जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, जानें वजह

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दिल्ली पुलिस ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया है। महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने दिल्ली पहुंचीं थीं। 

दिल्ली पुलिस ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के विरोध में बुधवार को संसद तक मार्च निकालने से रोक दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ महबूबा की रेलवे भवन से संसद तक मार्च करने की योजना थी।हालांकि, पुलिस ने महबूबा मुफ्ती के साथ मौजूद पीडीपी नेताओं को भी हिरासत में लिया।

संसद भवन के पास धरना देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, जम्मू कश्मीर में गुंडा राज चल रहा है। कानून का शासन नहीं है, पहले हमारी पहचान छीन ली, अब जमीन, नौकरी छीन रहे हैं, हमसे हमारे घर छीन रहे हैं, दुकान तोड़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर को अफगानिस्तान की तरह बर्बाद किया जा रहा है।

मुफ्ती ने पूछा-हम संयुक्त राष्ट्र में अपनी शिकायतों का निवारण करवाएं?

महबूबा ने कहा कि हम विपक्षी दलों और केंद्र सरकार को जम्मू और कश्मीर में बड़े पैमाने पर जनता के साथ हो रहे परेशानियों को बताने के लिए आए थे। महबूबा ने कहा, अगर हम संसद नहीं जा सकते हैं, तो मुझे आश्चर्य है कि हमें कहां जाना चाहिए। क्या सरकार चाहती है कि हम संयुक्त राष्ट्र में अपनी शिकायतों का निवारण करवाएं।

बीजेपी ने अपने बहुमत को हथियार बना लिया-मुफ्ती

इससे पहले, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर भारतीय जनता पार्टी सरकार की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की। उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीन कश्मीर से बेहतर है।सोमवार को महबूबा मुफ्ती ने कहा था, बीजेपी ने देश के संविधान को ध्वस्त करने के लिए अपने क्रूर बहुमत को हथियार बना लिया है, उन्होंने असहमति और न्यायपालिका की आवाज को कुचलने के लिए मीडिया को भी हथियार बना लिया है।

सोशल मीडिया पर बोलीं एक्ट्रेस रवीना टंडन, ट्विटर पूरी तरह से ध्रुवीकृत है, यहां या तो राइट विंग है या लेफ्ट विंग, बीच का रास्ता नहीं बचा

बॉलीवुड सितारे सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं। सेलेब्स इस मंच के जरिए अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी की तमाम जानकारियां फैंस के साथ साझा करते नजर आते हैं। इसके अलावा वे सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखते हैं। कई बार उन्हें अपने विचारों की वजह से ट्रोलिंग का समाना करना पड़ जाता है। हाल ही में रवीना टंडन इस मुद्दे पर बात करती नजर आईं। रवीना टंडन ने कहा कि अगर सेलेब्स कुछ बोलते हैं तो भी उनकी आलोचना होती है और नहीं बोलते तो भी ट्रोल किया जाता है। 

हाल ही में एएनआई से बातचीत के दौरान रवीना टंडन ने कहा कि सेलेब्स कुछ बोलें या कुछ न बोलें, उन्हें दोनों ही मामलों में झेलना पड़ता है। रवीना ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि ट्विटर पूरी तरह से ध्रुवीकृत है। यहां या तो राइट विंग है या लेफ्ट विंग है। पूरी तरह से इस प्लेटफॉर्म पर इनका कब्जा है, ऐसा कुछ नहीं है जो आप कर सकते हैं। ऐसे में आपको या तो 'संघी' कहा जाएगा या 'नक्सलाइट'। इसके अलावा कोई बीच का रास्ता नहीं बचा है। लेकिन, हां जब भी बात मेरे देश की आती है और मुझे अपने देश के लिए बोलना पड़ता है तो फिर मैं भी भिड़ जाती हूं।'

सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के बाद रवीना को किस तरह के कमेंट्स का सामना करना पड़ता है, उन्होंने इस पर भी बात की। एक्ट्रेस ने कहा, 'लोग मुझे कहते हैं, 'अरे तू तो एक्टिंग ही कर, तू क्या जानती है?' मैं पूछती हूं, 'क्यों? मैं देश की नागरिक नहीं हूं? क्या मैं एक मां नहीं हूं, जिसके बच्चे देश की अगली पीढ़ी बनेंगे। मैं अपना टैक्स नहीं देती? एक नागरिक के रूप में अपने फर्ज नहीं अदा करती? क्या मुझे अपने देश पर गर्व नहीं है?' 

