जिला परिषद उपाध्यक्ष ने शिक्षाव स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को दिया जनहित कार्य करने का निर्देश

सरायकेला : , जिला परिषद के उपाध्यक्ष-सह-अध्यक्ष,स्वास्थ्य एवं शिक्षा स्थायी समिति, की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में स्थायी समिति की बैठक हुई आयोजित की गई। इस क्रम में जिसमें संबंधित पदाधिकारी भाग के अधिकारियों ने भाग लिया। 

इस दौरान जिला परिषद उपाध्यक्ष ने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को जनहित कार्य करने के लिए निर्देश दिए।

 जिसमें जिले में 4-5 सालों से पदस्थापित शिक्षकों को अन्यन्त्र स्थानान्तरण करने, जिले में तीन सालों से अधिक समय गठित प्रबंध समिति का पुनः नियमानुसार गठन करने, मध्याह्न भोजन का चावल / खाद्यान्न समय पर उपलब्ध कराने, प्रखण्ड कुकडू के मध्य विद्यालय सिरूम में एक शिक्षक मात्र है वहां अन्य शिक्षकों को पदास्थापित करने जैसे कई मामले पर चर्चा हुई।

पुलिस की फिर बड़ी कार्रवाई, 10 एकड़ में अफ़ीम की खेती को किया नष्ट


सरायकेला : सरायकेला खरसावां जिला के ईचागढ़ थाना क्षेत्र में गुरुवार को पुलिस द्वारा फीर एक बार बड़ी कार्रवाई करते हुए बोड़ा गांव में करीब 10 एकड़ खेतों पर लगे आफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया। एसडीपीओ संजय कुमार सिंह के निर्देश पर ईचागढ़ पुलिस एवं सैट टीम द्वारा बड़ी मात्रा में लगे आफीम की खेती को नष्ट कर दिया।

 लहलहाते अफीम की खेती को लाठी डंडे से पीट पीट कर व रौंदकर नष्ट कर दिया। मालुम हो कि एक सप्ताह के अंदर  एसपी के निर्देश पर ईचागढ़ थाना क्षेत्र के बोड़ा, सालुकडीह,चोगाटांढ़ आदि गांवों में करीब 12 एकड़ जमीन पर लगे अफीम खेती को पुलिस द्वारा नष्ट कर दिया गया था। ईचागढ़ पुलिस द्वारा बार बार चेतावनी देने के बावजूद भी किसानों द्वारा अफीम की खेती को नष्ट नहीं करने पर पुलिस बड़ी कार्रवाई करते हुए लगातार अफीम खेती को नष्ट कर आगे की कार्रवाई में जुटी है। 

वहीं एसडीपीओ संजय कुमार सिंह ने ईचागढ़ थाना परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा अफीम खेती पर लगातार कारवाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अफीम खेती करने वालों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा। 

साथ ही कहा कि किसी भी सुरत में अफीम सहित अन्य अवैध कारोबार को फलने फूलने नहीं दिया जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि जहां जहां अफीम खेती का सुचना प्राप्त है वैसे जगहों पर अफीम खेती को नष्ट किया जा रहा है एवं खेती करने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई किया जाएगा। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि अब भी समय है किसान स्वयं अपने अफीम खेती को नष्ट करें , अन्यथा पुलिस द्वारा अफीम खेती को नष्ट कर कड़ी कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा। 

मौके पर पुलिस इंस्पेक्टर पास्कल टोप्पो,थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर, एस आई शिवा यादव आदि उपस्थित थे।

चांडिल : वनराज स्टील प्लांट दर्जनों गांवों में फैला रही है प्रदूषण का जहर

सरायकेला : सरायकेला खरसावां अंतर्गत चांडिल प्रखंड के हुमिद में स्थित बी एस आई एल/वनराज स्टील प्लांट भीषण प्रदूषण फैला रही है। 

