मिशन 2024 की तैयारी में जुटी बीजेपी में बड़ा फेरबदल, कई राज्यों के अध्यक्ष बदले, जानिए किसे मिली कहां की जिम्मेदारी

#bjp_mission_2024_appoints_new_chief

Image 2Image 3Image 4Image 5

अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।इससे पहले बीजेपी ने राज्य इकाई में बड़ा बदलाव किया है। बीजेपी ने चार राज्यों में अपने अध्यक्ष बदले हैं। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को झारखंड और सुनील जाखड़ को पंजाब में पार्टी की कमान दी गई है।

बीजेपी ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के मकसद से चार राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में वहां संगठनात्मक फेरबदल की अटकलें पहले से लगाई जा रही थी।ऐसे में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना में कमान सौंपी है। वहीं आंध्र प्रदेश में मौजूदा अध्यक्ष सोमू वीरराजू की जगह अब पुरंदेश्वरी यह जिम्मा संभालेंगी। इसके अलावा राजेंद्र एटीला को तेलंगाना बीजेपी में चुनाव प्रबंधन संमिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

इससे पहले 28 जून को देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक की थी। इस बैठक से भी पहले अमित शाह ने नड्डा, बीएल संतोष और आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी अरुण कुमार के साथ कम से कम पांच मैराथन बैठक की थी। प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में इन बदलावों पर चर्चा हुई थी और पीएम ने बदलावों पर अपनी मुहर लगाई थी।

पबजी पार्टनर के प्यार के लिए तीन देशों की सीमाएं लांघकर चार बच्चों संग पाकिस्तान से ग्रेटर नोएडा पहुंची थी, साड़ी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनकर रहत


Image 2Image 3Image 4Image 5

पबजी पार्टनर के प्यार के लिए पत्नी धर्म की मर्यादा और तीन देशों की सीमाएं लांघकर चार बच्चों संग पाकिस्तान से ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा पहुंची पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गई। यूपी एटीएस ने सोमवार को महिला को चार बच्चों और उसके कथित प्रेमी सचिन के साथ मथुरा के यमुनापार के पानी गांव से पकड़ा है। एटीएस और आईबी समेत तमाम जांच एजेंसियां पाकिस्तानी महिला और उसके भारतीय प्रेमी को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ कर रही हैं। सीमा और सचिन की ऑनलाइन पहचान साल 2020 में हुई थी। वह डेढ़ माह से रबूपुरा में अपनी असल पहचान छुपाकर हिंदू महिलाओं की तरह साड़ी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनकर रह रही थी।

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता लगाया जा रहा है कि क्या यह महिला प्रेम प्रसंग के चलते प्रेमी से मिलने भारत आई है या इसका मकसद जासूसी करना था। अभी इस बारे में कुछ पुख्ता जानकारी हाथ नहीं लगी है। महिला के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि भारत में रहने के दौरान महिला ने किससे संपर्क किया। उसके मोबाइल से कुछ राज खुलने की संभावना है।

साड़ी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनकर रहती थी सीमा

पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर रबूपुरा कस्बे के अंबेडकर मोहल्ले के रहने वाले सचिन के साथ किराये के मकान में रह रही थी। पड़ोसियों ने बताया कि सीमा यहां हिंदू महिलाओं की तरह रही थी, उसका पहनावा भी हिंदू महिलाओं की तरह था। वह साड़ी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनकर रहती थी, जिससे कि उसकी पहचान उजागर ना हो सके। हालांकि, हिंदू रीति-रिवाज में रहते हुए उसने गुपचुप तरीके से ईद का त्योहार भी मनाया था, लेकिन जब यह मामला तूल पकड़ा तो लोगों को महिला के बारे में पता चला।

