Aurangabad

Nov 19 2023, 18:42

लोक आस्था का महापर्व छठ : सूर्यनगरी देव में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, तकरीबन दस लाख श्रद्धालुओ ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

औरंगाबाद : जिले के सूर्य नगरी देव में आज छठ व्रर्त के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्द्धय देने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु पवित्र सूर्यकुंड में डुबकी लगाकर बड़ी ही आस्था और विश्वास के साथ सूर्यदेव को नमन कर उन्हें अपना अद्धर्य अर्पित किये। 

छोटी सी नगरी देव में इतने भारी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से जिला प्रशासन को थोड़ी परेशानियां तो जरूर हो रही है। मगर भगवान भाष्कर की कृपा से बगैर किसी बाधा के छठव्रती इस अनुष्ठान को सम्पन्न कर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अबतक तकरीबन दस लाख श्रद्धालु यहां पहुंचे है। अर्ध्य देने के बाद सभी व्रती पवित्र सूर्यकुंड से लेकर त्रेतायुगीन सूर्यमंदिर तक दण्डवत करते हुए पहुंच रहे हैं और भगवान भाष्कर का दर्शन पूजन कर खुद को धन्य समझ रहे हैं। 

गौरतलब है कि देव में छठ पूजन का एक अलग ही महत्व है । ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे मन और श्रद्धा भाव से यहां छठ पूजा का अनुष्ठान करता है , सूर्यनारायण उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में छठव्रती पहुंचते हैं और भगवान भाष्कर से मन्नतें भी मांगते हैं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Nov 19 2023, 16:37

लोक आस्था का महापर्व छठ : सीएम आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया, प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की

 

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जा रहा है। राजधानी पटना के गंगा घाट से लेकर तालाबों और घरों पर लोगो पूरे श्रद्धा के साथ छठ व्रर्ती अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दे रहे है। पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। वहीं कल सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रती और श्रद्धालु दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे। 

इधर राजधानी पटना के एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में भी पूरे धूमधाम के साथ छठ पर्व हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सगे संबंधी छठ व्रर्त कर रहे है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर बिहार वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आत्मानुशासन का पर्व है। लोग शुद्ध अन्तःकरण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। भगवान भास्कर से राज्य में प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।

Aurangabad

Nov 19 2023, 10:29

Chhath Puja 2023: रातों रात बदल गई थी देव सूर्य मंदिर के मुख्य द्वार की दिशा, छठ पर लगता है यहां बड़ा मेला

डेस्क : छठ पर्व पर बिहार के औरंगाबाद में बना सूर्य मंदिर खूब चर्चा में रहता है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है, जिसका प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में है। सौ फीट ऊंचे इस मंदिर का स्थापत्य और वास्तुैकला वास्तकव में अद्भुत है। कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण एक रात में किया गया था।

भारत में आश्चार्य और रहस्य्मयी मंदिरों की कोई कमी नहीं है। जिस मंदिर में जाएं, उसका अपना इतिहास और अपनी कहानी है। लेकिन कुछ मंदिर वास्तंव में ऐसे हैं, जिनके बारे में सुनने के बाद इन्हें करीब से और जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है। ऐसा ही एक रहस्यमयी मंदिर बिहार के औरंगाबाद जिले में है। इसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर ने खुद ही अपनी दिशा बदल ली थी। कुछ लोग इसे मुरादों का मंदिर भी कहते हैं। 

हम बात कर रहे हैं यहां के सूर्य मंदिर की। इन दिनों इस मंदिर में छठ पूजा की धूम मची हुई है। अभी से मंदिर में भक्तों का यहां तांता लगा हुआ है। यहां भक्तों की भीड को देखकर इसकी मान्य ता का अनुमान लगाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं सूर्य मंदिर से जुड़ी कई अनोखी बातों के बारे में।

रातों रात बदल गई थी इस सूर्य मंदिर के मुख्य द्वार की दिशा, एक रात में बना था औरंगाबाद में 3 मंदिर

कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण खुद भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में किया था। देव देवकुंड और उमगा ,जो उमगा और देवकुंड मन्दिर अधूरा रह गया था क्योंकि मन्दिर का निर्माण होते होते सुबह हो गया था जो कि देवकुंड में नीलम पत्थर का शिवलिंग आज भी देखने को मिलता है वहीं देव के स्थाोनीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में दर्शन करने से आपकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। यह अद्भुत मंदिर अपने अंदर न जाने कितने रहस्य समेटे हुए है। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर की दिशा खुद ही बदल गई थी। इसका रहस्य भी बड़ा रोचक है।

पश्चिम की ओर है दरवाजा

आमतौर पर मंदिरों का दरवाजा पूरब की ओर होता है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर है। इस मंदिर में आप सूर्य देवता की मूर्ति को सात रथों पर सवार देख सकते हैं। इसमें उनके तीनों रूप उदयाचल, मध्यां चल और अस्ताचल के रूप में मौजूद हैं। इसी कारण छठ पूजा में इस मंदिर की मान्येता और बढ़ जाती है।

देव् मन्दिर का क्या है रहस्य

मंदिर का दरवाजा पश्चिम की ओर क्योंद है, इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है। कथा के अनुसार, एक बार औरंगजेब मंदिरों को तोड़ने औरंगाबाद पहुंचा। लोगों ने इसे ना तोड़ने की विनती की। उसने कहा कि अगर इस मंदिर में वास्तव में भगवान हैं, तो इस मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम में हो जाए। लोगों ने सूर्य देव से प्रार्थना की और अगली सुबह जब पुजारी पूजा करने पहुंचे तो देखकर दंग रह गए कि मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में था। हालांकि उल्टी दिशा में होते हुए भी लोगों को सूर्य देव के दर्शन कैसे होते हैं, यह आज भी रहस्यद है।

डेढ लाख साल पुराना मंदिर

आपको जानकर हैरत होगी कि सह मंदिर डेढ़ लाख साल पुराना है। मंदिर बिना सीमेंट के चूना गारा का इस्तेरमाल कर आयातकार, गोलाकार, त्रिभुजाकार कई रूपों में कटे गए पत्थरों से मिलकर बनाया गया है। मंदिर के बाहर लगे शिलालेख पर लिखे श्लोक के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 12 लाख 16 हजार वर्ष पहले त्रेता युग में हुआ था और आज इस पौराणिक मंदिर के निर्माण को लगभग 1 लाख 59 हजार 20 वर्ष पूरे हो गए हैं।

जगन्ना थ का दूसरा रूप है मंदिर 

यह मंदिर अपनी वास्तुककला और इतिहास के लिए बड़ा प्रसिद्ध है। औरंगाबाद से 18 किमी दूर यह मंदिर 100 फीट ऊंचा है। कुछ लोग इसे ओडिशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर का दूसरा रूप कहते हैं।

सूर्य कुंड में प्रतिमा स्ना।न का महत्वश

इस मंदिर में सूर्यकुंड नामक तालाब का विशेष महत्वश है। मान्यथता है कि इस कुंड में स्नामन करने के बाद ही सूर्यदेव की आराधना की जाती है। मंदिर की परंपराओं के अनुसार, हर दिन घंटी बजाकर सुबह 4 बजे भगवान को उठाया जाता है और उनकी प्रतिमा को स्नाान कराया जाता है। फिर ललाट पर चंदन लगाकर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। हर साल चैत्र मास और कार्तिक मास में होने वाले छठ पर्व पर देश भर के लाखों लोग छठ व्रत के लिए एकत्रित होते हैं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Nov 19 2023, 10:04

महापर्व छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन ने सुरक्षा के किये है तगड़ा इंतजाम, बड़े घाटों पर ड्रोन से गतिविधियों पर रखा जाएगा नजर