कंपनी के प्रदुषण से हुमिद, भादुडीह, हारूडीह, धातकीडीह, भुइंयाडीह, चिलगु, चाकुलिया, टुईलुंग, शहरबेड़ा, मानिकुई आदि गांव बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इन गांवों के ग्रामीणों के साथ मवेशी भी प्रदूषण के चपेट में आ रहे हैं और प्रदूषण जनित बीमारी से ग्रस्त हो रहें हैं। 

प्रदूषण से अनाज व सब्जी उत्पादन प्रभावित होने के कारण किसान कर्ज के तले दबने लगें हैं। जो भी अनाज या सब्जी का खेती किया जा रहा है, फसल के उपर काली धुल की परत जमा हो रहा है और उत्पादन में भारी गिरावट आई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक बी एस आई एल कंपनी द्वारा प्लांट संचालित किया जा रहा था तब तक प्रदूषण पर नियंत्रण था। 

इस क्षेत्र का विधायक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष है, लेकिन उन्होनें भी अपने क्षेत्र के निवासियों को प्रदूषण से राहत दिलाने के दिशा में कोई पहल नहीं किया है। 

इन दर्जनों गांवों में संचालित सरकारी व निजी विद्यालय भी प्रदूषण से त्रस्त है। इन विद्यालयों में सरकारी मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत भोजन बनता है। जब बच्चे भोजन खाते हैं संभावना है तब उसमें भी धूल गिरता है और वे धूल बच्चों के लिए धीमी जहर बन जाता है। इस तरह बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के कारण अभिभावकों में कंपनी के प्रति आक्रोश व्याप्त है। भुइंयाडीह के ग्राम प्रधान बहादुर लायक ने बताया कि कंपनी द्वारा भीषण प्रदुषण के कारण आसपास के गांवों में निवास करने वाले लोगों का आयुस्तर घट रहा है। 

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा कंपनी अधिकारियों से प्रदूषण नियंत्रण के लिए आग्रह किया गया है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के लिए कंपनी प्रबंधन ने कोई पहल नहीं किया।

मंत्री बन्ना गुप्ता के नमामि गंगा परियोजना का उड़ा रही है धज्जियां

झारखंड स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता ने सुवर्णरेखा नदी किनारे बसे गांव व शहरों के निवासियों को स्वच्छ पानी मिले और नदी साफ सुथरा रहें इस उद्देश्य से सुवर्णरेखा नदी को नमामि गंगा परियोजना में शामिल कराएं। इधर कंपनी के उड़ती धूल ने प्रदूषण स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगा परियोजना के सपनों को धूल धूसरित कर रही है। इसके साथ ही तालाब, कुंआ व अन्य जलाशय का पानी भी प्रदुषित हो रहा है।

चाईबासा: रफ्तार का कहर, तेज रफ्तार से चलती बस ने ली एक मासूम की जान


चाईबासा: टाटा चाईबासा मार्ग पर तेलाई के पास चाईबासा से टाटा की ओर जा रही मां पार्वती बस अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमें बस में सवार लोग घायल हो गए वही एक राहगीर की मौत हो गई।

 प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार चाईबासा से टाटा की ओर जा रही मां पार्वती बस काफी तेज रफ्तार में थी वही विपरीत दिशा से आ रही गाड़ी से पास लेने के चक्कर में बस ने नियंत्रण खो दिया वही एक राहगीर लादू बानरा जो अपने दो बच्चों के साथ साइकिल से अपने गांव बालिसाई जा रहा था बस के नियंत्रण खोने के बाद साइकिल सवार ने भी अपना नियंत्रण खो दिया जिसमें बस से टकराकर वह गिर गया जिसमें उसके एक 7 वर्षीय बेटे विजय बांद्रा की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

 लादू बानरा को इलाज के लिए राजनगर ले जाया गया है साथ ही बस में सवार जो लोग घायल हुए हैं उन्हें भी इलाज के लिए राजनगर पहुंचा दिया गया है।