रवीना टंडन ने आगे कहा, 'जब भी मैं अपने देश के बारे में बोलना चाहती हूं तो एक एक्ट्रेस होने की वजह से मुझसे अपनी बात रखने का अधिकार क्यों छीन लिया गया?' अगर मैं आपके घर आकर आपसे मुद्दों पर बातें करने के लिए मना नहीं कर रही तो आप कौन होते हैं मुझसे यह सब कहने वाले? वर्क फ्रंट की बात करें तो रवीना जल्द ही फिल्म 'घुड़चढ़ी' में नजर आएंगी। इसके अलावा वह जल्द ही नेटफ्लिक्स की सीरीज 'अरण्यक' के दूसरे सीजन में भी नजर आने वाली हैं।

काम की खबर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनिवार्य पात्रता मानदंड के तहत इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाई, हजारों मेडिकल उम्मीदवारों को मिली राहत

नीट पीजी 2023 को स्थगित करने की मांग को लेकर जारी रेजीडेंट डॉक्टरों के विरोध के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनिवार्य पात्रता मानदंड के तहत इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाते हुए हजारों उम्मीदवारों को राहत दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मेडिकल इंटर्नशिप पूरा करने की अंतिम तिथि 11 अगस्त, 2023 तक बढ़ाने का निर्णय किया है।

यह निर्णय 13,000 से अधिक एमबीबीएस छात्रों के भविष्य को देखते हुए लिया गया था, जो विलंबित इंटर्नशिप के कारण NEET PG 2023 परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे। इससे पहले छात्र संगठन ABVP, UDAIndia और FAIMA ने भी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाने के लिए एक पत्र सौंपा था। इन संगठनों ने नीट पीजी परीक्षा टालने की भी लगातार मांग की जा रही थी। 

NEET PG Internship Deadline एमडी/एमएस के लिए 11 अगस्त तो बीडीएस के लिए 30 जून

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 13,000 से अधिक एमबीबीएस छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, जो विलंबित इंटर्नशिप के कारण नीट पीजी 2023 परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे, MoHFW ने परीक्षा पात्रता के लिए इंटर्नशिप पूरी करने की अंतिम तिथि 11 अगस्त, 2023 बढ़ाने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विलंबित इंटर्नशिप के कारण राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 3000 से अधिक बीडीएस छात्र नीट एमडीएस 2023 परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे। उन्हें लाभान्वित करने के लिए, MoHFW ने पात्रता के लिए इंटर्नशिप पूरा करने की अंतिम तिथि को 30 जून, 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। 

 

NEET PG 2023 परीक्षा टालने की खबर झूठी

हालांकि, नीट पीजी 2023 परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नीट पीजी 2023 परीक्षा तिथि को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे फर्जी नोटिस को लेकर चेतावनी जारी की है। नोटिस में नीट पीजी की पुनर्निर्धारित परीक्षा तिथियां हैं। इसे लेकर मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर चेताया है कि यह संदेश NEET-PG 2023 परीक्षा के पुनर्निर्धारण के संबंध में कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहा है। यह संदेश यानी फर्जी है। इस तरह के गलत और भ्रामक संदेशों को साझा न करें।

 

NEET PG 2023 एडमिट कार्ड 27 फरवरी को

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, नीट पीजी 2023 परीक्षा के एडमिट कार्ड 27 फरवरी, 2023 को जारी किए जाएंगे। नीट पीजी परीक्षा पांच मार्च को आयोजित की जाएगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि आधिकारिक अपडेट के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की आधिकारिक वेबसाइट देखें और किसी अन्य माध्यमों पर भरोसा न करें।

