सूर्य नगरी देव में लोक आस्था के महापर्व का जिले के प्रभारी मंत्री आलोक मेहता ने किया शुभारंभ

औरंगाबाद :पौराणिक,धार्मिक,आध्यात्मिक भगवान भास्कर की नगरी देवार्क नाम से विख्यात सूर्य नगरी देव में लोक आस्था,लोक उपासना के महापर्व की शुरुआत जिले के प्रभारी मंत्री आलोक मेहता के द्वारा की गई।

इस मौके पर सदर विधायक आनंद शंकर, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम के साथ साथ कई जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री ने छठ पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला और देव के विकास के लिए महागठबंधन सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्यों से आम जनता को अवगत कराया।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों से देववासियों की यह मांग थी कि देव मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त हो।इसकी घोषणा इसी वर्ष सर्व महोत्सव के दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने की थी और सात माह के अंदर देव मेला को राजकीय मेला घोषित कर महागठबंधन सरकार ने जो वादे देव की जनता के साथ किया था उसे पूरा किया।

देव मेला के विकास के लिए सरकार ने न सिर्फ कई अभूतपूर्व कार्य किया है।बल्कि 55 लाख रुपए भी जारी कर दिए है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

देश मे प्रसिद्ध देव छठ मेला को राजकीय दर्जा देने के लिए जदयू जिलाध्यक्ष ने सीएम और डिप्टी सीएम का जताया आभार

औरंगाबाद: जदयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने प्रेस बयान जारी कर संपूर्ण भारत वर्ष में प्रसिद्ध देव छठ मेला

को राजकीय दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के प्रति आभार प्रकट किया है।

कहा है कि राजकीय दर्जा का मांग चीर परिक्षित था जिसे विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में पूरा किया। इससे देव के और मंदिर के विकास को गति मिलेगी।

वहीं जिला मुख्य प्रवक्ता अजिताभ कुमार उर्फ रिंकू सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के कथनी और करनी में कभी अंतर नहीं रहा। जो उन्होंने वादा किया उसे पूरा भी किया है। उसी का देन है कि आज देव छठ मेला को राजकीय दर्जा प्राप्त हुआ है।

कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है जिसे हमेशा याद किया जाएगा।

बधाई देने वाले नेताओं में सतेन्द्र सिंह चंद्रवंशी, ओंकारनाथ सिंह, जितेंद्र चंद्रवंशी, मुनेश कुमार सिंह, मंजरी सिंह,नंदिता सिंह, प्रमोद कुमार सिंह,महावीर कुशवाहा, मुज्जफर इकबाल कादरी, जहीर अहसन आजाद, राकेश कुमार सिंह,ब्रजेश कुमार सिंह,अर्जुन दास,विजय दास, मुकेश पटेल, प्रभाकर सिंह, रितेश सिंह,कुंजन सिंह,बिनोद कुमार सिंह,गोपाल पटेल, अखिलेश मेहता वगैरह शामिल हैं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

छठ महापर्व को लेकर सरकार ने जारी किया है 25 करोड़ 51 लाख रुपए, सभी 261 नगर निकायों में 4050 घाटों को किया गया है तैयार

डेस्क : छठ महापर्व को लेकर सरकार की ओर से पूरी तैयारी की गई है। राज्यभर के सभी 261 नगर निकायों में 4050 घाटों को तैयार किया जा रहा है। 465 घाट खतरनाक श्रेणी में रखे गए हैं। यहां खासतौर से बैरेकेडिंग की गई है। खतरे के निशान के लिए लाल कपड़ा एवं साइनेज का प्रयोग किया गया है। 

सभी घाटों तक आने वाली छठ व्रतियों के लिए लाइट, घाट तक पहुंचने के लिए समुचित रास्ता, पार्किंग, चेंजिंग रूम, अस्थाई शौचालय, वाटर टैंकर समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। 

सभी नगर निकायों के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 25 करोड़ 51 लाख रुपए जारी किये हैं। इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र के लिए 15 करोड़ 50 लाख रुपये जारी किए हैं। पिछले वर्ष 2022 में छठ महापर्व की तैयारी के लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। 

गौरतलब है कि छठ पूजा की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 4 नवंबर को की थी। फिर 14 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री ने पटना के सभी छठ घाटों का निरीक्षण किया व सुविधाओं का जायजा लिया।

नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जल्द मिल सकता है राज्यकर्मी का दर्जा

डेस्क : बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा जल्द मिलने की उम्मीद है। 

इसके लिए नियमावली को शिक्षा विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है। जिस पर राज्य सरकार से मंजूरी लेने की तैयारी है। शीघ्र ही इस पर मुहर लगने के आसार हैं।

सरकार की मंजूरी के बाद नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेकर उत्तीर्ण होने वालों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग से बहाल शिक्षकों के समतुल्य वेतनमान और अन्य सुविधाएं मिलने लगेंगी।

मालूम हो कि विभाग ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप 11 अक्टूबर को जारी किया था। इस पर सुझाव और आपत्ति की मांग की गई थी। एक लाख से अधिक के सुझाव विभाग को ई-मेल के द्वारा प्राप्त हुए। इन सुझावों पर विचार करने के बाद नियमावली को अंतिम रूप दिया गया है। 

सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा नहीं लिये जाने वाले सुझाव को नहीं माना है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इन शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेगी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए अधिकतम तीन मौके दिये जाएंगे। प्रारूप में साफ किया गया था कि सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वालों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

नहाय खाय के साथ आज से शुरू हुआ छठ का महापर्व, शनिवार से व्रती रखेंगी 36 घंटे का निर्जला उपवास

औरंगाबाद : लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। पहले दिन खरना का प्रसाद बनेगा। जबकि इसके अगले दो दिनों तक भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। आखिरी दिन व्रती पारण करेंगे। इसके साथ ही छठ का महापर्व समाप्त हो जाएगा। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की अपनी एक अलग महानता है।

हर दिन का अपना महत्व

व्रत के सभी अलग-अलग दिनों का महत्व काफी खास है। कद्दू भात ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं। छठ व्रतियां निर्जला उपवास कर पूजा-अर्चना करेंगी। पंडित बताते हैं कि छठ व्रत के दौरान सभी दिनों का अपना एक अलग महत्व होता है। छठ का व्रत अलग-अलग रूप में और कठिन होता चला जाता है। गुरुवार को अर्घ्य देने के लिए सूप व सामग्री रखने के लिए दउरा-दउरी लोग खरीदे।

पहला दिन

छठ व्रत की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय किया जाता है। छठ व्रतियां किसी भी नदी, तालाब या अन्य किसी भी जलाशय में स्नान कर इसकी शुरुआत करती हैं। इसके पहले घर की साफ सफाई कर ली जाती है। नहाय-खाय के दिन अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाया जाता है। सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रसाद लोगों के बीच वितरित भी किया जाता है और यही से छठ पर्व की शुरुआत होती है।

दूसरा दिन

छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना के रूप में जाना जाता है। हालांकि इसी दिन से छठ व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। पहले सुबह से ही व्रती अन्न जल त्याग कर भगवान भास्कर की आराधना करने लगते हैं। शाम के वक्त अरवा चावल, दूध, गुड़, खीर इत्यादि का प्रसाद बनता है तथा भगवान भास्कर को चढ़ाने के बाद व्रती अल्प प्रसाद ग्रहण करती हैं। इस दिन निर्जला उपवास की शुरुआत हो जाती है।

तीसरा दिन

छठ पर्व का तीसरा दिन सबसे कठिन होता है। इस दिन छठ व्रतियों के निर्जला उपवास का दूसरा दिन प्रारंभ हो जाता है और इसी दिन छठ व्रती के द्वारा पूजा के दौरान इस्तेमाल में लाया जाने वाला ठेकुआ सहित अन्य प्रसाद भी बनाया जाता है। इसी दिन शाम के वक्त लोग छठ घाट जाते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।

चौथा दिन

छठ पर्व का चौथा दिन कार्तिक मास शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि को होता है। इस दिन अहले सुबह भगवान भास्कर के उदीयमान स्वरूप को अर्घ्य दिया जाता है। सुबह के वक्त भी लोग छठ घाट पहुंचते हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इसके बाद छठ व्रतियों के द्वारा पारण किया जाता है तथा छठ का व्रत खोल दिया जाता है। इसी के साथ छठ पर्व का समापन भी हो जाता है।