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जायेगा। इधर पटना जिला प्रशासन की ओर से पहले और दूसरे अर्घ्य के दिन सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये हैं। बड़े घाटों पर ड्रोन से गतिविधियों पर नजर रखा जाएगा। कुल पांच हजार पुलिसकर्मियों को पटना के अलग-अलग गंगा घाटों पर तैनात किया गया है। 

वहीं जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने शनिवार को वरीय पदाधिकारियों के साथ छठ घाटों का निरीक्षण किया गया। तैयारियों और प्रबंधन का जायजा लिया गया।

पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि दीदारगंज से लेकर दानापुर तक गंगा घाटों को 21 सेक्टरों में बांटा गया है। इन सभी घाटों पर हर विभाग के एक-एक नोडल ऑफिसर तैनात रहेंगे। पुलिस कप्तान ने बताया कि महकमे के सभी अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं। जिन घाटों पर अधिक भीड़ होगी वहां ज्यादा फोर्स की तैनाती की जायेगी। 

यातायात पुलिस की तैनाती भी भीड़ वाले इलाकों में की गई है। सीसीटीवी कैमरे से पुलिस सभी घाटों, सड़कों व चौक-चौराहों पर नजर रखेगी। सादे लिबास में भी पुलिस के जवानों को ड्यूटी पर लगाया गया है। घाट पर एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की टीम रहेगी। घाटों पर काफी संख्या में महिला पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगी।

Aurangabad

Nov 19 2023, 10:03

महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना की बदली रहेगी आज से कल सुबह तक यातायात व्यवस्था, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जायेगा। इधर इस महापर्व को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के साथ-साथ यातायात के भी व्यापक प्रबंध किये गए है। राजधानी पटना के अशोक राजपथ से मरीन ड्राइव तक यातायात व्यवस्था बदली रहेगी। 

आज 19 नवंबर की दोपहर 12 बजे से लेकर शाम के सात बजे तक और सुबह के अर्ध्य को लेकर रविवार की देर रात दो बजे से लेकर 20 नवंबर की सुबह आठ बजे तक पटना के यातायात में व्यापक बदलाव किया गया है। प्रतिबंधित इलाकों में सिर्फ एम्बुलेंस, दमकल और पुलिस की गाड़ियों का आवागमन हो सकेगा। करगिल चौक से पटनासिटी दीदारगंज तक किसी भी वाहनों का परिचालन नहीं किया जा सकेगा। वहां सिर्फ छठ व्रतियों के वाहन जा सकेंगे।

जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) पर सिर्फ आपातकालीन वाहन ही जा सकेंगे। जबकि अशोक राजपथ पर आम वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। करगिल चौक से पूरब पटनासिटी दीदारगंज तक किसी भी प्रकार के वाहनों के परिचालन पर रोक है।

खजांची रोड से पटना व साइंस कॉलेज परिसर में केवल छठव्रतियों की गाड़ियां पार्किंग के लिए जा सकेंगी। ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा ने बताया कि छठ व्रतियों के वाहन के खड़ा करने के लिए दीघा और कलेक्ट्रियट घाट पर बड़ी पार्किंग का प्रबंध किया गया है। उन्होंने अपील की है कि लोग परेशानी से बचने के लिए समय से पहले घाटों पर पहुंचे। घाट पर जाने के लिए अशोक राजपथ का प्रयोग करें।

Aurangabad

Nov 19 2023, 10:01

जानिए... बिहार के देव सूर्य मंदिर के बारे में, जहां धूमधाम से लगता है छठ का मेला देश के कोने कोने से पहुँचते हैं श्रद्धालु

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित देव सूर्य मंदिर का अपना ही एक इतिहास है. छठ पर्व के दौरान इस मंदिर की खासियत और बढ़ जाती है. देश भर में भगवान सूर्य के कई प्रसिद्ध मंदिर है और सभी का अपना अलग महत्व है. बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित देव सूर्य मंदिर का अपना ही एक इतिहास है. छठ पर्व के दौरान इस मंदिर की खासियत और बढ़ जाती है. यहां हर साल सूर्य अचला सप्तमी को महोत्सव का भी आयोजन होता है. यहां छठ पर सूर्यकुंड तालाब का भी विशेष महत्व है.

