*4 करोड़ की लागत से रिफाइनरी ने सदर अस्पताल में बनाया था आधुनिक शिशु वार्ड, उद्घाटन के साथ ही हो गया बंद
बेगूसराय : बरौनी रिफाइनरी के सीएसआर फंड से सदर अस्पताल में चार करोड़ की लागत से बनाये गए शिशुओं के लिए डेडिकेटेड 50 बेड का वार्ड में उद्घाटन के साथ ही ताला लटका है। बरौनी रिफाइनरी ने भले ही मात्र 12 माह में 50 बेड का अत्याधुनिक डेडिकेटेड शिशु वार्ड बनाकर जिला स्वास्थ्य समिति को सौंप दिया लेकिन उद्घाटन के 60 दिनों के बाद भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल में एक भी बच्चे का इलाज नहीं हो पाया है।
इसको लेकर जब पड़ताल किया गया तो डेडिकेटेड शिशु वार्ड के दोनों गेट पर ताला लटका हुआ पाया गया। जहां एक भी कर्मी कुछ बताने के लिए भी उपस्थित नहीं थे। उद्घाटन का बोर्ड भी गायब मिला। पता करने पर उद्घाटन का बोर्ड शिशु वार्ड के अंदर ही बंद पड़े रहने की जानकारी मिली।
सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग के ईडी को भी लिखा था पत्र
मालुम हो कि सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के ईडी से भी पत्राचार कर चिकित्सक एवं स्टाफ मांगा गया है। लेकिन ईडी ने तत्काल जिला में उपलब्ध कर्मियों के सहारे ही शिशु वार्ड को शुरू करने को कहा है। नई बहाली के बाद राज्य स्वास्थ समिति द्वारा चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स इसके लिए उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिया गया है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है अस्पताल, शुरू हो जाए तो निजी क्लीनिक जाने की जरूरत ही नहीं
इस अत्याधुनिक शिशु वार्ड में 50 ऐसे बेड लगे हैं, जिसे देख निजी क्लिनिक भी फीका लगने लगे। इसके साथ ही हर बेड के पास मोनिटर, पाईप लाईन ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। यहां आईसीयू, लैब, चिकित्सक रूम, नर्स रूम, हॉल सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध है। यहां भर्ती बच्चों के परिजनों के बैठने के लिए आधुनिक आरामदायक कुर्सी लगी है।
इतना ही नहीं यहां कोई व्यक्ति, तैनात चिकित्सक या अन्य स्टाफ बीड़ी सिगरेट पीते हैं, तो तुरंत एलार्म बजना शुरू हो जाएगा। इतना ही नहीं शॉट सर्किट लगने या आग लगने या धूआ होने पर तुंरत कर्मियों को सचेत करने की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही अत्याधुनिक रूम बनाए गए हैं, जो यहां कार्यरत चिकित्सक, नर्स एवं स्टाफ डयूटी समाप्त होने या थकावट के दौरान आराम कर सकेगें। यह सदर अस्पताल के मुख्यद्वार से सटे डायलिसिस एवं आईसीयू के उपरी मंजिल पर बनाया गया है।
डेडिकेटेड वार्ड के शुरु नहीं हो पाने के संदर्भ में जब पड़ताल किया गया तो पता चला कि बरौनी रिफाइनरी ने शिशुओं के लिए वार्ड तो बना दिया लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति के लिए ना तो इस वार्ड के लिए दक्ष चिकित्सक हैं और ना ही स्टाफ नर्स। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार सिंह से इस संबंध में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसे शुरू करने के लिए चार शिफ्ट में कर्मी की जरूरत है, जिसमें 16 योग्य स्टाफ नर्स और चार चिकित्सक की जरूरत है।
चिकित्सक की कमी तो सदर अस्पताल में पदस्थापित शिशु रोग विशेषज्ञ को उक्त स्पेशल वार्ड में प्रतिनियुक्त कर पूरी कर ली जा सकती है, लेकिन योग्य स्टाफ नर्स की कमी ज्यादा परेशानी का कारण है। अतिरिक्त दस स्टाफ नर्स को तो ले आया गया है। लेकिन अब भी 6 स्टाफ की और ज़रुरत है, जिसमें समय लगेगा। चिन्हित कर्मियों को कुछ दिनों के लिए सदर अस्पताल के एसएनसीयू एवं आईसीयू या अन्य कार्यों में ड्यूटी देकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Mar 26 2023, 09:35