सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना लेकर मां-बाप के साथ नामी कोचिंग में एडमिशन लेने कोटा पहुंची थी अंकिता, जब पता चला की बिहार बोर्ड की मैट्रिक स्टेट टॉपर-10 बन गई तो हुआ क्या ? पढ़ें पूरी खबर


औरंगाबाद()। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक बोर्ड परीक्षा-2023 की स्टेट टॉपर-10 अंकिता कुमारी औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड के सत्येंद्र नारायण सिंह(एसएनएस) हाई स्कूल की छात्रा रही है। इस परीक्षा में उसे कुल 476 अंक मिले है।

अंकिता रोहतास जिले के दरिहट गांव की निवासी है और उसके चाचा रूकेंद्र कुमार सुबे एसएनएस हाई स्कूल, नबीनगर रोड में शिक्षक है। चाचा के स्कूल से ही अंकिता ने नौवीं-दसवीं की पढ़ाई की है।

वह चाचा के साथ ही घर से पढ़ाई करने स्कूल आती थी। उसके पिता बिक्रम कुमार सुबे रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड में राजकीय मध्य विद्यालय, मथुरापुर(डालमियानगर) में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है। उसकी मां रेणु कुमारी स्नातक पास है और गृहिणी है।

अंकिता तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है। उसकी बड़ी बहन अंशु कुमारी साइंस की छात्रा है। अभी हाल ही में बीएसइबी की इंटर साइंस की परीक्षा में अंशु ने 86.2 प्रतिशत अंक लाया था। अंकिता का बड़ा भाई अंकित कुमार शुभम गणित विषय से इंटर विज्ञान का 11वीं का सीबीएसई बोर्ड के स्कूल का छात्र है। उसने सीबीएसई के 10वीं बोर्ड परीक्षा में 93 प्रतिशत अंक लाया था। अंकिता को पढ़ाई करने में उसकी बड़ी बहन व भाई ने सहयोग किया है।

दोनों उसके मेंटर सरीखे है। अंकिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है। इसी उदेश्य से वह मैट्रिक बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने के पहले ही राजस्थान के कोटा के एक नामी कोचिंग में एडमिशन लेने अपने माता-पिता के साथ वहां पहुंची हुई है। कोटा में ही माता-पिता को जानकारी मिली कि उनकी बेटी अंकिता बिहार मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में राज्यभर में 10वें स्थान पर आई है। उनके जानने वालों, परिजनो और शुभेच्छुओं ने उन्हे तथा अंकिता को फोन कर बधाई दी।

माता-पिता ने भी कोटा में ही मिठाई खरीदी और अपनी बेटी का मुंह मीठा कराकर सफलता की बधाई दी। बेटी की सफलता से अंकिता के माता-पिता बेहद खुश है। वें कहते है कि अपनी बेटी के सपने के साथ है। बेटी ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का जो सपना देखा है, उसी सपने को पूरा कराने की चाह में ही तो वें कोटा में बेटी का एडमिशन कराने आए है। कहा कि बेटी की चाह ही उनकी चाहत है। उन्हे पूरी उम्मीद है कि उनकी बेटी जेइई की परीक्षा में सफल होकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जरूर बनेगी। वह अंकिता ने बताया कि वह अपने ड्रीम को पूरा करने का इरादा लेकर कोचिंग में एडमिशन लेने कोटा आई है। यही मैथ्स से इंटर साइंस की पढ़ाई कोचिंग करते हुए करेगी।

कहा कि जिद और जुनून के रूप में ठान लेने पर कुछ भी संभव है और वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर ही दम लेगी। उसने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, चाचा, बड़ी बहन, भाई और शिक्षक अजय सर, राजेंद्र राम एवं रूकेंद्र सुबे(चाचा) को देतें हुए कहा कि सबने मुझे अच्छे से गाईड किया है। सबके गाइडेंस ने ही उसे सफलता के इस मुकाम पर पहुंचाया है। आगे भी वह अपने इरादे को परवान चढ़ाएंगी और सफलता का झंडा बुलंद करेगी।

गंदे नियत से नाबालिग के अपहरण के आरोपी को स्पेशल कोर्ट ने सुनाई बीस साल कारावास की सजा


