मैं क्या रामचरितमानस का जाप और मंदिर में घंटा बजाने आया हूं? मैं भी हूं दावेदार : रामाधार सिंह


औरंगाबाद – जिले में इसबारप के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की मुसीबतें बढ़ने वाली है। बीजेपी के दो सीनियर लीडर के बीच ठन गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामाधार सिंह ने अभी से ही लोकसभा के लिए अपनी दावेदारी करना शुरु कर दिया है। इसे लेकर उन्होंने निवर्तमान सांसद सुशील सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  

सूबे के पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने अपनी ही पार्टी भाजपा के सांसद सुशील कुमार सिंह पर कई आरोप लगा रहे है। पूर्व विधायक रामाधार सिंह द्वारा दिए गए बयान से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस दौरान उन्होंने लोक सभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करने की इच्छा भी जताई।

उन्होंने सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दलबदलू आ सकता है तो हम क्यों नही। मैं क्या रामचरितमानस का जाप और मंदिर में घंटा बजाने थोड़े ही आया हूं।मैं कार्यकर्ता हूं और अपने खून से इस पार्टी को सींचा हूं।मैंने अपना खेत बेचकर पार्टी को खड़ा किया है।मैं जितना पैसा झंडा, रैली और प्रदर्शन में खर्च किया हूं उतने में सांसद सुशील सिंह जैसा सिंह कोठी बनवा लेता। उनसे भी बड़ा मेरा कोठी होता।जबकि औरंगाबाद शहर में रहने के लिए मेरा घर तक नही है। 

रामाधार सिंह ने कहा कि जो कल तक बनिया था वह आज सेठ हो गया है। उन्होंने गृह विभाग से सांसद के घर ईडी की रेड करवाने की मांग तक कर डाली है, और कहा कि उनके घर धन पकड़ा जाय। मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि उनके घर दो एके 47 राइफल है जो उग्रवादियों के पास रहता है। रामाधार सिंह ने कहा कि जिसका 100 लोग विरोधी न हो उसका जिंदगी नर्क है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

रामाधार सिंह के बयान के बाद जिले की सियासत गरम, बीजेपी के कई सीनियर लीडर ने सांसद सुशील सिंह पर लगाए गए आरोप को बताया निराधार

औरंगाबाद - बीजेपी के सीनियर लीडर व पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह द्वारा उत्तर कोयल नहर परियोजना को लेकर सांसद सुशील कुमार सिंह पर लगाए गए आरोपों का आज मंगलवार को कई भाजपा नेताओं ने करारा जवाब दिया। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक कुमार सिंह, जिला महामंत्री मुकेश सिंह, मीडिया प्रभारी मितेन्द्र कुमार सिंह, जिला प्रवक्ता दीपक सिंह एवं जिला कोषाध्यक्ष आलोक सिंह ने यहां प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला। उनपर करारा प्रहार किया।

कहा कि रामाधार सिंह द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक सिंह ने कहा कि जब जब रामाधार सिंह हमारे नेता सुशील सिंह का विरोध करते है, वें चुनाव जीतते है। 2014 में विरोध किया। 2019 में भी विरोध किया। दोनों ही बार चुनाव जीते। अब फिर विरोध कर रहे है तो इसका मतलब साफ है कि 2024 में भी सुशील सिंह का चुनाव जीतना तय है। सुशील सिंह के लिए रामाधार सिंह का विरोध करना शुभ है। इसलिए सांसद उनके आरोपों की न तो नोटिस लेते है और न ही जवाब देना जरुरी समझते है।

नेताओं ने कहा कि जब जब पूर्व मंत्री ने सांसद के विरोध में बोला है, तब तब हम कार्यकर्ताओं ने ही उनका जवाब दिया है। आज भी जवाब दे रहे है। रामाधार सिंह अब अवसान की ओर है। इस कारण पार्टी भी उनकी बातों की नोटिस नही लेती है। जिला महामंत्री मुकेश सिंह ने कहा कि रामाधार सिंह अप्रासंगिक हो गए है। पार्टी को सींचने का उनका दावा झूठा है। उन्होने पार्टी को सिर्फ डैमेज करने का काम किया है।

कहा कि जिस उत्तर कोयल नहर परियोजना को लेकर वें सांसद के खिलाफ बोल रहे है, उसी नहर से उनकी राजनीतिक उत्पति हुई है। उन्होने उत्तर कोयल नहर के लिए कुछ भी नही किया है। जो किया है, सुशील सिंह ने किया है। इसलिए पूर्व मंत्री को उत्तर कोयल पर बोलने और सांसद के खिलाफ बोलने का अधिकार नही है।

