महाराष्ट्र में शिंदे सरकार का क्या होगा? 16 विधायकों के निलंबन पर कल सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

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महाराष्ट्र की सियासत के लिलए गुरूवार का दिन काफी अहम होने वाला है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके 15 विधायकों की पात्रता और अपात्रता पर फैसला सुनाया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई यानी गुरुवार को महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष पर अपना फैसला सुनाने का दिन मुकर्रर किया है।

इस मामले की सुनवाई पांच जजों की खंडपीठ में पूरी हो चुकी है। मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया था। याचिका उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। उन्होंने बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की थी।बागी विधायकों के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने विधानसभा उपाध्यक्ष के पास से विधायक को अयोग्य करार देने की याचिका दायर की थी।

क्या है मामला

पिछले साल जून के महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ बगावत की थी। उस समय उनके साथ पार्टी के अन्य 15 विधायक भी पार्टी छोड़ कर एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए थे। एकनाथ शिंदे बगावत के बाद पहले सूरत फिर गुवाहाटी में समर्थक विधायकों के साथ रुके हुए थे। उस समय उद्धव ठाकरे के एकनाथ को वापस आने के लिए और बैठकर बातचीत के लिए भी प्रस्ताव दिया था। हालांकि, इस प्रस्ताव को शिंदे ने उचित प्रतिसाद नहीं मिला था। बाद में तत्कालीन विधानसभा के स्पीकर (डिप्टी स्पीकर) ने एकनाथ शिंदे समेत उनके समर्थक विधायकों को विधानसभा में आने के लिए कहा था। हालांकि, एकनाथ शिंदे ने पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया। यह आरोप उनपर लगाया गया। बाद में उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफ़ा दे दिया। जिसके बाद 30 जून में राज्य में शिंदे- फडणवीस सरकार की स्थापना हुई। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे और उनके 15 विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए याचिका दायर की थी। कल इसी पर फैसला आना है।

इन 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग

याचिका में एकनाश शिंदे, भरतशेट गोगावले, संदिपानराव भुमरे, अब्दुल सत्तार, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, बालाजी किणीकर, तानाजी सावंत, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव पाटिल, रमेश बोरनारे, संजय रायमूलकर और बालाजी कल्याणकर, को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है

कर्नाटक में विधानसभा के लिए वोटिंग खत्म, शाम पांच बजे तक 65.69 फीसदी मतदान, रामनगरम जिले में सबसे अधिक वोटिंग

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कर्नाटक में सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए हो रहा मतदान खत्म हो गया है। शाम पांच बजे तके 65.69 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला है। अंतिम आंकड़ा आना बाकी है। इसके साथ ही राज्य में उतरे 2,615 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। अब 13 मई को पता चलेगा कि जनता ने किसे चुना। 

तीन जिले जहां हुआ सबसे ज्यादा मतदान

शाम पांच बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग रामनगरम जिले में हुई। जिले में इस बार 78.22 फीसदी वोटिंग हुई। इसके बाद चिक्कबल्लपुर में 76.64% और बंगलुरु ग्रामीण में 76.10% मतदान हुआ। 

सबसे कम मतदान

शाम पांच बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, सबसे कम मतदान बीबीएमपी साउथ में जिले में हुआ। यहां 48.63 फीसदी वोटिंग ही हुई। इसके बाद बीबीएमपी साउथ में 50.02% और बीबीएमपी सेंट्रल में 50.10% मतदान दर्ज किया गया। 

कर्नाटक चुनाव के बड़े चेहरे

कर्नाटक चुनाव में कई बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बड़े उम्मीदवारों में सबसे पहला नाम राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बसवराज बोम्मई का है जो शिगगांव विधानसभा सीट से मैदान में हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया वरुणा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी रामनगर जिले के चनापटना निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। कनकपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार मैदान में हैं। पूर्व बीजेपी नेता और चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ थामने वाले पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार हुबली धारवाड़ (सेंट्रल) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र शिकारपुरा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। चित्तपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे मैदान में हैं।

*पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान तोशखाना केस में दोषी करार, अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट स्कैम केस में गिरफ्तारी के बाद एक और बड़ा झटका*

