अगर केवल बुखार है तो डेंगू से डरने की जरूरत नहीं, जानिए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर से डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय

औरंगाबाद : जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है।अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार ने बताया कि अगर केवल बुखार है तो डेंगू खतरनाक नहीं है, लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जिनको समय पर पहचान और इलाज कराना जरूरी है। समय पर ट्रीटमेंट न कराने से मरीज की मौत तक हो सकती है। ऐसे में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। 

उन्होंने बताया कि डीएसएस डेंगू का सबसे खतरनाक स्टेज माना जाता है। डॉक्टरों की मानें तो डेंगू शॉक सिंड्रोम लाखों में एक को होता है।जिसे बचा पाना थोड़ा मुश्किल होता है।

डेंगू के मरीज को अचानक से तेज बुखार आता है, पूरे बदन और आंखो के नीचे में दर्द होता है, चक्कर आता है। अगर तेज बुखार के साथ उल्टी-मतली आ रही है और मांसपेशियों में भी दर्द हो रहा है तो इस स्थिति में तुरंत अस्पताल जाकर चिकित्सक से दिखाए। इसका संकेत है कि शरीर में प्लेटलेट्स का लेवल अचानक से गिर रहा है। 

बुखार आने के दो से तीन दिन के बाद शरीर में डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अगर केवल बुखार ही है तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर ये सब लक्षण भी दिख रहे हैं तो इनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

अगर प्लेटलेट्स का लेवल अचानक गिरने लगता है और 20 हजार से कम हो जाता है तो जान का खतरा रहता है। अभी बरसात का मौसम है और डेंगू फैलने की संभावना अधिक होती है तो डॉक्टर को सस्पेक्ट करना पड़ेगा कि यह डेंगू का केस है या नहीं तो वैसे कंडीशन में थोड़ा सा भी अगर शंका होता है तो वैसे केस में हम लोग एनएस वन किट से टेस्ट करवाते हैं उसमें अगर पॉजिटिव आ जाता है तो उसको हम लोग फरदर जांच करवाते हैं। अगर पॉजिटिव नहीं पाया जाता है तो उसको हम लोग नॉर्मल जो वायरल फीवर का इलाज होता है वह करते हैं। इसमें बहुत कुछ ज्यादा इलाज की जरूरत नहीं होती है। जिसमें पेरासिटामोल सबसे प्रमुख हथियार है। चुकी बुखार तेज होता है बदन में दर्द होता है।

उन्होंने मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है की दर्द की अन्य गोली कभी भी बिना डॉक्टर के राय से ना लें। पेरासिटामोल ही सबसे सुरक्षित दवा है। अगर तेज बुखार होता है तो पेरासिटामोल से ही उतारने की कोशिश करें। ठंडे पानी से पूरे शरीर को पोछे ।इससे भी अगर बुखार कम नहीं होता है तो अस्पताल ले जाकर डॉक्टर को दिखाएं ।

जैसे ही हम लोगों को जिला स्तर से पता चलता है कि कोई व्यक्ति पीड़ित है तो उसके घर के करीब 500 मीटर के दायरे में फागिंग करवाते हैंऔर उसके बाद लार्वा को नष्ट करने के लिए डेंगू फोर्स का छिड़काव करवाते हैं। 

उन्होंने कहा कि घरों के आसपास साफ-सफाई रखें और मच्छरों को पनपने नहीं दें। अगर कही पानी जमा है तो या तो मिट्टी का तेल डाल दे या उस पानी को फेंक दे।

बताते चले कि औरंगाबाद में अब तक डेंगू के कुल 28 मरीज मिले हैं। जिसमें 20 मरीज की रिपोर्टिंग पटना से हुई है। जबकि रहनेवाले औरंगाबाद के हैं। जिनका इलाज पटना के अस्पतालों में चल रहा है। डेंगू के आठ मरीज की पहचान सदर अस्पताल में हुई है। जिसमें दो मरीजों को एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। बाकी बचे 6 मरीजों का इलाज कर घर भेज दिया गया। 

