डर के साए में सोते हैं कर्मी, पीएचसी गढ़पुरा का कर्मचारी आवास हुआ जर्जर, टूट कर गिर रहा प्लास्टर
बेगूसराय : गढ़पुरा पीएचसी में जिस भवन में स्टाफ रहते हैं वह काफी जर्जर हो चुका है। आलम यह है कि इसके टूटे भवन की छत से प्लास्टर रोज - ब - रोज कर्मी के शरीर अथवा जमीन पर टूट कर गिर रहा है। छत से सरिया तक बाहर निकल आए हैं। स्थिति यह है कि यहां कभी भी हादसा हो सकता है। किवाड़ व खिड़की तक दुरुस्त नहीं है। खास बात यह है कि जर्जर भवन का कई सालों से मेंटेनेंस नहीं कराया गया है। जिसके कारण इसका हालात और भी ज्यादा खराब हो गया है। उक्त भवन में रहने वाले स्टाफ के लिए हमेशा ही खतरा बना रहता है।
दिन में तो सभी कर्मी इसी तरह समय निकाल लेते हैं। लेकिन रात में डर के साए में सभी सोते हैं। मुसीबत यह है कि जर्जर हो चुका भवन बरसात में सबसे ज्यादा खतरनाक हो जाता है। इसकी वजह यह कि भवन जर्जर हो चुका है और सीलन की वजह से यह और भी कमजोर हो चला है। जिससे इसके धराशाई होने की खतरा बढ़ जाता है। इतना खतरनाक हो चले उक्त भवन का तत्काल मेंटेनेंस कराकर सुरक्षित किया जा सकता है। मगर अभी तक इस ओर किसी भी स्तर से ध्यान नहीं दिया गया है। जबकि यह जर्जर भवन पीएचसी परिसर में ही है। बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किए जाने के बाद भी नहीं बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
विदित हो कि 22 दिसंबर 2013 को नमक सत्याग्रह स्थल के नमन यात्रा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गढ़पुरा पहुंचे थे। उस समय सीएम के द्वारा 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था।
मगर आज तक उसका कहीं अता-पता तक नहीं है। अगर उक्त भवन का निर्माण हो जाता तो पेशेंट को सुविधा मिलती ही स्टाफ के रहने के लिए भी बेहतर होता। मगर अभी तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण का कुछ भी अता पता नहीं है।
इस जर्जर भवन में रहते हैं आठ स्टाफ
जानकारी के अनुसार इस जर्जर भवन में आठ स्टाफ रह रहे हैं। जिसमें ईएमटी रंजन कुमार वर्मा, सुकेश कुमार, संतोष कुमार व अभिषेक कुमार तथा एंबुलेंस चालक प्रमोद राय, कैलाश मेहता, राहुल कुमार एवं रमणीक कुमार शामिल हैं। ईएमटी रंजन वर्मा ने बताया कि कई बार छत का प्लास्टर टूटकर शरीर पर गिर गया।
बरसात के दिनों में तो परेशानी और भी बढ़ जाती है। ऐसे तो भवन ही जर्जर है ऊपर से बरसात के समय पानी भी शरीर पर टपकता रहता है। ईएमटी ने बताया कि साल 2012 से रह रहे हैं।
उसी समय से यह भवन जर्जर है। अब तो और इसकी स्थिति खराब हो गई है। आप लोगों का कहना है कि भवन इतना जर्जर हो चुका है कि बराबर सांप भी निकलते रहता है। जिसके डर से रात में सही से सो भी नहीं पाते हैं।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Mar 05 2023, 10:20