500 साल पुराने इस शाही किले में होगी स्मृति ईरानी की बेटी की शादी, एक तरफ झील तो दूसरी तरफ है रेगिस्तान, जानिए, और क्या क्या है खासियत


 इन दिनों शादियों का सीजन जोरों पर है। ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री में भी एक के बाद एक लगातार कई सेलेब्स शादी के बंधन में बंध रहे हैं। हाल ही में सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी और क्रिकेटर केएल राहुल शादी के बंधन में बंधे तो वहीं, सात फरवरी को एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ सात फेरे लिए। वहीं, अब टीवी की जानी मानी अभिनेत्री और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी शनेल भी शादी के बंधन में बंधने जा रही है।

रॉयल अंदाज में होगी स्मृति की बेटी की शादी

स्मृति ईरानी की बेटी शनेल की शादी भी राजस्थान के खींवसर फोर्ट में रॉयल अंदाज में किया जाने वाला है। शादी का जश्न जोधपुर में 7 फरवरी से 9 फरवरी तक चलने वाला है। स्मृति अपनी बेटी की शादी अर्जुन भल्ला से हो रही है। बात दें कि अर्जुन ने बेहद ही फिल्मी अंदाज में शनेल को जोधपुर और नागौर के बीच स्थित खींवसर फोर्ट में शादी के लिए प्रपोज किया था। वहीं, अब दोनों इसी किले में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। आइए आपको बताते हैं खींवसर फोर्ट के बारे में।

500 साल पुराना है ये किला

आपको बता दें कि स्मृति ईरानी की बेटी शनेल ईरानी और अर्जुन भल्ला जिस फोर्ट में शादी कर रहे हैं वो बेहद ही खास है। 

खींवसर फोर्ट राजस्थान के नागौर जिले के खींवसर गांव में स्थित है। 500 साल पुराना ये किला जोधपुर और नागौर के बीच स्थित है। बता दें कि किला थार मरुस्थल के पूर्वी किनारे पर पड़ता है। इसे 1523 में राव करमसजी ने बनवाया था। वो जोधपुर के राव जोधा के आठवें बेटे थे। इस किले की खास बात ये है कि इसके एक तरफ रेगिस्तान तो दूसरी तरफ झील है। वहीं, यहां पर आने वाले गेस्ट दिन में डेजर्ट सफारी कर सकते हैं। इस फोर्ट में 71 कमरे और सुइट हैं। 2 बैंकेट और मीटिंग के वेन्यू हैं।

खड़गे की बात पर खिलखिलाए पीएम मोदी, जाने कांग्रेस सांसद की किस बात पर रोक नहीं पाए हंसी

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लोकसभा और राज्यसभा में इन दिनों माहौल काफी गर्म है। अडानी मुद्दे के कारण आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है। लगातार हो रहे हंगामे के बीच बुधवार को सदन में एक ऐसा पल आया जब धनकड़, पीएम और खरड़े सहित पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी से संसद की ओर ध्यान देने की अपील कर डाली। इस दौरान खड़गे ने इस लहजे में शिकायत की, जिससे पीएम मोदी समेत पूरा सदन खिलखिलाकर हंस पड़ा।

राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने शिकायती लहजे में कहा कि पीएम मोदी सदन में कम दिखते हैं। उन्होंने कहा, संसद जब चलती है, तो वह इधर ज्यादा ध्यान दें, तो ज्यादा अच्छा रहेगा।खरगे ने आगे कहा कि पीएम मोदी हमेशा चुनावी मोड में दिखाई देते हैं। इधर संसद चलती रहती है, उधर मेरे संसदीय क्षेत्र में गए हैं कलबुर्गा। अरे भई मेरा ही संसदीय क्षेत्र मिल रहा है आपको। और एक संसदीय क्षेत्र में दो-दो मीटिंग। खरगे के इतना कहते ही सदन में ठहाके गूंज उठे। पीएम मोदी भी खिलखिलाकर हंस पड़े।