औरंगाबाद : आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के स्पेशल पोक्सो कोर्ट ब्रजेश कुमार पाठक ने नरारी कला खुर्द थाना कांड संख्या 14/19 ,जी आर 876/19 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन बंदी अरूणजय कुमार खैरा नरारीकला को बीस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। 

स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि भादंवि धारा 376 और 4 पोक्सो एक्ट में बीस साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी। वहीं धारा 366 ए में पांच साल की सजा और तीन हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी। दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी। 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी नाबालिग पीड़िता के माता ने 20/05/19 को दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि 17/05/19 को जरूरी काम से पीड़िता बारूण बाजार गई थी तो अभियुक्त ने बहला फुसलाकर गंदे काम के नियत से अपहरण कर लिया। 

प्राथमिकी दर्ज होते ही अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया और पीड़िता को बरामद कर मेडिकल किया गया था,इस वाद में अभियोजन की ओर से डा मणी कुमारी ,आई ओ विरेन्द्र कुमार सिंह सहित कुल सात गवाहों ने गवाही दी थी, घटना के चार साल बाद आज सजा सुनाई गई है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

तेरह अभियुक्त को कोर्ट ने दिया दोषी करार, 5 अप्रैल को सुनाई जायेगी सजा


औरंगाबाद : व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे तीन अमित कुमार सिंह ने दाउदनगर थाना कांड संख्या 253/21 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए तेरह अभियुक्तों को जानलेवा हमला के मामले में दोषी करार दिया है। 

एपीपी इरशाद आलम ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 05/04/23 निर्धारित किया गया है।  

वहीं अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक मोतीलाल सिंह चौरम दाउदनगर ने 11/05/21 को दर्ज कराई थी. जिसमें कहा था कि जमीनी विवाद में मदन सिंह के खलिहान में भुसा ढो रहे राजु कुमार को धारदार हथियार से मार कर घायल कर दिये थे। 

जिनमें 15 नामजद अभियुक्त बने थे एक नाबालिग था,एक फरार है तो तेरह अभियुक्तों पप्पू कुमार, युगल कुमार, अरबिद सिंह, अरूण सिंह, सुभाष सिंह, बिरेन्द्र सिंह, सुधीर सिंह , रंणधिर सिंह, गुड्डू कुमार, दीपक कुमार बच्चु कुमार सधीर कुमार सुनील सिंह चौरम दाउदनगर को दोषी ठहराया गया और जेल भेज दिया गया है सज़ा 05/04/23 को सुनाई जाएगी। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

*आइएएस बनना चाहती है बिहार बोर्ड की मैट्रिक सेकंड टॉपर ज्ञानी अनुपमा*

औरंगाबाद : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक बोर्ड परीक्षा-2023 की टॉपर-2 ज्ञानी अनुपमा औरंगाबाद के गोह के न्यू एरिया निवासी शैलेंद्र गुप्ता की पुत्री है। उसे इस परीक्षा में कुल 486 अंक मिले है। 

इनके पिता दाउदनगर में पंचायत रोजगार सेवक है। वह प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, गोह की छात्रा रही है। 

परीक्षा समिति द्वारा रिजल्ट की घोषणा से ज्ञानी अनुपमा के स्टेट टॉपर-2 होने की जानकारी मिलते ही उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मां सोनी गुप्ता इतनी ज्यादा खुश हुई कि उन्होने बेटी को गले लगा लिया। 

वही पिता शैलेश गुप्ता की भी खुशी का ठिकाना नही रहा। दादी बिंदा देवी इतनी खुश हुई कि कह दिया कि जीयां बेटी तू हमर परिवार के नाक उंचा कर दिहला। वही चाची अंजनी देवी भी खुश दिखी और पूरे परिवार ने मिलकर ज्ञानी अनुपमा को सफलता की बधाई दी। उसका मुंह मीठा कराया। 

ज्ञानी अनुपमा भी अपनी सफलता से बेहद खुश है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और गुरुजनों को देती है। वह कहती है कि आगे की पढ़ाई कर आइएएस बनना चाहती है। वह सोशल मीडिया से दूर रहती है और दूसरे छात्रों को भी दूर रहने की सलाह देती है। 

