औरंगाबाद में 40 वर्षीय किसान की गोली मारकर हत्या, अज्ञात अपराधियों ने कई लोगों के बीच घटना को दिया अंजाम

औरंगाबाद : जिले में अपराधी पूरी तरह से बेखौफ हो गए है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। बेखौफ अपराधी हत्या और लूट जैसी घटना को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। ताजा मामला माली थाना क्षेत्र के पांडेय कर्मा गांव से सामने आया है। जहां बीते रविवार की रात अज्ञात अपराधियों ने एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी। ग्रामीणों ने किसान को जिंदा समझकर सदर अस्पताल लाए मगर चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।

मृतक किसान की पहचान गांव के ही 40 वर्षीय कमलेश पांडेय के रूप में की गई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पहुंचकर घटना का जायजा लिया और वहां से एक खोखा बरामद किया है। किसान को अपराधियों ने गोली क्यों मारी फिलहाल इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। 

परिजनों ने बताया कि रात्रि के समय कमलेश शिव मंदिर के समीप स्थित चबूतरा पर गया था जहां गांव के कुछ लोग बैठे हुए थे। इसी दौरान अपराधियों द्वारा इसे गोली मार दी और गोली मरने के बाद वे फरार हो गए। 

माली थाना पुलिस इस हत्या को लेकर कई बिंदुओं पर जांच में जुटी हुई है। घटना के बाद सोमवार की सुबह साढ़े 9 बजे पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौप दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की जेल और लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, मोदी सरकार ला रही सख्त कानून

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केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए एक बेहद सख्त कानून ले कर आई है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 लोकसभा में आज पेश कर दिया गया। इस बिल का मकसद परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकना है। पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रवाधान किया गया है। वहीं दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक संसद में पेश किया। इसमें पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन से पांच साल की सजा का प्रस्ताव है। बिल का उद्देश्य यूपीएससी,एसएससी, रेलवे, नीट, जेईई और सीयूईटी सहित तमाम परीक्षाओं में चीटिंग को रोकना है। इन परीक्षाओं में लाखों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।

इस प्रस्तावित कानून के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों से संबंधित सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे। अगर ये विधेयक पारित हो जाता है, तो परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी में शामिल व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, परीक्षा के लिए सेवा प्रदाता पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा की आनुपातिक लागत कंपनी से ही वसूली जाएगी। सेवा प्रदाता को 10 साल की जेल और चार साल की अवधि के लिए परीक्षा आयोजित करने का कोई भी अनुबंध लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा।

इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में आए दिन पेपर लीक और नकल की घटनाएं होती रहती हैं। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कई राज्यों में पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी और दोबारा एग्जाम कराने पड़े।वहीं दोबारा से परीक्षा कराने पर राज्य सरकार का पैसा खर्च होता है और कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार और स्थानीय प्रशासन को छात्रों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे पीएम मोदी, बीजेपी ने पार्टी सांसदों के लिए जारी किया व्हिप

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने वाले हैं। बजट सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में अपने सभी सांसदों को मौजूदा बजट सत्र के चौथे दिन निचले सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किया है।

सदन में आज होने वाले कार्यों की लिस्ट के मुताबिक, लोकसभा सांसद रवनीत सिंह और रामशिरोमणि वर्मा 14 दिसंबर, 2023 को सदन की बैठकों से सदस्यों की गैरमौजूदगी पर समिति की बारहवीं बैठक का विवरण सदन के पटल पर रखेंगे। लोकसभा सांसद पीपी चौधरी और एनके प्रेमचंद्रन 'क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला' विषय पर विदेश मामलों की समिति (सत्रहवीं लोकसभा) की 28वीं रिपोर्ट पेश करेंगे।

बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से जुड़े 'प्रशिक्षण महानिदेशालय के कामकाज' पर श्रम, कपड़ा और कौशल विकास पर स्थायी समिति की 49वीं रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के लागू होने की स्थिति के बारे में एक बयान देंगे।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण (हिंदी और अंग्रेजी वर्जन) प्रस्तुत करेंगी।

केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन के लिए जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, 2024 विधेयक आज राज्यसभा में पेश करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी सत्र के इस साल अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है, जो 10 दिनों की अवधि में आठ बैठकों में चलेगा और 9 फरवरी को समाप्त हो सकता है।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने लगभग 74 मिनट के संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया।

एनआईटी पटना में बढ़ेगी एक हजार और सीटें, कैंपस में बनाया जाएगा इंक्यूबेशन सेंटर : मुख्यमंत्री

डेस्क : एनआईटी पटना में एक हजार सीटें और बढ़ेंगी। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। उक्त एलान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते रविवार को एनआईटी परिसर में बीसीई-एनआईटी के पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जब इस कॉलेज में पढ़ते थे, तो इसकी क्षमता पांच सौ थी, जो अब बढ़कर पांच हजार हो गई है। बिहटा में इसका दूसरा कैंपस 125 एकड़ में बन रहा है। इसके बन जाने के बाद क्षमता को छह हजार करा दें। इतनी बड़ी संख्या में देश में कहीं और नामांकन नहीं होता है।

इस मौके पर उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एनआईटी का कैंपस बिहटा में बन रहा है, पर पटना में स्थापित ही एनआईटी-1 कहलाएगा और यह सबदिन बना रहेगा। बिहटा में बन रहा भवन एनआईटी पटना का दूसरा हिस्सा होगा।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस संस्थान से पासआउट हुए 51 साल हो गये। इस समारोह में हर साल हम आते हैं। इसमें पुराने सहपाठियों से मिलने का मौका मिलता है। पुराने साथियों से मिलकर काफी खुशी होती है। पटना साइंस कॉलेज में पढ़ने के बाद मैंने इसमें नामांकन लिया था। उस समय यहां 500 विद्यार्थी पढ़ते थे। छात्र यूनियन के चुनाव में मेरे कहने पर 500 में 450 समर्थन में वोट करते थे। उस बात को हम कभी भूल नहीं सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी की सरकार में मैं मंत्री था, तब देश में 14 जगहों पर एनआईटी बन रहा था। हमने आग्रह किया कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग देश का छठा कॉलेज है, जिसे एनआईटी का दर्जा मिलना चाहिए। उसी समय वर्ष 2004 में इस कॉलेज को एनआईटी का दर्जा मिला। इसका विस्तार करने के लिए बिहटा में 125 एकड़ जमीन दी गई है, जहां कैंपस बनकर तैयार हो गया है। यहां भी छह हजार छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग पढ़ते थे तो लड़कियां इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं पढ़ती थीं। हमने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिग कॉलेज की स्थापना करायी और उसमें लड़कियों के लिए 35 प्रतिशत सीटें आरक्षित की।

जनता की भावना के अनुकूल पार्टी ने लिया निर्णय, बिहार को बचाना हमारी प्राथमिकता थी : विजय कुमार सिन्हा

डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है। वहीं मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के विभागों के बंटवाड़े के साथ अब कामकाज भी शुरु हो गया है। जिसके बाद अब बीजेपी कोटे से बिहार के डिप्टी सीएम बने विजय कुमार सिन्हा ने जदयू के साथ जाकर सरकार बनाने को लेकर बड़ी बात कही है। 

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जनता की भावना के अनुकूल हमलोगों ने निर्णय लिया है। बिहार को बचाना हमारी प्राथमिकता थी। ऐसे में अपनी भावनाओं का महत्व कम हो जाता है, जनता की भावना का महत्व ज्यादा हो जाता है। 

दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राजद पर भी जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी बनने चले थे, पर वो असफल रहे। लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे परिवार ने सत्ता का दुरुपयोग किया। 

उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया एनडीए सरकार में शुरू हुई थी। जातिगत गणना में सदन के अंदर एनडीए ने निर्णय लिया था। जनता सब देख रही है। राजद के लोग जितनी उपलब्धि गिना रहे हैं, वो सभी निर्णय एनडीए सरकार में हुए थे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जनादेश एनडीए को दिया था। उन्होंने कहा कि राजद ने बिहार को बदनाम और भयभीत किया। नौजवानों को पलायन के लिए विवश किया। वो लोग तिकड़म करके सरकार में आये थे। भाजपा ने जनादेश का सम्मान किया है।