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अल कादिर ट्रस्ट यूनिवर्सिटी घोटाले में गिरफ्तार पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। इस्लामाबाद हाई कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी को ‘वैध’ करार देने के कुछ घंटे बाद एक अतिरिक्त सत्र अदालत ने तोशखाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अध्यक्ष के खिलाफ आरोप तय किए हैं। जल्द सजा का भी ऐलान हो सकता है।कई महीने से तोशाखाना केस के कारण चर्चा में थे। वो इस केस में बतौर आरोपी कई बार सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश हुए। उनके खिलाफ गिरफ्तारी की नौबत भी आ गई थी, लेकिन समर्थकों के भारी विरोध के कारण तब पाकिस्तानी पुलिस इमरान को अरेस्ट नहीं कर पाई थी।

बुशरा बीवी भी हैं आरोपी

पाकिस्तान के चुनाव आयोग के फैसले के बाद इमरान खान के खिलाफ तोशखाना मामला दायर किया गया था। उन पर आरोप लगाया गया कि सरकारी खजाने से महंगे गिफ्ट को सस्ते दामों पर बेच दिया था। ये गिफ्ट विदेशों से मिले थे। इस मामले में इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीवी भी आरोपी हैं।

क्या है मामला?

तोशखाना मामला अगस्त 2022 में इमरान खान के खिलाफ दायर किया गया था। इमरान पर पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) को जमा की गई वार्षिक संपत्ति में तोशखान उपहारों का विवरण साझा नहीं करने का आरोप लगाया गया था। फिर, चुनाव आयोग ने इमरान को एक छोटी अवधि के लिए सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, इमरान पर बेईमानी, मनगढ़ंत जानकारी और गलत घोषणा करने का आरोप भी है। बाद में इमरान ने चुनाव आयोग को बताया कि उन्होंने सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था। बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।

क्या है तोशाखाना?

बता दें कि पाकिस्तान में तोशाखाना एक ऐसी जगह होती है जहां पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्री, सरकारी अधिकारियो को अपनी विदेश यात्राओं के दौरान तोहफ़े में मिलने वाली चीजों (उपहारों) को रखा जाता है। पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना 1974 के साल में की गई थी। ये कैबिनेट डिविजन के नियंत्रण में रहा। पाकिस्तान में तोशाखाना से जुड़ा एक कानून है, जो वहां के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेनेट के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन, नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, संसद के सदस्य, सरकारी अधिकारी और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारी इन सभी पर लागू होता है। भले ही ये लोग छुट्टी पर हों या ड्यूटी पर, इन्हें तोशाखाना कानून को मानने के लिए बाध्य हैं। नियम के अनुसार, विदेशी दौरों पर मिलने वाला गिफ़्ट (उपहार) अगर एक तय कीमत से अधिक का हो तो उसे तोशाखाना में जमा कराना होता है।

नाथद्वारा में एक मंच पर आए आए प्रधानमंत्री मोदी और अशोक गहलोत, राजस्थान के सीएम बोले- आपसी दुश्मनी नहीं, विचारधारा की लड़ाई

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राजनीति को दो धुरंधर जब एक ही मंच पर आमने-सामने हो जाए तो माहौल कैसा होगा? आम आदमी भले भले ही कुछ सोचे, लेकिन सियासत के माहिर खिलाड़ी सटीक वार करते हैं। आज राजस्थान में कुछ ऐसा ही देखा गया। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान में राजसमंद के नाथद्वारा में विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी के नाथद्वारा आने पर मंच पर उनका सामना राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुआ जहां दोनों ने एक-दूसरे पर नाम लिए बिना हमला बोला। मंच पर संबोधन देने आए गहलोत ने पहले पीएम मोदी पर सियासी तंज कसते हुए विपक्ष का सम्मान करने की हिदायत दे डाली। वहीं गहलोत ने अपनी सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए ईआरसीपी का मुद्दा भी फिर उठाया। इसके बाद पीएम मोदी ने भी पलटवार करते हुए केंद्र सरकार के कामों को गिनाते हुए विरोधियों को नकारात्मक मानसिकता वाला बताकर हमला बोला। 

हम गुजरात से आगे बढ़ गए- गहलोत

सबसे पहले मंच पर अशोक गहलोत आए। इस दौरान राजस्थान सीएम ने कहा, मैं पीएम मोदी का स्वागत करता हूं। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री आज राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे परियोजनाओं को समर्पित करेंगे। राजस्थान में अच्छे काम हुए हैं, राजस्थान में सड़कें अच्छी हैं। पहले हम गुजरात से मुकाबला करते थे और महसूस करते थे कि हम पिछड़ रहे हैं लेकिन अब हम आगे बढ़ गए हैं। गहलोत ने आगे कहा, मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार के सुशासन के कारण राजस्थान आर्थिक विकास के मामले में देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। हमारे राज्य की लंबित मांगों को लेकर मैं आपको (पीएम मोदी) पत्र लिखता रहता हूं और लिखता रहूंगा।