पुलिस के आने से पहले घर से भागे सचिन और सीमा

 रबूपुरा कस्बे के अंबेडकर मोहल्ले में किराये पर कमरा लेकर सचिन ने पाकिस्तानी महिला सीमा को अपने साथ रखा था, जबकि सचिन का घर भी इसी मोहल्ले में है, लेकिन सीमा को उसने अपने घर पर नहीं रखा। परिजनों के डर की वजह से सचिन सीमा को अपने मोहल्ले में किराये के मकान लेकर रह रहा था। एक जुलाई को अचानक सचिन और सीमा को भनक लग गई कि उनके बारे में पुलिस को कुछ पता चल गया है। इसी बीच आनन-फानन में सचिन और सीमा घर से भाग निकले। सचिन ने मकान मालिक से झूठ बोला कि वह एक हफ्ते के लिए बाहर जा रहे हैं। जैसे ही वह घर से निकले कुछ देर बाद पुलिस मकान मालिक गिरिजेश के घर पहुंच गई और सचिन और सीमा के बारे में पूछताछ करने लगी। इसके बाद पुलिस ने काफी मशक्कत और तलाश के बाद सचिन और सीमा को हिरासत में ले लिया। वहीं, परिजनों ने सचिन से पल्ला झाड़ लिया है। परिजनों का कहना है कि वह काफी दिन से उनके पास नहीं आया।

दुबई में काम करता है सीमा का पति

पुलिस की शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि सीमा हैदर पाकिस्तान के कराची की रहने वाली है। महिला का पति गुलाम रजा दुबई में काम करता है। भारत आने से पहले महिला, पाकिस्तान से अपने बेटे फरहान, फरवा, फराह, फरीहा को लेकर दुबई पहुंची। बच्चों की उम्र चार से सात वर्ष के बीच है। इसके बाद टूरिस्ट वीजा पर 11 मई को हवाई जहाज से नेपाल आई और यहां से बस के रास्ते दिल्ली से यमुना एस्सप्रेसवे होते हुए 13 मई को रबूपुरा के पास फलैदा कट पर पहुंची थी, जहां सचिन उसका इंतजार कर रहा था।

ऑनलाइन गेम पबजी से संपर्क में आई 

 ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर, उसके बच्चे और कथित प्रेमी से पूछताछ की जा रही है।

 एडीसीपी ने बताया कि ऑनलाइन गेम पब्जी के जरिए पाकिस्तानी महिला रबूपुरा के रहने वाले सचिन के सम्पर्क में आई थी। पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है कि महिला नेपाल के जरिये अपने चार बच्चों को लेकर रबूपुरा सचिन के पास रहने के लिए आई थी। वह 13 मई को नेपाल के रास्ते बस से दिल्ली पहुंची और यहां से यमुना एक्सप्रेसवे पर रबूपुरा एरिया के गांव फलैदा कट पर उतरी थी। यहां से सचिन उन्हें लेकर रबूपुर स्थित अंबेडकर नगर मोहल्ले में किराये के मकान पर पहुंचा और यहां करीब 50 दिनों तक दोनों पति-पत्नी बनकर रहे।

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो केस के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नाबालिग महिला पहलवान और उसके पिता को नोटिस किया जारी, एक अगस्त


Image 2Image 3Image 4Image 5

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो केस के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नाबालिग महिला पहलवान और उसके पिता को नोटिस जारी किया है। अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा पॉक्सो केस में दायर किये गये कैंसिलेशन रिपोर्ट पर संज्ञान लिया और इसके बाद शिकायतकर्ता नाबालिग महिला पहलवान और उसके पिता से इस पर जवाब मांगा है। एडिशन सेशन जज छवि कपूर ने पीड़िता/याचिकर्ता को नोटिस जारी किया है। चैंबर में अदालत की कार्रवाई के दौरान सेशन जज ने उन्हें निर्देश दिया कि 1 अगस्त तक वो इसपर जवाब दें। जिसके बाद कोर्ट आगे की सुनवाई करेगी।

भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग महिला पहलवान ने शुरू में यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। बाद में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की थी और कहा था कि पॉक्सो एक्ट के तहत बृजभूषण पर दर्ज मामले में कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसी के साथ दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस को रद्द किये जाने की गुहार अदालत से लगाई थी। 

