पाँच दिन का विशेष सत्र में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल : झारखंड में मिली जुली प्रतिक्रिया
सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरकार ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी थी। आज नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल महिला आरक्षण से जुड़ा हुआ पेश किया।
यह बिल पिछले 27 साल से लटका हुआ है। महिला आरक्षण बिल का नाम 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' दिया गया है।कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश। उन्होंने बताया कि इसकी अवधि 15 साल रहेगी। हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा।
महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद रांची में बीजेपी की नेत्री सीमा शर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, उस बिल को लाने का प्रयास किया है जो वर्षों से लंबित था। जिसकी प्रतीक्षा महिलाएं वर्षों से कर रही थी। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के बावजूद लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए था वो अब तक नहीं मिल पाया है।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने महिला आरक्षण पर कहा कि आप जानते हैं सोनिया गांधी जी की भी इच्छा थी कि 33% आरक्षण मिले। अपनी सरकार में हम लोगों ने भी प्रयास किया था। हमने तो देश में दो-दो अध्यक्ष दिया है राष्ट्रपति दिया प्रधानमंत्री दिया महिलाओं के लिए इतना कुछ किया है। हम चाहते हैं कि जो महिलाओं का आरक्षण है वो मिले, सिर्फ बतौला बाजी से नहीं चलेगा।
अगर ये बिल कानून बन भी गया तो भी अभी इसे लागू होने में समय लगेगा। बताया जा रहा है कि परिसीमन के बाद ये कानून लागू होगा। 2026 के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन होना है
Sep 19 2023, 17:48