 स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर टाटा चाईबासा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है, और प्रशासन से यह मांग की है कि वह जल्द से जल्द यहां पर सुरक्षा के इंतजाम करें क्योंकि इस जगह पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।

नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 को लेकर आगामी 11 फ़रवरी को एक दिवासीय कार्यशाला का होगा आयोजन

सरायकेला : झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र मे स्थानीय उमीदवारो का नियोजन 2021 एवं नियमावली 2022 के अनुपालन को लेकर आदित्यपुर स्थित ऑटोक्लस्टर स्थित सभागार मे जिला दण्डधिकारी सह उपायुक्त श्री अरवा राजकमल के अध्यक्षता मे एक दिवशीय कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। 

उक्त कार्यशाला मे जिले के सभी संगठन/प्रतिस्ठान के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे।

कार्यशला मे मुख्य रूप से संबंधित नियमावली के तहत राज्य अंतर्गत वैसे सभी प्रतिष्ठान जहां 10 से अधिक कार्य बल कार्यरत हैं को झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र मे स्थानीय उम्मीदवारो का नियोजन अधिनियम के अनुपालन सुनिश्चित करने सम्बन्धित बिन्दुओ पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया जायेगा ताकि स्थानीय युवाओ को नियोजन नीति नियमावली के तहत नियुक्ति का लाभ मिल सके।

सरायकेला: सीमा व गुण्डा गांव के विस्थापितों ने अपर निदेशक को सौंपा मांगपत्र

सरायकेला : चांडिल सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना में विस्थापित हुए नीमडीह प्रखंड अंतर्गत सीमा व गुंडा गांव के विस्थापितों का विस्थापन पहचान पत्र निर्माण जब तक पुरा नहीं होगा तब तक ग्रामीण सीमा में जल जीवन मिशन के राहत इटक बेल निर्माण नहीं होने देंगें। इस संबंध में ग्रामीणों ने सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना को मांगपत्र सौंपा। 

पत्र का प्रतिलिपि जिला के उपायुक्त, चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी नीमडीह, अंचल अधिकारी नीमडीह आदि को सौंपा गया। पत्र में लिखा गया है कि हम लोग ग्राम सीमा एवं ग्राम गुण्डा के सभी जमीन आंशिक अधिकृत आम जनताओं का कहना है कि हम लोगों का जमिन 1986 में सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना चाण्डिल द्वारा अधिगृत किया गया है। 

लेकिन सरकार द्वारा आज तक केवल 50-60 विस्थापितों को ही विस्थापन पहचान पत्र दिया हैं। जो कि उक्त गाँव का 300 परिवारों का जमीन सुवर्णरेखा बाँध परियोजना चाण्डिल जलाशय अधिग्रहण किया हैं। लेकिन सरकार द्वारा विगत 36 वर्षो से हम लोगों को नौकरी तो दुर विस्थापन पहचान पत्र भी उपलब्ध करा नही पाया है। 

हम लोगो ने कोई बार विस्थापन पहचान पत्र निर्माण हेतु आवेदन दे चुका है। लेकिन आज तक प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया है। हम लोग जानते हैं कि जमीन आंशिक विस्थापन पहचान पत्र निर्माण हेतु अंचल कार्यालय से कुल जमीन प्रमाण पत्र एवं पारिवारीक सदस्यता प्रमाण पत्र की जरूरत होता है। 

हम लोगो का भाग्य है कि अंचल कार्यालय एवं पुर्नवास कार्यालय के कर्मचारी एवं पदाधिकारी के मनमानी के चलते हम लोगो का विस्थापन पहचान पत्र नही बन पायी है। हम लोग दोनो कार्यालय के कर्मचारी तया पदाधिकारी के मनमानी से त्रस्त हैं। हम लोगों का केवल खेती से ही जीवन यापन होता है। 

