रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में उमड़ा सैलाब, दर्शन के लिए मंदिर के बाहर जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड


प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज वो पहली सुबह है, जब रामभक्त मंदिर में जाकर अपने आराध्य का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।

सोमवार, 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होते ही रामभक्तों का बरसों का इंतजार खत्म हो गया और आज से हर आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेगा। रामलला के दर्शन सुबह 8 से रात 10 बजे तक होंगे। नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।

बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा में 7000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। राम मंदिर करोड़ों रामभक्तों की आस्था का प्रतीक है। मंदिर में भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज में तैयार किया है। मूर्ति में भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों, भगवान हनुमान जैसे हिंदू देवताओं और अन्य प्रमुख हिंदू धार्मिक प्रतीकों की नक्काशी भी शामिल है।

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?


क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।

सदियों की प्रतिक्षा के बाद हमारे राम आ गए, प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले पीएम मोदी



अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है। इसी के साथ रामभक्तों का 500 साल का लंबा इंतजार खत्म हो गया है।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि सदियों के इंतजार के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। वो अब टेंट में नहीं रहेंगे। वो भव्य मंदिर में रहेंगे।पीएम मोदी ने कहा कि गर्भगृह में साक्षी बनकर आपके सामने खड़ा हूं। ये क्षण आलौकिक है। उन्होंने कहा कि ये क्षण पवित्र है। प्रभु राम का हम सबपर आर्शीवाद है।

पीएम मोदी ने कहा कि यह सामान्य समय नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं। साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। मैं रामभक्त हनुमान को प्रणाम करता हूं। मैं माता जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को प्रणाम करता हूं। मैं सबको प्रणाम करता हूं। मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूं। वे दिव्य आत्माएं, वे दैवीय विभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं। मैं इन सबको नमन करता हूं। मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं कर पाए।

हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे-पीएम मोदी

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। मैं आज प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए। आज वह कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।

अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा-पीएम मोदी

लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया। त्रेता युग में तो वह वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के तो संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान है। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं भारत की न्यायपालिका का आभार व्यक्त करूंगा, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना।

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा,ना दुश्मनों की निन्दा और गुनी से बैर ठीक नही


रांची: हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची के हरमू मैदान में श्री राम कथा का आयोजन किया गया. 

स्वामी उमाकांतानंद जी महाराज ने देवराज के पुत्र जयंत व नारद जी के वृतांत पर चर्चा कर कथा के मर्मज्ञ को समझाया. उन्होंने कहा कि दुश्मन की निंदा कभी नहीं करें और गुणी व्यक्ति से बैर नहीं करें. प्रवक्ता प्रमोद सारस्वत ने बताया कि 22 जनवरी को हरमू मैदान में हवन व भंडारा का आयोजन किया गया है.

अयोध्या धाम में श्रीरामललाजी की प्राण प्रतिष्ठा की पावन बेला में आज झारखंड के 51 हजार मंदिरों में हो रही है पूजा,


रांची: श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या धाम में श्रीरामललाजी की प्राण प्रतिष्ठा की पावन बेला में रांची सहित पूरे प्रदेश में 51000 मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान, महाआरती, महाप्रसाद वितरण एवं दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा. 

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान के लिए सुबह 11 बजे रांची में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव निवारणपुर तपोवन मंदिर, प्रांत उपाध्यक्ष चंद्रकांत रायपत धुर्वा श्री जगन्नाथ मंदिर, प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह हिनू चौक हनुमान मंदिर, प्रांत उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता मेडिकल चौक दुर्गा मंदिर, प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु बड़ागांई चौक श्री हनुमान मंदिर, प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो इटकी रोड शिव मंदिर, प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख मिथिलेश्वर मिश्र हटिया चौक हनुमान मंदिर, प्रचार प्रसार प्रांत सहप्रमुख प्रकाश रंजन चुटिया श्री राम मंदिर, गोरक्षा प्रांत उपाध्यक्ष गिरजा शंकर पांडेय कांके चौक हनुमान मंदिर, रांची विभाग मंत्री किशुन झा साकेत नगर हिनू हनुमान मंदिर, बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक राजकिशोर बरियातू स्टॉफ क्वार्टर शिव मंदिर, बजरंग दल रांची विभाग संयोजक प्रिंस आजमनी मेन रोड संकट मोचन मंदिर, रांची विभाग सेवा प्रमुख रवि शंकर राय विहिप कार्यालय दुर्गा मंदिर, रांची महानगर अध्यक्ष कैलाश केसरी चुटिया राम मंदिर,रांची महानगर मंत्री हिनू शिवपुरी महादेव मंदिर, महानगर उपाध्यक्ष गोपाल पारीक चैती दुर्गा पूजा मंदिर भुतहा तालाब, महानगर उपाध्यक्षा डॉ ज्योतिका श्रीवास्तव लालपुर चौक मंदिर, बजरंग दल रांची महानगर संयोजक अंकित सिंह तुपुदाना हनुमान मंदिर, बजरंग दल रांची महानगर सहसंयोजक दीपक साहु बड़ागांई श्री श्री पंचदेव मंदिर सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के सभी अनुषांगिक संगठनों, धार्मिक संगठनों, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों में उपस्थित रहेंगे. 