कद्दू खाने का ये है महत्व

जानकार बताते हैं कि नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ विज्ञानी महत्व भी है। इस दिन प्रसाद के रुप में कद्दू भात ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं। कद्दू इम्युनिटी बूस्टर है जो व्रतियों को 36 घंटे के उपवास में मदद करता है। कद्दू खाने से शरीर में अनेक प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। इसमें पानी की भी अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है जो कि निर्जला उपवास में काफी मददगार होती है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

अलग अंदाज में दिखे पीएम मोदी, बच्चों के साथ मस्ती करते आए नजर

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देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे एकदम अलग अंदाज में दिख रहे हैं। पीएम मोदी का ऐसा अंदाज शायद ही आपने पहले कभी देखा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है। जिमसें वह बच्चों के साथ खेल खेलते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में पीएम मोदी कभी बच्चों का सिर लड़ाते हैं तो कभी अपने माथे पर सिक्का चिपकाते दिखाई देते हैं। पीएम मोदी ने अपने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, "मेरे युवा दोस्तों के साथ कुछ यादगार पल!

वीडियो की शुरुआत में नरेंद्र मोदी दो बच्चों के कान पकड़े दिख रहे हैं। वे दोनों का सिर एक-दूसरे से टकराते हैं। इसके बाद वह सिक्का की मदद से उन्हें जादू दिखाते हैं। पीएम सिक्का अपने माथे पर रखते हैं और चिपका लेते हैं। इसके बाद हाथ से अपने सिर के पिछले हिस्से को हल्के से ठोकते हैं, जिससे सिक्का उनके दूसरे हाथ में गिरता है। इसके बाद पीएम मोदी वही जादू बच्चों के साथ करते हैं। पीएम पहले छोटी बच्ची के माथे पर सिक्का रखते हैं और हल्का दबाते हैं मानों चिपकाने की कोशिश कर रहे हों। इसी दौरान वह सिक्के को हाथ में छिपा लेते हैं। वह बच्ची को कहते हैं कि सिर के पिछले हिस्से को हाथ से ठोको। बच्ची ऐसा करती है, लेकिन सिक्का नहीं गिरता। इसी तरह वह छोटे बच्चे के साथ भी करते हैं। बाद में वह सिक्का बच्चे को दे देते हैं।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस वीडियो को लोग जमकर लाइक कर रहे हैं। इस वीडियो को इंस्टाग्राम में शेयर करने के बाद इसे एक घंटे में 8 लाख से अधिक व्यूज मिल चुके हैं।

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने बच्चों के साथ वक्त बिताया हो। इससे पहले भी वह कई मौकों पर बच्चों के साथ मस्ती करते दिखाई दे चुके हैं। इसी साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने बच्चों से मुलाकात की थी। तब पीएम मोदी ने बच्चों के साथ तस्वीर को एक्स पर साझा करते हुए लिखा था, "मासूम बच्चों के साथ आनंद के कुछ पल! इनकी ऊर्जा और उत्साह से मन उमंग से भर जाता है।

औरंगाबाद मे चोरों ने एटीएम को बनाया निशाना, कटर से काटकर उड़ाया एटीएम में रखा तकरीबन 4.50 लाख रुपए

औरंगाबाद : जिले में चोरों ने बीती रात कटर से काटकर एक एटीएम की चोरी कर ली। चोरी की इस घटना में एटीएम में रखे कुल 4 लाख 47 हजार रुपयों की चोरी की बात सामने आ रही है। 

घटना मदनपुर थाना क्षेत्र के रानी कुआं स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से जुड़ा है। एटीएम प्रबंधन से जुड़े लोगों को इसकी सूचना मिली जिसके बाद मदनपुर पुलिस को भी इसकी सूचना दी गयी। 

मौके पर पहुँचे मदनपुर थानाध्यक्ष ने पूरे मामले की जांच की और एटीएम परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। 

बताया जाता है कि रात लगभग 1 बजकर 31 मिनट पर एक लग्जरी वाहन से चोरों का यह गिरोह एटीएम के पास पहुंचा। 1 बजकर 35 मिनट पर गाड़ी से एक चोर उतरा और एटीएम में प्रवेश किया। 

बाद में उसने सीसीटीवी कैमरे को क्षतिग्रस्त कर दिया और फिर कटर मशीन से काटकर उसमे रखे रुपयों की निकासी कर आराम से चलते बना। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

चंद्रयान-3 के लॉन्‍चर व्हीकल का एक हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के वातावरण में वापस लौटा, पैसिफिक ओशन में हो सकता है क्रैश

