ट्विटर ने हटाए कई हस्तियों के ब्लू टिक, टाटा से लेकर अडानी और राहुल से लेकर सीएम योगी तक के नाम शामिल, इस खिलाड़ियों के साथ भी “खेला

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ट्विटर ने वेरिफाइड अकाउंट से फ्री ब्लू टिक हटा दिए हैं। जिन लोगों ने ब्लू ट‍िक प्लान के लिए पेमेंट नहीं क‍िया था, उनके ट्वि‍टर अकाउंट से ब्लू टिक हटा द‍िया गया है।ट्विटर के इस एक्शन के बाद कई बड़े अरबपति बिजनेसमैन, दिग्गज खिलाड़ियों से लेकर कई बड़े राजनेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए गए हैं।अब तक ये मुफ्त में ब्लू टिक का लाभ उठाते चले आ रहे थे, लेकिन अब इन अरबपति कारोबारियों को भी ब्लू टिक के लिए पैसे चुकाने होंगे। तभी ब्लू टिक की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

कई द‍िग्‍गजों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा

ट्विटर की इस नए फीचर्स के लागू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, सलमान खान, शाहरुख खान सहित कई सेलिब्रेटी के ब्‍लू ट‍िक हट गए हैं। अम‍िताभ बच्‍चन, व‍िराट कोहली, सच‍िन तेंदुलकर का भी ट्व‍िटर से ब्‍लू ट‍िक हट गया है। इसके अलावा यूपी के बसपा सुप्रीमो मायावती, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित कई द‍िग्‍गजों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया।

इन खिलाड़ियों ने खोया ब्लू टिक

ट्विटर ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा, दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का ब्लू टिक हटा दिया। टिक खोने वालों में महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी हैं।ट्विटर ब्लू टिक खोने वालों में पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम भी हैं। के अलावा पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी, पूर्व कप्तान शोएब मलिक और पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के ट्विटर अकाउंट से भी ब्लू टिक को हटा दिया गया है।

ऐसे पा सकते हैं ब्लू टिक

अब अगर अपने ट्विटर अकाउंट पर ये दिग्गज ब्लू टिक चाहते हैं या फिर पहले से मिले ब्लू टिक को वापस पाना चाहते हैं तो उन्हें वेब ट्विटर ब्लू टिक के सब्सक्रिप्शन के लिए 650 रुपए प्रतिमाह चुकाने होंगे और मोबाइल यूजर्स को 900 रुपए हर महीने देने होंगे। अगर वह एक साल के लिए ब्लू टिक का सब्सक्रिप्शन लेते हैं तो 6800 रुपए ईयरली प्लान के लिए देने होंगे और मोबाइल यूजर्स को 9400 रुपए सालाना देने होंगे। इसके साथ ही 12 फीसदी छूट का भी लाभ उठा सकते हैं।ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक का सब्सक्रिप्शन लेने वालों के लिए एलन मस्क ऑफर भी पेश कर रहे हैं। लेकिन ये ऑफर आपको एक साल के प्लान पर मिलेगा। ब्लू टिक के लिए एक साल वाले सब्सक्रिप्शन प्लान पर 12 फीसदी की स्पेशल छूट दी जा रही है। यह 12 फीसदी छूट लाभ मोबाइल यूजर्स और नोन मोबाइल यूजर्स दोनों के लिए एविलेवल है।

क्या है ट्विटर ब्लू?

मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद ही कई नए फैसले लिए थे, जिसमें ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन भी शामिल है। ट्विटर ब्लू के तहत ब्लू टिक के लिए यूजर्स को हर महीने एक तय राशि देनी होती है। भारत में ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन की सुविधा कुछ समय पहले ही लॉन्च हुई है। ट्विटर ब्लू की भारत में मोबाइल के लिए हर महीने 900 रुपये और वेब वर्जन के लिए 650 रुपये की कीमत तय की गई है।बता दें कि लेगेसी वेरिफाइड अकाउंट से ब्लू टिक हटाने का ऐलान एलन मस्क ने 12 अप्रैल को ही कर द‍िया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि 20 अप्रैल से लेगेसी ब्लू टिक मार्क वेरिफाई अकाउंट से हट जाएगा। मस्क ने कहा था क‍ि अगर ब्लू टिक चाहिए तो इसके लिए हर महीने पेमेंट करना पड़ेगा।

नोबेल विजेता अमर्त्य सेन को विश्व भारती की नोटिस, 13 डेसीमल जमीन खाली करने का अल्टीमेटम

