केरल में 'निपाह वायरस' का कहर, दो की हो चुकी मौत, जान लीजिए, अभी तक नहीं है कोई इलाज, बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

केरल में निपाह वायरस के कुल छह मामले सामने आए हैं। इन छह में से दो लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी चार का इलाज चल रहा है। केरल के कोझिकोड में गुरुवार और शुक्रवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। 706 लोग संपर्क सूची में हैं, जिनमें से 77 उच्च जोखिम श्रेणी में हैं, जबकि 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को कहा कि उच्च जोखिम श्रेणी में किसी में भी फिलहाल लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। दूषित भोजन और किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से मानव-से-मानव में प्रसार हो सकता है। यह सूअरों में बीमारी का कारण भी बन सकता है। यह वायरस हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और यहां तक कि कुछ मामलों में मौत का कारण भी बन सकता है। यह पहली बार 1999 में सूअरों और लोगों में फैलने के बाद खोजा गया था।

निपाह वायरस के लक्षण

निपाह वायरस के लक्षणों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

स्पर्शोन्मुख संक्रमण

तीव्र श्वसन संक्रमण

घातक एन्सेफलाइटिस

प्रारंभ में, संक्रमित व्यक्तियों को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश का अनुभव होता है। इनके बाद, संक्रमण चक्कर आना, उनींदापन, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और परिवर्तित चेतना जैसे लक्षण पैदा करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कुछ लोगों को गंभीर श्वसन समस्याओं और असामान्य निमोनिया का भी अनुभव हो सकता है। गंभीर मामलों में, एन्सेफलाइटिस और दौरे पड़ सकते हैं, जो कोमा में बदल सकते हैं। संक्रमित होने के 4 से 14 दिन बाद लक्षणों की शुरुआत हो सकती है। कुछ मामलों में, ऊष्मायन अवधि 45 दिनों तक भी लंबी हो सकती है। बता दें कि, ऊष्मायन अवधि (incubation period) किसी रोगजनक जीव, रसायन या विकिरण (रेडियेशन) से सम्पर्क होने और इस सम्पर्क के कारणवश रोग के प्रथम लक्षण व चिह्न स्पष्ट होने के बीच की अवधि होती है। संक्रमण की स्थिति में इस अवधि में रोगजनक जीव अपनी संख्या बढ़ाकर उस स्तर तक पहुँचता है कि रोगी के शरीर में रोग के लक्षण (मसलन ज्वर, दर्द, सूजन, उल्टी होना, इत्यादि) दिखने लगते हैं। 

निपाह वायरस का इलाज

WHO के अनुसार, वर्तमान में निपाह वायरस के खिलाफ कोई टीका नहीं है। ऐसी कोई विशिष्ट दवाएँ भी नहीं हैं जो उपचार के लिए निर्धारित हों। शोधकर्ता अभी तक निपाह वायरस का टीका विकसित नहीं कर पाए हैं।

निपाह वायरस से बचाव

प्रकोप के दौरान, व्यक्तियों को निम्नलिखित निवारक कदमों का पालन करना चाहिए

बीमार सूअरों और चमगादड़ों के संपर्क से बचें

अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं

ऐसे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें जो दूषित हो सकते हैं

संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क से बचें

संक्रमित व्यक्ति के रक्त और शरीर के तरल पदार्थ के साथ किसी भी तरह के संपर्क से सख्ती से बचना चाहिए

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और लोगों से शांत रहने का आग्रह किया है।

देश के इतिहास में पहली बार, पत्रकारों का बहिष्कार ! इन 14 एंकर्स से बात नहीं करेंगे I.N.D.I.A. गठबंधन के कोई भी नेता

 लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को मात देने के लिए बनाए गए 26 विपक्षी दलों के गुट I.N.D.I.A. गठबंधन ने 14 समाचार एंकरों की एक सूची जारी की है, जिनका उन्होंने 'बहिष्कार' करने का ऐलान किया है। इस सूची की एक प्रति 14 सितंबर, गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा द्वारा औपचारिक रूप से ट्विटर पर साझा की गई थी। बता दें कि, ये शायद भारत के इतिहास में पहली बार है, जब राजनितिक पार्टियों ने बाकायदा लिस्ट जारी करते हुए कुछ चुनिंदा पत्रकारों के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि, ये नेता भाजपा समर्थक पत्रकारिता करते हैं। लेकिन, एक सवाल ये भी है कि, यदि 2024 में मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहती है, तो क्या विपक्षी नेता भाजपा को वोट देने वाली जनता का भी बहिष्कार कर देंगे ? क्योंकि लोकतंत्र की लड़ाई में किसी को जिताने या हराने वाली तो केवल जनता ही होती है। या फिर अब विपक्षी दलों के नेता केवल उन्ही पत्रकारों से बात करना चाहेंगे, जो चुनावी समय में जनता के बीच माहौल बनाने में उनकी मदद करें ? दरअसल, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद डिप्टी सीएम बने डीके शिवकुमार खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि, चुनाव जीतने में कुछ पत्रकारों ने उनके लिए काम किया था। एक सवाल ये भी है कि, यदि विपक्षी गठबंधन 2024 चुनाव में जीत दर्ज करता है तो, क्या वो इन पत्रकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा, जिनका उसने अभी से बहिष्कार कर रखा है ? क्योंकि, ऐसा इमरजेंसी के दौरान हो चुका है, पत्रकार जेलों में ठूंसे जा चुके हैं। बहरहाल, पत्रकारों का काम तो जनता के सामने केवल 'सच' रखना होता है, और वही होना भी चाहिए, फिर वो सच सत्ता पक्ष को फायदा पहुंचाए या विपक्ष को, इसका पत्रकार से कोई लेना देना नहीं।  

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने बहिष्कार किए गए पत्रकारों के नाम बताए हैं, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ''INDIA मीडिया समिति द्वारा आज दोपहर आयोजित एक आभासी बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिया गया है।'' उस सूची में कुल 14 पत्रकारों के नाम शामिल हैं। I.N.D.I.A. गठबंधन के नेता जिन पत्रकारों से बात नहीं करेंगे, उनमे अदिति त्यागी-भारत एक्सप्रेस, अमन चोपड़ा-न्यूज़18, अमीश देवगन-न्यूज़18, आनंद नरसिम्हन-न्यूज़18, अर्नब गोस्वामी- रिपब्लिक टीवी, अशोक श्रीवास्तव-डीडी न्यूज, चित्रा त्रिपाठी- आजतक, गौरव सावंत - इंडिया टुडे, नविका कुमार - टाइम्स नाउ, प्राची पाराशर - इंडिया टीवी, रुबिका लियाकत - भारत 24, शिव अरूर - इंडिया टुडे, सुधीर चौधरी-आज तक और सुशांत सिन्हा टाइम्स नाउ नवभारत का नाम शामिल है।

बता दें कि, कल (13 सितंबर, बुधवार) एक दिलचस्प फैसले में, गठबंधन समन्वय समिति ने मीडिया पर उप-समिति को गठबंधन द्वारा बहिष्कार किए जाने वाले टीवी एंकरों के नामों पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था। I.N.D.I. एलायंस ब्लॉक पार्टियाँ अपने प्रवक्ताओं को उप-समिति द्वारा चयनित एंकरों द्वारा आयोजित शो में नहीं भेजेंगी। विपक्षी दलों की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि, "समन्वय समिति ने मीडिया पर उप-समूह को उन एंकरों के नाम तय करने के लिए अधिकृत किया, जिनके शो में भारत की कोई भी पार्टी अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेगी।" उल्लेखनीय है कि मीडिया के लिए बने वर्किंग ग्रुप में 19 सदस्य हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, यह ऐलान कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने 13 सितंबर को विपक्षी गुट के सदस्यों द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार के आवास पर एक साथ चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक आयोजित करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में किया है। 28 सदस्य पार्टियों में से समन्वय समिति में 14 सदस्य हैं और उनमें से 12 ने बैठक में भाग लिया था।

