सत्ता में आए तो सबसे पहले अग्निवीर योजना करेंगे बंद, समाजवादी प्रमुख और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने किया दावा

 समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को अग्न‍िवीर योजना को लेकर बड़ा दावा किया। उन्‍होंने कहा कि सत्‍ता में आए तो इस योजना को खत्‍म कर देंगे। अखिलेश ने कहा कि 2024 के घोषणा पत्र में समाजवादी पार्टी इसे शामिल करेगी। 

समाजवादी पार्टी कार्यालय पर नोटबंदी की लाइन में पैदा हुए खजांची नाम के बच्‍चे का सातवां जन्‍मदिन मनाने के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश ने ये दावा किया। अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पूरी तरह संवदेनहीन है। अग्निवीर भर्ती योजना पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश ने कहा कि यदि हम सत्‍ता में आए तो ये योजना खत्‍म करेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव में अग्निवीर को बड़ा मु्द्दा बनाने का संकेत देते हुए अखिलेश ने कहा कि इसे समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। 

अखिलेश यादव ने नोटबंदी योजना को लेकर भी बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्‍होंने आरोप लगाया कि 15 लाख करोड़ के कॉरपोरेट फ्राड की भरपाई के लिये नोट बन्दी लाई गई। अखिलेश ने नोटबन्दी के दौरान बैंक लाइन के दौरान पैदा हुए 6 साल के खजांची का जन्मदिन उसे लड्डू खिला कर मनाया। इस मौके पर केक भी काटा गया। अखिलेश ने नोटबंदी पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने पहले दो हजार रुपए के नोट छापे फिर बंद कर दिए। अब शादी में ड्रोन उड़ते देखता हूं तो लगता है कि वो हजार के चिप वाले नोट देख रहा हूं। 

डायल-112 की महिला कर्मियों की सैलरी डबल करने का वादा 

अखिलेश ने डायल-112 की महिला कर्मियों की सैलरी डबल करने का वादा किया। उन्‍होंने कहा कि भाजपा की सरकार संवेदनहीन है। सपा की सरकार में इस सेवा को शुरू करने से पहले काफी रिसर्च की गई थी। हमने न्यूयॉर्क की टेक्नोलॉजी देखी। इसके बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस सेवा को खास तौर पर डेवलप किया गया।

अखिलेश ने प्रोफेसर वेंकट को धन्यवाद दिया कि उन्होंने दुनिया के कई देशों की पुलिस का काम देखा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने टेंडर देकर कंपनी को बदल दिया। डायल-112 में तैनात महिला कर्मियों को ऐसे ही बेसहारा छोड़ दिया गया। क्या सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि तीन या छह हजार तक सैलरी बढ़ा दें। प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो इनकी सैलरी डबल की जाएगी।

IIT बॉम्बे में हमास के समर्थन से मचा बवाल, छात्रों ने पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे के कुछ विद्यार्थियों ने कथित तौर पर फिलिस्तीनी दहशतगर्दो के समर्थन में बोलने के लिए एक प्रोफेसर तथा एक गेस्ट स्पीकर के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। शुक्रवार को एक अफसर ने यह खबर दी। छात्रों ने बुधवार को दर्ज कराई गई शिकायत में 6 नवंबर को हुई चर्चा के लिए ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस (एचएसएस) विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

