चंद्रयान-3 के लॉन्‍चर व्हीकल का एक हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के वातावरण में वापस लौटा, पैसिफिक ओशन में हो सकता है क्रैश

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इस साल 23 अगस्त की तारीख को भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 की लैंडिंग करवा कर इतिहास रच दिया था। चंद्रयान के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर सौरमंडल निर्माण के रहस्य, पानी और कई चीजों पर रिसर्च किया था।इस बीच खबर आ रही है कि चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल एलवीएम3एम4 के ऊपरी क्रायोजनिक हिस्से ने बुधवार को धरती के वातावरण में अनियंत्रित वापसी की है। इसकी जानकारी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने दी।

प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से फिर से प्रवेश कर गया है। इसरो की ओर से जानकारी दी गई है कि रॉकेट बॉडी जो कि चंद्रयान-3 यान का हिस्सा था, वह पृथ्वी के वायुमंडल में वापस से प्रवेश कर गया है रॉकेट का यह हिस्सा धरती के वायुमंडल में 15 नवंबर की दोपहर करीब 2.42 बजे दाखिल हुआ। बता दें कि रॉकेट बॉडी के फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुई है।

धरती पर कहां होगा रॉकेट के हिस्से का इम्‍पैक्‍ट

इसरो के मुताबिक, इसका इम्पैक्ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। फाइनल ग्राउंड ट्रैक भारत के ऊपर से नहीं गुजरा। इसरो ने कहा कि उसने दुर्घटनावश होने वाले किसी भी संभावित विस्फोट के जोखिम को कम करने के लिए सभी अवशिष्ट प्रणोदक और ऊर्जा स्रोतों को हटाने की प्रक्रिया के तहत यान के इस ऊपरी चरण को निष्क्रिय कर दिया था। ऐसा अंतरिक्ष मलबा निस्तारण के लिए तय संयुक्त राष्ट्र और आईएडीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। इसरो ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रॉकेट बॉडी को निष्क्रिय करना और मिशन के बाद उसका निपटान फिर बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता को संरक्षित करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

बता दें कि लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता से अंजाम देकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई रिसर्च की थी। काम समाप्त होने और चंद्रमा में अंधेरे का समय आने के बाद इसरो ने दोनों उपकरणों को स्लीप मोड में डाल दिया था। हालांकि, विक्रम लैंडर के रिसीवर को ऑन ही रखा गया था ताकि इससे धरती से दोबारा संपर्क स्थापित किया जा सके।

42 सीटर बस में भर लिए 55 यात्री, मची आगे निकलने की होड़ तभी 300 फ़ीट गहरी खाई में जा गिरी बस 36 की मौत

 जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को बड़ी सड़क दुर्घटना हुई। भीषण दुर्घटना में अब तक 38 यात्रियों की जान चली गई। बता दें कि दुर्घटना में 17 यात्री जख्मी बताए जा रहे है। इनमें से कई यात्रियों की हालत अब भी नाजुक है। चार जख्मियों को जीएमसी जम्मू के लिए एयरलिफ्ट भी किया गया। घटनास्थल पर कोहराम मच गया। मृतकों के आंकड़े में वृद्धि हो सकती है। 

ताज़ा जानकारी के अनुसार डोडा जिले के बग्गर इलाके के त्रांगल में बुधवार दोपहर 12 बजे के पास यह दर्दनाक दुर्घटना हुई। यहां एक बस अनियंत्रित होकर तकरीबन 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे का शिकार हुई बस किश्तवाड़ से जम्मू की तरफ ही जा रही थी।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग घटनस्थल पर पहुंचे। साथ ही पुलिस को भी जानकारी दी। जख्मियों को उपचार के लिए जीएमसी डोडा ले जाया गया है। जिनमे से भी कुछ की हालत गंभीर है। ऐसे में मरने वालों का आंकड़ा और भी अधिक होने का अनुमान भी जताया जा रहा है। 

बता दें कि पंजीकरण संख्या JK-02 CN-6555 बस में 55 लोग सवारी कर रहे थे। बस किश्तवाड़ से जम्मू जा रही थी। बटोत-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर त्रुंगल-अस्सार के पास बस अनियंत्रित होकर 300 फीट खाई में जा गिरी। 

