विधानसभा शैक्षिक भ्रमण पर पहुंची छात्राओं ने संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से की मुलाकात

रायपुर-  विधानसभा, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो नागरिकों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम करती है। यह राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है जो राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेती है। संसदीय कार्य एवं शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को शैक्षणिक भ्रमण पर विधानसभा पहुंची डॉ राधा बाई नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर की छात्राओं से कही।

श्री अग्रवाल ने कहा कि, विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, जहां प्रदेश भर के विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के विकास के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा कार्यवाही का शांतिपूर्ण संचालन बड़ी जिम्मेदारी वाला काम है इसके लिए विनम्र और शिष्टाचार रहना जरूरी है साथ ही हमे ध्यानपूर्वक सुनने और बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी बात और विचार रखने चाहिए। इन आदतों को हमें अपने जीवन में भी इस्तेमाल करना चाहिए।

इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को विधानसभा कार्य प्रणाली को करीब से देखने और समझने का अवसर प्रदान करना था। छात्राओं ने देखा कि विधानसभा अध्यक्ष एक शिक्षक की भूमिका में सदन का संचालन कर रहे हैं। विपक्षी सदस्यों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी बारी-बारी से प्रश्न पुछने के लिए आमंत्रित कर रहे थे। अध्ययन दल ने सदन के आलावा विधानसभा के ग्रंथालय एवं सेंट्रल हॉल दिखाया गया तथा संसदीय व्यवस्था को सचित्र वर्णन किया गया।

छात्राओं ने इस भ्रमण को बहुत ही ज्ञानवर्धक और रोचक बताया।

छात्राओं ने विधायक अनूज शर्मा, ईश्वर साहू, भावना बोहरा, संगीता सिन्हा, चतुरी नंद से भी सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ मनीषा शर्मा, डॉ भूपेंद्र कुमार साहू, गायत्री शर्मा एवं अविनाश शर्मा भी उपस्थित रहे।

क्वांटिफाइबल डाटा आयोग पर तकरार : भाजपा ने राजनीति के लिए आयोग बनाने का लगाया आरोप, कांग्रेस ने किया पलटवार

रायपुर- क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को लेकर आज सदन में भाजपा के विधायक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए. इसके साथ ही आयोग की रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सवाल भी किए. केवल सदन ही नहीं, बल्कि सदन के बाहर भी भाजपा विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर क्वांटिफायबल डाटा आयोग पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

क्वांटिफायबल डाटा आयोजन को लेकर वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि किस डाटा का क्या उपयोग किया, भूपेश बघेल के अलावा कोई नहीं जानता. इसलिए संक्षिप्त प्रश्न किया था. डाटा को सार्वजनिक करने मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है. प्रदेश की जनता को जानने का अधिकार है कि क्वांटिफाइबल डाटा की क्या वस्तु स्थिति है. यह कोई राजनीति का विषय नहीं है. यह भूपेश बघेल का एक डाटा करप्शन है.

वहीं क्वांटिफाइबल डाटा आयोग को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग केवल अपने चुनावी फायदे के लिए बनाया, इसके रिपोर्ट को न तो विधानसभा के पटल पर रखा, न ही सार्वजनिक किया. न जनता और न ही विपक्ष के विधायकों को उपलब्ध कराया. अनुसूचित जाति भी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है.

वरिष्ठ भाजपा विधायक ने कहा कि जानकारी ठीक नहीं है. हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में नहीं दिखा पाएंगे. उन्होंने कोर्ट में भी क्वांटिफाइबल डाटा रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया. सरकार में रहकर फर्जी बात करना भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस सरकार का संग्रह बन गया था. आने वाले समय में डाटा क्या था, कैसे था, क्यों था, किसलिए बनाया गया था, यह जांच उजागर होगी.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने क्वांटिफाइबल डाटा को लेकर कहा कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार क्वांटिफायबल डाटा आयोग बनाया गया था. आज अजय चंद्राकर ने बात रखी और शांतिपूर्वक तरीके से खत्म कर दिया गया. जब इस आयोग का काम आरक्षण को लेकर था, जिसे राज्यपाल ने रोक दिया, जबकि बहुत आवश्यक था. सरकार से आग्रह है कि आरक्षण के काम को जारी रखें. हो सकता है इसमें संशोधन हो, लेकिन जारी रखें.

