जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मार गिराए पांच आतंकी, सर्च ऑपरेशन जारी

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यहां कुपवाड़ा जिले में एक ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया है। यह सभी आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे।मुठभेड़ कुपवाड़ा में एलओसी के जुमागुंडा इलाके में हो रही है। खास इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों ने यहां सर्च ऑपरेशन शुरू किया था जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।कश्मीर के एडीजीपी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुपवाड़ा एनकाउंटर में 5 आतंकियों ढेर कर दिया गया है। बाकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है।

जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के संयुक्त ऑपरेशन में इन आतंकियों को मार गिराया गया है।सुरक्षा बलों ने एक विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर उत्तरी कश्मीर जिले में नियंत्रण रेखा के पास जुमागुंड क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया, जो तड़के मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी। सुरक्षा एजेंसियों और आतंकियों के बीच इस मुठभेड़ में 5 पाकिस्तानी आतंकी मार गिराए।

मंगलवार को दो आतंकियों को मार गिराया

इससे पहले उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के मच्छिल सेक्टर में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की साजिश को नाकाम करते हुए ऑपरेशन डोगा नार के तहत मंगलवार को दो आतंकियों को मार गिराया। मारे गए दहशतगर्दों के पास से हथियार और गोला बारूद बरामद। सेना के अनुसार मारे गए आतंकवादियों की शिनाख्त और उनके संगठन का पता लगाया जा रहा है। दोनों के पाकिस्तानी होने का संदेह है।

मणिपुर में नहीं थम रहा बवाल, उपद्रवियों ने अब इंफाल में केंद्रीय मंत्री के घर में लगाई आग

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मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं। राज्य में रह रह कर हिंसा भड़क रही है। उपद्रवी आम लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी व राजनेताओं को भी निशाना बना रहे हैं। इसी क्रम में उपद्रवियों ने देर रात विदेश राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह के इंम्फाल स्थित घर पर पेट्रोल बम फेंका जिससे वहां आग लग गई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आग लगा दी थी।

मणिपुर सरकार की ओर से बताया गया कि भीड़ ने गुरुवार देर रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के कोंगबा स्थित आवास में आग लगा दी। गनीमत रही कि केंद्रीय मंत्री घटना के समय घर पर नहीं थे। बता दें कि घटना कोंगा नंदीबाम लेकाई इलाके में रात करीब 10 बजे हुई। दमकल कर्मी और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। घर और कुछ खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।

विदेश राज्य मंत्री ने की शांति की अपील

इस घटना के सामने आने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए विदेश राज्य मंत्री ने कहा, मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है उसे देखकर बहुत दुख होता है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा करने वाले पूरी तरह से अमानवीय हैं।

बुधवार को गई थी नौ लोगों की जान

इससे पहले बुधवार को ही खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उपद्रवियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे। इस दौरान तीन व्यक्ति लापता भी बताए जा रहे थे। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिला और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा हुआ है। इस बीच मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि बढ़ा दी गई। अब राज्य में ब्रॉडबैंड सहित इंटरनेट निलंबन को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।

राज्य में 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में इस वक्त हालात काफी तनावपूर्ण हैं। राज्य में 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है, जबकि इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। इतना ही नहीं लोगों को मूलभूत जरूरतों के लिए भी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। मणिपुर में एक महीने से ज्यादा समय से हिंसाग्रस्त मणिपुर में लगातार शांति की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही है। एक महीने पहले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

गुजरात में चक्रवात 'बिपरजॉय ने मचाई भारी तबाही, कई लोग घायल, अंधेरे में डूबे 950 गांव

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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात में दस्तक देने के बाद भारी तबाही मचाई। अरब सागर में 10 दिनों तक छाए रहने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ गुरूवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह से टकराया।जिसके प्रभाव से कच्छ और सौराष्ट्र तटों के आसपास तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। बिपरजॉय से गुजरात में कई लोग घायल हुए हैं, कई पेड़ जड़ से उखड़ गए और कई गांवों में बिजली के तार टूट गए। तूफान की इस तबाही के बाद अब राहत-बचाव का काम जारी है।