जबकि ओबरा प्रखंड की देवकली गांव के रहनेवाले जदयू नेता अशोक पाण्डेय की 65 वर्षीय पत्नी सरस्वती देवी की मौत डेंगू से इलाज के दौरान वाराणसी में हो गई। डेंगू के मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए जिले में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है, जिसमें पूरे जिले भर में 55 बेड का मच्छरदानी लगा वार्ड बनाया गया है। वहीं, सदर अस्पताल में 10 बेड का डेंगू वार्ड भी बनाया गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद: स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत 01 दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

औरंगाबाद: योजना भवन के सभागार में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, औरंगाबाद के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत 01 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

गौरतलब हो कि पूर्व वर्षों की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रव्यापी 'स्वच्छता ही सेवा' (SHS) अभियान - 2023 का संचालन दिनांक 15 सितंबर, 2023 से 02 अक्तूबर, 2023 तक किया जाना है। 

इस वर्ष का विषय “कचरा मुक्त भारत (Garbage Free India)' है, जिसके अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न घटकों के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम, गांव एवं सार्वजनिक स्थलों पर सफाई अभियान, स्वच्छता कर्मियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, दिवाल चित्रण, स्वच्छता चौपाल इत्यादि गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।

समुदाय को अपने गांव को 'ओडीएफ-प्लस मॉडल" बनाने के लिए जन-भागीदारी, अपशिष्ट प्रबंधन के उपायों को अपनाने एवं उपयोगिता शुल्क संग्रहण के प्रति विशेष रूप से उत्प्रेरित किया जाएगा।

'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के संचालन हेतु निम्न निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना है -हर दिन एक गांव अभियान के तहत जिला/अखंड स्तर से प्रतिदिन एक गांव में विशेष अभियान का संचालन किया जाएगा। 

इसके अंतर्गत खुले में शौच वाले स्थान पर सुबह-सुबह निगरानी, छूटे हुए परिवारों को शौचालय सुलभता, समुदाय को अपशिष्ट प्रबंधन में भागीदारी हेतु उत्प्रेरण, गतिविधियों तथा स्वच्छता चौपाल का आयोजन किया जाएगा। मेरा वार्ड मेरी जिम्मेदारी के तहत ग्राम पंचायत के सभी वार्डों में चरणबद्ध तरीके से जन जागरूकता अभियान का संचालन किया जाएगा। 

सफाई मित्र सुरक्षा शिविर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण अंतर्गत कार्य कर रहे सभी स्वच्छता कर्मियों को केंद्र एवं राज्य सरकार की स्वास्थ्य, बीमा इत्यादि से संबंधित योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा एवं ग्राम पंचायत/प्रखंड स्तर पर सुविधा अनुसार दिनांक 17 सितंबर 2023 एवं इसके उपरांत सफाई कर्मियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। भारतीय स्वच्छता लीग 2.0 जिला के प्रमुख पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों पर दिनांक 17 सितंबर 2023 को स्वच्छता अभियान का संचालन किया जाएगा।

 जीविका आधारित सामुदायिक उत्प्रेरण के तहत स्वच्छता ही सेवा अभियान में जीविका के समुदाय आधारित संगठनों एवं जीविका दीदियों का सहयोग प्राप्त किया जाएगा। स्कूल आधारित गतिविधियां बच्चे, व्यवहार परिवर्तन के प्रमुख संदेशवाहक है। बच्चों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जन जागरूकता की गतिविधियों का हिस्सा बनाया जाना है।

 स्कूलों में  "स्वच्छता की कक्षा"का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल/कॉलेज में किशोरी एवं युवतियों को माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाएगा।

 अभिसरण* अभियान के सफल संचालन हेतु संबंधित विभाग तथा ग्राम पंचायत स्तर पर मुखिया, वार्ड सदस्य, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, विकास मित्र, रोजगार सेवक, किसान सलाहकार, जीविका दीदी इत्यादि का सहयोग प्राप्त किया जाएगा। उपयोगिता शुल्क - ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत प्रत्येक घर से एक रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 30-30 रुपया प्रति महीना उपयोगिता शुल्क लिया जाएगा।