कोषाध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि रामाधार सिंह कोई इंजीनियर है कि उन्हे तकनीकी का कोई ज्ञान नही है। जब तकनीकी ज्ञान ही नही है, तो वें इसकी खामियों पर ज्ञान कैसे बघार रहे है। इस मामले में उनका ज्ञान बिल्कुल कोरा है। यदि उन्हे तकनीकी ज्ञान होता, और तब कुछ बोलते तो उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाता। कहा कि पूर्व मंत्री लाख आरोप लगाते रहे, परियोजना पूरी होगी।

प्रेसवार्ता में सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनिता सिंह एवं पार्टी नेत्री गुड़िया सिंह भी उपस्थित रही।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में मगध विश्वविद्यालय के एक नए शाखा का हुआ उद्घाटन, छात्र-छात्राओं अब बोध गया का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर

औरंगाबाद - मगध विश्वविद्यालय के एक नए शाखा का उद्घाटन शहर के प्रतिष्ठित संस्थान सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में किया गया। इसके साथ ही अब जिले के छात्र-छात्राओं को करीब 90 किलोमीटर दूर बोधगया नहीं जाना पड़ेगा। उनका न सिर्फ समय की बचत होगा बल्कि शैक्षिक समस्याओं का हल कॉलेज परिसर में ही होगा। इसके पूर्व छात्र-छात्राओं को साधारण कामों के लिए भी काफी समस्याओं का सामना करता पड़ता था।

इस कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि सांसद सुशील कुमार सिह, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति शशि प्रताप शाही, सदर विधायक आनंद शंकर सिह एवं कॉलेज प्राचार्य सुधीर कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति शशि प्रताप शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय का शाखा खुलने से शिक्षा के हित में छात्र-छात्राओं को सहूलियत मिलेगी, जिन छात्रों को विभिन्न दस्तावेजों से संबंधित कार्य को लेकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, अब उन्हें अंक प्रमाण-पत्र, अंतरिम प्रमाण-पत्र, परीक्षा फार्म भरने सहित अन्य कार्यों के लिए बोधगया नहीं जाना पड़ेगा, विशेष परिस्थितियों में जाना पड़ सकता है यथा विविध समस्याओं का समाधान कॉलेज परिसर में ही होगा।

श्री शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्षों से लंबित परीक्षाओं को नियमित किया जा रहा है और शैक्षणिक सत्रों को भी शीघ्र ही पूरी तरह नियमित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की सभी लंबित समस्याओं का त्वरित गति से निष्पादन किया जाएगा। इससे छात्रों – अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि दो महीनों के अंदर मगध विश्वविद्यालय में 38 परिक्षाएं संपादित हुई है। वहीं अगले साल से विश्वविद्यालय के सभी परीक्षाएं नियत समय आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां जिस वोकेशनल कोर्स की डिमांड की जाएंगी, उसे पूर्ति करने के लिए यथासंभव प्रयास करूंगा।

वहीं कुलपति ने सांसद के आग्रह पर सच्चिदानंद सिंहा महाविद्यालय में दो व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ाई शुरू कराने की घोषणा की।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कांग्रेस विधायक व मगध विश्वविद्यालय के सीनेटर राजेश कुमार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गलत नई परिपाटी शुरू करने का लगाया आरोप

औरंगाबाद - बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक, कुटुम्बा के कांग्रेस विधायक व मगध विश्वविद्यालय के सीनेटर राजेश कुमार ने मगध यूनिवर्सिटी प्रशासन पर विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में सीनेट के सदस्यों का आमंत्रित नही करने की नई परिपाटी शुरू करने का आरोप लगाया हैं।

श्री कुमार ने औरंगाबाद में विश्वविद्यालय की शाखा खोले जाने के अवसर पर शहर के सच्चिदानंद सिंहा कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में खुद को सीनेट के सदस्य के रूप में आमंत्रित नही करने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार विधान सभा के 9 सदस्यों को मगध विश्विद्यालय में सीनेट का सदस्य नामित किया गया है। इसमें वें भी एक सदस्य है।

कहा कि औरंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम में उनमें से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया। सीनेट के वरिष्ठ सदस्यों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व मंत्री व पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. प्रेम कुमार तक को आमंत्रित नहीं किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों- जिला परिषद अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख को भी संभवतः आमंत्रित नहीं किया गया। यहां अपने आप में एक प्रश्न यह भी खड़ा है कि आखिर किन परिस्थितियों में कार्यक्रम के लिए अलग-अलग तरह का आमंत्रण पत्र छपा? क्या यह विश्वविद्यालय की नई परंपरा है?