हम लोगों को सरकारी नियमानुसार जमीन विस्थापन पहचान पत्र बन जाय तो सरकार प्रत्येक विस्थापन पहचान पत्र में स्वरोजगार हेतु 2 लाख पच्चीस हजार रूपये तक देती है। हम लोगों का जमीन सरकारी नियम के अनुसार हम लोगों ने डैम बनवाने हेतु दे दिया है। 

लेकिन सरकार सरकारी नियमानुसार विस्थापन पहचान पत्र नहीं दे रहा है। हमारे गाँव के 300 परिवार में किसी का 10 डी0 तो किसी का 30 डी0 या केवल मकान और मकान सहन की जमिन ही बचे हैं। 

पत्र में लिखा गया है अनुरोध यह है कि ग्राम सीमा और ग्राम गुण्डा के जमीन आंशिक विस्थापितों का कुल जमीन प्रमाण पत्र और पारिवारीक सहयता प्रमाण पत्र निर्गत करने का कैम्प लगा कर अंचल कर्मी और साथ में पुर्नवास कर्मी भी उपस्थिति रह कर हमारी समस्या का समाधान करें। 

अन्यथा हमलोग ने 15 दिन के बाद हमारे ग्राम में जो जल जीवन मिशन के तहत इटक वेल निमार्ण कार्य बंद कराने के लिए बाध्य होंगे। 

पत्र में नीमडीह प्रखंड के उप प्रमुख, पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वॉर्ड सदस्य आदि का हस्ताक्षर है।

सरायकेला: खेल सामग्री, पाठ्य सामग्री, साड़ी, छाता, फलदार पौधा, किसानों के लिए बीज सामग्री का किया गया वितरण

सरायकेला : घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र तामाड़ प्रखंड एवं खरसावां प्रखंड के सीमा क्षेत्र पियाकुली में सीआरपीएफ 133वाहिनी ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत गांव -पियाकुली, आरहांगा, बिजयगिरी, कुबासाल आदी गांव के सैकड़ों ग्रामीण महिला, पुरुष, नव युवक, बच्चों के बीच फुटबॉल,बोली बोल , क्रिकेट,किताब,कोपी,कलम, साड़ी,छाता, फलदार पौधा, किसानों के लिए बीज आदी सामग्री का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कमांडेंट शशी कुमार, आर 0के0 शर्मा ,आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

सरायकेला: खेल सामग्री, पाठ्य सामग्री, साड़ी, छाता, फलदार पौधा, किसानों के लिए बीज सामग्री का किया गया वितरण

सरायकेला : घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र तामाड़ प्रखंड एवं खरसावां प्रखंड के सीमा क्षेत्र पियाकुली में सीआरपीएफ 133वाहिनी ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत गांव -पियाकुली, आरहांगा, बिजयगिरी, कुबासाल आदी गांव के सैकड़ों ग्रामीण महिला, पुरुष, नव युवक, बच्चों के बीच फुटबॉल,बोली बोल , क्रिकेट,किताब,कोपी,कलम, साड़ी,छाता, फलदार पौधा, किसानों के लिए बीज आदी सामग्री का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कमांडेंट शशी कुमार, आर 0के0 शर्मा ,आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

कांकीबेड़ा एवं धातकीडीह में 18 एकड़ जमीन पर लगी पस्तु अफीम की खेती को चोका पुलिस ने नष्ट किया।


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चौका थाना अन्तर्गत घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कांकीबेड़ा एवं धातकीडीह में 18 एकड़ वन जमीन पर पस्तु अफीम की खेती को चोका थाना प्रभारी धर्म राज कुमार व चौका पुलिस बल द्वारा नष्ट कर दिया ।

नक्सलियों के संरक्षण में जंगल क्षेत्र के जमीन पर आफीम की खेती होता है । अफ़ीम की खेती में चरस, डोडा एवं पस्तु से लाखों रुपया आमदनी करता है।