बृजभूषण शरण सिंह पर नाबालिग महिला पहलवान के अलावा 6 अन्य महिला पहलवानों ने भी यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस अपनी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इस मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के ही राउज एवेन्यू कोर्ट में जब सुनवाई हुई थी तब अदालत ने यौन आरोप से जुड़े केस को एमपी-एमएमलए कोर्ट में भेजा था। इससे पहले 15 जून को दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद के खिलाफ 1000 पन्नों से ज्यादा की चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा धारा 354, 354A, 354D लगाई थी।

एमपी-एमएलए कोर्ट के जज हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि चार्जशीट काफी बड़ी है इसलिए इसे पढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा। अदालत ने दिल्ली पुलिस से सीडीआर रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में 7 जुलाई को सुनवाई होगी। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद हंगामा मच गया था। चोटी के पहलवानों में शुमार बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई दिनों तक प्रदर्शन भी किया था।

इन सभी पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की थी। बाद में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के बीच बातचीत हुई थी। जिसके बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया था और बृजभूषण पर चार्जशीट दायर होने के बाद यह भी कहा था कि केंद्र सरकार ने अपना वादा पूरा किया इसलिए वो अपना प्रदर्शन स्थगित कर रहे हैं। इसी के साथ पहलवानों ने ऐलान किया था कि अब इस लड़ाई को सड़क पर नहीं बल्कि कोर्ट में लड़ेंगे।

ग्रेटर नोएडा में रह रही पाकिस्तानी महिला गिरफ्तार, नाम बदलकर रह रही थी

#pakistani_woman_comes_india_with_4_children_to_marry_with_lover

Image 2Image 3Image 4Image 5

इश्क को कहां शरहदें रोक पाईं हैं। मुहब्बत में हर बार जाति-बंधन, धर्म और मजहब के बंधन टूटे हैं। ऐसी ही एक दास्तां खुलासा हुआ है। जिसके शुरूआत गेम से हुई और फिर प्रेम हो गया। जिसके बाद शरहदों की सीमाएं लांघी गई। पाकिस्तान की एक 27 साल की महिला को पबजी खेलते-खेलते एक भारतीय से इश्क हो गया। इश्क ऐसा कि 4 बच्चों की मां ने अपने प्रेमी से मिलने के लिए घर तक बेच दिया और गैरकानूनी ढंग से भारत आ गई। लेकिन अब मामले का भंडा फूट गया है। पुलिस ने महिला, और उसके प्रेमी सचिन को गिरफ्तार कर लिया है। नोएडा पुलिस ने इस पूरे मामले में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सारी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि महिला कैसे हिंदुस्तान पहुंची और इसके परिवार में कौन कौन है। 

पबजी खेलते-खेलते प्यार

27 साल की सीमा हैदर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के खैरपुर की रहने वाली है। पति सऊदी अरब में कमाता है। दोनों के रिश्ते शुरुआत से ही कुछ खास अच्छे नहीं थे। घरेलू हिंसा सीमा की जिंदगी का हिस्सा बन गई। छोटी-छोटी बातों पर पति पिटाई करता था। इस बीच वह सऊदी अरब कमाने चला गया। सीमा के दावों पर यकीन करें तो 4 साल से वह अपने पति से मिली भी नहीं है। इसी बीच सीमा की जिंदगी में एंट्री हुई सचिन की। 22 साल का सचिन ग्रेटर नोएडा में एक ग्रोसरी स्टोर पर काम करता है। पबजी खेलते-खेलते दोनों में प्यार हो गया। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान दोनों की ऑनलाइन मुलाकात हुई। दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। 

दुबई से नेपाल होते हुए भारत में दाखिल हुई

इश्क परवान चढ़ा तो सीमा ने प्रेमी संग दुनिया बसाने का फैसला कर लिया। इसलिए उसने सचिन से मिलने और भारत आने की प्लानिंग की। मकान बेचकर पैसे का जुगाड़ किया। इसके लिए उसने 12 लाख रुपये में अपना घर बेच दिया। फिर फ्लाइट पकड़कर दुबई से नेपाल होते हुए भारत में दाखिल हुई। काठमांडू में लैंड करने के बाद वह बस से पोखरा गई। फिर वहां से वह भारत में दाखिल हुई। उसके पास भारत का वीजा नहीं था इसलिए लगातार बस बदलती रही ताकि किसी को कोई शक न हो। महिला के साथ 4 बच्चे होने की वजह से वैसे भी किसी को कोई शक होना मुश्किल था। आखिरकार वह यमुना एक्सप्रेसवे पर उतरी जहां सचिन उसका इंतजार कर रहा था। सचिन ने पहले ही रहने का इंतजाम कर लिया था। 

