लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में इटावा से आए युवा पुजारी की मौत, साधु संत समाज में मातम

औरंगाबाद : जिले के सदर प्रखंड में फेसर थाना के थाना बिगहा में आयोजित सात दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे हृदय गति रुकने से एक युवा आचार्य की मौत हो गई। मृतक युवा पुजारी की पहचान उत्तर प्रदेश के इटावा के प्रह्लाद तिवारी उर्फ प्रभात के रूप में की गई है।

जानकारी के मुताबिक प्रभात सुबह यज्ञ से लौटकर आए और उन्होंने आश्रम में विश्राम किया। अपराह्रन के तीन बजे उन्हे यज्ञ में शामिल होना था। इसके लिए आश्रम के कई संत यज्ञ स्थल की तरफ जा चुके थे लेकिन प्रभात जाने की तैयारी के दौरान पानी पी रहे थे और पानी पीते पीते ही गिर पड़े। 

आनन फानन में यज्ञ समिति के सदस्यों ने उन्हे इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया जहां चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। प्रभात की मौत के बाद साधु संत समाज में मातम पसर गया। प्रभात के मौत की सूचना इटावा स्थित उनके परिजनों को दे दी गई है और शव को भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

महिला का चेन छीनकर भाग रहे अपराधियों ने औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील सिंह को भिड़ाया पिस्टल,तीन अपराधी गिरफ्तार, एक सॉफिस्टिकेटेड पिस्टल, देशी कट्टा व सात जिंदा कारतूस बरामद


औरंगाबाद()। औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह पर अपराधियों ने शुक्रवार की दोपहर उस वक्त पिस्टल तान दिया, जब सांसद चेन छीनकर बाइक से भाग रहे तीन अपराधियों का पीछा करने लगे। घटना औरंगाबाद के बारूण थाना ने पर बारूण थाना क्षेत्र में एनएच-19 पर घटी है।

 बताया जाता है कि सांसद रोहतास के सासाराम मंडल कारा में दंगा मामले में बंद अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद से मिलकर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 जीटी रोड पर बारूण थाना क्षेत्र में यह सब हुआ। सांसद ने बताया कि सासाराम से वापसी में वें औरंगाबाद जिले की सीमा में बारूण थाना क्षेत्र में सोन पुल से गुजर रहे थे। इसी दौरान उन्होने एक बाइक पर पीछे बैठी रोती हुई महिला ने जोर से चिल्लाते हुए कहा कि मेरे गले से सोने का चेन छीनकर अपराधी आगे बाइक से भाग रहे है। 

महिला से यह जानते ही उन्होने अपने वाहन के चालक को एक ही बाइक से भाग रहे तीनों अपराधियों का पीछा करने को कहा। पीछा करने के दौरान करीब पहुंचते ही चलती बाइक से अपराधियों ने उन पर पिस्टल तान कर भिड़ाते हुए कहा कि हमारा पीछा करना छोड़ दो, नही तो गोली मार देंगे। इसके बावजूद उन्होने अपराधियों की धमकी की परवाह नही करते हुए अपराधियों का पीछा करना जारी रखा। इस दौरान एक ट्रक उनके वाहन के बीच में आ गया, जिससे अपराधियों को आगे निकल जाने का मौका मिल गया। इसके बावजूद उन्होंने अपराधियों का पीछा करना लगातार जारी रखा। 