वहीं कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को लेकर कहा कि भाजपा हमेशा से आरक्षण विरोधी है. यह छत्तीसगढ़ के हित में है, और छत्तीसगढ़ के हित के लिए ही आपको यहां बैठाया गया है. उसे ना कर गोल-गोल जवाब देते हैं . जब हम विधेयक पास किया, तब राज्यपाल ने जैसे ही विधेयक आएगा, दस्तखत करने की बात कही थी, लेकिन जब राज्यपाल के पास विधेयक गया तो महीनों बीत जाने के बाद दस्तखत नहीं हुआ. अगर आरक्षण पास हो गया होता, तो आज अंतिम वर्ग के व्यक्ति है, उन्हें लाभ मिलता. भाजपा गरीब और आरक्षण विरोधी है.

शराब घोटाले पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बड़ा संदेश, कहा- छत्तीसगढ़ के टैक्स पेयर की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने वालों को मिलेगी सजा

रायपुर- आबकारी राजस्व में कमी के मामले को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मामले में बड़े-बड़े लोग जेल में है. छत्तीसगढ़ के टैक्स पेयर की गाढ़ी कमाई पैसे में डाका डालने वालों को सजा मिलेगी. 

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मैंने कहा था कांग्रेस सरकार के काले कारनामे उजागर होंगे. कांग्रेस सरकार में किस प्रकार से छत्तीसगढ़ को लूटा है, कैसे खजाने में डकैती डाली है, सामने आ रहा है. आज के प्रश्न में भी आबकारी मामले में मुख्यमंत्री ने बताया.

जो राजस्व 2021 में आता था, वह 2022-23 में वह कम हो गया. यह छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ धोखा विश्वासघात है. छत्तीसगढ़ की खजाने के साथ चोरी-डकैती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. पहले भी ईडी ने शराब घोटाले को पकड़ा है.

सदन में क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने पर उठा सवाल, मुख्यमंत्री साय ने कही यह बात…

रायपुर- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिस क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बगैर उसके आधार पर विधानसभा में आरक्षण (संशोधन) विधेयक पारित कराया था, उस पर भाजपा सरकार आने के बाद अब फिर से सवाल उठ रहा हैं. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में सवाल किया कि क्या आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक होगी? मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर विचार करने की बात कही है. 

विधानसभा में अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सवाल किया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग कब और किन उद्देश्यों से गठित किया गया? उसका कार्यकाल कितनी अवधि का था? उसके कार्यकाल को कितनी बार बढ़ाया गया और अंतिम बार कितनी अवधि के लिए कब तक बढ़ाया गया? रिपार्ट राज्य सरकार को कब सौंपी गई? किन-किन संस्थाओं को देनी थी? इसके चेयरमेन व सदस्य कौन-कौन थे तथा इनको क्या-क्या सुविधायें दी गयी एवं कितनी राशि व्यय की गयी?

क्वांटिफायबल डाटा आयोग ने क्या-क्या अनुशंसाएं दीं? क्या उन अनुशंसाओं का उपयोग राज्य सरकार ने कर लिया है? यदि कर रही है तो इनका उपयोग किन-किन क्षेत्रों में कर रही है? यदि नहीं कर रही है तो इस आयोग का गठन क्यों किया गया?

क्या उक्त डाटा को सार्वजनिक किया गया था? यदि नहीं, तो उसका कारण क्या था एवं उनकी अनुशंसाओं को सरकार द्वारा स्वीकार कर लागू किया गया है? यदि हां, तो सरकार इनका उपयोग किन-किन क्षेत्रों में, किन-किन कार्यों के लिये कर रही है? यदि नहीं, तो उसके कारण क्या हैं?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जवाब में बताया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 11 सितंबर 2019 द्वारा किया गया. इसका उद्देश्य राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किया जाना था.