शुरुआती जानकारी में ये भी कहा गया है कि यह बस 42 सीटर थी, लेकिन जिसमे 55 यात्रियों को बैठाया गया था। बस रास्ते पर दौड़ते हुए 2 अन्य बसों को ओवरटेक कर रही थी। तीनों बसों में आगे निकलने की जल्दबाजी मची हुई थी। इसी दौरान यह बस बेकाबू होकर खाई में गिर गई और बड़ा हादसा हो गया। दुर्घटना के उपरांत बचाव अभियान का एक वीडियो इस समय तेजी से वायरल हो रहा है ।

खाई से नीचे गिरी बस दिखाई दे रही है। ऊंचाई से गिरने के कारण से बस के परखच्चे उड़ गए। जिस स्थान पर यह भीषण हादसा हुआ, वहां से एक सड़क गुजरी है, जिसके मोड़ पर गहरी खाई है। ऐसे में अनुमान है कि मोड़ पर ड्राइवर से बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। 

पीएम मोदी-उपराज्यपाल ने हादसे पर जताया दुख

 दर्दनाक स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्यक्त किया है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी हादसे दुख प्रकट भी किया।

मृतकों के परिवार को दो लाख और घायलों को पचास हजार की घोषण

 पीएम मोदी ने एक्स पर बोला है कि "जम्मू-कश्मीर के डोडा में बस दुर्घटना दुखद है। उन परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। उन्होंने घोषणा करते हुए कि प्रत्येक मृतक के परिजन को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और प्रत्येक घायल को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

गृहमंत्री शाह ने जताया दुख

बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने बोला कि, "जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक दुखद बस दुर्घटना के कारण बहुमूल्य जिंदगियों के नुकसान के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। स्थानीय प्रशासन बचाव अभियान चला रहा है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।" मृतक और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करता हूं।'' 

उपराज्यपाल सिन्हा बोले- बहुत दुखी हूं

जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा,"डोडा में एक दुखद बस दुर्घटना में लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं और दुर्घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डिव कॉम और जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है।"

21 मृतकों की हुई पहचान

डोडा बस दुर्घटना में मारे गए 36 लोगों में से अभी तक 21 लोगों की पहचान हो चुकी है। डोडा जिला प्रशासन ने भी दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है। अफवाहों से बचने और सटीक जानकारी और सहायता के लिए नंबर जारी किए हैं। 

 इन नंबरों पर करें संपर्क

01996233337 (डीसी कार्यालय डोडा)

01996233465 (एएच जीएमसी डोडा)

18001807122 (टोल फ्री नंबर)

9906320997, 9596776203 (नियंत्रण कक्ष)

गाजा में अब बुलडोजर चलाने की तैयारी में इजरायल, अल शिफा अस्पताल की तलाशी में मिले भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार

इजारयल-हमास युद्ध में अब इजरायली सेना गाजा में घुसकर आतंकियों का खात्मा करने में जुटी है। उत्तरी गाजा को लगभग तबाह कर चुका इजरायल अब उसपर कब्जा जमा चुका है। अब इजरायली सेना वहां के सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल की तलाशी ले रही है।

बुलडोजर चलाने की तैयारी

अल शिफा अस्पताल की तलाशी पर इजरायली सेना को वहां कई गोला बारूद मिले हैं। अब बड़ी मात्रा में हथियार मिलने के बाद इजरायली सेना अस्पताल पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। सेना का कहना है कि इस अस्पताल के नीचे हमास ने सुरंग बना रखी है।

अस्पताल के नीचे कमांड सेंटर का आरोप

इजरायल का आरोप है कि हमास ने अल शिफा अस्पताल के नीचे ही अपना कमांड सेंटर बना रखा है। इस दावे का अमेरिका ने भी समर्थन किया है और कहा है कि उसकी खुफिया एजेंसी ने भी यही अपडेट दिया है। हालांकि, हमास इसको खारिज करता रहा है।

