उत्तराखंड सुरंग हादसा : रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, श्रमिकों को निकालने के लिए अपनाए जा रहे हैं दूसरे विकल्प

डेस्क: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 15 दिनों से 41 मज़दूर फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में नई-नई मुश्किलें सामने आ रही हैं। टनल में ड्रिलिंग मशीन के फंसने के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। रेस्क्यू में अब लंबा वक्त लग सकता है। सुरंग में फंसे ऑगर मशीन के पार्ट्स को निकालने पर काम चल रहा है। इस बीच दो तीन विकल्पों पर भी काम शुरू कर दिया गया है। 

दो-तीन विकल्पों पर काम शुरू

अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑगर मशीन 13.98 मीटर अंदर है, उसे लेजर और प्लाजमा कटर से काटा जा रहा है। इसके लिए लेट ऑवर तक काम होगा। उन्होंने कहा कि दो से तीन विकल्पों पर काम शुरू कर दिया गया।

 एसजीवीएनएल 1.2 मीटर डायमीटर का वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है। भूगर्भशास्त्री ने ड्रिलिंग के लिए नई लोकेशन की पहचान की है। करीब 15 मीटर की क्षैतिज ड्रिलिंग कर ली गई है। हमने एक जगह की पहचान की है जहां से हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है। एक मशीन 44-45 मीटर ड्रिलिंग करती है। इसके बाद दूसरी मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरी मशीन भी आ गई है। 

अहमद ने बताया कि आरीवीएलएल 180 मीटर परपेंडिकुलर हॉरिजेंटल ड्रिलिंग करेगी इसके लिए प्लेटफॉर्म बना रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 28 तारीख को आरवीएनएल ड्रिल शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है। 12 मीटर प्रतिदिन के हिसाब से 15 दिन में 180 मीटर की ड्रिलिंग करेगी। हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं, डिजाइन बना लिया गया है और मंजूरी दे दी गई है... हम इन विभिन्न पक्षों पर काम कर रहे हैं... बड़कोट की ओर से ड्रिलिंग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

परिजनों का हौसला बढ़ाया 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे चंपावत जिले के टनकपुर निवासी पुष्कर सिंह ऐरी के घर जाकर उनके परिजनों का हौसला बढ़ाया और कहा कि सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत से काम किया जा रहा है । धामी ने सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, 'टनल (सुरंग) में फंसे श्रमिक बंधु पुष्कर सिंह ऐरी जी के टनकपुर, चंपावत स्थित आवास पहुंचकर उनके परिजनों से भेंट की एवं उनका हौसला बढ़ाया। ' मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान उन्हें श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की जानकारी दी। 

पूरी ताकत के साथ कार्य कर रहे हैं-धामी

उन्होंने कहा, “हम सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत के साथ कार्य कर रहे हैं।” धामी ने कहा कि सभी मजदूर स्वस्थ हैं और उन्हें जल्द निकाल लिया जाएगा। इस मौके पर लोकसभा सदस्य अजय टम्टा भी मौजूद रहे । सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से ऐरी समेत दो श्रमिक उत्तराखंड के हैं। एक अन्य श्रमिक गब्बर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले हैं । इसके अलावा, 15 श्रमिक झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच-पांच बिहार और ओड़िशा, तीन पश्चिम बंगाल, दो असम और एक श्रमिक हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है । मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र चंपावत के मैदानी इलाके टनकपुर में 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अंतरराज्यीय बस अड्डे का शिलान्यास करने के लिए गए थे । इस मौके पर धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर रोज सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों तथा उनके बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी ले रहे हैं । उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन में तकनीकी दिक्कत आई है और अब वहां हाथों से (मैनुअल) ड्रिलिंग शुरू की गई है।

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धर्मराव बाबा आतराम को नक्सलियों ने दी धमकी, गृहमंत्री से लगाई सुरक्षा की गुहार