खरगे के बयान पर आसन पर बैठे सभापति धनखड़ ने भी चुटकी ली और कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। इसमें जरूर कोई न कोई संबंध हैं। इस पर खरगे ने कहा कि आज पहली बार प्रधानमंत्री सदन में हंस रहे हैं।आप उनको हंसने भी नहीं दे रहे हैं।

राहुल के बाद खड़गे का सरकार पर तीखा हमला, पीएम मोदी से पूछा-नफरत फैलाने वालों को क्यों नहीं डराते?

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देश में इन दिनों अडानी समूह को लेकर बवाल मचा हुआ है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इसका असर सदन में भी दिख रहा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष इस पूरे मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग कर रहा है। अडानी मामले में मंगलवार को राहुल के जोरदार हमले के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में पीएम मोदी पर जमकर सियासी तीर छोड़े।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पीएम मोदी को निशाने में लेते हुए आरोप लगाया कि जिम्मेदार मंत्री एवं सांसद 'हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं, वे अन्य किसी विषय पर चर्चा नहीं कर रहे।' कांग्रेस नेता ने कहा कि मंदिरों में प्रवेश करने पर दलितों को मारा-पीटा जा रहा है। खड़गे ने पूछा कि दलितों को यदि हिंदू समझा जाता है तो उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने से रोका क्यों जाता है? 

खड़गे ने पूछा-नफरत फैलाने वालों को क्यों नहीं डराते?

खड़गे ने कहा कि कई मंत्री ऐसे हैं जो दलितों के यहां खाना-खाकर दिखावा करते हैं। खरगे ने कहा- आखिर दलितों का सियासी इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? खरगे ने कहा कि इन सब पर पीएम चुप क्यों रहते हैं आप हर एक को डराते हो तो नफरत फैलाने वालों को आप क्यों नहीं डराते। आप मौनी बाबा मत बनिए। ऐसा बोलने वालों को आप टिकट मत दीजिये तो अपने आप ये सब सही हो जाएंगे।

पीएम के एक नजदीकी दोस्त की संपत्ति कुछ ही सालों में 13 गुना बढ़ गई-खड़गे

खरगे ने राज्यसभा में आगे कहा कि मैंने 2014 में कहा था कि न मैं खाऊंगा न मैं खाने दूंगा लेकिन पीएम मोदी के एक नजदीकी दोस्त की संपत्ति कुछ ही सालों में 13 गुना बढ़ गई, आखिर उन्होंने ऐसा क्या जादू कर दिया? खरगे ने कहा, इस व्यक्ति (गौतम अदाणी) को जो प्रोत्साहन मिला है। बैंकों ने 82 हजार करोड़ लोन दिया। मोदीजी को मालूम होगा कि गुजरात में एक किसान को 31 पैसे बकाया के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिला। पैसा भी हमारा, पोर्ट, एयरपोर्ट भी हमारे। हमारे ही पैसे से ये सेक्टर खरीद रहे हैं। अगर पब्लिक सेक्टर जिंदा होते तो उसमें रिजर्वेशन होता, नौकरियां होतीं। बीएसएनल होता, या ऐसे पब्लिक सेक्टर होते तो 30 लाख रोजगार होता और 15 लाख रिजर्वेशन मिलता। 10 फीसदी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन को मिलता। सब प्राईवेट कर दे रहे हैं। जो रोजगार था, वो खत्म कर दे रहे हैं। 10 लाख रोजगार यहां पर है। अडाणी को 82 हजार करोड़ दे दिए और उसके पास 20 हजार लोग काम करते हैं।

