फिर चर्चा में आए नबीनगर विधायक और अंचलाधिकारी, लगा स्टेडियम के लिए तेतरहट गांव में जबरन भूमि पूजन कराने का आरोप

औरंगाबाद ; अपने कार्यों एवं बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहने वाले नबीनगर के राजद विधायक डबलू सिंह एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। इस बार वे जनहित के कार्यों को लेकर सुर्खियों में आए हैं और उन पर तेतरहट गांव में स्टेडियम बनाने के नाम पर तीन किसानों की जमीन को जबरन कब्जा कर भूमि पूजन करने का आरोप लगा है। हालांकि यह आरोप उन पर अकेले नहीं बल्कि इसमें नबीनगर के अंचलाधिकारी को भी शामिल किया गया है। 

आज गुरुवार के अपराहन तेतरहट गांव के किसान शंकर साव, संतोष साव एवं कन्हैया साव द्वारा डीएम के जनता दरबार में पहुंचकर एक आवेदन देते हुए उक्त जमीन को कब्जे से मुक्त कराने की मांग की गई है। 

डीएम को दिए गए आवेदन में किसानों ने बताया है कि उक्त जमीन महुआंव पंचायत के मौजा तेतरहट, खाता संख्या -100, प्लॉट नंबर - 262 रैयती भूमि है और उक्त भूमि रघुवीर साव के नाम से 8 बीघा जमीन 1357 फसली वर्ष 1950 से बंदोबस्त है। बंदोबस्ती के वर्ष से वर्ष 2023 तक उसका रिटर्न भी अध्ययन है और उक्त जमीन में दो कट्ठा जमीन बिक्री भी हुई है। मगर सरकार द्वारा वहां स्टेडियम निर्माण का आदेश दिया गया है। लेकिन विधायक एवं अंचलाधिकारी के द्वारा जबरन इस जमीन को कब्जे में लेकर भूमि पूजन कर दिया गया। 

कहा गया है कि यदि जमीन में स्टेडियम निर्माण होता है तो तीन परिवार भुखमरी के कागार पर आ जायेंगे। ऐसी स्थिति में उक्त जमीन को कब्जे से मुक्त कराकर तीन परिवारों को न्याय देने की कृपा करें। 

इधर इस मामले में विधायक डबलू सिंह एवं अंचलाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में गजब का खेल : पुराने जेल से लाखों की संपत्ति की हुई चोरी, तिरंगे का भी हुआ अपमान, जेल अधीक्षक को नहीं है इसकी कोई खबर, पढ़िए पूरी

औरंगाबाद : बिहार के जहानाबाद जिले में 15 नवंबर 2005 को नक्सलियों ने हमला बोल जहानाबाद जेल ब्रेक को अंजाम दिया था। जिससे पूरा प्रदेश ही नहीं देश में भी हड़कंप मच गया था। लेकिन 19 साल बाद जो औरंगाबाद में हुआ है वह तो गजब का खेल है। खेल ऐसा हुआ कि जेल अधीक्षक को न तो घटना की अभी ठीक से तारीख मालूम है और न ही अपराधियों का कोई सुराग मिला है। बावजूद पुलिस अंधेरे में तीर दाग रही है, यानी लकीर जरूर पीट रही है। सुखद बात यह है कि यहां से कैदी भागे नही क्योकि मामला ही कुछ और है।

दरअसल महज 8 महीने पहले यानि कि 01 मई 2023 को जिले के पुराने जेल को नए बिल्डिंग जो मुफ्फसिल थाने के बगल में है वहां सारे कैदियों को शिफ्ट कर दिया गया। क्योंकि पुराने जेल में लगभग 400 कैदियों के रहने की जगह थी और इससे 4 गुना कैदी यहाँ रहा करते थे। 

पूराने जेल की देख रेख जेल अधीक्षक के जिम्मे थी और उन्होंने पुराने जेल को अभी हैंड ओवर भी नही किया था। इसी बीच चोरों ने जेल में लगे जेन सेट, महंगे बिजली उपकरण, पंखे, सोलर, वायरिंग में लगे तार की चोरी कर ली। यहां तक की लकड़ी के मोटे दरवाजे को भी जला डाला। हद तो यह है कि इसकी भनक जेल अधिक्षक को नहीं लगी और पूलिस के घर चोरों ने डाका डाल दिया। 

पूराने जेल में राष्ट्र की पहचान देने वाली तिरंगे का भी अपमान किया गया है। अपराधियों ने न केवल जेल गेट को फूंका है बल्कि थोक के भाव में लाखों के साजो सामान भी गायब और क्षतिग्रस्त किए है। इतना ही नही जेल प्रशासन की लापरवाही से देश की आन, बान और शान तिरंगे झंडें का भी अपमान हुआ है। 