बना रहे पक्ष-विपक्ष का मेल-गहलोत

इतना ही नहीं, सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से कहा, 'उज्ज्वला योजना आपने लागू की थी, उसका बहुत असर था। हमने 500 रुपये में सिलेंडर दिए हैं, तो आप भी इस दिशा में काम करें। लोकतंत्र में ऐसे मौके बहुत कम आते हैं कि कांग्रेस-बीजेपी एक साथ है, यह परंपरा देश में बनी रहे। 

विपक्ष को भी पर्याप्त सम्मान मिले-गहलोत

पीएम की मौजूदगी में अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र में किसी से दुश्मनी नहीं होती है। केवल विचारधारा की लड़ाई होती है।आज लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है।खालिस्तान को लेकर अशोक गहलोत ने बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शहीद हो गए, लेकिन खालिस्तान बनने नहीं दिया। मैं उम्मीद करता हूं कि आपका मैसेज देश को बांधकर रखे। पक्ष-विपक्ष का मेल बना रहे।विपक्ष को भी पर्याप्त सम्मान मिले।

गो फर्स्ट की दिवाला समाधान अर्जी को एनसीएलटी ने स्वीकार किया, कर्मचारी की छंटनी पर लगाई रोक

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कर्ज संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट को बुधवार को बड़ी राहत मिल गई। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) ने दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के कंपनी के आवेदन को स्वीकार कर लिया।एनसीएलटी ने सीआईआरपी के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार की है। एनसीएलटी ने गो-फर्स्ट को अपना काम और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करते रहने और किसी भी कर्मी की छंटनी नहीं करने को भी कहा है।

एनसीएलटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर और न्यायमूर्ति एल एन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया। पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और ऋण शोधन कार्यवाही यानी दिवाला प्रक्रिया के दौरान उसे चलाने के लिये निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को कहा।

एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि हम दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए गो फर्स्ट एयरलाइंस की याचिका स्वीकार करते हैं। दिवालिया घोषित करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी ने कंपनी के बोर्ड को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर तथा एल एन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया।

बताते चलें कि गो फर्स्ट पर भारतीय बैंकों समेत कर्ज देने वालों का कुल 6,521 करोड़ रुपया बकाया है। इसके अलावा कंपनी को विमानों के किराये और ईंधन का पेमेंट भी करना है।इस तरह कंपनी पर कुल बकाया 11,463 करोड़ रुपये है।कुछ दिन पहले कंपनी के सीईओ कौशिक खोणा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि खराब इंजन की वजह से एयरलाइंस 20,000 ‘उड़ान के दिन’ पूरे नहीं कर पा। इससे हर दिन 55,000 डॉलर का नुकसान हुआ। ये नुकसान ही 110 करोड़ डॉलर से अधिक का बैठता है। भारतीय रुपये में ये रकम करीब 9,030 करोड़ रुपये होती है।

गो फर्स्ट ने 17 साल से अधिक समय पहले उड़ान भरना शुरू किया था। एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया। प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति नहीं होने के कारण कंपनी के बेड़े में शामिल आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे।

पीएम मोदी ने राजस्थान को दी 5500 करोड़ की सौगात, कांग्रेस पर किया कड़ा प्रहार, बोले- नकारात्मक सोच वाले नहीं चाहते देश का विकास

