बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ 'सार्वजनिक नीति एवं शासन' विषय पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से दिनाँक 21 नवंबर को " भारत में सार्वजनिक नीति और शासन " विषय पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।इस कार्यक्रम में 10 से भी अधिक राज्यों के प्रतिभागी सम्मिलित हुए।
विश्वविद्यालय की तरफ से यह कार्यक्रम दिनाँक 21 नवंबर से 2 दिसम्बर तक आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सार्वजनिक नीति के निर्माण, क्रियान्वयन और प्रशासनिक मूल्यांकन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो अशोक आचार्य मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो सातिक बाघ एवं कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के कोर्स कॉर्डिनेटर प्रो शशिकांत पाण्डेय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन एवं बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ भेंट करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम प्रो सातिक बाघ ने सभी प्रतिभागियों को सार्वजनिक नीतियों के महत्व औए इस क्षेत्र में प्रशासन की भूमिका से अवगत कराया एवं कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपरेखा की जानकारी दी।
मंच संचालन का कार्य सुश्री मंजरी राज द्वारा किया गया।मुख्य अतिथि प्रो अशोक आचार्य ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि, हम सामाजिक वैज्ञानिकों को इंजीनियर की भांति सोचना होगा तभी समाज में व्याप्त समस्याओं का समाधान संभव है। संस्थागत मूल्यों एवं भ्रष्टाचार पर काबू करके ही प्रारंभिक स्तर पर सार्वजनिक नीतियों को बेहतरीन ढंग से लागू किया जा सकता है।
कोर्स कॉर्डिनेटर प्रो शशिकांत पाण्डेय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सार्वजनिक नीतियों के कार्यान्वयन की रुपरेखा तैयार करते समय प्रासंगिक विश्लेषण अहम भूमिका निभाता है। इसके द्वारा पूर्वानुमान लगाकर ज्ञात किया जा सकता है कि समाज के संदर्भ में सार्वजनिक नीति कितनी हितकारी रहेगी।अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ रेनू पाण्डेय द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रो जया श्रीवास्तव, प्रो वेंकटेश, प्रो बीबी मलिक, प्रो एस विक्टर बाबू, प्रो रिपुसूदन सिंह, प्रो गोविन्द जी पाण्डेय, प्रो शूरा दारापुरी, डॉ महेंद्र कुमार पाढी,डॉ० ब्रजेश , शिक्षकगण, प्रतिभागी एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
Nov 21 2023, 20:31