जेल शिफ्ट करने के बाद जेल सुप्रीटेंडेंट सुजीत झा ने पुराने जेल की किसी तरह की भी सुध नहीं ली। उन्होंने पुलिस बल की कमी बताते हुए सुरक्षा में लगे जवानों को भी नए जेल में शिफ्ट करा देने बात कही। इधर चोरों ने पुराने जेल से लाखो की सरकारी संपत्ति उड़ा डाली। हद तो तब है कि जेल अधीक्षक मामले में अनजान बने रहें। 

जेल प्रशासन ने तो पुराने जेल को लॉक कर रखा था। कही से किसी के घुसने की गुंजाईश नही थी, लेकिन गुंजाईश बनाई गई। पहले पुराने जेल के मेन गेट के बगल में बने सिपाही बैरक की खिड़कियों की सरिया उखाड़ ली गई। फिर खिड़कियों के पल्ले उखाड़ लिए गए। मतलब पुराने जेल परिसर के अंदर जाने का चोर दरवाजा खुल गया।

वैसे तो शिफ्टिंग के बाद से पुराने जेल का मेन गेट रोज ही बंद नजर आता है लेकिन मीडियाकर्मियों की नजर अचानक से खुले गेट पर पड़ी। कैम्पस के अंदर कुछ हलचल दिखी। लिहाजा कौतूहल वश मीडियाकर्मी पुराने जेल परिसर के अंदर घुस गए। पता चला कि भवन निर्माण विभाग के लोग है, जो इस पूरे परिसर को किसी दूसरे सरकारी विभाग को सौंपे जाने के लिए सर्वे कर रहे है। इसके बाद जब मीडिया ने पूरे जेल परिसर का चप्पा चप्पा छान मारा। इसके बाद जो सब कुछ उजागर हुआ, वह अब सबके सामने है।

इस बारे में जब जेल अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया की मुझे आपके मध्यम से चोरी की वारदात की जानकारी मिली है। मैंने आज ही प्राथमिकी दर्ज करवाई है। जब तिरंगे की अपमान की बात कही गई की आपके जेल में तिरंगे का अपमान किया गया है। तो उन्होंने किसी के द्वारा तिरंगे फेक देने की बात कही। जब पूछा गया की इसके लिए दोषी कौन है ? तब उन्होंने थाना प्रभारी को गस्ती न करने की बात कहकर अपना ठीकरा थाना प्रभारी के माथे पर फोड़ते नजर आए।

 

जब मामले को स्ट्रीट बज्ज की टीम ने संज्ञान में लिया और हर गतिविधि को कैमरे में कैद किया तब जेल सुप्रीडेंडे ने प्राथमिकी दर्ज़ करने की बात कहीं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

अपहरण के आरोपी महिला समेत तीन अभियुक्त को कोर्ट ने दिया दोषी करार, 15 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा

औरंगाबाद : आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सह स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने कासमा थाना कांड संख्या 77/20 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एक महिला समेत तीन अभियुक्तों को दोषी करार दिया। 

स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि अभियुक्त रोहित कुमार ग्राम लोहरा,सोनु कुमार ग्राम लोहरा, और मानमति देवी ग्राम चंद्रोली , थाना कासमा को आज भादंवि के विभिन्न धाराओं और पोक्सो एक्ट में दोषी ठहराया गया है। वहीं सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई की तिथि -15/02/25 निर्धारित किया गया है।  

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त सोनू कुमार काराधीन है, जबकि रोहित कुमार और मानमति देवी के बंधपत्र विखंडित कर आज जेल भेज दिया गया है। 

उन्होंने आगे बताया कि प्राथमिकी सूचक पीड़िता के पिता ने 13/09/20 को बताया था कि शादी और ग़लत काम के नियत से तीनों अभियुक्तों ने 08/09/20 को कासमा बाजार से बच्ची का अपहरण कर लिया था। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बांध से बरामद हुआ नर कंकाल, इलाके में मचा हड़कंप

औरंगाबाद: जिले के नगर थाना स्थित शाहपुर मुहल्ले के बांध से एक नर कंकाल पुलिस ने बरामद हुआ। नर कंकाल मिलने से शहर में हड़कंप मच गया। नर कंकाल देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस नर कंकाल के ऊपर पड़े कपड़े से पहचान कराने की कोशिश में जुट गई है। पुलिस समझना चाह रही है कि आखिर यह किसका शव है। 

