नई दिल्ली के जनकपुरी इलाके में एक अस्पताल में लगी भीषण आग, 20 नवजात बच्चों को सुरक्षित निकाला गया

पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में स्थित एक अस्पताल में शुक्रवार तड़के आग लग गई। इस घटना के बाद अस्पताल में तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और 20 नवजात शिशुओं को रेस्क्यू किया गया। ये अस्पताल वैशाली कॉलोनी में है। फिलहाल, सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें अन्य अस्पतालों में भेजा गया है।

दमकल विभाग के मुताबिक, उन्हें आग लगने की सूचना शुक्रवार देर रात 1.35 बजे मिली, जिसके बाद मौके पर 9 गाड़ियों को भेज गया। अस्पताल के बेसमेंट में रखे कुछ फर्नीचर में आग लग गई थी। रात 2.25 बजे आग पर काबू पा लिया गया। 20 नवजात शिशुओं को पास के अस्पतालों में भेजा गया है किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

संकरी गली होने से आई परेशानी

दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि गली संकरी होने के कारण आग बुझाने में परेशानी आई है। हम समय पर वहां पहुंच गए और आग बुझ गई। रेस्क्यू कर सभी बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया। कोई घायल नहीं हुआ। उनके पास फायर एनओसी नहीं थी, अस्पताल सिर्फ एक मंजिल का था। आगे की जांच की जाएगी।

जहांगीरपुरी और बदरपुर में भी लगी थी आग

4 दिन पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में झुग्गियों में भीषण आग लगी गई थी। वहीं, 28 मार्च को दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर इलाके में भीषण आग लगी थी। आग ने एक गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया था। आग इतनी भीषण थी कि इसमें दो मंजिला इमारत पूरी तरह से ढह गई. दमकल की 18 गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया है।

आग की लपटों से बिल्डिंग इतनी जर्जर हो गई कि वो गिरने लगी थी। इसकी भयावयता को देखते हुए फिलहाल मोलरबैंड इलाके की बिजली काट दी गई थी। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 18 गाड़ियां मौके पर जुटी हुई थीं। हालांकि आग किस वजह से लगी है, अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा आग में किसी तरह के जानमाल के नुकसान को लेकर भी कोई जानकारी नहीं है।

महज चार महीने बाद ही टूटने लगा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे का पुल, नूंह में महूं के निकट मुबई बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे के टूटते हिस्से की मरम्मत के लि

करीब एक लाख करोड़ की लागत से बना दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे हरियाणा के मेवात नूंह क्षेत्र में टूटने लगा है। गांव महूं के समीप बना हुआ एक्सप्रेस वे का पुल बुधवार को अचानक टूटकर नीचे गिरने लगा। जैसे ही लोगों ने पुल को टूटता देखा तो अफरा-तफरी मच गई।

लोगों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा महूं गांव के पुल में घटिया किस्म की सामग्री लगाई गई, जिसका परिणाम चार महीने के अंदर ही देखने को मिल गया।

ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदारों ने अपनी कमाई करने के लालच में घटिया सामग्री लगाकर केंद्र सरकार को चूना लगाने का काम किया है। टूटकर नीचे गिर रहे पुल से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए संबंधित कंपनी को तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

अधिकारियों ने साधी चुप्पी

मामले में जानकारी के लिए हाईवे के स्थानीय अधिकारियों को फोन किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध कर अपना पल्ला झाड़ लिया। अति संवेदनशील एक्सप्रेस-वे होने के कारण अधिकारी मरम्मत में तो जुट गए हैं।

प्रधानमंत्री ने 12 फरवरी को किया था उद्घाटन

महूं निवासी जुबेर सरपंच, खैरुद्दीन, शगीर, शहाबुद्दीन ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का बीती 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। आरोप है कि एक्सप्रेस वे को बनाने वाली कंपनी और ठेकेदारों ने अपनी जेब भरकर अधिक मुनाफा कमाने की एवज में महूं गांव के पुल में घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग किया, जो कि उद्घाटन के चार महीने बाद ही टूटने लगा।