दूसरी ओर फलस्तीन का आरोप है कि इजरायली सेना ने अस्पताल के चारों ओर बुलडोजर तैनात कर दिया है, जो कि काफी खतरनाक है। बता दें कि यूएन का मानना है कि अस्पताल के अंदर अभी भी कम से कम 2300 से ज्यादा मरीज, कर्मचारी और विस्थापित नागरिक हैं, जिनमें कई नवजात शिशु भी शामिल हैं।

उत्तरकाशी टनल हादसे में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, यूपी और झारखंड की टीम सहयोग के लिए पहुंचे

 उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। गुरुवार को भी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन जारी है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू और समन्वय बनाने के लिए विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के दल उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं।

झारखंड से जैप आईटी के मुख्य कार्यकारी अ​धिकारी भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक टीम आई। इस टीम ने उत्तरकाशी में यहां अधिकारियों से श्रमिकों के बचाव को लेकर बात की। साथ ही सुरंग में काम करने वाले झारखंड निवासी श्रमिकों से भी बातचीत की।

झारखंड के मजदूरों को दिया आश्वासन

इसके अलावा सुरंग के अंदर फंसे झारखंड निवासी विश्वजीत कुमार वर्मा, सुबोध कुमार वर्मा का हालचाल जाना। झारखंड के अधिकारियों ने खोज बचाव अभियान तथा स्वजन को ढांढस देने में पूरा सहयोग करने का आश्वासन उत्तरकाशी जिला प्रशासन को दिया है।

यूपी के अधिकारियों ने जाना मजदूरों का हाल

इसके अलावा उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से नोडल अधिकारी अरुण मिश्रा उत्तरकाशी पहुंचे। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन के अधिकारियों से भी बात की। साथ ही सिलक्यारा सुरंग में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के श्रमिकों का हालचाल भी जाना। इसके अलावा सुरंग में फंसे उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिकों की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।

पहुंची मशीन, अब तेज होगा रेस्क्यू

नई दिल्ली से मंगाई गई उच्च क्षमता की ड्रिलिंग मशीन को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से सिलक्यारा स्थित सुरंग तक ग्रीन कारिडोर बनाकर पहुंचाया गया। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर ड्रिलिंग मशीन की अनलोडिंग और घटनास्थल तक उसके परिवहन के लिए समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि ड्रिलिंग मशीन तीन हिस्सों में सिलक्यारा तक पहुंचाई गई। इसके लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से सिलक्यारा तक करीब 32 किलोमीटर दायरे में लगभग दो घंटे के लिए ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया। देर रात मशीन के कल-पुर्जों की आखिरी खेप भी घटनास्थल के लिए भेज दी गई।

इजरायली सेना को अल शिफा अस्पताल में मिला हथियारों का जखीरा, आईडीएफ ने वीडियो शेयर कर दी जानकारी

#israeli_army_finds_ak_47_and_grenades_in_gaza_al_shifa_hospital 

इजराइल ने दावा किया है कि उसकी सेनाओं को इस बात के सबूत मिले हैं कि हमास आतंकी गतिविधियों के लिए विस्फोटक और हथियार रखने के लिए अस्पतालों का इस्तेमाल करता है।इजरायल की सेना गाजा के अल-शिफा हॉस्पिटल के अंदर घुस गई है जो कि यहां का सबसे बड़ा अस्पताल है। अल-शिफा के अंदर कुछ जगहों पर सैनिकों और हमास आतंकियों के बीच जंग हुई।अब इजरायल ने दावा किया था कि इसी अस्पताल के नीचे हमास का हेडक्वार्टर है।इजरायली रक्षा बल ने दावा किया है कि हमास अल-शिफा अस्पताल में एमआरआई भवन का उपयोग एक परिचालन मुख्यालय के रूप में और तकनीकी उपकरणों के भंडारण के लिए भी करता है।

इजराइली सेना ने जारी किया वीडियो

इजराइली सैनिकों ने बुधवार को दिनभर अस्पताल में खोजबीन जारी रखी। इस दौरान इजराइली सैनिकों द्वारा एक वीडियो भी बनाया गया। जिसमें इजराइली सैनिक बता रहे हैं कि अस्पताल परिसर से स्वचालित हथियार, हथगोले, गोला बारूद जैसी सामग्री बरामद की गई है। गाजा पट्टी में इजराइली सैन्य अभियानों के प्रमुख मेजर जनरल यारोन फिंकेलमैन ने कहा, हमने शिफा अस्पताल में अभियान चलाया। इजारइल के इस दावे का अमेरिका ने समर्थन किया है।

