शिव पार्वती की कथा का प्रसंग सुन भाव विभोर हुये श्रोतागण
शिवकुमार जायसवाल
सकरन (सीतापुर) सकरन के सुमरावां स्थित बृम्हचारी बाबा स्थान पर आयोजित सात दिवशीय श्री रूद्र महायज्ञ में नैमिष से पधारी कथा ब्यास मनोरमा शास्त्री ने श्रोताओं को शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया ।
उन्होने बताया कि जब भगवान भोलेनाथ नंदी पर सवार होकर गले में सर्पों की माला डालकर भूत प्रेतों के साथ माता पार्वती से शादी करने के लिए बारात लेकर राजा हिमांचल की नगरी पहुंचे तो वहां के लोग बारातियों का रंग रूप देख कर डर के मारे अपने अपने घरों में कैद हो गये।
उसके बाद द्वारपूजन के समय वर पूजन करते वक्त मां पार्वती की माता मैना रानी शिव का रूप देख कर बेहोश होकर जमीन पर गिर गयी उसके बाद होश में आने पर उन्होने अघोरी का रूप बनाये शिव जी से अपनी पुत्री पार्वती का विवाह न करने की बात कही उसी समय वहां नारद जी आ गये और माता मैनारानी को समझाते हुये कहा कि यह अघोरी नही है।
जगतपिता जगदीश्वर सबके स्वामी भगवान भोले नाथ है उसके बाद नारद जी ने भगवान शिव से विनय कर अपने वास्तविक रूप में आने के लिए कहा तो शिव जी ने अपना असली रूप दिखाया भगवान के दर्शन कर मैना रानी ने उनके साथ अपनी पुत्री पर्वती का विवाह सम्पन्न कराया इस मौके पर भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद थे।
Dec 22 2023, 16:06