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शुरू की गई इस तरह की परंपरा बेहद निंदनीय है। इसकी वें घोर भर्त्सना करते है। वें इसकी शिकायत कुलाधिपति सह राज्यपाल से भी करेंगे। साथ ही सीनेट की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

शराब बरामदगी के मामले में हरियाणा का अभियुक्त दोषी करार

औरंगाबाद - आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सह स्पेशल उत्पाद अन्नय कोर्ट प्रथम ने बारूण थाना कांड संख्या -467/22 जी आर 1336/22 टी आर 09/23 मे निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन अभियुक्त रविन्द्र, दहमन फतेहबाद, हरियाणा को प्रतिबंधित 113 लीटर शराब बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया है।

स्पेशल पीपी अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अभियुक्त को बिहार मध निषेध उत्पाद एक्ट की धारा 30 ए के तहत दोषी ठहराया गया है सजा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 30/10/23 निर्धारित किया गया है।

विधि परामर्शी शेखर कुमार ने बताया कि प्राथमिकी 22/10/22 को सहायक अवर निरीक्षक अजीत कुमार सिंह ने दर्ज कराया था जिसमें कहा था कि थाना क्षेत्र के जी टी रोड पर बाबा के ढाबा लाइन होटल के सामने अभियुक्त को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था।

आरोप गठन -30/05/23 को किया गया था मात्र पांच माह में सुनवाई पूरी कर अभियुक्त को आज दोषी ठहराया गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद पुलिस ने डेढ़ किलो गांजा के साथ एक तस्कर को किया गिरफ्तार

औरंगाबाद : जिले के नबीनगर प्रखंड में बड़ेम ओपी की पुलिस ने एक गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से डेढ़ किलो गांजा बरामद किया है। गिरफ्तार तस्कर राजकुमार राम तिवारीडीह का निवासी है।

बड़ेम ओपी अध्यक्ष सिमरन राज ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि ओपी क्षेत्र के तिवारीडीह गांव निवासी राजकुमार राम गांजा की तस्करी के धंधें में लिप्त है। वह बाहर से गांजा लाकर इलाके पर बेंचता है।

सूचना के सत्यापन के लिए उन्होने पुलिस की एक टीम गठित कर छापेमारी की। छापेमारी में राजकुमार राम को डेढ़ किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार तस्कर काफी दिनों से किराना दुकान के आड़ में गांजा की बिक्री का काम करता था। मामले में गांजा तस्कर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पुलिस की नौकरी लगते ही पति ने पत्नी को घर से निकाला, पीड़िता ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

औरंगाबाद : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां पुलिस की नौकरी लगने के बाद युवक ने पत्नी को घर से निकाल दिया है।अब पीड़िता ने एसपी से न्याय का गुहार लगाई है।

बताया जा रहा है कि युवक की शादी हुई। पत्नी के ससुराल आते ही पति की किस्मत चमक गई। उसकी पुलिस में नौकरी लग गई। पति की नौकरी लगने के तीन साल तक सबकुछ ठीक ठाक रहा। इस दौरान एक बेटी भी हुई, जो अभी छः साल की है।

नौकरी लगते ही युवक और उसके परिवार के रंग ढंग बदल गए। विवाहिता से दहेज की मांग होने लगी। प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। इसी बीच उसे जहर देकर जान मारने की भी कोशिश हुई लेकिन उपर वाले की मेहरबानी से वह बच गयी। अब मामला कोर्ट-कचहरी का चल रहा है और वह न्याय के लिए दर दर की ठोंकरे खा रही है।

मामला भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग का है, जो औरंगाबाद से इस कारण जुड़ा है क्योकि विवाहिता का पति औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के आवास पर कार्यरत है।

मामले को लेकर औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम से न्याय की गुहार लगाने आई पीड़िता चंद्रकला देवी ने रोते-बिलखते हुए बताया कि उसका मायका भागलपुर के नाथनगर थाना के पुरानी सराय है। वह राधारमण मंडल की पुत्री है। उसकी शादी 20 मई 2013 को भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग निवासी दिनेश मंडल के पुत्र गोपाल मंडल के साथ हुई थी।

