सहारनपुर में दुल्हे को नशीला दूध पिलाकर दुल्हन फरार दुल्हे को बोली- राजा अब तुम सो जाओ, मैं हुई फुर्र...ढूंढने की कोशिश मत करना

अंकुर सैनी,सहारनपुर।यूपी में लुटरी दुल्हन लगातार ज्यादा उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है। ऐसा ही एक मामला सहारनपुर में सामने आया है। एक दुल्हन अपने दुल्हे को दूध में नशीला पदार्थ पिलाकर रफूचक्कर हो गई। 6 फरवरी को शादी हुई थी।

दुल्हन अलमारी रखे जेवरात और नगदी लेकर फरार हुई है। अलमारी से 1.50 लाख रुपए भी गायब है। दुल्हा पक्ष ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। मामला थाना जनकपुरी के गांव सड़क दूधली का है।

6 फरवरी को हुई थी शादी

थाना जनकपुरी क्षेत्र के गांव सड़क दूधली के रहने वाले विनोद उर्फ बिट्‌टू पुत्र अनिल की शादी 6 फरवरी को हुई थी। गांव दाबकी गुर्जर के रहने वाले ओम प्रकाश की बेटी शिवानी के साथ हिंदू रीति-रिवाज के साथ हुई थी। फेरे ओर अन्य रस्मों के बाद दुल्हा अपनी दुल्हन को लेकर घर आया था। शादी को 6 दिन भी नहीं हुए थे, नई नवेली दुल्हन ने अपना रंग दिखा दिया।

अलमारी से 1.50 लाख और जेवरात गायब

पीड़ित दुल्हा पक्ष का कहना है कि 6 दिन के बाद यानी 11 फरवरी की रात को दुल्हा-दुल्हन एक कमरे में सोने के लिए चले गए थे। बाकी माता-पिता और तीन भाई अपने-अपने कमरों में जाकर सो गए। दुल्हे का कहना है कि रात के समय उसकी नई नवेली पत्नी ने उसे दूध लाने को कहा। दुल्हन रसोई में से दूध लेकर आई। उसमें कुछ नशे की चीज मिलाई हुई थी। जिसे पीते ही दुल्हा विनोद को नींद आ गई। वह सो गया।

नशे में वह कुछ बोलकर गई थी। आरोप है कि दुल्हन ने अलमारी से 1.50 लाख रुपए और जेवरात निकाले ओर फरार हो गई।

आंख खुली तो उड़ गए होश

दुल्हे विनोद ने बताया कि जब उसकी आंख खुली तो अलमारी खुली पड़ी थी। दुल्हन यानी उसकी पत्नी भी कमरे में नहीं थी। रात में ही उसने अपने परिवार के लोगों को उठाया। सारी बात बताई। परिजनों ने पहले दुल्हन के मायके पर फोन किया। लेकिन वह अपने घर भी नहीं पहुंची। दुल्हा पक्ष ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की और परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है।

थाना जनकपुरी प्रभारी धर्मेंद्र गौतम का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। दुल्हन के परिजनों से भी संपर्क किया गया। पता चला है कि वह अपने मायके भी नहीं गई है। पुलिस मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर दुल्हन की तलाश कर रही है।

रिपोर्ट :

सहारनपुर

*व्यापारी के घर में घुसकर 1 लाख 35 हज़ार की लूट, बदमाश बोले, हमें पैसों की जरूरत थी इसलिए घटना को दिया अंजाम*

रिपोर्ट : अंकुर सैनी

सहारनपुर - भाजपा नेता कृष्ण लाल ठक्कर के बड़े भाई के घर में लूट हुई है। चार बदमाशों ने पति-पत्नी को बंधक बनाकर 1 लाख 35 हज़ार रुपए की लूट की है। बदमाशों ने लूट करने के बाद हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा हमें पैसों की जरूरत थी इसलिए लूट की। हमें माफ कर देना। मामला थाना मंडी के मदन पुरी कॉलोनी का है।