जम्मू कश्मीर के बारामुला में आतंकी माड्यूल का खुलासा, हथियार समेत दो गिरफ्तार

#jammu_kashmir_indian_army_arrested_two_suspects_in_baramulla

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में तीन दिन से जारी ऑपरेशन के बीच बारामुला में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। दरअसल, घाटी में आतंकियों के सफाए के लिए सेना के जवान लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं इसी बीच सेना को बारामूला में बड़ी कामयाबी मिली है। सेना के जवानों ने दो संदिग्धों को गिफ्तार किया है। जिनके पास से पिस्तौल और गोला-बारूद दरामद हुआ है।बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि बारामुला पुलिस और सेना की 8 आरआर के संयुक्त बलों ने उड़ी में परनपीलन ब्रिज पर नाका चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा, जो दाची से परनपीलन ब्रिज की ओर आ रहे थे। दोनों ने नाका पार्टी को देखते हुए भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया।दोनों की व्यक्तिगत तलाशी के दौरान उनके पास से 2 ग्लॉक पिस्तौल, 2 पिस्तौल मैगजीन, 2 पिस्तौल साइलेंसर, 5 चीनी ग्रेनेड और 28 पिस्तौल राउंड मिले हैं। उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया।

पकड़े गए से आतंकियों के मददगारों में से एक की पहचान जैद हसन मल्ला पुत्र गुलाम हसन मल्ला निवासी मीर साहब, बारामुला के रूप में की गई। वहीं, दूसरे की पहचान मोहम्मद आरिफ चन्ना पुत्र नजीर अहमद चन्ना निवासी स्टेडियम कॉलोनी बारामुला के तौर पर हुई है। पुलिस ने बताया कि दोनों पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं के इशारे पर हथियारों और गोला-बारूद की सीमा पार तस्करी में शामिल थे और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इसे लश्कर के आतंकवादियों को वितरित करते थे। दोनों के खिलाफ भारतीय शस्त्र अधिनियम और यूए (पी) अधिनियम के तहत पुलिस स्टेशन उड़ी में मामला दर्ज किया गया और आगामी जांच जारी है।

वहीं, दूसरी ओर दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। बीते 48 घंटे से मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ स्थल पर रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है।अब तक इस एनकाउंटर में चार जवान शहीद हो गए हैं, जबकि पांच जवानों के घायल होने की खबर है। एनकाउंटर में सेना के 19 राष्ट्रीय राइफल यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, कंपनी कमांडर मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट शहीद हुए हैं। सेना ने शुक्रवार सुबह चौथे जवान का शव बरामद कर लिया है।

*चीन में विदेश मंत्री के बाद रक्षामंत्री भी लापता! दो हफ्तों से कहीं नजर नहीं आए, घर में नजरबंद किए जाने की अटकलें

#chinasdefenceministermissingforovertwoweeks

चीन में लगातार मंत्रियों और कमांडरों के गायब होने का सिलसिला जारी है। कुछ समय पहले ही सेना के दो कमांडर और विदेश मंत्री के बाद अब चीन के रक्षा मंत्री भी गायब हो गए हैं। चीन के नए रक्षामंत्री ली शांगफू पिछले दो हफ्तों से कहीं नजर नहीं आए हैं। ऐसे में उनके लापता होने की खबरें जोर पकड़ने लगी हैं। वहीं शी जिनपिंग सरकार ने इस मामले में चुप्‍पी साध रखी है। इससे पहले चीन के व‍िदेश मंत्री रहे किन गांग भी कई दिनों तक गायब रहे थे और बाद में उन्‍हें पद से ही हटा दिया गया था। 

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू करीब दो हफ्तों से गायब हैं। किसी को नहीं पता कि वे कहां हैं. अब सार्वजनिक जीवन में उनकी अनुपस्थिति को लेकर अफवाहें फैल रही हैं। इस बारे में जापान में अमेरिकी राजदूत रहम इमैनुएल ने शुक्रवार (15 सितंबर) को एक सोशल मीडिया पोस्ट में सवाल किया कि क्या चीन के रक्षा मंत्री को घर में नजरबंद कर दिया गया है? राजदूत ने कहा कि इससे चीन की जनता में दो हफ्ते से भ्रम बढ़ गया है।

घर में नजरबंद किया गया ?

