ुरआन-ए-पाक में आपकी पाकीज़गी अल्लाह ने बयान की है। पैग़ंबरे इस्लाम की निजी ज़िंदगी की तर्जुमान हज़रत आयशा हैं।

मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि 17 रमज़ानुल मुबारक सन् 2 हिजरी को जंग-ए-बद्र हक़ और बातिल के बीच हुई। जिसमें 313 सहाबा किराम की मदद के लिए फरिश्ते जमीन पर उतरे। जंग-ए-बद्र में दीन-ए-इस्लाम की फतह ने इस्लामी हुकूमत को अरब की एक अज़ीम कुव्वत बना दिया। इस्लामी इतिहास की सबसे पहली जंग मुसलमानों ने खुद के बचाव (वॉर ऑफ डिफेंस) में लड़ी। जंग-ए-बद्र में मुसलमानों की तादाद 313 थीं। वहीं बातिल कुव्वतों का लश्कर मुसलमानों से तीन गुना से ज्यादा था। जंग-ए-बद्र में कुल 14 सहाबा किराम शहीद हुए। इसके मुकाबले में दुश्मनाने इस्लाम के 70 आदमी मारे गए। जिनमें से 36 हज़रत अली रदियल्लाहु अन्हु के हाथों जहन्नम पहुंचे। कुरआन-ए-पाक में है कि "और यकीनन अल्लाह ने तुम लोगों की मदद फरमाई बद्र में, जबकि तुम लोग कमजोर और बे सर ओ सामान थे पस तुम लोग अल्लाह से डरते रहो ताकि तुम शुक्रगुजार हो जाओ"।

मदरसा रजा-ए-मुस्तफा तुर्कमानपुर में मौलाना दानिश रज़ा अशरफी ने कहा कि जंग-ए-बद्र में मुसलमानों के पास लड़ने के लिए पूरे हथियार भी न थे। पूरे लश्कर के पास सिर्फ 70 ऊंट और दो घोड़े थे। जिन पर सहाबा बारी-बारी सवारी करते थे। मुसलमानों का हौसला बुलंद था। अल्लाह के फ़ज़ल से अजीम कामयाबी मिली। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर पूरी दुनिया में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। इस मौके पर हाफिज नजरे आलम, हाफिज गुलाम गौस, हाफिज शारिक, सैफ अली, फुजैल अली, असलम, फैजान, अख़्लाक, फरीद, युनूस अली, नेहाल आदि मौजूद रहे।

माह-ए-रमज़ान की रौनक चारों ओर

गुरुवार को रोजेदारों ने जमकर इबादत की। 17वां रोजा मुकम्मल हो गया। माह-ए-रमज़ान की रौनक बढ़ती ही चली जा रही है। मस्जिद व घरों में इबादत और कुरआन-ए-पाक की तिलावत हो रही है। दूसरा अशरा खत्म होने के करीब है। वहीं रमज़ान का तीसरा अशरा जहन्नम से आज़ादी का बहुत महत्वपूर्ण है। अंतिम दस दिन की पांच रात यानी 21, 23, 25, 27 व 29 रमज़ान की रात में से एक शबे कद्र की रात है। जिसमें इबादत का सवाब हजार महीनों की इबादत के सवाब से अफ़ज़ल है। शबे कद्र में ही कुरआन-ए-पाक नाजिल हुआ। अंतिम दस दिन का एतिकाफ करना पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है। बाजार पर ईद की खुशियों का रंग चढ़ गया है। ललू ललाई मस्जिद खूनीपुर में तरावीह नमाज़ के दौरान हाफिज शारिब ने एक कुरआन-ए-पाक मुकम्मल किया। मुबारकबाद के साथ तोहफे व दुआएं मिलीं।

रोज़े की हालत में कोविड टेस्ट करा सकते हैं : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर गुरुवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा।

1. सवाल: रोजे की हालत में कोविड टेस्ट करा सकते हैं? (इमरान, जाफ़रा बाज़ार)

जवाब : जी करा सकते हैं। इससे रोजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। (मुफ्ती अजहर)

2. सवाल : आईने के सामने नमाज़ पढ़ना कैसा है? (रमजान, तुर्कमानपुर)

जवाब: इसमें कोई हर्ज नहीं। (मुफ्ती मेराज)

3. सवाल : क्या पहने हुए जेवरात जो रोज़ाना इस्तेमाल में आते हैं उन पर भी जकात देना ज़रूरी है? (सैयद हुसैन अहमद, सूरजकुंड)