इस दौरान उन्होंने अपराधियों का एनएच-19 पर करीब 8 किमी. तक पीछा किया। इसी बीच मधुपुर के पास अपराधी सड़क के दूसरे लेन में घुसकर भागने के लिए रोड के कट से मुड़े लेकिन वहां पर कट मिट्टी का होने के कारण वें बाइक समेत गिर पड़े। बाइक से गिरते ही तीनो अपराधी बाइक छोड़कर दौड़ते हुएं खेतों की ओर भागने लगे। यह देख उन्होने अपना वाहन रोकवा दिया। वाहन के रूकते ही उनके अंगरक्षक बिहार पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने तीनों अपराधियों को दौड़ाते हुए करीब 1.5 क़िमी. तक पीछा किया। इस बीच बारूण थाना की गश्ती गाड़ी भी पहुंच गयी और गश्ती में रहे जवानों ने भी अपराधियों का खदेड़ कर पीछा किया। दौड़ने से अपराधी थक गये और आखिर कर खेत के उबड़ खाबड़ होने से वें एक जगह पर लड़खड़ा कर गिर पड़े। 

खेत में गिरते ही उन्हे खदेड़ रहे उनके अंगरक्षकों ने अपराधियों को दबोंच लिया। पकड़ में आने के बाद अपराधियों के पास से उनके अंगरक्षकों ने एक विदेशी सॉफिस्टिकेटेड पिस्टल, एक बढ़िया देशी कट्टा, सात जिंदा कारतूस और एक मोबाइल बरामद किया। अपराधियों के पास से महिला से छीनी हुई चेन नही मिलने पर उनके अंगरक्षकों ने पूछा तो कहा कि चेन बाइक गिरने वाले स्थान पर ही गिर गयी होगी। इसके बाद मौके पर चेन खोजी गई पर नही मिली।

 बाद में महिला से छीनी गई चेन दो टुकड़ों में घटनास्थल से आगे बरामद हुई, जिसे पीड़ित महिला को सौंप दिया गया। पीड़िता सरिता कुमारी बारुण थाना के सिरिस निवासी राजेश गुप्ता की पत्नी है। वह अपनी बीमार फुआ को देखने रोहतास जिले के जमुहार स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज गई थी। बीमार फुआं को देखकर बाइक से पति के साथ लौटने के दौरान ही अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया, लेकिन उनकी किस्मत अच्छी नही थी और वे पकड़े गये। पकड़े गये अपराधियों की पहचान रोहतास |

जिले के अकोढ़ी गोला थाना के बांक निवासी टिंकू कुमार, आनंद कुमार ठाकुर एवं डेहरी के इदगाह मुहल्ला निवासी बिट्टू यादव के रूप में की गयी है। तीनों अपराधियों को बारूण पुलिस को बरामद हथियार समेत सौंप दिया गया है। सांसद ने कहा कि यह पूरा वाकया 12.45 से 1.33 के बीच का है और आश्चर्य है कि बारूण थानाध्यक्ष को डेढ़ घंटे बाद भी इस घटना का पता नही था। उन्होने कहा कि यह घटना बिहार में लगातार गिरती विधि व्यवस्था का परिचायक है। कहा कि नीतीश सरकार में अपराधी बेखौफ हो गये है और वें दिनदहाड़े घटनाओं को सरेआम अंजाम दे रहे है। उन्होने कहा कि यह तो संयोग था कि लूट की घटना की शिकार होने पर वें पीड़ित महिला को मिल गये और एक भाई बनकर उन्होने उसकी सहायता की। इस पूरी कवायद में उनके अंगरक्षकों में बिहार पुलिस के जवान रूपन सिंह, सुमन सिंह, पवन, राजेश, सीआरपीएफ के जवान, बारूण पुलिस के गश्ती दल में शामिल जवान, समाजसेवी शुभेंदु शेखर उर्फ शुभम् सिंह, भाजपा नेता विनय सिंह, जिला मीडिया प्रभारी मितेंद्र कुमार सिंह एवं उपेंद्र सिंह शामिल रहे।

औरंगाबाद गरीबी, बेबसी व लाचारी : परिवार के कमाउं बेटे की तेलंगाना में पेड़ से लटकी मिली लाश, शव को घर नहीं ला सके परिजन, पुतला बना कर किया दाह संस्कार


औरंगबाद इस खबर को पढ़कर कलेजा मुंह को आ जाएगा। यह खबर गरीबी का दर्द बयां करनेवाली है, तो सिस्टम की भी पोल खोलने वाली है। खबर झकझोर देनेवाली भी है। खबर पढ़कर अनायास ही आप यह भी कह उठेंगे कि ऐसा भी होता है क्या ?