तेज रफ्तार हवाओं ने मचाई तबाही

गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर 15 जून की शाम को तूफान बिपरजॉय ने जोरदार दस्तक दी। इस दौरान हवा की रफ्तार 115 से 125 किमी प्रति घंटे की थी। कुछ जगहों पर रफ्तार और ज्यादा देखी गई। इस लैंडफॉल के बाद कई जगह बिजली के खंबे ही टूट गए। मोरबी जिले के मलिया तहसील के 45 गांवों में बिजली गायब हो गई है। बताया गया है कि ग्रामीण इलाकों में करीब 300 से ज्यादा बिजली के खंबे गिरे हैं। हालांकि पहले से हुई तैयारी के बाद कई गांवों की बिजली बहाल कर दी गई है। बाकी जगहों पर भी बिजली विभाग काम कर रहा है। 900 से ज्यादा गांवों में फिलहाल बिजली नहीं है। 

22 लोग घायल हुए, 23 पशुओं की मौत

तूफान के कारण 22 लोगों के घायल होने ही संभावना है। अभी तक किसी तरह के जान का नुकसान नहीं हुआ है। 23 पशुओं की मौत हो गई है और 524 पेड़ गिरने की जानकारी सामने आई है। राहत बचाव कार्य की टीमें पूरे इलाके में फैली हुई हैं। जहां भी नुकसान हो रहा है या किसी भी तरह अनहोनी की जानकारी होती है टीमें तुरंत वहां जाकर बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

चक्रवात की तीव्रता कम होने की उम्मीद

मौसम विभाग के अनुसार, बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय देर रात ढाई बजे नलिया से 30 किमी उत्तर में सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर केंद्रित था। आज इसके उत्तर-पूर्व में बढ़ने की संभावना है। वहीं, तूफान की थोड़ी धीमी गति हो सकती है। हालांकि, शाम तक राजस्थान की ओर बढ़ जाने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा चक्रवात अब समुद्र से जमीन की ओर बढ़ गया है और सौराष्ट्र-कच्छ की ओर केंद्रित है। चक्रवात की तीव्रता घटकर 105-115 किमी प्रति घंटा हो गई है। 16 जून यानी आज शाम को चक्रवाती तूफान अपना रास्ता बदलेगा।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का लैंडफाल शुरू, समंदर में उठ रही 5 मीटर ऊंची लहरें

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भीषण चक्रवात बिपरजॉय की गुजरात के तट पर लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह आधी रात तक जारी रहेगी। लैंडफॉल गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर देखने को मिला है। इस दौरान हवाएं 125-140 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है।भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि गुजरात के तट पर लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कच्छ, सौराष्ट्र में लैंडफॉल शुरू हो गया है। सौराष्ट्र, कच्छ में भारी बारिश हो रही है, आगे और तेज बारिश की संभावना है। 

गुजरात सरकार ने तटीय इलाकों के 10 किमी के दायरे से 74 हजार से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया है। इन्हें अस्थायी शिविरों में भेजा जा चुका है। गुजरात के 8 जिलों में सेना, एयरफोर्स, नेवी, कोस्टगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की तैनाती की गई है। वहीं अलग-अलग राज्यों में एनडीआरएफ की कुल 42 टीमों की तैनाती की गई है। इस चक्रवाती तूफान को लेकर पीएमओ भी अलर्ट मोड पर है और खुद पीएम नरेंद्र मोदी पल पल की जानकारी ले रहे हैं।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के तट से टकराने के बाद गुजरात के कई शहरों की बिजली काट दी गई है। वहीं समंदर में 5 मीटर ऊंची लहरें उठ रही हैं। बताया जा रहा है कि आधी रात यानी 12 बजे तक यह चक्रवाती तूफान एक्टिव रहेगा। चक्रवाती तूफान के लैंडफॉल होने के बाद से तेज बारिश और तेज हवाएं देखने को मिल रही है। चक्रवात के कारण द्वारका में टाटा केमिकल्स के पास सड़क पर एक शेड गिर गया। एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है।

कर्नाटक के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाई जाएगी आरएसएस संस्थापक की जीवनी, सिद्धारमैया सरकार के फैसले पर बीजेपी का पलटवार

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कर्नाटक में सरकार बदलने के साथ ही पुराने कानूनों को पलटने का काम भी शुरू हो गया है। कर्नाटक सरकार ने स्कूल की किताब से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से संबंधित पाठ हटा दिया है। इतना ही नहीं, दक्षिणपंथी चक्रवर्ती सुलिबेले और बन्नान्जे गोविंदाचार्य से जुड़ी सामग्रियां भी हटा दी गईं हैं। कर्नाटक मंत्रीमंडल ने आज हेडगेवार व अन्य आरएसएस के नेता से जुड़े पाठ को पाठ्यक्रम से हटाने के फैसले पर मुहर लगा दी।इसकी जानकारी कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान दी।