बड़गाईं चौक के श्री हनुमान मंदिर में प्रातः 8 बजे पूजन-अर्चन करके सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ करेंगे. 11 बड़गाईं श्री पंचदेव मंदिर, 11:45 बजे बड़ा तालाब दुर्गा मंदिर, एवं 12:30 बजे महावीर चौक स्थित हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

दुमका : 45 वां झारखण्ड दिवस की तैयारी शुरू, पार्टी नेताओं ने कमर कसी, विरोधियों को करारा जवाब देने की तैयारी

दुमका : झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का दो फरवरी को होनेवाला 45 वाँ झारखण्ड दिवस समारोह कई मायनों में अहम् होगा। चुनावी वर्ष में होनेवाले झारखण्ड दिवस समारोह को सफल बनाने के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है।

45 वें झारखण्ड दिवस की तैयारियों के मद्देनजर रविवार को दुमका क्लब में पार्टी नेता एवं केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पार्टी नेताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने के साथ ही विरोधियों को चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया।

बैठक को संबोधित करते हुए महेशपुर के झामुमो विधायक प्रो.स्टीफन मरांडी ने कहा कि पहले देश में राम मंदिर के निर्माण के नाम और अब प्राण-प्रतिष्ठा के नाम पर राजनीति हो रही है। इसमें खास लोगों को न्यौता दिया गया है। शाहरूख खान, आमिर खान और सलमान खान को न्यौता नहीं मिला है। अयोध्या से आए अक्षत के नाम पर घर-घर में स्थानीय दुकानों से खरीदे गए चावल को बांट कर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं का चाल-चरित्र देश की जनता भी समझ रही है। दो फरवरी को दुमका के गांधी मैदान से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका जाएगा। संताल परगना के तीनों लोकसभा और 18 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य तय कर झामुमो कार्यकर्ता पूरे दमखम से विरोधियों को अपनी जमीनी ताकत का एहसास कराने का संकल्प लेकर यहां से वापस लौटेंगे। प्रो.स्टीफन ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों व गैर-भाजपा शासित राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से जनहित में काम करने वाली सरकारों को टार्चर करने की वजह से जनाक्रोश तेजी से फैल रहा है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी ईडी का शिकंजा कसने का प्रयास हो रहा है जिसका मुंहतोड़ जवाब दो फरवरी की रैली के माध्यम से दिया जाएगा। केंद्र सरकार और एजेंसियों को यह एहसास करा दिया जाएगा कि आंदोलनों की उपज झामुमो हर लड़ाई को लड़ने में सक्षम है। कहा कि झारखंड में यह लड़ाई पश्चिम बंगाल की तर्ज पर नहीं बल्कि प्रजातांत्रिक तरीके से लड़ा जाएगा। कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को लड़ने के लिए हरेक मोर्चा पर हर समय तैयार रहने की जरूरत है।

वहीं पार्टी विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ संताल परगना की जनता में आक्रोश है। केंद्र ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। पार्टी नेताओं को टॉर्चर किया जा रहा है जिसका जवाब यहाँ की जनता चुनाव में देगी। कहा कि इस बार पार्टी का झारखण्ड दिवस समारोह काफी अहम् होगा।

इससे पूर्व दुमका के विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि अबकी चुनाव में झामुमो का लक्ष्य संताल परगना के तीन लोकसभा और 18 विधानसभा सीटों को जीतना है। इसके लिए कार्यकर्ताओं को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से एकजुट होकर विरोधियों को करारा जवाब देना होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं का गणेश परिक्रमा कराने के बजाए गांव-टोला में जाएं और हेमंत सरकार की एक-एक उपलब्धियों की जानकारी देकर उनकी समस्याओं का समाधान करने में अपनी ताकत लगाएं। कहा कि विरोधी दल हर मोर्चा पर झामुमो को घेरना चाहता है लेकिन झामुमो के कार्यकर्ता अपने संघर्ष और जमीनी ताकत से इन्हें शिकस्त देने का काम करें।