डेस्क: महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धर्मराव बाबा आतराम को नक्सलवादियों ने धमकी दी है। नक्सलियों ने अब तक पांच बार उन्हें धमकी दी है। इस पर जानकारी देते हुए मंत्री धर्मराव बाबा आतराम ने कहा कि जो नया खदान का काम दिया जा रहा है उसके बारे में नक्सलवादियों का कहना है कि विभाग के अंदर हूं तो मदद करनी चाहिए। डायरेक्ट तो नहीं लेकिन इनडायरेक्ट तरीके से मुझको सूचना दी धमकी दी। आगे उन्होंने कहा कि जो लोग मारे गए हैं वो भी हमारे लोग हैं। पुलिस पाटिल मेरा आदमी था, गावड़े भी हमारा आदमी था और आतराम भी मेरा आदमी है। सबको एक-एक करके मारा जा रहा है। 

हमने विकास के लिए काम किया

आगे उन्होंने कहा कि गृह विभाग को भी इस बात का ध्यान देना चाहिए, योग्य लोगों को संरक्षण देना चाहिये। मुझे सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं नक्सलियों द्वारा धमकी दिए जाने पर उन्होंने कहा कि धमकी देना उनका काम है, मेरा काम विकास करना है और मैं विकास कर रहा हूं। लोगों ने मुझे विकास करने के चुना है। मैंने आज तक किसी का नुकसान नहीं किया। 

यहां खदान लगने से 4 हजार से 5 हजार लोगों की रोजी-रोटी चल रही है। इसी वजह से यहां करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिला है। आस-पास में जो होटल खुले हैं तो उनको भी काम मिला है। इसके साथ ही पूरे एरिया का डेवलपमेंट हुआ है। यहां पर हॉस्पिटल बने हैं, इंग्लिश मीडियम स्कूल बन रहे हैं. आप देखेंगे कि अगले पांच-दस साल के बाद चित्र कुछ अलग होगा।

सभी को मिलना चाहिए आरक्षण

वहीं ओबीसी के आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी आरक्षण मांग रहा है उसको राज्य सरकार को आरक्षण देना चाहिए। राज्य सरकार किसी को धोखा ना देते हुए आरक्षण देगी। मराठा को भी आरक्षण मिलना चाहिए, ओबीसी को भी आरक्षण मिलना चाहिए। जो भी आरक्षण मांग रहा है उसे आरक्षण देना चाहिए।

सेंट्रल रेलवे ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, केवल विज्ञापन से कमाए 54.51 करोड़

डेस्क: भारतीय रेलवे की ओर से सभी जोनल रेलवे को बिना-टिकट की आय बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। रेलवे की इस कोशिश इसके जरिए पारंपरिक स्त्रोत के अलावा अन्य सोर्स से आय अर्जित करना है। इस कारण सभी रेलवे जोन बिना-टिकट से होने वाली आय बढ़ाने की कोशश कर रहे हैं। 

सेंट्रल रेलवे की विज्ञापन से आय 54 करोड़ पहुंची 

फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय रेलवे की इस पहल का असर सेंट्रल रेलवे की विज्ञापन से होने वाली आय पर दिखा है। अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच सेंट्रल रेलवे ने केवल विज्ञापन से 54.51 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। इसमें से ट्रेन के डिब्बों पर विनाइल रैपिंग से 8.19 करोड़ रुपये, स्टेशनों पर होर्डिंग विज्ञापनों से 28.61 करोड़ रुपये और रेलवे स्टेशनों पर टीवी स्क्रीन विज्ञापनों से 17.72 करोड़ रुपये हासिल किए हैं। 

सेंट्रल रेलवे की कुल आय 

बता दें, सेंट्रल रेलवे में मुंबई, भुसावल, नागपुर, सोलापुर और पुणे जैसे डिवीजन आते हैं। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक सेंट्रल रेलवे ने 90.76 करोड़ यात्रियों से 4,129.30 करोड़ रुपये की आय आर्जित की है। इसमें से उपनगरीय अनारक्षित टिकटिंग से 525.34 करोड़ रुपये, गैर-उपनगरीय अनारक्षित टिकटिंग से 700.31 रुपये, यूटीएस से 1225.65 रुपये और यात्री आरक्षण प्रणाली से 2903.96 करोड़ रुपये कमाए हैं।