जवाब : हां। रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले पहने हुए जेवरात पर भी जकात देना ज़रूरी है। (मुफ्ती अख्तर)

धूल उड़ने पर बाइक सवारों के बीच मारपीट, लूटपाट का आरोप

सिकरीगंज गोरखपुर।

सिकरीगंज थाना क्षेत्र के ददौरा गांव के पास बन रहे लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे से आ रहे दो बाइक सवार युवकों की पीछे से आ रहे बाइक सवार के बीच धूल उड़ने को लेकर मारपीट हो गई युवकों ने मारपीट कर घायल करने और लूटपाट करने का आरोप पीड़ित ने लगाया है ।

घटना के बाद घायल बाइक सवारों ने सिकरीगंज थाने में तहरीर दे दी है ,स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुट गई है ,पुलिस के मुताबीत लूट की सूचना सन्दिग्ध है, जिसकी जांच की जा रही है । 

मिली सूचना के अनुसार बेलघाट थाना क्षेत्र रहने वाले संतोष निषाद पुत्र मुन्नर निषाद तथा उनके साथी उमेश निषाद पुत्र द‌याशंकर ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि दोपहर में बेलघाट से सिक्सलेन के किनारे से दोनों लोग बाइक से गोरखपुर पानी मोटर खरीदने जा रहे थे।

ददौरा गांव के समीप सिक्स लेन पर मिट्टी उडने को लेकर पिछे से आ रहे दो पहिया सवार यूपी 53 सीपी 1998 हीरो स्पेलन्डर काले रंग की बाइक से दो लोग गाली देते हुए आये और अचानक चलती गाडी पर धक्का देकर गिरा दिया, अकारण मारना पिटना शुरू कर कपड़े फाड दिए, हेलमेट तोड़ कर पास में रखा मोटर का पैसा 20,700 रुपए तथा गले से चैन छीन कर धमकी देते हुए भाग निकले।

इस संबंध में थाना प्रभारी सिकरीगंज राजेश कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर मिली है गाड़ी नंबर ट्रेस कर दुसरे पक्ष को बुलाया गया है पीड़ित के साथ मार पीट की घटना हुई है लूट की घटना संदिग्ध लग रही है, जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई की जाएगी।

सड़क हादसे में मोमोज बेचने वाला युवक गंभीर केस दर्ज

खजनी गोरखपुर।कस्बे के निकट रूद्रपुर गांव के निवासी संतोष उर्फ चौथी गुप्ता ठेला लगा कर मोमोज बेच कर परिवार की जीविका चलाते हैं।

बीते दिनों कस्बे में लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए भरोहियां गांव के संदीप तिवारी ने घर लौट रहे संतोष के ठेले में ठोकर मार दी। स्थानीय लोगों ने चालक और गाड़ी को पकड़ लिया, सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। वहीं हादसे में गंभीर रूप से घायल संतोष गुप्ता को गोरखपुर जिला अस्पताल से बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।

संतोष गुप्ता के पुत्र करन की तहरीर पर खजनी पुलिस ने वाहन संख्या यूपी 57 आर 3461 को कब्जे में ले लिया और मुकदमा अपराध संख्या 133/2024 की धारा 279/337/338/427 के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा केंद्रीय कार्यालय का जल्द शुभारंभ करेंगे सीएम योगी, जाने क्या है खास

गोरखपुर। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। ऐसे में जहां गोरखपुर सदर लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी ने सांसद रवि किशन शुक्ला को पुनः एक बार फिर प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। वहीं रवि किशन शुक्ला भी पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल के बल पर लोगों के बीच जाकर उनसे समर्थन और वोट मांग रहे हैं.

ऐसे में लोगों से सहजता से मिलने और उनकी समस्याओं को सुनने और उसे पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए भाजपा प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला ने तारामंडल स्थित सिद्धार्थ पुरम कॉलोनी में भाजपा का केंद्रीय कार्यालय बनवाया है। सदर सांसद पीआरओ पवन दुबे की माने तो इसका बहुत जल्द ही उद्घाटन सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कर कमलो द्वारा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस केंद्रीय कार्यालय में मीडिया कक्ष, पत्रकार वार्ता सेंटर, सोशल मीडिया सेंटर, मीटिंग हॉल के साथ ही लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए सदर सांसद में एक बड़ा स्थान चुना है। वही पार्किंग को लेकर भी यहां सैकड़ो गाड़िया एक साथ पार्क की जा सकती है। साथ ही यहां आने वाले लोगों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है। जिससे किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो और यहां आने वाले सभी जाति धर्मों के लोगो खुश हो कर जाए।