ऐसा किसी गरीब, लाचार और बेबस किसी परिवार के साथ न हो। खबर यहां से 1,322 किमी. दूर तेलंगाना की है, पर औरंगाबाद से जुड़ी है। खबर यह है कि तेलंगाना के जंगली इलाके में पेड़ से झूलती हुई एक युवक की लाश मिलती है। युवक की पहचान बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर थाना क्षेत्र के शिवपुर गांव निवासी सुरेंद्र मालाकार के पुत्र अंकित(21) के रूप में होती है। वहां की पुलिस को यह पता चलता है

कि मृतक 

तेलंगाना के जगदलपुर जिले के बेलकाटूर में रहकर काफी दिनों से जीबीआर नामक प्राइवेट कंपनी में काम करता था, और पिछले 1 मई से वह लापता था। वह 20 दिन पहले घर आया था। इसके बाद वह घर वालों को यह कहकर तेलंगाना वापस लौट गया था कि काम नही करेंगे तो कमाएंगे कैसे ? इस बार 20 दिन पहले जो वह घर से गया तो वापस नही लौटा। इतना तक कि मरने के बाद उसकी लाश तक घर नही लौट सकी। मृतक के पैतृक गांव शिवपुर के लोगो के मुताबिक अंकित का बहनोई राजन कुमार भी उसके साथ ही रहता था। अंकित के अचानक से गायब होने पर उसके बहनोई ने घरवालों को इसकी सूचना भी दी थी। साथ ही वहां अपने स्तर से अपने साले की खोजबीन भी की थी लेकिन कुछ भी अता पता नही चलने पर वह थक-हार कर बैठ गया था। इसी बीच 3 मई को वहां बेलकादुर के पास जंगली इलाके से अंकित का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। वहां की पुलिस ने कपड़ो में मिले कागजातों से मृतक की पहचान की और मृतक के मोबाइल में नियमित कॉल होने वाले नंबर पर जब संपर्क किया तो, वह उसके बहनोई का निकला। पुलिस से लाश मिलने की सूचना पर बहनोई ने इसकी सूचना परिजनों को दी। 

गरीबी के कारण लाश लाने में सक्षम नही होने पर परिजनों ने पुतला बना कर किया दाह संस्कार-तेलंगाना की पुलिस ने लाश मिलने के बाद पोस्टमार्टम कराया और शव को अंकित के बहनोई को सौंप दिया। अब दाह संस्कार के लिए शव को गांव लाने की बारी थी, पर यही पर गरीबी का दानव मुंह बाये खड़ा हो गया और अंकित का शव मिलने के बाद भी गरीबी के कारण घर नहीं लाया जा सका।

अंकित का बहनोई भी गरीब ही ठहरा। इस कारण उसकी भी ऐसी हैसियत नही रही कि वह अपने साले की लाश को तेलंगाना से 1,322 किमी. की दूरी तय कर औरंगाबाद ला सके। यहां तक कि गरीबी और पैसे के अभाव में परिजन भी तेलंगाना नहीं जा सके। इस स्थिति में बेचारा बहनोई मरता क्या न करता। उसने भी अर्थाभाव में बहनोई की लाश को वही मिट्टी में दफना दिया। इधर शिवपुर गांव में परिजनों ने मृतक के नाम का पुतला बना कर दाह संस्कार कर दिया।

शिवपुर के ग्रामीण भरत पाठक, ललित पाठक और रघुवीर पासवान ने बताया कि सुरेंद्र मालाकार का परिवार बेहद गरीब है। अंकित ही मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। उसकी मौत के बाद स्थिति और भी खराब हो गयी है। फिलहाल तो परिजनों के पास अंकित का ब्रह्मभोज करने के लिए भी पैसे नहीं है। इस हादसे के बाद शिवपुर गांव में मातम पसरा है। गांव के लोग गरीबी के कारण परिजनों द्वारा लाश नही लाए जाने से हतप्रभ है।

