मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर उग्र भीड़ ने लगा दी आग, पेट्रोल बम लेकर आए थे लोग

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मणिपुर में हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमले की खबर है जिसकी पुष्टि मणिपुर सरकार ने भी की है। बताया जा रहा है कि गुरुवार देर रात इंफाल के कोंगबा में आरके रंजन सिंह के आवास में भीड़ ने आग लगा दी। इस संबंध में न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी है।

कितना पहुंचा नुकसान

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा कि मैं इस समय आधिकारिक काम से केरल में हूं। शुक्र है कि मेरे आवास में जो आग लगायी गयी है। उसमें कोई हताहत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे। उन्होंने ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया।

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में शांति की अपील करते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा कि मेरे गृह राज्य में ये सब हो रहा है जिसे देखकर मैं दुखी हूं। मैं अब भी लोगों से शांति की अपील कर रहा हूं। इस तरह की हिंसा अमानवीय हैं।

खाली घरों में लगायी गयी आग

इधर जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में गुरुवार को भीड़ ने कम से कम दो खाली घरों में आग लगा दी जिससे इलाके में और तनाव फैल गया। सुरक्षा बलों ने इंफाल के न्यू चेकॉन में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े गये। आगजनी की इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन घरों में आग लगायी गयी, वे खाली थे। पिछले महीने राज्य में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद उन घरों के लोग वहां से पलायन कर गये थे। यह घटना ऐसे समय हुई जब सेना और असम राइफल्स के जवानों ने राज्य में हिंसा बढ़ने के बाद अपना अभियान तेज कर दिया है।

औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र में विवाद जारी, कोल्हापुर और अहमदनगर के बाद अब लातूर में बवाल, सियासी रस्साकशी भी शुरू

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महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोल्हापुर और अहमदनगर के बाद अब लातूर में बवाल छिड़ गया है। लातूर जिले के किल्लारी गांव में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर के साथ स्टेटस बना रखा था। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।वहीं दूसरी ओर, हिंदू वादी संगठनों औरंगजेब के स्टेटस के विरोध में मोर्चा निकाला और दुकानों को बंद करवा दिया।

बताया जा रहा है कि लातूर जिले के किल्लारी गांव में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर के साथ स्टेटस बना रखा था। शख्स द्वारा स्टेटस पर औरंगजेब की तस्वीर लगाने की जैसे ही खबर हिंदू संगठनों को मिली तो वह भड़क गए। हिंदू संगठनों ने इसे भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। साथ ही, इसके विरोध में उन्होंने गुरुवार 15 जून को एक मोर्चा निकाला और दुकानों को बंद करवा दिया था।हालांकि, पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए औरंगजेब की तस्वीर स्टेटस पर लगाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने हिंदू संगठनों से बातचीत कर बवाल को बढ़ने से रोका।

कोल्हापुर और अहमदनगर मे हो चुका है बवाल

इससे पहले कोल्हापुर और अहमदनगर में औरंगजेब और टीपू सुल्तान की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर काफी बवाल हुआ था। बता दें कि महाराष्ट्र के तत्कालीन शाही शहर कोल्हापुर में मुगल बादशाह औरंगजेब और मैसूर के राजा टीपू सुल्तान की प्रशंसा को लेकर बीते 7 जून को विरोध प्रदर्शन और कुछ हिंदू संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान भीड़ ने सुरक्षा बलों पर हमला और पथराव भी किया।इस मामले में कोल्हापुर और अहमदनगर में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इन मामलों में अब तक 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की चीजों से सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित होता है। इससे बचने के लिए ये गिरफ्तारियां की गई हैं।

फडनवीस ने कहा-अचानक पैदा हुईं औरंगजेब की औलादें

औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर हो रहे बवाल के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। फडनवीस ने कहा है कि, महाराष्ट्र में अचानक औरंगजेब की औलादें पैदा हुई हैं। इसके कारण एक दुर्भावना समाज में पैदा हो रही है। जिसके चलते तनाव भी बन रहा है। सवाल ये है कि औरंगजेब की औलादें कहां से पैदा हो रही हैं।