एक्स पर एक पोस्ट में रहम इमैनुएल ने लिखा, "पहला: रक्षा मंत्री ली शांगफू को तीन हफ्ते से न तो देखा गया है और न ही सुना गया है। दूसरा: वह अपनी वियतनाम यात्रा पर भी नहीं देखे गए। अब रक्षा मंत्री शांगफू सिंगापुर के नौसेना प्रमुख के साथ अपनी निर्धारित बैठक से अनुपस्थित रहे क्योंकि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया था?" इस पोस्ट के साथ हैशटैग " लिखा है।

“शी की कैबिनेट की कहानी अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास जैसी”

राजदूत रहम इमैनुअल ने अपने पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति शी की कैबिनेट की कहानी अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास 'एंड देयर वर नन' से मिलती जुलती है। उन्होंने कहा कि पहले विदेश मंत्री किन गैंग, फिर रॉकेट फोर्स कमांडर और अब रक्षा मंत्री ली शांगफू लापता हैं। 

29 अगस्‍त को आखिरी बार देखे गए थे रक्षा मंत्री

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी रक्षा मंत्री को आखिरी बार 29 अगस्‍त, 2023 को देखा गया था, जब उन्होंने बीजिंग में हुए चीन- अफ्रीका पीस ऐंड सिक्योरिटी फोरम की बैठक में भाग लिया था. इसके बाद से चीनी रक्षामंत्री सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आये हैं.

भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के बीच गायब हुए ली

ली शांगफू के इस तरह से गायब होने के बाद तमाम तरह की अटकलें लगने लगी हैं। चीन के रक्षा मंत्री तब गायब हुए हैं, जब पांच साल पहले की गई हार्डवेयर खरीद से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि ये जांच जुलाई में शुरू की गई थी। हालांकि चीनी सेना का कहना है कि वह अक्टूबर 2017 से ही इन मुद्दों की जांच कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ली सितंबर 2017 से 2022 तक उपकरण विभाग में कार्यरत थे। हालांकि, उनपर कोई आरोप नहीं है। 

बता दें कि इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जुलाई में अपने चुने हुए विदेश मंत्री किन गैंग को अचानक हटा लिया था। उसके बाद उनकी जगह पर वांग यी को विदेश मंत्री बनाने की खबर सामने आ गई थी। हालांकि, इससे पहले उनके गायब होने की खबरें चर्चा में थी। किन गैंग का अचानक गायब होना आज भी लोगों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है। दरअसल, उन्हें अभी तक सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। किन गैंग को हटाने के बाद शी जिनपिंग ने रॉकेट फोर्स के जनरल ली यूचाओ और जनरल लियू गुआंगबिन को भी बर्खास्‍त कर दिया था।

केरल में निपाह का एक और केस आया सामने, अब तक दो लोगों की हो चुकी है मौत, अलर्ट मोड पर सरकार

#keralanipahvirusonemorecaseconfirmed

केरल में निपाह वायरस से संक्रमित एक और मरीज की पहचान हुई है। इसके साथ ही कोझिकोड में निपाह वायरस के कुल मामलों की संख्या छह हो गई है।न‍िपाह वायरस की चपेट में आए मरीजों में से अब तक दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। न‍िपाह वायरस से हुई दो लोगों की मौत के बाद से राज्‍य सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गई है और कई प्रकार की एडवाइजरी भी जारी की है।केरल के कोझिकोड में 39 साल का व्यक्ति वायरस से संक्रमित पाया गया है।इसकी पुष्‍ट‍ि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री कार्यालय की ओर से की गई है।राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव केस बढ़कर 4 हो गए हैं।संक्रमितों में से एक 9 वर्षीय बच्चे की स्थिति गंभीर है। केरल में अब तक निपाह के कुल 6 केस आ चुके हैं जिसमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

मरीज के संपर्क में आए 950 लोगों की पहचान

हालिया, मरीज की पहचान के बाद संपर्क वाले 15 सैंपलों को लैब में जांच के लिए भेजा गया है। ग्राम पंचायत में अबतक 950 लोगों की पहचान हुई है जो संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे। इनमें 213 हाई-रिस्क कैटगरी में हैं। 287 स्वास्थ्यकर्मी भी कॉन्टेक्ट लिस्ट में हैं। चार हाई-रिस्क वाले लोगों को प्राइवेट अस्पताल में रखा गया है और मरीजों के संपर्क में आए 17 लोगों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में सर्विलांस पर रखा गया है।