स्थिति यह हैं कि यदि गांव वाले आपस में चंदा कर कुछ रूपये का इंतजाम कर भी लेते तो भी दूरी इतनी लंबी थी कि लाश तो आ जाती पर उसकी हालत बेहद खराब हो जाती।

इस वजह से भी परिजनों ने पुतला बनाकर ही दाह संस्कार की क्रिया करना मुनासिब समझा। परिजनों को अंकित की लाश नही ला पाने से गम दोहरा हो गया है। उनका रो रोकर हाल-बेहाल है। इस बीच ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गरीब परिवार को मदद पहुंचाने की गुहार लगायी है।

औरंगाबाद में नक्सलियों के खात्मे के लिए नक्सल इलाके में खुला थाना, सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन

औरंगाबाद : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गुरूवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से औरंगाबाद जिले के दो नवसृजित थानों समेत चार नवनिर्मित थाना भवनों के साथ ही कुल 74 नवनिर्मित थाना भवनों को राज्य की सेवा में समर्पित किया। 

इस दौरान सीएम ने नवसृजित आंजन व कंचनपुर नक्सल थाना के अलावा बंदेया एवं नबीनगर के नवनिर्मित थाना भवनों को प्रदेश की राजधानी पटना के डॉ. श्रीकृष्ण पथ स्थित विशेष सुरक्षा दल केंद्र से जिलेवासियों को समर्पित किया। 

औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने बताया कि आंजन एवं कंचनपुर नवसृजित नक्सल थाना है। इन दोनो थानों का भवन बनकर तैयार था, जिसका मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। दोनों नये थानों में थानाध्यक्ष समेत पुलिस टीम को प्रतिनियुक्त करने की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएंगा। 

उन्होंने बताया कि बंदेया एवं नबीनगर थाना पहले किराए के भवन में चल रहे थे। अब इन दोनो थानों को भी अपना भवन उपलब्ध हो गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

*औरंगाबाद के 4 समेत बिहार के 74 नवनिर्मित थाना भवनों को मुख्यमंत्री ने राज्य को किया समर्पित*

औरंगाबाद : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गुरूवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से औरंगाबाद जिले के दो नवसृजित थानों समेत चार नवनिर्मित थाना भवनों के साथ ही कुल 74 नवनिर्मित थाना भवनों को राज्य की सेवा में समर्पित किया। 

इस दौरान सीएम ने नवसृजित आंजन व कंचनपुर नक्सल थाना के अलावा बंदेया एवं नबीनगर के नवनिर्मित थाना भवनों को प्रदेश की राजधानी पटना के डॉ. श्रीकृष्ण पथ स्थित विशेष सुरक्षा दल केंद्र से जिलेवासियों को समर्पित किया। 

औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने बताया कि आंजन एवं कंचनपुर नवसृजित नक्सल थाना है। इन दोनो थानों का भवन बनकर तैयार था, जिसका मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। दोनों नये थानों में थानाध्यक्ष समेत पुलिस टीम को प्रतिनियुक्त करने की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएंगा। 

उन्होंने बताया कि बंदेया एवं नबीनगर थाना पहले किराए के भवन में चल रहे थे। अब इन दोनो थानों को भी अपना भवन उपलब्ध हो गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

दोस्त के साथ मिलकर किया था हत्या, कोर्ट ने दोनो को सुनाया आजीवन कारावास की सजा

औरंगाबाद : एडिजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने उपहारा थाना कांड संख्या 06/2001 ,एसटीआर 158/2001 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए हत्या मामले के अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