#chandrayaan3launchrocketlvm3m4partentersearth_atmosphere

इस साल 23 अगस्त की तारीख को भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 की लैंडिंग करवा कर इतिहास रच दिया था। चंद्रयान के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर सौरमंडल निर्माण के रहस्य, पानी और कई चीजों पर रिसर्च किया था।इस बीच खबर आ रही है कि चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल एलवीएम3एम4 के ऊपरी क्रायोजनिक हिस्से ने बुधवार को धरती के वातावरण में अनियंत्रित वापसी की है। इसकी जानकारी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने दी।

प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से फिर से प्रवेश कर गया है। इसरो की ओर से जानकारी दी गई है कि रॉकेट बॉडी जो कि चंद्रयान-3 यान का हिस्सा था, वह पृथ्वी के वायुमंडल में वापस से प्रवेश कर गया है रॉकेट का यह हिस्सा धरती के वायुमंडल में 15 नवंबर की दोपहर करीब 2.42 बजे दाखिल हुआ। बता दें कि रॉकेट बॉडी के फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुई है।

धरती पर कहां होगा रॉकेट के हिस्से का इम्‍पैक्‍ट

इसरो के मुताबिक, इसका इम्पैक्ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। फाइनल ग्राउंड ट्रैक भारत के ऊपर से नहीं गुजरा। इसरो ने कहा कि उसने दुर्घटनावश होने वाले किसी भी संभावित विस्फोट के जोखिम को कम करने के लिए सभी अवशिष्ट प्रणोदक और ऊर्जा स्रोतों को हटाने की प्रक्रिया के तहत यान के इस ऊपरी चरण को निष्क्रिय कर दिया था। ऐसा अंतरिक्ष मलबा निस्तारण के लिए तय संयुक्त राष्ट्र और आईएडीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। इसरो ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रॉकेट बॉडी को निष्क्रिय करना और मिशन के बाद उसका निपटान फिर बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता को संरक्षित करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

बता दें कि लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता से अंजाम देकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई रिसर्च की थी। काम समाप्त होने और चंद्रमा में अंधेरे का समय आने के बाद इसरो ने दोनों उपकरणों को स्लीप मोड में डाल दिया था। हालांकि, विक्रम लैंडर के रिसीवर को ऑन ही रखा गया था ताकि इससे धरती से दोबारा संपर्क स्थापित किया जा सके।

बापू सभागार मे आयोजित समारोह मे 4 हजार से अधिक लाभुकों को सीएम नीतीश ने दिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की पहली किस्त, फिर उठाई राज्य को विशेष


पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बापू सभागार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत एक दिवसीय उन्मुखीकरण,और प्रथम किस्त वितरण समारोह में शिरकत कर 4 हजार से अधिक लाभुको किस्त की राशि सौंपे. 

इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने यही सभी तपके के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरूआत की है. इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार करें ताकि लोग लाभ ले सकें. 

उन्होंने लगे हाथ अपने बड़े भाई लालू व राबड़ी राज पर भी सवाल खड़े कर दिए . कहा कि पहले कुछ यहां काम होता था. हम जब यहां आए तो सभी क्षेत्रों में काम शुरू कराया. 

नीतीश कुमार ने राजद कोटे के उद्योग मंत्री समीर महासेठ को सलाह देते हुए कहा कि हमारी बात को सुनिए,तभी काम हो पायेगा. पहले यहां क्या था...हम जब 2005 में यहां आये तब जाकर इस तरह की योजनाओं को लाए हैं. 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से ऐलान किया है वे विशेष राज्य के दर्ज की मांग को लेकर अभियान शुरू करने वाले हैं. गांव-गांव जाकर यह डिमांड किया जाएगा कि विशेष राज्य का दर्जा दो. अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया तो तेजी से विकास होगा. 

कहा कि केंद्र सरकार कोई काम नहीं कर रही, कोई मदद नहीं मिल रहा. अगर स्पेशल स्टेटस मिल गया तो बिहार के पिछड़े लोगों का दो सालों में ही विकास होंगे. 

वहीं मीडिया कौ आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मीडिया वाला हमारा छापता नहीं है. केंद्र ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है.

