यूसीसी की ओर मोदी सरकार ने बढ़ाया एक और कदम, समान नागरिक संहिता पर चर्चा के लिए 'ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स' का गठन, किरेन रिजिजू करेंगे अगुवाई
#central_govt_formed_group_of_ministers_on_ucc
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद यूसीसी का मुद्दा एक बार फिर से गर्मा गया है। देशभर में इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई है। तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर अपने-अपने तर्क देकर सवाल उठा रहे हैं।इस बीच मोदी सरकार ने यूसीसी की ओर एक और कदम बढ़ाया है। समान नागरिक संहिता पर सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया है।
समान नागरिक संहिता पर वरिष्ठ मंत्रियों का एक अनौपचारिक जीओएम यानी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया गया है। इसमें किरेन रिजिजू, स्मृति ईरानी, जी किशन रेड्डी और अर्जुन राम मेघवाल को शामिल किया गया है। इस अनौपचारिक जीओएम की कमान रिजिजू को दी गई है। बुधवार को इन मंत्रियों की बैठक हुई।
मंत्रियों को मिली अलग-अलग जिम्मेदारी
ये मंत्री समान नागरिक संहिता से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। जैसे आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर किरेन रिजिजू, महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर स्मृति ईरानी, पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मुद्दों पर जी किशन रेड्डी और कानूनी पहलुओं पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विचार करेंगे।इन मंत्रियों की पूर्वोत्तर के कुछ मुख्यमंत्रियों से भी इस बारे में चर्चा हुई है।
पीएम मोदी ने की ती यूसीसी की वकालत
समान नागरिक संहिता की दिशा में यह केंद्र सरकार की ओर से पहला गंभीर कदम है। पीएम मोदी ने भोपाल में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं से अपने संवाद में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उन्हें भड़काकर उनका फायदा लेने के लिए उनको बर्बाद कर रहे हैं।
क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता यानी एक देश और एक कानून। जिस देश में भी समान नागरिक संहिता लागू होती है, उस देश में विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, संपत्ति के बंटवारे से लेकर अन्य सभी विषयों को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं, वो सभी धर्म के नागरिकों को समान रूप से मानने होते हैं। फिलहाल भारत में कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय हैं। ऐसे में अगर समान नागरिक संहिता को भविष्य में लागू किया जाता है तो देश में सभी धर्मों के लिए वही कानून लागू होगा जिसे भारतीय संसद द्वारा तय किया जाएगा।
Jul 06 2023, 14:25