बताते चले कि पिछली बार एनडीए से अलग होकर जब नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाया था। उसके बाद से बीजेपी द्वारा लगातार यह बात की गई थी कि अब नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के सारे दरवाजे बंद हो चुके है। किसी भी कीमत पर अब बीजेपी उनके साथ गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन बीते जनवरी माह के अंतिम सप्ताह मे अचानक बिहार की राजनीति में बड़ा उलट-फेर हुआ। जदयू और बीजेपी के बीच चल रही 17 माह की तल्खी और बयानबी के बीचे अचानक विराम लगते हुए दोनों साथ आकर बिहार में सरकार बना लिया।

डीएम ने झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के मुख्य सड़क मार्ग पर बने चार उत्पाद चेक पोस्टों का किया निरीक्षण, अधीक्षक, मद्यनिषेध को चेक पोस्टों पर तैन


औरंगाबाद : आगामी लोकसभा के मद्देनज़र जिला पदाधिकारी द्वारा आज झारखंड से सटे क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। इसी क्रम में सीमावर्ती क्षेत्र के मुख्य सड़क मार्ग पर बने चार उत्पाद चेक पोस्टों का भी भ्रमण एवं निरीक्षण किया गया।

जिला पदाधिकारी ने चेक पोस्टों पर उपस्थित पदाधिकारीयों को आवासन की आवश्यक सुविधा देने का निर्देश अधीक्षक, मद्यनिषेध को दिया। उन्होंने सभी चेक पोस्टों पर गहनता से जांच हेतु ट्राली की संख्या बढ़ाने का निर्देश भी दिया। 

साथ ही एरका चेक पोस्ट पर ओवरलोड वाहनों की जांच हेतु जिला परिवहन पदाधिकारी को एक अधिकारी प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया। 

इस भ्रमण एवं निरीक्षण के क्रम में जिला परिवहन पदाधिकारी, परिवहन विभाग के अन्य पदाधिकारी, अधीक्षक मद्यनिषेध एवं मद्यनिषेध विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार की नई एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में किसे मिला कौन सा विभाग, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार में एनडीए सरकार बनने के कई दिन बीते जाने के बाद कैबिनेट का विस्तार नहीं होने को लेकर कई तरह के चर्चाओं का बाजार गरम था। विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा था, लेकिन शनिवार को इसपर विराम लग गया। नीतीश की नई सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे में वर्ष 2020 का ही फॉर्मूला चला। 

हालांकि जदयू के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के बाद राजद व कांग्रेस को भाजपा कोटे वाले विभाग मिले थे। पिछले मंत्रिमंडल में राजद को जदयू कोटे का शिक्षा विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग भी मिला था। अब फिर से दोनों जदयू के पास चले गए हैं। सूचना प्रावैधिकी 2020 में भाजपा के पास था जो अब हम के पास गया है। 2020 में लघु जल संसाधन हम के पास था, यह महागठबंधन सरकार में जदयू के पास था। अब यह भाजपा कोटे में हैं। पशु एवं मत्स्य संसाधन वीआईपी के पास था, अब भाजपा के पास है। खेल राजद को मिला था, अब भाजपा के पास है।

इन्हें मिला यह विभाग

नीतीश कुमार सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं है

सम्राट चौधरी वित्त, वाणिज्यकर, नगर विकास एवं आवास, स्वास्थ्य, खेल, पंचायती राज, उद्योग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, विधि

विजय कुमार सिन्हा कृषि, पथ निर्माण, राजस्व एवं भूमि सुधार, गन्ना उद्योग, खान एवं भूतत्व, श्रम संसाधन, कला-संस्कृति एवं युवा, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण

विजय कुमार चौधरी जल संसाधन, संसदीय कार्य, भवन निर्माण, परिवहन, शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क