अक्टूबर महीने में जोनल रेलवे को पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम से 436.18 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इसी अवधि में उपनगरीय टिकट बिक्री से 78.13 करोड़ रुपये, गैर-उपनगरीय टिकटिंग से 115.49 करोड़ रुपये और यूटीएस से 193.62 करोड़ रुपये की कमाई हुई। जोनल रेलवे ने यात्रियों से असुविधा से बचने और सम्मानपूर्वक यात्रा करने के लिए उचित और वैध रेलवे टिकट के साथ यात्रा करने की अपील की है।

मैं हर दिन बीजेपी से लड़ता हूं, मेरे खिलाफ 24 मामले हैं", तेलंगाना में राहुल गांधी ने BRS-BJP को घेरा

डेस्क: तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए सभी सीटों पर एक ही फेज में वोट डाले जाएंगे। उससे पहले जीत दर्ज करने को लेकर सभी दल जोर अजमाइश कर रहे हैं। तमाम दलों के नेता लगातार जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। इस बीच, तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के एंडोला में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ दल बीआरएस के साथ बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा।

राहुल गांधी ने कांग्रेस का बताया लक्ष्य

राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना में सत्ता में बने रहें। बीआरएस और बीजेपी के बीच छुपी साझेदारी का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का पहला लक्ष्य तेलंगाना में केसीआर को हराना है और फिर केंद्र से मोदी सरकार को हटाना है। राहुल गांधी पार्टी उम्मीदवार पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा के लिए प्रचार करने के लिए एंडोले में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि BJP, BRS और AIMIM एक साथ है और कांग्रेस इन सभी से लड़ रही है। 

जीएसटी-नोटबंदी-कृषि बिलों का किया समर्थन

उन्होंने दावा किया कि बीआरएस ने जीएसटी, नोटबंदी और कृषि बिलों पर मोदी सरकार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ''चूंकि मैं हर दिन बीजेपी से लड़ता हूं, मेरे खिलाफ 24 मामले हैं, लेकिन केसीआर के खिलाफ ED, CBI या IT का एक भी मामला नहीं है।'' राहुल गांधी ने AIMIM पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां भी कांग्रेस बीजेपी से लड़ रही है, वहां वह बीजेपी की मदद के लिए अपने उम्मीदवार उतार देती है। हैदराबाद में शनिवार रात बेरोजगार युवाओं के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केसीआर सरकार ने TSPSC परीक्षा में पेपर लीक के जरिए उनका भविष्य बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए पैसे खर्च किए और कड़ी मेहनत की, लेकिन पेपर लीक ने उनके सारे सपने चकनाचूर कर दिए।"

देशभर के जुटेंगे सन्यासी: भारत सेवाश्रम संघ गया का शताब्दी समारोह तीन दिनों तक चलेगा, योगी आदित्यनाथ के भी आने की संभावना

 गोरख पीठ का भारत सेवाश्रम संघ गया जी शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है। मौके पर देश के विभिन्न राज्यों स्थित आश्रम और मठों से संत,अनुयायी शामिल होंगे। यही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आने की भी संभावना संघ की ओर से जताई गई है। शताब्दी वर्ष को लेकर भारत सेवाश्रम संघ में जबरदस्त उत्साह है। अभी से ही विभिन्न राज्यों स्थापित आश्रमों के स्वामियों ने गया जी आना शुरू कर दिया है।

भारत सेवाश्रम के मुख्य सचिव दिल्ली के स्वामी विश्वात्मानन्द महाराज ने बताया कि 1924 में गया में भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना स्वामी प्रणवानन्द की द्वारा की गई। इसी शहर में स्वामी प्रणवानन्द के गुरु स्वामी गम्भीर दास ने साधना की थी। इस वजह से गया जी महत्ता गोरखनाथ पीठ की बढ़ जाती है। भारत सेवाश्रम संघ अपने उद्देश्यों को पूरा करने में जुटा है। इस वर्ष नवम्बर में गया जी भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस बात को लेकर संघ का हर एक साधक और अनुयायी में उल्लास है। उनके इस उल्लास को देखते हुए संघ ने शताब्दी वर्ष मनाने का निर्णय लेने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि 30 नवम्बर को गया शहर में शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इस शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में मठ से जुड़े सन्यासी, साधक, योगी व आदिवासी भाग लेंगे। सन्यासी, साधक और योगी देश के विभिन्न राज्यों से आएंगे और शोभा यात्रा की शोभा बढाएंगे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जाएंगे। वहीं 1, 2 और 3 दिसम्बर को धर्म और शिक्षा सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में देश भर के सन्यासी, संत, योगी, साधक प्रतिभाग करेंगे। कार्यकम में वरिष्ठ राजनेता भी शरीक होंगे और अपनी बात रखेंगे। इस मौके पर स्वामी भास्करानन्द महाराज आल इंडिया सेक्रेटरी गोरख मठ दिल्ली, स्वामी आत्मानन्द दिल्ली, स्वामी ध्यानेशानन्द, स्वामी सत्य मित्रांन्द जम्मू और निषेत्सानन्द गोरखपुर मौजूद रहे।