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पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी की ओर से नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को नोटिस दिया गया है। अमर्त्य सेन को 15 दिन के अंदर जमीन खाली करने का नोटिस दिया है। इसके अनुसार, छह मई तक या 19 अप्रैल को जारी अंतिम आदेश के 15 दिन के अंदर 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर तय समय-सीमा तक जमीन खाली न हुई तो उन्हें जबरन हटाया जाएगा।

विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने बुधवार को नोबेल प्राइज विनर अमर्त्य सेन को एक नोटिस जारी किया।यूनिवर्सिटी का दावा है कि सेन ने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने बेदखली के आदेश में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को 6 मई तक या 19 अप्रैल को अंतिम आदेश के प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर 13 डेसीमल भूमि को खाली करने के लिए कहा है। जिस पर वह कथित रूप से अनधिकृत तरीके से रह रहे हैं।

नोटिस में कहा गया है, "अमर्त्य कुमार सेन और सभी संबंधित व्यक्तियों को वहां से किसी भी प्रकार से बेदखल किया जाना है। यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित परिसर के उत्तर-पश्चिम कोने में 50 फीट x 111 फीट के आयाम वाली 13 डिसमिल भूमि को अतिक्रमण मुक्त बनाना है। संयुक्त रजिस्ट्रार आशीष महतो द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि "इस प्रकार वह अनुसूचित परिसर में केवल 1.25 एकड़ भूमि पर कानूनी रूप से पट्टे की शेष अवधि के लिए रह सकते हैं। उनके पास अनुसूचित परिसर में 1.38 एकड़ भूमि पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है।

वहीं, सेन ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि विश्व भारती ने 1.25 एकड़ जमीन उनके पिता आशुतोष सेन को एक निश्चित समय के लिए किराए पर दी थी। जबकि विवाद वाली 13 डिसमिल जमीन उनके पिता ने खरीद ली थी। उनके पास यह साबित करने के लिए सभी जरूरी डॉक्यूमेंट हैं।

गुजरात दंगाःनरोदा गाम नरसंहार में आया अहमदाबाद की विशेष कोर्ट का फैसला, सभी आरोपी बरी

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साल 2002 में गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाव में हुए नरसंहार मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी।इस मामले के आरोपियों में बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे।मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

गोधरा ट्रेन कांड के एक दिन बाद हुई थी हिंसा

बता दें कि गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। साथ ही कई अन्य घायल हो गए थे।28 फरवरी को अहमदाबाद के नरोडा गांव में हुई घटना के 6 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। इस मामले की सुनवाई 2009 से शुरु हुई थी। मामले में 187 लोगों से पूछताछ हुई थी। जबकि 57 चश्मदीद के बयान भी दर्ज किए गए थे इस मामले में 13 साल से सुनवाई चल रही थी।

अमित शाह भी बचाव पक्ष के गवाह के रूप में हो चुके हैं पेश

सितंबर 2017 में भाजपा के वरिष्ठ नेता (अब केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह भाजपा नेता माया कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में अदालत के समक्ष पेश हुए थे। कोडनानी ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें यह साबित करने के लिए बुलाया जाए कि घटना के दिन वह गुजरात विधानसभा में और बाद में सोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं, न कि नरोदा गाम में, जहां नरसंहार हुआ था।

कौन हैं माया कोडनानी?

माया कोडनानी का पूरा नाम माया सुरेंद्रकुमार कोडनानी है। वह पेशे से गाइनोकोलोजिस्ट हैं। उन्होंने बरोदा मेडिकल कॉलेज में लंबे समय तक अपनी सेवाएं भी दीं। राजनीति में प्रवेश के साथ ही उन्होंने पहली बार 1995 में निकाय चुनाव में लड़ा। इसके बाद वह गुजरात के 12वें विधानसभा चुनाव में नरोडा सीट से विधायक के तौर पर चुनी गईं। बाद में वह गुजरात सरकार में वुमेन एंड चाइल्ड डेवलेप्मेंट मंत्री भी रहीं। वर्ष 2002 में गुजरात दंगों में इनकी भूमिका के लिए निचली अदालत ने वर्ष 2012 में दोषी करार दिया था। इस मामले में बाद में उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गई।

उत्तरप्रदेश के एक डॉन को रोपड़ जेल में रखने पर कानूनी खर्च की भरपाई पंजाब सरकार उन मंत्रियों से करेगी, जिन्होंने उसे रखने की सलाह दी थी, पंजाब के सीएम का फैसला