MRI सेंटर में जगह-जगह हथियार छिपाकर रखे गए

इजरायल सैनिकों ने जो वीडियो शूट किए हैं उनमें दिख रहा है कि अल शिफा अस्पताल के MRI सेंटर में इलाज के नाम पर केवल दिखावा हो रहा था। अस्पताल में MRI मशीनों के पीछे AK 47, मैगजीन, ग्रेनेड और ड्रेस को छिपाकर रखा गया था। इतना ही नहीं सेंटर में सीसीटीवी कैमरों को भी हमास के आतंकियों ने टेप लगाकर बंद कर दिया था। आतंकियों ने पूरे MRI सेंटर में जगह-जगह हथियार छिपाकर रखे थे। अल शिफा अस्पताल में हथियारों के जखीरे के साथ-साथ कम्युनिकेशन रेडियो, सीडी, और लैपटॉप भी मिला है।

इजराइल ने कहा- अस्पताल आतंक फैलाने का अड्डा बना

इजरायली फोर्स का दावा है कि 6 मंजिला इस अस्पताल के नीचे हमास का सबसे बड़ा ठिकाना है। उसका कहना है कि इस अस्पताल के नीचे हमास का मिलिट्री हेडक्वॉर्टर है और उसका इंटेलिजेंस नेटवर्क यहीं से ऑपरेट करता है। इजरायल के मुताबिक, हमास का वायु रक्षा मुख्यालय, पॉलिटिकल ब्यूरो ऑफिस, हथियारों की फैक्ट्री और कमांडरों के ऑफिस भी यहीं पर हैं।

राजस्थान में बीजेपी ने जारी किया घोषणा पत्र, छात्राओं को मिलेगी स्कूटी, 450 में गैस सिलेंडर, जानें पिटारे में और क्या?

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राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने आज अपना घोषणापत्र जारी किया। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर में हैं।बीजेपी अपने घोषणापत्र को संकल्प पत्र कहती है। राजस्थान के लिए इसका नाम 'आपणो अग्रणी राजस्थान संकल्प पत्र’ रखा गया है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणापत्र जारी करते हुए कांग्रेस पार्टी के पिछले पांच साल के कार्यकाल की आलोचना की। उन्होंने केंद्रीय योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि योजनाओं के जरिए किसानों को बीजेपी ने आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए नियुक्ति पत्रों का जिक्र किया और कहा कि सात महीने में छह लाख सरकारी नौकरी युवाओं को दिए हैं।

संकल्प पत्र में जनता से कई वादे

राजस्थान के लिए बीजेपी ने इस संकल्प पत्र में जनता से कई वादे किए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हर जिले में महिला थाना खुलेगा। हर जिले में एंटी रोमियो स्क्वायड बनाया जाएगा। बच्ची के पैदा होने पर उसे सेविंग बॉन्ड दिया जाएगा। बीजेपी सरकार बनने पर सीएम फ्री स्कूटी और लखपति योजना लाएंगे। इसी तरह गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर 450 रुपये में दिया जाएगा। इसके अलावा भ्रष्टाचार को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई जाएगी। 5 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार बनने पर पांच साल में ढाई लाख सरकारी नौकरी देंगे।

बीजेपी के घोषणापत्र के तीन पिलर

जेपी नड्डा ने बताया कि बीजेपी के घोषणापत्र के तीन पिलर हैं। इनमें विकास के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र; दूसरा, गांव-गरीब, वंचित, पीड़ित, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं को सशक्त करना और तीसरा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोड़ देना शामिल है।

घोषणा पत्र बीजेपी के लिए रोडमैप-नड्डा

जेपी नड्डा ने कहा, अन्य पार्टियों के लिए घोषणा पत्र महज औपचारिकता है, लेकिन बीजेपी के लिए यह विकास का रोड मैप है। हम इसमें लिखे शब्दों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध हैं। हमारा इतिहास है, हमने जो कहा है वो किया है। जो नहीं कहा है, वो भी किया है।