UNSC की स्थाई सदस्यता के लिए भारत को अब नहीं कर सकते नजरंदाज, कंबोज ने कहा-"जटिल मुद्दों पर दुनिया को दिशा दिखाने की क्षमता"

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 वर्षों के नेतृत्व में भारत दुनिया की नई ताकत बनकर उभरा है। अंतराष्ट्रीय संघर्षों और वैश्विक समस्याओं के बीच भारत में दुनिया को दिशा देने की क्षमता है। जटिल परिस्थितियों के बीच भी भारत के सभी देशों के साथ रचनात्मक रिश्ते हैं। भारत दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अब उसे स्थाई सदस्यता देने के लिए लंबे समय तक नजरंदाज नहीं कर सकती। भारत इसका मजबूत हकदार और दावेदार है। 

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने कहा है कि भारत की रणनीतिक स्थिति उसे विभिन्न शक्ति समूहों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने में सक्षम बनाती है और जटिल कूटनीतिक मामलों में दिशा दिखाने की उसकी क्षमता उसे अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में एक संभावित मध्यस्थ के रूप में पेश करती है। कम्बोज ने यहां कहा, ‘‘तीव्र बदलावों एवं जटिल चुनौतियों वाले युग में भारत केवल अत्यंत विविधता एवं सांस्कृतिक समृद्धि वाले देश के तौर पर ही नहीं उभरा है, बल्कि यह सहयोग, शांति एवं पारस्परिक सम्मान के सिद्धांतों को अपनाते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बड़ी भूमिका भी निभाता है।

 

भारत का दुनिया में विशिष्ट स्थान

कांबोज ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स’ के दीपक और नीरा राज सेंटर द्वारा पिछले सप्ताह आयोजित ‘भारत: अगला दशक’ सम्मेलन में ‘उभरती वैश्विक व्यवस्था में भारत’ विषय पर एक विशेष भाषण के दौरान कहा कि भारत का प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ उसे वैश्विक मामलों में एक मध्यस्थ और समाधानकर्ता के रूप में विशिष्ट स्थान देता है। कम्बोज ने कहा कि हालिया वर्षों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने विभिन्न देशों के बीच वार्ता एवं समझ को बढ़ावा देने को लेकर भारत का अग्र-सक्रिय दृष्टिकोण देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा भारत की रणनीतिक स्थिति और इसका गुटनिरपेक्ष इतिहास इसे विभिन्न शक्ति समूहों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने में सक्षम बनाना है।’

 

विभिन्न विचाधाराओं और शॉसन वाले देशों के साथ भी भारत की मित्रता

’ कम्बोज ने कहा, ‘‘भारत ने दिखाया है कि भिन्न विचारधाराओं और शासन मॉडल वाले देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना संभव है। जटिल राजनयिक मामलों में दिशा दिखाने की यह क्षमता भारत को अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में एक संभावित मध्यस्थ के रूप में पेश करती है।’’ उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत की जी20 की अध्यक्षता ने विभिन्न दृष्टिकोणों के बीच आम सहमति बनाते हुए एक जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य में नेतृत्व करने की देश की क्षमता को दिखाया। कम्बोज ने कहा कि तेजी से बदलते भू-रणनीतिक और भू-आर्थिक माहौल में खुद को ढालने में असमर्थता के कारण संयुक्त राष्ट्र अपने उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

 