भारत के पीएम मोदी अमेरिका अा रहे हैं, ऐसे में हमलोग भारतीयों के वीजा की समस्या के निदान के लिए क्या कर रहे हैं, अमेरिकी सांसदों ने उठाए सवाल

अमेरिका वीजा के लिए भारतीयों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब यह मुद्दा अमेरिका की संसद तक पहुंच गया है। अमेरिकी सांसदों ने भारतीय के लिए अमेरिका वीजा पाने में लगने वाले लंबे समय को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि भारत सबसे अहम सहयोगी है, ऐसे में जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। भारतीयों के लिए वीजा वेटिंग 600 दिन से भी ज्यादा लंबा है। 

अमेरिका की सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के चेयरमैन सीनेटर बॉब मेनेडेज और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष माइकल वाल्टज ने भारतीयों को अमेरिकी वीजा मिलने में होने वाली देरी पर सवाल उठाया। इस दौरान मेनेनडेज ने कहा कि 'अमेरिकी लोगों के भारतीयों के साथ अच्छे संबंध हैं। भारत अब क्वाड का हिस्सा है और हम लगातार भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहे हैं। इसके बावजूद भारत में अमेरिकी वीजा के लिए लगने वाला समय सबसे ज्यादा है। यह दुनियाभर में अमेरिकी वीजा के लिए लगने वाले औसत समय से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि बी1-बी2 वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों को 450-600 दिनों की वेटिंग मिलती है।' मेनेनडेज ने इस पर सवाल उठाए।

'21वीं सदी में भारत के साथ रिश्ते सबसे अहम'

अमेरिकी सीनेटर माइकल वाल्ट्ज ने कहा कि 21वीं सदी में अमेरिका के भारत के साथ आर्थिक, कूटनीतिक और रक्षा संबंध सबसे अहम हैं। इसके बावजूद भारतीयों को वीजा के लिए इतना लंबा इंतजार कराना तकलीफदेह है। उन्होंने कहा कि मुंबई में औसत वेटिंग पीरियड 587 दिन हैं जबकि दोनों देशों के बीच 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है। वाल्ट्ज ने कहा कि पीएम मोदी जल्द ही अमेरिका के दौरे पर आने वाले हैं, ऐसे में हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कर रहे हैं? वाल्ट्ज ने सवाल किया कि क्या हम भारत के लिए कोई विशेष नीति बनाने पर विचार कर रहे हैं या नहीं?

माइकल वाल्ट्ज ने कहा कि सिर्फ मेरे राज्य फ्लोरिडा में भारतीयों को मिलने वाले वीजा में देरी की वजह से करीब 8 बिलियन डॉलर के व्यापार का नुकसान हुआ है और 250,000 नौकरियां प्रभावित हुई हैं।

मानसून ने एक हफ्ते की देरी के साथ केरल में दस्तक, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 20 जून तक आने के आसार

नितेश श्रीवास्तव

मानसून ने निर्धारित तिथि से सात दिन के विलंब के साथ बृहस्पतिवार को केरल में दस्तक दे दी। मौसम विभाग ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि केरल के ज्यादातर हिस्सों तथा दक्षिण तमिलनाडु में मानसूनी बारिश दर्ज की गई है। अगले 24 घंटों के दौरान मानसून के पूर्वोत्तर में भी दस्तक देने के आसार हैं। मौसम विभाग ने कहा, जिस रफ्तार से मानसून ने केरल में दस्तक दी है। वह देश के अन्य हिस्सों में मानसून के पहुंचने के अच्छे संकेत हैं। 

हालांकि अगले एक सप्ताह के दौरान बनने वाली स्थितियां मानसून की प्रगति तय करती है। मौसम विभाग का कहना है कि केरल में मानसून के देरी से आगमन का उत्तर भारत में उसके पहुंचने से सीधा संबंध नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों तथा समूचे लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल के अधिकतर क्षेत्र, दक्षिण तमिलनाडु के अधिकतर हिस्सों,मन्नार की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम, मध्य एवं उत्तर पूर्व बंगाल की ओर बढ़ रहा है।