शादी के तीन साल बाद 2016 में बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लग गई। नौकरी लगने के बाद पति और पूरे परिवार का रंग ढंग बदल गया। उसे दहेज की मांग को लेकर ससुरालियों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा। दहेज की मांग पूरी नही होने पर 21 अप्रैल 2019 को उसे जहर खिलाकर मारने का प्रयास किया गया लेकिन वह बच गई।

इसके बाद उसने भादंवि की धारा 323, 328, 498 ए, 34 एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत तातारपुर थाना में पाथमिकी संख्या-104/2019 दर्ज करा दी।

इस मामले में जमानत के लिए पति ने पटना उच्च न्यायालय में दायर अर्जी में कहा कि वह पत्नी को ससम्मान अपने साथ रखेगा। इस आधार पर हाइकोर्ट ने पत्नी को साथ रखने का निर्देश देते हुए दो माह की औपबंधक जमानत दे दी।

पति ने 16 अगस्त 2022 को कोर्ट में झूठ बोला कि वह पत्नी को घर ले जा रहा है लेकिन वह उसे घर ले जाने के बजाय कोर्ट में ही छोड़ गया। कहा कि मेरी एक छः साल की पुत्री है, जिसका भरण पोषण करने में वह समर्थ नही है। पति न मुझे और न ही पुत्री को अपने साथ रखता है। न तो किसी तरह का खर्च देता है और न ही न्यायालय का आदेश मानता है। इसी वजह से उसने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

मामले में एसपी स्वपना गौतम मेश्राम ने कहा कि महिला ने शिकायत आवेदन दिया है। शिकायत की जांच की जिम्मेवारी पुलिस लाइन के मेजर को दी गई है। जांच रिपोर्ट के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वही मामले में पीड़िता के पति गोपाल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में है। कोर्ट का जो आदेश आएगा, वह उसका पालन करेगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

खाट के नीचे युवक की शव मिलने से गांव में सनसनी, मौके पर पहुंचे लोजपा नेता प्रमोद सिंह

औरंगाबाद : जिले के रफीगंज प्रखंड के कासमा थाना क्षेत्र के दुगुल पंचायत के सिमला गांव में एक 19 वर्षीय युवक की हत्या का मामला प्रकाश में आया है। जिसके शव को कासमा पुलिस ने सोमवार को उसके घर से बरामद किया है। 

मृतक युवक की पहचान सिमला गांव के सुदामा चौधरी के पुत्र पप्पू कुमार के रूप में की गई है। पप्पू गांव में टेंट पंडाल का काम करता था।

सोमवार को मृतक के पिता सुदामा चौधरी ने बताया कि पप्पू रात्रि 9 बजे खाना खाकर नए वाले घर में सोने चला गया। सुबह उठने के बाद नित्य क्रिया से निवृत होने के बाद घर पहुंचा तो गांव में एक कार्यक्रम में कुर्सी टेबल नही पहुंचने पर फोन आया तो पंडाल में काम करने वाले कर्मी को पप्पू को उठाने को कहा और अपने काम में लग गया। 

काफी देर बाद जब पंडाल के कर्मी ने बताया कि काफी खटखटाने के बाद दरवाजा नहीं खुला। उसके कहने पर चिंता हुई और जब जाकर देखा तो सही में कमरे का दरवाजा बंद है और पुकारने के बाद भी अंदर से पप्पू ने कोई आवाज नहीं दी। तो सीढ़ी से चढ़कर देखा तो पप्पू खाट के नीचे पड़ा हुआ है। मृतक पप्पू की मां शांति देवी दुगूल पंचायत की पंचायत समिति सदस्य भी है। पप्पू की मौत के बाद परिजनों का रो रोकर हाल बेहाल है। 

घटना की सूचना के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश भड़क गया और उन्होंने सिमला मोड़ के समीप मदनपुर कासमा सड़क को जाम कर दिया और टायर जलाकर प्रदर्शन किया।जिससे आवागमन ठप हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही कासमा थानाध्यक्ष मनेश कुमार दल बल के साथ घटना स्थल पहुंचे और लोगों के आक्रोश को शांत कराने की कोशिश की मगर सफल नहीं हो सके।परिजनों ने बताया कि पप्पू की हत्या की गई है और इस घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी 24 घंटे के अंदर सुनिश्चित हो।

थानाध्यक्ष ने इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी और आक्रोशितों को कारवाई का आश्वासन दिया और दोपहर 12 बजे सड़क को जाम से मुक्त कराया।

इधर इस संबंध में कासमा थानाध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और मृतक के परिजनों के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर आगे की कारवाई की जायेगी।