भारत के स्थाई सदस्यता के दावे को अब ठंडे बस्ते में नहीं डाल सकते

कांबोज ने दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के मुद्दे को अब ठंडे बस्ते में नहीं डाला जा सकता और 21वीं सदी की समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सुरक्षा परिषद की संरचना में बदलाव किए बिना यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती। कम्बोज ने कहा, ‘‘दुनिया यह भी मानती है कि परिषद की सदस्यता के लिए भारत के दावे को लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

जनसंख्या, क्षेत्र, जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद), आर्थिक क्षमता, सभ्यतागत विरासत, सांस्कृतिक विविधता, राजनीतिक व्यवस्था, इतिहास और संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों - विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में जारी योगदान जैसे किसी भी वस्तुनिष्ठ मानदंड के आधार पर भारत सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का पूरी तरह से हकदार है।

हैकर्स ने ताज होटल के 15 लाख कस्टमर्स का डाटा रखने का किया दावा, वापस करने को 5000 डॉलर और तीन शर्तें भी रखी, ग्रुप ने कहा, चिंता की बात नहीं

टाटा समूह के स्वामित्व वाले ताज होटल ग्रुप पर 5 नवंबर को तथाकथित साइबर अटैक हुआ था। खबरें आई हैं कि हैकर्स ने ताज होटल के लगभग 15 लाख कस्टमर्स का डाटा उनके पास होने का दावा किया है। उन्होंने इस डाटा को वापस करने के लिए 5000 डॉलर और तीन शर्तें भी रखी हैं। हालांकि, ताज होटल्स ग्रुप ने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और कस्टमर्स का डाटा सुरक्षित है। हमने सुरक्षा एजेंसियों को भी इस स्थिति की जानकारी दे दी है।

हैकर्स ने 4 लाख से अधिक की रकम मांगी, रखी हैं ये तीन शर्तें  

लाइव मिंट की खबर के मुताबिक साइबर हैकर्स ने ताज होटल ग्रुप से कस्टमर डाटा के बदले 4 लाख रुपये से ज्यादा (5 हजार डॉलर) की मांग की है. हैकर्स ने अपने ग्रुप का नाम डीएनए कुकीज (Dna Cookies) बताया है। उन्होंने कहा है कि अभी तक यह डाटा किसी को नहीं दिया गया है। उन्होंने डाटा को वापस करने के लिए तीन शर्तें रखी हैं। सबसे पहले तो उन्होंने बातचीत के लिए किसी उच्च पदस्थ मध्यस्थ को लाने को कहा है। उनकी दूसरी मांग है कि वह टुकड़ों में डाटा नहीं देंगे। तीसरी शर्त में उन्होंने कहा कि हमसे डाटा के और सैंपल नहीं मांगे जाएं। इन हैकर्स ने 5 नवंबर को 1000 कॉलम एंट्री वाला डाटा लीक किया था।

15 लाख लोगों का डाटा खतरे में !

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस साइबर अटैक से लगभग 15 लाख कस्टमर प्रभावित हुए हैं। उनके पर्सनल नंबर, घर का पता और मेंबरशिप आईडी जैसी कई सूचनाएं हैकर्स के पास पहुंच गई हैं। धमकी देने वाले हैकर्स ने कहा है कि उनके पास साल 2014 से 2020 तक का डाटा मौजूद है।

क्या कहा आईएचसीएल ने 

इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के प्रवक्ता ने बताया कि हमें भी हैकर्स के इस दावे के बारे में पता चला है। हालांकि ये डेटा नॉन-सेंसिटिव है और इस डाटा में कुछ भी संवेदनशील नहीं है. कंपनी को अपने कस्टमर्स के डाटा की चिंता है। इसलिए हम इस दावे की जांच कर रहे हैं। हमने साइबर सिक्योरिटी एजेंसियों और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) को भी मामले जानकारी दे दी है। साथ ही कंपनी के सुरक्षा सिस्टम की जांच भी की जा रही है। कस्टमर्स को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आईएचसीएल हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में ताज, विवांता, जिंजर समेत कई ब्रांड चलाती है।

26/11 मुंबई आतंकी हमले से इजरायली बच्चे "मोशे" का क्या है नाता, जिसे PM मोदी ने गले लगाकर दिया था भारत आने का न्योता*