कहां कब मानसून दे रहा दस्तक

केरल 08 जून, महाराष्ट्र 10 जून,झारखंड 15 जून,बिहार 15 जून,उत्तराखंड 20 जून,पूर्वी उत्तर प्रदेश 20 जून,पश्चिमी उत्तर प्रदेश 25 जून,दिल्ली 28 जून,हरियाणा 30 जून

 तक मानसून दस्तक दे देगा।

निलेश राणे के ट्वीट के खिलाफ एनसीपी का महाराष्ट्र में प्रदर्शन जारी, पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शुरू किया जेल भरो आंदोलन, BJP नेता ने शर

भाजपा नेता निलेश राणे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार को औरंगजेब का अवतार कहा था। इसके विरोध में शुक्रवार को एनसीपी नेताओं कार्यकर्ताओं का महाराष्ट्र में जेल भरो आंदोलन को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है।

NCP प्रवक्ता महेश तापसे का कहना है कि निलेश को अपने ट्वीट के लिए महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें 24 घंटे के भीतर अपना ट्वीट हटाना होगा।

साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्षजेपी नड्डा और महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे राणे से सहमत हैं।

महेश ने कहा कि अगर राणे ने ट्वीट डिलीट नहीं किए तो NCP शुक्रवार (9 जून) सुबह 11 बजे दक्षिण मुंबई के एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में जेल भरो आंदोलन के साथ विरोध करेगी। NCP ने निलेश के ट्वीट पर ट्विटर से भी कार्रवाई करने की मांग की है।

अब जान लीजिए निलेश राणे ने ट्विटर पर क्या लिखा था

भाजपा नेता निलेश राणे ने 7 जून को ट्विटर पर लिखा था- कभी-कभी लगता है कि शरद पवार औरंगजेब के अवतार हैं। जब चुनाव नजदीक आते हैं तो पवार साहब को मुस्लिम समुदाय की चिंता हो जाती है।

निलेश ने शरद पवार को औरंगजेब क्यों कहा

दरअसल, महाराष्ट्र में कुछ मुस्लिम युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब और टीपू सुल्तान की तस्वीरें स्टेटस पर लगाई थी। इसके बाद 7 जून को कोल्हापुर में हिंदुत्ववादी संगठनों ने इसके विरोध में मार्च निकाला।

इस दौरान कई जगहों पर हिंसा और पथराव हुआ, जिसे काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी। हिंसा की इन घटनाओं में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इसके बाद NCP चीफ शरद पवार ने कहा था कि अभी ऐसी स्थिति है कि हमें मुस्लिम और क्रिश्चन धर्म के लोगों की चिंता करनी चाहिए। पवार के इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए निलेश ने उन्हें औरंगजेब का अवतार बताया था।

औरंगजेब की तारीफ में मंगलवार को पोस्ट वायरल की गई थी। इसके बाद दो गुटों में मारपीट हुई। 

औरंगजेब की तारीफ में मंगलवार को पोस्ट वायरल की गई थी। इसके बाद दो गुटों में मारपीट हुई।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में औरंगजेब की तारीफ में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर 7 जून को दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। इसमें दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे चले और पत्थरबाजी हुई। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

डेड बॉडी के साथ किए गए यौनाचार को कोर्ट ने रेप मानने से किया इंकार, बताया यह कारण

डेस्क : भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के प्रावधानों के मद्देनजर कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने हाल ही में कहा था कि एक महिला के मृत शरीर पर यौन संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा।

पीठ ने आगे कहा कि बलात्कार एक व्यक्ति के साथ किया जाना चाहिए, न कि एक मृत शरीर के साथ और यह एक व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध किया जाना चाहिए।