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को कहा कि यूपी के एक डॉन को रोपड़ जेल में रखने पर हुए कानूनी खर्च की भरपाई पंजाब सरकार उन मंत्रियों से करने पर विचार कर रही है जिन्होंने यह आदेश दिया था।

आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पुलिस जांच के आदेश से खुलासा हुआ था कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक दो साल और तीन महीने के लिए रोपड़ की जेल में बंद थे। उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे।

एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी द्वारा की गई जांच में कुछ जेल अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से रिश्वत लेने और उन्हें रोपड़ में जेल में रखने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की सिफारिश की गई है। आप सरकार ने पिछले साल जांच के आदेश दिए थे।

सीएम मान ने गुरुवार को कहा कि उनके खिलाफ 48 बार वारंट जारी किया गया, ताकि उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा जा सके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें यहां जेल में रखने का कानूनी खर्च 55 लाख रुपये था। हम यह खर्च उन मंत्रियों से वसूलने पर विचार कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें रोपड़ जेल में रखने का फैसला किया।

अजब गजब, उत्तराखंड के पौड़ी में बंदरों को पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा, कैद हो गया गुलदार, देखकर छूटे लोगों के पसीने

 उत्तराखंड के पौड़ी में नागदेंव रेंज के अणेथ गांव में वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था लेकिन पिंजरे में बंदर की जगह गुलदार फंस गया। जबकि एक अन्य गुलदार मौके से भाग गया। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और गुलदार का मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल जांच में गुलदार स्वस्थ मिला। वन विभाग की टीम जल्द ही गुलदार को जंगल में छोड़ देगी।

गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज स्थित अणेथ गांव व आसपास के गांवों में बंदरों का उत्पात बना हुआ है। एक ग्रामीण ने बताया कि बंदर अब तक कई लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं। बंदर घरों में घुसकर खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

 ग्रामीणों की मांग पर कुछ माह पहले वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था। पिंजरे में अभी तक कोई बंदर नहीं फंसा। अणेथ गांव में एक ग्रामीण ने बताया कि वह सुबह पांच बजे उठे तो देखा कि घर के पास बंदर पकड़ने के लिए लगाए पिंजरे में गुलदार फंसा है।

एक अन्य गुलदार पिंजरे के पास घूम रहा है। शोर मचाने के बाद दूसरा गुलदार भाग गया। इसके बाद उन्होंने सूचना ग्रामीणों और वन विभाग को दी। ग्रामीणों ने कहा कि बंदर से परेशान थे अब गुलदार भी आ धमका है।

उन्होंने वन विभाग से प्रभावित क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की। वहीं नागदेव रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन नेगी ने बताया कि गुलदार करीब एक साल की मादा है। उसे रेस्क्यू कर मॉडल क्रू स्टेशन बुआखाल लाया गया। मेडिकल परीक्षण में वह स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है।

माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी को पकड़ने में यूपी की पुलिस नाकाम, दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी है घोषित



उत्तर प्रदेश में माफिया की पत्नियों को पड़कने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। दोनों पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ है। पुलिस की टीमें दोनों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है।

प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई थी। 25 फरवरी को उमेश की पत्नी ने अतीक, अशरफ, शाइस्ता, अतीक के बेटे, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान समेत अतीक के कई अज्ञात गुर्गों और सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया था। शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस फरार शाइस्ता की तलाश में जुटी है। शाइस्ता पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी है। शाइस्ता किसी सुरक्षित ठिकाने पर छिपी है। शाइस्ता बेटे के एनकाउंटर के बाद और अपने शौहर और देवर की हत्या के बाद चेहरा तक देखने के लिए नहीं आईं। 

वहीं, अशरफ की पत्नी जैनब भी फरार है। जैनब भी अपने शौहर के जनाजे में शामिल नहीं हुई थी। जैनब भी अपने शौहर का आखिरी बार चेहरा देखने नहीं पहुंची थी। दरअसल, उमेश पाल की हत्या के दौरान जैनब अपने घर पर थी। पुलिस जैनब को पकड़कर लाई और पूछताछ के बाद शांति भंग में चालान कर दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने जैनब को भी वांछित कर दिया।

सेना की गाड़ी में लगी भीषण आग, चार जवान शहीद, कई जवान घायल

 