‘हां, हम गोरखपुर में टीबी का करेंगे अंत : टीबी उन्मूलन के संकल्प के साथ मनाया गया विश्व क्षय रोग दिवस

गोरखपुर, विश्व क्षय रोग दिवस पर जिला क्षय रोग केंद्र गोरखपुर में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इसमें मौजूद लोगों ने गोरखपुर को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी के दौरान टीबी बीमारी, इसके उपचार और बचाव के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी । कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गोरखपुर चैप्टर की अध्यक्ष डॉ स्मिता जायसवाल, प्रसिद्ध चेस्ट फिजिशियन डॉ नदीम अर्शद और ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर रामवृक्ष यादव ने भी बीमारी के बारे में अपने विचार व्यक्त किये । सभी लोगों ने टीबी उन्मूलन में सामुदायिक सहभागिता का संकल्प दुहराया और एक स्वर में कहा कि-‘‘हां, हम गोरखपुर में टीबी का करेंगे अंत’’।

होली के कारण इस वर्ष विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च को न मना कर 28 मार्च को मनाया गया । इसका थीम है-‘‘हां, हम टीबी का अंत कर सकते हैं ।’’ इस मौके पर टीबी बीमारी का पता लगाने वाले वैज्ञानिक राबर्ट कॉक के चित्र पर पुष्पांजलि कर उन्हें याद किया गया । अतिथियों ने जिले में सक्रिय कार्य कर रहे टीबी चैम्पियन को पुष्प देकर सम्मानित किया । टीबी उन्मूलन में सक्रिय योगदान दे रहे सरकारी और गैर सरकारी कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। टीबी चैम्पियन ने वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था की तरफ से टीबी जनजागरूकता संबंधी ग्लास वर्ड अतिथियों को भेंट किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि टीबी एक ऐसी बीमारी है जो हमारी दशा, दिशा और दर्शन को बदल देती है। इसकी समय से पहचान कर उचित मात्रा में और उचित समय तक दवा ली जाए तो यह पूरी तरह से ठीक हो जाती है। जिले में इस समय 8257 ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है । इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक 3097 नये टीबी मरीज खोजे गये हैं । हमारा प्रयास होना चाहिए कि अधिक से अधिक नये टीबी मरीज खोज कर उनका समय से उपचार किया जाए । समय से उपचार न मिलने पर टीबी ड्रग रेसिस्टेंट हो जाती है और इसका इलाज जटिल होता है । जिले में इस समय 322 ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि और आईएमए अध्यक्ष डॉ स्मिता जायसवाल ने कहा कि निजी क्षेत्र टीबी उन्मूलन में कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रहा है । संगठन का प्रयास होगा कि अधिक से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें मानसिक संबल और पोषण संबंधी सहयोग प्रदान किया जाए। वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ नदीम अर्शद ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती टीबी मरीज द्वारा इलाज पूरा हुए बिना बीच में दवा बंद कर देना है । ऐसा करने वाले मरीज, डीआर टीबी से ग्रसित हो जाते हैं और उन्हें इलाज के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर रामवृक्ष यादव ने टीबी संबंधी खुद के अनुभवों को साझा किया और बताया कि वर्ष 2010 में टीबी का इलाज करवाने के बाद वह स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।

जिला क्षय अधिकारी डॉ गणेश यादव ने टीबी बीमारी के लक्षणों के बारे में चर्चा किया और कहा कि लक्षण दिखते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करानी चाहिए । इलाज शुरू होने के तीन सप्ताह बाद टीबी संक्रामक नहीं रह जाती है। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीज को इलाज चलने तक पांच सौ रुपये प्रति माह की दर से पोषण के लिए धनराशि भी दी जाती है । जरूरतमंद टीबी मरीजों को सामाजिक संस्थाए और अन्य लोग गोद लेकर सहयोग व मानसिक संबल दे रहे हैं। इस समय 3060 क्षय रोगियों को गोद लेकर 1160 निक्षय मित्र उनके साथ खड़े हैं।