#pm_modi_some_people_become_victims_of_perverted_ideology

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को एक दिन के राजस्थान दौरे पर पहुंचे, जहां फव्होंने नाथद्वारा में श्रीनाथ जी मंदिर पहुंचे और मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करने के बाद राजभोग झांकी के दर्शन किए. वहीं पीएम मोदी इसके बाद दामोदर स्टेडियम पहुंचे जहां 5500 करोड़ रुपए से ज्यादा की कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया।इस दौरान मोदी ने कहा कि राजस्थान भारत के शौर्य, धरोहर और संस्कृति का वाहक है और राजस्थान जितना विकसित होगा उतना ही भारत के विकास को गति मिलेगी।इस मौके पर सीएम अशोक गहलोत सहित कई मंत्री व सांसद मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीनाथ जी और मेवाड़ की इस वीर धरा पर मुझे एक बार फिर आने का अवसर मिला है। यहां आने से पहले मुझे भगवान श्रीनाथ जी के दर्शन का सौभाग्य मिला, मैंने श्रीनाथ जी से आजादी के इस अमृतकाल में विकसित भारत की सिद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा है।पीएम मोदी ने कहा कि अगर पहले पर्याप्त मेडिकल कॉलेज बन जाते तो हमें डॉक्टरों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता, हर घर को पानी मिलता तो हमें 3.5 लाख करोड़ रुपये का जल जीवन मिशन शुरू नहीं करना पड़ता।

पीएम मोदी ने पिछली सरकारों और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश में कुछ लोग इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं कि उन्हें देश में कुछ भी अच्छा होता पसंद नहीं है। पीएम ने कहा कि जो लोग हर कदम को वोट के तराजू से तोलते हैं वो देश के भविष्य को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते हैं। पीएम ने आगे कहा कि इस नेगेटिव सोच के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि दूरदृष्टि के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनाने से इसका बहुत नुकसान राजस्थान ने भी उठाया है। मोदी ने कहा कि स्थाई विकास के लिए मूल व्यवस्थाओं के साथ आधुनिकता को शामिल करना जरूरी होता है।

पीएम मोदी आगे कहा कि आज देश में हर तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। अभूतपूर्व गति से काम चल रहा है। रेलवे हो, हाईवे हो या एयरपोर्ट हो, हर क्षेत्र में भारत सरकार हजारों करोड़ रुपये निवेश कर रही है। इस साल के बजट में भी भारत सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये निवेश करना तय किया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर शहरों और गांवों में कनेक्टिविटी को बढ़ाता है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, समाज में सुविधाएं बढ़ाता है और समाज को जोड़ता है। यह डिजिटल सुविधाओं को बढ़ाता है और लोगों का जीवन आसान बनाता है। इससे विरासत को बढ़ावा देने के साथ ही विकास में भी मदद मिलती है।

कौन है वो कारोबारी रियाज मलिक? जो बना इमरान खान की गिरफ्तारी की वजह

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को उन्हें पाक रेंजर्स ने गिरफ्तार किया।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया है।अब, इस मामले में एक और नाम चर्चा में आ गया है।वो शख्स है पाकिस्तान का सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज।

सबसे पहले बात करते हैं अल कादिर ट्रस्ट केस की। पीटीआई नेता इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट केस में गिरफ्तार किया गया है। दरअसल यह एक यूनिवर्सिटी से जुड़ा मामला है।आरोप है कि इमरान खान ने अपने पीएम कार्यकाल में इस यूनिवर्सिटी को गैरकानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की जमीन दी थी। इस मामले का खुलासा पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज ने किया था। मलिक रियाज का आरोप है कि इमरान और उनकी पत्नी ने गैरकानूनी तरीके से उनकी करोड़ो की जमीन हड़प ली। इस दौरान दोनों ने मिलकर उन्हें डराया-धमकाया, उन्हें जेल भेजने की धमकी दी। 

इसी मामले में 17 सेकंड का एक वीडियो वीडियो से है जो कुछ समय पहले वायरल हुआ था। वीडियो में मलिक रियाज और उसकी बेटी अम्बर की बातचीत सुनाई दे रही है।ऑडियो में कथित तौर पर अंबर ने अपने पिता को बताया था कि इमरान खान की पिछली सरकार द्वारा उनको पहुंचाए गए फायदों के बदले में बुशरा बीबी पांच कैरट हीरे की अंगूठी की मांग की है। वो कह रही हैं अंगूठी बनवा लेंगी, लेकिन उसका चार्ज हमें ही देना होगा। अंगूठी के बदले में वो इमरान से आपको ठेके दिलवा देंगी। आपके खिलाफ केस भी खत्म करवा देंगी।मेरी बात उनकी दोस्त फराह से हो गई है।बेटी की बात पर मलिक कहता है, कोई बात नहीं, हम 5 कैरेट का डायमंड भिवा देते हैं। कहा रहा है कि ठेके की यही सौदेबाजी अलकादिर यूनिवर्सिटी की जमीन लेने के बाद हुई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने जब प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली तो इनके इशारे पर ही मलिक रियाज पर हुई मनी लॉन्ड्रिंग की कार्रवाई हुई। लंदन में मलिक के आदमी के पास से 40 अरब रुपए जब्त किए गए थे, जिसे ब्रिटेन की सरकार ने पाकिस्तान को सौंप दिया था। इमरान के कहने पर ही यह गिरफ्तारी हुई थी। इसी के जरिए मलिक को ब्लैकमेल किया गया और उससे दो डील की गईं।

