वसंत पंचमी स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज। आज वसंत पंचमी के पावन अवसर व माघ मेला के चतुर्थ स्नान पर्व पर सायं 6:00 बजे तक लगभग 42 लाख 90 हजार स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम तट तथा गंगा जी के तट पर बनाये गये विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगायी एवं पुण्य लाभ अर्जित किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके दृष्टिगत सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी।

माघ मेला क्षेत्र में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु सफाई कर्मियों की पर्याप्त संख्या में ड्यूटी लगायी गयी है। माघ मेला क्षेत्र में अपने स्वजनों से बिछड़ने वाले लोगो के लिए खोया-पाया केन्द्र से लगातार एनाउंस कर उनके स्वजनों से उन्हें मिलाया गया। श्रद्धालुओं को मेले में भटकना न पड़े, इसके लिए संगम जाने का मार्ग वापस लौटने का मार्ग व अन्य मार्गों को प्रदर्शित करते हुए साइन बोर्ड रास्तों पर लगाये गये है। माघ मेला क्षेत्र में सुरक्षा की व्यवस्था चाक-चैबंद रही।

एडीजी जोन भानु भाष्कर, मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक प्रेम कुमार गौतम, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनन्द, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक माघ मेला डॉ0 राजीव नारायण मिश्र, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानन्द प्रसाद, अपर जिलाधिकारी मेला विवेक चतुवेर्दी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी निरंतर भ्रमणशील रहकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। वसंत पंचमी के अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। वसंत पंचमी का स्नान पर्व सकुशल एवं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हुआ।

बसंत पंचमी स्नान पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबन्द , स्नान शुरू

प्रयागराज । पावन संगम तट पर माघ मेला में आगामी मुख्य स्नान पर्व बसन्त पंचमी के दृष्टिगत समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक/प्रभारी माघ मेला डॉ0 राजीव नारायण मिश्र IPS द्वारा सम्पूर्ण माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण/निरीक्षण किया गया। इसी के साथ बुधवार की सुबह से कड़ी ठंड के बावजूद संगम तट पर स्नान ध्यान शुरू हो गया है।

इस अवसर पर द्वारा सभी स्नान घाटों, पार्किंग स्थलों, पाण्टून पुलों, मेला के समस्त प्रवेश द्वारों/निकास द्वारों तथा महत्वपूर्ण मार्गों का स्थलीय निरीक्षण करते हुये समस्त तैयारियों को अन्तिम रूप दिया गया और सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि मेला क्षेत्र के दुकानदारों को निर्धारित स्थानो पर ही दुकान लगाने हेतु निर्देशित करें जिससे श्रध्दालुओं के आवागमन मे कोई कठिनाई न हो साथ ही अधिक भीड़-भाड़ वाले घाटों के समीप ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मी अधिक सक्रियता से ड्यूटी संपादित करें, प्रभारी माघ मेला द्वारा मेला क्षेत्र में प्रतिबन्धित स्नान घाटों के पास बैरिकेडिंग करायी गई ।

ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया कि प्रतिबन्धित स्नान घाटों पर स्नानार्थियों को कदापि न जाने दिया जाये एवं ‘पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम’ के माध्यम से भी निरन्तर ‘अनाउन्स’ करते हुये अनुपालन कराया जाय। इस दौरान पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा समस्त थाना प्रभारियों/इकाई प्रभारियों को मुख्य स्नान पर्व बसन्त पंचमी को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश देते हुये समय से ड्यूटी संपादित करने के लिए बताया गया एवं ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को ‘ब्रीफ’ किया गया।

हिन्दू धर्म में बसन्त पंचमी का विशेष महत्व, स्नान करने उमड़ी भीड़

प्रयागराज। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। आज के दिन गंगा स्नान के उपरान्त मां सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जिसका पुण्य लाभ लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ मेला क्षेत्र में उमड़ी रही।

