झारखंड में प्रचंड गर्मी के साथ हीं बढ़ी 2600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग

झारखंड गर्मी शुरू होते हीं झारखंड में प्रचंड तापमान बढ़ने लगा है इसके साथ ही अब बिजली की मांग भी बढ़ गई है। फिलहाल पीक समय में 2600 मेगावाट तक की मांग है। इसके मुकाबले पीक आवर में 2200 से 2300 मेगावाट उपलब्ध हो पा रहा है।

 अधिकारियों को मुख्यालय ने निर्देश जारी किया है कि बिजली की आपूर्ति सामान्य बनाए रखें और बगैर निर्देश के लोड शेडिंग से परहेज करें। फिलहाल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जा रही है। सिकिदरी हाइडेल से भी उत्पादन हो रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग और बढ़ने की संभावना है।

बिजली विभाग अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की कर रही है तैयारी

अधिकारियों के मुताबिक, बिजली की मांग की पूर्ति की पूरी तैयारी है। इसकी वजह से संकट की गुंजाइश कम है। पूर्व के आकलन के आधार पर अतिरिक्त बिजली का प्रबंधन किया जा रहा है। इस क्रम में बिजली नेटवर्क विस्तार की योजना भी सराहनीय है। रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) को लागू करने को लेकर राज्य में प्रक्रिया तेज हो रही है।

जिलों में संसाधनों का किया जाएगा विकास

दिल्ली में राज्यों की समीक्षा बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर इस योजना को तेजी से धरातल पर उतारा जाएगा। मई तक निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके तहत बिजली घाटा कम करने के लिए संसाधनों के विकास पर 3200 करोड़ और प्री-पेड मीटर पर 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्कीम के तहत सभी 24 जिलों में बिजली के संसाधनों का विकास किया जाएगा।

केंद्र सरकार कर रही है सहयोग

केंद्र सरकार ने राज्य बिजली वितरण निगम के लिए 4200 करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति दी है। इससे घाटा कम करने में सहायता मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्रों में बिजली का बेहतर नेटवर्क इसके जरिए स्थापित होगा। इस स्कीम में 13.41 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे।

इसके अलावा 72 नए कृषि फीडर बनाए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में 11 केवी की 25516 सर्किट किमी लाइन कवर्ड वायर में बदली जाएगी। संचरण घाटा कम करने के लिए लंबे फीडरों को छोटा किया जाएगा।

भाजपा का हेमंत सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन की तैयारी,भ्रष्टाचार और नियोजन नीति के खिलाफ भाजपा का आज सचिवालय का घेराव

रांची: हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार और नियोजन नीति को मुद्दा बनाकर भाजपा आज सड़क पर उतरेगी।आज भाजपा के नेता और कार्यकर्ता सचिवालय (प्रोजेक्ट भवन) घेरेंगे। इसके लिए सोमवार रात से ही पार्टी के कार्यकर्ता धुर्वा स्थित जगन्नाथ मैदान में जुटने लगे थे।

सुबह 10 बजे यहां आम सभा होगी, फिर कार्यकर्ता घेराव करने निकलेंगे। इसमें पार्टी के सभी सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे।

वहीं बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के जुटने के कारण रांची में जाम जैसे हालात पैदा होने की संभावना बन गई है। प्रशासन ने भी जगन्नाथ मैदान से सचिवालय तक कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की है। उधर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भले ही पार्टी ने भ्रष्टाचार और नियोजन नीति को मुद्दा बनाया है, लेकिन असल में शक्ति प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरना है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आशंका जताई है कि राज्य सरकार हिंसा का सहारा ले सकती है। पर, भाजपा कार्यकर्ता इससे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन रांची आ रहे लोगों को परेशान कर रही है।

धनबाद और खूंटी के अधिकारी वहां के बस मालिकों को धमका रहे हैं कि वे अपनी बसें भाजपा को न दें। अभी से पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं और बस एजेंटों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा, प्रशासनिक तैयारी स्वाभाविक है, पर यदि कोई पुलिस अधिकारी गैर कानूनी काम करेगा तो उसे बेनकाब करेंगे।