"एक मृत शरीर एक बलात्कार के लिए सहमति या विरोध नहीं कर सकता है, न ही यह तत्काल और गैरकानूनी शारीरिक चोट के डर से हो सकता है। बलात्कार के अपराध की अनिवार्यता में व्यक्ति और बलात्कार के पीड़ित की भावनाओं का आक्रोश होता है। एक मृत शरीर में कोई आक्रोश की भावना नहीं है। मृत शरीर पर संभोग और कुछ नहीं बल्कि नेक्रोफिलिया है", पीठ ने कहा।

भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अनुसार, एक पुरुष को बलात्कार करने के लिए कहा जाता है यदि वह अपने लिंग को किसी महिला की योनि, मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में प्रवेश करता है या उसे अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करने के लिए मजबूर करता है; या किसी महिला के शरीर के किसी भी हिस्से में हेरफेर करता है ताकि ऐसी महिला की योनि, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी भी हिस्से में प्रवेश हो सके या उसे अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा सके।

इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता-अप्राकृतिक अपराधों की धारा 377 परिभाषित करती है कि, जो कोई भी स्वेच्छा से प्रकृति के आदेश के खिलाफ किसी भी पुरुष, महिला या जानवर के साथ यौन संबंध बनाता है, उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी। दस साल तक बढ़ सकता है, और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।

इन प्रावधानों का उल्लेख करते हुए जस्टिस बी वीरप्पा और वेंकटेश नाइक टी की पीठ ने कहा,

"भारतीय दंड संहिता की धारा 375 और 377 के प्रावधानों को सावधानीपूर्वक पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि, मृत शरीर को मानव या व्यक्ति नहीं कहा जा सकता है। जिससे भारतीय दंड संहिता की धारा 375 या 377 के प्रावधान आकर्षित नहीं होंगे।" इसलिए, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दंडनीय कोई अपराध नहीं है।

कोर्ट में पेश मामले में आरोपी ने पहले पीड़िता की हत्या की और फिर शव के साथ शारीरिक संबंध बनाए।

अदालत ने कहा कि इस तरह के कृत्य को बलात्कार नहीं कहा जा सकता है और "अधिकतम इसे परपीड़न, नेक्रोफिलिया माना जा सकता है और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दंडित करने के लिए कोई अपराध नहीं है।"

हालांकि, पीठ ने कहा कि दुर्भाग्य से उक्त प्रावधान में 'मृत शरीर' शब्द शामिल नहीं था।

"...अस्पताल की मुर्दाघरों सहित मृत शरीर पर महिला के खिलाफ अधिकांश अपराध हो रहे हैं और इसे परपीड़न या नेक्रोफिलिया माना जा सकता है और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करने के लिए आईपीसी में कोई अपराध नहीं है, जिन्होंने मृत शरीर पर यौन संबंध बनाए। महिला ..", उच्च न्यायालय ने देखा।

बाल्टियों में भरा था खून, हड्डियां, मांस और खून को अलग-अलग कर दिया था, कई टुकड़े कुत्तों को भी खिलाया, पुलिस जब पहुंची घटनास्थल तो दृश्य देख होश

मुंबई में लड़की के मर्डर का एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसने शायद दरिंदगी की सारी हदें पार दीं। ये हत्याकांड पिछले दिनों दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की याद को ताजा कर देता है। कत्ल का आरोप उसके लिव इन पार्टनर पर लगा है। आरोपी पार्टनर ने बड़ी बेरहमी से पेड़ काटने वाले कटर से महिला के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, फिर लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश की। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

दरअसल, बुधवार 7 जून की शाम मीरा रोड पर मौजूद गीता आकाश दीप सोसाइटी में अचानक पुलिस की टीम पहुंची और सीधे उस फ्लेट का रुख किया, जहां से बदबू बाहर आने की खबर मिली थी। सातवीं मंजिल पर मौजूद इस फ्लैट में पहुंचते ही पुलिस के होश फाख्ता हो गए, क्योंकि वहां पुलिस को वो सब देखने को मिला, जैसा उसने दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस के बारे में मीडिया में पढ़ा और सुना था।