चीनी राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद बदले बाइडन के बोल,शी जिनपिंग को बता दिया तानाशाह

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंशिने करीब एक साल बाद बुधवार को पहली बार मुलाकात की।एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई।करीब चार घंटे की बातची में दोनों नेताओं ने चीन और अमेरिका के बीच मतभेदों को खत्म करने पर जोर दिया। हालांकि, इस मुलाकात के कुछ घंटों के बाद ही बाइडेन की सुर बदले हुए नजर आए।

दरअसल, एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के बाद एक प्रेस काफ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक बार फिर तानाशाह कह दिया। सैन फ्रांसिस्को में एक पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह कहा। जैसा की वे पहले भी कहते रहे हैं

बाइडन और शी ने उत्तरी कैलिफोर्निया के एक एस्टेट में चार घंटे एक साथ बिताए। इस दौरान उन्होंने बैठकों में भाग लिया, दोपहर का भोजन और बगीचे की सैर की। मुलाकात के दौरान अपने रिश्तों में नरमी लाने का एक दूसरे से वादा किया। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बैठक के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि अगर किसी को कोई परेशानी या चिंता है तो एक-दूसरे से बातचीत करना चाहिए। 

बाइडन अपने बयान पर कयाम

इस दौरान बाइडन से पूछा गया कि क्या राष्ट्रपति अब भी शी को तानाशाह कहेंगे जैसा कि वह पहले कहते आए हैं। इस पर बाइडन ने तपाक से कहा कि वह (शी जिनपिंग) एक ऐसे देश की बागडोर संभालते हैं, जो कम्युनिस्ट विचारधारा को मानता है। उनकी सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल इतर है। इसलिए मैं अपने बयान (तानाशाह) पर कायम हूं।

बाइडेन ने इससे पहले भी चीन के राष्ट्रपति को तानाशाह बताया था। उन्होंने जून 2023 में जिनपिंग को तानाशाह कहा था, जिसके बाद चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर आपत्ति जताई थी। चीन ने कहा था कि जो बाइडेन का बयान बेतुका और गैर-जिम्मेदाराना है।

जिनपिंग ने क्या कहा?

वही, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि चीन कभी भी अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा की नीयत नहीं रखता है, इसलिए अमेरिका को भी चीन को दबाने या फिर उसे अपने काबू में करने की योजनाएं नहीं बनानी चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि चीन पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से हमारे देश के जायज हितों को नुकसान हुआ है।

वर्ल्ड कप 2023 के पहले सेमीफाइनल में शमी की “सुनामी”, विकेटों का अर्धशतक पूरा कर रचा इतिहास, तोड़े कई और रिकॉर्डस

#mohammad_shami_most_wickets_by_indians_in_world_cup 

भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के लिए वर्ल्ड कप-2023 शानदारह रहा।मोहम्मद शमी इस वर्ल्ड कप में लगातार अपनी गेंद से कहर बरपाने का काम कर रहे हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में भी मोहम्मद शमी ने कमाल की गेंदबाजी की।उन्होंने एक साथ कई रिकॉर्ड बनाए। मोहम्मद शमी ने वनडे वर्ल्ड कप में अपने 50 विकेट पूरे कर लिए हैं। इसके साथ ही शमी वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। यही नहीं वह किसी एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज भी बन गए हैं।