 इस कार्यशाला में जिला जल एवं स्वच्छता समिति के सभी सदस्य,सभी माननीय प्रखंड प्रमुख,माननीय मुखिया ,सभी प्रखंड समन्वयक,प्रखंड परियोजना प्रबंधक एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित हुए।

मनचलों ने विद्यालय से खींचकर की छात्र की जमकर पीटाई, पुलिस ने मौके पर पहुँच छात्र की बचाई जान

औरंगाबाद से सनसनी फैला देने वाली मामला प्रकाश में आया है जहाँ कुछ मनचलों ने एक विद्यालय से खींचकर छात्र का जमकर पीटाई कर दिया है ,पुलिस ने मौके पर पहुँच छात्र की बचाई जान।  

कोचिंग में स्याही लगाने को लेकर हुई थी विवाद                          

गौरतलब है कि बिहार सरकार ने जहाँ सरकारी विद्यालय की व्यवस्था में सुधार लाने को लेकर शिक्षा विभाग मुख्य सचिव एक कर्मठी अधिकारी के के पाठक को बनाया है और उनके द्वारा लगातार निरीक्षण कर नए नए आदेश जारी किया जा रहा है ताकि सरकारी विद्यालय का स्थिति सुदृढ़ और बेहतर हो सके। परंतु विद्यालय से छात्र को खींचकर पिटाई का मामला ने एक बार फिर छात्र छात्राओं के सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है।

यह घटना है मदनपुर राजकीय अनुग्रह + टू हाई स्कूल मदनपुर की जहां सुबह विद्यालय में पढ़ने आए छात्र बंगरे निवासी गोलू कुमार नामक छात्र को आठ से दस की संख्या में दबंगों ने आकर विद्यालय से उठाकर ले गए और उसके साथ मारपीट करना सुरु कर दिया।

जिसकी सूचना विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हेम लता सिंह ने स्थानीय पुलिस को दी।जिसके बाद पुलिस को मौके पर पहुंचते ही मनचले फरार हो गया है, लेकिन पुलिस मामले की तहकीकात जुट गई है।

जानकारी के अनुसार दो दिन पूर्व मदनपुर संघत रोड स्थित एक निजी कोचिंग सेंटर के छात्रों के दो गुटों में स्याही लगाने को लेकर तू तू मै मै के बाद मारपीट हुई जिसके बाद मामला शांत हो गया था।

 आज उसी बात को लेकर कोचिंग में विवाद हुआ और छुट्टी के बाद छात्र के दोनों गुटों में मारपीट हुई जिसमें एक पक्ष से दो छात्र गंभीर रुप जख्मी हो गया। जख्मीयो में राजू यादव के 16 वर्षीय बेटा विपुल कुमार और भानु रजक 17 वर्षीय बेटा अभिषेक कुमार शामिल है उक्त दोनों गया।

 जिले के आमस थाना क्षेत्र के मांझौलिया टु गांव के रहने वाला है घटना के बाद जख्मी छात्र को मदनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों के द्वारा उपचार किया गया। 

तभी इस मामले को लेकर जख्मी पक्ष से कुछ छात्र विद्यालय में जाकर एक छात्र को खींचकर बाइक पर बैठा लिया और बाहर ले जाकर जमकर पिटाई करने सुरु कर दिया मौके पर जब मदनपुर पुलिस को देखते सभी मनचले छात्र को छोड़ कर फरार होगये। 

 इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हेमलता सिंह ने बताया की विद्यालय में क्लास चल रही थी।

इसी दौरान आठ से दस की संख्या में अज्ञात लोग आए और एक छात्र गोलू कुमार को जबरन घसीटते हुए बाहर लेकर चला गया जिसकी सूचना हमने स्थानीय पुलिस को दी मौके पर पुलिस पहुंचकर मामला को शांत करा दिया है उन्होंने बताया की उनलोगों में कोचिंग से विवाद चल रहा था।