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर भी उठाए सवाल

खरगे ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर रोक की क्या जरूरत है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री चलने दीजिए जितना आप उसे छिपाएंगे उतना लोग उसे देखने की कोशिश करेंगे। मैं ये कोट अटल बिहारी वाजपेयी जी का करूंगा। ये तो कर सकता हूं न? खरगे ने कहा कि अटल ने अहमदाबाद में कहा था कि सांप्रदायिक हिंसा से विदेशों में भारत की छवि खराब हुई है। क्या मुंह लेकर विदेश जाऊंगा, राजधर्म का पालन नहीं हुआ। ये मेरा नहीं है, अटल का है।

*यूएस-इंडिया ही नहीं कई देशों के ऊपर मंडरा रहा है “चीनी जासूस”, द वाशिंगटन पोस्ट का बड़ा दावा, अमेरिका ने किया आगाह*

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चीन अपनी दखलअंदाजी की आदत से बाज आने वाला नहीं है। दूसरों की सीमाओं में घुसपैठ का ड्रैगन ने नया तरीका ढूंढ निकाला है। इन दिनों चीन के जासूसी गुब्बारों की खबर सुर्खियों में हैं। अमेरिकी क्षेत्र में चीन के कथित जासूसी बैलून के उड़ने और उसे अमेरिका की ओर से नष्ट किए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि चीन ने भारत और अमेरिका ही नहीं कई देशों में जासूसी बैलून के जरिए निगरानी की है।

जापान, भारत, ताइवान समेत कई देशों पर निगाहें

अमेरिका का दावा है कि चीन ने केवल अमेरिका और भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी अपने जासूसी गुब्बारे छोड़े थे।वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन गुब्बारे के जरिए कई साल से जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान, फिलीपींस सहित उन तमाम देशों की जासूसी कर रहा है, जो तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और जिनका चीन से विवाद है। 

अमेरिका ने करीब 40 दूतावासों को दी जानकारी

अमेरिकी अधिकारियों ने भारत समेत अपने मित्रों एवं सहयोगियों को चीनी गुब्बारे संबंधी जानकारी से अवगत कराया है। अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने सोमवार को यहां करीब 40 दूतावासों के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी।

जासूसी बैलून को पांच महाद्वीपों में देखा गया

द वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट कई अनाम रक्षा एवं खुफिया अधिकारियों से साक्षात्कार पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) वायु सेना की ओर से संचालित इन निगरानी यान को पांच महाद्वीपों में देखा गया है। 

देशों की संप्रभुता का किया गया उल्लंघन

रिपोर्ट में एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ये गुब्बारे पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं, जिन्हें निगरानी अभियान चलाने के लिए विकसित किया गया है, जिसने अन्य देशों की संप्रभुता का भी उल्लंघन किया है।

हाल के सालों में चार गुब्बारे देखे गए

न्यूज पेपर के अनुसार, हाल के वर्षों में हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार गुब्बारे देखे गए और इसके अलावा पिछले सप्ताह एक गुब्बारा देखा गया। इन चार में से तीन घटनाएं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान हुईं, लेकिन चीनी निगरानी यान के रूप में इनकी पहचान हाल में हुई। पेंटागन ने मंगलवार को गुब्बारे की तस्वीरें जारी कीं।

वैश्विक मंदी का असर, टेक कंपनी Zoom ने 1300 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया, सीईओ एरिक युआन ने कंपनी की वेबसाइट पर दी जानकारी


पूरी दुनिया में मंदी का असर दिखने लगा है। यही वजह है कि दुनियाभर में कई कंपनियां अपने यहां स्टाफ की छंटनी करने में जुटी हैं। अब इस लिस्ट में नया नाम टेक कंपनी Zoom का भी जुड़ गया है। बता दें कि जूम ने 1300 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। यह कंपनी के कुल कार्यबल का 15 फीसदी है। कंपनी के सीईओ एरिक युआन (Eric Yuan) ने कंपनी की वेबसाइट पर एक ब्लॉग पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। एरिक युआन के इस एलान का असर भी दिखा और मंगलवार को नैस्डेक पर जूम के शेयरों में 8 फीसदी की तेजी आई है।