डेस्क: 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले की आज 15वीं बरसी है। इस हमले की खौफनाक यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। पाकिस्तानी आतंकियों ने समुद्र के रास्ते भारत आकर मुंबई के ताज होटल समेत कई अन्य ठिकानों पर भारतीयों और अन्य लोगों को बंधक बना लिया था। इस दौरान आतंकी हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोग मारे गए थे। बदले की कार्रवाई में सभी आतंकी मारे गए थे। एक मात्र जिंदा पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को भारत ने जिंदा पकड़ा था। जिस पर मुकदमा चलाने के बाद उसे फांसी दी गई। इस हमले से इजरायली बच्चे मोशे होल्त्सबर्ग का भी गहरा नाता है, जो उस वक्त मुंबई में था और सिर्फ 2 वर्ष का था। 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 में अपने इजरायल दौरे के दौरान इजरायली बच्चे मोशे होल्त्सबर्ग से मिलने के बाद अपने सीने से लगा लिया था। साथ ही मोशे को भारत आने का न्योता भी दिया था। मोशे को मुंबई हमले की खौफनाक यादें और पीएम मोदी के साथ बीते उन शानदार लम्हों की बातें आज भी ताजा हैं। इसलिए मोशे ने इन दोनों वक्त को खास तरीके से याद किया है। बता दें कि मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले में मोशे बाल-बाल बचा था। मोशे होल्त्सबर्ग के नाना-नानी ने उनका दुख महसूस करने और उसे अपना समझने के लिए भारत के लोगों का आभार व्यक्त किया है।

 

पाकिस्तानी आतंकियों ने मोशे के मां-बाप को भी मार डाला था

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई स्थानों पर हमला किया था जिनमें से एक ‘नरीमन हाउस’ भी था, जिसे चाबड हाउस भी कहा जाता है। मोशे उस वक्त सिर्फ दो वर्ष का था और हमले के वक्त अपने माता-पिता गैब्रिएल होल्त्बर्ग एवं रिवका होल्त्सबर्ग के साथ नरीमन हाउस में था। उस बर्बर हमले में मोशे के माता-पिता मारे गए थे। मोशे के नाना रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग ने पीटीआई से कहा, ‘‘भारत के लोगों को याद है कि 15 वर्ष पहले आज के दिन क्या हुआ था। हमारे परिवार पर और अन्य इजराइली परिवारों पर जो कहर टूटा था आपको याद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरी पत्नी येहुदित और मोशे दिल से ये मानते हैं और इस बात के लिए भारत में आप सबका आभार व्यक्त करना चाहते हैं कि आपने हमारे दुख को महसूस किया और उसे अपना समझा।

 

इजरायल-हमास युद्ध का किया जिक्र

 

मोशे के नाना-नानी ने इजराइल और हमास के बीच युद्ध की पृष्ठभूमि में कहा, ‘‘इस वर्ष ने खासतौर पर दिखाया कि आतंकवादी किस तरह से यहूदियों की हत्या करना चाहते हैं, लेकिन हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं।’’ नन्हे मोशे को हमले से बचाकर उसे सीने से चिपकाए उसकी नैनी सैंड्रा की एक तस्वीर सामने आई थी, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। रोसेनबर्ग ने कहा, ‘‘मोशे ठीक है और येशिवा में पढ़ाई कर रहा है। सैंड्रा इजराइल में है और सप्ताहांत में यरूशलम से हमारे पास आती है। वह हमारे परिवार की सदस्य की ही तरह है और यह घर उसका भी है।’’ सैंड्रा को इजराइल सरकार ने मानद नागरिकता दी थी और उसे ‘राइटियस जंटिले’ की उपाधि से सम्मानित किया था। यह एक दुर्लभ सम्मान है और यह उन लोगों को दिया गया जिन्होंने नरसंहार के दौरान यहूदियों को बचाने में अपनी जान जोखिम में डाली।

 