पटना से मनीष प्रसाद

नबीनगर में पुलिस हिरासत से जुआरियों के भगाने के जारी विडियो को एसडीपीओ ने बताया संदिग्ध, कहा- गहराई से होगी जांच

औरंगाबाद : जिले के नबीनगर के भवानोखाप में दीवाली की पूर्व संध्या पर जुआं खेल रहे पकड़े गए जुआरियों को पुलिस के हिरासत से भगाने के मामले की गहराई से जांच होगी। मामले में हर बिंदु पर बारीकी से छानबीन की जाएंगी। दोषी पकड़े जाएंगे और निर्दोष बरी होंगे। उक्त बातें सदर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी(एसडीपीओ) मो. अमानुल्लाह खां ने कही है।

मामले को लेकर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी(एसडीपीओ) मो. अमानुल्लाह खां ने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में नबीनगर नपं के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि विपिन सिंह बहस करते दिख रहे है। 

एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस के साथ दुर्व्यहार कर भवानोखाप में पकड़े गए जुआरियों को पुलिस के कब्जें से छुड़ाया गया है। 

उन्होने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 11 नवम्बर की रात पुलिस के गश्ती दल को यह सूचना मिली थी कि नबीनगर बाजार स्थित भवानोखाप पुल के पास कुछ जुआरी द्वारा जुआ खेल रहे है। इस सूचना पर नबीनगर थाना के पुलिस पदाधिकारी प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक अनित कुमार रात्रि गश्ती में प्रतिनियुक्त सशस्त्र बल के जवानों के साथ भवानोखाप पुल के पास पहुंचे, जहां अचानक पुलिस को देखकर जुआरी भागने लगे। इस दौरान दो जुआरी पकड़े गए। 

पकड़े गए जुआरियों से मौके पर पुलिस उनका नाम और पता पूछने एवं अन्य कार्रवाई कर रही थी। इसी दौरान काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गये और पुलिस की गाड़ी को घेर लिया तथा वें सभी पकड़े गये जुआरियों को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। उसी समय नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि विपिन सिंह एवं बेलाई पंचायत के मुखिया अमरीश प्रधान अपने अन्य सहयोगियों के साथ पहुंचें तथा पकड़ में आए दोनो जुआरियों को पुलिस बल पर हमला कर छुड़ा लिया। 

इस मामले को लेकर सुसंगत धाराओं के तहत नबीनगर थाना में कांड सं.-432/ 23 दर्ज किया गया है। इसी मामले में 15 नवम्बर को सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो वायरल हुआ है। 

कहा कि अवलोकन करने पर प्रथमदृष्टया वायरल वीडियो दिन का पाया गया है, जबकि घटना। दीवाली के एक दिन पहले 11 नवम्बर को भवानोखाप पुल के पास रात के करीब 10.30 बजे की है। इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो इस घटना से संबंधित नहीं है। 

प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि वायरल वीडियो में तारीख 26 दिखाई दे रहा है, जिसमें महीना स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद मामले में वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। वही मामले में मुख्य पार्षद प्रतिनिधि विपिन सिंह ने वें एक सामाजिक कार्यकर्ता है। इस नाते क्षेत्र में घुमते रहते है। घटना के दिन क्षेत्र भ्रमण कर लौटते हुए जब वें भवानोखाप पुल के पास पहंचे तो उन्होने भीड़ देखकर अपनी गाड़ी रोक दी। गाड़ी रोकने के बाद जब उन्हे पता चला कि जुआरी पकड़े गए है, तो उन्होने उल्टे जुआरियों को ही डांट-फटकार लगाई। उन्होने पुलिस के साथ कोई मिस बिहैव नही किया है। मामले में उन्हे पुलिस के वरीय अधिकारियों पर भरोसा है। वें मामले की सही जांच कर दुध का दुध और पानी का पानी करेंगे। 

हालांकि मामले में हम नबीनगर नपं के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि और पुलिस द्वारा जारी वीडियो में से किसी की भी पुष्टि नही करते है। दोनों ही वायरल वीडियो कब, कहा, किस समय, किस दिन और तारीख के है, इसकी भी हम पुष्टि नही करते है। यह पुलिस के उपर है कि वह मामले की वास्तविकता कैसे पता लगाती है लेकिन एसडीपीओ की बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि वें मामले को लेकर बेहद गंभीर है। उनकी कार्यशैली भी इसी बात का ईशारा करती है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र