जबकि थानाध्यक्ष शशी कुमार ने घटना के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कहा है। इस घटना से सभी प्रधानाध्यापक छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित है

औरंगाबाद: दहेज़ हत्या में दस साल की सजा सुनाई गई

औरंगाबाद: आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे तीन ब्रजेश कुमार सिंह ने जम्होर थाना कांड संख्या -22/20, एसटीआर -143/20 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए दो अभियुक्तों परीखा यादव और पंकज कुमार यादव को भादंवि धारा 304 बी/34 में दस साल की सजा सुनाई है वहीं धारा 201/34 में तीन साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया है जुर्माना न देने पर छः माह अतिरिक्त कारावास होगी।

 एपीपी महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी मृतका के पति पूर्व से जेल में बंद हैं मृतका के ससुर को सज़ा सुनाने के बाद बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया है।

 अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक कैलाश यादव लंगुराही हरिहरगंज पलामू ने प्राथमिकी में 15/04/20 को बताया कि

मेरी पुत्री आरती कुमारी की शादी एक साल पुर्व परीखा यादव के पुत्र पंकज कुमार यादव लोहरा बिगहा अमिलौना जम्होर से हिंन्दु रीति रिवाज से सम्पन्न हुआ था शादी के कुछ माह बाद और दहेज के रूप में सोने के चैन और पल्सर बाइक की मांग मेरी बेटी से की जाने लगी और न देने पर जान मारने की धमकी दी जाती थी।

आरती ने हमारे परिवार के परिस्थितियों के कारण असमर्थता जताई और उत्पीड़न बर्दाश्त करती रही,27/03/20 को दमाद ,समधी और परिवार के अन्य सदस्यों ने मट्टी तेल से आरती को भीगा कर आग लगा दी जिससे वह बुरी तरह से जख्मी हो गई थी। इलाज के क्रम में 12/04/28 को मृत्यु हो गई थी तो सूचक को बिना खबर किये दाह संस्कार कर दिया गया था ।

 घटना की जानकारी होने पर सूचक ने 15/04/20 को जम्होर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई ,शमीम अहमद थाना जम्होर ने मृतका के पति और ससुर के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों पर 04/03/21

को आरोप गठन किया था, दहेज हत्यारोपी पति

20/06/20 से जेल में बंद हैं। सज़ा सुनने के पश्चात

अभियुक्तों के परिजन रोने लगे।

*औरंगाबाद: संजीव कुमार को दोबारा जदयू ने सौंपा जिम्मेदारी, कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के बनाए गए जिलाअध्यक्ष

औरंगाबाद: बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कुमार विजय सिंह ने जिला अध्यक्षों की सूची जारी की है। कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुमार विजय सिंह ने आज 51 जिला संगठन में नवनियुक्ति की घोषणा की है।

उन्होंने जिलाध्यक्षों की सूची जारी करते हुए बताया कि इस सूची में समाज के सभी वर्गों के लोगों को प्रतिनिधित्व दी गयी है। 

  

   

इस सम्बंध में औरंगाबाद जदयू मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन उर्फ राजा बाबू ने बताया कि औरंगाबाद कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष के रूप में संजीव कुमार को नियुक्त किया गया है। 

जो पहले इसी पद पर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर औरंगाबाद का कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बनाया गया था। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने निर्देशित किया है कि जिलाध्यक्ष पार्टी के मूल संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करेंगे।

 जदयू मुख्य प्रवक्ता राजा बाबू ने प्रदेश अध्यक्ष कुमार विजय सिंह के द्वारा नव-नियुक्त बिहार के सभी जिलाध्यक्षों को बधाई और शुभकामनायें दी है और बेहतर भविष्य की कामना की है।

