एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्री को बिच्छू ने काटा, एयरलाइन ने बयान जारी कर मांगी माफी

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नागपुर से मुंबई जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में एक महिला यात्री को बिच्छू ने डंक मार दिया। एयर इंडिया ने इस मामले में एक बयान भी जारी किया है। बताया गया है कि यह घटना 23 अप्रैल को हुई, जिसकी पुष्टि अब हुई है। 

एयर इंडिया ने 23 अप्रैल को हुई घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यात्री का इलाज किया गया और अब वह खतरे से बाहर है। जब AI 630 विमान उड़ान भर रहा था, तभी उसे बिच्छू ने डंक मार दिया था। क्रू मेंबर्स ने मुंबई एयरपोर्ट को अलर्ट किया और महिला को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाया गया। यात्री अब पूरी तरह से ठीक है। एयर इंडिया ने बताया कि डिस्चार्ज होने तक अधिकारी महिला के साथ बने रहे। विमान की टेक्निकल टीम ने पूरी छानबीन की है। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी।

एयरलाइन के अनुसार इसके बाद प्रोटोकॉल का पालन किया गया और विमान का पूरा निरीक्षण करने पर बिच्छू पाया गया। इसके बाद कीट नियंत्रण की उचित प्रक्रिया की गई। एयर इंडिया ने कहा, यात्रियों को हुई परेशानी और असुविधा के लिए हमें खेद है। इससे पहले भी उड़ती फ्लाइट में सांप और चूहे निकलने की खबरें सामने आ चुकी हैं।

कमांडो की हत्या के बाद एक्शन में सीआरपीएफ, छुट्टी पर गए जवानों को सिक्योरिटी बेस पहुंचने का निर्देश

#manipur_violence 

मणिपुर में इस हफ्ते भड़की हिंसा अब धीरे-धीरे शांत हो रही है। हिंसा प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, इस बीच हमलावरों ने शुक्रवार दोपहर को कोबरा कमांडो की गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके बाद से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।ऐसे में अब छुट्टी पर दगए सीआरपीएफ के जवानों को करीबी सिक्योरिटी बेस में रिपोर्ट करने को कहा है। सीआरपीएफ ने अपने उन जवानों को परिवार के साथ सिक्योरिटी बेस में रिपोर्ट करने को कहा है जो मणिपुर में रहते हैं और अपने होम टाउन छुट्टी पर गए हैं।

छट्टी पर गए जवानों को कैंप पहुंचने का निर्देश

बता दें, सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो की हत्या उस वक्त हुई जब वह छुट्टि पर थे। इस दौरान शुक्रवार दोपहर को हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। ऐसे में अब सीआरपीएफ के मुख्यालय ने फील्ड कमांडर्स को आदेश जारी किया है कि वह मणिपुर से आने वाले ऑफ ड्यूटी कमांडरों से तुरंत संपर्क करें और उन्हें सिक्योरिटी बेस में आने का मैसेज दें।

54 लोगों की मौत की पुष्टि

इस बीच मणिपुर सरकार ने हिंसा में जान गंवाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। बताया गया है कि अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में 54 लोगों की मौत हुई है।बताया गया है कि हिंसा में जिन 54 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 16 के शव चुराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं। वहीं 15 शव जवाहरलाल नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखे गए। इसके अलावा इंफाल के पश्विम में स्थित लाम्फेल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से 23 की मौत की पुष्टि की गई है। 

आरएएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ समेत अन्य बल तैनात

बता दें कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। प्रदेश के डीजीपी पी डोंगल ने कहा कि मणिपुर में आरएएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ आदि सहित विभिन्न प्रकार के बलों को तैनात किया गया है। कुल 10 और कंपनियों (करीब 1,000 कर्मियों) को भी गृह मंत्रालयके आदेशों के बाद शुक्रवार को हिंसा प्रभावित राज्य में भेजा गया। गुरुवार को शाह ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दो बैठकें कीं और नागालैंड, मिजोरम और असम सहित मणिपुर और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 5 रैपिड एक्शन।