औरंगजेब की औलाद कहने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी

देवेंद्र फडणवीस के इस बयान पर एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, महाराष्ट्र के गृह मंत्री फडणवीस बोले कि ये औरंगजेब की औलाद। अच्छा... आपको पूरा मालूम, कौन किसकी औलाद है, ये आपको मालूम है। मुझे नहीं पता था कि इतने एक्सपर्ट हैं आप। फिर ये गोडसे की औलाद कौन है, बोलें। ये आप्टे की औलाद कौन है।

सऊदी अरब में कैद एक भारतीय नागरिक के मामले में सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट ने फेसबुक को दी चेतावनी, नहीं चेते तो भारत में कर देंगे बंद

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को फेसबुक को चेतावनी दी कि हम भारत में आपको बंद करने का आदेश जारी करने पर विचार करेंगे। हाईकोर्ट ने यह चेतावनी सऊदी अरब में कैद एक भारतीय नागरिक के मामले में सुनवाई के दौरान दी। कोर्ट ने कहा कि फेसबुक कर्नाटक पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रही है।

जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। दक्षिण कन्नड़ जिले के बिकर्णकट्टे में रहने वाली कविता ने याचिका दायर की है। कोर्ट ने फेसबुक को आदेश दिया, "आवश्यक जानकारी के साथ पूरी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर अदालत में प्रस्तुत की जानी चाहिए।"

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को यह जानकारी देनी चाहिए कि फर्जी मामले में भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किए जाने पर क्या कार्रवाई की गई। मंगलुरु पुलिस भी इस मामले में पूरी जांच करे और रिपोर्ट पेश करे। इस मामले में अगली सुनवाई 22 जून को होगी।

गुजरात में तबाही मचाने के बाद आज राजस्थान पहुंच रहा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, 5 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट

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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अब राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। ये आज दोपहर तक राजस्थान से टकरा सकता है। इससे पहले कच्छ और आसपास के इलाकों में ये भारी तबाही मचा चुका है। मौसम विभाग ने राजस्थान में 16 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने राजस्थान में दस्तक दे दी है। तूफान ने बाड़मेर के रास्ते राजस्थान में एंट्री ली है। इसके आते ही बाड़मेर में हल्की बारिश शुरू हो गई है। स्थिति और भी बिगड़ सकती है। 5 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

राजस्थान में निचले इलाकों में लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। राजस्थान में भारी बारिश के कारण बाढ़ आने के आसार हैं। राजस्थान के बीकानेर, सिरोही, पाली में भी 16 जून की रात और 17 की सुबह में भारी बारिश हो सकती है। यहां भी एलर्ट जारी किया गया है। हालाँकि, इन क्षेत्रों में तेज हवाओं के चलने की बात सामने नहीं आ रही है। इसके साथ ही प्रदेश में इस तूफ़ान का असर नहीं दिखेगा। इस तूफ़ान का असर 17 जून को ज्यादा दिख सकता है। जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, नागौर में भारी बारिश की पूरी संभावना है। दक्षिण राजस्थान में बारिश के दौरान 50 से 60 किमी की रफ़्तार से हवाएं चल सकती है।

बिपरजॉय के कहर को देखते हुए जोधपुर में परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं।जोधपुर संभाग में जोधपुर यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों की 16 और 17 जून की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मार गिराए पांच आतंकी, सर्च ऑपरेशन जारी

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यहां कुपवाड़ा जिले में एक ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया है। यह सभी आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे।मुठभेड़ कुपवाड़ा में एलओसी के जुमागुंडा इलाके में हो रही है। खास इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों ने यहां सर्च ऑपरेशन शुरू किया था जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।कश्मीर के एडीजीपी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुपवाड़ा एनकाउंटर में 5 आतंकियों ढेर कर दिया गया है। बाकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है।

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जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के संयुक्त ऑपरेशन में इन आतंकियों को मार गिराया गया है।सुरक्षा बलों ने एक विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर उत्तरी कश्मीर जिले में नियंत्रण रेखा के पास जुमागुंड क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया, जो तड़के मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी। सुरक्षा एजेंसियों और आतंकियों के बीच इस मुठभेड़ में 5 पाकिस्तानी आतंकी मार गिराए।