ग्राम पंचायतों को क्वारंटीन जोन घोषित किया गया

राज्य सरकार ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए तैयारियां मजबूत कर ली हैं। कोझिकोड में संक्रमण मिलने वाली ग्राम पंचायतों को क्वारंटीन जोन घोषित कर दिया गया है।वायरस के प्रसार को देखते हुए कोझिकोड जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों में 16 सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है, लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया है।

वायरस से निपटने के लिए टीम तैयार

निपाह वायरस को लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, आरएमएल अस्पताल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज की टीम तैयार की गई है। यह टीम केरल सरकार को वायरस को कंट्रोल करने में सहयोग दे रही है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बायोसेफ्टी लेवल-3 कंटोनमेंट मोबाइल लेबोरेट्री तैयार किया है, जो जिला स्तर पर वायरस से निपटने में मदद करेगी। इससे वायरस की समय रहते पहचान की जा सकेगी और उसे काबू किया जा सकेगा।

कर्नाटक सरकार ने जारी किया सर्कुलर

वहीं केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें आम जनता को केरल के प्रभावित इलाकों में सफर करने से बचने की सलाह दी है। सर्कुलर में अधिकारियों को केरल की बॉर्डर से जुड़े जिले (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) में निगरानी तेज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

सूर्य की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा है आदित्य एल1, सफलतापूर्वक चौथी बार बदली कक्षा

#aditya_l1_got_another_success_orbit_changed_for_the_fourth_time 

भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने सूर्य की ओर एक और कदम बढ़ा लिया है।दरअसल, सूर्य मिशन पर निकले आदित्य-एल1 ने चौथी बार कक्षा बदलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आज यानी शुक्रवार देर रात इस प्रक्रिया को पूरा किया।इसके लिए इसरो ने कुछ देर के लिए थ्रस्टर फायर किए गए। इस बारे में अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी।

इसरो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘चौथी बार पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया (EBN-4) को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ‘ग्राउंड स्टेशनों’ ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की।इसरो ने कहा, ‘कक्षा परिवर्तन की अगली प्रक्रिया ‘ट्रांस-लैग्रेजियन पॉइंट 1 इंसर्शन’ (TL1I), 19 सितंबर को देर रात लगभग 2 बजे निर्धारित है।’

पहले तीन बार हो चुका है अर्थ-बाउंड फायर

आदित्य एल1 की वर्तमान कक्षा 256 किलोमीटर x 121973 किलोमीटर है। इससे पहले, इसरो ने 10 सितंबर को रात करीब 2.30 बजे तीसरी बार आदित्य L1 स्पेसक्रॉफ्ट की ऑर्बिट बढ़ाई थी। तब इसे पृथ्वी से 296 किमी x 71,767 किमी की कक्षा में भेजा गया था। उससे पहले, तीन सितंबर को आदित्य एल1 ने पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी। इसरो ने सुबह करीब 11.45 बजे बताया था कि आदित्य एल-1 की अर्थ बाउंड फायर किया था, जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने कक्षा बदली। वहीं, इसरो ने दूसरी बार पांच सितंबर को अपनी कक्षा बदली थी। इसरो ने ट्वीट कर इसकी भी जानकारी दी थी। इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताएगा। इस दौरान पांच बार आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायर किया जाएगा। 

फिर शुरू होगी 110 दिन की प्रक्षेप पथ यात्रा

पृथ्वी के चारों ओर आदित्य एल1 की 16 दिन की यात्रा के दौरान यह प्रक्रिया की जा रही है, जिसके दौरान आदित्य-एल1 अपनी आगे की यात्रा के लिए जरूरी स्पीड को हासिल कर लेगा। पृथ्वी से जुड़े कक्षा परिवर्तन की 4 प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आदित्य एल 1 अगले ट्रांस-लैग्रेंजियन1 सम्मिलन की कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया से गुजरेगा, जो एल1 लैग्रेंज बिंदु के आसपास गंतव्य के लिए अपने लगभग 110-दिवसीय प्रक्षेप पथ की शुरुआत करेगा। बता दें कि एल1 पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण स्थान है।

आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए बनाया गया है। एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। जहां से वह सूर्य के रहस्यों को समझने की कोशिश करेगा।