माघ मेला स्थित शिविर में काशी सुमेरूपीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि वाग्देवी मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान के महापर्व को बसंत पंचमी के रूप में जाना जाता है। आज के दिन लोग गंगा स्नान के उपरान्त सरस्वती की भी आराधना करते हैं। शिक्षा प्रारम्भ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। आज के दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है।

वहीं, दण्डी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने बताया कि भारत में बसंत पंचमी के त्योहार को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन से ऋतु परिवर्तन की शुरूआत भी होती है और नये कार्यक्रमों का शुभारम्भ होता है। बसंत पंचमी होली के तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित रहता है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों में भी देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

उन्होंने बताया कि साल की छह ऋतुओं में बसंत के आगमन पर माघ शुक्ल पक्ष पंचमी पर्व पर भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा भी की जाती है। विद्या, बुद्धिदाता, सरस्वती, वाघेश्वरी देवी, वीणा वादिनी, वाग्देवी आदि नामों से पूजा जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण संगीत की देवी के जन्मोत्सव को भी बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शिक्षाविद, विद्यार्थी ज्ञानवान होने की प्रार्थना इसी दिन करते हैं।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने की परम्परा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि यानी बसंत पंचमी 13 फरवरी को दोपहर 2.41 से 14 फरवरी को दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के चलते बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से दोपहर 12.41 बजे तक रहेगा।

अमवा महुइया के झूमे डलिया, करवट फेर ना बलमुआ हमार ओरिया गीतों पर जमकर थिरके श्रोता

प्रयागराज। एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत एनसीजेडसीसी, संस्कृति मंत्रालय भारत, सरकार द्वारा माघ मेला में आयोजित 10 दिवसीय चलो मन गंगा यमुना तीर सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन दिवस की पूर्व संध्या पर झारखंड से पधारी सुप्रसिद्ध भोजपुरी गायिका चन्दन तिवरी ने अपने सुरों का जलवा बिखेरा। उन्होंने अपने गायकी के अंदाज में भजनों की सुर सरिता प्रवाहित कर त्रिवेणी तट के इस उत्सव को यागदार बना दिया।

"हे गंगा मइया गजब रउरी माया से" ,"राजा दशरथजी के घरवा, आज अइले ललनवां... "अइली प्रयागराज के मेला, हम खरीदे लगनी केला, "अमवा महुइया के झूमे डलिया, करवट फेर ना बलमुआ हमार ओरिया" आदि भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को बसंत ऋतु का एहसास कराया। श्रोता तालियों से उनका उत्साहवर्धन करते रहे। मंगलवार को एक के बाद एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पूरा पंडाल देर रात तक मगन होकर झूमता रहा। रामबाबू यादव एवं केदारनाथ व दल ने जोगवा रमाये जोगी बारी बा उमरिया एवं जन्मभूमि है हमारी हमरे जियरा से प्यारी की प्रस्तुति दी। इसके बाद अनूप बनर्जी ने "पायोजि मैंने राम रत्न धन पायो, "सजादो घर मेरे घर राम आये है" तथा "हरे रामा हरे कृष्णा" को पेश कर खूब तालियां बटोरी।

लोकनृत्यों ने बाधां समा- विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को रोमांचित किया। उन्होंने लोकनृत्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत बनाया। उनकी गतिविधियों ने दर्शकों को अपनी माटी के साथ जोड़ने का अद्भुत अनुभव हुआ। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया।

सनातन धर्म का संरक्षण दण्डी संन्यासियों का है दायित्व

प्रयागराज। टीकरमाफी के महन्त दण्डी स्वामी श्री 108 स्वामी कृष्णानंद सरस्वती जी महाराज एवं तपस्वी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी मौनी महाराज जी के द्वारा लक्ष दीप दान एवं मां गंगा की महाआरती का आयोजन के साथ समस्त दण्डी समाज के मंहत एवं दण्डी स्वामियों का सम्मान समारोह गंगा तट पाण्टून पुल पांच के पास किया गया।