मोशे ने आतंक के खिलाफ उठाई आवाज

मुंबई आतंकी हमले में बाल-बाल बचे मोशे ने पिछले वर्ष एक वीडियो संदेश जारी कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंक का मुकाबला करने के तरीकों की तलाश करने की मार्मिक अपील की थी। ताकि ‘‘किसी को भी उस पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े, जिससे वह गुजरा है।’’ उस वीडियो में मोशे ने अपने बचने की कहानी भी साझा की। वह सिर्फ सैंड्रा के साहस के कारण ही बच सका ‘‘जिसने उसे बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी।’’ मोशे ने अपनी परवरिश की कहानी भी दुनिया के साथ साझा की। उसने वीडियो में 2017 में इजराइल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया। उसने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और मुझे मेरे नाना-नादी के साथ भारत आने का न्योता दिया।

26/11 मुंबई आतंकी हमले से इजरायली बच्चे "मोशे" का क्या है नाता, जिसे PM मोदी ने गले लगाकर दिया था भारत आने का न्योता

डेस्क: 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले की आज 15वीं बरसी है। इस हमले की खौफनाक यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। पाकिस्तानी आतंकियों ने समुद्र के रास्ते भारत आकर मुंबई के ताज होटल समेत कई अन्य ठिकानों पर भारतीयों और अन्य लोगों को बंधक बना लिया था। इस दौरान आतंकी हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोग मारे गए थे। बदले की कार्रवाई में सभी आतंकी मारे गए थे। एक मात्र जिंदा पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को भारत ने जिंदा पकड़ा था। जिस पर मुकदमा चलाने के बाद उसे फांसी दी गई। इस हमले से इजरायली बच्चे मोशे होल्त्सबर्ग का भी गहरा नाता है, जो उस वक्त मुंबई में था और सिर्फ 2 वर्ष का था। 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 में अपने इजरायल दौरे के दौरान इजरायली बच्चे मोशे होल्त्सबर्ग से मिलने के बाद अपने सीने से लगा लिया था। साथ ही मोशे को भारत आने का न्योता भी दिया था। मोशे को मुंबई हमले की खौफनाक यादें और पीएम मोदी के साथ बीते उन शानदार लम्हों की बातें आज भी ताजा हैं। इसलिए मोशे ने इन दोनों वक्त को खास तरीके से याद किया है। बता दें कि मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले में मोशे बाल-बाल बचा था। मोशे होल्त्सबर्ग के नाना-नानी ने उनका दुख महसूस करने और उसे अपना समझने के लिए भारत के लोगों का आभार व्यक्त किया है।

 

पाकिस्तानी आतंकियों ने मोशे के मां-बाप को भी मार डाला था

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई स्थानों पर हमला किया था जिनमें से एक ‘नरीमन हाउस’ भी था, जिसे चाबड हाउस भी कहा जाता है। मोशे उस वक्त सिर्फ दो वर्ष का था और हमले के वक्त अपने माता-पिता गैब्रिएल होल्त्बर्ग एवं रिवका होल्त्सबर्ग के साथ नरीमन हाउस में था। उस बर्बर हमले में मोशे के माता-पिता मारे गए थे। मोशे के नाना रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग ने पीटीआई से कहा, ‘‘भारत के लोगों को याद है कि 15 वर्ष पहले आज के दिन क्या हुआ था। हमारे परिवार पर और अन्य इजराइली परिवारों पर जो कहर टूटा था आपको याद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरी पत्नी येहुदित और मोशे दिल से ये मानते हैं और इस बात के लिए भारत में आप सबका आभार व्यक्त करना चाहते हैं कि आपने हमारे दुख को महसूस किया और उसे अपना समझा।

 

इजरायल-हमास युद्ध का किया जिक्र

 

मोशे के नाना-नानी ने इजराइल और हमास के बीच युद्ध की पृष्ठभूमि में कहा, ‘‘इस वर्ष ने खासतौर पर दिखाया कि आतंकवादी किस तरह से यहूदियों की हत्या करना चाहते हैं, लेकिन हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं।’’ नन्हे मोशे को हमले से बचाकर उसे सीने से चिपकाए उसकी नैनी सैंड्रा की एक तस्वीर सामने आई थी, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। रोसेनबर्ग ने कहा, ‘‘मोशे ठीक है और येशिवा में पढ़ाई कर रहा है। सैंड्रा इजराइल में है और सप्ताहांत में यरूशलम से हमारे पास आती है। वह हमारे परिवार की सदस्य की ही तरह है और यह घर उसका भी है।’’ सैंड्रा को इजराइल सरकार ने मानद नागरिकता दी थी और उसे ‘राइटियस जंटिले’ की उपाधि से सम्मानित किया था। यह एक दुर्लभ सम्मान है और यह उन लोगों को दिया गया जिन्होंने नरसंहार के दौरान यहूदियों को बचाने में अपनी जान जोखिम में डाली।