करीब 13,000 लोगों का हुआ रेसक्यू

सेना के बयान के अनुसार, पिछले 12 घंटों में, इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में आगजनी की छिटपुट घटनाएं और शत्रु तत्वों द्वारा नाकाबंदी स्थापित करने का प्रयास देखा गया। एक्टिव बचाव अभियान, फ्लैग मार्च का संचालन, क्षेत्र में वर्चस्व, और स्थानीय लोगों/प्रभावशाली लोगों के साथ उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को आश्वस्त करने के लिए बातचीत कुछ प्रमुख गतिविधियां थीं और की जा रही हैं। सेना के बयान के अनुसार, कुल करीब 13,000 नागरिकों को बचाया गया है और वर्तमान में विभिन्न तदर्थ बोर्डिंग सुविधाओं में रह रहे हैं।

कर्नाटक में पीएम मोदी का रोड शो शुरू, दो जनसभाओं को भी करेंगे संबोधित

#karnataka_assembly_election_pm_narendra_modi_road_show 

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। इस बीच बेंगलुरू में पीएम मोदी का रोड शो शुरू हो चुका है। 26 किमी लंबे इस रोड शो के लिए बीजेपी समर्थकों में काफी उत्साह है। पीएम के रोड शो में हजारों की भीड़ जुटी है। पीएम की रैली में जय बजरंगबली के नारे भी लगाए जा रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद पीएम मोदी का रोड शो हो रहा है। एक दिन पहले शुक्रवार को हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

तीन घंटे तक चलेगा यह रोड शो

बेंगलुरु दक्षिण के सोमेश्वर भवन आरबीआई ग्राउंड से मल्लेश्वरम के सांके टैंक तक निकाले जाने वाले इस रोड शो के लगभग साढ़े तीन घंटे में पूरा होने की संभावना है। भाजपा नेताओं के मुताबिक, करीब 1.30 बजे तक चलने वाला यह रोड शो, 17 विधानसभाओं को कवर करेगा।

फूल बरसाकर पीएम का स्वागत कर रहे लोग

रोड शो के दौरान एक शख्स बजरंग बली के भेष में नजर आया। वहीं सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग एकत्र हैं और मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए फूल बरसाकर प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं। 

दो दिन होगा रोड शो

मोदी का रोड शो न्यू थिप्पसंद्रा में केम्पे गौड़ा प्रतिमा से शुरू किया गया है जो ब्रिगेड रोड के युद्ध स्मारक पर खत्म होगा। भाजपा ने रोड शो का नाम ‘नम्मा बेंगलुरु, नम्मा हेम’ रखा है जिसका हिंदी में मतलब हमारा बेंगलुरु, हमारा गौरव है। प्रधानमंत्री मोदी का आज होने वाला रोड शो 36 किलोमीटर का था, लेकिन कुछ कारणों से रोड शो के कार्यक्रम में बदलाव किया गया और इसे दो दिन में बांट दिया गया। पीएम मोदी रविवार को भी रोड शो करेंगे। कहा जा रहा है कि बेंगलुरु के लोगों की परेशानियों को देखते हुए रोड शो के कार्यक्रम में बदलाव किया गया।

कर्नाटक विधानसभा चुनावः धार्मिक शोर के बीच विकास के मुद्दे हुए गौण

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कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे। ऐसे में सूबे में सियासी पारा अपने चरम पर है। मतदान से पहले पार्टियां जी तोड़ मेहनत कर रही है। लोगों को अपने पाले में करने के लिए पार्टियां हर मुमकिन कोशिश कर रही है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है,एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने का काम किया जा रहा है। लेकिन हर चुनाव की तरह यहां भी मुद्दे गौण हो गए हैं। पूरे राज्य में इस समय धार्मिक शोर सुनाई दे रहा है, जिसमें लोगों की आवाम की आवाज दब कर रह गई है।

कर्नाटक चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस तथा जनता दल एस ने घोषणा पत्रों में वादों की बौछार की है। इसके विपरीत चुनाव में विकास और समस्याओं के समाधान को दरकिनार कर फिजूल के मुद्दे हावी हैं। घोषणा पत्रों पर सवाल-जवाब करने के बजाय अन्य मुद्दों पर बल देने से कर्नाटक में बुनियादी सुविधाओं के मसले दरकिनार हो गए। 