दरअसल, इजरायल एवं फिलिस्तीनी आंतकी संगठन हमास के बीच जंग 35 दिन हो चुके हैं। इस जंग में हजारों व्यक्तियों की जान चली गई है। एक तरफ जहां अमेरिका और यूके सहित कई बड़े देश इजरायल के साथ हैं, वहीं दूसरी तरफ फिलिस्तीन को भी 22 अरब देशों का साथ मिला है। इस बीच भारत में भी दो खेमे बनते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग खुलकर इजरायल का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ फिलिस्तीन को यूं अकेला छोड़ने से नाखुश हैं। इस बीच IIT बॉम्बे के प्रोफेसर और गेस्ट स्पीकर पर हमास (फिलिस्तीनी आंतकी संगठन) के समर्थन में चर्चा करने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है। वही एक छात्र ने बताया, 'हम अकादमिक पाठ्यक्रम 'एचएस 835 परफॉर्मेंस थ्योरी एंड प्रैक्सिस' के बहाने प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा द्वारा पक्षपातपूर्ण तथा तथ्यात्मक रूप से झूठी कहानियों के साथ छात्रों को प्रेरित करने के लिए ऐसे घृणित वक्ताओं की मेजबानी करने के ज़बरदस्त प्रयास की निंदा करते हैं।' पुलिस को दिए गए अपने शिकायत पत्र में, छात्रों ने दावा किया कि साहा ने "देशपांडे (एक कट्टरपंथी वामपंथी) को अपने पाठ्यक्रम कार्य एचएस 835 के हिस्से के तौर पर आमंत्रित करने के लिए अपने पद का अनुचित इस्तेमाल किया था।" उन्होंने आरोप लगाया कि गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे ने फिलिस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी का गुणगान किया है तथा इससे IIT बॉम्बे की शैक्षणिक अखंडता और सुरक्षा पर परेशान करने वाले परिणाम होंगे।

शिकायत पत्र में कहा गया है कि कार्यक्रम के चलते, देशपांडे ने एक बयान दिया जिसने महत्वपूर्ण चिंता उत्पन्न कर दी है। उन्होंने न सिर्फ 2015 में फिलिस्तीनी आतंकवादी जुबैदी से मिलने की बात स्वीकार की, बल्कि हिंसा और सशस्त्र विद्रोह का बचाव और महिमामंडन भी किया। जुबैदी अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड से जुड़ा व्यक्ति है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और इजरायल सहित तमाम सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा एक आतंकवादी के रूप में नामित एक संगठन है। इसमें बताया गया है कि अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड को आतंकवाद एवं नागरिकों को निशाना बनाने वाले हमला करने वाले घटनाओं से जुड़ा रहा है, इसलिए प्रोफेसर एवं गेस्ट स्पीकर का संगठन से जुड़ाव गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। शिकायत में देशपांडे के हवाले से कहा गया है कि "फिलिस्तीनी संघर्ष एक स्वतंत्रता संग्राम है। तथा दुनिया के इतिहास में, उपनिवेशवाद के इतिहास में ऐसा कोई संघर्ष नहीं हुआ है जो पूरी तरह से 100 प्रतिशत अहिंसक हो। ऐसा कभी नहीं है! भारतीय स्वतंत्रता संग्राम था 100 प्रतिशत अहिंसक नहीं वगैरह वगैरह।" IIT के छात्रों ने इस प्रकार की गतिविधियों से युवा छात्रों के प्रभावशाली दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव तथा आतंकवाद से जुड़ी विचारधाराओं को बढ़ावा देने से जुड़े संभावित सुरक्षा जोखिमों के बारे में चिंता जताई तथा पुलिस से मामले की तहकीकात करने की अपील की।

धारा 377 के प्रावधानों को बनाए रखने की सिफारिश, तीन नए बिल पर संसदीय समिति ने उपराष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने आईपीसी की धारा 377 के प्रावधानों को प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में बनाए रखने की सिफारिश की है, जो नाबालिगों के साथ शारीरिक संबंध और अप्राकृतिक कृत्यों से संबंधित है। समिति ने बीएनएस में एक विवाहित महिला द्वारा व्यभिचार से संबंधित आईपीसी प्रावधान को बनाए रखने का भी सुझाव दिया है।

समिति ने बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और हत्या सहित अन्य प्रावधानों पर विभिन्न सिफारिशें प्रदान की हैं। औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने के उद्देश्य से तीन नए विधेयकों पर रिपोर्ट शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपी गई। ये बिल 4 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की तैयारी है। नए कानूनों का उद्देश्य आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलना है।

उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा ट्विटर पर एक पोस्ट के अनुसार, गृह मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष बृज लाल ने संसद में धनखड़ से मुलाकात की और तीन बिलों पर एक रिपोर्ट सौंपी। मानसून सत्र के दौरान, गृह मंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम विधेयक पेश किए। ये विधेयक औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों, अर्थात् भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लाए गए हैं। दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम।

शाह ने इस बात पर जोर दिया कि औपनिवेशिक काल के कानून सजा पर केंद्रित थे, जबकि प्रस्तावित कानून न्याय को प्राथमिकता देते हैं। इसके बाद उन्होंने अध्यक्ष से इन विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजने का अनुरोध किया। गृह मामलों की स्थायी समिति राज्यसभा सचिवालय के तहत काम करती है, जिसे इन विधेयकों की जांच के लिए तीन महीने आवंटित किए गए हैं।

कांग्रेस ने सिंधिया को क्या नहीं दिया लेकिन उन्होंने...', दिग्विजय सिंह ने कसा BJP नेता पर तंज

मध्य प्रदेश में वोटिंग होने में अब एक सप्ताह से भी कम वक़्त रह गया है। सभी दल अपनी-अपनी रैलियां तेज कर दी है। स्टार प्रचारक निरंतर सभाएं कर रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को गुना की एक सभा में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में उन पर तंज कसा। दिग्विजय सिंह ने कहा, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि सिंधिया परिवार का ऐसा राजा कांग्रेस को इस प्रकार धोखा देगा। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया? सबसे पहले उन्होंने बड़े महाराजा माधव राव सिंधिया को गुना से सांसद बनाया। यहां से फिर इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी ने उन्हें मंत्री बनाया, सम्मान दिया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में आ गए तथा उन्होंने उन्हें दो बार सांसद और फिर मंत्री बनाया। तब ऐसा क्या कारण है कि वे कांग्रेस छोड़कर चले गए?”

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के चलते बीजेपी एवं शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया तथा आरोप लगाया कि शिवराज सिंह के मंत्री 100 रुपये बजट में से 40 रुपये कमीशन खा रहे हैं। सरपंच मुश्किलों से जीतकर आते हैं तथा उन्हें काम पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की सिफारिश पर कांग्रेस की सरकार में महेंद्र सिंह सिसोदिया को मंत्री बनाया गया था, मगर वही मंत्री ने पता नहीं क्या लेकर सरकार को ही गिरवा दी। वे बोले- भाजपा युवाओं के भविष्य को चौपट कर रही है। जिनको नौकरी मिल रही है, उसमें सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी परीक्षा है। उनके कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के पश्चात् यह पहला विधानसभा चुनाव है।

मां लक्ष्मी सभी का सर्वविद कल्याण करें', राष्ट्रपति, पीएम मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने देशवासियों को दी दिवाली की बधाई

आज देश भर में दिवाली की धूम है। लोग एक दूसरे को दिवाली की बधाई दे रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर देश के तमाम नेताओं ने देशवासियों को दिवाली की बधाई दी है। दीपावली के अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने X पर पोस्ट में लिखा ‘देश के अपने सभी परिवारजनों को दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं। ये विशेष त्योहार आपके जीवन में खुशियां, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दिवाली की शुभकामानाएं दी है। उन्होंने X पर संदेश पत्र भी पोस्ट किया है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में लिखा है ‘दीपावली के शुभ मौके पर सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं!’ वहीं उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दीपावली की बधाई दी है। उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा ‘असत्य पर सत्य, अत्याचार पर सदाचार, अंधकार पर प्रकाश की विजय के महापर्व दीपावली की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम एवं माता जानकी की कृपा से यह पावन पर्व आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य एवं आरोग्यता के धवल प्रकाश से दीप्त करे. जय श्री राम।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी X पर पोस्ट करके देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने X पर अपने पोस्ट में लिखा ‘प्रकाशोत्सव के पावन पर्व दीपावली की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह महापर्व आप सभी के जीवन में ज्ञान, वैभव, आरोग्य, सुख-सौभाग्य व समृद्धि लेकर आए। धन-धान्य से परिपूर्ण सभी के जीवन में उत्साह, उमंग व ऊर्जा का संचार हो. मां लक्ष्मी सभी का सर्वविद कल्याण करें यह प्रार्थना करता हूं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने X पर पोस्ट करते हुए दिवाली की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावली की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह महापर्व संपूर्ण सृष्टि को प्रकाशित करे तथा सभी के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और खुशियां लाए।