सचिन से शादी करने की फिराक में थी

सीमा के साथ रहने के लिए सचिन ने एक किराये का कमरा लिया। मकान मालिक को बताया कि हैदर उसकी पत्नी है। दोनों साथ में पति-पत्नी की तरह रहने लगे। महिला सचिन के साथ रबूपुरा के अंबेडकर नगर में पिछले 1 महीने से रहती थी। वह भारतीय नागरिकता पाने के लिए सचिन से शादी करने की फिराक में थी। इसी बीच पुलिस को इस बात की भनक लग गई। जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो महिला अपने 4 बच्चों, तीन बेटियों और एक बेटे को लेकर अपने प्रेमी सचिन के साथ फरार हो गई।अब अवैध रूप से ग्रेटर नोएडा में रह रही पाकिस्तानी महिला पुलिस की हिरासत में है।

पुलिस और गुप्तचर एजेंसी कर रही हैं पूछताछ

ग्रेटर नोएडा में अवैध रूप से रह रही पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और उसके चार बच्चों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया।ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त साद मिया खान ने कहा कि पाकिस्तानी महिला और स्थानीय व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। महिला के चार बच्चे भी पुलिस हिरासत में हैं। नोएडा पुलिस ने महिला और उसके बच्चों को हरियाणा के पलवल से पकड़ा।फिहलहाल महिला से नोएडा पुलिस और गुप्तचर एजेंसी गहनता से पूछताछ कर रही हैं।

SCO Summit:पीएम मोदी का शहबाज शरीफ की मौजूदगी में आतंकवाद पर प्रहार, सीमा पर तनाव को लेकर चीन को घेरा

#pm_modi_at_sco 

Image 2Image 3Image 4Image 5

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की बैठक की मेजबानी की। ये बैठक वर्चुअली आयोजित की गई। बैठक में रूस और चीन समेत एससीओ के सदस्य देश शामिल हुए।एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन को जमकर खरी-खोटी सुनाई। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आतंकियों को पनाह देने वाले देशों की आलोचना होनी चाहिए। यही नहीं, चीन को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशों को दूसरे देशों की संप्रभुता और सीमा का सम्मान करना चाहिए।

एससीओ समिट की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी हिस्सा लिया। ये सभी लोग वर्चुअली इस बैठक का हिस्सा बनें। पीएम मोदी ने कहा कि हम एससीओ को अपने पड़ोसियों के साथ आने के रूप में नहीं देखते हैं, बल्कि इसे एक परिवार के तौर पर देखा जाता है। सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण एससीओ के लिए हमारे दृष्टिकोण के स्तंभ हैं।

बिना नाम लिए चीन-पाकिस्तान को धोया

मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की मौजूदगी में खरी खोटी भी सुनाई। उन्होंने कहा, आतंकवाद क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है। आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ाई करनी होगी। कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।

अफगानिस्तान की जमीन अस्थिरता फैलाने में न की जाए प्रयोग 

प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। यह आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या उग्रवादी विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए। 

एससीओ में भारत के पांच नए स्तंभ का जिक्र

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि भारत ने एससीओ में सहयोग के लिए पांच नए स्तंभ बनाए हैं। ये पांच स्तंभ स्टार्टअप और इनोवेशन, पारंपरिक औषधि, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत है।पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में एससीओ पूरे यूरेशिया क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है। इस क्षेत्र के साथ भारत के हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध हमारी साझा विरासत का जीवंत प्रमाण हैं।

दिल्ली सेवा अध्यादेश के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-एलजी को नोटिस भेजा, दिल्ली बिजली नियामक आयोग के चेयरमैन के शपथग्रहण पर भी रोक