बताया जाता है कि कुछ बच्चे बांध के पास मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे। खेलने के क्रम में बच्चों की नजर वहां पड़े कंकाल पर पड़ी और उनकी चीख निकल पड़ी। फिर उन बच्चों ने आवाज लगाकर स्थानीय लोगों को बुलाया। काफी लोग वहां इकट्ठा हो गए। स्थानीय जब नजदीक गए तो देखा कि बांध पर पड़े कंकाल के हाथ में एक नीडल लगा हुआ है।

लोगों ने आशंका जताई कि व्यक्ति बीमार होगा और स्लाइन चढ़ाने के दौरान उसकी मौत हो गई होगी,क्योंकि उसके हाथ में ड्रिप निडिल लगा हुआ था। नर कंकाल की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। कुछ ऐसे परिवार भी वहां आ पहुंचे जिनका सगा महीनों से गायब है। मगर ऐसी अवस्था में शव की पहचान पाना नामुमकिन था। 

भीड़ ने इसकी सूचना नगर थाने की पुलिस को दी। सूचना मिलते ही एएसआई चंदन अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और कंकाल को जब्त कर लिया। वहीं पुलिस मामले की जांच मे जुटी है। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

काराकाट सांसद महाबलि सिंह ने संसद में बिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने की मांग को प्रमुखता से उठाया

औरंगाबाद : काराकाट के सांसद महाबलि सिंह ने बिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने की मांग को प्रमुखता से उठाया है। श्री सिंह ने बुधवार को लोकसभा के चालू बजट सत्र में यह मांग रखते हुए कहा कि बिहार में आजादी के बाद 35 चीनी मिले काम करती थी लेकिन धीरे-धीरे 26 चीनी मिले एक-एक कर बंद हो गई। बिहार में अब मात्र 9 चीनी मिलें चालू है। मैं मंत्री महोदया से जानना चाहता हूं कि बिहार में बंद चीनी मिलों को वें चालू कराना चाहती है। 

सांसद के प्रश्न का उतर देते हुए खाद्य-उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि चीनी मिल लगाना केंद्र सरकार का विषय नही है। वर्ष 1998 में इसे केंद्र के विषय से बाहर कर दिया गया था। सदस्य ने ही स्वीकार किया है कि चीनी मिलों को राज्य सरकार ने ही लगाया था। 

मंत्री के जवाब पर सांसद ने पूरक सवाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चीनी उद्योगों के लिए काम करने की बात कह रहे हैं। वही मंत्री महोदया कह रही हैं कि चीनी मिलें लगाना राज्य सरकार का काम है। इसके के लिए केंद्र सरकार को काम करने की जरूरत है। 

कहा कि किसान अथक परिश्रम कर गन्ना का उत्पादन करते है। उन्हे सही मूल्य का भुगतान नही होता है। चीनी मिलों को गन्ना देने के बाद किसान भुगतान के लिए साल-दो साल तक चक्कर लगाते रहते है। क्या सरकार गन्ना किसानों को सही समय पर भुगतान के लिए कानून बनाने का विचार रखती है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

उत्क्रमित उच्च विद्यालय में छात्र की हुई मौत, मचा हड़कंप

औरंगाबाद : सदर प्रखंड के ओरा गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय ओरा में पढ़ाई कर रहे एक छात्र की मौत बुधवार की दोपहर हो गई। मृतक छात्र की पहचान गांव के ही संतोष प्रजापति के 13 वर्षीय पुत्र कुंदन कुमार के रूप में की गई है। 

मामले की जानकारी देते हुए ओरा पंचायत के पूर्व मुखिया सह वर्तमान जिला पार्षद अनिल यादव ने बताया कि कुंदन प्रतिदिन की तरह आज भी विद्यालय पढ़ने आया था। लंच करने के बाद वह कक्षा में पढ़ाई कर रहा था तभी पढ़ते पढ़ते अचानक बेंच से लुढ़क गया। आनन फानन में इसकी सूचना परिजनों को देते हुए उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। मगर चिकित्सकों ने उसके नब्ज को टटोलते ही मृत घोषित कर दिया। 

उन्होंने बताया कि परिजनों से यह मालूम हुआ कि दो तीन दिन से इसकी तबियत खराब थी और फीवर लग रहा था। लेकिन आज तबियत में सुधार आने के बाद स्कूल आया और उसकी मौत हो गई। जिला पार्षद ने ठंड से मौत की आशंका जताई है। 

फिलहाल पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराकर उसके शव परिजनों को सुपर्द कर दिए है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की सही जानकारी उपलब्ध हो पाएगी।      