 इस वक्त की बड़ी खबर जम्मू-कश्मीर से आ रही है, जहां सेना की गाड़ी में भीषण आग लग गई है। इस हादसे में चार जवानों के शहीद होने की खबर है जबकि कई जवानों के गाड़ी में फंसे होने की बात कही जा रही है। हादसा पुंछ-जम्मू नेशनल हाइवे पर भाटादूडियां क्षेत्र की है।

हादसे की जानकारी मिलते ही सेना के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में आसपास के लोग मौके पर पहुंचे है। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया है। आग की चपेट में आने से कुछ जवानों के घायल होने की भी खबर है। 

मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंच गईं हैं, राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सेना ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पीएम मोदी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, कहा-भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण कर भारत तेजी से आगे बढ़ा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।आज के कार्यक्रम के लिए चीन को भी न्योता गया था लेकिन उसकी सीट खाली रही। हां, ताइवान से जरूर प्रतिभागी शामिल हुए हैं। सबसे बड़ा बौद्ध दल वियतनाम से आया है। इस कार्यक्रम में दलाई लामा को भी आना था लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह शामिल नहीं हो सके।

बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण कर भारत तेजी से आगे बढ़ा-पीएम मोदी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति हमें भगवान बुद्ध की उपस्थिति का एहसास कराती है।पीएम ने कहा कि भारत ने सिद्धांत, व्यवहार एवं अनुभव के रास्ते पर चलते हुए भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण किया है। इन सभी में भारत तेजी से आगे बढ़ा है। भारत ने इतने सारे क्षेत्रों में अपना पहला स्थान हासिल किया है और उसने भगवान बुद्ध से उसी के लिए महान प्रेरणा प्राप्त की है। पीएम ने कहा कि बुद्ध का मार्ग सिद्धांत, अभ्यास और अहसास है। पिछले 9 वर्षों में भारत इन तीनों ही बिन्दुओं पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। भूकंप की चपेट में आने के बाद तुर्किये सहित अन्य लोगों की मदद करने वाले देश का हवाला देते हुए पीएम ने कहा कि भारत ने हर इंसान के दर्द को अपना माना है

चीन को बड़ा संदेश

पीएम ने युद्ध और शांति की बात करते हुए चीन को बड़ा संदेश दिया। बॉर्डर पर बार-बार दुस्साहस करने वाले चीन को इशारों में मैसेज देते हुए पीएम ने कहा कि कुछ साल पहले संयुक्त राष्ट्र में मैंने गर्व के साथ कहा था कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं। उन्होंने कहा कि जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है।आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में है।’उन्होंने कहा, ‘हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का यह बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है।

हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के साथ विश्व हित भी हो-पीएम मोदी

वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सभी को अपने आस-पास गरीबी से जूझ रहे लोगों के बारे में और साथ ही संसाधनों के अभाव में फंसे देशों के बारे में सोचना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘एक बेहतर और स्थिर विश्व की स्थापना के लिए यही एक मार्ग है। आज यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।

विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में नहीं-पीएम मोदी

आज एक ओर महीनों से दो देशों में युद्ध चल रहा है तो वहीं दुनिया आर्थिक अस्थिरता से भी गुजर रही है। आतंकवाद और मज़हबी उन्माद जैसे खतरे मानवता की आत्मा पर प्रहार कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती पूरी मानवता के अस्तित्व पर आफत बनकर मंडरा रही है। ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं। पारिस्थितकीय तंत्र नष्ट हो रहे है। प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। लेकिन इन सबके बीच हमारे आप जैसे करोड़ों लोग भी हैं जिन्हें बुद्ध में आस्था है और जीव मात्र के कल्याण में विश्वास है। प्रधानमंत्री ने इस उम्मीद को धरती की सबसे बड़ी ताकत करार दिया और कहा कि जब यह ताकत एकजुट होगी तो बुद्ध का धम्म विश्व की धारणा बन जाएगा और बुद्ध का बोध मानवता का विश्वास बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान सैंकड़ों वर्ष पहले दिए गए बुद्ध के उपदेशों में न हो।

पीएम मोदी और कश्मीर को लेकर अक्सर “जहर” उगलने वाले बिलावल भुट्टो भारत आएंगे, नवाज शरीफ के बाद किसी पाकिस्तानी नेता की पहली यात्रा

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्‍मीर को लेकर जहर उगलने वाले पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत दौरे पर आ रहे हैं। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई है कि बिलावल, गोवा में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे। बता दें कि, वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद यह किसी सत्तारूढ़ पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी।