मंगलवार को दो आतंकियों को मार गिराया

इससे पहले उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के मच्छिल सेक्टर में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की साजिश को नाकाम करते हुए ऑपरेशन डोगा नार के तहत मंगलवार को दो आतंकियों को मार गिराया। मारे गए दहशतगर्दों के पास से हथियार और गोला बारूद बरामद। सेना के अनुसार मारे गए आतंकवादियों की शिनाख्त और उनके संगठन का पता लगाया जा रहा है। दोनों के पाकिस्तानी होने का संदेह है।

मणिपुर में नहीं थम रहा बवाल, उपद्रवियों ने अब इंफाल में केंद्रीय मंत्री के घर में लगाई आग

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मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं। राज्य में रह रह कर हिंसा भड़क रही है। उपद्रवी आम लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी व राजनेताओं को भी निशाना बना रहे हैं। इसी क्रम में उपद्रवियों ने देर रात विदेश राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह के इंम्फाल स्थित घर पर पेट्रोल बम फेंका जिससे वहां आग लग गई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आग लगा दी थी।

मणिपुर सरकार की ओर से बताया गया कि भीड़ ने गुरुवार देर रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के कोंगबा स्थित आवास में आग लगा दी। गनीमत रही कि केंद्रीय मंत्री घटना के समय घर पर नहीं थे। बता दें कि घटना कोंगा नंदीबाम लेकाई इलाके में रात करीब 10 बजे हुई। दमकल कर्मी और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। घर और कुछ खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।

विदेश राज्य मंत्री ने की शांति की अपील

इस घटना के सामने आने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए विदेश राज्य मंत्री ने कहा, मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है उसे देखकर बहुत दुख होता है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा करने वाले पूरी तरह से अमानवीय हैं।

बुधवार को गई थी नौ लोगों की जान

इससे पहले बुधवार को ही खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उपद्रवियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे। इस दौरान तीन व्यक्ति लापता भी बताए जा रहे थे। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिला और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा हुआ है। इस बीच मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि बढ़ा दी गई। अब राज्य में ब्रॉडबैंड सहित इंटरनेट निलंबन को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।

राज्य में 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में इस वक्त हालात काफी तनावपूर्ण हैं। राज्य में 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है, जबकि इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। इतना ही नहीं लोगों को मूलभूत जरूरतों के लिए भी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। मणिपुर में एक महीने से ज्यादा समय से हिंसाग्रस्त मणिपुर में लगातार शांति की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही है। एक महीने पहले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

गुजरात में चक्रवात 'बिपरजॉय ने मचाई भारी तबाही, कई लोग घायल, अंधेरे में डूबे 950 गांव

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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात में दस्तक देने के बाद भारी तबाही मचाई। अरब सागर में 10 दिनों तक छाए रहने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ गुरूवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह से टकराया।जिसके प्रभाव से कच्छ और सौराष्ट्र तटों के आसपास तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। बिपरजॉय से गुजरात में कई लोग घायल हुए हैं, कई पेड़ जड़ से उखड़ गए और कई गांवों में बिजली के तार टूट गए। तूफान की इस तबाही के बाद अब राहत-बचाव का काम जारी है।

तेज रफ्तार हवाओं ने मचाई तबाही

गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर 15 जून की शाम को तूफान बिपरजॉय ने जोरदार दस्तक दी। इस दौरान हवा की रफ्तार 115 से 125 किमी प्रति घंटे की थी। कुछ जगहों पर रफ्तार और ज्यादा देखी गई। इस लैंडफॉल के बाद कई जगह बिजली के खंबे ही टूट गए। मोरबी जिले के मलिया तहसील के 45 गांवों में बिजली गायब हो गई है। बताया गया है कि ग्रामीण इलाकों में करीब 300 से ज्यादा बिजली के खंबे गिरे हैं। हालांकि पहले से हुई तैयारी के बाद कई गांवों की बिजली बहाल कर दी गई है। बाकी जगहों पर भी बिजली विभाग काम कर रहा है। 900 से ज्यादा गांवों में फिलहाल बिजली नहीं है। 