इस मौके पर सेवानिवृत्त प्रधानचार्य व कवि सुभाष यादव और सरिता सिंह ने अपनी रचना के जरिये टीबी उन्मूलन का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन उप जिला क्षय अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव और आभार ज्ञापन पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा ने किया ।

इस मौके पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील सिंह, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक मिर्जा आफताब बेग, इंद्रनील, डीएलसी डॉ भोला गुप्ता, शक्ति पांडेय, रामाज्ञा और अभयनंद सिंह समेत सभी ब्लॉक से आए स्वास्थ्यकर्मी और टीबी चैम्पियन मौजूद रहे ।

यह लक्षण दिखे तो कराएं जांच

डीटीओ डॉ यादव ने कहा कि अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, रात में पसीने के साथ बुखार, भूख न लगना, तेजी से वजन घटना, सांस फूलना, सीने में दर्द और बलगम में खून आने जैसा लक्षण दिखे तो यह टीबी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में तत्काल जांच करानी चाहिए। जांच की सुविधा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मौजूद है।

68 साल की उम्र में अभिनेता अक्षय कुमार के ट्रेनर से हासिल किया ब्लैक बेल्ट, जाने संघर्षों व आत्मबल की अनोखी दास्ता

गोरखपुर। जिस उम्र में लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं, बीमारियों से घिर जाते हैं। उस उम्र में शहर की एक बुजुर्ग ग्रहणी ने और लोगों के लिए नजीर पेश किया है, उनकी इस काबिलियत और जज्बे को सभी उम्र के लोग सलाम कर रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं महानगर के राजेंद्र नगर पश्चिम की रहने वाली 68 वर्षीय जागृति वर्मा की, जिन्होंने इस उम्र के पड़ाव में मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट हासिल कर यह साबित कर दिया है कि जनून वालों के लिए उम्र बस एक नंबर है। इस आयु में ब्लैक बेल्ट का तमका हासिल करने वाली वह पूर्वांचल की पहली महिला है।

गीत, संगीत की शौकीन जागृति वर्मा ने घुटनों का दर्द दूर करने के लिए योग की शरण ली, योग सिखने के लिए उन्होंने 62 वर्ष की उम्र में योद्धा ट्रेनिंग सेंटर ज्वाइन किया। वहां मार्शल आर्ट सिखाया जा रहा था, केंद्र पर बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग करते देखा तो उनके मन में भी इसे सीखने की इच्छा जागृत हुई और उन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया। बच्चे, युवा और बुजुर्ग के हाथ, पैर, दिमाग व आंख के संतुलन में अंतर होता है। स्फूर्ति व चपलता भी जरूरी होती है। इस वजह से पहले साल थोड़ी झिझक हुई लेकिन लगातार अभ्यास से मुश्किलें आसान होती गई। ब्राउन बेल्ट के लिए जागृति वर्मा दिल्ली गई, वहां परीक्षा हुई और वह ब्राउन बेल्ट से सम्मानित हुई।

उनकी जिज्ञासा यही खत्म नही हुई और उनके मनोबल को उनके पति एमजीपीजी के भौतिक विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ सुबोध चन्द्र वर्मा ने भरपूर प्रोत्साहित किया। उनके व योद्धा मार्शल आर्ट्स क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम किशुन व महिला विंग की प्रमुख अनुप्रिया आनंद ने कड़ा प्रशिक्षण व परिश्रम कराया और फिर ब्लैक बेल्ट के लिए प्रदेश भर के परीक्षार्थी बनारस के सारनाथ पहुंचे। वहां फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के साथ मार्शल आर्ट सीखने वाले मेहुल बोहरा मुख्य ट्रेनर व अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने परीक्षा ली जिसमें जागृति वर्मा पास हुई और उन्हें मेहुल बोहरा ने ब्लैक बेल्ट से सम्मानित किया।