उसने कहा कि वह हर दिन चार से छः घंटे की मेहनत करती थी। मेहनत से कभी वह पीछे नही रही। वह अपने जैसे छात्रो के लिए संदेश में कहती है कि जमकर मेहनत करिएं। सफलता जरूर मिलेगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

अज्ञात वाहन ने दो श्रमिक महिलाओं को रौंदा, एक की मौके पर मौत, दूसरे की हालत गंभीर, विरोध में मुआवजे की मांग को ले सड़क जाम व आगजनी

औरंगाबाद : जिले के दाउदनगर थाना क्षेत्र में दाउदनगर-बारूण पथ पर एक ढ़ाबे के पास आज शुक्रवार की सुबह 8 बजे के करीब अज्ञात वाहन के धक्के से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गयी। वही एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद चालक वाहन समेत मौके से निकल भागा। दोनों महिलाएं कृषि श्रमिक हैं। 

मृतका की पहचान दाउदनगर शहर के वार्ड-5 माली टोला निवासी बिंदेश्वर प्रजापति की पत्नी रीता देवी(52) के रूप में की गई है। वही दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल धनरजिया देवी(50) शहर के वार्ड-5 जाट टोली निवासी दुखी सिंह की पत्नी हैं। 

बताया जाता है कि दोनों महिलाएं शुक्रवार की सुबह खेतों में मसूर की कटनी करने पैदल ही पास के किसी गांव में जा रही थी। इसी दौरान दाउदनगर-बारुण पथ पर एक ढाबे के पास अज्ञात वाहन ने दोनो को रौंद डाला, जिससे रीता देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि धनरजिया गंभीर रूप से घायल हो गई। 

घायल महिला को दाउदनगर के अनुमंडतीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर किया गया है। वही दुर्घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गये। 

उन्होने मुआवजे की मांग को लेकर दाउदनगर-बारुण पथ को सोन पुल चौराहा के पास जाम कर दिया। जाम के दौरान सड़क पर टायर जलाकर आगजनी भी की गई। करीब ढ़ाई घंटे तक सड़क जाम रहा। ग्रामीण पथ होने और सुबह का समय होने के कारण इस पथ पर आवागमन का ज्यादा दबाव नही था, इस स्थिति में जाम ज्यादा लंबा नही लगा। 

जाम की सूचना मिलने पर मौके पर सदल बल पहुंचे दाउदनगर थानाध्यक्ष गुफरान अली ने काफी मशक्कत कर लोगो समझा-बुझाकर जाम हटवाया। इसके बाद पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया है। 

वही मौके पर स्थिति सामान्य है और दाउदनगर-बारूण पथ पर वाहनों का आवागमन बहाल हो गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

चार पहिया वाहन के लिए ससुराल वालों ने दो बेटियों की मां को उतारा मौत के घाट, लाश को किया गायब

औरंगाबाद :- जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के बरेलीचक गांव में दहेजलोभियों द्वारा विवाहिता की निर्ममतापूर्वक हत्या कर शव को गायब कर देने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मामले में हत्या का आरोप मृतका के पति, सास एवं ससुर पर लगाया गया है। प्रारंभिक जांच में ब्लेड से नस काटकर व लाठी से पिटाई कर विवाहिता की हत्या की आशंका जतायी जा रही है। घटना बुधवार की देर रात की है। 

मामले में विवाहिता के पिता ओबरा थाना के भरूब गांव निवासी योगेंद्र सिंह ने हसपुरा थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा है कि उन्होने अपनी बेटी बबिता कुमारी उर्फ संध्या कुमारी की शादी हसपुरा थाना के बरेलीचक निवासी राजेन्द्र सिंह के छोटे बेटे विमल प्रकाश उर्फ चुन्नु से 2017 में की थी। शादी के कुछ महीने तक सबकुछ ठीक ठाक रहा। बबिता ने दो पुत्रियों को भी जन्म दिया। बड़ी बेटी श्रेया 5 वर्ष व छोटी बेटी सृष्टि 3 वर्ष की है। इसके बाद ससुरालवाले बेटी को पढ़ाने लिखाने के लिए पैसे व फोर व्हीलर गाड़ी के लिए पांच लाख रुपये की मांग करने लगे। इसे लेकर दोनों पक्षों में कई बार समझौता भी हुआ। 