थाना मंडी की मदन पुरी कॉलोनी में रहने वाले पूनम बेकरी के स्वामी युधिष्ठिर ठक्कर के घर पर देर रात को बदमाशों ने बंधक बनाकर लूट की। पीड़ित व्यापारी का कहना है देर रात करीब 12 बजे वह अपनी बेकरी से एक्टिवा से अपने घर आए थे। जैसे ही उन्होंने घर का दरवाजा खोला और एक्टिव घर में एंट्री की।

तभी दो बदमाश दरवाजे के रास्ते घर में एंट्री हो गए। पहले उन्होंने व्यापारी के जब से 35 हज़ार रुपए निकाले और उसके बाद दरवाजा बंद कर दोनों पति-पत्नी को बंधक बना लिया। विरोध करने पर व्यापारी के हाथ पर तमंचा की बट मार कर घायल कर दिया। व्यापारी के अनुसार दो बदमाश घर के बाहर पहरा दे रहे थे।

जबकि दो बदमाशों ने घर में रखे एक लाख रुपए और एक सोने की अंगूठी उठा ली। पीड़ित व्यापारी ने बताया कि बदमाश जाते समय माफी मांग रहे थे। जाते समय उन्होंने बोला की माताजी हमें माफ कर दीजिए। हमें पैसों की जरूरत है। इसीलिए यह घटना की है।

एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा का कहना है कि व्यापारी के साथ लूट हुई है। उनके घर में चार बदमाश घुसे थे और लूट की घटना को अंजाम दिया है। जल्दी घटना को खोल दिया जाएगा।

*सचिन सिंह असिस्टेंट लेवर कमिश्नर बने,जानें क्यों*

यूपी सुल्तानपुर में आठ वर्षों से चकबंदी लेखपाल पद पर कार्य कर रहे सचिन सिंह ने साल भर सिपाही की नौकरी भी किया। दूसरे साल में उनका चयन चकबंदी लेखपाल के रूप में हुआ। लगातार 8 वर्षों से यहां सेवा देने के बाद अब PCS परीक्षा क्वॉलिफाई कर असिस्टेंट लेवर कमिश्नर की कुर्सी पर दिखाई देंगे। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार में जश्न का माहौल है। बधाई देने वालों का घर पर लगा रहा तांता।

2016 में शुरू की थी चकबंदी लेखपाल की नौकरी लंभुआ तहसील के देवरी गांव निवासी रमाकांत सिंह का दो बेटे हैं। एक बेटी शिवानी सिंह का ब्याह हो चुका है और दामाद चंदौली में पीसीएस अधिकारी है। छोटा बेटा सारस्वत सिंह अर्थ शास्त्र में रिसर्च कर रहा। बड़ा बेटा सचिन सिंह काफी होनहार निकला। उसने बंसराज सिंह इंटर कॉलेज गौसैसिंहपुर जयसिंहपुर से 2009 में हाईस्कूल पास किया। इंटर मीडिएट उसने जीआईसी सुल्तानपुर से साल 2011 में पास की। इसके बाद 2014 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया और अगले वर्ष में उसे गोंडा में सिपाही की जॉब मिल गई। एक वर्ष में ही उसका खाकी से मन ऊब गया और साल 2016 में उसने चकबंदी लेखपाल की नौकरी पकड़ ली।

ड्यूटी से लौटकर करता कमरे पर तैयारी आठ वर्षों से वो अंबेडकरनगर में नौकरी कर रहा। इसी दौरान उसने साल 2019 में एमए की परीक्षा प्राइवेट पास किया। सचिन ने बताया कि फिर वो पीसीएस परीक्षा की तैयारी स्वयं से करने लगा। दिन भर नौकरी करता शाम को लौटता तो फ्रेश होकर कमरे में ही किताब और लैपटॉप खोलकर बैठ जाता। रात 2-3 बजे जब आंखें नींद से भर आती तो किताब रखकर सो रहता। सुबह 9 बजे उठकर 10 बजे ड्यूटी पर चला जाता। लेकिना उसकी लगन ने उसे उसके मुकाम तक पहुंचा दिया।