बड़ी खबर: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल का हिस्सा टूटा, 40 मजदूरों के फंसे होने की खबर

डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी से बड़े हादसे की खबर सामने आ रही है। उत्तरकाशी के सिलक्यारा-डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा टूट गया है। ये निर्माणाधीन टनल सिलक्यारा की ओर से 150 मीटर आगे की ओर टूटी है। मिली जानकारी के मुताबिक इस भयानक हादसे में काफी संख्या में मजदूरों के टनल के अंदर फंसे होने की खबर सामने आ रही है। 

बचाव कार्य शुरू

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के टूटने के इस हादसे पर उत्तराखंड के डीजीपी का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने भी कहा है कि टनल के अंदर मजदूरों के फसे होने के आशंका है। घटना वाले मौके पर सीनियर अधिकारी मौजूद हैं। मजदूरों को बचाने के लिए बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।

40 मजदूर फंसे

ये हादसा रविवार की सुबह तड़के 4 बजे के करीब हुआ। ये निर्माणाधीन सुरंग करीब 4 किलोमीटर लंबी थी जिसका करीब 150 मीटर हिस्सा टूट गया। पीटीआई की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में करीब 40 मजदूरों के भीतर फंसे होने की खबर है। हादसे की जानकारी मिलते ही उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों की कमान संभाली। 

क्यों जरूरी है ये टनल?

टनल में हुए हादसे से लोगों को बचाने के लिए मौके पर पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था NHIDCL के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद हैं। सभी के द्वारा सुरंग खुलवाने का काम किया जा रहा है। बता दें कि इस टनल की मदद से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा।

एमपी के सीएम शिवराज ने भूपेन्द्र जोगी के साथ वायरल मीम को किया रीक्रिएट, इंटरनेट पर छाया वीडियो

सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भूपेन्द्र जोगी के साथ बातचीत करते नजर आ रहे हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में मुख्यमंत्री शिवराज भूपेंद्र जोगी से पहले उनका नाम पूछते हैं। भूपेंद्र जोगी जब अपना नाम बता देते हैं तो मुख्यमंत्री शिवराज उनसे पूछते हैं, आपने मेरी योजनाओं के बारे में सुना है? 

वही इसका जवाब देते हुए भूपेंद्र कहते हैं कि बहुत सुना है। तत्पश्चात, दोनों हंसने लगते हैं, इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भूपेंद्र जोगी साथ में पौधारोपण करते हुए दिखाई देते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो को एक दिन पहले ही शेयर किया था तथा तब से इसे 647,000 से अधिक लाइक और 8.5 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. एक शख्स ने लिखा, "ट्रेंड का विनर."

भूपेन्द्र जोगी ने पहली बार 2018 में मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले एक पत्रकार के साथ चर्चा के चलते ध्यान आकर्षित किया था। वीडियो में जोगी ने दावा किया था कि उनके प्रदेश की सड़कें संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में बेहतर हैं। तत्पश्चात, पत्रकार उस आदमी से उनका नाम पूछते हैं, जिस पर वह जवाब देते है भूपेंद्र जोगी। इसके बाद रिपोर्टर उनसे पूछता है कि अमेरिका में कहां-कहां गए हैं, तो जवाब में भूपेंद्र बोलते हैं बहुत जगह। रिपोर्टर अमेरिका के उन जगहों का नाम पूछते हैं मगर उन्होंने फिर से अपना नाम बता दिया।