घटना के दिन विवाहिता के फूफा बेल्हाड़ी निवासी संजय सिंह भी ससुरालियों को समझाने-बुझाने आये थे लेकिन बबिता को उनसे नहीं मिलाया गया। विवाहिता के पिता ने बताया कि उन्हे गांव के लोगो से जानकारी मिली कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गयी है। जब वें अपने सारे परिवार के साथ बेटी के घर पहुंचे तो वहां घर में ताला लगा हुआ पाया। आस-पड़ोस के लोगों से पता चला कि बुधवार की शाम 7 बजे काले रंग के स्कार्पियो गाड़ी में शव को लादकर घर के सारे सदस्य कहीं चले गए है। 

विवाहिता के पिता ने हसपुरा थाना को दिए आवेदन में कहा है कि बेटी की हत्या कर शव को छुपा दिया गया है। मामले में विवाहिता के पति चुन्नु, ससुर राजेन्द्र सिंह, सास विजांति देवी सहित अन्य लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मकान को सील कर दिया है। वही गुरुवार को पटना से आई फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांचकर कई सबूत इकट्ठे किए है। 

खून से सने कपड़े और ब्लेड बरामद

गुरूवार को पटना से आई फ़ॉरेंसिक टीम ने घर की बारीकी से जांच की। उनके साथ हसपुरा थानाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद व एसआइ श्रीपति मिश्रा ने भी घर मे रखे हर समान की बारीकी से जांच की। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना स्थल से खून से सने विवाहिता सहित अन्य कपड़े, खून साफ किया हुआ जुट का बोरा, ब्लेड, खून लगा लाठी, चूड़ी समेत कई सामान बरामद किया गया है। फोरेंसिक टीम नमूना एकत्र कर जांच के लिए अपने साथ ले गई है। 

थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने बताया कि पर्याप्त सबूत मिल गया है। जल्द ही पूरे मामले का उद्भेदन हो जाएगा।

बुधवार के दोपहर ढाई बजे तक विवाहिता से हुई थी बात

बबिता के फूफा संजय सिंह ने बताया कि बुधवार को विवाहिता के ससुर राजेन्द्र सिंह ने फोन कर कहा कि मेरा बेटा और पुत्रवधू बहुत झगड़ा कर रहें है। आप आकर समझाइए। चूंकि संजय पहले भी समझौता करा चुके थे। इसलिए उन्होने इसे गंभीरता से नहीं लिया।इसी बीच लगातार उनकी पत्नी बबिता की बात होती रही। ढाई बजे के बाद बात नहीं हुई। संजय जब समझाने उनके घर पहुंचे तो चुन्नु ने कहा कि बबिता आपसे बहुत डरती है। इसलिए सामने नहीं आना चाहती है। उसके बाद चुन्नु और राजेंद्र सिंह ने उन्हे दूसरे घर पर ले जाकर उनसे बातचीत की, जहां चुन्नु ने अब से झगड़ा नहीं करने का आश्वासन भी दिया। इसके बाद संजय अपनी बहन के घर मोहन बिगहा चले गए, जहां रात 8 बजे सूचना मिली कि बबिता की हत्या हो गई है। बबिता के ससुराल वालों ने मोबाईल भी बंद कर लिया था। इसके बाद सभी हसपुरा पहुंचे।

पहेली बना हुआ है शव गायब होना

विवाहिता की हत्या की गई है या नहीं सारा राज विवाहिता के गायब शव में छुपा हुआ है। पुलिस की पहली प्राथमिकता शव को बरामद करना है। पुलिस अभी तक शव के बारे कुछ भी बताने में सक्षम नहीं है। पुलिस लगातार प्रयास कर रही है कि शव को कहा ठिकाना लगाया गया है, यह पता करना है। 

थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान कर मामले का खुलासा किया जाएगा। आवास पर जदयू के बड़े नेता का लगा है नेमप्लेट-हत्या के आरोपी राजेन्द्र सिंह के आवास पर जदयू श्रमिक प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य का नेमप्लेट लगा हुआ है। हालांकि जदयू का श्रमिक प्रकोष्ठ फिलहाल भंग है। 

चर्चा है कि इतने बड़े नेता होकर भी वें ऐसा कार्य कैसे कर सकते है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

औरंगाबाद में बढा चोरो का आतंक, बीती रात 70 हजार नगद तथा लाखों रुपए के उड़ाए जेवरात

औरंगाबाद :- जिले में चोरो के हौसले काफी बुलंद हो गये है। आए दिन वे चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। 

ताजा मामला गोह थाना क्षेत्र के लोहड़ी टोले छठु बिगहा गांव से सामने आया है। जहां बुधबार की रात चोरों ने तीन घरों को निशाना बनाकर 70 हजार रुपए नकदी सहित लाखों रुपये के आभूषण पर हाथ साफ कर दिया। पीड़ितों ने आज गुरुवार को गोह थाने में आवेदन दिया है। आवेदन के बाद पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी गई है। 

घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित रविचौहान ने बताया कि उनकी माँ के बक्सा से 10 हजार रुपये नकद व 80 हजार रुपये के जेवरात व उसकी पत्नी के गोदरेज से 10 हजार रुपये नकद के साथ 2 लाख के गहने को चोरों ने हाथ साफ कर दिया। उसी गांव में बेसलाल यादव के घर से भी 10 हजार नकद की चोरी हुई हैं ।

इधर संजय यादव के घर से 10 हजार रुपये नकद व एक लाख के जेवरात की चोरी किया गया है। हलाकि इस मामले में अभी तक गोह थाना की पुलिस की हाथ खाली है। 

अब यह देखना लाजमी होगा कि क्या गोह थाना की पुलिस चोरो के मंसूबो पर नकेल कस पाती है या फिर इसी तरह पूर्णवृती होते रहेगी यह तो आनेवाला वक़्त ही बतायेगा

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

स्वच्छता अभियान के तहत भारत सरकार ने प्रखंड में हजारों शौचालयों निर्माण अनुदान देकर किया, शौचालय का निर्माण कार्य जारी

स्वच्छता अभियान के तहत भारत सरकार ने प्रखंड में हजारों शौचालयों निर्माण अनुदान देकर किया।

अभी भी शौचालय का निर्माण जारी है। इसके बावजूद लेकिन हसपुरा प्रखंड के लगभग सभी पंचायतों में लोग खुले में शौच करने जाते है। वर्ष 2016 से स्वच्छता अभियान के तहत तीन वर्षों तक जागरूकता अभियान चलाकर 80 फीसदी घरों में शौचालय निर्माण किया गया। इसके बाद 2019 में पूरे प्रखंड को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। यानी पूरा प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो गया है।

लेकिन ओडीएफ घोषित होने के चार साल बाद भी लोग खुले में शौच जाते हैं । व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर रह गया है। स्वच्छता मिशन के तहत प्रखंड में 26 हजार 237 व्यक्तिगत के साथ 11 सामुदायिक शौचालय फेज एक में ही बनकर तैयार है।

विभाग की मानें तो सभी सामुदायिक शौचालय कार्यरत है। लेकिन प्रखंड के सभी पंचायतों में सड़क की किनारे गंदगी और खुले में शौच से भरा पड़ा है। शुरुआती अभियान में विभिन्न विभागों ने संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाया था तो थोड़ा स्थिति में सुधार हुआ था। फिलहाल सब शिथिल पड़ गए लोग खुले में शौच जा रहें

लक्ष्य से अधिक शौचालय निर्माण फिर भी गंदगी

प्रखंड में शौचालय निर्माण के दूसरे फेज का अभियान चलाया जा रहा है। दूसरे फेज में हसपुरा को शौचालय निर्माण के 3137 शौचालय निर्माण का लक्ष्य मिला था जिसके विरुद्ध प्रखंड में 1778 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का रिपोर्ट विभाग द्वारा किया गया है।फिर भी प्रखंड के पचरुखिया - फेसर रोड के धमनी और सोनहथु गांव के सड़क के दोनों किनारे, हसपुरा - पचरुखिया, हसपुरा - पिरु, हसपुरा - त्रिसंकत, हसपुरा - देवहरा, पचरुखिया- सिहाड़ी रोड में सड़क के किनारे खुले में शौच के कारण सड़क के किनारे चलना मुश्किल हो जाता