पीसीएस मेन्स में उसने 6 प्रयास किए इस दौरान वो इंटरव्यू में तीसरे राउंड तक गया। और अब असिस्टेंट लेवर कमिश्नर के पद पर उसका चयन हुआ है। उसकी माता किरण सिंह क्षेत्र में ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री व पिता एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। उन्होंने भी एमए बीएड कर रखा है। साल 2000 से 2005 तक वे देवरी के ग्राम प्रधान भी रह चुके हैं। अब बेटे की इस सफलता पर परिवार में खुशियों का ठिकाना नहीं है।

*चौथा बेटा किया सब रजिस्ट्रार की कुर्सी हासिल,एक ही परिवार के बने 4 पीसीएस*

यूपी सुल्तानपुर जिले के कादीपुर में गांव बरवारीपुर के 'बंशराज द्विवेदी' परिवार हैं,जो LIC में कार्यरत हैं। लेकिन बच्चों को अच्छी शिक्षा दीक्षा दिलाना उनकी जिंदगी का बड़ा मकसद रहा। जो साकार भी ऐसा हुआ कि 5 बेटों में 3 के बाद चौथा बेटा भी PCS अधिकारी बन गया है। कहा जाता जा कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती।क्षेत्र में उनके परिवार को पीसीएस परिवार कहा जाता है। कल आए रिजल्ट में उनके चौथा बेटा शिवम द्विवेदी का चयन सब रजिस्ट्रार पद पर चयन हुआ है। ऐसे में परिवार में हर ओर हर्ष और उल्लास देखने को मिल रहा है।

कोई भाई डीपीआरओ तो कोई रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर,और तो और तो कोई चकबंदी अधिकारी बंशराज द्विवेदी के बड़े पुत्र रविशंकर द्विवेदी पांच वर्षों से डीपीआरओ के पद पर हैं। वे अभी कौशांबी में तैनात हैं। उसके बाद के निखिल रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर आजमगढ़ और उनके बाद के निर्भय द्विवेदी अमेठी में चकबंदी अधिकारी हैं। अब चौथे बेटे शिवम द्विवेदी का चयन सब रजिस्ट्रार पद पर हुआ है। शिवम द्विवेदी का चयन वर्ष 2021 में संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में प्रवर्तन अधिकारी पद पर हुआ था। एक भाई इधर ही पढ़ रहा। दो बहनों में छोटी प्रिया द्विवेदी दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी कर रही है।

इलेक्ट्रानिक की शिक्षा के साथ कर रखा है एलएलबी शिवम ने कादीपुर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से हाईस्कूल की परीक्षा में 86 और इंटर में 91 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रानिक में ग्रेजुएशन किया। साल 2020 में उन्होंने एलएलबी भी पास किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता यानी डिबेट चैपियन भी शिवम रह चुके हैं। शिवम ने बताया कि पीसीएस परीक्षा में मेन्स के बाद करीब 40 मिनट इंटरव्यू चला।

20 से अधिक सवाल हुए। स्मार्ट स्टडी है मस्त, सिर्फ कोचिंग में जाने से कोई फायदा नहीं मुझसे सवाल हुआ आपके ऊपर मंत्री दबाव बना रहे तो क्या करेंगे? इस पर मैने जवाब दिया मंत्री को पहले कांफिडेंस में लेंगे। कहूंगा पेपर वैरिफाई करा रहा हूं। उनसे संविधान की बात कहकर अपील करूंगा और अंत में सरकार की प्राथमिकता के आधार पर ही काम करूंगा। उन्होंने बताया कि मैने 6-8 घंटे स्टडी की। अब स्मार्ट स्टडी ज्यादा मस्त है। सिर्फ कोचिंग संस्थान में जाने से कोई फायदा नहीं। और सबसे बड़ी चीज धैर्य रखना होगा।

*डिप्टी जेलर बनने से पहले पिता ने छोड़ा बेटा का साथ और विधवा मां दिया गम भुलाने का मौका,जिसे देख छलकी मां की आंखें*