#sc_on_delhi_services_ordinance_issue_notice_to_centre_lg 

Image 2Image 3Image 4Image 5

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में लाए गए अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन के तौर पर रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार के शपथग्रहण पर भी 11 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति उमेश कुमार दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन फिलहाल शपथ नहीं लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ को 11 जुलाई तक टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार का या उपराज्‍यपाल का है। सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्‍यपाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होगी। एलजी ने केंद्र के सेवाओं को लेकर जारी नए अध्यादेश के तहत जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति की थी। इसे दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा

दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस नियुक्ति पर रोक लगाई जानी चाहिए। ये दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है। केंद्र अध्यादेश ला सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो कुछ भी करे। दिल्ली में चुनी हुई सरकार के तहत ये नियुक्ति आती है। दिल्ली सरकार की लोगों के प्रति जवाबदेह है।केंद्र सरकार अधिकारियों की नियुक्ति के लिए अध्यादेश ले आई और एलजी ने उसके तहत नियुक्ति कर दी, यह सही नहीं है, क्योंकि दिल्ली का प्रशासन दिल्ली सरकार को चलाना है। दिल्ली सरकार वोटरों के लिए जिम्मेदार है, लेकिन उसके पास कदम उठाने का अधिकार नहीं है।

दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को बताया असंवैधानिक

बता दें कि अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने दलील दी है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश असंवैधानिक हैं। सरकार की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार के आदेशों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और तबादलों और पोस्टिंग की संवैधानिकता की जांच के लिए कार्यवाही शुरू की है।

क्या है मामला ?

पहले दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग उप-राज्यपाल करते थे। इसके खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया। इस अध्यादेश के बाद सुप्रीम कोर्ट का आदेश निष्क्रिय हो गया। अरविंद केजरीवाल की सरकार इस अध्यादेश का विरोध कर रही है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही और ये अध्यादेश असंवैधानिक है।

अनिल के बाद टीना अंबानी पर भी ईडी का शिकंजा, फ़ेमा केस में पूछताछ जारी

#Ani_lAmbani

Image 2Image 3Image 4Image 5

रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से पूछताछ करने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय उनकी पत्नी टीना अंबानी से पूछताछ कर रही है। टीना अंबानी पूछताछ के लिए ईडी के मुंबई दफ्तर पहुंची हैं।यहां उनसे पूछताछ जारी है। कल फेमा मामले में अनिल अंबानी का बयान दर्ज किया गया था। ईडी द्वारा अनिल अंबानी से पूछताछ के अगले ही दिन टीना अंबानी मंगलवार को जांच एजेंसी के अधिकारियों के सामने पेश हुईं।

अनिल अंबानी से 9 घंटे तक हुई पूछताछ

इससे पहले अनिल अंबानी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज फेमा मामले में अपना बयान दर्ज कराया था।फेमा मामले में अनिल अंबानी सोमवार को अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हुए थे।ईडी ने सोमवार को अनिल अंबानी से 9 घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी अधिकारियों का कहना है कि रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पिछले साल 420 करोड़ की कर चोरी मामले में जारी हुई ती नोटिस

64-वर्षीय अनिल अंबानी इससे पहले भी 2020 में यस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए थे। पिछले साल अगस्त में इनकम टैक्स विभाग ने अनिल अंबानी को दो स्विस बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के अघोषित धन पर कथित तौर पर 420 करोड़ रुपये की कर चोरी के लिए काले धन विरोधी कानून के तहत नोटिस जारी किया था। लेकिन सितंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी को राहत देते हुए आयकर विभाग से उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा था।

रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के सितारे लंबे समय से गर्दिश में चल रहे हैं। उनके समूह की कई कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। कई को उन्हें बेचने पर मजबूर होना पड़ा है और अब ईडी के जांच की आंच भी उनकी परेशानियों को बढ़ाने वाली है।

”गुरु पूर्णिमा पर गीता की गूंज” अमेरिका के टेक्सास में 10 हजार लोगों ने एक साथ किया पाठ