प्रोजेक्ट भवन के समीप कई सरकारी कार्यालय हैं। घेराव और प्रदर्शन से कामकाज में व्यवधान हो सकता है। यातायात व्यवस्था बाधित होने और विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की भी आशंका है। इसे देखते हुए धुर्वा गाेलचक्कर से प्राेजेक्ट भवन हाेते हुए चांदनी चाैक के रास्ते हटिया काे जाेड़ने वाली सड़क की 200 मीटर की परिधि में सुबह 8 से रात 11:30 बजे तक धारा 144 लागू रहेगा। जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है।इस दौरान तमाम पाबंदियों के साथ किसी प्रकार के हरवे-हथियार या अस्त्र-शस्त्र लेकर निकलने की पाबंदी रहेगी।

मंगलवार को रांची में हो रहा सचिवालय घेराव भाजपा के लोकसभा चुनाव की तैयारी का रिहर्सल है। संगठन ने इसी दृष्टिकोण से कार्यक्रम की पूरी संरचना तैयार की है। पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका दी गई है।

पार्टी के सभी वरीय नेताओं ने इस दृष्टिकोण से सभी जिलों और मंडलों का दौरा किया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह आदि ने लगातार सघन दौरा किया है।

झारखंड में मौसम ले रहा है पल-पल करवट, कई हिस्सों में हीट वेव अलर्ट जारी, राज्य में गर्मी का टूटेगा सात सालों का रिकार्ड!

झारखंड में मौसम पल- पल करवट ले रहा है। राज्य में होली के बाद बारिश का सिलसिला जारी था। राज्यवासी ठंड और पानी से बेहाल थे और अब अप्रैल का महिना शुरु होते ही गर्मी जबरदस्त कहर बरपा रही है। बता दें मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अप्रैल में ही राज्य गर्मी से झुलसेगा। झारखंड का तापमान 40 के पार पहुंच सकता है।

टूटेगा सात सालों का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन-चार दिनों में रांची का तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है जिससे राज्य में गर्मी का पिछले 7 सालों का रिकॉर्ड टूट सकता है।

राज्य के इन जिलों में हीट वेव अलर्ट जारी

बता दें कि झारखंड में गर्मी को लेकर मौसम विभाग ने हीट वेव अलर्ट जारी कर दिया है। राजधानी रांची, गिरिडीह और उत्तर पश्चिम में हिट वेव को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी का अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। अब राजधानी में पड़ती गर्मी को देख हम कह लकते हैं कि कभी हिल स्टेशन कहा जाने वाला रांची अब हीट स्टेशन में तब्दील होते जा रहा है।

अच्छी खबर : अब झारखंड में भी लोग ले सकेंगे स्काई ग्लास ब्रिज का मजा, हुंडरू, दशम, जोन्हा, पतरातू और नेतरहाट में बनेगा आसमान को छूता शीशे का पुल:

(झारखंड डेस्क)

रांची: अब झारखंड के लोग भी विदेशों की तरह शीशे के पुल (स्काई ग्लास ब्रिज) का मजा ले सकेंगे। देश-विदेश के पर्यटकों को रिझाने के लिए प्रकृति की गोद में बसे झारखंड में स्काई ब्रिज, रोप वे और जू सफारी को लेकर काम शुरू हो गया है।

 राज्य के तीन जलप्रपातों हुंडरू, दशम और जोन्हा के साथ-साथ पतरातू और नेतरहाट में स्काई ब्रिज बनाने का फैसला राज्य सरकार ने लिया है। झारखंड में नेचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है। बन जाने के बाद यह देश का तीसरा स्काई वॉक ब्रिज होगा। 

इन पांचों पर्यटन स्थलों का फिजिबिलिटी वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही झारखंड के लोग भी चीन-जापान की तरह शीशे के पुल पर चलकर प्रकृति के गोद में बसे जोन्हा, हुंडरू, दशम, पतरातू और नेतरहाट के खूबसूरत नजारो का आनंद ले सकेंगे।

 यहां बनने वाला ग्लास ब्रिज यहां की खूबसूरती और पर्यटन में चार चांद लगा देगा। पर्यटन विभाग की माने तो स्काई ग्लास ब्रिज में स्काई वॉक का रोमांच पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होगा। पर्यटन निदेशालय की तरफ से इस काम के लिए राइट्स नामक कंपनी का चयन किया गया है। 

चीन में बना था दुनिया का पहला स्काई ग्लास ब्रिज:

चीन में बने पहले स्काई ग्लास ब्रिज को जब 20 अगस्त, 2016 में आम लोगों के लिए खोला गया था, तब यह उस समय दुनिया का सबसे ऊंचा और लंबा ग्लास स्काई वॉक ब्रिज था। इस कांच के पुल की कुल लंबाई 430 मीटर (1410 फीट) और चौड़ाई 6 मीटर (20 फीट) है। इतना ही नहीं, यह शीशे का पुल जमीन से लगभग 300 मीटर (980 फीट) की ऊंचाई पर है। 

क्या कहते है पर्यटन सचिव.?