मतदान की तारीख नजदीक आते-आते ध्रुवीकरण भी हो चला है। बजरंग बली बनाम अल्लाह हू अकबर की रेस में विकास का मुद्दा खूंटी पर टांग दिया गया है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया, तो भाजपा ने मौके को भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। या यूं कहें, कांग्रेस ने बैठे बिठाए भाजपा को एक बड़ा चुनावी प्रचार का हथियार थमा दिया।भाजपा ने अब इसे प्रमुख मुद्दा बना कर बजरंग बली से जोड़ दिया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में 'जय बजरंग बली' के नारे लगवाने लगे। हनुमान चालीसा के पाठ शुरू हो गए हैं। भाजपा खुल कर धार्मिक मसले पर खेल रही है।

वहीं अपनी ही गेंद पर बीजेपी को सधी बल्लेबाजी करता देख कांग्रेस बैकफुट पर आ गई।बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने से पीछे हटने के बाद कांग्रेस ने राज्य के हर जिले में हनुमान मंदिर बनवाने का ऐलान कर दिया।कर्नाटक चुनाव में बजरंग बली की एंट्री से एआईएमआईएम के मुखिया और लोकसभा सांसद असदुद्दीन का पारा हाई होना स्वाभाविक था।असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने कर्नाटक के लोगों से कहा कि वोट डालते वक्त जय बजरगंबली कहें। जबकि कांग्रेस के डीके शिवकुमार ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह कर्नाटक में और बजरंगबली के मंदिर बनवाएगी।अगर मैं यहां खड़ा होकर आपसे कहूं कि वोट डालते वक्त अल्लाह हू अकबर कहिए तो...।

जी हां, आप समझ ही गए होंगे की कर्नाटक में चुनाव प्रचार की दिशा क्या है। बजरंगबली और अल्लाह के नाम पर राजनीतिक दल अपने मुद्दों से भटक गए हैं। बेवजह की राजनीति की जा रही है। हालांकि, कार्नाटक जैसे देश के विकसित राज्य के लिए मुद्दों की कमी नहीं है। राजधानी बंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बतौर आईटी हब पहचान बना चुकी है। देश की प्रमुख आईटी कंपनियों के हजारों कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। इसके अलावा दूसरे बड़े उद्योगों के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में हैं। बारिश के मौसम में पिछले कई सालों से प्रदेश की राजधानी की हालत बाढ़ग्रस्त क्षेत्र जैसी हो जाती है। पिछले साल मानसून के दौरान हुई बारिश से लगभग पूरा बंगलुरू जलमग्न हो गया। नावों के जरिये लोगों को अपना बचाव करना पड़ा। यह शहर प्रदूषण की मार भी झेल रहा है। इससे निपटने के उपायों पर भी गंभीरता से प्रयास नहीं किए गए। ऐसे चुनावी मुद्दे प्रमुखता से उठाने के बजाय हाशिये पर धकेले जा चुके हैं।

'मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके परिवार को मारने की साजिश रच रही बीजेपी', कांग्रेस का सनसनीखेज आरोप

#congress_alleges_bjp_leaders_hatching_plot_to_murder_kharge_and_his_family 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति अपने चरम पर है। तमाम राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौरा जारी है। इसी बीच कांग्रेस ने भी बीजेपी पर सनसनीखे आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की परिवार समेत की हत्या करने की साजिश चल रही है। उन्होंने बीजेपी नेताओं पर इस साजिश का आरोप लगाया है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा किया। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के चित्तापुर से उम्मीदवार, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पसंदीदा हैं। उनकी ऑडियो रिकॉर्डिंग से साजिश की बात साफ है।

कांग्रेस का आरोप है कि चित्तपुर से बीजेपी उम्मीदवार मणिकांत राठौड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष की हत्या का बयान दिया है। उनपर 40 से ज्यादा आपराधिक केस हैं। कांग्रेस का दावा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम बसवराज बोम्मई के वह करीबी हैं। कांग्रेस के दावे के मुताबिक, ऑडियो क्लिप में बीजेपी कैंडिडेट कथित रूप से कहते हैं कि खरगे के परिवार का सफाया कर देंगे।

आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट में कांग्रेस ने दावा किया कि मणिकांत राठौड़ पर हत्या की कोशिश, अन्न भाग्य चावल का अवैध ट्रांसपोर्टेशन, ड्रग्स और नशीले पदार्थों की तस्करी, हथियारों की अवैध तस्करी और आपराधिक धमकियों का केस है। कांग्रेस ने बीजेपी पर नफरती राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि राज्य में बीजेपी को हार का डर सता रहा है, ऐसे में 40% कमिशन वाली सरकार खरगे और उनके परिवार की हत्या की साजिश कर रही है।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उस वक्त चर्चा में आ गए थे, जब चुनाव प्रचार करते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दे दिया था। खड़गे ने कालाबुरागी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी की तुलना एक ‘जहरीले सांप’ से की थी और कहा था कि जो भी जहर को चखेगा उसकी मौत हो जाएगी। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया था।

पाकिस्तान पहुंचते ही हिंदुस्तान के खिलाफ बिलावल के जहरीले बोल, आतंकवाद पर जयशंकर के बयान लेकर कहा-ये उनकी मर्जी

#bilawal_bhutto_zardari_pakistan_fm_speaks_on_india 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) में हिस्सा लेने के बाद अपने मुल्क पाकिस्तान पहुंच गए हैं। भारत में एससीओ सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर घिरने के बाद बिलावल ने पाकिस्तान की जमीं से इस कार्यक्रम को लेकर बयान भी जारी किया है।पाकिस्तान पहुंचते ही उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है।

बिलावल भुट्टो ने अपनी इस यात्रा को एक सफलता बताया। इसके साथ ही कहा, 'भारत और खास तौर पर बीजेपी एक प्रोपेगेंडा चला रही है कि हर मुसलमान आतंकी है उसे नकार दिया गया है।' कराची में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'बीजेपी और आरएसएस दुनिया में मुस्लिमों और हर पाकिस्तानी को आतंकी साबित करना चाहते हैं। हमारी यह यात्रा इस दावे को खारिज कर रही है।'

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, आतंकवाद से पीड़ित और इसे फैलाने वाले कभी साथ बैठकर आतंक पर चर्चा नहीं कर सकते। जो उन्होंने कहा, वह उनकी मर्जी। मैंने वहां अपना बयान दिया, प्रेस से भी बातचीत की। सबकुछ रिकॉर्ड पर है। वहां झूठे प्रोपेगैंडा की वजह से असुरक्षा का भाव है। यह प्रोपेगैंडा खत्म हो जाता है, जब मैंने वहां जाकर अपनी बात रखी। यह सिर्फ भारत के मुद्दे पर नहीं है, बल्कि उन सबके लिए है, जो पाकिस्तान का नाम आतंकवाद से जोड़ते हैं।

एससीओ समिट में क्या बोले थे बिलावल?

इससे पहले आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए बिलावल ने कहा कि लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। हमें आतंकवाद को कूटनीतिक हथियार बनाकर राजनयिक तौर पर एक-दूसरे को घेरने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं बोल रहा हूं। हमारे लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया। मैं उस बेटे के रूप में भी बोल रहा हूं, जिसकी मां की आतंकवादियों के हाथों हत्या कर दी गई थी।

क्या कहा था जयशंकर ने

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने बिलावल को एससीओ मं सीधे तौर पर आतंकवाद का प्रवक्ता बता दिया था। गोवा में शंघाई सहयोग संगठनके सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद के पीड़ित उनके साथ बैठ कर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करते जो इसे फैला रहे होते हैं।' बिलावल भुट्टो के आने पर जयशंकर ने कहा था, 'भुट्टो एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर आए। यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है और हम इससे ज्यादा कुछ नहीं देखते हैं।

राजौरी और बारामूला में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी, हालात का जायजा लेने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंच रहे जम्मू, सेना प्रमुख