हेडगेवार के चैप्टर को हटाया गया

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि राज्य में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और अन्य के चैप्टर को हटाने का फैसला किया है। उनके साथ ही मंत्री एचके पाटिल ने बताया है कि राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का फैसला किया है। साथ ही कैबिनेट बैठक में कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिनियम में संशोधन करने पर भी निर्णय लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य पुराने कानून को बहाल करना है। उन्होंने यह भी कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में पाठ्यपुस्तकों के पुनरीक्षण पर भी चर्चा हुई। कानून और संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा धर्मांतरण के कानून को रद्द करने के संबंध में प्रस्ताव तीन जुलाई से शुरू होने वाले सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। 

सभी स्कूलों को तत्काल एक सप्लीमेंट्री बुकलेट भेजा जाएगा

चूंकि इस साल की किताबें पहले से ही छप चुकी हैं, इसीलिए मंत्रीमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि सभी स्कूलों को तत्काल एक सप्लीमेंट्री बुकलेट भेजा जाएगा। जिसमें इस बात के दिशा-निर्देश होंगे कि कक्षा 6 से 10 तक की कन्नडा और सामाजिक ज्ञान की पुस्तक से कौन-कौन से चैप्टर हटाए जाने चाहिए।

कमेटी को दिए थे जांच के आदेश

बता दें कि इससे पहले सिद्दारमैया ने निर्देश दिया था कि बीजेपी के कार्यकाल में जोड़ी गई विवादित सामग्रियों की जांच के लिए एक 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए, और वो एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपे। इसके बाद कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी, जिस पर कर्नाटक सरकार ने फैसला लिया है।

बीजेपी ने कहा- सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ

केबी हेडगेवार वाला पाठ किताब से हटाए जाने पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने पलटवार में कहा है कि सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है।न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, ''वे (कांग्रेस) मुस्लिमों के वोट चाहते हैं।मूल रूप से सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। आपको हमेशा पता होना चाहिए। वह हिंदुओं के लिए नहीं है। निश्चित रूप से हमने अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जो कुछ भी किया है, वे उसके खिलाफ जा रहे हैं।

धर्मांतरण विरोधी कानून को कर्नाटक सरकार ने लिया वापस, गोहत्या निरोधक कानून के सख्त प्रावधानों को भी कांग्रेस सरकार के कमजोर कर देने की चर्चा जोर

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस ले लिया है। इस कानून को भाजपा की सरकार लेकर आई थी। चर्चा है कि इसके बाद गोहत्या निरोधक कानून के सख्त प्रावधानों को भी कांग्रेस सरकार कमजोर कर सकती है। आज हुई सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। मीटिंग में आरएसएस के संस्थापक रहे केशव बलिराम हेडगेवार को स्कूली किताबों के सिलेबस से हटा दिया है। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा, 'हेडगेवार पर स्कूल सिलेबस में जो दिया गया था, उसे हटाया गया है। पिछले सरकार ने बीते साल जो भी बदलाव किए थे, उन्हें वापस लिया गया है। अब वही पढ़ाई होगी, जो पहले होती थी।'

इसके अलावा कैबिनेट ने एक फैसला और लिया है कि सभी सरकारी, गैर-सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों एवं कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य़ होगा। कांग्रेस सरकार की ओर से धर्मांतरण विरोधी कानून को हटाने पर भाजपा ने हमला बोला है।

पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, 'ये लोग मुसलमानों के वोट चाहते हैं। सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। ये लोग तो हिजाब को फिर से लागू करा सकते हैं। ये लोग अल्पसंख्यकों को वोट हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और सब चीजों को राजनीति से जोड़ देते हैं।' चर्चा है कि कांग्रेस सरकार गोहत्या निरोधक कानून भी हटा सकती है। पिछले दिनों एक मंत्री ने यहां तक कहा था कि यदि भैंसों को काटा जा सकता है तो फिर गायों को क्यों नहीं।

बेटी कात्यायनी का पासपोर्ट बनवाने पटना के मौर्यालोक स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस पहुंचे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, सभी जरूरी दस्तावेज क

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज बेटी कात्यायनी का पासपोर्ट बनवाने के लिए पटना के मौर्यालोक स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस पहुंचे। सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा किए। इससे पहले भी वो इसके लिए आशियाना रोड स्थित पासपोर्ट ऑफिस पहुंचे थे। जहां पासपोर्ट बनवाने संबंधी सभी प्रक्रिया पूरी की थी। इस दौरान उनके साथ पत्नी राजश्री और बेटी कात्यायनी भी मौजूद थीं। 