सुलतानपुर । उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लंभुआ तहसील अंतर्गत बधूपुर गांव में एक मध्यम परिवार के रहने वाला सदानंद सिंह,पिता स्व. महेंद्र सिंह की अर्थी उठा कर दस दिन पहले इंटरव्यू देने गया। सदानंद से सवाल हुआ, 'राम भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं ? जवाब मिला भगवान राम का जीवन दर्शन ही दर्पण की तरह है।' यह हम नही कह रहे है। बल्कि होने वाले डिप्टी जेलर ने बताया स्वयं,इस जवाब पर उसे डिप्टी जेलर का पद मिल गया। बेटे की इस उपलब्धि पर विधवा मां के आंसू छलक उठे हैं।

KNIPSS से पास किया इंजीनियरिंग सदानंद ने साल 2009 में हाईस्कूल व 2011 में इंटरमीडिएट की परीक्षा स्वामी विवेकानंद विद्या आश्रय प्रयागराज से पास किया। मैट्रिक में उसे 77 प्रतिशत तो इंटर में 78 प्रतिशत अंक मिले। पांच वर्ष बाद 2016 में KNIPSS सुल्तानपुर से उसने इंजीनियरिंग की परीक्षा पास किया। फिर उसने परिवार की ही फर्म पर काम शुरू कर दिया। सपना था आफीसर बनने का तो उसने प्रयागराज में एक कमरा लेकर वही रह कर तैयारी शुरू कर दिया। बगैर किसी कोचिंग के वो नोट्स बनाता गया। मार्केट से किताबें लाता और उससे नोट्स बनाता। मोबाइल पर इंटरनेट सर्च करता। रोज आठ घंटे वो मेहनत करता। पीसीएस परीक्षा के पहले प्रयास में वो मेन्स तक पहुंच सका। लेकिन अब दूसरे प्रयास में मेन्स से आगे बढ़ा 11 जनवरी को इंटरव्यू की डेट आ गई।

2 जनवरी को पिता का निधन हो गया। इसी बीच भाग्य ने ऐसी पलटी मारी कि उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। इंटरव्यू से ठीक दस दिन पहले 2 जनवरी को पिता ने सदा के लिए हमेशा हमेशा के लिए आंखें बंद कर ली,उस समय सदानंद को लगा हमारे अब सपने टूट जाएंगे। लेकिन संयुक्त परिवार में बड़े पिता से लेकर चाचा और फिर मां और सभी बहनो ने हौसला बढ़ाया। आखिर उसने इंटरव्यू दिया,और फिर जब मंगलवार को रिजल्ट आया तो,उसकी आंखों से खुशी और गम दोनों के आंसू एक साथ बहने लगे। उपलब्धि पर जहां वो खुश था,वही पिता की उपस्थिति न होने का मलाल भी था साथ ही यह उपलब्धि भी दिखा पाने का भी मलाल रहा।

बड़ी बहन है प्राइमरी टीचर सदानंद दो भाई और दो बहन हैं। छोटे भाई ने ग्रेजुएशन कंप्लीट किया है तो दो सगी बहनों में बड़ी प्राइमरी टीचर और छोटी बहन सोशल वर्कर की तैयारी कर रही। मां रेखा सिंह गृहणी हैं। सदानंद के बड़े पिता वीरेंद्र प्रताप सिंह इंटर कॉलेज के रिटायर्ड टीचर हैं। पिता स्व. महेंद्र सिंह बिजनेसमैंन थे। ऐसे में अब वो रहे नहीं तो परिवार की जिम्मेदारी उसके कांधों पर आ गई है। सदानंद कहते हैं कि सभी के लिए बस एक संदेश है,ईमानदारी मेहनत का रास्ता पकड़े यही सफलता की सबसे बड़ी पूंजी है।

*सिद्धार्थ गुप्ता ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर पीसीएस परीक्षा में यूपी किया टॉप*

सहारनपुर। किसी शायर ने भी क्या खूब कहा है कि 'अगर होंसले बुलंद है तो रास्ते पर पड़े पत्थर भी फूल जैसे लगेंगे, मंजिल पाने का जूनून है अगर तो पूरी कायनात भी तुम्हारे साथ होगी।" जी हां उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी सिद्धार्थ गुप्ता की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। इन्होंने तीन बार कोशिश करने के बाद सिद्धार्थ गुप्ता ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर पीसीएस परीक्षा में यूपी टॉप किया है।