बिलावल की यह यात्रा अगले महीने के शुरूआत में 4 मई को होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आगामी 4-5 मई को भारत में चीन की अगुवाई वाले शंघाई को-ऑपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक होगी। बिलावल यहां गोवा में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।

मार्च में पाकिस्‍तान की तरफ से बयान दिया गया था कि अभी तक भुट्टो के भारत जाने के मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। भुट्टो एससीओ की मीटिंग में आएंगे या नहीं इस बात को लेकर कई दिनों से अटकलें तेज थीं। गुरुवार को पाकिस्‍तान विदेश विभाग की प्रवक्‍ता मुमताज जाहरा बलोच ने बिलावल के भारत दौरे पर आधिकारिक जानकारी दी।

बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे

साल 2014 के बाद से पहला मौका होगा जब पाकिस्‍तान का कोई हाई-प्रोफाइल नेता भारत आएगा। उस साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्‍ता में आए थे तो तत्‍कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया था। बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे। साल 2012 में वह अपने पिता और पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भारत आए थे। दोनों ने अजमेर जाकर मजार-ए-शरीफ पर चादर भी चढ़ाई थी। बिलावल ने उस समय बयान दिया था कि पाकिस्‍तान, भारत के साथ शांति चाहता है।

पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी

बिलावल भुट्टो पाकिस्तानी राजनीति में अपनी 'भारत विरोधी' बयानबाजी के चलते सुर्खियों में रहे हैं।दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशंस के एक कार्यक्रम में बिलावल ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी की थी। बिलावल ने सारी हदों को पार करते हुए अल कायदा के मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन से पीएम मोदी की तुलना कर डाली थी। उन्‍होंने कहा था कि कोई भी शब्‍द या आलोचना भारत में भगवा आतंकवाद के अपराधों को छिपा नहीं सकता है। भुट्टो का यह विवादित बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद आया था।

लंदन भागने की फिराक में थी भगोड़े अमृतपाल की पत्नी, पुलिस ने अमृतसर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया

#amritpal_singh_wife_kirandeep_kaur_detained_from_amritsar_airport 

खालिस्तान समर्थक नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार को ब्रिटेन जाने से रोक दिया गया। किरणदीप कौर गुरुवार को लंदन की फ्लाइट पकड़ने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची जहां से उसे हिरासत में ले लिया।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किरणदीप कौर अमृतसर एयरपोर्ट से बर्मिंघम भागने की फिराक में थी, इसी सिलसिले में वह अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची थी। सूत्रों के अनुसार, किरणदीप कौर सुबह 11.40 बजे एयरपोर्ट पहुंची थी। ढाई बजे की फ्लाइट से वह यूके जा रही थी। इस दौरानगुप्त सूचना के आधार पर एयरपोर्ट पर पहले से ही मौजूद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।बता दें कि किरणदीप कौर पर खालिस्तानी समर्थकों को फंडिंग करने का आरोप है। 

बतताया जा रहा है कि लिस्ट में नाम देख इमीग्रेशन ने उन्हें रोका और उनसे पूछताछ की।उन्होंने इमिग्रेशन काउंटर को सूचना दी तो लुक आउट सर्कुलर होने के कारण इमिग्रेशन ने उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। 

किरणदीप कौर से अमृतपाल की फरारी के बाद पहले भी पूछताछ कर चुकी है। चूंकि किरणदीप कौर यूके की नागरिक है, इसलिए यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उसके पासपोर्ट की भारत में कितनी मियाद थी। सूत्रों का कहना है कि पुलिस इस बारे में जानने की कोशिश कर रही है कि वह कितने समय के लिए पासपोर्ट पर भारत में रह सकती थी। किरणदीप कौर ने पहले दिए एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि दो माह बाद उन्हें भारत छोड़ना पड़ेगा।

अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर की आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा के साथ निकटता है। शादी से पहले किरणदीप एक ऑनलाइन कंपनी में काम करती थी। अब कोई काम नहीं कर रही है। वह सोशल मीडिया के माध्यम से ही एक वर्ष पहले अमृतपाल के संपर्क में आई थी। अमृतपाल सिंह ने इसी साल 10 फरवरी को यूके में रहने वाली इस एनआरआई किरणदीप कौर से शादी की थी। दोनों की शादी को बड़े गुपचुप तरीके से अमृतपाल सिंह के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में किया गया था।