गाजा पट्टी में अस्पताल को ढाल बनाकर छिपे थे आतंकी, इजरायल ने किया हमला, 22 लोगों की मौत, फिलिस्तीन ने निर्दोषों को मारने का लगाया आरोप

इजरायल-हमास युद्ध के बीच गाजा पट्टी के एक अस्पताल पर हमला हुआ है। इस हमले में 22 लोगों की मौत की सूचना है। फिलिस्तीन ने इजरायल को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हलांकि, इजरायली डिफेंस फोर्स ने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा के अल-शिफा अस्पताल को दो दिनों से इजरायल ने घेर रखा था। इजरायल का कहना है कि यहां आतंकी छिपे थे।

गाजा के उत्तरी युद्ध क्षेत्र से जान बचाकर भाग रहे फलस्तीनी नागरिकों ने कहा कि गाजा शहर के मध्य में स्थित शिफा अस्पताल में शरण लिए हुए हजारों लोग रात भर हुए धमाकों के बाद वहां से भाग गए। इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अस्पताल में 80,000 लोग शरण लिये हुए थे।

अस्पताल से शुक्रवार को भागे लोगों में से कुछ ने कहा कि इमारत में सैकड़ों बुरी तरह से घायल मरीज और चिकित्सक ही रह गए हैं। वहीं, फोन और इंटरनेट सेवा बाधित होने के चलते शिफा के अस्पताल के चिकित्सकों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया।

हमास शासित गाजा पट्टी के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल-हमास युद्ध में मरने वाले फलस्तीनी नागरिकों की संख्या 11,000 को पार कर गई है। 

गाजा पट्टी में 50 प्रतिशत से अधिक घर क्षतिग्रस्त

इजरायल के हमलों से गाजा पट्टी स्थित आवास इकाइयों में आधे से अधिक को नुकसान पहुंचा है और उनमें से 40,000 से अधिक को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। फिलिस्तीनी एन्क्लेव की सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि गाजा में 50 प्रतिशत से अधिक आवास इकाइयां इजरायल के हवाई हमलों और गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हो गयीं तथा 40,000 से अधिक आवास इकाइयां पूरी तरह से नष्ट हो गयी है।

पाकिस्तान के इस मछुआरे के हाथ लगी ऐसी मछली, की रातोंरात बदल गई उसकी किस्मत, यहां पढ़िए, पूरी खबर


ऐसा सपनों में या बॉलीवुड सिनेमाओं में होता है कि रातोंरात लोग करोड़पति बन जाते हैं। हकीकत में ऐसा शायद ही कभी होता है, लेकिन पाकिस्तान के इस मछुआरे के लिए यह सच साबित हो गया है। सालों से रोज मछली पकड़ रहे मछुआरे के साथ अचानक जो हुआ, उसने खुद भी कभी सपने में नहीं सोचा होगा।

इस मछली ने बदल दी किस्मत

सिनेमाई लगने वाली यह कहानी घटी है पाकिस्तान के कराची में रहने वाले हाजी बलुच के साथ, जो पेशे से मछली पकड़ने का काम करते हैं। हाजी बलुच कराची के बेहद मामूली से गांव इब्राहिम हैदरी के रहने वाले हैं। उन्हें हाल ही में एक दिन मछली पकड़ते हुए ऐसी मछली हाथ लग गई, जिसने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। गरीबी में जीवन-यापन कर रहे हाजी बलुच एक झटके में करोड़पतियों की कतार में खड़े हो गए।

दवाओं में होता है इस्तेमाल

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल इस कहानी में हुआ ये कि हाजी बलुच और उनकी टीम के हाथों ऐसी मछली लगी, जो विलुप्तप्राय है और बेशकीमती है। इस मछली को सोवा नाम से जाना जाता है और बताया जाता है कि उसका इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में होता है। हाजी बलुच और उनकी टीम के लिए यह मछली सोने का खजाना साबित हुई।