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (आइडीए) अभियान की होगी शुरुआत, इतने लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का रखा गया है लक्ष्य

औरंगाबाद : आगामी 10 फरवरी से जिले के सभी प्रखंडों में सर्वजन दवा सेवन (आइडीए) अभियान की शुरुआत होगी। इस वर्ष पूरे जिले में 26, 28, 968 स्वस्थ लोगों की अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अभियान 10 फरवरी से शुरू होकर अगले 17 दिनों तक चलेगा। जिसमें शुरुआत के तीन दिनों तक जिले के सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बूथ लगाकर आशा दीदी के द्वारा दवा खिलायी जाएगी। 

उक्त दवा का सेवन सभी बच्चे मध्याह्न भोजन खाने के बाद करेंगे। इसके बाद आशा दीदी के अलावा टीम के अन्य सदस्य घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएंगी। उक्त बातें बुधवार को सिविल सर्जन सभागार में सीफार के द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. किशोर कुमार ने कही।

अभियान के दौरान 26, 28, 968 लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य 

डॉ. किशोर कुमार ने बताया कि इस वर्ष पूरे जिले के सभी प्रखंडों में 26, 28, 968 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर की टीम में कुल 1547 स्वास्थ्य कर्मी और आशा दीदी तथा सेविका और सहायिका शामिल रहेंगी। इसके अलावा इनकी 156 सुपरवाइजर भी बनाए गए हैं। साथ ही दवा सेवन के दौरान किसी भी प्रखंड से कोई उल्टी या मिचली तथा चक्कर देने की शिकायत मिलती है तो, उसकी निगरानी के आरआरटी टीम (रैपिड रेस्पॉन्स टीम) के सदस्य मौके पर पहुंचकर उसकी देखभाल करेंगे। इसके अलावा सीफार संस्था के द्वारा पेशेंट प्लेटफार्म सदस्य के द्वारा भी कम्युनिटी के बीच जागरूकता अभियान चलाकर दवा सेवन के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। जो अभियान की सफलता के लिए काफी अहम कड़ी साबित हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिए मीडिया कर्मियों की भूमिका काफी अहम है। क्योंकि आपके माध्यम से सी अभियान का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा। तभी हम अपने जिले से फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। इसलिए इस अभियान को सफल बनाने के लिए हम सभी को एकजुटता के साथ काम करना है। कार्यशाला में भीडीसीओ हर्षवर्धन कुमार, पीसीआई के जिला समन्वयक विशाल कुमार चौहान, डब्ल्यूएचओ के एक्सटर्नल मानीटर मुकेश कुमार, पेशेंट प्लेटफार्म के सदस्य संजय कुमार गुप्ता, सीफार के प्रतिनिधि जफर इकबाल समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

जिले में 26.28 लाख लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा :ध्यान रखने योग्य जानकारी

 

- खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।

- दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।

- अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।

- फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।

- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी

 

जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पूर्व विधायक सुरेश मेहता की पुत्र वधू बनी पैक्स अध्यक्ष, निकटम प्रतिद्वंदी को 62 मतों से दी मात

औरंगाबाद : जिले के सदर प्रखंड के बेला पैक्स से राजद के पूर्व विधायक सुरेश मेहता की पुत्र वधू हेमलता मौर्या पहली बार पैक्स अध्यक्ष बनी है।

उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी सुनैना देवी को 62 मतों से पराजित की है। 

चुनाव परिणाम आने के बाद निर्विचित हुई हेमलता मौर्या के पति शिवपूजन मेहता ने बताया कि पिछले कई वर्षो से हम इस पैक्स में किसानों को सेवा देते आ रहे है। इसबार जनता ने हमे पुनः क्षेत्र के विकास करने का मौका दिया है।

सरकार के द्वारा जो किसानों के लिए योजना चलाई जा रही हैं उसे हम धरातल पर उतरेंगे। सही मूल्य पर धान व खाद की आपूर्ति की जाएगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

डीएम की अध्यक्षता मे धान अधिप्राप्ति से संबंधित जिला टास्क फोर्स की हुई बैठक, दिए कई निर्देश

औरंगाबाद: आज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभा कक्ष में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2023-24 अन्तर्गत धान अधिप्राप्ति से संबंधित जिला टास्क फोर्स की बैठक आहूत की गई। 

बैठक में अब तक जिला में हुए धान खरीद की समीक्षा की गई। जिलान्तर्गत अबतक 51% अधिप्राप्ति की गई है।

