राजस्थान कांग्रेस में हलचल तेज, अशोक गहलोत ने विधायकों से लिया फीडबैक, नहीं पहुंचे सचिन पायलट, कहा- किस मुंह से जनता से मांगेंगे वोट
राजस्थान कांग्रेस में हलचल तेज है। राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को कांग्रेस विधायकों से जयपुर स्थित वार रूम में एक एक कर फीडबैक लिया। तीनों नेताओं ने दस जिलों के विधायकों से उनके खुद और सरकार के बारे में फीडबैक लिया। वहीं दूसरी तरफ पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इस फीडबैक कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
डोटासरा ने कहा, पायलट विधायक हैं,इसलिए उन्हे बुलाया गया था। पायलट ने जयपुर जिले के शाहपुरा और झुंझुंनूं का दौरा किया। पायलट ने झुंझुनूं के खेतड़ी में शहीद श्योराम की मृर्ति का अनावरण करने के बाद कहा, जनता से किए वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं, चुनाव के वक्त किस मुंह से वोट मांगेंगे। उन्होंने कहा, पिछली भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के मुददे पर मैने एक दिन का अनशन किया, लेकिन सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया।
यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। यह सरकार की नाकामी को दर्शाता है। उधर रंधावा ने मीडिया से बातचीत में पायलट के अनशन के बाद उठे विवाद में मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलाथ के दखल से इन्कार किया है। रंधावा बोले, मैं प्रभारी हूं तो समाधान मैं ही निकालूंगा ।
प्रदेशाध्यक्ष के बयान से पायलट समर्थक विधायक भड़के
विधायकों के फीडबैक कार्यक्रम के दौरान डोटासरा के बयान पर पायलट समर्थक विधायक भड़क गए। दरअसल, डोटासरा ने रंधावा से पायलट समर्थक हरीश मीणा और राकेश पारीक का परिचय करवाया। डोटासरा ने मीणा के लिए कहा, यह राज्य के पुलिस महानिदेशक और भाजपा से सांसद रहे हैं। पायलट के साथ विद्रोह कर मानेसर जाने वालों में शामिल थे।
इस पर मीणा भड़क गए और बोले, इस तरह बार-बार यह बोलेंगे तो जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। हमें प्रियंका गांधी और स्व. अहमद पटेल ने बुलाकर बात की थी। ये उनसे बड़े हो गए क्या? इस पर रंधावा ने मीणा को शांत किया। पारीक बोले, चुनावी साल में क्या संदेश देना चाहते हैं। जब राहुल गांधी ने पायलट को असेट बता दिया तो अब ये सवाल उठाना ही गलत है। रघु शर्मा ने पायलट के अनशन का समर्थन करते हुए कहा हमने तत्कालीन भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मुददे पर चुनाव लड़ा था।
विधायकों से यह सवाल पूछे
फीडबैक के दौरान 13 सवालों का एक परिपत्र विधायकों को दिया गया। अब तक सीएम कहते रहे हैं कि सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी नहीं है। लेकिन विधायकों ने माना कि चुनावी साल में एंटी इंकम्बेंसी है। विधायकों से उनके निर्वाचन क्षेत्र में धार्मिक एवं जातिगत समीकरण, सरकार की योजनाओं, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को मुददा बनाने के लिए अब तक क्या किया गया।
क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के अतिरिक्त कोई अन्य पार्टी मजबूत है क्या? सोशल मीडिया पर विधायकों से सक्रियता के बारे में भी पूछा गया। मंगलवार को 14 और बृहस्पतिवार को नौ जिलों के विधायकों से फीडबैक लिया जाएगा। चुनावी रणनीति बनाने को लेकर जयपुर में बुधवार को मंत्रियों, विधायकों, लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों का सम्मेलन होगा।
Apr 19 2023, 10:42
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