खून से लथपथ तीन कटर मिले

पुलिस को फ्लैट से एक महिला की लाश के टुकड़े मिले। महिला की पहचान सरस्वती वैद्य के तौर पर हुई। पुलिस को खून से लथपथ तीन पेड़ काटने वाला कटर भी मिले। पुलिस ने 56 साल के आरोपी मनोज साहनी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने जब सख्ती से आरोपी से पूछताछ की तो उसने दिल दहलाने वाला सच उजागर किया।

उसने पूछताछ में बताया कि उसकी लिव-इन पार्टनर सरस्वती ने किसी वजह से सुसाइड कर लिया था और जब वह घर वापस लौटा तो शव देखकर घबरा गया। उसने श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस के बारे में बहुत सुना था, इसी को ध्यान में रखते हुए उसने शव के टुकड़े कर उसे ठिकाने लगाने की सोची।

मिक्सर में पीसकर मांस को कुकर में उबाला

जानकारी के मुताबिक आरोपी ने पुलिस को बताया कि शव को काटने के लिए बाजार से पेड़ काटने वाली मशीन लाया था। वह तीन दिनों तक घर में अपनी लिव इन पार्टनर के शव के टुकड़े करता रहा। आरोपी ने शव के कई टुकड़े किए थे। शव से बदबू न आए इसलिए मिक्सर में टुकड़ों को पीसकर कुकर में उबाला। उसने हड्डियां, मांस और खून को अलग-अलग कर दिया था। बताया जा रहा है कि आरोपी ने शव टुकड़ों को उबालकर कुत्तों को भी खिलाए। 

हरी और काली बाल्टियों में भरा मिला खून

पुलिस के मुताबिक मुताबिक फ्लैट के किचन के पास हरी और काली बाल्टियां रखी थीं, जिनमें खून भरा हुआ था और शव को छोटे-छोटे टुकड़ों में करके उन बाल्टियों में खून के अंदर रखा गया था। वहीं एक कमरे में मृतक महिला बाल रखे मिले है। कमरे में बहुत सारी काली पॉलीथीन भी मिलीं। साथ ही कई सारे एयर फ्रेशनर भी वहां मिले, जिन्हें बदबू कंट्रोल करने के लिए लाया गया था। पुलिस ने शव के टुकड़ों को इकठ्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है, आगे की तफ्तीश को बढ़ाने के लिए फ्लैट नंबर 704 को सील कर दिया गया है।

पड़ोसियों ने पुलिस को दी थी सूचना

आरोपी के पड़ोसी ने फ्लैट से बदबू आने पर पुलिस को सूचना दी थी। पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव मनोज के फ्लैट से अजीब सी दुर्गंध आने के बारे में सोसायटी के अन्य लोगों को बताया था। सोमेश श्रीवास्तव पुलिस टीम के साथ मनोज के फ्लैट में दाखिल हुए थे। उन्होंने अपनी आंखों देखा मंजर बताया सोमेश ने बताया है कि फ्लैट में से अजीब तरह की दुर्गंध आ रही थी। उसने कई फिल्मों और वेब सीरीज में देखा है कि इस तरह दुर्गंध किस कारण से आती है। उसने इसके बारे में अपनी मां को बताया था, लेकिन मां ने कहा कि ऐसी बदबू चूहे के मर जाने पर आती है। मैं ज्यादा ही सोच रहा हूं। मगर, मनोज के फ्लैट से बदबू आना कम नहीं हुआ। मंगलवार की सुबह तक बदबू लगातार आती रही।

मनोज अंकल ने बोला- गटर की आ रही होगी बदबू

उन्होंने बताया कि मैंने तय कर लिया था कि इस बारे में सोसायटी कमेटी को बताऊंगा। कुछ समय बाद मैं नीचे पहुंचा और कमेटी को इस बारे में बताया हम लोग बात कर ही रहे थे कि तभी मुझे मनोज अंकल मिल गए। मैंने उसने कहा कि आपके फ्लैट से बहुत तेज दुर्गंध आ रही है। इस बार उन्होंने कहा कि बदबू गटर की है। उनके जवाब में मैंने कहा कि हमें अंदर जाकर देखना चाहिए। इस पर अंकल ने कहा मैं रात में वापस आऊंगा तब जांच करेंगे, इतना कहकर अंकल वहां से चले गए।