 

मोशे ने आतंक के खिलाफ उठाई आवाज

मुंबई आतंकी हमले में बाल-बाल बचे मोशे ने पिछले वर्ष एक वीडियो संदेश जारी कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंक का मुकाबला करने के तरीकों की तलाश करने की मार्मिक अपील की थी। ताकि ‘‘किसी को भी उस पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े, जिससे वह गुजरा है।’’ उस वीडियो में मोशे ने अपने बचने की कहानी भी साझा की। वह सिर्फ सैंड्रा के साहस के कारण ही बच सका ‘‘जिसने उसे बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी।’’ मोशे ने अपनी परवरिश की कहानी भी दुनिया के साथ साझा की। उसने वीडियो में 2017 में इजराइल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया। उसने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और मुझे मेरे नाना-नादी के साथ भारत आने का न्योता दिया।

AAP के स्थापना दिवस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने दी बधाई, कहा- ये सबसे तेजी से बढ़ने वाली पार्टी

डेस्क: आम आदमी पार्टी का आज 12वां स्थापना दिवस है। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के 12वें स्थापना दिवस पर सभी देशवासियों को नमस्कार, सबको सादर प्रणाम। इस अवसर पर पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और करोड़ों लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 2012 में आम आदमी पार्टी ने जन्म लिया। आंदोलन की कोख से निकली सबसे छोटी पार्टी देखते ही देखते राष्ट्रीय पार्टी बन गई। आम आदमी पार्टी भारत के इतिहास में सबसे तेजी से बढ़ने वाली पार्टी बन गई, ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।

इमानदारी का सबूत

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि इन 11 सालों में जनता ने हमें खूब आशीर्वाद दिया। जनता के आशीर्वाद से दो राज्यों में हमारी सराकर बनी और दो अन्य राज्यों में हमारे विधायक बने। उन्होंने कहा कि आज के समय में हर राज्य में आम आदमी पार्टी की चर्चा हो रही है। मुझे याद है कि आंदोलन के समय लोग पूछते थे कि आम आदमी पार्टी भ्रष्ट नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है। उन लोगों को मैं कहना चाहूंगा कि 11 सालों में आम आदमी पार्टी को जितना टारगेट किया गया, जितना परेशान किया गया उतना अभी तक किसी को परेशान नहीं किया गया होगा। इन 11 सालों में हमारे ऊपर 250 से ज्यादा केस दर्ज किए गए। ईडी, सीबीआई, आईटी जैसे सभी एजेंसियों को हमारे पीछे लगा दिया गया, लेकिन आज तक एक भी सबूत नहीं मिला। एक पैसे तक की हेरा-फेरी नहीं हुई, एक भी पैसे की गड़बड़ी नहीं हुई। यह सबूत है आम आदमी पार्टी की इमानदारी का।

भाजपा को फर्जी केस करके झुकाना आता है

उन्होंने कहा कि 11 सालों के दौरान आज पहली भार इस दिन पर मेरा मन भारी है। यह पहली बार है जब मनीष सिसोदिया यहां नहीं हैं, सतेंद्र जैन, संजय सिंह, विजय नायर यहां नहीं हैं। उनके खिलाफ फर्जी केस करके उन्हें जेल में डाल दिया गया है। भाजपा वालों को सिर्फ फर्जी केस करके झुकाना आता है, लेकिन आम आदमी पार्टी को झुकना नहीं आता। हम सबके लिए ये गर्व की बात है कि आज तक हमारा एक भी विधायक एक भी सांसद झुका नहीं। लोगों ने हमे तोड़ने के बहुत प्रयाल किए। हमारे विधायकों के पास आए कि मोदी से मिल जाओ लेकिन हमे गर्व है, हम सलाम करते हैं कि हमारा एक भी कार्यकर्ता झुका नहीं। उन्होंने कहा कि हम भगत सिंह के चेले हैं, मर जाएंगे लेकिन समझौता नहीं करेंगे।