जिला पदाधिकारी द्वारा सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने कार्यभारित प्रखंडों में दैनिक कार्ययोजना बनाकर समितियों के अध्यक्षों एवं संबंधित पैक्स के किसानों से समन्वय स्थापित कर सप्ताह के अन्त तक 80% अधिप्राप्ति करना सुनिश्चित करेंगे। 

जिला पदाधिकारी द्वारा सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों एवं उनके समितियों को यह निदेश दिया गया कि किसी भी परिस्थिति में समिति में क्रय किए गए धान के विरूद्ध किसानों को भुगतान 48 घंटे के अन्दर कर दिया जाए तथा किसी भी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के आवंटित समितियों में 100% से कम भुगतान नहीं होना चाहिए। 

उक्त बैठक में अपर समहर्त्ता ललित रंजन भूषण, अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद श्री विजयंत, वरीय उपसमाहर्ता (अधिप्राप्ति), जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री श्रीन्द्र नारायण, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, श्री विजय बहादुर सिंह, तथा दाउदनगर एवं कॉ-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन श्री संतोष कुमार सिंह भाग लिए। इसके अतिरिक्त समीक्षा हेतु औरंगाबाद जिलान्तर्गत सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, सहायक महाप्रबंधक (सी०एम०आर०) एवं उसना राईस मिलों के व्यवस्थापक थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में आत्मा योजनान्तर्गत दो दिवसीय किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्शनी का हुआ आयोजन

औरंगाबाद : जिले में आज 6 फरवरी को संयुक्त कृषि भवन, औरंगाबाद के प्रांगण में आत्मा योजनान्तर्गत दो दिवसीय ‘‘किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्शनी ‘‘ कार्यक्रम 2023-24 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उदघाटन श्रीमति प्रमिला देवी, जिला परिषद्, अध्यक्ष, औरंगाबाद, श्री ललित भुषण रंजन, अपर समाहर्त्ता, औरंगाबाद, श्री राम ईश्वर प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद एवं वरिय वैज्ञानिक-सह-प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरीस के द्वारा किया गया।

‘‘किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्शनी ‘‘ में विभिन्न प्रखंड से आये प्रगतिषिल किसानों के द्वारा कृषि प्रदर्शनी लगाया गया है। कृषि प्रदर्षनी में श्री संजय कुमार सिंह, ग्राम-बेलाड़ी के द्वारा फुलगोभी, बंन्दागोभी, पपीता, सलजम, परसबिन एंव ब्रौकली, श्रीमति शारदा कुमारी, कदु, बैगन, टमाटर श्री ब्रजेष कुमार, ग्राम-कदिआही, ओबरा के द्वारा सोंठ, लहसुन, चुकन्दर, अंजीर, आम एवं पुष्प, श्री सत्यनारायण सिंह, ग्राम-बेरी, मदनपुर के द्वारा षिमला मिर्च, करैला श्रीमति रेखा कुमारी, ग्राम-दधपी, गोह के द्वारा पपिता, शलजम, ब्रौकली, गाजर श्री ब्रजकिषोर मेहता, ग्राम-चिल्लहकी विगहा अम्बा के द्वारा स्ट्रा बेरी आदि के साथ जैविक खेती से किये गये खेती का यथा सब्जी, फल एंव फूल का कृषि प्रदर्षनी लगाया गया।

साथ ही कृषि वैज्ञानिक के द्वारा गरमा मौसम में उगाई जाने वाली फसलों की वैज्ञानिक खेती किसान भाई कैसे करें, ताकि फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ायी जा सके। अपर समाहर्त्ता द्वारा बताया गया कि परम्परागत कृषि के अतिरिक्त नई तकनिकी आधारित विषेष फसलों पर यथा सरसो, मक्का, स्ट्राबेरी, पपिता आदि की खेती करने हेतु विषेष जोड़ दिया गया।

इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा गराम बीज वितरण, किसान क्रेडिट कार्ड, पी0किसान एवं अनुदान प्रत्यक्षण के बारे में जिला कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा बताया गया। सहायक निदेषक, पौधा संरक्षण द्वारा रबी एवं गराम फसलों में लगने वाले किट व्याधी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई एवं पौधा संरक्षण विभाग से संचालित होने वाले योजनाओं यथा ड्रोन, खेती बाड़े कृषि क्लिनिक के बारे में सभी किसान भाईयों को जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में सहायक निदेषक, पौधा संरक्षण, सहायक निदेषक, रसायन, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद/दाउदनगर विभिन्न प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलहाकार, प्रखंड तकनिकी प्रबंधक, सहायक तकनिकी प्रबंधक एवं किसान बन्धु उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र