देव मंदिर और छठ का संबंध

कहा जाता है कि देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य में छठी मैया की आराधना की थी. तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था. इसके बाद अदिति के पुत्र त्रिदेव रूप आदित्य भगवान हुए, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी. कहते हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो गया और छठ का चलन भी शुरू हो गया.

देव सूर्य मंदिर में छठ करने का महत्व

इस मंदिर में छठ करने का अलग ही महत्व है. कहा जाता है कि यहां भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान हैं. पूरे देश में यही एकमात्र सूर्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है. मंदिर के गर्भ गृह में भगवान सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में विराजमान हैं. गर्भगृह के मुख्य द्वार पर बाईं ओर भगवान सूर्य की प्रतिमा है और दायीं ओर भगवान शंकर के गोद में बैठी प्रतिमा है.

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Nov 18 2023, 21:48

सुर्यनगरी देव में खरना के साथ महापर्व छठ पूजा की हुई शुरूआत

औरंगाबाद: आज लोक आस्था के महापर्व छठ का दुसरा दिन है, और सभी व्रती खरना का प्रसाद बनाने की तैयारियों में जुटे हैं । सुर्यनगरी देव में भी छठव्रतियों द्वारा खरना किया जा रहा है । जगह जगह पर मिट्टी के चुल्हे पर आम की लकड़ी की आग से पीतल के पात्र में गुड़ और दुध से मिश्रित खीर बनता दिखाई पड़ रहा है । इसी प्रसाद को ग्रहण कर व्रती तीन दिनो का निर्जला उपवास रखेगी ।

 गौरतलब है कि औरंगाबाद के सुर्यनगरी देव में खरना का विशेष महत्व है तभी 10 लाख से भी ज्यादा श्रद्वालु यहां पहुंचते हैं और भगवान सुर्य की उपासना करते हैं ।

Aurangabad

Nov 18 2023, 21:01

नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा की शुरुआत

औरंगाबाद के देव नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई है हर तरफ छठ पूजा के गीतों से पूरा इलाका गुंजायमान हो चुका है।  

दरअसल मिट्टी के चूल्हे और कुआं का पानी का प्रयोग खरना का प्रसाद बनाने में जुट गए हैं इस दिन छठी मैया के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है और प्रसाद में शुद्धता का विशेष ध्यान भी रखा जाता है। खरना में चना का दाल बासमती चावल का भात गुड़ पिट्ठा से बने प्रसाद का भोग लगाया जाता है। कुछ जगह पर छठ वर्ती खीर भी बनाकर छठी मैया का भोग लगाती हैं। 

खास बात यह है कि छठी मैया का पूरा प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही तैयार किया जाता है। छठ वर्ती भोग लगाने के बाद इसी प्रसाद को ग्रहण करती है उसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। शास्त्रों में खरना का मतलब शुद्धिकरण माना जाता है। 

ऐसी मान्यता है कि जो लोग छठ माता का व्रत करते हैं और छठ के नियमों का पालन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं छठ माता पूरी करती हैं। परिवार की सुख शांति और समृद्धि के लिए छठवर्ती छठ पूजा करती हैं।

Aurangabad

Nov 18 2023, 10:32

भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर की बढ़ी मुश्किलें, ईओडब्लू ने पत्नी सहित किया तलब,जानें क्या है पूरा मामला

भारतपे के को-फाउंडर और टेलीविजन शो शॉर्ट टैंक इंडिया के पूर्व जज अश्‍नीर ग्रोवर की मुश्किलें बढ़ गई है। पहले से उनकी पत्नी के खिलाफ लगे धोखाधड़ी के आरोपों पर जांच जारी है। इस बीच अश्नीर ग्रोवर पर भी करोड़ों रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है।जिसको लेकर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भारतपे के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर को समन जारी किया है।इससे पहले इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन को इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने रोक लिया था।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने फिनटेक यूनिकॉर्न में 81 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले में ग्रोवर को तलब किया है। जानकारी के अनुसार, दंपती को 21 नवंबर को ईओडब्लू के मंदिर मार्ग कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। ईओडब्लू ने साथ में उनकी पत्नी माधुरी जैन को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। ईओडब्लू ने अश्वीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ मई 2023 में एफआईआर दर्ज की थी। 