#us_10000_people_gather_in_texas_to_recite_bhagavad_gita 

Image 2Image 3Image 4Image 5

संयुक्त राज्य अमेरिका में टेक्सास में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भगवद गीता का पाठ करने के लिए दस हजार लोग एक जगह एकत्रित हुए। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर टेक्सास के एलन ईस्ट सेंटर में 4 से 84 वर्ष की आयु के कुल 10000 लोग टेक्सास के एलन ईस्ट सेंटर में भगवद गीता का पाठ करने के लिए एकत्र हुए। यह कार्यक्रम योग संगीता और एसजीएस गीता फाउंडेशन द्वारा भगवद गीता पारायण यज्ञ के रूप में आयोजित किया गया था।

मैसूर के अवधूत दत्त पीठम आश्रम से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत पूज्य गणपति सचिदानंद जी की उपस्थिति में भगवद गीता का पाठ किया गया। अवधूत दत्त पीठम 1966 में श्री गणपति सचिदानंद जी स्वामीजी द्वारा स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कल्याण संगठन है। 

टेक्सास में भगवद गीता का जाप करने वाले सभी 10,000 लोग अपने गुरु गणपति सचिदानंद जी स्वामी से पिछले 8 सालों से जुड़े हैं। यह पहली बार नहीं है कि स्वामी ने अमेरिका में भगवद गीता के जाप का कार्यक्रम आयोजित किया है। स्वामी जी पिछले कुछ सालों से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं और अमेरिका में बड़े पैमाने पर हिंदू आध्यात्मिकता का प्रसार कर रहे हैं।

प्रफुल्ल पटेल का शरद पवार को लेकर बड़ा दावा, कहा-पार्टी संरक्षक को थी बीजेपी के साथ जाने के फ़ैसले की जानकारी

#praful_patel_reveals_all_the_deep_secrets

शरद पवार की पार्टी एनसीपी फिलहाल राजनीति के सबसे बड़े संकट से जूझ रही है। एनसीपी के बड़े नेता और सांसद प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार खेमे के साथ हैं, जिन्हें शरद पवार ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अजित पवार के शिव सेना (शिंदे गुट)-बीजेपी गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद शरद पवार ने नौ बाग़ी विधायकों को पार्टी से निकाल दिया। इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल और सांसद सुनील तटकरे को भी पार्टी से निकाला गया है। इस बीच एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया है कि पार्टी के 54 विधायकों में से 51 विधायक यह चाहते थे कि एनसीपी, बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाए।यही नहीं, उन्होंने ये भी दावा किया है कि बीजेपी के साथ जाने के फ़ैसले पर बीते साल विचार किया गया था और पार्टी संरक्षक पवार को इस क़दम का पता था।

Image 2Image 3Image 4Image 5

संगठन में कई बड़े मतभेदों के कारण लिया गया ये फैसला- पटेल

अंग्रेज़ी अख़बार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में पटेल ने कहा है कि बीजेपी के साथ जाने के फ़ैसले पर बीते साल विचार किया गया था और पार्टी संरक्षक पवार को इस क़दम का पता था। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से किसी प्रकार का व्यक्तिगत मतभेद होने को प्रफुल्ल पटेल ने ख़ारिज किया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि उनके संगठन में कई बड़े मतभेद थे जिसकी वजह से यह फ़ैसला लिया गया।

बीजेपी के साथ सरकार बनाने की कवायद 2022 के मध्य में शुरू हुई- पटेल

प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया है कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने की कवायद साल 2022 के मध्य में शुरू हुई थी। पटेल के मुताबिक न सिर्फ पार्टी के विधायक और नेता बल्कि जमीनी कार्यकर्ता भी यह चाहते थे कि एनसीपी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाए। कई विधायक फंड न मिलने की वजह से परेशान थे। विधायकों ने इस बाबत शरद पवार को पत्र लिखकर अपनी मंशा भी जाहिर की थी। लेकिन शरद पवार ने समय पर फैसला नहीं लिया और एकनाथ शिंदे ने मौके का फायदा उठा लिया और देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बना ली। 

शरद पवार फैसला नहीं ले पाए और शिंदे ने बाजी मार ली!

