महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर मानवाधिकार सदस्यों ने उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किये नमन
गया। गया-नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट कार्यालय में महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि पर मानवाधिकार सदस्यों ने उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। संस्थापक सह सचिव गणेश सिंह ने कहा त्याग, बलिदान और स्वाभिमान के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप कभी मुगलों के आगे नहीं झुके।
उन्होंने अपनी मां से युद्ध कौशल सीखा था। महाराणा प्रताप का हल्दीघाटी का युद्ध बहुत खास माना जाता है। उन्होंने अकबर को अपने बीस हजार सैनिकों से टक्कर देकर पछाड़ा था। महाराणा प्रताप के पास चेतक नाम का एक घोड़ा था। जो उन्हें सबसे प्रिय था। प्रताप की वीरता की कहानियां में चेतक का अपना स्थान है। उनकी फुर्ती रफ्तार और बहादुरी की कई लड़ाइयां जीतने में अहम भूमिका रही।
इतिहासकारों के मुताबिक प्रताप 208 किलो का वजन लेकर लड़ते थे। भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर करीब 208 किलो था। महाराणा प्रताप के अनमोल विचार थे। अन्याय, अधर्म आदि का विनाश करना ही संपूर्ण मानव जाति का कर्तव्य है।
वहीं, इस मौके पर मनीष कुमार, नीलकमल उर्फ़ बब्लू जी, मो० मशकुर आलम, बीरेंद्र कुमार, लक्ष्मण केसरी, धीरज कुमार, अंशु कुमार, अभिषेक मिश्रा, शैलेन्द्र साव, कर्मवीर कुमार, स्वाती बरनवाल एवं अन्य गण्यमान लोग शामिल रहे।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Jan 19 2024, 17:26