*पंडित ओमप्रकाशानंद सरस्वती महाराज ने परीक्षित मोक्ष की संगीतमय कथा का किया वर्णन*
कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। क्षेत्र के ग्राम धौरहरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस की प्रथम बेला पर कथा व्यास पंडित ओमप्रकाशानंद सरस्वती महाराज ने परीक्षित मोक्ष की संगीतमय कथा का वर्णन किया। कथा व्यास ने बताया कि, श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने मात्र से ही मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं, राजा परीक्षित ने भी विधि विधान एवं भक्ति भाव से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किया और श्राप से मुक्त होकर परमधाम को गए।
कथा व्यास ने सरस संगीत मय ढंग से राजा परीक्षित महाराज के द्वारा अज्ञान वश सिद्ध पुरुष महात्मा के गले में एक मृत काला सर्प डाल देने और महात्मा के पुत्र श्रृंगी ऋषि के द्वारा महाराज परीक्षित को दिए गए श्राप कि हे परीक्षित जिस मृत सांप को तुमने मेरे पिता के गले में डाला है वही मृत सांप आज के सातवें दिन तुमको तक्षक बनकर डसेगा जिससे तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।
महाराज परीक्षित द्वारा महात्मा जी से क्षमा याचना और इससे बचने के उपाय की कथा कहते हुए कथा व्यास ने कहा कि सिद्ध पुरुष महात्मा ने राजा को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण पान करने को कहा क्योंकि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण पान करने से ही जन्म जन्मांतर के सारे पाप कष्ट दूर हो जाते हैं, महाराज परीक्षित ने विधि विधान पूर्वक श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया और अंत में मोक्ष की प्राप्ति हुए।
इस मौके पर श्रीमती सुशीला देवी, विशंभर दयाल दीक्षित, श्रीमती पीयूष दीक्षित, कमलेश कुमार दीक्षित, आलोक कुमार दीक्षित, कृष्ण कुमार दीक्षित, अरुण दीक्षित, लकी दीक्षित, लक्ष्मीनारायण, कैलाश दीक्षित, उमेश दीक्षित, रामअवतार मिश्रा, मनोज दीक्षित, अंकित दीक्षित, सत्यनारायण, दयाशंकर, लकी दीक्षित एवं भारी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण मौजूद रहे।
Jun 07 2023, 17:47