वनडे विश्व कप में 50 से ज्यादा विकेट लेने वालों की क्लब में शामिल

पूरी दुनिया के अब तक केवल सात ही गेंदबाज ऐसे हुए हैं, जो वनडे विश्व कप में 50 से ज्यादा विकेट ले पाए हैं। मोहम्मद शमी की भारतीय गेंदबाज के रूप में पहली एंट्री हुई है। वनडे विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा हैं। उन्होंने 39 मैच खेलकर 71 विकेट लिए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर मुथैया मुरलीधरन हैं। उनके नाम 40 मैचों में 68 विकेट हैं। ये दोनों खिलाड़ी अब रिटायर हो गए हैं। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर मिचेल स्टार्क हैं। उन्होंने 26 मुकाबले खेलकर 59 विकेट लिए हैं। एक्टिस प्लेयर्स में उन्हीं के नाम सबसे ज्यादा विकेट हैं। श्रीलंका के लसिथ मलिंगा ने 29 मैच खेलकर 56 विकेट चटकाए हैं। पाकिस्तान के कप्तान रहे वसीम अकरम ने 38 मुकाबले खेलकर वनडे विश्व कप में 55 विकेट लिए हैं। वहीं ट्रेंट बोल्ट ने अब तक 29 मैच खेले हैं और उके नाम 53 विकेट हो चुके हैं। वहीं बात अगर मोहम्मद शमी की करें तो शमी ने अभी महज 17 मुकाबले ही खेले हैं और 51 विकेट अपने नाम करने में कामयाब रहे हैं

वनडे वर्ल्ड कप में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज

मोहम्मद शमी की खास बात ये है कि वे आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज हो गए हैं। इससे पहले ये कीर्तिमान मिचेल स्टार्क के नाम था, उन्होंने 19 मैच खेलकर 50 विकेट लिए थे, लेकिन शमी ने 17 मैचों में ही ये कारनामा कर दिखाया है। इसके बाद नाम आता है लसिथ मलिंगा का, जिन्होंने 25 मैच खेलकर 50 विकेट लिए थे। 15 नवंबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप में खेल रही थी, तो न्यूजीलैंड के पहले चार के चार विकेट शमी ने ही अपने खाते में डाले और मैच को एक तरह से भारतीय टीम के पक्ष में मोड़ दिया। इसके बाद मैच की केवल खानापूर्ति ही रह गई थी। इस धाकड़ गेंदबाज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 57 रन देकर 7 विकेट झटके।

एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने

शमी के इस वर्ल्ड कप में 23 विकेट हो गए हैं। वह टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाज हैं। यही नहीं वह किसी एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज भी बन गए हैं। शमी ने जहीर खान को पीछे छोड़ा है। जहीर ने 2011 के वर्ल्ड कप में 21 विकेट चटकाए थे। टीम इंडिया तब चैंपियन बनी थी। वर्ल्ड कप में शमी के कुल 54 विकेट हो गए हैं। वह जहीर खान और जवागल श्रीनाथ को पहले ही पीछे छोड़ चुके हैं। दोनों ने वर्ल्ड कप में 44-44 विकेट लिए थे।

वर्ल्ड कप-2023: भारतीय टीम की ‘विराट’ जीत, न्यूजीलैंड से लिया 2019 की हार का बदला

#ind_vs_nz_team_india_beat_new_zealand_in_odi_world_cup_semi_final

वर्ल्ड कप 2023 का पहला सेमीफाइनल मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। इस मुकाबले में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 70 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम 12 साल के बाद वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है।दूसरे सेमीफाइनल को जीतने वाली टीम से भारत का फाइनल में मुकाबला खेला जाएगा।टूर्नामेंट का दूसरा सेमीफाइनल मैच साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। 

भारत की जीत में विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और मोहम्मद शमी का योगदान अहम रहा। कोहली ने 117 और अय्यर ने 105 रन की पारी खेली। वहीं, मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए सात विकेट अपने नाम किए। तीनों ने मिलकर भारत को लगातार तीसरी बार सेमीफाइनल में नहीं हारने दिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में चार विकेट खोकर 397 रन बनाए थे। इसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 48.5 ओवर में 327 पर सिमट गई। भारत की जीत में विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और मोहम्मद शमी का योगदान अहम रहा। कोहली ने 117 और अय्यर ने 105 रन की पारी खेली। इन दोनों ने 128 गेंद पर 163 रन जोड़े. इससे पहले कप्तान रोहित शर्मा ने 29 गेंद पर 47 रन की तूफानी पारी खेल कर भारत को तेज शुरुआत दिलाई जबकि बीच में रिटायर्ड हर्ट होने वाले शुभमन गिल ने अंतिम ओवर में वापसी की और कुल 66 गेंद पर नाबाद 80 रन की पारी खेली. केएल राहुल 20 गेंद पर 39 रन बना कर नाबाद रहे.