आयोग का कार्यकाल छह माह में प्रतिवेदन शासन को सौंपने हेतु गठन किया गया था, किन्तु प्रतिवेदन अपेक्षित होने के कारण आयोग का कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया, अंतिम बार 2 महीने की अवधि के लिए 31 दिसंबर 2022 तक के लिये बढ़ाया गया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट/प्रतिवेदन 21 नवंबर 2022 को राज्य सरकार को सौंपी.

उक्त रिपोर्ट/प्रतिवेदन किसी भी संस्थाओं को नहीं दी गई है. क्वांटिफायबल डाटा आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन जज थे, आयोग में सदस्य नियुक्त नहीं किए गए थे. आयोग के चेयरमैन को मानदेय तथा समान पद के न्यायिक अधिकारियों को उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप सुविधाएं दी गई थी. कुल राशि 1,07,06,856 रुपए व्यय की गई.

आयोग से प्राप्त प्रतिवेदन में अनुशंसा नहीं अपितु निष्कर्ष दिए गए हैं, जिसके आधार पर 1 और 2 दिसम्बर, 2022 को विधान सभा के विशेष सत्र में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 लाया गया, जो सर्वसम्मति से विधान सभा द्वारा पारण किया गया है.

राज्य शासन द्वारा आयोग से प्राप्त उक्त निष्कर्ष एवं डाटा का उपयोग छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 में किया गया.

मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोग का गठन राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित कर प्रतिवेदन शासन को सौंपने के लिए गठन किया गया था. आयोग से प्राप्त निष्कर्ष/डाटा को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 में किया गया है.

राजधानी में गोलीकांड का सदन में गूंजा मामला, MLA धरमलाल कौशिक बोले- लगाम लगाएंगे क्या ? CM साय ने जवाब में कहा- बरती जाएगी सख्ती

रायपुर- राजधानी के हाईपर क्लब में गोली चलने का मामला सदन में विधायक धरमलाल कौशिक ने उठाया. इस दौरान उन्होंने सवाल करते हुए कहा, राजधानी के वीआईपी रोड में टाइम लिमिट से ज्यादा वक्त तक बार खुल रहे हैं, गोली चल रही है, घटनाएं घट रही है. इस पर सख्ती करेंगे? जिसका जवाब सीएम साय ने देते हुए कहा, सख्ती से नियम का पालन हो इसका निर्देश दिया गया है.

साथ ही धरम लाल कौशिक ने ये भी सवाल उठाया कि रायपुर के बार क्लबों में गोलियां चल रही हैं, शराब के नशे में लड़के लड़कियां नाच रहे हैं. बिलासपुर में भी ऐसा ही माहौल है. इस पर लगाम लगाएंगे क्या..?

धरम लाल कौशिक के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इस पर लगाम लगाया जाएगा.

इस वजह से चली थी गोली

रायपुर हाईपर क्लब के पार्किंग ग्राउंड में शनिवार रात लगभग 11.30 बजे विकास अग्रवाल और रोहित तोमर शख्स के बीच पुराने प्रेम संबंध की बात को लेकर विवाद हो गया था. जिसके बाद रोहित तोमर ने गुस्से में आकर विकास अग्रवाल पर हमला करते हुए उसके गाड़ी में तोड़-फोड़ करते हुए अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला दी थी. वहीं घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर पुलिस ने दोनों आरोपियों के गिरफ्तार कर लिया था.

महतारी वंदन योजना को लेकर प्रदेश की महिलाओं में भारी उत्साह: अब तक 51 लाख 16 हजार से अधिक महिलाओं ने भरा आवेदन

रायपुर-  महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई महतारी वंदन योजना को लेकर प्रदेश की महिलाओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। योजना के तहत आवेदन भरने के लिए सभी जिलों में पंचायत और आंगनबाड़ी स्तर पर लगाए गए शिविरों में महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ रही हैै। योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश में अब तक 51 लाख 16 हजार से अधिक महिलाओं के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। 12 फरवरी को प्रदेश में 4 लाख 91 हजार 914 महिलाओं ने आवेदन किया है।