कोरोना महामारी के दौरान कई तकनीकी कंपनियों को गजब की ग्रोथ मिली और जूम भी उनमें से एक थी। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान जब पूरी दुनिया घरों में कैद थी, तब जूम का बिजनेस पर चरम पर था और घरों-ऑफिस वगैरह में जूम का खूब इस्तेमाल हो रहा था। हालांकि अब जब हालात सामान्य हैं तो कंपनी को मंदी का सामना करना पड़ रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सर्विस कंपनी जूम के सीईओ एरिक युआन ने ब्लॉग में लिखा कि 'वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनियमितता और ग्राहकों के इस पर असर के चलते हमें कड़े लेकिन कदम उठाने पड़ रहे हैं।'

युआन ने लिखा कि 'हम लगातार काम कर रहे हैं ताकि जूम को इसके ग्राहकों के लिए और बेहतर बनाया जा सके लेकिन हमसे भी गलतियां हुई हैं। हमने अपनी टीम की समीक्षा की और ज्यादा वक्त नहीं लिया। हम ये देख रहे हैं कि कारोबार को कैसे ज्यादा सस्टेनेबल बनाया जा सके'। बता दें कि जूम जिन कर्मचारियों को निकाल रही है, उन्हें चार महीने की सैलरी और हेल्थ कवरेज देने की बात कही गई है। बता दें कि कंपनी के सीईओ एरिक युआन ने भी आने वाले वित्तीय वर्ष में अपनी सैलरी में 98 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है। साथ ही 2023 का कॉरपोरेट बोनस भी ना लेने की बात कही है। 

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के बाद अब दुनियाभर में मंदी का असर बढ़ रहा है और सिर्फ जनवरी माह में ही विभिन्न टेक कंपनियों ने करीब 50 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। डेल ने भी सोमवार को 6600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का एलान किया है। गूगल ने भी 12 हजार लोगों की छंटनी का एलान किया है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट भी 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना बना रही है।

यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की पहली किस्त खाते में आते ही चार महिलाएं अपने पतियों को छोड़कर प्रेमी संग फरार


प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की पहली किस्त खाते में पहुंचने के बाद चार महिलाएं अपने पतियों को छोड़कर प्रेमी संग फरार हो गईं।

किस्त जारी करने के एक साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं करने पर जब नोटिस जारी की गई तो पतियों ने डूडा कार्यालय पहुंचकर इसका खुलासा किया और दूसरे किस्त भेजने पर रोक लगाए जाने की मांग की। जिस पर इन्हें 15 दिनों की मोहलत दी गई है यदि इसके बाद भी ये लोग पत्नियों को वापस नहीं ला सके तो रिकवरी का नोटिस जारी किया जाएगा।

नोटिस जारी होने के बाद उत्तरप्रदेश के बाराबनकी के फतेहपुर कस्बे के दो पतियों ने मंगलवार को डूडा कार्यालय में परियोजना अधिकारी के सामने पेश होकर बताया कि पहली किस्त का पैसा 50 हजार रुपये जैसे ही पत्नियों के खाते में पहुंचा उसके कुछ दिन बाद ही दोनों अपने प्रेमियों के संग फरार हो गईं। 

काफी खोजबीन की गई लेकिन दोनों कोई पता नहीं चल सका है। जिस पर इन लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर दूसरी किस्त न भेजने का अनुरोध किया है। 

डूडा कार्यालय से बेलहरा, बंकी, जैदपुर और सिद्वौर की चार महिला लाभार्थियों को पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये भेजे गए थे। निर्माण कार्य शुरू न होने पर पीओ डूडा सौरभ त्रिपाठी ने सभी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया। 

पीओ ने बताया कि मंगलवार को इन सभी के पति कार्यालय में पेश हुए थे और बताया कि इनकी पत्नियां प्रेमी संग चली गई हैं। जिस पर इन्हें 15 दिन की मोहलत दी गई है इसके बाद भी निर्माण शुरू नहीं होता है तो रिकवरी की नोटिस जारी किया जाएगा।