संजीव कुमार को दोबारा कला संस्कृति एवं खेल नियुक्ति पर रफीगंज के पूर्व विधायक और जदयू मुख्य संगठन के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, पूर्व विधायक नबीनगर वीरेंद्र कुमार सिंह, जदयू मुख्य प्रवक्ता औरंगाबाद राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू, जदयू जिला उपाध्यक्ष पप्पू ज्वाला सिंह, जदयू जिला उपाध्यक्ष महावीर मेहता और जदयू महासचिव नागेंद्र सिंह, जिला महासचिव संजय राणा सिंह, जिला सचिव चिंटू सिंह, टिंकू सिंह, औरंगाबाद प्रखंड अध्यक्ष राकेश सिंह , रिंकू सिंह , ओंकार नाथ सिंह , सत्येंद्र चंद्रवंशी , रामानुज सिंह , सुरेंद्र सिंह, कमलेश कुमार सिंह , उदय सिंह , अनिल मेहता और सुनील वर्मा समेत सैकडों कार्यकर्ताओं ने बधाई प्रेषित की है।

नशे के गिरफ्त में औरंगाबाद के युवा, खंडहरनुमा जगहों पर करते हैं नशा का सेवन

औरंगाबाद: युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में है और इनके द्वारा नशा सेवन के लिए ऐसे जगहों की तलाश की जाती है जो सुनसान हो या फिर कोई स्कूल कॉलेज का भवन जो टूटकर खंडहर में तब्दील हो चुका हो और वहां किसी का भी आना जाना न हो।

इन जगहों पर युवाओं की बैठकी सुबह होते ही शुरू हो जाती है जो देर रात तक चलती है।इन जगहों पर युवाओं द्वारा नशे की सुई ली जाती है और बोनफिक्स या इसी से संबंधित ट्यूब का प्रयोग सूंघने के लिए जाते हैं।युवाओं में बढ़ रही इस प्रवृत्ति से उनके मां पिता परेशान हैं।

औरंगाबाद शहर के सभी मंडी के समीप के एक अभिभावक इस नशे के कारोबार से परेशान है क्योंकि उनका युवा पुत्र बर्बाद हो रहा है और वे कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान गेट स्कूल जहां प्रतिदिन सैकड़े बच्चे कक्षा आठ से दस तक की शिक्षा प्राप्त करते हैं।विद्यालय से सटे ही विद्यालय का छात्रावास है जिसे कई वर्ष पूर्व खंडहर घोषित किया जा चुका है और वह एक तरह से जंगल में तब्दील हो चुका है।

खंडहर बन चुके इस छात्रावास में आदमी तो दूर जानवर भी रहना पसंद नही करते।लेकिन नशे के गिरफ्त में हुए युवाओं के लिए ये जगह काफी उपयुक्त है क्योंकि उन्हें वहां कोई देखने और टोकने वाला नही मिलता।खंडहरनुमा छात्रावास में हर तरफ नशे की पुड़िया एवं सामग्री नजर आए।

इस संबंध में जब गेट स्कूल के प्रधानाचार्य बीरेंद्र राम से बात की गई तो उन्होंने विद्यालय के परिसर में स्थित खंडहर छात्रावास को नशेड़ियों के कब्जे में हो जाने पर दुख जताया और कहा कि मना करने पर नशा करनेवाले युवा आक्रामक हो जाते हैं।जिससे यह डर लगता है कि कही उनके द्वारा मना करने के दौरान आक्रमण न कर दिया जाए।

प्रधानाचार्य ने बताया कि गेट स्कूल जिले का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित विद्यालय है।लेकिन नशेड़ियों के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि यह विद्यालय सह शिक्षा वाला विद्यालय है ऐसी अवस्था में उधर जाने में छात्राएं भयभीत हो जाती हैं।उन्होंने कहा कि जल्द ही इसको लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।

ताकि यहां का शैक्षणिक माहौल प्रभावित न हो। वही इस संबंध में विद्यालय के सहायक शिक्षक सह एनसीसी इंचार्ज जिल्लूश शमी ने बताया कि वर्षो पूर्व इस छात्रावास को खंडहर घोषित किया जा चुका है और अब वह असामाजिक तत्वों के हवाले हो चुका है।