22 लोग घायल हुए, 23 पशुओं की मौत

तूफान के कारण 22 लोगों के घायल होने ही संभावना है। अभी तक किसी तरह के जान का नुकसान नहीं हुआ है। 23 पशुओं की मौत हो गई है और 524 पेड़ गिरने की जानकारी सामने आई है। राहत बचाव कार्य की टीमें पूरे इलाके में फैली हुई हैं। जहां भी नुकसान हो रहा है या किसी भी तरह अनहोनी की जानकारी होती है टीमें तुरंत वहां जाकर बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

चक्रवात की तीव्रता कम होने की उम्मीद

मौसम विभाग के अनुसार, बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय देर रात ढाई बजे नलिया से 30 किमी उत्तर में सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर केंद्रित था। आज इसके उत्तर-पूर्व में बढ़ने की संभावना है। वहीं, तूफान की थोड़ी धीमी गति हो सकती है। हालांकि, शाम तक राजस्थान की ओर बढ़ जाने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा चक्रवात अब समुद्र से जमीन की ओर बढ़ गया है और सौराष्ट्र-कच्छ की ओर केंद्रित है। चक्रवात की तीव्रता घटकर 105-115 किमी प्रति घंटा हो गई है। 16 जून यानी आज शाम को चक्रवाती तूफान अपना रास्ता बदलेगा।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का लैंडफाल शुरू, समंदर में उठ रही 5 मीटर ऊंची लहरें

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भीषण चक्रवात बिपरजॉय की गुजरात के तट पर लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह आधी रात तक जारी रहेगी। लैंडफॉल गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर देखने को मिला है। इस दौरान हवाएं 125-140 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है।भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि गुजरात के तट पर लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कच्छ, सौराष्ट्र में लैंडफॉल शुरू हो गया है। सौराष्ट्र, कच्छ में भारी बारिश हो रही है, आगे और तेज बारिश की संभावना है। 

गुजरात सरकार ने तटीय इलाकों के 10 किमी के दायरे से 74 हजार से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया है। इन्हें अस्थायी शिविरों में भेजा जा चुका है। गुजरात के 8 जिलों में सेना, एयरफोर्स, नेवी, कोस्टगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की तैनाती की गई है। वहीं अलग-अलग राज्यों में एनडीआरएफ की कुल 42 टीमों की तैनाती की गई है। इस चक्रवाती तूफान को लेकर पीएमओ भी अलर्ट मोड पर है और खुद पीएम नरेंद्र मोदी पल पल की जानकारी ले रहे हैं।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के तट से टकराने के बाद गुजरात के कई शहरों की बिजली काट दी गई है। वहीं समंदर में 5 मीटर ऊंची लहरें उठ रही हैं। बताया जा रहा है कि आधी रात यानी 12 बजे तक यह चक्रवाती तूफान एक्टिव रहेगा। चक्रवाती तूफान के लैंडफॉल होने के बाद से तेज बारिश और तेज हवाएं देखने को मिल रही है। चक्रवात के कारण द्वारका में टाटा केमिकल्स के पास सड़क पर एक शेड गिर गया। एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है।

कर्नाटक के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाई जाएगी आरएसएस संस्थापक की जीवनी, सिद्धारमैया सरकार के फैसले पर बीजेपी का पलटवार

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कर्नाटक में सरकार बदलने के साथ ही पुराने कानूनों को पलटने का काम भी शुरू हो गया है। कर्नाटक सरकार ने स्कूल की किताब से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से संबंधित पाठ हटा दिया है। इतना ही नहीं, दक्षिणपंथी चक्रवर्ती सुलिबेले और बन्नान्जे गोविंदाचार्य से जुड़ी सामग्रियां भी हटा दी गईं हैं। कर्नाटक मंत्रीमंडल ने आज हेडगेवार व अन्य आरएसएस के नेता से जुड़े पाठ को पाठ्यक्रम से हटाने के फैसले पर मुहर लगा दी।इसकी जानकारी कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान दी।