मुख्य अतिथि के रुप में, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के राष्ट्रीय संरक्षक सनातन ज्ञान पीठाधीश्वर श्री मद् जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम जी महाराज थे। कार्यक्रम के व्यवस्थापक एवं संचालक अभय चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज को आशिर्वाद देते हुए कहा कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार एवं वैदिक कर्मों का संरक्षण एवं प्रचार प्रसार शंकराचार्य मत एवं दण्डी संन्यासियों का दायित्व रहा है। उसी परम्परा का निर्वाह करते हुए आज मां गंगा के पावन तट पर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी ने किया गया प्रयास अति प्रशंसनीय है।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम महराज ने कहा कि हमारा आशिर्वाद है सदा सनातन धर्म के प्रचार प्रसार का संवाहक बनें रहें। इस कार्यक्रम में प्रधान रुप से उपस्थित। अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, मठ मछली बन्दर मठ के महन्त दण्डी स्वामी विमलदेव आश्रम जी महाराज, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के अध्यक्ष दण्डी स्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद् के महामंत्री दण्डी स्वामी शंकरआश्रम जी महाराज सहित बड़ी संख्या में दण्डी संन्यासी, संत समाज एवं भक्त समाज उपस्थित रहें।

बसंत पंचमी से शुरू होकर गंगा दशहरा तक चलेगी धुना तपस्या

प्रयागराज। तपस्वी संतों की धुना तपस्या बसंत पंचमी बुधवार से शुरू होने जा रही है। यह तपस्या गंगा दशहरा तक चलेगी। माघ मेला में आये 500 तपस्वी संत धुना तपस्या शुरू करेंगे जबकि तपस्वी संतों की संख्या देश में 10 हजार से अधिक है। धुना तपस्या करने वालों में आठ वर्ष के बाल संत से लेकर सभी उम्र के संत, महात्मा धुना तपस्या करते हैं। माघ मेला में महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास महराज, महामंडलेश्वर स्वामी रामदास टाटाम्बरी महराज, स्वामी ध्रुवदास महराज, बीकानेर के राष्ट्रीय संत महामण्डलेश्वर स्वामी सरयू दास महाराज, स्वामी गोपाल महराज, स्वामी तुलसीदास महाराज, स्वामी भगवत दास महराज सहित करीब 500 संत, महात्मा बसंत पंचमी बुधवार से धुना तपस्या शुरू करेंगे।

तपस्वी नगर के स्वामी गोपाल महाराज ने बताया कि धुना तपस्या बसंत पंचमी से शुरू होकर गंगा दशहरा तक चलेगी। उन्होंने बताया कि। गर्मी के दौरान अप्रैल से जून तक तपस्या सबसे कठीन होती है क्योंकि उस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है। यह तपस्या सुबह से शुरू होकर शाम तक यानी कि दिन में कम से कम आठ घण्टे होती है। स्वामी गोपाल महराज ने बताया कि अगर किसी की तबियत खराब है या कोई दिक्कत है तो वह अपनी सुविधानुसार तपस्या कर सकता है लेकिन धुना तपस्या सभी को करनी होती है।

महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास महराज ने बताया कि यह प्राचीन तपस्या की परंपरा है जिसे हमारे रिषी - मुनि करते थे उसी परंपरा का निर्वहन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी उम्र लगभग 70 वर्ष है लेकिन अभी भी धुना तपस्या करता हूं। स्वामी ध्रुवदास महराज ने बताया कि यह तपस्या हम लोग बचपन से करते आ रहे है। इससे जहां ऊर्जा मिलती है वहीं ईश्वर का भी ध्यान और पूजन होता है। बीकानेर के राष्ट्रीय संत महामण्डलेश्वर स्वामी सरयूदास महराज ने कहा कि धुना तपस्या हम सभी संत उत्साह से करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन धुना तपस्या करते हैं।

पिकप और टेंपो की जोरदार टक्कर होने से से एक की मौत ,तीन घायल        
           

विश्वनाथ प्रताप सिंह,कोराव, प्रयागराज । कोरांव थाना क्षेत्र के  दोहथा मोड पर  मिर्जापुर  की तरफ से आ रही टेंपो में तेज रफ्तार  पिकअप ने जोरदार भिड़ंत हो गई। जिससे पिकप पर सवार चार लोगो मे से एक की मौत व तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए ।

मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि कोराव थाना क्षेत्र के  मांडा और कोरांव थाना क्षेत्र का बार्डर है मांडा बार्डर रोड पर ही मिर्जापुर की तरफ से आ रही टेंपो और पिकप से जोरदार भिडंत हो गई जिससे पिकप पर सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसका नाम सिपाही सिंह पुत्र रामनाथ सिंह उम्र 48 वर्ष निवासी छापर उच्च गांव का रहने वाला है मृतक के तीन लड़के है जिसमे दूसरे नंबर का लड़का घायल है ।

एम्बुलेंस से घायलों को सीएचसी कोरांव  ले  जाया गया जहां पर कोरांव और मांडा थाने की पुलिस मौजूद रही और घायलों का इलाज चल रहा है  और मृतक को     पीएम के लिए भेज दिया गया है।
दुराचार के वांछित अभियुक्त को बड़ोखर पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

कोराव, प्रयागराज। थाना कोरांव में पंजीकृत मु0अ0सं0 447/2023 धारा 376 (एबी) भा0द0वि0 व 5M/6 पॉक्सो एक्ट का वांछित अभियुक्त मनीष सिंह उर्फ माला सिंह पुत्र अखण्ड प्रताप सिंह निवासी ग्राम बडोखर थाना कोरांव प्रयागराज को सोमवार को थाना प्रभारी कोरांव के द्वारा बड़ोखर चौकी पुलिस द्वारा ग्राम बड़ोखर थाना क्षेत्र कोरांव से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया ।

महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत कराए जा रहे विभिन्न कार्यों का मण्डलायुक्त ने किया निरीक्षण

प्रयागराज ।महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत कराए जा रहे विभिन्न कार्यों का निरीक्षण आज मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत ने सभी संबंधित अधिकारियों के साथ किया।

सर्वप्रथम रामबाग में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा 132 केवीए सिंगल सर्किट के अंडरग्राउंड केबलिंग के कार्यों का निरीक्षण करते हुए केबिल बिछाने के दृष्टिगत की गई खुदाई को शीघ्र भरने के निर्देश दिए। साथ ही संबंधित अधिकारियों को काम शुरू होने के एक सप्ताह के भीतर सड़क रेस्टोरेशन का कार्य भी पूर्ण कराने को कहा।

आठवें दिन थर्ड पार्टी के संबंधित एक्सपर्ट इसका सत्यापन करेंगे और यदि कार्य प्रारंभ होने के 8 दिन के पश्चात भी रोड खुदी हुई पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान पोल पर कई जगह तार भी लटके एवं खुले हुए पाए गए जिस पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें शीघ्र ठीक कराने के निर्देश दिए हैं।

इसी क्रम में मण्डलायुक्त ने लेप्रोसी चौराहे से नैनी रेलवे स्टेशन तक प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे पोल शिफ्टिंग एवं नालों के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया तथा कई जगह निर्माणाधीन नालों की गुणवत्ता में कमी पाई।

आर सी सी की स्ट्रेंथ हेतु जिस अनुपात में मिक्सचर डाला जाना चाहिए था वह उस अनुपात में नहीं मिलाया गया था तथा नालों का एलाइनमेंट भी कई स्थानों पर सही नहीं था।

विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जा रही छिवकी रेलवे स्टेशन के सामने वाली निर्माणाधीन रोड़ का भी निरीक्षण किया गया तथा उसे रेंडम बेसिस पर खुदवा कर उसकी थिकनेस की जांच करायी गयी। थिकनेस मानक के अनुरूप न पाए जाने पर उसका सैम्पल कलेक्ट करते हुए थर्ड पाटी से जांच कराये जाने के निर्देश दिये गये। उक्त के साथ ही पाइप एवं केबिल की सैम्पलिंग भी कराये जाने के निर्देश दिये गये।