नीलामी में मिले इतने रुपये

पाकिस्तान के फिशरमैन फॉक फोरम के प्रतिनिधि मुबारक खान के हवाले से पीटीआई ने बताया है कि हाजी बलुच और उनकी टीम को मिली सोवा मछली की नीलामी शुक्रवार तड़के कराची हार्बर पर हुई। नीलामी में उन्हें 70 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की भारी-भरकम रकम मिली। भारतीय करेंसी में यह रकम 2.05 करोड़ रुपये के बराबर हो जाती है।

ऐसी होती है सोवा मछली

बलुच बताते हैं कि उन्होंने और उनकी टीम ने मिलकर 10 सोवा मछलियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। उन्हें हर मछली के लगभग 7 मिलियन पाकिस्तानी रुपये के भाव मिले हैं। बता दें कि सोवा मछली बड़ी प्रजाति की होती है। यह मछली साइज में डेढ़ मीटर तक बड़ी होती है और उसका वजन 20 से 40 किलो के बीच होता है। दवाओं में इस्तेमाल और बेहद कम पाए जाने के चलते इस मछली के भाव आसमान पर रहते हैं।

भारत और अमेरिका की दोस्ती और हुई प्रगाढ़, चीन को जवाब देने दोनों देश मिलकर करेंगे बख्तरबंद वाहनों का निर्माण

भारत और अमेरिका की दोस्ती में एक फैक्टर कॉमन है और वह है चीन। दोनों देशों की संबंध लंबे समय से चीन के साथ अच्छे नहीं हैं। एलएसी पर भारत और चीन के बीच कई बार झड़प हो चुकी है, तो वहीं, अमेरिका का ताइवान, साउथ चाइना सी समेत तमाम मुद्दों पर चीन से आमना-सामना होता रहता है। चीन से टकराव के बीच भारत और अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। दोनों देश मिलकर बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करेंगे। इससे चीन की किसी भी नापाक हरकत पर जवाब दिया जा सकेगा। बाद में इन वाहनों की तैनाती चीन और पाक बॉर्डर के पास की जा सकेगी, जोकि पड़ोसी देशों के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला होगा।

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग के तहत लड़ाकू वाहनों का को-प्रोडक्शन करेंगे। ऑस्टिन दिल्ली में 'टू प्लस टू' रक्षा और विदेश मंत्रिस्तरीय विचार-विमर्श के बाद कुछ संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन के अलावा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी शामिल थे। भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। ऑस्टिन ने कहा, "हम बख्तरबंद वाहन के सह-उत्पादन के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और यह बेहद अहम है।"

उन्होंने कहा कि चीन से बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों सहित विभिन्न मुद्दों पर बैठक के दौरान चर्चा हुई। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत संबंध सिर्फ चीन की ओर से मिली चुनौतियों पर हीं आधारित नहीं हैं, बल्कि ये दोनों देशों के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। भारत के अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन खरीदने से जुड़ी परियोजना के बारे में पूछने पर ऑस्टिन ने कहा कि इसकी घोषणा उचित समय पर की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारीगण यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि भारत को वह क्षमता जल्द से जल्द हासिल हो। ऑस्टिन ने कहा, 'हम अंतरिक्ष से लेकर समुद्र के नीचे तक विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र, मध्य पूर्व और यूक्रेन के अहम घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया।'' अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा अमेरिका-भारत सहयोग पहले से कहीं अधिक मजबूत है। 

एक भारतीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर 'ब्लूमबर्ग' से कहा, अधिकांश वाहनों को चीन से लगती सीमा पर तैनात किया जाएगा, जहां 2020 में एक झड़प के बाद तनाव अधिक बना हुआ है। इसके अलावा, कुछ वाहनों को पाकिस्तान के साथ लगती भारत की सीमा पर भी तैनात किया जाएगा। भारत हजारों सह-निर्मित वाहनों की मांग कर रहा है, जिनमें से अधिकांश टैंक रोधी मिसाइल सिस्टम से लैस होंगे। अधिकारी ने कहा, ''बाकी का इस्तेमाल युद्धक्षेत्र की निगरानी या कमांड वाहनों के रूप में किया जाएगा।''