शोभा की बस्तु बना हुआ है सामुदायिक शौचालय

प्रखंड में 11 सामुदायिक शौचालय है। अधिकतर शौचालयों में ताला लगा हुआ है। जहां सामुदायिक शौचालय में पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था है। वहां भी ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं करते है। सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर रह गया है।

अमझर शरीफ के कचड़ा यार्ड के पास शानदार सामुदायिक शौचालय बना हुआ है।वहां प्रतिदिन कर्मी भी मौजूद रहते है फिर भी ग्रामीण बोतल और लोटे में पानी लेकर शौचालय के सामने से खुले में शौच करने जाते है।

प्रखंड कोआर्डिनेटर दिवेन्द्र कुमार नयन ने बताया कि प्रखंड में अब गिने-चुने घर ही शौचालय विहीन है। नए व्यक्तिगत शौचालय बन भी रहें है। बने हुए शौचालय के लिए अनुदान का भी भुगतान किया जा रहा है। लेकिन अभी बीस फीसदी ग्रामीण खुले में शौच करते है। जिस तत्परता के साथ अनुदान के लिए दौड़ते है। शौचालय का उपयोग नहीं करते। पढ़े-लिखे लोग शौचालय का उपयोग करते है।अनपढ़ लोगों में जागरूकता का बहुत अभाव है।पहले से स्थित बदला है। 21 मार्च से विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।धीरे - धीरे सुधार हो जाए

कागजों पर चल रहा है जागरुकता अभियान

लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत हर पंचायत में मानव बल की नियुक्ति हुई है।जिन्हें ग्रामीणों को जागरूक कर शौचालय के उपयोग के लिए प्रेरित करना है। जिसका नोडल पदाधिकारी पंचायत सचिव को बनाया गया है। हर पंचायत में दो मानव बल व एक पर्यवेक्षक नियुक्त है। जो प्रतिदिन ग्रामीणों के खुले में शौच नहीं जाने के लिए जागरूक करेंगे। सप्ताह में दो दिन ग्रामीणों के साथ बैठक कर गांव को कैसे स्वच्छ और सुंदर बनाए। इस पर चर्चा कर योजना बनाएंगे। वहीं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पूरे प्रखंड में चल स्वच्छता अभियान व जागरूकता अभियान का निरीक्षण करेंगे

विप चुनाव के कल होने वाले मतदान को लेकर डीएम और एसपी ने सभी पदाधिकारियों को किया संबोधित, निर्वाचन कार्य को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने का किया आह्वान

औरंगाबाद : बिहार विधान परिषद् के पांच सीटों पर चुनाव हो रहा है। जिसके लिए कल यानि 31 मार्च को मतदान होगा। इसी के मद्देनजर आज 30 मार्च को नगर भवन, औरंगाबाद में 02- गया स्नातक/शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव के गस्ती सह मतपेटिका संग्रहण दल(पीसीसीपी), मतदान पदाधिकारियों तथा माइक्रो आब्जर्वर का संयुक्त संबोधन जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, औरंगाबाद द्वारा किया गया। 

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल ने बताया कि जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 12 तथा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 17 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही 12 गस्ती सह मतपेटिका संग्रहण दल को लगाया गया है। सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए हैं। विधि व्यवस्था हेतु 03 सेक्टर तथा 04 जोनल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सभी पदाधिकारी अपने अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक करेंगे ताकि चुनाव कार्य निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो।

वहीं पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने बताया की जिले के सभी प्रखंडों में शिक्षक तथा स्नातक निर्वाचन के लिए कुल 29 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। सभी केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसी भी स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष में सूचना देने पर तत्काल और सुरक्षा बल भेजे जाएंगे। सभी लोग निर्भीक हो कर निर्वाचन कार्य को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करें। 

 