68 वर्षीय ब्लैक बेल्ट जागृति वर्मा ने बताया कि यह भारतीय शौर्य कला यानी इंडियन मार्शल आर्ट का कमाल है इसके कारण वह उम्र के चौथे पायदान पर पहुंचने के बाद भी मार्शल आर्ट सिख सखी और ब्लैक बेल्ट हासिल कर पाई। इंडियन मार्शल आर्ट काफी सॉफ्ट आर्ट है, इसे 7 साल से लेकर 70 साल तक की उम्र का कोई भी बेहद आसानी से सीख सकता है। भारतीय शौर्य कल हिंसा की बजाय संतुलन सिखाती है, इसमें संपूर्ण योग समाहित है। यही कारण है कि प्राचीन युग में इस सांसारिक लोगों के साथ-साथ बैरागियों ने भी अपनाया था। यह शरीर की आंतरिक और वाहय शक्तियों के जागरण की विधा है, यह कला मानव शौर्य जाग्रत करती है। इस कला के माध्यम से शरीर शक्ति, आत्म शक्ति और मन कि शक्ति को जगा कर प्रचंड शरीर बाल आत्म बल और मनोबल हासिल किया जा सकता है। यह कला मानव को महामानव बनने की विधा है, संसार की उत्पत्ति के साथ ही इस कला की भी उत्पत्ति हुई थी।

मान्यता है कि यह कला भगवान शिव की 16 कलाओं में से एक है। प्राचीन काल में इसे देवी, देवताओं, राजाओं, राजकुमारों और बैरागियों ने अपनाया था। प्राचीन धर्म ग्रंथो में इसका उल्लेखनीय निःयुद्ध के रूप में मिलता है। लड़कियों और महिलाओं के लिए तो यह क्षेत्र अत्यंत विशिष्ट है। नारी सुरक्षा और महिला हिंसा की आज के इस दौर में भारतीय सौर्य कल लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षा को और सुरक्षित रखने के साथ ही स्वयं सक्षम भी बन सकता है। हर लड़की महिला को इंडियन मार्शल आर्ट अवश्य सीखना चाहिए नारी समाज को यही मेरा संदेश है।

अल्लाह का फरमान पूरा करने पर मिलेगा ईद का ईनाम

गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान के दूसरे अशरे में रोजेदार सुबह से ही इबादत व क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत शुरु कर रहे हैं, जिसका सिलसिला देर रात तक जारी रह रहा है।

फ़र्ज़, वाजिब व सुन्नत नमाज़ों के अलावा तहज्जुद, इशराक, चाश्त, अव्वाबीन, सलातुल तस्बीह आदि नफ्ल नमाज़ें भी खूब पढ़ी जा रही हैं। सभी के सिरों पर टोपी व हाथों में तस्बीह नज़र आ रही है। मिस्वाक, खजूर व इत्र का खूब इस्तेमाल हो रहा है। रोजेदार दिन में रोज़ा रखकर व रात में तरावीह की नमाज़ पढ़कर अल्लाह का फरमान पूरा कर रहे हैं। अल्लाह का फरमान पूरा करने के बदले में रोजेदारों को ईद का ईनाम मिलेगा। बुधवार को 16वां रोज़ा अल्लाह की हम्दो सना में बीता। करीब 13 घंटा 43 मिनट का लंबा रोज़ा रोजेदारों के सब्र का इम्तिहान ले रहा है।

वहीं गौसे आजम फाउंडेशन के समीर अली, मो. अमन, मो. फ़ैज़, मो. जैद, अली गज़नफर शाह, जैद चिंटू, रियाज़ अहमद, अमान अहमद, मो. वसीम, मो. शारिक, सैफ हाशमी, अहसन खान जरूरतमंद परिवारों में रमज़ान राशन किट बांट कर नेकी कमा रहे हैं।बाजार में रौनक बढ़ गई है। ईद की खरीदारी शुरू हो चुकी है। सेवईयों की बिक्री भी जोर पकड़ चुकी है।

रोज़ा रखने से गुनाह माफ़ होते हैं : मुफ्ती अख्तर

मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि भूखे-प्यासे रहकर इबादत में खो जाने वाले रोजेदार बंदे खुद को अल्लाह के नजदीक पाते हैं और आम दिनों के मुकाबले रमज़ान में इस क़ुर्बत (करीबी) के एहसास की शिद्दत बिल्कुल अलग होती है, जो आमतौर पर बाकी के महीनों में नहीं होती है। रमज़ान की फज़ीलतों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है, मगर उसका बुनियादी सबक यह है कि हम सभी उस दर्द को समझें जिससे दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना दो-चार होता है। जब हमें खुद भूख लगती है तभी हमें गरीबों की भूख का एहसास हो सकता है। रमज़ान के महीने में ही कुरआन-ए-पाक दुनिया में उतरा था, लिहाजा इस महीने में तरावीह के रूप में कुरआन-ए-पाक सुनना बेहद सवाब का काम है। रमज़ान का महीना हममें इतना तक़वा (परहेजगारी) पैदा कर सकता है कि सिर्फ रमज़ान ही में नहीं बल्कि उसके बाद भी ग्यारह महीनों की ज़िन्दगी भी सही राह पर चल सके। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का मशहूर फरमान है कि जिसने ईमान के साथ सवाब की नियत से यानी खालिस अल्लाह की खुशनूदी हासिल करने के लिए रोज़ा रखा उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ फरमा दिए जाते हैं।