राज्य के पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने बताया कि स्काई वॉक पर सरकार काम कर रही है। राज्य में चार-पांच पर्यटन स्थलों का चयन भी कर लिया गया है। लेकिन, विभाग नेतरहाट और पतरातू घाटी को ज्यादा प्राथमिकता दे रहा है. क्योंकि पतरातू घाटी ज्यादा ऊंचाई पर है और वहां से रांची का खूबसूरत प्राकृतिक नजारा भी दिखता है। नेतरहाट को भी प्राथमिकता दी जा रही है, क्योंकि वहां सनसेट (सूर्यास्त) का नजारा काफी खूबसूरत रहता है और वहां की घाटी भी काफी गहरी है। 

उन्होंने बताया कि स्काई ब्रिज के लिए टेंडर जारी किया गया था, जिसमे राइट्स कंपनी ने रूचि दिखाई। निदेशालय से विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि, रेट को लेकर थोड़ा संशय है, जिसे जल्द दूर कर लिया जायेगा।

पत्नी, बच्चे और ट्यूशन टीचर की निर्ममता पूर्वक हत्या करने वाले दीपक को मिली फांसी की सजा,घटना 2021 की है

जमशेदपुर : कदमा थाना निवासी बीना कुमारी, दीया कुमारी, सांधी कुमारी और रिंकी घोष की हत्या करने के मामले में अदालत ने दीपक कुमार को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।

आज ( गुरुवार) को इस मामले की सुनवाई करते हुए ए़डीजे 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने दीपक को फांसी की सजा सुनाई है। इसके पूर्व शनिवार को अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 302, 307, 379, 201 और 376(1) के तहत दोषी पाया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता जॉली दास, कार्तिक डे, हरविलास दास, दिलीप गोराई और जयंत कुमार ने बहस की थी।

मामले में कुल 25 लोगों की गवाही हुई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने पैरवी की।

अपने पूरे परिवार की कर दी थी निर्ममता पूर्वक हत्या, ट्यूशन टीचर को भी नही बख्सा

घटना 12 अप्रैल 2021 की है। कदमा थाना अंतर्गत तीस्ता रोड स्थित क्वार्टर नंबर 97-99 में दीपक ने अपनी पत्नी, दो बच्ची और ट्यूशन टीचर की हत्या कर दी थी। ट्यूशन टीचर की हत्या करने के बाद उसने दुष्कर्म भी किया था। घटना को अंजाम देने के बाद उसे अपने साथी प्रभु के साला अंकित पर भी हमला किया था। घटना को अंजाम देने के बाद वह अपनी बुलेट से राउरकेला गया था, जहां से कैब बुक कर वह धनबाद चला गया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी धनबाद से की थी।

रांची: शिक्षा मंत्री के निधन के बाद आज होने वाली कैबिनेट की बैठक स्थगित, मंत्री बन्ना गुप्ता और विपक्ष के नेता बाबू लाल मरांडी ने व्यक्त किया शो

रांची: जगरनाथ महतो के निधन के बाद आज होने वाली कैबिनेट की बैठक स्थगित कर दी गयी है।मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इसकी सूचना जारी की है.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने दी श्रद्धांजलि

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जगरनाथ महतो के निधन शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि आज हम सभी ने अपना अभिभावक, झारखंड ने एक आंदोलनकारी और राज्य की जनता ने एक लोकप्रिय नेता खो दिया. उन्होंने एक अभिभावक के रूप में हमेशा मुझे मार्गदर्शन दिया. कोरोना काल में उनके कार्य कुशलता ने हम सभी को प्रोत्साहित किया. 

खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और लड़ाई लड़ते रहे. आज भले ही वे मौत से हार गये लेकिन टाइगर हमेशा जिंदा था जिन्दा रहेगा अपने कर्मो से. झारखंड आंदोलनमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी, राज्य की जनता की सेवा के लिए वे हमेशा उपलब्ध रहते थे! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार और समर्थकों को दुःख सहन करने की शक्ति दे. अलविदा जगरनाथ दा.

बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट

निधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि झारखंड सरकार के मंत्री श्री जगरनाथ महतो जी के चेन्नई के अस्पताल में निधन की बेहद दुःखद सूचना मिली है।

लंबे समय से बीमारी को हराते हुए योद्धा की भांति डंटे रहने वाले जगरनाथ जी का चले जाना पूरे झारखंड के लिए अत्यंत दुखदायी है। राजनैतिक भिन्नता के बावजूद व्यक्तिगत रूप से उनकी जीवटता का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूं।

*शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का निधन:चेन्नई के अस्पताल में चल रहा था इलाज,सीएम ने ट्वीट कर कर जताया दुख*


रांची डेस्क: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का निधन हो गया है। चेन्नई के अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। 2020 में उन्हें कोरोना हुआ था। इंफेक्शन इतना बढ़ गया था कि उनके फेफड़े का ट्रांसप्लांट करना पड़ा था। उसके बाद से वो बीमार चल रहे थे।

14 मार्च को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी। घबराहट और बेचैनी के बाद उनको पास के ही एचइसी-पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सीटी स्कैन सहित सभी प्रकार की जांच हुई ,जिसमें लंग्स में माइल्ड इंफेक्शन के संकेत मिले थे। उनको आईसीयू में शिफ्ट किया गया। रात में उन्हें एयर एंबुलेंस से एमजीएम चेन्नई शिफ्ट कर दिया गया था।

14 मार्च को अस्पताल में जगरनाथ महतो का हालचाल लेने सीएम सोरेन पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री सोरेन बोले- हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे!

उनके निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विट कर शोक जताया है। उन्होंने लिखा कि हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे! आज झारखंड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया।

चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीय जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दें।

बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट

निधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि झारखंड सरकार के मंत्री श्री जगरनाथ महतो जी के चेन्नई के अस्पताल में निधन की बेहद दुःखद सूचना मिली है।

लंबे समय से बीमारी को हराते हुए योद्धा की भांति डंटे रहने वाले जगरनाथ जी का चले जाना पूरे झारखंड के लिए अत्यंत दुखदायी है। राजनैतिक भिन्नता के बावजूद व्यक्तिगत रूप से उनकी जीवटता का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूं।

सीएम हेमंत सोरेन झारखंड को देंगे 9 हजार शिक्षकों की बड़ी फौज, नियुक्ति पत्र सौप कर शिक्षकों की कमी को करेगे दूर

धनबाद : झारखंड के हाई स्कूलों को दो महीने में 9000 नए शिक्षक मिल जाएंगे। सीएम हेमंत सोरेन इन्हें नियुक्ति पत्र सौपेंगे। इनका चयन संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 में हुआ है।

अप्रैल में 4500 और मई में भी इतने ही शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। इसके लिए शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने सभी डीईओ को निर्देश दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद सीएम हेमंत सोरेन पहले बैच के शिक्षकों को अप्रैल में सौपेंगे नियुक्ति पत्र

शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद करीब 9000 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।

 इनमें करीब 4500 के पहले बैच को मुख्यमंत्री अप्रैल के अंतिम सप्ताह में नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। वहीं, दूसरे व अंतिम चरण में सीएम मई में बचे शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे।

शिक्षा सचिव ने डीईओ को निर्देश दिया है कि नए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति करते समय वे 80 उत्कृष्ट विद्यालयों और 325 आदर्श विद्यालयों में उनकी पदस्थापना के लिए उनके अंग्रेजी माध्यम को देखेंगे। इसमें सीबीएसई-आईसीएसई, निजी स्कूल या फिर केंद्रीय विद्यालय से अगर कोई शिक्षक स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक बन रहे हैं तो उनकी पहचान करेंगे।

चेन्नई में इलाज के दौरान आज सुबह झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का निधन,मुख्यमंन्त्री सोरेन ने कहा नही रहे हमारे टाइगर दा, दी श्रद्धांजलि

रांची।चेन्नई में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का आज सुबह निधन हो गया। आज सुबह उन्होंने चेन्‍नई में इलाज के दौरान अपनी अंतिम सांस ली। 

पिछले दिन उनकी तबीयत खराब हो गयी थी । बीते महीने एक रात जब उनकी हालत कुछ ज्‍यादा बिगड़ गई, तो सबसे पहले मंत्री को रांची के पारस हॉस्‍पिटल में एडमिट कराया गया।