यहां सुबह से लेकर रात तक उनकी ही हुकूमत है और वे इस जगह को नशा सेवन के रूप में प्रयोग करते हैं।उन्होंने कहा कि मना करने पर वे एकजुट होकर शिक्षक पर भी अटैक भी कर सकते है।

इसलिए शिक्षक उन्हे कुछ भी नही बोल पाते।इस संबंध में औरंगाबाद के एसपी हृदयकांत ने कहा कि जल्द ही स्थल का निरीक्षण कर कारवाई की जायेगी।उन्होंने कहा कि नशे के गिरफ्त में आए युवाओं को इससे मुक्त करने के प्रयास में लगी हुई है।

डेंगू से औरंगाबाद में पहली मौत, जबकि जिले में डेंगू के कुल 28 मरीज जिसमे 20 मरीज का पटना में चल रहा इलाज।

औरंगाबाद जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है । जिले में अभी तक डेंगू के कुल 28 मरीज पाए गए है। जिसमे 20 मरीज की रिपोर्टिंग पटना से हुई है जबकि रहनेवाले औरंगाबाद के है। जिनका इलाज पटना के अस्पताल में एडमिट कर किया जा रहा है। 8 डेंगू के मरीज की पहचान सदर अस्पताल में हुई है। जिसमे 2 मरीजों को एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। बाकी बचे 6 मरीजों का इलाज कर घर भेज दिया गया है।

डेंगू से महिला की मौत

ओबरा प्रखंड के देवकली गांव के रहनेवाले जदयू नेता अशोक पाण्डेय की 65 वर्षीय पत्नी सरस्वती देवी की मौत डेंगू से इलाज के दौरान गुरुवार को वाराणसी में हो गई। पति अशोक पाण्डेय ने बताया कि सरस्वती को कई दिनों से बुखार आ रहा था। इलाज कराने पर भी स्थिति ज्यो का त्यों रहा। बेहतर इलाज के लिए बीएचयू ले जाया गया जहां जांच के बाद डेंगू पाया गया।प्लेटलेस की काफी कमी हो गई थी जिसके कारण पत्नी की मौत हो गई।

 जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इससे निबटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सदर अस्पताल में जांच में 8 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाये गये हैं। ये मरीज देव, नवीनगर, गोह, रफीगंज, बारुण व शहरी क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन सभी मरीजों के क्षेत्रो में फॉगिंग एवम लार्बिसाइडल छिड़काव कराने की व्यवस्था करायी जा रही है।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर ने बताया कि जिले में अब तक कुल 682 एनएस वन किट से जांच की गई है। जबकि एलाइजा किट से 65 लोगो की जांच की गई है।जिसमे कुल 8 मरीज पॉजिटिव पाए गए है।ये मरीज गंभीर रूप से पीड़ित नही है और प्राथमिक इलाज के बाद घर पर ही रहकर उपचार कराने की सलाह दी गई हैं। जबकि 2 मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। दो से तीन दिनों में घर भेज दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जांच करने के लिए आज के दिन में कुल 268 एनएस वन एलाइजा किट उपलब्ध है। रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए 496 कीट हमारे यहां उपलब्ध है। अगर और जरूरत पड़ी तो उसे तुरंत मंगवा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए जिले में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है जिसमे पूरे जिले भर में 55 बेड का मच्छरदानी लगा वार्ड बनाया गया है। वही सदर अस्पताल में 10 बेड का डेंगू वार्ड जिसमे मच्छरदानी लगा हुआ है।

35 वर्षो में ग्रामीणों को महज एक अच्छी सड़क की भी नसीब नही मिली,लोगों को आने जाने में हो रही है परेशानियां

औरंगाबाद। विकास का दावा करनेवाली सरकार में 35 वर्षो में ग्रामीणों को महज एक अच्छी सड़क भी नसीब नही हो सका। जबकि बिहार में हरेक जगह अच्छी सड़क होने का दावा तो जरूर किया जाता है।मगर हकीकत कुछ और ही है ।जबकि बिहार में सरकार उलट फेर हुआ मगर मुख्यमंत्री तो आप ही रहे। बावजूद सरकार में रहते हुए इस सड़क की दशा और दिशा नही बदली।