पुलिस को बुलाया, फ्लैट में मिली अंदर मिली लाश

उन्होंने बताया कि अंकल के जाते ही हम लोगों नया नगर थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस आई और हम लोग मनोज साने के फ्लैट पर पहुंचे। पुलिस को शक हुआ कि फ्लैट में लाश है। दरवाजा तोड़ा गया और मैं पुलिस के साथ फ्लैट में दाखिल हुआ। अंदर घुसते ही दुर्गंध और तेज हो गई। इतनी तेज की एक पल भी खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था। हमनें देखा कि हॉल में पेड़ काटने वाली मशीन (चेनसॉ) पड़े हुए थे। हम बेडरूम में गए तो वहां पर कई सारी काली प्लास्टिक (पॉलीथीन) पड़ी हुईं थीं और प्लास्टिक की कालीचादर भी मौजूद थी। कमरे में महिला के बाल भी पड़े हुए थे।

पटना-रांची रेल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को सरपट दौड़ाने से पहले रूट का संरक्षा ऑडिट यानी सेफ्टी टेस्ट शुरू, सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को की ग

 पटना-रांची रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन का इंतजार अब खत्म होने वाला है। चेन्नई से 8 कोच वाली वंदे भारत का रैक पटना पहुंच चुका है। अब इसका ट्रायल होने के बाद संचालन शुरू कर दिया जाएगा। पटना-रांची रेल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को सरपट दौड़ाने से पहले रूट का संरक्षा ऑडिट यानी सेफ्टी टेस्ट शुरू हो गया है। इस हफ्ते दो रेल मंडलों के संरक्षा कोटि के शीर्ष अधिकारी जगह-जगह पर ट्रैक की सुरक्षा जांच करेंगे ताकि इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन को सुचारू रूप से चलाया जा सके। बालासोर रेल हादसे के बाद रेलवे की ओर से सेफ्टी को लेकर हर रेल मंडल में शीर्ष अधिकारियों को यह ताकीद की गई है कि वे अपने क्षेत्र के संरक्षा पहलुओं पर बारीक नजर रखें। ऐसा निर्देश एहतियातन जारी किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि चूंकि कोडरमा-हजारीबाग-रांची सेक्शन नया बना है। इसका सीआरएस निरीक्षण हो चुका है और ट्रैक को क्लीन चिट मिल चुकी है फिर भी ट्रायल रन कराया जाएगा। ट्रेन को चलाए जाने से पहले पटना से लेकर रांची तक उत्साह है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रैन के रैक को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल यार्ड में सिक लाइन पर भेज दिया गया। शुक्रवार को इसको पिट संख्या पांच पर भेजा जाएगा। जिस पिट लाइन पर हमसफर एक्सप्रेस का मेंटेनेंस होता है, उसी पर वंदे भारत एक्सप्रेस का मेंटेनेंस होगा। यह जांचा जा रहा है कि चेन्नई से पटना तक रैक के लाने के बाद इसमें क्या बदलाव आया है। इसके बाद विभिन्न कर्मचारियों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कड़ी सुरक्षा घेरे में खड़ी है वंदे भारत ट्रेन

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के रैक को देखने के लिए लोगों में उत्साह है। इस कारण राजेंद्र नगर यार्ड की ओर लोगों का तांता लगा हुआ है। रेलवे की ओर से रैक के पास सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसके लिए राजेंद्र नगर यार्ड में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रेल सुरक्षा बल के जवानों को भी रैक की सुरक्षा में तैनात किया गया है।

चुनावी हलचल, लोकसभा चुनाव से पहले फिर से बिहार first, बिहारी 1st की याद आ गई, विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए फिर से मांगा लोगों से सुझाव

वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले फरवरी 2020 में बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा देकर पूरे बिहार की यात्रा करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर से बिहार firstst, बिहारी 1st की याद आ गई है। चिराग ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिर से विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए लोगों से सुझाव मांगा है और इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले भी चिराग पासवान ने लोगों से राय मांगी थी और ठीक चुनाव से पहले अक्टूबर में दावा किया था कि लगभग चार लाख लोगों से मिले सुझाव को ध्यान में रखकर विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। एक तरह से वो लोजपा का चुनाव घोषणापत्र था।

2020 के चुनाव से पहले चिराग ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपने नाम के आगे युवा बिहारी जोड़ा था। चिराग के बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट नारे वाले 2020 के विजन डॉक्यूमेंट में सभी सरकारी विभागों में स्वीकृत और खाली पदों पर बहाली, संविदा पर काम कर रहे लोगों को सरकारी सेवा में नियमित करने, बिहार में नए मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने, प्रवासी मजदूरों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने जैसे वादे किए गए थे। चिराग ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के लोगों से बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट थीम पर सुझाव मांगे हैं जिसके आधार पर वो लोजपा-रामविलास का विजन डॉक्यूमेंट बनाएंगे।

2020 के विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान ने 21 फरवरी को बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट यात्रा भी निकाली थी। 21 अक्टूबर को उन्होंने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट पेश किया था। इसी के नाम पर वो एनडीए और बीजेपी से अलग होकर 135 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें एक सीट पर जीत मिली थी। लोजपा को 2020 के विधानसभा चुनाव में 5 परसेंट से ज्यादा वोट मिले थे और लगभग 24 लाख वोट मिले थे। जेडीयू ने एनडीए छोड़ने के बाद पिछले साल से कहना शुरू किया कि चिराग को बीजेपी ने लड़ाया था क्योंकि लोजपा ने ज्यादातर कैंडिडेट सिर्फ उन सीटों पर दिए थे जो बीजेपी ने लड़ने के लिए जेडीयू को दिए थे। माना जाता है कि इन सीटों पर बीजेपी के काफी वोट गठबंधन की पार्टी जेडीयू के बदले लोजपा को मिल गए। तब चिराग ने नारा भी दिया था 'मोदी से बैर नहीं, नीतीश कुमार की खैर नहीं।'

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की निकाली झांकी, कनाडा के उच्चायुक्त ने जताया कड़ा विरोध

डेस्क: कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तान समर्थकों ने 5 किलोमीटर की लंबी परेड निकाली, जिसकी झांकी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का सीन दिखाया गया. वहीं घटना के प्रति कनाडा के उच्चायुक्त ने कड़ा विरोध जताया है. कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने गुरुवार को घटना से स्तब्ध होकर कहा कि उनके देश में नफरत या हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि वह इसकी “स्पष्ट रूप से निंदा” करते हैं. कनाडा के उच्चायुक्त की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद आई है, जिसमें दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाती एक नाव दिखाई दे रही है.

4 जून को कथित तौर पर आयोजित की गई थी परेड

फ्लोट कथित तौर पर कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान के समर्थकों द्वारा निकाली गई 5 किलोमीटर लंबी परेड का हिस्सा था. रिपोर्टों में कहा गया है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39 वीं वर्षगांठ से दो दिन पहले 4 जून को परेड आयोजित की गई थी. हालांकि न्यूज18 स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की प्रमाणिकता को सत्यापित नहीं करता है. क्लिप वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और मार्च की निंदा की.

ऑपरेशन ब्लू स्टार की मनाई गई बरसी

बता दें कि ऑपरेशन ब्लूस्टार 1984 में स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया एक सैन्य अभियान था. इंदिरा गांधी के पोते, राहुल गांधी, हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह द्वारा घेर लिए गए थे. राहुल गांधी सांता क्लारा में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए द्वारा आयोजित ‘मोहब्बत की दुकान’ कार्यक्रम में बोल रहे थे, जब दर्शकों में से कुछ लोगों ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में उनके और गांधी परिवार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए.