*एनएसवी पखवारे में मील का पत्थर बना सीएचसी सांडा, पखवारे के चारों नसबंदी ऑपरेशन सीएचसी अधीक्षक ने किए*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। सीएचसी सांडा के अधीक्षक डॉ. अनिल सचान के साझा प्रयासों ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए एक नई इबारत लिखी है। दरअसल परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत बीती 21 नवम्बर से चार दिसम्बर के मध्य पुरुष नसबंदी (एनएसवी) पखवारा का आयोजन किया गया। “स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा” थीम पर इस अभियान को दो चरणों में चलाया गया। इस पूरे अभियान के दौरान जिले भर में कुल चार पुरुष नसबंदी (एनएसवी) हुई हैं, जिनमें से तीन एनएसवी ऑपरेशन सीएचसी सांडा पर और एक सीएचसी सिधौली पर हुआ है।
यह सभी ऑपरेशन सांडा सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अनिल सचान ने किए हैं। सांडा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल सचान ने बताया कि एनएसवी (नॉन स्काल्पल वेसेक्टोमी) की शुरूआत वर्ष 1974 में चीन से हुई थी। इस विधि से किए जाने वाले पुरुष नसबंदी ऑपरेशन में चीरा-टांका नहीं लगता है। इससे पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी भी नहीं आती है। यह सरल ऑपरेशन मात्र 10 मिनट में हो जाता है। ऑपरेशन के एक घंटे बाद व्यक्ति घर जा सकता है और दो-तीन दिन बाद रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पुुरुषों को ही आगे आना चाहिए, क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल होती है।
एनएसवी ऑपरेशन करवाने वाले व्यक्ति का शादीशुदा होना और एक बच्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि अभियान के पहले चरण में एएनएम और आशा द्वारा पुरुषों की पहचान कर उन्हें परिवार नियोजन में पुरुषों की भागेदारी के संबंध में जागरूकता किया गया। इसके बाद इच्छुक पुरुषों का उनकी सहमति से ऑपरेशन किया गया। परिवार नियोजन कार्यक्रम की काउंसलर नीतू गुप्ता बताती हैं कि अभियान के पहले चरण में एएनएम और आशा द्वारा पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के प्रयोग के लिए इच्छुक दंपति की की पहचान की गई। इनमें से नसबंदी कराने वाले पुरुषों को परिवार नियोजन में पुरुषों की भागेदारी के संबंध में जागरूकता किया गया। इसके बाद उनकी सहमति से सीएचसी पर अधीक्षक डॉ. अनिल सचान स्वयं आगे आकर उनका ऑपरेशन किया।
मिलती है प्रोत्साहन राशि
परिवार नियोजन कार्यक्रम के जिला प्रबंधक जावेद खान ने बताया कि नसबंदी ऑपरेशन के मामले में महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि अधिक रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3,000 रुपया और प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपया उनके बैंक खाते के माध्यम से मिलता है। वहीं महिला लाभार्थी को 2,000 रुपया और प्रेरक को 300 रुपया की प्रोत्साहन राशि मिलती है।
पूर्व में बना है रिकॉर्ड
जिले में नवंबर 2004 में तत्कालीन जिलाधिकारी आमोद कुमार एवं सीएमओ डॉ. एसपी राम के प्रयासों से पुरुष नसबंदी को लेकर मेगा कैंप का अयोजन किया गया था। इस कैंप में एक ही दिन में 1,619 एनएसवी ऑपरेशन कर स्वास्थ्य विभाग ने एक कीर्तिमान स्थापित किया गया था।
बोले सीएमओ
सीएचसी सांडा के अधीक्षक डॉ. अनिल सचान की पहल सराहनीय है। उन्होंने पखवारे के बाद भी एक एनएसवी की है। अन्य सीएचसी अधीक्षकों को भी निर्देशित किया गया है कि वह अपने लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत पुरुष नसबंदी कराना सुनिश्चित करें, जिससे परिवार नियोजन कार्यक्रम को और गति मिल सके।
- डॉ. हरपाल सिंह, सीएमओ
Dec 17 2023, 15:01