सीरिया में भूकम्प के कहर के बीच मलबे में दबी एक मां ने बच्ची को दिया जन्म, 30 घंटे बाद गर्भनाल सहित सुरक्षित निकाली गई नवजात


 तुर्किये और सीरिया में भूकंप के चलते अब तक 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 30 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना भी मिल रही है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है। मेडिकल टीम भी मौजूद है।

सीरिया में मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। उत्तरी सीरिया में एक घर के मलबे से एक नवजात शिशु को जीवित निकाला गया। इस दौरान नवजात अपनी मां की गर्भनाल से बंधा हुआ था। बता दें कि उसकी मां की सोमवार को आए भूकंप के दौरान मौत हो गई थी। इसकी जानकारी परिवार के एक रिश्तेदार ने दी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स को 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदयारिस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने तुरंत गर्भनाल को काट दिया और बच्ची रोने लगी, उसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है।

खलील के अनुसार, उनकी भाभी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

गर्भनाल के साथ बरामद हुई बच्ची

सुवाड़ी ने मंगलवार को एएफपी को बताया, जब हम खुदाई कर रहे थे तो हमें एक आवाज सुनाई दी। हमने धूल साफ की और बच्चे को गर्भनाल (बरकरार) के साथ पाया, इसलिए हमने उसे काट दिया और मेरे चचेरे भाई उसे अस्पताल ले गए। रेस्क्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फुटेज में दिख रहा है कि एक व्यक्ति चार मंजिला इमारत के मलबे से धूल से ढके एक छोटे बच्चे को पकड़ कर दौड़ता हुआ आ रहा है।

एक दूसरा आदमी उप-शून्य तापमान में नवजात शिशु को गर्म करने की कोशिश करने के लिए कंबल लेकर दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि तीसरा व्यक्ति उसे अस्पताल ले जाने के लिए कार के लिए चिल्लाता है।

परिवार के अन्य सदस्यों की हुई मौत

बच्ची को पास के शहर अफरीन में इलाज के लिए ले जाया गया, जबकि परिवार के सदस्यों ने उसके पिता अब्दुल्ला, मां अफरा, चार भाई-बहनों और एक चाची के शवों को बरामद किया।

मंगलवार को आयोजित एक संयुक्त अंतिम संस्कार से पहले उनके शवों को एक रिश्तेदार के घर पर रखा गया था।

एएफपी के एक संवाददाता ने बताया कि जिंदयारिस में करीब 50 परिवारों में से एक परिवार का घर भूकंप से तबाह हो गया था।

अधिकारियों ने कहा कि पूरे सीरिया में 1,600 से अधिक लोग मारे गए, जबकि तुर्की में 3,400 से अधिक लोग मारे गए हैं। विद्रोहियों के कब्जे वाले कस्बों और शहरों में लगभग 800 लोग मारे गए हैं।

बच्ची के शरीर पर थे चोटों के निशान

अफरीन के अस्पताल में एक इनक्यूबेटर के अंदर, नवजात को एक ड्रिप से जोड़ा गया था, उसके शरीर पर चोटों के निशान थे और उसकी बाईं मुट्ठी के चारों ओर एक पट्टी बंधी हुई थी। कड़कड़ाती ठंड के कारण उसका माथा और उंगलियां अभी भी नीली थीं।

मारूफ ने एएफपी को बताया, वह अब स्थिर है। उन्होंने एएफपी को बताया कि नवजात के पूरे शरीर पर चोट के कई निशान थे।

कड़ी ठंड के कारण उसे हाइपोथर्मिया भी था। हमें उसे गर्म रखना था और कैल्शियम देना था। जिंदयारिस को तुर्की और उसके सीरियाई विद्रोही प्रतिनिधियों ने 2018 में आक्रामक तरीके से जब्त कर लिया था, जिसने कुर्द बलों को अफ्रिन क्षेत्र से खदेड़ दिया था।