कहा कि विरोधी दल निरंतर किसी न किसी तरह हमारे बीच घुसने का काम कर रहा है। अभी सारा मंदिर सज गया है क्योंकि इनके पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। बसंत ने कहा कि इन्हें अस्पताल और स्कूल से ज्यादा चिंता मंदिर की है। विकास नहीं किए हैं लेकिन फिर इनका आवास बुलंद है और हेमंत सरकार तमाम परेशानियों के बावजूद लगातार जनहित में एक से बढ़कर एक बड़े फैसले लेकर जनता का काम कर रही है। इसे पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत से जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। बसंत ने कहा कि झामुमो कार्यकर्ता झंडा जेब में नहीं बल्कि अपने वाहनों में लगाकर घूमें। अपनी ताकत को पहचानें क्योंकि कार्यकर्ता ही हमारी ताकत हैं । संगठन को मजबूत और धारदार बनाकर विरोधियों को करारा जवाब दें। बसंत ने कहा कि हमारी सरकार और नेता को परेशान किया जा रहा है लेकिन जनता की ताकत हमलोगों की असली ताकत है।

इनके ही दम पर हम विरोधियों से लड़ते-जूझते और परास्त करके आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2024 चुनावी साल है इसलिए हम सबको इसका एहसास होना चाहिए कि हम कहां खड़े हैं और इसके आगे कैसे बढ़ेंगे। बैठक को झामुमो के पूर्व विधायक शशांक शेखर भोक्ता, हेमलाल मुर्मू समेत कई नेताओं ने संबोधित किया। बैठक में संताल परगना के सभी छह जिलों से पार्टी के पदाधिकारी पहुंचे थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : गरीब व वंचित बच्चों की हमदर्द बनी दिव्या, झुग्गी के बच्चों को देती है शिक्षा, डीसी ने किया सम्मानित

दुमका : दिव्या कुमारी दुमका के ए0 एन0कॉलेज में

सेमेस्टर चार की छात्रा है और इन दिनों वो दुमका के हाट परिसर में स्थित संध्या विद्यालय में गरीब व वंचित एवं झुग्गी झोपड़ी में रहनेवाले दर्जनों बच्चों को शिक्षा दे रही है।

दिव्या काठीकुंड के महुआगडी की रहने वाली है। वहीं महुआगड़ी जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। उस क्षेत्र से निकलकर आयी दिव्या आज खुद की पढ़ाई के साथ संध्याकालीन विद्यालय में गरीब व वंचित बच्चों को ककहरा सीखा रही है।

उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे को जब दिव्या के जुनून व जज्बे की जानकारी मिली तो वो खुद दिव्या से मिलने पहुँचे और उसे सम्मानित भी किया।

उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने जिला प्रशासन की और से

हाट परिसर मे संचालित संध्या विद्यालय मे पढ़ रहे बच्चों के बीच पठन -पाठन सामग्री, स्कूल बैग, स्वेटर और खेल सामग्री भी बांटा।

हटिया के आसपास झुग्गी झोपडियों मे रहने वाले मजदूरों और स्वीपर आदि का काम करने वालों के करीब दो दर्ज़न से ज्यादा बच्चे स्कूल के बाद शाम मे यहाँ पढ़ते है और इनमे से ज्यादातर बच्चे पहले स्कूल भी नहीं जाते थे और कुछ ड्राप हो गए थे। जिला प्रशासन द्वारा सभी का नामांकन विद्यालय मे कराया गया है और अब सभी नियमित विद्यालय भी जाते है। उपायुक्त ने यहॉँ बच्चों को निशुल्क पढ़ाने वाली पहाड़िया समुदाय की दिव्या कुमारी को भी सम्मानित किया। दिव्या पहाड़िया बालिका छात्रावास डी. सी. चौक मे रहकर पढ़ाइ जारी रखे हुई है.

मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनिता कुजूर, जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कच्छप, सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार, सदस्य

डॉ राजकुमार उपाध्याय एवं कुमारी विजय लक्ष्मी, किरण तिवारी, प्रकाश चंद्र,

ग्राम ज्योति की सचिव

आशा आदि उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व भाजपा ने चलाया स्वच्छता अभियान, पीएम के आह्वान पर मंदिरों की साफ सफाई

दुमका : अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम की होनेवाली प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व दुमका के मंदिरों में भाजपा द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया।

भाजपा के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश के सभी तीर्थ स्थलों और मंदिरों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने का आह्वान किया है।

पीएम के आह्वान पर गुरुवार को कानूपाड़ा स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में जिला कमेटी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने श्रमदान कर स्वच्छता अभियान चलाया। मौके पर पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ लुईस मरांडी, जिला मीडिया प्रभारी पिंटू अग्रवाल, अजय गुप्ता, मनोज साह , सुनील गुप्ता, रामोवतार भालोटिया, राजीव रंजन, जयंत साहा, अजय पाठक, अमित रक्षित, आनंद राजू, प्रिया रक्षित, पूनम साह, रंजना उपाध्याय, सुनील कुमार गुप्ता , नवलकिशोर साह, आनंद कुमार राजू, मुन्ना साह , मनोज साह , कैलाश साह , युगल किशोर साह , बिनोद साह , मिठ्ठु साह , इन्दु साह, राजेश साह, मिट्ठू झा आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : अवैध प्रेम संबंध बनी ओम ट्रैवल्स के मैनेजर की हत्या की वजह, अब मास्टरमाइंड की तलाश, पढ़िए पूरी खबर..


दुमका : ओम ट्रैवल्स के मैनेजर सनोज सेन की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एक कथित शादीशुदा महिला के साथ अवैध प्रेम संबंधों की वजह से सनोज सेन की हत्या की गयी थी हालांकि इस हत्याकांड में अभी कई और खुलासे होने है जिसकी तफ्तीश पुलिस लगातार कर रही है। मामले में फिलहाल एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जो सनोज सेन की प्रेमिका का करीबी बताया जा रहा है। सनोज हत्याकांड का तार गोड्डा से जुड़ा हुआ है और इस चर्चित हत्याकांड को अंजाम देने और साजिश रचनेवाले मास्टरमाइंड की पुलिस तलाश रही है।

दुमका नगर थाना अंतर्गत कुम्हार पाड़ा में बीते वर्ष 30 दिसम्बर की रात ओम ट्रैवल्स के मैनेजर सनोज सेन की अज्ञात अपराधकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सनोज की हत्या उस वक्त हुई जब वो अपने घर लौट रहा था। घर से महज कुछ ही दुरी पर सनोज की हत्या को अंजाम देने के बाद मोटरसाइकिल पर सवार अपराधी फरार हो गए। दुमका पुलिस के लिए इस हत्याकांड से पर्दा उठाना चुनौती बन गयी थी और आख़िरकार करीब 17 दिनों बाद काण्ड के उदभेदन को लेकर लगातार जाँच व अनुसन्धान के बाद पुलिस ने मामले से पर्दा उठाया। 

पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार ने बुधवार को कहा कि मामले में एक संदिग्ध आरोपी राहुल कुमार को पुलिसिया पूछताछ और जाँच के बाद उसकी संलिप्तता सामने आयी और आरोपी राहुल ने सनोज सेन की हत्या के बारे में पुलिस को अहम सुराग दी। आरोपी राहुल गोड्डा जिले के रहनेवाला है और सनोज की कथित प्रेमिका का परिजन है।

 एसपी श्री खेरवार ने कहा कि सनोज हत्याकांड में कथित प्रेमिका के परिजनों एवं अन्य सहयोगियों की भूमिका सामने आयी है हालांकि पुलिस लगातार इस हत्याकांड से जुड़ी कई बिंदुओं पर जाँच और हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश के साथ ही हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी में जुटी हुई है। 

कहा कि सनोज का अवैध प्रेम संबंध उस महिला के परिजनों को नागवार गुजर रही थी और यही सनोज की हत्या की वजह बनी।

मौके पर डीएसपी मुख्यालय विजय कुमार, एसडीपीओ सदर नूर मुस्तफा अंसारी, पुअनि सह अनुसन्धानकर्ता कौशलेन्द्र ठाकुर सहित अन्य मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

ब्रेकिंग, दुमका : सनोज हत्याकांड का खुलासा, एक आरोपी गिरफ्तार, अवैध प्रेम प्रसंग में हुई थी हत्या


दुमका : दुमका पुलिस ने सनोज हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। अवैध प्रेम प्रसंग में सनोज की हत्या की गयी थी। मामले में पुलिस ने एक आरोपी राहुल कुमार को गिरफ्तार किया।

 आरोपी राहुल गोड्डा जिले के पथरगामा के कोरका गाँव का रहनेवाला है। मामले में अन्य आरोपियों की संलिप्तता सामने आयी जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)