पुलिस के मुताबिक, दंपत्ति पर आरोप है कि नकली इनवॉइस बनाकर कंपनी के खाते से 81 करोड़ रुपए अपने जानकारों और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। दिल्ली पुलिस की इकॉनोमिक ऑफेंस विंग अश्नीर ग्रोवर और उनकी पत्‍नी माधुरी जैन के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है। जिनमें यह सामने आया है कि परिवार के सदस्यों से जुड़ी कंपनियों ने फिनटेक यूनिकॉर्न के लिए किए गए करोड़ों रुपये के पिछले तारीख के चालानों का इस्तेमाल किया गया।अभी भी जांच करने वाली एजेंसी को ऐसी कई फर्म का पता नहीं चल पाया है, जिन्हें भारत पे की तरफ से भुगतान किये गए थे। माधुरी जैन ग्रोवर भारतपे की ज्वॉइंट डायरेक्टर एचआर थीं, तब उन पर ये नकली इनवॉइस बनाकर पैसे निकालने का आरोप लगा।

इससे पहले शुक्रवार को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन को इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने रोक लिया था। वे न्यूयॉर्क के लिए यात्रा करने जा रहे थे। उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है और वो विदेश नही जा सकते हैं। पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) सिंधु पिल्लई का कहना है कि दंपति न्यूयॉर्क की यात्रा कर रहे थे। उन्हें सुरक्षा जांच से पहले हिरासत में लिया गया। उन्हें अपने दिल्ली आवास पर लौटने और अगले सप्ताह मंदिर मार्ग स्थित ईओडब्ल्यू कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। पिल्लई का कहना है कि एलओसी केवल दंपत्ति को विदेश यात्रा करने से रोकने के लिए है. उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

Aurangabad

Nov 18 2023, 09:54

महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, खरना के साथ शुरू हुआ निर्जला व्रत

#chhath_puja_kharna

बिहार, झारखंड और यूपी सहित अन्य राज्यों में लोक अस्था के पर्व छठ पूजा की शुरूआत हो चुकी है। आज छठ पूजा का दूसरा दिन है। आज महिलाएं खरना के साथ निर्जला व्रत की शुरूआत करती हैं। 

खरना कार्तिक शुक्ल की पंचमी को मनाया जाता है। खरना में दिन शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर भोग लगाया जाता है। खरना का प्रसाद गुड़ की खीर बनाने के लिए आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग किया जाता है।

खरना का मतलब होता है शुद्धिकरण। इसे लोहंडा भी कहा जाता है। इस दिन व्रती शुद्ध मन से सूर्य देव और छठ मां की पूजा करके गुड़ की खीर का भोग लगाती हैं। खरना का प्रसाद काफी शुद्ध तरीके से बनाया जाता है। खरना के दिन व्रती महिलाएं सिर्फ एक ही समय भोजन करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर से लेकर मन तक शुद्ध हो जाता है।

व्रतियों द्वारा नहाय-खाय के साथ ही खरना के व्रत की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। गेहूं को सूखाकर उसे जाता या मील में पिसवाया जा रहा है। इस दौरान महिलाएं छठ मइया के गीत भी गाती सुनी जा रही हैं। महिलाएं शनिवार को घाट पर जाएंगी। वहां सरोवरों में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना करने के बाद घर लौटकर शुद्ध घी में चुपड़ी रोटी व नया गुड़ तथा नया चावल की खीर तैयार करेंगी। सूर्यदेव को भोग लकाकर ग्रहण करेंगे।