चौका पुलिस के कार्रवाई पर नक्सली का आमदनी पर रोक लगा। नक्सली द्वारा भोले वाले ग्रामीणों से पस्तू की खेती कराकर अफ़ीम का काला बाजारी जोरो से फलफूल रहा ।

लोगो को पस्तु की लालच रहता है।दूसरी ओर पस्तु की फल को काट अफीम ओर डोडा को मार्केट में बेच देते हे।ग्रामीणों को पस्तु का क्वालिटी की बारे नही पता रहता परंतु सस्ते में क्षेत्रीय मार्केट में राजधानी से कम रेट में पस्तु मिल जाता है।

सरायकेला: डुमरिया का रहने वाला सबर परिवार भुखमरी और बीमारी का शिकार,उपायुक्त ने लिया सज्ञान,समुचित इलाज़ का दिया निर्देश

सरायकेला : कोल्हान पूर्वी सिंहभूम जिला के डुमरिया का रहने वाला सबर परिवार घोर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उन्हें अनाज नहीं मिलने के कारण जिंदगी और मौत से जूझ रहा है । उधर यह खबर स्थानीय मुखिया को लगा कि ,ओर मुखिया पहाड़ पहुच बीमार सबर को इलाज के लिए अस्पताल पहुचाया।

 वहीं उपायुक्त विजया यादव लगातार टूना सबर के स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों ले रही है ।रात दिन उपायुक्त हर स्थिति का जायज़ा ले रही है। चिकित्सकों को बेहतर इलाज के लिए दिए आवश्यक निर्देश ।

 गौरतलब है कि टुना सबर चलने फिरने में असमर्थ कई दिनों से बीमार थे। उपायुक्त के संज्ञान में टुना सबर के विषय मे जानकारी आने के पश्चात तत्काल प्रखंड से एक टीम को दम्पाबेड़ा भेजा गया था। चिकित्सकों की टीम ने प्राथमिक जांच के बाद सीएचसी डुमरिया लाने का निर्णय लिया जहां प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रेफर किया गया था । टूना सबर को चर्म रोग हो गया है । 

वही उनकी पत्नी एनीमिया से पीड़ित है। देर रात उपायुक्त ने अस्पताल पहुंचकर एमजीएम से दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था करवाई, एनएस एवं बी कॉम्प्लेक्स के साथ ब्लड यूनिट चढ़वाया गया, मंगलवार सुबह पुनः उपायुक्त सदर अस्पताल पहुंची और टूना सबर व उनकी धर्मपत्नी का हालचाल जाना, इस दौरान जिले के सिविल सर्जन जुझार मांझी समेत सबर दंपति का इलाज कर रहे चिकित्सक एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक मुख्य रूप से मौजूद थे । 

उपायुक्त ने साफ तौर पर जिले के सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए । किसी तरह की कोई जरूरत होने पर उन्हें खबर करने का निर्देश दिया । 

जानकारी देते हुए उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि अक्टूबर माह में धान की खेती के दौरान टुना सबर चर्म रोग की चपेट में आ गए जिसकी जानकारी उन्होंने किसी को नहीं दी, संज्ञान में आते ही उन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया है जहां नॉर्मल डाइट अभी वे नहीं ले पा रहे हैं ,जिसकी वजह से उनको लिक्विड डाइट दिया जा रहा है , चर्म रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ एमजीएम के डॉक्टर भी यहां मौजूद है जो पूरी तरह से उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखे हुए है,उन्होंने बताया कि डाकिया योजना के तहत हर सुविधा ख़ासकर खाद्यान्न सुविधा और हेल्थ कैंप समेत हर योजनाओं से उनको लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि टुना सबर और उनकी पत्नी के स्वास्थ्य संबंधी सारी सुविधाओं पर निगरानी की जा रही हैं बेहतर से बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द वे दोनों स्वस्थ होकर घर लौटेंगे ।