एससीओ बैठक के लिए आज भारत आ रहे बिलावल भुट्टो जरदारी, जयशंकर से मुलाकात पर सस्पेंस बरकरार
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भारत की मेजबानी में आज से गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हो रही है। बैठक में शामिल सदस्य देश इस सम्मेलन में क्षेत्रीय चुनौतियों और राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आ रहे हैं।पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारतीय जमीन पर करीब 24 घंटे रुकेंगे। करीब 12 बरस बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत में होगा।
बैठक में शरीक होने के लिए पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का गल्फ-स्ट्रीम चार्टेड विमान गोवा हवाई अड्डे पर 4 मई को शाम करीब 4 बजे तक पहुंच जाएगा। उसी शाम को एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों का एक रात्रिभोज भी आयोजित किया गया है।पाकिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे पर न केवल दोनों देशों के बीच सीमा-पार प्रायोजित आतंकवाद के पुराने विवादों का साया दिखाई देगा बल्कि चंद माह पहले पीएम मोदी को लेकर दिए बिलावल भुट्टो के आपत्तिजनक बयान की खटास का भी असर होगा।
बिलावल की इस यात्रा को ज्यादा तवज्जो नहीं
मीडिया में इस बात की भी चर्चा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री की इस यात्रा को भारत कोई तवज्जो नहीं दे रहा है। भारतीय विदेश मंत्री जहां एससीओ बैठक से इतर रूस, चीन एवं एससीओ के अन्य विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं, वहीं बिलावल के साथ उनकी मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं है।
2016 में सरताज अजीज भारत आए थे
बीते सात सालों में यह पहला मौका है जब बहुपक्षीय बैठक के लिए पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की भारत यात्रा हो रही है। इससे पहले 2016 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज 'हर्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आए थे। बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा को लकर मीडिया में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कई लोग भुट्टो की इस यात्रा को भारत-पाकिस्तान रिश्तों में एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। लोगों का कहना है कि भारत से संबंध सुधारने के लिए भुट्टो को अपनी इस यात्रा का इस्तेमाल एक अवसर के रूप में किया जाना चाहिए।
एस जयंशकर ने लिया तैयारियों का जायजा
'एससीओ विदेश मंत्री सम्मेलन 2023' की तैयारियों का जायजा लेने एस जयशंकर खुद बुधवार को गोवा पहुंचे। समरकंद सम्मेलन 2022 के बाद भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ली थी। वह विदेश मंत्रियों सहित एससीओ की कई बैठकों व सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। शिरकत के लिए पाकिस्तान, चीन व रूस सहित सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, सभी ने भागीदारी की रजामंदी दी है।
बता दें कि साल 2001 में एससीओ की स्थापना हुई थी। एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत इस वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता कर रहा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन में स्थित एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे। समझा जाता है कि इस बैठक में आतंकवाद की चुनौतियों के अलावा यूक्रेन युद्ध के प्रभावों पर भी चर्चा हो सकती है।
May 04 2023, 14:54