 तस्वीरों में आप खुद ही देख सकते है कि यह चतरा नवीनगर मुख्य पथ पर स्थित सुंदरगंज बाजार की मुख्य सड़क है जो ऐसे नेता का बाट जोह रहा है जो इस सड़क का उद्धार कर सके। ताकि लोगो को आने जाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। लोकसभा का चुनाव भी नजदीक आ गया है ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की जनप्रतिनिधि की नजरे कब इस सड़क पर इनायत होगी। और इस सड़क का जीर्णोद्धार होगा। यह वही मुख्य बाजार है जहां सैकड़ों गांवों के ग्रामीण रोजमर्रा की खरीददारी करने इसी बाजार में आते हैं। अगर बारिश हो जाती है तो ग्रामीण बाजार में नही आ पाते ।इसका मुख्य कारण है बाजार में काफी जल जमाव का होना। अगर इक्का दुक्का ग्रामीण आते भी हैं तो वो जल जमाव के कारण दुर्घटना का शिकार हो जाते है। हालांकि सरकार महागठबंधन की है और सांसद भी जेडीयू कोटे से जीतते आ रहे हैं।

 जिनका नाम है महाबली सिंह जो काराकाट लोकसभा क्षेत्र के सांसद हैं। हैरानी की बात तो यह है की उनका संसदीय क्षेत्र रहने के कारण सांसद महोदय का आना जाना भी लगा रहता है। मगर उनका ध्यान इस मुख्य बाजार पर आजतक नही गया। लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं अब देखना यह होगा की सांसद महोदय चुनाव के पहले इस बाजार का उद्धार करवाते है या स्थिति ज्यों का त्यों बना रहता है।

 ऐसे में 3 प्रखंड वाले 100 गांव के लोगो का मुख्य बाजार यही है। ग्रामीणों का कहना है कि 35 सालो से इसकी यही दशा है। इस सड़क की खातिर जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकारी मुलाजिमों तक गुहार लगा चुके है मगर सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

 यहां तक कि कितनी बार बताया गया की इसका टेंडर हो चुका है पर आज तक यह सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ग्रामीणों ने इस बार के चुनाव में नेताओ को सबक सीखा देने का मन भी बना लिया है।

 

इस बारे में जब महागठबंधन के सरकार में रहे कांग्रेस नेता शैलेंद्र कुमार दुबे से बात की गई तो वो पत्रकार पर ही अपनी भड़ास निकालते हुए विकास पुरुष नीतीश कुमार की पोल खोलकर रख दी।

 उनका कहना था की जब विकास धरातल पर दिखे तब ही न विकास तो सिर्फ कागजों पर ही हो रहा है। वहीं पंचायत के पूर्व मुखिया रहे कृष्णा दुबे सहित ग्रामीणों ने भी बिहार सरकार की उपेक्षा का शिकार इस मुख्य बाजार पर क्या क्या बाते रखी जरा सुन लीजिए।

बाबा बागेश्वर धाम धीरेन्द्र शास्त्री का एक से तीन अक्टूबर को गयाजी में किया जाएगा कार्यक्रम

तैयारी एक से तीन अक्टूबर तक गया में कार्यक्रम तय, मां मंगलागौरी और महाबोधि मंदिर में करेंगे पूजा

गयापाल पंडा कराएंगे बाबा बागेश्वर का कर्मकांड दिव्य दरबार की अनुमति नहीं मिली तो होटल के हॉल में ही शिष्यों से मिलेंगे

बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का एक से तीन अक्टूबर तक गयाजी में कार्यक्रम निश्चित हो चुका है। मगध विश्वविद्यालय परिसर में अब उनका दिव्य दरबार नहीं लगेगा। इसकी प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई है। बोधगया स्थित ऑडिटोरियम में कार्यक्रम के लिए आयोजन समिति द्वारा गया के डीएम को आवेदन पंचकोशी गयाजी तीर्थक्षेत्र में तर्पण व पिंडदान करेंगे। रहा है।