इमरान को जब यह रकम मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी कैबिनेट को नहीं दी। पैसा पाकिस्तान पहुंचने से पहले ट्रस्ट बनाया गया और इसका नाम रखा अल-कादिर ट्रस्ट। तय किया गया कि इससे एक यूनिवर्सिटी बनाई गई जिससे मजहबी तालीम देने की बात कही गई। इस ट्रस्ट में तीन लोगों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बनाया गया। बुशरा बीबी, इमरान खान और फराह गोगी। यूनिवर्सिटी बनाने के लिए मलिक रियाज ने अरबों की जमीन दी। बुशरा बीबी को तोहफे दिए।इसके ऐवज में रियाज के खिलाफ केस खत्म कराए गए।

पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने इस मामले की जांच के लिए पिछले साल 1 दिसंबर को मलिक रियाज और अन्य लाभार्थियों को बुलाया था। आखिरकार अब इमरान खान को इसी भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार कर लिया गया है।

इमरान की गिरफ्तारी के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट जाएगी पीटीआई, समर्थकों का सड़क पर हिंसक प्रदर्शन जारी, इस्लामाबाद में रेड अलर्ट

#pti_will_go_to_supreme_court_today_against_imran_arrest

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है। इमरान के समर्थन सड़कों पर उतर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। इमरान खान की गिरफ्तारी और हाई कोर्ट के झटकों के बाद पीटीआई के नेताओं ने कहा कि वो न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे।

पीटीआई उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने बुधवार को कहा कि पार्टी इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा पार्टी अध्यक्ष इमरान की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के फैसले को चुनौती देने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।फवाद चौधरी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को आश्चर्यजनक करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि हैरानी की बात है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को कानूनी करार दिया है। उन्होंने बिना इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध बताया। पीटीआई के प्रमुख इमरान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वारंट पर रेंजर्स द्वारा आईएचसी के बाहर गिरफ्तार किया गया।

इधर, कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को नाटकीय रूप से गिरफ्तार किए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘‘चार से पांच दिन’’ के लिए देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की हिरासत में रखा जा सकता है और उन्हें इमरान खान को एफ-8 कोर्ट कॉम्प्लेक्स और ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स जी 11/4 में ले जाने के बजाय न्यू पुलिस गेस्ट हाउस, पुलिस लाइंस में पेश किया जाएगा। जिसे इस विशेष सुनवाई के लिए अदालत का एकमुश्त दर्जा दिया गया है। पाकिस्तान सरकार द्वारा इस बाबत अधिसूचना जारी की गई है। एनएबी अदालत के बजाय खान को विशेष अदालत में पेश करने का फैसला उनकी जान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

वहीं, इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के समर्थकों ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्व मंत्री एवं पीटीआई के वरिष्ठ नेता हम्माद अजहर ने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी ‘स्वीकार्य नहीं है।’ उन्होंने खान की गिरफ्तारी के खिलाफ देश के लोगों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया। पीटीआई के महासचिव असद उमर ने ट्वीट किया कि पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी।

द केरल स्टोरी' फिल्म बनाने वालों को हो फांसी, फिल्म पर एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने दिया विवादित बयान

एक तरफ 'द केरल स्टोरी' देखने के लिए सिनेमा घरों में दर्शक उमड़ रहे हैं तो वहीं इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। बंगाल में फिल्म को बैन कर दिया गया है और तमिलनाडु में इसे सिनेमा एसोसिएशन ने दिखाने से ही इनकार कर दिया है। इस बीच यूपी और मध्य प्रदेश में फिल्म टैक्स फ्री कर दी गई है। इस फिल्म से जुड़ा विवाद अब महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। यहां एनसीपी के सीनियर नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि इस फिल्म में झूठ दिखाया गया है। तीन लड़कियों की कहानी को 32 हजार का बताया गया है। इससे आगे विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म को बनाने वालों को फांसी दी जानी चाहिए।