बिजेन्द्र प्रसाद यादव ऊर्जा, योजना एवं विकास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, ग्रामीण कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण

डॉ. प्रेम कुमार सहकारिता, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, पर्यटन

श्रवण कुमार ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण

संतोष कुमार सुमन सूचना प्रावैधिकी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण

सुमित कुमार सिंह विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा

पूर्व डिप्टी पीएम एल.के आडवाणी को भारत रत्न मिलने पर फोन कर सीएम नीतीश ने दी बधाई

डेस्क : बीजेपी के संस्थापक सदस्य व देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह ‘एक्स’ पर इसका ऐलान किया। उन्होंने इसे अपने जीवन का बेहद भावुक क्षण बताया।

इधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिये जाने की घोषणा पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर श्री आडवाणी को इसकी बधाई दी। इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी से दूरभाष पर बात की और बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनंदन किया। 

मुख्यमंत्री ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी का देश के विकास में बड़ा योगदान है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्होंने देश के गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में काफी बेहतर कार्य किया। आडवाणी जी देश के सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। वाजपेयी जी की सरकार में मुझे उनके सानिध्य में काम करने का मौका मिला। आडवाणी जी का स्नेह मुझे हमेशा मिलता रहा है और उनसे कई चीजें सीखने का भी मौका मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आडवाणी जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिये जाने का केन्द्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन करता हूं।

बिहार की नई एनडीए सरकार का वर्ष 2020 के फॉर्मूला पर हुआ विस्तार, जदयू के पास 19 और बीजेपी को 2 अधिक के साथ 23 विभाग

डेस्क : बिहार में एनडीए सरकार बनने के कई दिन बीते जाने के बाद कैबिनेट का विस्तार नहीं होने को लेकर कई तरह के चर्चाओं का बाजार गरम था। विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा था, लेकिन शनिवार को इसपर विराम लग गया। बजट सत्र को ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। राजभवन के आदेश पर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी की। 

नीतीश की नई सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे में वर्ष 2020 का ही फॉर्मूला चला। एक को छोड़ सारे विभागों का बंटवारा उसी तर्ज पर हुआ है। उस समय सूचना प्रावैधिकी भाजपा के पास थी, इस बार हम को मिला है। वहीं तब की सरकार में शामिल वीआईपी पार्टी के हिस्से के दोनों विभाग भाजपा कोटे में आ गये हैं। वहीं ताजा गठित खेल विभाग भाजपा के पाले में है।

2020 के बाद गठित नीतीश सरकार में जदयू के पास 19 विभाग थे, इस बार भी उतने ही हैं। भाजपा 21 से 23 पर पहुंच गई। लघु जल संसाधन और पशु एवं मत्स्य संसाधन और खेल नए विभाग मिले हैं।

विभागों पर गौर करें तो 2020 की एनडीए सरकार में भाजपा कोटे के मंत्रियों को जो विभाग मिले थे, शनिवार को कमोवेश वही हिस्से में फिर से मिले हैं। अलबत्ता हम के कोटे में एक नया विभाग अवश्य आया है।

बिहार की नई एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में एनडीए सरकार बनने के कई दिन बीते जाने के बाद कैबिनेट का विस्तार नहीं होने को लेकर कई तरह के चर्चाओं का बाजार गरम था। विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा था, लेकिन शनिवार को इसपर विराम लग गया। 

बजट सत्र को ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। राजभवन के आदेश पर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी की। हालांकि यह तात्कालिक व्यवस्था है। विश्वास मत हासिल करने के बाद एनडीए सरकार के मंत्रियों की सही तस्वीर सामने आएगी। 

जारी अधिसूचना के अनुसार विभागों का बंटवारा 2020 के फॉर्मूले पर ही किया गया है। हालांकि तब सरकार में शामिल वीआईपी के इस बार नहीं होने से भाजपा के विभागों में वृद्धि हुई है। बंटवारे के अनुसार, भाजपा के पास 23 जबकि जदयू के पास 19 विभाग होंगे। इसके अलावा हम को दो और निर्दलीय को एक विभाग आवंटित किया गया है।