*इंश्योरेंस कंपनी की मांग को जिला उपभोक्ता आयोग ने किया खारिज, नॉमिनी को 20 लाख रुपए ब्याज सहित अदा करने के दिए आदेश*
संभल- दुर्घटना के मामले में एफआईआर व पोस्टमार्टम की आवश्यकता नहीं हैं और ना ही प्रत्येक मामले एफ आई आर व पोस्टमार्टम बीमा कम्पनी को माँगने चाहिए बीमा कम्पनी के अनावश्यक दस्तावेजों की मांग को जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने निरस्त करते हुए एस.बी.आई.लाइफ इन्शारेंस कम्पनी को आदेश दिया कि वह नॉमिनी को बीमा धनराशि 20 लाख व उस पर 7 प्रतिशत ब्याज सहित घनराशि अदा करें।
संभल तहसील के गांव भारतल सिरसी निवासनी सुखवीरी पत्नी महेंन्द्र सिंह के पुत्र हरवेंद्र सिंह ने 17 सितम्बर,2020 को एस बी आई लाइफ इन्शारेंस कम्पनी से एक पर्सनल एक्सीडेंट बीमा पॉलिसी खरीदी थी। 1जून 2021 को वादनी के पुत्र को बिजली ने पकड़ लिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी।वादनी ने नॉमिनी होने के कारण घटना की सूचना तुरंत थाना नखासा पुलिस व बीमा कम्पनी को दी तथा अंतिम संस्कार उपरान्त क्लेम दर्ज कराकर बीमा धनराशि रुपए 20 लाख देने का अनुरोध किया जिस पर बीमा कम्पनी ने वादनी से एफ आई आर व पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की मांग की और पोस्टमोर्टम रिपोर्ट ना होने के कारण बीमा कम्पनी ने वादनी के बीमा दावे की निरस्त कर दिया।
जिस पर वादनी ने उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय व पारस वार्ष्णेय एडवोकेट के माध्यम के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल मे परिवाद योजित किया।जिसमें बीमा कम्पनी ने जिला उपभोक्ता आयोग को अवगत कराया कि बीमा धारक की दुर्घटनावश मृत्यु को साबित करने का दायित्व वादनी का है नॉमिनी ने एफ आई आर व पोस्ट मोर्टम रिपोर्ट दाखिल नहीं की इसलिये मामला दुर्घटना का नहीं है लेकिन जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने बीमा कम्पनी के तर्कों को नहीं माना और कहा कि प्रश्नगत मामला आपराधिक प्रकृति का नहीं है। इसलिये एफआईआर व पोस्ट मोर्टम रिपोर्ट का कोई महत्व नहीं है और बीमा कम्पनी को आदेश दिया कि वह रुपए 20 लाख व उस पर वाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत ब्याज सहित धनराशि वादनी को अदा करें साथ ही 20 हजार रुपए क्षिति पूर्ति व 5 हजार वाद व्यय के भी अदा करें।
Sep 04 2023, 16:00