पहले डेंगू-मलेरिया से की सनातन धर्म की तुलना, अब हिंदी भाषा को लेकर जताया एतराज

#udhayanidhistalinremarksonhindi

तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके के नेता उदयनिधि स्टालिन ने पहले सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही अब हिंदी भाषा को लेकर हमलावर है। दरअसल, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है।

सनातन को मिटाने की बात करने वाले उदयनिधि स्टालिन अब वह हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह के 'हिंदी प्रेम' पर सवाल उठा रहे हैं। इस बार हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक संदेश जारी कर कहा कि हिंदी ने न कभी दूसरी भारतीय भाषाओं के साथ प्रतिस्पर्धा की है और न ही करेगी। कोई देश तभी मजबूत होकर उभर सकता है जब उसकी सभी भाषाएं मजबूत हों। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी।

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया,' हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम 'हिंदी' है। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजतक देश को एकसूत्र में बांधने में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आइए, ‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर राजभाषा हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने का संकल्प लें।'

हिंदी भाषा को लेकर शाह पर साधा निशाना

हालांकि, उदयनिधि स्टालिन को अमित शाह की ये बात रास नहीं आई और उन्होंने पलटवार किया। अमित शाह की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तमिल में लिखा, ''केंद्रीय मंत्री ने ये टिप्पणी करके हमेशा की तरह हिंदी के प्रति अपना प्रेम दिखाया है कि हिंदी ही लोगों को एकजुट करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत बनाती है। ये नजरिए हिंदी के प्रति मचे शोर का ही बदला हुआ रूप है।डीएमके नेता ने आगे सवाल किया कि तमिलनाडु में ये तमिल है और पड़ोसी राज्य केरल की भाषा मलयालम है। हिंदी कैसे इन दो राज्यों को जोड़ रही है? कैसे ये सशक्त बना रही है? उन्होंने स्टापहिंदीइम्पोजिशन हैशटैग लगाते हुए लिखा अमित शाह को गैर-हिंदी भाषाओं को प्रांतीय भाषा कहकर उनका अपमान करना बंद करना चाहिए।

डेंगू-मलेरिया से की थी सनातन धर्म की तुलना

इससे पहले उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म को जड़ से मिटाने का आह्वान किया। डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में सनातन की तुलना बीमारियों से करते हुए कहा 'हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए। हमें इसका उन्मूलन करना चाहिए। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। हमें इसका विरोध नहीं करना है, बल्कि इसका उन्मूलन करना है।' बयान पर विवाद बढ़ा लेकिन उदयनिधि उस पर कायम रहे।

*मुंबई हवाई अड्डे के रनवे से फिसला चार्टर्ड प्लेन, खराब मौसम के कारण हादसा, सभी यात्री सुरक्षित

#mumbai_charter_plane_crashes_at_mumbai_airport

मुंबई एयरपोर्ट पर गुरुवार को हादसा हो गया। एक प्राइवेट एयरक्राफ्ट रनवे पर फिसल गया। ये हादसा लैंडिंग के वक्त हुआ।विमान में आठ लोग सवार थे। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।बीएमसी के मुताबिक, चार्टर्ड विमान में सवार लोगों में से तीन को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बताया कि विशाखापत्तनम से मुंबई आया वीएसआर वेंचर्स लियरजेट 45 विमान वीटी-डीबीएल विमान मुंबई हवाई अड्डे के रनवे 27 पर उतरते समय फिसल (वेर ऑफ) गया। विमान में छह यात्री और दो चालक दल के सदस्य सवार थे। भारी बारिश के साथ दृश्यता 700 मीटर थी। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

यह हादसा एयरपोर्ट के रनवे 27 पर हुआ। इस विमान के रनवे से फिसलने के बाद दो टुकड़े हो गए और इसमें आग भी लग गई थी। जिस पर तुरंत काबू पा लिया गया।ये प्राइवेट चार्टर्ड विमान कनाडा स्थित बॉम्बार्डियर एविएशन के एक डिवीजन की ओर से निर्मित नौ सीटों वाला सुपर-लाइट बिजनेस जेट है

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सोशल मीडिया पर शेयर किया चीन का असली नक्शा, ड्रैगन को दिखाई औकात