इबादत करने से गुनाह माफ होते हैं : मौलाना जहांगीर

सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने बताया कि जिसने ईमान के साथ सवाब की नियत से यानी रिया, शोहरत और दिखावे के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की खुशनूदी के लिए रात में इबादत के लिए खड़ा हुआ यानी नमाज़े तरावीह और तहज्जुद पढ़ी तो उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं। एक और हदीस में है कि जो शख़्स शबे कद्र (21, 23, 25, 27, 29 रमज़ान की रात) में ईमान के साथ और सवाब की नियत से इबादत के लिए खड़ा हुआ यानी नमाज़े तरावीह और तहज्जुद पढ़ी, क़ुरआन की तिलावत की और अल्लाह का ज़िक्र किया तो उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं।

पूरे मोहल्ले से कोई भी एतिकाफ़ में नहीं बैठा तो सब गुनाहगार : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर बुधवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : अगर पूरे मोहल्ले से कोई भी एतिकाफ़ में नहीं बैठा तो क्या सब गुनहगार होंगे? (अकमल, तकिया कवलदह)

जवाब : हां। एतिकाफ़ करना सुन्नत अलल किफाया है अगर पूरे मोहल्ले से कोई भी एतिकाफ़ में नहीं बैठा तो सब गुनहगार होंगे। (मुफ्ती अख्तर हुसैन)

2. सवाल : क्या दौराने एतिकाफ़ मोबाइल का इस्तेमाल किया जा सकता है? (सैफ, तुर्कमानपुर)

जवाब : हां, ज़रूरत की बिना पर इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन मस्जिद के आदाब और दूसरे नमाज़ियों के हुक़ूक़ का ख़्याल रखते हुए। (मौलाना मोहम्मद अहमद)

3. सवाल : बगैर वुज़ू के अज़ान देना कैसा? (आसिफ, जमुनहिया बाग)

जवाब : ऐसा करना मकरूह है लेकिन अज़ान अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज)

4. सवाल : क्या सगी खाला (मां की बहन) को ज़कात दे सकते हैं? (अब्दुल, अलीनगर)

जवाब : अगर खाला जकात की मुस्तहिक है तो उन्हें ज़कात दे सकते हैं। (मुफ्ती अजहर)

*स्ट्रीट बज पर खबर प्रसारित हुई तो गांव में जांच के लिए पहुंचे उप जिलाधिकारी*

खजनी गोरखपुर।बीते दिनों स्ट्रीट बज ने कलवारी गांव में 50 घरों के लोगों के आवागमन के लिए संपर्क मार्ग नहीं बन पाने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस बीच चुनाव आचार संहिता लगते ही अधिकारियों की व्यस्तताएं बढ़ गई साथ ही तत्कालीन एसडीएम खजनी राजू कुमार का स्थानांतरण हो गया और उनके स्थान पर शिवम सिंह ने उप जिलाधिकारी का पदभार संभाला। किंतु खबर को गंभीरता से लेते हुए आज अपने व्यस्ततम् शेड्यूल में समय निकाल कर जांच में पहुंचे उप जिलाधिकारी शिवम सिंह ने गांव में संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए सभी संभवनाओं पर गहन विचार विमर्श किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों को संपर्क मार्ग का शीघ्र निर्माण कराने का आदेश देते हुए सभी बिन्दुओं पर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने फसल कटने के बाद संपर्क मार्ग का निर्माण कराने की जानकारी दी।

इस दौरान मौके पर लेखपाल विनोद श्रीवास्तव ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम स्वरूप निषाद, अवनीश कुमार शर्मा,महेंद्र यादव, विनय शर्मा आदि दर्जनों ग्रामवासी मौजूद रहे।

दरअसल गांव के लोगों के द्वारा चुभते अंदाज में कहा गया था कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान राम का मंदिर तो बन गया लेकिन हमारे गांव का रास्ता आजादी के 76 वर्ष बीतने के बाद भी नहीं बन पाया है। इस जन समस्या को स्ट्रीट बज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