वहीं लोजपा नेता प्रमोद कुमार सिंह ने युवक की मौत की खबर सुन मौके पर पहुंचे। परिजनो को ढाढ़स बंधाया और वहाँ खड़ी पुलिस से 48 घण्टे के भीतर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की साथ ही कहा कि 48 घण्टे के भीतर अगर पुलिस गिरफ्तार नही करती है तो सड़क जाम कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पत्नी और पुत्री की निर्मम हत्या करने वाले आरोपी को उम्रकैद की सजा

औरंगाबाद - आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सात सुनील कुमार सिंह ने कासमा थाना कांड संख्या -33/21 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त ओपू रजक कासमा को भादंवि धारा -302 में आजीवन कारावास और पचीस हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी। 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायधीश ने अभियुक्त ओपू रजक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अभियुक्त को 12/10/23 को वाद के निर्णय पर दोषी ठहराया गया था। जबकि एक अन्य अभियुक्त मालती देवी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था। 

अधिवक्ता ने आगे बताया कि प्राथमिकी सूचक उमेश रजक हकीमचक रफ़ीगंज ने 24/ 04/21 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि अभियुक्तों ने उसकी बेटी और नतिनी को दहेज के लिए जलाकर मार डाला। घटना से 14 दिन पहले महिला हेल्पलाइन में समझौता कराकर भेजा गया था। बेटी नीलम देवी की शादी 2013 मे ओपू रजक से की थी पैसा और बाइक की मांग अभियुक्तों द्वारा की जाती थी। पुलिस ने घटना के दुसरे दिन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामाधार सिंह अपनी ही पार्टी के सांसद के खिलाफ खोला मोर्चा, सुशील सिंह पर लगाए कई गंभीर आरोप

औरंगाबाद - भाजपा के सीनियर लीडर और पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने बिहार-झारखंड के चार जिलों के 1 लाख 11 हजार 521 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के लिए लाइफलाईन बनने वाली उत्तर कोयल नहर परियोजना को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इसे लेकर उन्होने बिहार सरकार और अपनी ही पार्टी के औरंगाबाद से सांसद सुशील कुमार सिंह पर भी बड़ा हमला बोला है। 

श्री सिंह ने सोमवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तर कोयल नहर परियोजना के अधूरे कार्यों को पूरा कराने के लिए बिहार सरकार के जिस प्रस्ताव पर 2,430.76 करोड़ की स्वीकृति दी है, उस प्रस्ताव पर काम होने से सौ साल में भी किसानों के खेतों तक पानी नही पहुंचेगा। कहा कि परियोजना के प्रस्ताव में गड़बड़ी के लिए बिहार सरकार और औरंगाबाद के सांसद दोषी है। 

उन्होने आरोप लगाया कि सांसद सुशील सिंह ने राज्य सरकार के प्रस्ताव की अनदेखी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरें में खड़ा कराने का काम किया है। वें प्रधानमंत्री को बदनाम करना चाहते है ताकि भाजपा से टिकट कटने पर आरजेडी से टिकट ले सके। इसके लिए वें किसी माध्यम से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के संपर्क में है। 

पूर्व मंत्री ने बिहार सरकार के प्रस्ताव की एक-एक कर खामियां गिनाते हुए कहा कि खेतों की पर्याप्त सिंचाई के लक्ष्य को पाने के लिए उत्तर कोयल परियोजना के उद्गम स्थल कुटकु डैम से 4,400 क्यूसेक वाटर डिस्चार्ज का प्रावधान होना चाहिए था लेकिन इस प्रस्ताव में मात्र 3 हजार क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज की चर्चा है। प्रस्ताव के तहत उतर कोयल प्रोजेक्ट से झारखंड को 300 क्यूसेक ही पानी लेना है लेकिन झारखंड अभी 1300 क्यूसेक पानी ले रहा है। वर्तमान प्रोजेक्ट के अनुसार परियोजना के मोहम्मदगंज बराज पर 2700 क्यूसेक पानी मिलेगा लेकिन इतनी मात्रा में पानी को आगे ले जाने में बराज से 0 आरडी पर निकलने वाला बटाने लेफ्ट और राइट कैनाल सक्षम नही है। इसे सक्षम बनाने के लिए दोनो कैनाल का चौड़ीकरण जरूरी है, जिसकी प्रस्ताव में कोई चर्चा नही है। इस स्थिति में 2700 क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज के दबाव को कम चौड़ा कैनाल झेल नही पाएंगा और नहर बार-बार टूटेगी।  