बेटी कात्यायनी का पासपोर्ट बनवा रहे तेजस्वी

 तेजस्वी ने बताया कि वो बेटी का पासपोर्ट बनवाने आए हैं। साथ ही बर्थ सर्टिफिकेट भी बनवाना है। वैसे आपको बता दें तेजस्वी यादव अपने परिवार को लेकर काफी एक्टिव रहते हैं। अपने परिवार की हर खुशी वो अक्सर सोशल मीडिया पर शेयर करते रहे हैं। और जब से उनके परिवार में बेटी कात्यायनी आई है। तब से वो उसके साथ काफी वक्त बिताते हैं। ऐसे में विदे जाने के लिए बेटी को पासपोर्ट की जरूरत पड़ी तो पापा तेजस्वी खुद ही पासपोर्ट ऑफिस पहुंच गए। और सारी प्रक्रियाओं को पूरा किया। 

लालू ने पोती का नाम रखा कात्यायनी

बता दें कि तेजस्वी यादव की पुत्री का जन्म इसी वर्ष चैत्र नवरात्र के दौरान हुआ था और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पोती का नाम कात्यायनी रखा है। लालू एंड फैमिली ने अपनी खुशी सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी। दिसंबर, 2021 में तेजस्वी और राजश्री की शादी हुई थी। यह शादी दिल्ली में अचानक की गई थी। दोनों एक-दूसरे को पहले से अच्छी तरह जानते थे।

चक्रवाती तूफान को लेकर राहत भरी खबर, गुजरात के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा बिपरजॉय पड़ा कमजोर, तूफान के लैंडफॉल में भी बदलाव की संभावना

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर राहत भरी खबर है। गुजरात के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा बिपरजॉय कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। पिछले कुछ घंटों में तूफान की तीव्रता कम हो गई है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राहत आयुक्त आलोक पांडे ने यह जानकारी दी। 

कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह 

उन्होंने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय की हवा की गति में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। इसके चलते तूफान के संभावित लैंडफॉल में भी बदलाव की संभावना है। अधिकारी ने बताया कि पहले के पूर्वानुमान के मुताबिक, तूफान कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के करीब शाम 4 बजे से शाम 5 बजे के बीच पहुंचने वाला था। लेकिन अब इसमें बदलाव की संभावना है क्योंकि हवा की गति कम पड़ी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक दिन पहले भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि लैंडफॉल के दौरान हवा की गति लगभग 140-145 किमी प्रति घंटा हो सकती हा।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, "मौसम विभाग के अनुसार तूफान की रफ्तार धीमी होने के कारण अब इसके गुरुवार रात करीब नौ बजे से रात 10 बजे के बीच तट से टकराने की संभावना है। संभावित चक्रवात के जमीन से टकराने पर हवा की गति 115-125 किमी प्रति घंटा होने की संभावना है। केवल तूफान की रफ्तार कम हुई है, लेकिन संकट अभी टला नहीं है, ऐसे में प्रशासन एहतियात के तौर पर पूरी तैयारी कर चौकसी बरत रहा है।"

सतर्क रहने पर जोर

तूफान की तीव्रता में कमी एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि अधिकारियों ने सतर्क रहने पर जोर दिया है क्योंकि संकट अभी पूरी तरह टला नहीं है। अधिकारी ने कहा कि राज्य प्रशासन उच्च स्तर की तैयारियों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। आईएमडी के मुताबिक, अगले 3 घंटों के दौरान गुजरात राज्य के द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, मोरबी, राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और कच्छ जिले में 40 किमी प्रति घंटे से कम की अधिकतम सतही हवा की गति के साथ मध्यम बारिश (5-15 मिमी/घंटा) की संभावना है।  

सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री पटेल ने चक्रवात बिपरजॉय द्वारा उत्पन्न संभावित जोखिमों के मद्देनजर सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है और सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को राज्य के निवासियों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। भारतीय सेना, नौसेना, स्टेट रिजर्व डिफेंस फोर्स (SRDF), नेशनल रिजर्व डिफेंस फोर्स (NRDF) और कोस्ट गार्ड के साथ राज्य सरकार ने चक्रवात के प्रभाव को कम करने और प्रभावित आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सामूहिक प्रयास शुरू किया है।

94,000 से अधिक लोगों को निकाला

गुजरात सरकार ने एक मीडिया बयान में कहा कि 8 प्रभावित जिलों के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। निकाले गए लोगों में कच्छ से 46,823, जूनागढ़ से 4,864, जामनगर से 9,942, पोरबंदर से 4379, देवभूमि द्वारका से 10,749, गिर सोमनाथ से 1605, मोरबी से 9243 और राजकोट से 6822 लोग शामिल हैं। इसके अलावा, 8930 बच्चे, 4697 बुजुर्ग और 1131 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुजरात वन विभाग द्वारा करीब 180 टीमें तैयार की गई हैं। इसके अलावा रिहायशी इलाकों में पशुशालाओं को खुला रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।