एपीपी देवीनंदन सिंह ने बताया कि अभियुक्त राम प्रवेश साव और राजेंद्र साव बुधई उपहारा को भादंवि धारा 302/34 में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पच्चीस हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी। 

बताया कि दोनों अभियुक्त को 25/04/23 को दोषी ठहराया गया था और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था। 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक एकबाली साव सहरसा उपहारा ने 12/03/2001 को बताया कि गांव के पुरब बघार पर एक औरत के लाश मिलने की खबर मिली, जाकर देखा तो विवाहित पुत्री की लाश थी।जिसकी विदाई एक दिन पुर्व दामाद रामप्रवेश साव के साथ किये थे। 

ससुराल पक्ष के दामाद रामप्रवेश साव, उनके मित्र राजेन्द्र साव,ससुर रामचन्द्र साव,समधीन राजमणि देवी मिलकर सदैव एक टीवी और गाय की मांग करते थे न देने पर गाली गलौज मारपीट कर धमकी देते थे। ये चारों मिलकर षड्यंत्र कर विदाई कराकर हत्या कर दिये और लाश फेंक दिया। 

घटनास्थल निरीक्षण , मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट, आरोप पत्र, गवाही से घटना के सत्यता प्रकट हुए थे। 25/04/23 को ससुर और सास को निर्दोष पाते हुए रिहा किया गया था। 

आज सजा के बिंदु पर अभियुक्त के छोटे छोटे बच्चों के दुहाई लगाते हुए बचाव पक्ष ने कम से कम सज़ा की मांग की तो एपीपी देवीनंदन सिंह ने कहा कि दूसरी शादी कर लेने से पहली पत्नी के हत्या के पाप खत्म नहीं होता। समाज में अच्छा संदेश जाएं इसलिए आरोपी को अधिकतम सज़ा हो।

दोनों पक्षों के सुनने के पश्चात जज ने फैसला सुनाया। जिसे सुनकर अभियुक्तों और उनके परिजन रोने लगे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

न्यायिक आदेश के अवमानना पर रफीगंज थाना अनुसंधानकर्ता को शोकोज

औरंगाबाद : व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे तीन अमित कुमार सिंह ने रफीगंज थाना कांड संख्या 09/23 में लम्बित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अनुसंधानकर्ता पर शोकोज किया है। 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी 05/01/23 को भादंवि धारा 427,436 में दर्ज कराई गई थी। 

अभियुक्त की ओर दाखिल जमानत याचिका पर न्यायालय ने केश डायरी की मांग पत्र और स्मार पत्र काफी पहले निर्गत किया था। परंतु प्रतिवेदन अप्राप्त है न्यायिक आदेश के अवमानना पर न्यायालय ने शोकोज कर स्पष्टीकरण मांगा है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

शराब व्यापारी को कोर्ट ने सुनाया पांच साल सश्रम कारावास की सजा, लगाया अर्थ दंड

औरंगाबाद : आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सह विशेष न्यायालय उत्पाद द्वितीय ने उत्पाद वाद 190/22, ट्रायल 5503/22 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एक मात्र अभियुक्त सुशील कुमार,खान मुफ्फसिल को सज़ा सुनाई है।  

अपर विशेष लोक अभियोजक राजीव रंजन सिंह ने बताया कि बिहार मध निषेध उत्पाद संसोधन अधिनियम 2018 की धारा 30 ए में 25/04/23 को अभियुक्त को दोषी ठहराया गया था और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था। 

विशेष लोक अभियोजक कुमार योगेन्द्र नारायण सिंह ने कहा कि आरोप गठन के बाद मात्र पांच माह में सुनवाई पूरी करते हुए आज़ सज़ा सुनाई गई है। अभियुक्त को पांच साल सश्रम कारावास की सजा हुई है एक लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी। 