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हेडगेवार के चैप्टर को हटाया गया

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि राज्य में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और अन्य के चैप्टर को हटाने का फैसला किया है। उनके साथ ही मंत्री एचके पाटिल ने बताया है कि राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का फैसला किया है। साथ ही कैबिनेट बैठक में कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिनियम में संशोधन करने पर भी निर्णय लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य पुराने कानून को बहाल करना है। उन्होंने यह भी कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में पाठ्यपुस्तकों के पुनरीक्षण पर भी चर्चा हुई। कानून और संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा धर्मांतरण के कानून को रद्द करने के संबंध में प्रस्ताव तीन जुलाई से शुरू होने वाले सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। 

सभी स्कूलों को तत्काल एक सप्लीमेंट्री बुकलेट भेजा जाएगा

चूंकि इस साल की किताबें पहले से ही छप चुकी हैं, इसीलिए मंत्रीमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि सभी स्कूलों को तत्काल एक सप्लीमेंट्री बुकलेट भेजा जाएगा। जिसमें इस बात के दिशा-निर्देश होंगे कि कक्षा 6 से 10 तक की कन्नडा और सामाजिक ज्ञान की पुस्तक से कौन-कौन से चैप्टर हटाए जाने चाहिए।

कमेटी को दिए थे जांच के आदेश

बता दें कि इससे पहले सिद्दारमैया ने निर्देश दिया था कि बीजेपी के कार्यकाल में जोड़ी गई विवादित सामग्रियों की जांच के लिए एक 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए, और वो एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपे। इसके बाद कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी, जिस पर कर्नाटक सरकार ने फैसला लिया है।

बीजेपी ने कहा- सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ

केबी हेडगेवार वाला पाठ किताब से हटाए जाने पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने पलटवार में कहा है कि सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है।न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, ''वे (कांग्रेस) मुस्लिमों के वोट चाहते हैं।मूल रूप से सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। आपको हमेशा पता होना चाहिए। वह हिंदुओं के लिए नहीं है। निश्चित रूप से हमने अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जो कुछ भी किया है, वे उसके खिलाफ जा रहे हैं।

धर्मांतरण विरोधी कानून को कर्नाटक सरकार ने लिया वापस, गोहत्या निरोधक कानून के सख्त प्रावधानों को भी कांग्रेस सरकार के कमजोर कर देने की चर्चा जोर

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस ले लिया है। इस कानून को भाजपा की सरकार लेकर आई थी। चर्चा है कि इसके बाद गोहत्या निरोधक कानून के सख्त प्रावधानों को भी कांग्रेस सरकार कमजोर कर सकती है। आज हुई सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। मीटिंग में आरएसएस के संस्थापक रहे केशव बलिराम हेडगेवार को स्कूली किताबों के सिलेबस से हटा दिया है। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा, 'हेडगेवार पर स्कूल सिलेबस में जो दिया गया था, उसे हटाया गया है। पिछले सरकार ने बीते साल जो भी बदलाव किए थे, उन्हें वापस लिया गया है। अब वही पढ़ाई होगी, जो पहले होती थी।'

इसके अलावा कैबिनेट ने एक फैसला और लिया है कि सभी सरकारी, गैर-सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों एवं कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य़ होगा। कांग्रेस सरकार की ओर से धर्मांतरण विरोधी कानून को हटाने पर भाजपा ने हमला बोला है।

पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, 'ये लोग मुसलमानों के वोट चाहते हैं। सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। ये लोग तो हिजाब को फिर से लागू करा सकते हैं। ये लोग अल्पसंख्यकों को वोट हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और सब चीजों को राजनीति से जोड़ देते हैं।' चर्चा है कि कांग्रेस सरकार गोहत्या निरोधक कानून भी हटा सकती है। पिछले दिनों एक मंत्री ने यहां तक कहा था कि यदि भैंसों को काटा जा सकता है तो फिर गायों को क्यों नहीं।