*गलवान हिंसा के तीन साल पूरे होने खड़गे का केन्द्र पर तंज, बोले-मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, उस पर लगा चीनी चश्मा*

#galwanclashmallikarjunkhargesaidduetofailuresofgovtstatus

चीनी सैनिकों के साथ साल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की झड़प के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बरकरार नहीं रखने का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागे। कांग्रेस ने पीएम मोदी के चीन को क्लीन चिट देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा झटका भी करार दिया। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाए सवाल 

गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "तीन साल पहले गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 वीर जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि, मोदी सरकार की नाकामियों के चलते एलएसी पर इन तीन सालों में पूर्व यथास्थिति अब नहीं है। हम 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर अपना अधिकार खो चुके हैं।"

मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा, हमने संसद में ये मुद्दा कई बार उठाने की कोशिश की है, पर मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है। गलवां पर पीएम मोदी की 'क्लीन चिट' की वजह से चीन अपने नापाक इरादों में सफल होता दिख रहा है। ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर गहरा आघात है। मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, जिस पर उसने चीनी चश्मा पहन रखा है। विपक्ष में रहकर हमारा काम है, देश को चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ एकजुट रखना और मोदी सरकार के चीनी चश्मे को उतार फेंकना।

राहुल गांधी ने शहीद जवानों को किया याद

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, गलवां घाटी के संघर्ष में शहीद हुए हमारे सभी वीर जवानों को उनके शहादत दिवस पर शत-शत नमन। देश की सीमा की रक्षा के लिए उनका दिया सर्वोच्च बलिदान भारत सदैव याद रखेगा।

प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के अलावा पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शहीद जवानों को याद किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर जवानों को नमन, हम वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेंगे और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।

जब भारत-चीन के जवान आमने-सामने आ गए थे

गलवान घाटी में तीन साल पहले भारत और चीन के जवान आमने-सामने आ गए। इस दौरान चीनी सैनिक कंटीली तारों वाले डंडों से लेस थे। जिनसे उन्होंने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। इस खूनी संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए।चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के दौरान हुई इस घटना में दोनों तरफ से जवानों में जमकर झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं कई चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई थी।

गलवान हिंसा के तीन साल पूरे होने खड़गे का केन्द्र पर तंज, बोले-मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, उस पर लगा चीनी चश्मा

#galwanclashmallikarjunkhargesaidduetofailuresofgovtstatus

चीनी सैनिकों के साथ साल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की झड़प के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बरकरार नहीं रखने का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागे। कांग्रेस ने पीएम मोदी के चीन को क्लीन चिट देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा झटका भी करार दिया। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाए सवाल 

गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "तीन साल पहले गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 वीर जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि, मोदी सरकार की नाकामियों के चलते एलएसी पर इन तीन सालों में पूर्व यथास्थिति अब नहीं है। हम 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर अपना अधिकार खो चुके हैं।"

मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा, हमने संसद में ये मुद्दा कई बार उठाने की कोशिश की है, पर मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है। गलवां पर पीएम मोदी की 'क्लीन चिट' की वजह से चीन अपने नापाक इरादों में सफल होता दिख रहा है। ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर गहरा आघात है। मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, जिस पर उसने चीनी चश्मा पहन रखा है। विपक्ष में रहकर हमारा काम है, देश को चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ एकजुट रखना और मोदी सरकार के चीनी चश्मे को उतार फेंकना।

राहुल गांधी ने शहीद जवानों को किया याद

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, गलवां घाटी के संघर्ष में शहीद हुए हमारे सभी वीर जवानों को उनके शहादत दिवस पर शत-शत नमन। देश की सीमा की रक्षा के लिए उनका दिया सर्वोच्च बलिदान भारत सदैव याद रखेगा।

प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के अलावा पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शहीद जवानों को याद किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर जवानों को नमन, हम वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेंगे और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।

जब भारत-चीन के जवान आमने-सामने आ गए थे

गलवान घाटी में तीन साल पहले भारत और चीन के जवान आमने-सामने आ गए। इस दौरान चीनी सैनिक कंटीली तारों वाले डंडों से लेस थे। जिनसे उन्होंने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। इस खूनी संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए।चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के दौरान हुई इस घटना में दोनों तरफ से जवानों में जमकर झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं कई चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई थी।