वहीं, मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए सात विकेट अपने नाम किए। मोहम्मद शमी ने 9.5 ओवर में 57 रन देकर 7 विकेट झटके। भारत की तरफ से वनडे में यह बेस्ट बॉलिंग प्रदर्शन है।

रोहित एंड कंपनी ने मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में खेला गया सेमीफाइनल मुकाबला जीतकर 12 साल बाद वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है।2011 में वो वर्ल्ड कप का खिताबी मुकाबला खेली थी और चैंपियन बनी थी।महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी टीम चैंपियन बनी थी।इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार का बदला भी ले लिया। आपको बता दें कि वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली थी। उस मैच में एमएस धोनी के रनआउट ने भारत में करोड़ों दिलों को तोड़ दिया था। उस रनआउट के बाद मैच पूरी तरह से पलट गया था और भारतीय टीम सेमीफाइनल से बाहर हो गई थी। उस वक्त से ही भारतीय फैंस को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक और मौके की तलाश थी और यह मौका इस वर्ल्ड कप से सेमीफाइनल में मिल ही गया और भारत ने अपना बदला ले लिया।

भारत चौथी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार खिताब जीता था। 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। तब सौरव गांगुली कप्तान थे। इसके आठ साल बाद 2011 में जब भारत फाइनल में पहुंचा तो उसने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार खिताब जीत लिया।

भट्टी में तब्दील हो रहा धरती का वातावरण, सदी के मध्य तक गर्मी से हुई मौतों में 4.7 गुना तक हो सकती है वृद्धि

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दुनियाभर में तापमान लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया भर में लगातार होते कार्बन उत्सर्जन की वजह से बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग आने वाले दशक में मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरने वाली है। इस बढ़ते तापमान ने एक लाख वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल दुनिया में 1,00,000 से अधिक वर्षों में सबसे अधिक वैश्विक तापमान दर्ज किया गया। प्रतिष्ठित पत्रिका लैंसेट ने स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन को लेकर ऐसे कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। जो डराने के लिए संभल जाने के लिए हैं। बता दें लैंसेट ने जलवायु परिवर्तन को लेकर 8वीं रिपोर्ट जारी की है।

गर्मी से होने वाली मौतों में 370 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है

प्रतिष्ठित पत्रिका लैंसेट ने गर्मी से होने वाली मौतों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। मंगलवार को प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार अगर इस सदी के अंत तक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ेतरी होती है तो गर्मी से होने वाली मौतों में 370 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि जलवायु परिवर्तन आज जीवन और आजीविका को कैसे नुकसान पहुंचा रही है। 2022 में, व्यक्ति औसतन 86 दिनों तक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक उच्च तापमान के संपर्क में आए। जिनमें से 60 प्रतिशत मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ। 

प्रति सैकंड 1337 टन कार्बनडाई ऑक्साइड का उत्सर्जन हो रहा

रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण आज दुनियाभर के लोग जीवन और आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लैंसेट काउंटडाउन के कार्यकारी निदेशक ने लंदन स्थित एक काॅलेज में दिए अपने बयान में कहा कि तापमान में हो रही वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना जरूरी है वरना इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमें औद्योगिक उत्पादन को सीमित करना होगा। अभी भी प्रति सैकंड 1337 टन कार्बनडाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। हमें कार्बन उत्सर्जन में कमी लानी होगी।

डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर 52 संस्थाओं ने किया है रिसर्च

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में यह विश्लेषण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) सहित दुनिया भर के 52 अनुसंधान संस्थानों ने किया है। यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के 114 प्रमुख विशेषज्ञों के काम का प्रतिनिधित्व करता है, जो स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंधों के आंकलन का नवीनतम अपडेट प्रदान करने वाला है। 28वें संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) से पहले प्रकाशित, विश्लेषण में 47 बिंदुओं में सिलसिलेवार तरीके से आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। इनमें नए और बेहतर मेट्रिक्स शामिल हैं जो घरेलू वायु प्रदूषण, जीवाश्म ईंधन के वित्तपोषण और जलवायु शमन के स्वास्थ्य सह-लाभों पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों के एक दूसरे से जुड़ाव की निगरानी करते हैं।