इससे पहले जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट भी किया था और द केरल स्टोरी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मराठी में लिखा था कि यह फिल्म झूठ का चरम दिखाती है। केरल की तस्वीर उससे कहीं अलग है, जैसा दिखाया गया है। उन्होंने लिखा कि विदेश से भारत आने वाली रकम में 36 फीसदी हिस्सा केरल से बाहर गए लोगों का है। आव्हाड ने कहा, 'बीते साल देश में 2.36 लाख करोड़ रुपये की रकम विदेश में रहने वाले केरल मूल के लोगों ने भारत भेजी थी। केरल में साक्षरता की दर 96 फीसदी है, जबकि पूरे भारत का आंकड़ा 76 फीसदी ही है। केरल में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या 0.22 फीसदी ही है, जबकि देश भर में यह आंकड़ा 22 पर्सेंट का है।'

जितेंद्र आव्हाड ने कुछ और आंकड़े देते हुए कहा कि केरल में शिशु मृत्यु दर 6 फीसदी ही है। असम में यह आंकड़ा 42 पर्सेंट हैं और यूपी में 46 फीसदी है। केरल की प्रति व्यक्ति आय पूरे देश के मुकाबले 7 फीसदी अधिक है। पूरा मामला सिर्फ तीन लड़कियों को लेकर है, लेकिन फिल्म में 32,000 का दावा किया गया है। इस फिल्म में जैसा दिखाया गया है, उसमें अपनी बहनों को कमतर समझने की सोच है। ऐसा दिखाने की कोशिश है कि हमारी बहनें मूर्ख हैं और उन्हें कुछ भी मालूम नहीं है। फिल्म में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमतर दिखाया गया। केरल के नाम पर बनी फिल्म की यही सच्चाई है। 

एनसीपी नेता ने कहा कि इन फिल्मों को हिंसा कराने के लिए बनाया जा रहा है। झूठ के भरोसे नफरत फैलाने और उसके जरिए चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है। गौरतलब है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कल राज्य में फिल्म को बैन करने का ऐलान किया था। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि इस फिल्म को भाजपा की फंडिंग से बनाया गया है। अब ऐसी ही एक फिल्म बंगाल को लेकर भी बनाई जा रही है, जिसमें राज्य को बदनाम करने की कोशिश होगी।

कर्नाटक विधानसभा चुनावः 9 बजे तक 8.26% वोटिंग, सिद्धारमैया बोले-बीजेपी के खिलाफ लोगों में आक्रोश, कांग्रेस 130 से 150 सीट जीतेगी

#karnataka_election_2023_voting

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी हैं। राज्य में अब तक 8.26 प्रतिशत मतदान हो चुका है। दक्षिण कन्नड़ जिले में सबसे अधिक 12 प्रतिशत मतदान हुआ है। जबकि चिक्काबल्लापुर में 10 प्रतिशत मतदान हुआ है।

सिद्धारमैया बोले- रिटायमेंट से पहले मेरा आखिरी चुनाव

वोट डालने के बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि मतदाताओं से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। मुझे 60% से ज्यादा वोट मिलेंगे। कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक के लोगों के रुझान को देखकर लगता है कि कांग्रेस 130-150 सीटें जीतेगी। भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। मैं रिटायर नहीं होने जा रहा हूं लेकिन मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। यह मेरा आखिरी चुनाव है।

जेडीएस के साथ गठबंधन पर शिवकुमार का जवाब

कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, पिछली बार मोदी जी ने सभी मतदाताओं से कहा था कि वोट डालने से पहले आप अपना गैस सिलेंडर देखें, नमस्कार करें और फिर जाएं। इस बार मैं भी कहूंगा कि हमारे प्रधानमंत्री के अनुरोध और सलाह के अनुसार गैस सिलेंडर की कीमत देखकर ही वोट करें।जेडीएस के साथ चुनाव के बाद गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि इसकी कोई संभावना नहीं है, हम अपने दम पर सरकार बनाएंगे।

ईश्वरप्पा का पूर्ण बहुमत का दावा

वहीं, कर्नाटक बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि राज्य भर के लोग कर्नाटक में भाजपा का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। हम लगभग 140 सीटें जीतेंगे और पूर्ण बहुमत प्राप्त करेंगे। कांग्रेस और जद (एस) ने मुस्लिम तुष्टिकरण का प्रयास किया है, लेकिन राष्ट्रवादी मुसलमान हमारे साथ हैं।