मोहम्मदगंज से आगे 103 आरडी से नबीनगर डिविजन, 144 आरडी से अम्बा डिविजन, 211 आरडी से औरंगाबाद डिविजन और उससे आगे मदनपुर डिविजन शुरू होता है। इसी के बीच से कोटवारा माइनर निकलता है, जिसकी चर्चा प्रस्ताव में नही है। बलहाबार से 259 आरडी शुरू होता है। 259 आरडी से आगे 266 आरडी यानी आंजन गांव से पूरब छेछानी जाने वाले रोड में अभी 8 फीट चौड़ा नहर खोदना बाकी है, जो सिंचाई में नही है। इसके बावजूद वहां नहर पर पुल बना दिया गया है। इसका भी जिक्र बिहार सरकार के प्रस्ताव में नही है। इसके आगे बरहा माइनर है, जिसके लिए अभी भूमि अधिग्रहण भी नही हुआ है। यह भी प्रस्ताव में शामिल नही है। इसके आगे एकौना माइनर, सिमरा माइनर, चतरा माइनर, कपसिया माइनर, पांडेयपुर माइनर एवं अन्य उप वितरणियों की कोई चर्चा राज्य सरकार के प्रस्ताव में नही है। इस प्रस्ताव पर काम होने से तीन-तीन पीढ़िया पार लग जाएगी। सौ साल पार हो जाएंगे। फिर भी उत्तर कोयल नहर का पानी गुरुआ तक नही पहुंचेगा। 

कहा कि त्रुटिपूर्ण प्रस्ताव के लिए सांसद और बिहार सरकार दोषी है। सांसद ने यदि राज्य सरकार का प्रस्ताव देखा होता तो ऐसी नौबत नही आती। कहा कि राज्य सरकार ने जान बूझकर त्रुटिपूर्ण प्रस्ताव भेजा है ताकि केंद्र सरकार की बदनामी हो और परियोजना पूरा न हो। कहा कि इसमें सांसद की भी भूमिका संदिग्ध है, क्योकि वें टिकट कटने की संभावना को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के संपर्क में है। पूर्व मंत्री ने सांसद पर व्यक्तिगत हमले भी किए। कहा कि सांसद जिस दल में होते है, उसमें भीतरघात करते है। इसके लिए जदयू में रहते अपने बड़े भाई सुनील सिंह को औरंगाबाद से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ाया। सांसद को कुछ उदाहरण देकर डरपोक भी कहा। सांसद व उनके परिवार को दलेलचक बघौरा तथा दरमियां नरसंहार कराने वाला भी करार दिया। 

यह भी आरोप लगाया कि सांसद ने चुनाव जीतने के लिए नक्सली कमांडर संदीप यादव को 6 करोड़ दिए। गुरुआ में भाजपा कैंडिडेट राजीव रंजन दांगी को विधानसभा चुनाव हराने के लिए आरसीसी के कमांडर मरांडी को एक करोड़ देकर विधानसभा चुनाव लड़वाया, जिससे दांगी 6 हजार वोट से चुनाव हार गए। इसी सदमें में ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत भी हो गई। कहा कि मुझे भी सांसद ने दो करोड़ खर्च कर विधानसभा चुनाव हराया। औरंगाबाद के सभी 6 विधानसभा सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों को हराने का काम किया। 

कहा कि इन्ही सब वजहों से वे पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व से सुशील सिंह का लोकसभा टिकट काटने की मांग करते है।इसके बावजूद पार्टी ने उन्हे टिकट दिया तो लोकसभा चुनाव में घुम घुमकर सुशील सिंह को वैसे ही हराने का काम करेंगे, जैसे उन्हे हराने का काम उन्होने किया। इसके लिए पार्टी मुझे निकाल भी दे तो कोई गम नही होगा। इतना ही होगा कि मरने पर मैं पूर्व मंत्री होने के नाते तिरंगे में तो लिपटा जरूर जाउंगा लेकन पार्टी के झंडें में  लिपटने की मेरी तमन्ना पूरी नही हो पाएंगी। यह भी कहा कि सांसद ने अकूत संपत्ति बना रखी है, जिसका मेरे पास साक्ष्य नही है। इसके बावजूद वें ईडी से सांसद की संपत्ति की जांच कराए जाने की मांग कर रहे है। 

प्रेसवार्ता में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दशरथ मेहता, रामकेवल सिंह एवं संत सिंह आदि मौजूद रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र