 फिर बेहतर इलाज के लिए एयर एम्‍बुलेंस के जरिए चेन्‍नई के एमजीएम अस्‍पताल में ले जाया गया। यहीं फिलहाल उनका ट्रीटमेंट चल रहा था। 

मुख्यमंत्री ने कहा नही रहे हमारे टाइगर जगरनाथ दा

 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा आज झारखण्ड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया। चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीय जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया।

परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की…

कोरोना से संक्रमित होने के बाद बिगड़ा उनका तबियत

बता दें कि रांची के पारस हॉस्पिटल में जब उन्‍हें एडमिट किया गया था, तब मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने अस्‍पताल जाकर उनसे मुलाकात की थी और चेन्‍नई ले जाकर जांच कराने की सलाह भी दी थी। इस दौरान उन्‍होंने जगरनाथ महतो को टाइगर बताते हुए उनके जल्‍दी ठीक होने की कामना की थी। 

दो साल पहले कोरोना महामारी से संक्रमित होने के बाद उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था। इस दौरान चेन्नई एमजीएम में ही उनके लंग्‍स का ट्रांसप्‍लानटेशन हुआ था और अब फॉलो अप के लिए उन्‍हें वहीं भेजा गया था। इससे पहले अक्टूबर, 2018 में उन्हें हार्ट अटैक आया था। उनकी एक बार एनजीओप्लास्टी भी हो चुकी है।

सुवर्णरेखा नदी पर बने सोनारी-डोबो को जोड़नेवाली पुल के नामकरण को लेकर महाभारत, शहीद रघुनाथ महतो और शहीद बिरसा मुंडा के समर्थक भीड़े

(झारखंड डेस्क)

झारखंड में अजीव दौर शुरू हो गया है। एक तरफ कुर्मी अपने को आदिवासी मानते हुए एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन रत हैं तो दूसरी तरफ आदिवासी नेता इसका विरोध कर रहे हैं ।

अब सुवर्णरेखा नदी पर बने सोनारी-डोबो को जोड़नेवाले पुल के नामकरण को लेकर भी महाभारत शुरु हो गया है।यह महाभारत शहीद विरसा मुंडा समर्थक और शहीद रघुनाथ महतो के समर्थक भीड़ गए हैं।

 बुधवार देर रात रघुनाथ महतो के समर्थक और बिरसा मुंडा के समर्थक तीर-धनुष, तलवार, फरसा, लाठी-डंडा लेकर आमने-सामने हो गये। एक-दूसरे पर अपने पूर्वजों-शहीदों को अपमानित करने का आरोप लगाया। सूचना पाकर कपाली थाना पुलिस वहां पहुंची. दोनों के समर्थकों को पुलिस ने दूर किया. गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान का आश्वासन दिया गया। दोनों गुट के लोग वहां देर रात तक जमे हुए थे।

स्वर्गीय रघुनाथ महतो स्मारक समिति के नारायण महतो ने बताया कि बुधवार को रघुनाथ महतो की पुण्यतिथि होने के कारण उन्होंने वहां मूर्ति की स्थापना की थी, पुल का नामकरण रघुनाथ महतो के नाम से किया था। शाम में जय नारायण मुंडा, दिनकर कच्छप, सुनील हेंब्रम ने मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी। हाथ में रखा तीर तोड़ दिया। बोर्ड पर लिखे रघुनाथ महतो पुल पर पेंट पोत दिया। यह सारा काम पूर्व प्रयोजित था। पुल पर किसी भी शहीद का नाम पूर्व में नहीं लिखा गया था. बैठक में उपायुक्त स्तर पर ही बात होगी।

बिरसा मुंडा समिति के जय नारायण मुंडा ने बताया कि तीन साल पहले ग्राम प्रधान लाल सिंह के नेतृत्व में आयोजित ग्राम सभा में पुल का नाम भगवान बिरसा मुंडा सेतु किया गया था। मंगलवार देर रात वहां पहुंच कर कुड़मी समाज के कुछ लोगों ने रातों-रात मूर्ति की स्थापना कर दी। बिरसा मुंडा के नाम पर लगा बोर्ड हटा दिया. जानकारी मिलने पर लोग पहुंचे और विरोध किया। रघुनाथ महतो की मूर्ति रात के वक्त लगाने का क्या औचित्य है। गुरुवार को समाज की बैठक बुलायी गयी है, जिसमें आगे रणनीति बनायेंगे।