फिलहाल बिजनौर में तहसीलदार के पद पर पोस्टेड है। पहले अटेम्ट में ही 2022 और 2023 की परीक्षा पास की। पिता राजेश गुप्ता किरयाना व्यापारी (बिजनेसमैन) और माता अंजना गुप्ता गृहणी। 10 से 12 घंटे पढ़ाई की। यू-ट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से करंट अफेयर्स को मजबूत किया। लेकिन उनका लक्ष्य IAS की परीक्षा पास करने की है।

UPPSC-2023 में यूपी के टॉपर सिद्धार्थ गुप्ता ने बताया, "UPPSC-2022 का एग्जाम पहले अटेम्ट में पास किया था। जब भी खुशी का ठिकाना नहीं था। सातवीं रैंक आई थी। लेकिन 10 माह में सातवीं रैंक से पहले रैंक आई है तो मन मैं बहुत खुशी है। अब मेरा टारगेट आईएएस बनने का है। फिलहाल तहसीलदार से एसडीएम बना हूं। आईएएस बनने के लिए मेहनत बढ़ानी होगी। पूरी मेहनत के साथ एग्जाम भी पास करूंगा। फिलहाल बिजनौर में तहसीलदार के पद पर तैनात हूं। लेखपाल व राजस्व निरीक्षक के ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दे रहे हैं।"

*सुल्तानपुर में अयोध्या-प्रयागराज एनएच पर हादसा,बाइक सवार दो सगे भाइयों को ट्रक ने रौंदा,एक की मौत दूसरा गंभीर घायल*

सुल्तानपुर में अयोध्या-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर देर शाम बाइक सवार दो सगे भाइयों को ट्रक ने टक्कर मार दिया। जिससे दोनों भाई बुरी तरह घायल हुए हैं। दोनों को कोतवाली नगर पुलिस राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर आई जहां डॉक्टर ने एक को ब्रॉड डेड घोषित किया है।

मिली जानकारी के अनुसार घटना अयोध्या-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोतवाली नगर के लालमणि हॉस्पिटल के निकट की है। जहां लोहरामऊ से मजदूरी करके बाइक से वापस लौट रहे कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के लाला का पुरवा निवासी पिंटू पुत्र राम धनी व रमेश पुत्र राम धनी जैसे ही बाइक से लाल मणि हॉस्पिटल के पास पहुंचे थे कि एकाएक तेज रफ्तार ट्रक में टक्कर मार दिया। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों भाई सड़क पर दूर जा गिरे। दोनों का सिर फट गया और उन्हें गंभीर चोटें आई।

स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना कोतवाली नगर पुलिस को दी। सूचना पर सिपाही रोहित कुमार मौके पर पहुंचा। दोनों घायल भाइयों को राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। जहां पिंटू को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव मर्च्युरी में रखा कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है। वही घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है।

*पुलिस ने लूट की घटना को अंजाम देने वाले चार शामिल लुटेरों को पुलिस ने घर दबोच लिया*

सहारनपुर।जनपद सहारनपुर में 16 जनवरी की सुबह 5 बजे ठण्ड और कोहरे का फ़ायदा उठाकर एक लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था इसके बाद आज ठीक 5 दिन बाद सहारनपुर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई और लूट की घटना को अंजाम देने वाले चार शामिल लुटेरों को पुलिस ने घर दबोच लिया पुलिस ने बदमाश के कब्जे से 15150 रुपए दो तमंचे दो कोका और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए हैं ।

आपको बता दे की आज सुबह पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली की कुछ बदमाश सकलापुरी रोड पर घूमते हुए दिखाई दिये हैं ओर किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना मिलते ही थाना मंडी पुलिस मौके पर पहुंच गई ओर सदिंग्धो की तलाश करने लगी जहाँ सकलापुरी रोड पर खाली प्लाट में 04 सदिंग्ध व्यक्ति बैठे हुए दिखाई दिये।

