*साइकिल में साड़ी का पल्लू फंसने से शिक्षिका का ब्रेन डेड, कास्ट सेंसस कार्य के लिए बाइक से जा रही थी*
बेगूसराय : जिले में बाइक सवार शिक्षिका की साड़ी का पल्लू साइकिल में फंसने से भयानक हादसा हुआ था। पति के साथ बाइक पर कास्ट सेंसस के कार्य के लिए जा रहीं थी। शिक्षिका का ब्रेन डेड हो चुका है। 25 अप्रैल को हुई दुर्घटना के बाद उनको पटना रेफर किया गया था। वहां से बुधवार की शाम वापस परिजनों ने बेगूसराय में एडमिट कराया है।
वह अभी सदर अस्पताल बेगूसराय में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं। 25 अप्रैल की सुबह शहर के बाघा आरओबी के पास सड़क दुर्घटना का शिकार हुई थी। दुर्घटना के बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां से पटना रेफर कर दिया गया। वहां से इलाज के दौरान ब्रेन डेड होने के बाद अस्पताल से रिलीज कर दिया गया। बुधवार की शाम परिजनों ने उसे बेगूसराय के सदर अस्पताल में भर्ती कराया है।
ड्यूटी पर जा रहीं थी
घटना उस वक्त घटी जब वह अपने पति के साथ अख्तियारपुर सरकारी स्कूल ड्यूटी और जातीय गणना के कार्य से जा रही थी। शिक्षिका की पहचान मुफसिल थाना क्षेत्र के खम्हार निवासी संजय सिंह की पत्नी संगीता कुमारी ( 42 ) के रूप में हुई है। फिलहाल वह शहर के मीरगंज में रहती थी। जहां से रोज स्कूल ड्यूटी करने जाती आती थी।
छात्रा की साइकिल में पल्लू फंसकर हुआ एक्सीडेंट
घायल शिक्षिका के पति ने बताया कि वह 25 अप्रैल की सुबह में लगभग 6:30 बजे मीरगंज से अख्तियारपुर बाइक पर सवार होकर ड्यूटी पर जा रही थी। बाघा ओवरब्रिज के पास एक छात्रा की साइकिल में शिक्षिका का पल्लू फंस गया था। इसके बाद वह बाइक से अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गई और दुर्घटना का शिकार हो गई। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से पटना रेफर कर दिया गया।
पटना में भी स्थिति चिंताजनक देखकर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। इधर, सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर पर चिकित्सक महिला शिक्षिका को भी रखा है। डॉक्टरों का कहना है कि इनका ब्रेन डेड हो चुका है। फिलहाल इलाज किया जा रहा है।
शिक्षक संघ ने 50 लाख मुआवजे की मांग की
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्य संयोजक राजू सिंह और जिला अध्यक्ष मिलन कुमार मिश्रा ने कहा कि इस दुखद घटना के घटित होने से शिक्षक समाज काफी मर्माहत है। शिक्षिका संगीता कुमारी के परिजनों के साथ संघ की संवेदना है। जातीय जनगणना और विद्यालय करने की बाध्यता को लेकर शिक्षक भागदौड़ के वजह से काफी परेशान रहते हैं। यह अन्याय पूर्ण है।
अगर सरकार जल्द ही इस नियम में बदलाव नहीं करती है तो और भी शिक्षकों के दुर्घटनाग्रस्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।संघ सरकार से तत्काल 50 लाख रुपया मुआवजा के रूप में उनके परिजनों को देने की मांग करती है। विद्यालय या जाति जनगणना में से एक काम ही करने का नियम विभाग को देना चाहिए। अगर जल्द ही विभाग आदेश नहीं करेगा तो संघ आंदोलन करने को बाध्य होगा।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Apr 27 2023, 15:02