उल्लेखनीय है कि महतारी वंदन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष महिलाओं को 12 हजार रूपए दिये जाएंगे। प्रतिमाह मिलने वाले एक हजार रूपए से महिलाएं अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के साथ पारिवारिक जरूरतों में मदद कर सकेंगी।

जिलावार प्राप्त आवेदन- महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक रायगढ़ जिले में 01 लाख 86 हजार 289, जांजगीर-चांपा में 02 लाख 27 हजार 775, बलरामपुर में 01 लाख 60 हजार 78, बलौदाबाजार में 01 लाख 71 हजार 940, कोण्डागांव 01 लाख 10 हजार 334, कवर्धा 01 लाख 74 हजार 915, सूरजपुर में 01 लाख 73 हजार 195, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 42 हजार 790, गरियाबंद में 01 लाख 31 हजार 868, बेमेतरा में 02 लाख 1 हजार 955, सारंगढ़-बिलाईगढ़ से 01 लाख 56 हजार 260, रायपुर से 05 लाख 94 हजार 346, राजनांदगांव से 01 लाख 81 हजार 229, सक्ती से 01 लाख 23 हजार 455, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई से 78 हजार 317, मुंगेली से 01 लाख 73 हजार 602, बालोद से 01 लाख 96 हजार 139, दंतेवाड़ा से 61 हजार 834, धमतरी से 1 लाख 49 हजार 586, जशपुर से 01 लाख 47 हजार 22, कोरबा से 01 लाख 67 हजार 201, कांकेर से 1 लाख 11 हजार 473, बस्तर से 01 लाख 46 हजार 163, दुर्ग में 02 लाख 62 हजार 708, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर से 51 हजार 782, बिलासपुर से 02 लाख 43 हजार 132, सरगुजा से 01 लाख 86 हजार 454, कोरिया से 50 हजार 941, सुकमा से 40 हजार 141, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से 74 हजार 589, महासमुंद से 03 लाख 2 हजार 572, नारायणपुर से 17 हजार 170, बीजापुर से 18 हजार 760 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़ की बेटी ने बढ़ाया गौरवः राष्ट्रीय स्तर पर निकिता दुबे को मिला सम्मान, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया सम्मानित…

बलौदाबाजार-  विकासार्थ विधार्थी परिषद नागपुर द्वारा पर्यावरण गतिविधि पर दो दिवसीय युवा संसद 2024 का आयोजन नागपुर के विधानसभा में आयोजित किया गया था. निकिता दुबे को केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद सेमिनार को विधानसभा अध्यक्ष पद के सफल संचालन करने पर सम्मानित किया.

बता दें कि देश भर के विश्वविद्यालयों से 164 विधार्थियो ने भाग लिया था, जिसमें बलौदाबाजार की निकिता दुबे जो वर्तमान में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर में बीएएलएलबी की अंतिम सेमेस्टर की छात्रा है. जिसे सेमिनार में विधानसभा अध्यक्ष के पद का संचालन करने का दायित्व सौंपा गया था. मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी उपस्थित रहे, जिनकी मौजूदगी में उक्त संसद का सफल संचालन निकिता दुबे ने किया.

वहीं द्वितीय दिवस समापन समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए और इस सेमिनार के सफल विधानसभा संचालन के लिए निकिता दुबे को युवा संसद का विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सफल संचालन करने पर बेस्ट स्पीकर के रूप में सम्मानित किया. निकिता दुबे की प्रारंभिक शिक्षा बलौदाबाजार में हुई है.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने “आज क्या सीखा“ कार्यक्रम का किया शुभारंभ

जांजगीर-चांपा- वित्त मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री  ओपी चौधरी ने जाज्वलल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला के दौरान कलेक्टर  आकाश छिकारा एवं जिला प्रशासन की अभिनव पहल “आज क्या सीखा“ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यूनिसेफ जिला समन्वयक  दिव्या राजपूत ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत में अपनी तरह का पहला, बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक अभिनव कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में शुरू किया गया है।