विधि परामर्शी कुमार सम्भव ने बताया कि प्राथमिकी 14/09/22 को हैदर अली अ .नि. म. निषेध उत्पाद थाना औरंगाबाद ने दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि अभियुक्त को विजहर मोड़ रिसियप में वाहन चेकिंग अभियान में एक फोर व्हीलर के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस फोर व्हीलर में अवैध 293 लिटर टनका देशी शराब बरामद किया गया था। अभियोजन की ओर से पांच गवाही हुई।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

थाना प्रभारी के वेतन से दस हजार होगी वेतन कटौती

आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सात सुनील कुमार सिंह ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 125/20 में दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है कि थाना प्रभारी के वेतन से दस हज़ार रुपए कटौती किया जाए और इस न्यायिक आदेश के अनुपालन के लिए सूचना आरक्षी अधीक्षक औरंगाबाद और कोषागार पदाधिकारी औरंगाबाद को भेजा जाएं, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि लम्बित जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है वाद दैनिकी की मांग 24/03/23 और स्मारपत्र से 10/04/23 को की गई थी पुनः कारण पृच्छा 26/04/23

को भेजा गया परन्तु प्रतिवेदन अप्राप्त है न्यायिक आदेश के लगातार हो रही अवमानना पर जज ने

आज़ कठोर कार्रवाई की है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

8 तारीख को 8 बजे हाजिर हो अनुसंधानकर्ता,

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आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे तीन अमित कुमार सिंह ने दो जमानत याचिका के सुनवाई करते हुए अनुसंधानकर्ता को शोकोज किया है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि नगर थाना कांड संख्या 456/22 में जमानत याचिका केश डायरी के इंतजार में लंबित चल रहा है इसमें मांग पत्र 01/03/23, स्मार पत्र

23/03/23 को भेजा गया था,इस वाद के अनुसंधानकर्ता विनय कुमार सिंह को स्पष्टीकरण सहित 08/05/23 को 08 बजे सदैह उपस्थित होने का आदेश दिया गया है ,

वहीं एक दुसरे लंबित जमानत याचिका पर

सुनवाई करते हुए ओबरा थाना के अनुसंधानकर्ता

अमरेन्द्र कुमार को शोकोज किया गया है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि ओबरा थाना कांड संख्या 414/22 में वाद दैनिकी की मांग 01/03/23 और 23/03/23 को किया गया था ,08/05/23को 08 बजे अनुसंधानकर्ता को सदैह उपस्थित होने का न्यायिक आदेश दिया गया है आपको मालूम कि कोर्ट मोर्निग चल रही है

लुट के दौरान हुई हत्या के आरोपी दोषी करार

आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे तीन अमित कुमार सिंह ने फेसर थाना कांड संख्या 18/16 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त बिष्णु गुप्ता बिराटपुर को भादंवि धारा 302/392/411/34 में दोषी करार दिया है और सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 06/05/23 निर्धारित किया गया है अधिवक्ता ने बताया कि चर्चित कांड के सूचक रविरंजन शाहपुर ने बताया कि 13/05/16 को सहोदर भाई धर्मजीत कुमार भाड़े के टेम्पु से जीविकापार्जन करता था ,आज नवाडीह स्टेंड से यह कहकर गया कि बेली गांव रिजर्व जा रहे हैं दो घंटे में वापस आऊंगा,शाम में खबर मिली कि भाई की हत्या कर लाश गम्हरी में बरामद किया गया है घटनास्थल पर पहुंचे तो ग्रामीणो ने दो व्यक्ति को पकड़ रखा था पकड़े गए व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि लुट के इरादे से टेम्पु रिजर्व किया था सुनसान रास्ते में लुट के विरोध करने पर धर्मजीत की हत्या कर लाश टेम्पु के पीछे रख कर ले जा रहे थे तो टेम्पु गम्हरी गांव के नाली में फस गया और टेम्पु पर लाश देखकर ग्रामीणो ने पकड़ लिया है,एक अन्य अभियुक्त सुमंत कुमार विराटपुर की बयान के बाद मृत्यु हो गई थी,