*जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख ने कहा-भारत जितना मोदी और भागवत का है उतनी ही मदनी का, हमारी आरएसएस-बीजेपी से कोई अदावत नहीं*
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दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का महाधिवेशन चल रहा है। जमीयत के महाधिवेशन में मदनी ने कहा है कि हाल के दिनों में इस्लामोफोबिया खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। मदनी ने ये भी कहा है कि इस्लाम भारत में बाहर से नहीं आया है।भारत जितना मोदी और भागवत का है उतनी ही मदनी का भी है।
इस्लाम सबसे पुराना महजब है-मदनी
मदनी ने महाधिवेशन के दौरान अपने भाषण में कहा, भारत हमारा देश है, जितना ये देश नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत का है उतनी ही ये देश महमूद मदनी का भी है। ना महमूद इनसे एक इंच आगे है औऱ ना वो महमूद से एक इंच आगे हैं। साथ इस धरती की खासियत ये है कि ये खुदा के सबसे पहले पैगंबर अबुल बसर सैयद अला आदमअली की सरजमीं है। आप यहीं तसरीफ लाए, ये धरती इस्लाम की जाए-ए-पैदाइश है। ये मुसलमानों का पहला वतन है। इसलिए ये कहना, ये समझना और ये बोलना कि इस्लाम बाहर से आया है, ये सरासर गलत और बेबुनियाद है। इस्लाम इसी मुल्क का मजहब है और सारे मजाहिद औऱ सारे धर्मों में सबसे पुराना महजब है।
न बुलाए आपके आए हैं, न निकाले आपके जाएंगे-मदनी
महाअधिवेशन में बोलते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा कि ये 130 करोड़ आबादी का मुल्क है। यहां बेशुमार भाषाएं, खानपान के तरीके, सोचने के अंदाज अलग होने के बाद भी सब एक हैं। एक वीडियो मैं देख रहा था। उसमें कोई कह रहा था कि अब तो अपना हिस्सा ले लिया है। उसके बाद भी ये सभी लोग यहां मूंग दल रहे हैं। मदनी ने कहा कि मैं फिर कह रहा हूं, न बुलाए आपके आए हैं, न निकाले आपके जाएंगे।
आज देश में हिंदुत्व की गलत परिभाषा दी जा रही-मदनी
मदनी ने आगे कहा कि हमारे बुजुर्गों ने बोरियों पर बैठकर उस सल्तनत का मुकाबला किया है, जिसका सूरज नहीं डूबता था। हमारी किसी से मुखालफत नहीं है। मतभेद है, मनभेद नहीं है। मदनी ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन, सरकारों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की है। देश में मॉब लिंचिंग को घटनाएं बढ़ गई हैं। इसके खिलाफ आवाज उठानी है। आज देश में हिंदुत्व की गलत परिभाषा दी जा रही है। हमारी आरएसएस-बीजेपी से कोई मजहबी और नस्ली अदावत नहीं है।
Feb 11 2023, 15:36