इस अवसर पर अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, वरीय उप समाहर्ता डा फातेह फैयाज, उप विकास आयुक्त अभ्येंद्र मोहन सिंह, उप निर्वाचन पदाधिकारी मोहम्मद गजाली, जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास, भूमि सुधार उप समाहर्ता दाउदनगर संजय कुमार, आईटी मैनेजर प्रदीप कुमार, मुख्य मास्टर प्रशिक्षक राजकुमार प्रसाद गुप्ता सहित प्रशिक्षण कोषांग के सैयद मोहम्मद दायम, कुंदन कुमार ठाकुर, कार्मिक प्रबंधन कोषांग के चंद्रशेखर सिंह, रियाज अहमद आदि मौजूद थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में उतर से लेकर दक्षिण तक लगा भूतों का मेला, भूत प्रेतों को दी जा रही नर्क कुंड में सजा, मां अष्ठभुजी दे रही यह सजा

     

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद में 21 वीं सदी के वैज्ञानिक युग में भी अंधविश्वास हावी है। यहां प्रेतबाधा का निवारण हो रहा है। यहां न तो तंत्र का जोर चलता है न ही मंत्र का। जोर चलता है तो सिर्फ एक अदृश्य शक्ति का। यहां न तो ओझाओं की ओझई काम आती है और न ही तांत्रिको का भस्माविक फूंक। यहां मां अष्टभुजी के धाम पर आते ही भूत नाचने लगते है। यहां अदृश्य शक्ति यानी मां अष्ठभुजी जज भी है। वें भूतों को सजा देती है। सजा स्वरूप नरक कुंड में डुबोकर मार डालती है।  

यह सब होता है औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड के महुआधाम में जहां हर साल चैती और कार्तिक नवरात्र में लगता है भूतों का मेला। कूदती फांदती इन महिलाओं को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ये महिलाएं भूत प्रेत बाधा की शिकार हैं। 

दिल दहला देने वाली ये तसवीरें तो कुटुम्बा के महुआ धाम की है। देखने से लगता है कि ये महिलाएं और पुरुष किसी भक्ति गीत पर भक्ति भाव में झूम रहे है पर ऐसा नही है, बल्कि इन्हें भूतों ने अपने आगोश में ले रखा है। इसी वजह से ये झूम रहे है। 

औरंगाबाद जिले में ये नजारे नवरात्र के मौके पर उतर से दक्षिण तक में लगे भूतना मेले में दिखते है। ऐसे मेले औरंगाबाद जिले में मनोरा, अमझरशरीफ और शिबली में भी लगे है और सब जगह प्रायः यही हाल है। इन भूतना मेलों का आशय साफ है कि 21वीं सदी के वैज्ञानिक युग में भी विज्ञान पर अंधविश्वास हावी है और लोग प्रेतबाधा निवारण के नाम पर भूतना मेलों की शरण ले रहे है। अंधविश्वासियों पर विज्ञान भी बेअसर है।

हालांकि प्रेत बाधा से ग्रसित लोग और उनके परिजन इस बात से इतेफाक नहीं रखते। यहां ऐसे लोग भी मिल जाते है, जो यह कहते है कि भूतना मेले में आने से उनके परिजन की कैंसर जैसी बीमारी भी ठीक हो गयी है। हालांकि चिकित्सा विज्ञानी इन चीजो को सिरे से नकारते है और कहते है कि चिकित्सा विज्ञान में हर प्रकार की बीमारी का इलाज संभव है। ये लोग भूत प्रेत बाधा से ग्रस्त नही बल्कि मानसिक बीमारी से ग्रसित है और इलाज से इनकी बीमारी ठीक हो सकती है।          

बहरहाल भूत प्रेत बाधा ग्रस्त मरीज और उनके परिजन ऐसे भूतना मेलों में शामिल होकर विज्ञान के चमत्कार को फीका जरूर साबित कर रहे है। ऐसे में जरूरत है भूतना मेला लगने वाले स्थलों पर शिविर लगाकर लोगों को झांड फूंक से इलाज की हकीकत बताने की। तभी 21 वीं सदी के वैज्ञानिक युग की सार्थकता साबित हो सकेगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र