ग्रामवासियों ने स्ट्रीट बज न्यूज और एसडीएम के प्रति विनम्रता पूर्वक आभार जताया।

गोरखपुर में सुपर स्टार रवि किशन की फिल्म “महादेव का गोरखपुर” हुआ भव्य प्रीमियर

गोरखपुर सांसद व अभिनेता रवि किशन अभिनीत फिल्म “महादेव का गोरखपुर” भव्य प्रीमियर आज सिटी मॉल, मोहद्दीपुर, गोरखपुर में संपन्न हुआ, जहां रवि किशन खुद मौजूद रहे और उन्होंने फिल्म के बाद लोगों से संवाद भी किया और कहा कि यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा इतिहास की सबसे अद्भुत फिल्म है। इस फिल्म को बेहद बारीकी से तराशा गया है, जो दर्शकों को मनोरंजन के उच्च मानदंडों से रूबरू कराएगा। मौके पर रवि किशन के साथ अभिनेत्री मानसी सहगल, इंदु तम्बी,अभिनेता केयान,सिनेपोलिस के सीईओ मयंक श्राफ ,टाइम्स म्यूजिक गौरी यडवालकर उपस्थित थे।

इससे पहले रवि किशन ने गोरखपुर के होटल क्लार्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह फिल्म अदभुत बनी हैं। इस फिल्म को हर देशवासियों को देखना चाहिए। ऐसी फिल्में रोज नहीं बनती। यह सिर्फ फिल्म नहीं, कला की एक अनोखी कृति है, जो भारतीय सिनेमा उद्योग को ख्याति को बढ़ाएगा। साथ ही यह भोजपुरी को नई पहचान दिलाएगा। यह पहली फिल्म होगी, जो अमेरिका में भी रिलीज हो रही है। साथ ही देश के बड़े मल्टीप्लेक्स में एक साथ रिलीज होगी। यह सभी कलाकारों के लिए भी उत्साहजनक है। हम दर्शकों से अपील करेंगे कि बाबू इस फिल्म को आप सभी लोग मिलकर 29 मार्च से जरूर देखें।

फिल्म के निर्माता प्रीतेश शाह और सलिल शंकरन ने बताया कि रवि किशन स्टारर फिल्म “महादेव का गोरखपुर” 29 मार्च को रिलीज होने वाली है। यह देश की सभी भाषाओं का सबसे बड़ी थियेटर रिलीज होने वाली फिल्म है। यह भोजपुरी की पहली फिल्म होगी जो पैन इंडिया लगभग 150 से अधिक सिनेमाघरों में रिलीज होगी और इसे सिने पोलिस देशभर में रिलीज कर रही है। उन्होंने बताया कि फिल्म “महादेव का गोरखपुर” अमेरिका के 12 सिनेमाघरों में भी रिलीज होगी। फिल्म यूपी, बिहार, असम और बंगाल की, तो उत्तर प्रदेश में 52, बिहार में 72 और बंगाल व असम में 23 सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।

वहीं फिल्म के निर्देशक राजेश मोहन ने बताया कि फिल्म “महादेव का गोरखपुर” को हमने बिग स्केल पर बनाया है। यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा जगत की अबतक की सबसे अद्भुत फिल्म है, जैसा कि रवि किशन ने बताया। इसके अलावा फिल्म में दर्शकों को बहुत नयापन देखने को मिलेगा। उम्मीद है यह फिल्म देश भर में लोगों को पसंद आएगी।

आपको बता दें कि फिल्म “महादेव का गोरखपुर” के सह-निर्माता अरविंद सिंह और अमरजीत दहिया हैं। कार्यकारी निर्माता शंकर नारायणन हैं। इस फिल्म का ट्रेलर 3 मिनट और 9 सेकेण्ड का है, जिसने फिल्म के लिए माहौल बना दिया है। फिल्म "महादेव का गोरखपुर" के प्रस्तुतकर्ता सी सी शाह एंड संस हैं। फिल्म का म्यूजिक राईट जंगली म्यूजिक के पास है। कहानी साई नारायण ने लिखी है। पी आर ओ पवन दुबे व रंजन सिन्हा हैं। डीओपी अरविंद सिंह हैं। म्यूजिक अगम अग्रवाल और रंजिन राज का है। एक्शन फैंटम प्रदीप का है। कोरियोग्राफी संतोष ने की है। लाइन प्रोड्यूसर अखिलेश राय हैं।