#encounter_between_terrorists_and_security_forces_in_baramulla

जम्मू-कश्मीर के राजौरी और बारामूला में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ जम्मू सेक्टर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्र शासित प्रदेश के दौरे पर जाएंगे।वह राजौरी भी जाएंगे और पुंछ सेक्टर में चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे।बता दें कि शुक्रवार को राजौरी के कंडी इलाके में हुई मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हो गए हैं। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। दोनों इलाकों में फिलहाल ऑपरेशन चलाकर आतंकियों की तलाश की जा रही है।

वहीं ग्राउंड जीरो पर उत्तरी कमान सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कंडी राजौरी में चल रहे अभियान का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें ग्राउंड कमांडरों ने ऑपरेशन के सभी पहलुओं की जानकारी दी। सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार सुबह आतंकवादियों का सामना होने पर शनिवार सुबह एक बार फिर से गोलीबारी शुरू हो गई।

आज सुबह बारामूला में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में लश्कर के एक आतंकी को ढेर कर दिया। बारामूला के एसएसपी आमोद अशोक नागपुरे ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। एक घेरा और तलाशी अभियान चलाया गया और उस दौरान हमारी ओर फायरिंग की गई और जवाबी फायरिंग में लश्कर का एक आतंकवादी मारा गया। मारे गए आतंकवादी की पहचान यारहोल बाबापोरा कुलगाम निवासी आबिद वानी के रूप में हुई है।

मैक्रों के मेहमान बनेंगे मोदी, 14 जुलाई को फ्रांस के नेशनल डे परेड में होंगे शरीक

#pmmodivisitfranceattendbastilleday_parade

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 जुलाई को पेरिस में होने वाली बेस्टाइल डे परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसको लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण दिया था, जो कि उन्होंने स्वीकार कर लिया है।भारतीय सेना का एक दल भी इस परेड में शामिल होगा।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस के नेशनल डे परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'गेस्ट ऑफ ऑनर' होंगे।विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने बैस्टिल डे परेड में स्पेशल गेस्ट के रूप में शामिल होने के फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।

बयान में कहा गया है, 'यह ऐतिहासिक यात्रा मौजूदा समय की प्रमुख चुनौतियों जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक साझा पहलों की शुरुआत करेगी। साथ ही यह दौरा भारत और फ्रांस के लिए बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए एक अवसर भी देगा।

वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 जुलाई को पेरिस में अतिथि के रूप में इस वर्ष के बैस्टिल डे परेड में भाग लेने के लिए उनके निमंत्रण को स्वीकार करने पर खुशी जताई है। मैक्रों ने पीएम मोदी के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा, प्रिय नरेंद्र, 14 जुलाई की परेड के सम्मानित अतिथि के रूप में तुम्हारा पेरिस में स्वागत कर के मुझे बहुत खुशी होगी।

क्या है बैस्टिल डे परेड

14 जुलाई 1789 को सैन्य किले और जेल के रूप में मशहूर बैस्टिल पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर उस पर कब्जा कर लिया था। इस घटना को फ्रांसिसी क्रांति की शुरुआत माना जाता है। यही वजह है कि साल 1880 से लगभग हर साल 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल डे परेड आयोजित की जाती है। इस दौरान पेरिस में सैन्य परेड निकाली जाती है और आतिशबाजी की जाती है। इस दिन को फ्रांस के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। यही वजह है कि पीएम मोदी का इस परेड में मुख्य अतिथि बनना भारत-फ्रांस के मजबूत होते संबंधों का उदाहरण है।

मैक्रों के मेहमान बनेंगे मोदी, 14 जुलाई को फ्रांस के नेशनल डे परेड में होंगे शरीक*

#pmmodivisitfranceattendbastilleday_parade

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 जुलाई को पेरिस में होने वाली बेस्टाइल डे परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसको लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण दिया था, जो कि उन्होंने स्वीकार कर लिया है।भारतीय सेना का एक दल भी इस परेड में शामिल होगा।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस के नेशनल डे परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'गेस्ट ऑफ ऑनर' होंगे।विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने बैस्टिल डे परेड में स्पेशल गेस्ट के रूप में शामिल होने के फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।