तत्पश्चात पावर कॉरपोरेशन द्वारा नैनी में बनाए जा रहे डीजी सेट स्टोर शेड का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान चिनाई एवं कॉलम के कार्यों में कमी पाई गई।

मण्डलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदारों को फटकार लगाते हुए अधोमानक कार्यों को ठीक कराने एवं जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं।

कौशांबी में किसानों और मजदूरों ने किया संघर्ष का आगाज़

प्रयागराज।अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में आज सैकडो की संख्या में किसानों और मजदूरों ने मूरतगंज ब्लॉक कौशांबी के उजिहिनी खालसा गांव में एक विशाल जनसभा कर अपनी समस्याओं पर चर्चा कर संघर्ष के लिए कमर कसी।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा केंद्र व राज्य सरकारें कॉर्पोरेट घरानो की सेवा कर रही हैं और किसानों और मजदूरों के जीविका के साधन छीन रही हैं। किसान और मजदूर कर्ज में फंस रहे हैं भयंकर बेरोजगारी के शिकार हैं और कल्याणकारी योजनाएं अनियमित पर भ्रष्टाचार के शिकार हैं।

एआईकएएमएस प्रांतीय नेता का० सुरेश चंद ने जीवन चलाने की सुविधाओं में जातीय भेदभाव की आलोचना करते हुए मांग की कि 50 फ़ीसदी ऊंची जाति वर्चस्व की व्यवस्था समाप्त किया जाना चाहिए, जाति जनगणना की जानी चाहिए और जाति के हिसाब से आरक्षण दिया जाना चाहिए।

इलाहाबाद महासचिव राजकुमार पथिक ने खेती की महंगी लागत और उपज का लाभदायक रेट ना मिलने की आलोचना करते हुए किसानों की कर्ज मुक्ति की मांग की और कहा कि मजदूरों के समूह में कर्ज ब्याज दर केसीसी की तरह ४ फीसदी आ जाना चाहिए।

इलाहाबाद उपाध्यक्ष सुरेश निषाद ने जमुना नदी के व्यापक क्षेत्र में नाव से बालू खनन काम रोकने और बालू माफिया की लूट बढ़ाने की निंदा की।

उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को सभी बालू मंडियों में काम बंद की हड़ताल रहेगी।

कौशांबी महासचिव फूलचंद निषाद ने हर घर व हर दुकान को 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली मुफ्त देने, बिजली दरें घटाने, कनेक्शन काटना बंद करने, पुराने बिल माफ करने और प्रीपेड मीटर योजना रद्द करने की मांग उठाई और कहा कि घाटा अमीरों से वसूला जाए।

चंद्रावती गांव में रोजगार बढ़ाने, आशा, आंगनबाड़ी, रसोईया, गांव सहायक, शिक्षामित्र को सरकारी वेतन 26,000 देने पर जोर दिया और कहा कि बेरोजगारी बढ़ाना और बहुत कम मजदूरी देकर काम करना भाजपा सरकार की सबसे खराब जन विरोधी नीति रही है।

स्थानीय स्तर पर कुलभास्कर के रद्द पट्टों से दबंगों का अवैध कब्जा हटाने व 149 ग्रामवासियों का 2010 का पट्टा नवीकृत करने; हर गरीबों को खेती व आवास के पट्टे देने, निर्माण आवास योजना देने; उजिहिनी की 40 एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग रद्द करने; बंद राशन पोर्टल खोलने व कटे यूनिट जोड़ने; काजीपुर से उजिहिनी घाट तक सड़क की मरम्मत कराने; सभी वृद्धों व विधवाओं को 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने; मनरेगा मजदूरी 600 रुपये करने; नियमित काम व पेमेंट देने की मांगों पर जोर दिया गया।

अधिवक्ता साहब लाल निषाद, आईएफटईयू नेता संतराम,अमिलिया के रामू निषाद, तिल्हापुर के सरदार, गौसपुर के राम कॉटन व सरोज, घासी पूरवा के मुंशीलाल, तथा उजिहिनी के विजय निषाद आदि शामिल थे। अध्यक्षता बिहारी लाल मास्टर जी ने की।