पुलिस जब सदिंग्धो के नजदीक पहुंची तो बदमाशों ने मौका देखते ही पुलिस पर अचानक से फायर झोक दिया जब पुलिस कुछ समझ पाती दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 01 बदमाश पैर मे गोली मार दी।

घायल बदमाश और नीचे गिर पड़ा साथ ही 03 बदमाश फरार होने में कामयाब रहे। घायल बदमाश का नाम बब्लू उर्फ आरिफ हैँ जनकनगर तकिया थाना जनकपुरी का निवासी हैँ पुलिस ने फरार बदमाशों की तलाश शुरू कर दी और कुछ ही घंटे की मेहनत के बाद पुलिस ने फरार हुए तीनों बदमाशो को भी गिरफ्तार किया इसके बाद सहारनपुर एसएसपी डॉक्टर विपिन ताड़ा ने हुई लूट की वारदात का सनसनी खेज खुलासा किया है।

एसएसपी, विपिन ताड़ा

*जमीयत हिमायतुल इस्लाम के अध्यक्ष कारी अबरार जमाल को मिला राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, मंदिर ट्रस्ट को कहा शुक्रिया*

सहारनपुर- राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने जा रहा है और इसका न्योता लगभग सभी धर्म के गुरुओं को भेजा जा रहा है। लेकिन मुस्लिम धर्म गुरु राम मंदिर उद्घाटन समारोह में जाने से इनकार कर रहे हैं। हालांकि जमीयत हिमायतुल इस्लाम के अध्यक्ष और मुस्लिम स्कॉलर कारी अबरार जमाल को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से ऑनलाइन कार्यक्रम का न्योता मिला है। जिसको लेकर उन्होंने खुशी जाहिर की है।

कारी अबरार जमाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में वह जरूर शामिल होंगे क्योंकि उनको न्योता भेजा गया है और उन्होंने इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट का शुक्रिया अदा किया और उनको बधाई भी दी है। इस पर कारी अबरार जमाल ने कहा है कि अगर कोई मेरा राम मंदिर जाने पर विरोध करता है तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता

*सहारनपुर के मुस्लिम बन्दी सदरुद्दीन ने जेल में रहकर बनाया 'राम मंदिर', सीएम योगी को देने का है सपना*

अंकुर सैनी

सहारनपुर । अयोध्या में श्रीराम मंदिर की 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश में उत्सव का माहौल है। श्रीराम मंदिर को लेकर हिंदू-मुस्लिम समेत हर वर्ग के लोग प्रसन्न हैं। सहारनपुर के जिला कारागार में हत्या के मामले में बंद मुस्लिम बन्दी सदरुद्दीन उर्फ सदरू ने भी लकड़ी का श्रीराम मंदिर जेल में रहकर बनाया है। उसका सपना है कि वह इस मंदिर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट करें।

दरअसल नौ साल पहले सहारनपुर के रामपुर मनिहारान निवासी सदरुद्दीन का अपने पड़ोसियों से झगड़ा हो गया था, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी। सदरुद्दीन को भी मुकदमे में नामजद कराया गया था। सदरुद्दीन पिछले नौ वर्षों से जेल काट रहा है।

सदरुद्दीन जेल आने से पहले ही लकड़ी की कारीगरी करता था। उसने पहले भी लकड़ी के कई तरह के सामान बनाए हैं। जेल में भी उसने लकड़ी की नक्काशी का काम जारी रखा। सदरू ने अधिकारियों से इच्छा जताई कि राम मंदिर मॉडल बनाना चाहता है। इस पर उसे डिजाइन का प्रतिरूप उपलब्ध कराया गया।

सदरुद्दीन ने करीब 1 महीने की कड़ी मेहनत करके बिना की आधुनिक तकनीक और मशीनरी के लकड़ी का राम मंदिर बनाया है, जिसकी प्रतिकृति अयोध्या में श्रीराम मंदिर जैसी है। पिछले वर्ष सितंबर में यह मॉडल तैयार हो गया, जिसकी प्रशंसा कारागार मंत्री भी कर चुके हैं। सदरू की इच्छा है कि वह अपने हाथ से इस मंदिर के मॉडल को को मुख्यमंत्री को भेंट करे।