एचईसी में फंड के साथ वर्क ऑर्डर का संकट: कर्मचारी सड़क पर, राजनीति आसमान पर
1962 में स्थापित रांची के एचईसी में काम करना लोग अपनी शान समझते थे। एचईसी एक ऐसा कारखाना है, जिसने रेल, सेना ही नहीं, एटॉमिक एनर्जी, स्पेस रिसर्च जैसे सेक्टरो में अपनी सहभागिता निभाई है। आज वही एचईसी गौरवशाली संस्थान दम तोड़ रही है। आज यहां रोजी-रोटी और कंपनी को बचाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है। हम यू कह सकते है कि कर्मचारी सड़क पर हैं और राजनीति आसमान पर है। सवाल यह उठता है कि क्या होगा इस एचईसी का?
परिस्थिति ऐसी कि कंपनी के पास कार्यशील पूंजी नहीं है। इस कारण वर्क ऑर्डर नहीं मिल रहे। एचईसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 650 करोड़ का वर्क ऑर्डर हासिल करने की लक्ष्य रखी थी। लेकिन अब तक 5% भी पूरा नहीं हुआ। एचईसी ने पहले और दूसरे क्वार्टर में वर्क ऑर्डर का टारगेट पूरा नहीं कर पाई। अब तीसरे क्वार्टर, यानि अक्टूबर से दिसंबर तक में 230 करोड़ का वर्क ऑर्डर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान समय में कंपनी के पास भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का वर्क ऑर्डर है जिनका निर्माण 75 प्रतिशत तक हो चुका है, मगर वर्किंग कैपिटल समाप्त होने की वजह से काम बंद हो गया। जिम्मेवारों का कहना है कि हर क्षेत्र में कंपनी का परफॉर्मेंस शून्य हो गया है। 20 माह से कंपनी के इंजीनियरों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। इससे घर चलाना भारी पड़ रहा है। स्थिति ऐसी है कि कई इंजीनियर छोटी दुकान चलाने को विवश हैं। हालत दयनीय हो गई है।अब सब्र का बांध टूट रहा है।
बड़ा सवाल है जिम्मेदार कौन? अफसरशाही या राजनीति। कंपनी के पास हजारों एकड़ जमीन कई आवास थे। पैसों के अभाव मे जमीन-आवास बेचा गया, परंतु इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी को कार्यशील करने के बजाय कहा खर्च की गई, पता नहीं। एक पक्ष इसे बंद कराने की साजिश का आरोप लगाता रहा और दूसरा पक्ष चालू कराने का आश्वासन देता रहा। पर, गंभीरता किसी ने नहीं दिखाई। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। नतीजा एचईसी की हालात बत से बत्तर होती गई।
सही मायने में एचईसी को सुधारना है तो राजनीतिक पार्टियों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। बगैर वेतन के काम कर रहे कर्मचारी की स्थिति को गंभीरता से समझे। अफसर एचईसी की स्थिति बदलने की ईमानदारी से कोशिश करें। ध्यान रखें, एचईसी की हालत सुधरी तो यह झारखंड के विकास में वरदान साबित होगा।
Sep 17 2023, 15:15