कार्यक्रम के तहत माता-पिता को बच्चों से प्रतिदिन यह पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि उन्होंने क्या सीखा (आज क्या सीखा), और उस दिन, माता-पिता अपने घर पर एक लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) स्थापित करेंगे। यूनिसेफ द्वारा समर्थित, नए कार्यक्रम को युवोदय के हजारों युवा स्वयं सेवकों द्वारा मजबूत किया जाएगा। शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त मंत्री  ओपी चौधरी ने कहा कि “शिक्षा समृद्धि का मार्ग है, और हमारे राज्य को राष्ट्रीय मंच पर नेतृत्व करने के लिए अधिक उत्पादक युवाओं की आवश्यकता है।“ यह कार्यक्रम बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार के लिए भारत के लिए एक मॉडल हो सकता है, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया का कहना है कि माता-पिता बच्चों के पहले और सबसे प्रभावशाली शिक्षक हैं। “शोध कहता है कि बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी से बच्चों के सीखने के परिणामों और स्कूल में उपस्थिति में सुधार होगा, और स्कूल छोड़ने और छात्रों की अनुपस्थिति में कमी आएगी। इससे बच्चों का आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल भी बढ़ेगा। कलेक्टर आकाश चिकारा ने कहा कि जिला प्रशासन शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रतिबद्ध है।

कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की

रायपुर-  कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध संचालक अबिनाश मिश्रा के साथ बैठक लेकर प्रगतिरत योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कार्य एजेंसियों से कहा है कि तय समय सीमा में सभी कार्य पूरे कर लिए जाए। उन्होंने स्मार्ट सिटी अधिकारियों से कहा है कि प्रत्येक सप्ताह समय सीमा की बैठक में कार्य की प्रगति की अद्यतन जानकारी के साथ उपस्थित होकर ब्रीफ करें। उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी कार्य की गुणवत्ता में कमी पाई गई, तो विधि अनुरूप सख्त कार्यवाही होगी।

कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने सभी परियोजनाओं के प्रगति की जानकारी ली, साथ ही कार्य एजेंसियों से विलंब के कारणों को जानना चाहा। अंतर्विभागीय समन्वय के कार्यों के संबंध में उन्होंने संबंधित विभाग से फोन पर स्वयं चर्चा कर अवरोध को दूर किया, साथ ही एजेंसियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी प्रोजेक्ट की मियाद नहीं बढ़ाई जाएगी एवं प्रोजेक्ट निर्धारित समय पर पूरे किए जाए। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों व इंजीनियरों से भी उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षण इस तरह से करें कि कार्य में आने वाली कोई रूकावट तत्काल विभागीय समन्वय से दूर किया जा सकें एवं समय सीमा में गुणवत्ता के साथ योजनाओं का संपूर्ण लाभ आम नागरिकों को मिल सकें। उन्होंने कार्य एजेंसियों से कहा है कि निर्माण सामग्रियां प्रोजेक्ट के भीतर ही रखे जाए और सड़कों पर फैलाकर यातायात को बाधा न पहुंचाए। उन्होंने नगर निगम से भी कहा है कि सड़क या सार्वजनिक स्थल पर रखी सामग्रियों को जब्त करें, साथ ही निर्माण के दौरान निकलने वाले मलबे के प्रबंधन की दिशा में पहल भी करें। बैठक में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी उज्जवल पोरवाल, महाप्रबंधक (ई. एंड टी.) पी.के. पंचायती, उप प्रबंधक संजय अग्रवाल , अमित मिश्रा , शुभम् तिवारी , नेहा पटेल , योगेन्द्र साहू सहित स्मार्ट सिटी के अधिकारी सभी एजेंसी प्रमुख उपस्थित थे।

SP ने ढाबा, होटल, लॉज, कैफे, रेस्टोरेंट और बार संचालकों की ली बैठक

रायपुर- पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा सिविल लाईन स्थित पुलिस कन्ट्रोल रूम के सभाकक्ष में रायपुर के विभिन्न होटल, ढ़ाबा, लॉज, कैफे, रेस्टोरेंट एवं बार संचालकों की बैठक ली गई। बैठक में अतिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले, नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक मयंक गुर्जर (भा.पु.से.), नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन मनोज ध्रुव तथा रायपुर के विभिन्न होटल, ढ़ाबा, लॉज, कैफे, रेस्टोरेंट एवं बार के संचालकगण उपस्थित रहें। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा बार संचालकों को बार को समय से बंद करने, बार एवं क्लब के नियमों का सख्ती से पालन करने, साथ ही होटल, ढ़ाबा, लॉज, कैफे, रेस्टोरेंट एवं बार के संचालकों को किसी भी प्रकार का सूखा नशा यथा कोकिन, एम डी एम ए, ब्राउन शुगर सहित अन्य नशीली पदार्थो का उपयोग किसी भी संचालक की जानकारी में हो रहीं है।

ऐसे संचालकों के विरूद्ध सक्त कार्यवाही करने कहा गया। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा कहा गया कि किसी भी संस्थान में किसी प्रकार का हुडदंग होने पर संचालक की भी जवाबदारी तय की जाएगी, इसलिये पर्याप्त संख्या में बाउंसर व सुरक्षा गार्ड रखें, ताकि हुडदंग या अन्य परिस्थिति को आसानी से कंट्रोल किया जा सके। संस्थानों में किसी भी प्रकार की घटना को बढ़ावा देने वाली चीजें नहीं होनी चाहिये। बार के अंदर किसी भी प्रकार की अश्लील म्यूजिक का उपयोग नहीं होना चाहिये और ना ही कोई हुडदंग, क्योंकि विडियो के माध्यम से लगातार ऐसी चीजे पुलिस के पास पहुंच रहीं है। बार में महिलाये भी जाती है, इस हेतु महिला बाउंसर/गार्ड भी ऐसे संस्थानों में रखें जाये। प्रतिष्ठानों के अंदर किसी भी प्रकार के आग व स्पार्कल गन का प्रदर्शन करने का विडियो वायरल होने पर संचालक के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से अग्नि शमन के उपकरण होने चाहिये।

प्रायः देखने में आ रहा है कि रेस्टोरेंट, बार, ढ़ाबा, होटल एवं कैफे के संचालक निर्धारित समय के बाद भी बाहर से शटर गिराकर अंदर से प्रतिष्ठानों को संचालित करते है, जो अनुचित है समय पश्चात ऐसा करते पाये जाने पर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यदि कोई भी व्यक्ति लायसेंसी पिस्टल रखा है एवं शराब का नशे में है या सेवन कर रहा है तो इसी जानकारी वहां के स्टॉफ / प्रतिष्ठान के संचालक द्वारा इसकी सूचना पुलिस को दिया जाये। हाईवे के ढ़ाबा एवं रेस्टोंरेट के बाहर सर्विस रोड में वाहन पार्किंग करायी जाती है, ऐसे प्रतिष्ठान वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था करें। ढ़ाबा संचालकों द्वारा बाहर वाहनों में बैठाकर लोगों को शराब पीने हेतु सामग्री उपलब्ध करायी जाती है, जो अनुचित है, ऐसे करते पाये जाने पर ढ़ाबा संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उक्त प्रतिष्ठानों में किसी भी प्रकार की हुडदंग वाली विडियो यदि पुलिस को प्राप्त होगी उस पर पुलिस द्वारा स्वमेव कार्यवाही की जाएगी।

होटल/लॉज में पहचान पत्र के बिना किसी को भी नहीं रूकने नहीं दिया जावे, अपने प्रतिष्ठानों में सुचारू रूप से सी.सी.टीव्ही. कैमरे लगाए जावे जिसमें फुटेज की क्षमता अधिक से अधिक हो। होटल/लॉज में रूकने वाले सभी कस्टमर/गेस्ट की जानकारी अनिवार्य रूप से ली जावें। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा है कि यह मीटिंग जानकारी/चेतावनी/निर्देश वाली मीटिंग है। जिसमें संपूर्ण जानकारी दी गई है, यदि किसी प्रतिष्ठानों द्वारा किसी भी नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।