बयान में कहा गया है, 'यह ऐतिहासिक यात्रा मौजूदा समय की प्रमुख चुनौतियों जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक साझा पहलों की शुरुआत करेगी। साथ ही यह दौरा भारत और फ्रांस के लिए बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए एक अवसर भी देगा।

वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 जुलाई को पेरिस में अतिथि के रूप में इस वर्ष के बैस्टिल डे परेड में भाग लेने के लिए उनके निमंत्रण को स्वीकार करने पर खुशी जताई है। मैक्रों ने पीएम मोदी के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा, प्रिय नरेंद्र, 14 जुलाई की परेड के सम्मानित अतिथि के रूप में तुम्हारा पेरिस में स्वागत कर के मुझे बहुत खुशी होगी।

क्या है बैस्टिल डे परेड

14 जुलाई 1789 को सैन्य किले और जेल के रूप में मशहूर बैस्टिल पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर उस पर कब्जा कर लिया था। इस घटना को फ्रांसिसी क्रांति की शुरुआत माना जाता है। यही वजह है कि साल 1880 से लगभग हर साल 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल डे परेड आयोजित की जाती है। इस दौरान पेरिस में सैन्य परेड निकाली जाती है और आतिशबाजी की जाती है। इस दिन को फ्रांस के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। यही वजह है कि पीएम मोदी का इस परेड में मुख्य अतिथि बनना भारत-फ्रांस के मजबूत होते संबंधों का उदाहरण है।

शरद पवार ने वापस लिया इस्तीफा, कोर कमेटी के प्रस्ताव के बाद बदला फैसला, बोले- नहीं कर सकता जन भावनाओं का अपमान

#sharad_pawar_withdrawl_his_resignation

शरद पवार ही नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ रहेंगे। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा, मैं आपकी भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता। मैं भावुक हो गया हूं और अपना फैसला वापस ले रहा हूं।शरद पवार ने 2 मई को अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा कर सबको चौंका दिया था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि मैंने दो मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के असंख्य कार्यकर्ता, पदाधिकारियों ने अपनी तीव्र भावनाएं व्यक्त कीं। मेरे शुभचिंतकों ने मुझसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की। देश भर से लोग मुझसे इस्तीफा वापस लेने की अपील कर रहे थे। मेरी तरफ से उन भावनाओं का अनादर नहीं किया जा सकता।आपके प्रेम और विश्वास से मैं अभिभूत हुआ हूं।

अपने फैसले का ऐलान करते हुए शरद पवार ने यह भी कहा कि वे इस फैसले पर कायम हैं कि मेरा कोई ना कोई उत्तराधिकारी हो। मैं नए नेतृत्व पर बल देना चाहता हूं. इसके बाद मैं और उत्साह से काम कर पाऊंगा। उत्तराधिकारी के सवाल पर शरद पवार ने कहा कि यहां जो बैठे हैं वो सभी देश को संभाल सकते हैं। उन्हें मौका मिलने की देरी है। रिटायरमेंट पर शरद पवार ने कहा कि मुझे पूरा अंदेशा था कि अगर मैं इन सबसे चर्चा करूंगा तो ये लोग मुझे ऐसा करने नहीं देंगे। जिस वजह से मुझे इस तरह से अपना फैसला सुनाना पड़ा था।

इससे पहले, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद मुंबई में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें सुप्रिया सुले, अजित पवार समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए। इस दौरान शरद पवार के इस्तीफे की पेशकश को नामंजूर कर दिया गया। एनसीपी की कोर कमेटी ने शरद पवार से पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने यह प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद समिति के सदस्यों ने शरद पवार से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की।

दरअसल, 82 साल के शरद पवार ने मंगलवार (दो मई, 2023) को यह कहकर सभी लोगों को चौंका दिया था कि वह एनसीपी (साल 1999 में उन्होंने ही इसकी स्थापना की थी) के प्रमुख का पद छोड़ रहे हैं। हालांकि, राज्यसभा सदस्य और विपक्ष के दिग्गज नेताओं में से एक पवार ने यह भी साफ किया था कि वह एनसीपी चीफ का पद छोड़ रहे हैं, मगर सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहीं ले रहे हैं।