दिया गया है। परंतु इस पर भी डीएम ने अभी तक अपनी गयापाल पंडा ही उनके कर्मकांड को पूरा करायेंगे। इसके सहमति असहमति अधिकारिक तौर पर नहीं दी है। ऐसे में लिए उनकी वंशावली भी खंगाली जा रही है। आचार्य आयोजकों द्वारा अब बाबा बागेश्वर धाम सरकार के गया धीरेन्द्र शास्त्री मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गाढ़ा गांव के कार्यक्रम को लेकर जिलेवासी ही नहीं बल्कि बिहार के निवासी हैं। यह खजुराहो के पास ही है। बाबा बागेश्वर के विभिन्न हिस्सों में उनके भक्तों- शिष्यों के बीच भारी उत्साह दादाजी भी गयाजी में तर्पण और पिंडदान कर चुके हैं। है। 

बाबा बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री आयोजकों द्वारा संबंधित गयापाल पंडा से सपर्क किया जा

महाबोधि मंदिर में भी भगवान बुद्ध का दर्शन करेंगे

अभी तक सार्वजनिक कार्यक्रम यानी दिव्य दरबार की अनुमति नहीं मिलने के कारण बाबा बागेश्वर धाम सरकार के गयाजी में तीन दिनों के प्रवास के दौरान नए सिरे से कार्यक्रम तय किए जा रह हैं। बाबा अब मां मंगलागौरी में पूजा अर्चना महाबोधि मंदिर में भी भगवान पूजा करेंगे। इस दौरान सुरक्षा के इंतजाम में सुरक्षाबलों की

बाबा के लिए संबोधि रिट्रीट को बुक हुआ

बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के लिए बोधगया स्थित संबोधि रिट्रीट को बुक किया गया है। 

बाबा यहीं तीन दिनों तक रुकेंगे। इस होटल परिसर में दो हॉल है। इन्हीं हॉल में बाबा बागेश्वर अपने चुनिंदा भक्तों और शिष्यों से मिलेंगे। इसके लिए आयोजकों द्वारा सूची बनायी जा रही है। वैसे आयोजकों को भी विश्वास कि जिला प्रशासन दिव्य दरबार नहीं तो कम से कम बोधगया "स्थित ऑडिटोरियम में कार्यक्रम की अनुमति अवश्य ही देगा।

*हत्या के जुर्म में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा*

औरंगाबाद - आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे प्रथम पंकज मिश्रा ने जम्होर थाना कांड संख्या -32/20 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए भादंवि धारा 302 ओर 201 में 05/09/23 को दोषी ठहराए गए अभियुक्तों को सज़ा सुनाई है। 

स्पेशल पीपी रविंद्र कुमार ने बताया कि अभियुक्त कपिल पासवान मखरा जम्होर, सुनील पासवान मगरहीया बारूण को भादंवि धारा 302 में आजीवन कारावास और पचास हजार जुर्माना लगाया है। वही भादंवि धारा 201 में तीन साल की सजा और बीस हजार जुर्माना लगाया है। मौके पर अधिवक्ता रामनरेश प्रसाद और शिवपूजन पासवान उपस्थित थे। 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक रुदल पासवान मखरा जम्होर ने 12/06/20 को प्राथमिकी में कहा था कि उनका बारह साल का लड़का सुरज कुमार क्रिर्केट देखने गया था। सुबह में उसकी लाश पास के खेत में मिली, उसके गर्दन पर काले निशान थे उसका पोस्टमार्टम कराया गया था।संदेह के आधार पर गांव के कुछ लड़के को नामजद किया था। 

थानाध्यक्ष जम्होर शमीम अहमद ने अनुसंधान के क्रम में घटनास्थल से गैर नामजद कपिल पासवान का वोटर कार्ड जप्त कर नये सिरे से जांच कर कपिल पासवान और सुनील पासवान पर आरोप पत्र 31/07/20 को न्यायालय में पेश किया था। दोनों अभियुक्त रिश्ते में साला-बहनोई है। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र