#former_army_chief_manoj_narvane_shares_china_map

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर दावा पेश करते हुए चीन ने 28 अगस्त को नक्शा पेश किया था, जिस पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इस नए नक्शे में चीन ने ताइवान को भी अपना हिस्सा बताया था। अब पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सोशल मीडिया पर एक नक्शा शेयर किया है। नरवणे ने इस नक्शे को चीन का असली नक्शा बताया है। इस नक्शे के जरिए चीन द्वारा कब्जाए इलाकों को भी दिखाया है।

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने चीन का नक्शा शेयर करते हुए कहा कि चीन का असली नक्शा मिल गया। पूर्व सेना प्रमुख ने चीन के जिस नक्शे को शेयर किया है उस नक्शे में ताइवान,हांगकांग, तिब्बत,यूनान जैसे अन्य चीन की सीमा से लगे हुए देशों पर चीन के कब्जे के तौर पर दिखाया गया। पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने चीन का नक्शा शेयर करते हुए लिखा 'आखिरकार किसी को चीन का असली नक्शा मिल गया।'

नक्शे में हांगकांग (CoHK), तिब्बत (CoT), दक्षिण मंगोलिया (CoSM) और यूनान (CoT), पूर्वी तुर्कमेनिस्तान (CoET) और मनचुरिया (CoM) देशों को चीन के कब्जे वाले देशों के तौर पर दिखाया गया है. Co का मतलब चाइना ऑक्यूपाइड है. वहीं, ताइवान को रिपब्लिक ऑफ चाइना ताइवान के तौर पर पेश किया गया। चीन हमेशा से इन सभी देशों पर अपना दावा करता रहा है। वहीं, भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर भी उसने दावा पेश किया है।

बता दें कि चीन के नए नक्शे को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। चीन ने 28 अगस्त को देश का नया नक्शा जारी किया था। तब काफी विवाद मचा था। तब ताइवान, अक्साईचिन और भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने की करतूत चीन ने की थी। तब भारत ने कड़ा विरोध कार चीन को आईना दिखाया था।

भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी का बड़ा बयान, कहा- राष्ट्रपति बना तो 75 प्रतिशत सरकारी कर्मचरियों को हटा दूंगा, बंद होगा एफबीआई

#vivek_ramaswamy_says_he_would_fire_75_per_cent_of_federal_workforce_if_elected 

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का दावा ठोंक रहे भारतीय मूल के अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। विवेक रामास्वामी के बयान ने अमेरिका चुनावी महौल को गरम कर दिया है। रामास्‍वामी ने कहा है कि अगर वह 2024 का चुनाव जीत जाते हैं तो संघीय सरकार के 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हटा देंगे और एफबीआई जैसी कई प्रमुख एजेंसियों को बंद कर देंगे।

अमेरिकी समाचार वेबसाइट एक्सियोस के साथ एक साक्षात्कार में, रामास्वामी ने कहा कि 'हम पहले दिन से शुरुआत करेंगे और हम पहले साल के अंत तक 50 प्रतिशत कटौती करना चाहते हैं। रामास्वामी ने कहा, "ध्यान रहे कि इनमें से 30 प्रतिशत कर्मचारी अगले पांच साल की अवधि में सेवानिवृत्ति के पात्र हैं।" उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन यह उतना पागलपन नहीं है जितना लगता है।"

समाचार वेबसाइट ‘एक्सियोस’ को दिए साक्षात्कार में रामास्वामी ने कहा कि उनके निशाने पर शिक्षा विभाग, एफबीआई, आबकारी, तंबाकू, शस्त्र और विस्फोटक ब्यूरो, परमाणु नियामक आयोग, (आंतरिक राजस्व सेवा) आईआरएस और वाणिज्य विभाग होंगे। वेबसाइट के अनुसार रामास्वामी ने कहा है कि उनका लक्ष्य 4 साल में 22 लाख कर्मचारियों में से 75 फीसदी को हटाना है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार संघीय सरकार में लगभग 22 लाख 50 हजार लोग काम करते हैं। 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हटाने के परिणाम स्वरूप 16 लाख से अधिक लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, जिससे संघीय बजट में अरबों डॉलर की बचत होगी। हालांकि इससे सरकार के महत्वपूर्ण कामकाज भी रुक जाएंगे।