प्रफुल्ल पटेल ने स्पष्ट रूप से तो कुछ नहीं कहा लेकिन इशारों-इशारों में यह बता दिया कि अगर उस समय शरद पवार ने कार्यकर्ताओं की बात को मान लिया होता तो शायद एकनाथ शिंदे की जगह अजित पवार सीएम होते। लेकिन शरद पवार फैसला नहीं ले पाए और शिंदे ने बाजी मार ली।

पार्टी के हित में निर्णय लिया गया

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने जो भी निर्णय लिया वो पार्टी हित में लिया। जनता भी समझदार है वो वोट कैसे देगी, उनको हमपर विश्वास कैसे होगा। तो हम बता दें कि हम सारे एमएलए ने मिलकर बोला कि हमें सरकार के साथ जाना चाहिए। क्या पता पहले एकनाथ शिंदे की वजह से हम सरकार के साथ ना आए हों और अब क्या पता सबको लगा हो कि सरकार को और मजबूत बनाना चाहिए, इसलिए ये फैसला लिया हो।

ईडी-सीबीआई जांच की वजह से लिया गया ये फ़ैसला?

विपक्ष का आरोप है कि ईडी और सीबीआई जांच की वजह से ये फ़ैसला लिया गया है। इस सवाल पर पटेल ने कहा कि राजनीति में इस तरह की अफ़वाहें फैलाई जाती हैं और उनके ख़िलाफ़ एक भी केस नहीं है तो इसका सवाल ही नहीं उठता है। पटेल ने स्वीकार किया है कि उन्हें एक जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन ऐसा नहीं है कि इन परिस्थितियों में ये फ़ैसला लिया गया है।

पीएम मोदी की अगुवाई में एससीओ समिट आज, बैठक में शामिल होंगे रूस, चीन और पाकिस्तान

#sco_virtual_summit_today_pm_modi_will_host

Image 2Image 3Image 4Image 5

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन यानी एससीओ समिट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ से एक साथ मुख़ातिब होंगे।भारत की अध्यक्षता में आज एससीओ समिट होने जा रही है। भारत ने इसे वर्चुअली कराने का फ़ैसला किया है।पहले माना जा रहा था कि इस सम्मेलन का आयोजन आमने-सामने होगा, फिर मई आखिर में ये फैसला लिया गया कि ये वर्चुअली ही होगा।

माना जा रहा है कि आज की बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति, कारोबार और आपसी संपर्क बढ़ाने के उपायों पर बैठक में चर्चा हो सकता है। जबकि यूरेशियन समूह के नए स्थायी सदस्य के रूप में ईरान का स्वागत किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में होने वाली एससीओ की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल होंगे। 

इन मुद्दों पर चर्चा संभव

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब पिछले महीने रूस में वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और यह प्राइवेट सेना मॉस्को की ओर बढ़ने लगी थी. हालांकि उसका विद्रोह ज्यादा लंबा नहीं रहा और सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया। वहीं, घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग, संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर चर्चा होने की उम्मीद है।

क्यों हुई थी एससीओ की स्थापना?

एससीओ की स्थापना साल 2001 में शंघाई में हुई थी। एक शिखर सम्मेलन में चीन, रूस, किर्गिज़ गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने इसकी स्थापना इस मकसद से की थी कि पूर्वी एशिया से हिंद महासागर तक पश्चिमी देशों का मुकाबला किया जा सके। हालांकि भारत इसका सदस्य साल 2017 में बना था, इससे पहले वह 2005 में ऑब्जर्वर की भूमिका में था। 

भारत 2017 में इसका पूर्णकालिक सदस्य बना

बता दें कि एससीओ में आठ सदस्य हैं, जिसमें भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कज़ाख़्स्तान और उज़्बेकिस्तान हैं। इसमें भारत साल 2005 में शामिल हुआ था। तब उसकी भूमिका ऑब्जर्वर की थी। इसके बाद साल 2017 में वह इसका पूर्णकालिक सदस्य बन गया।