एल विक्टोरिया गौरी की जज के तौर नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, जाने क्या है मामला?

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जजों की नियुक्ति यानी कलीजियम सिस्टम पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट में तनातनी के बीच नया मामला गरमा गया है। ऐडवोकेट एलसी विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने पर विवाद पैदा हो गया है। दरअसलल वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी आज मद्रास हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगी। वहीं दूसरी तरफ उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। ये सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी आर गवई की बेंच करेगी। 

सुप्रीम कोर्ट गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 फरवरी को सुनवाई करने पर राजी हुआ था। हालांकि, मामले का फिर से उल्लेख किए जाने पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मंगलवार को इस पर सुनवाई करने का फैसला किया।मद्रास हाईकोर्ट के कुछ वकीलों की ओर से दायर याचिका का दोबारा उल्लेख वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के सामने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देते हुए गौरी की मद्रास हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप से नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। ऐसे में इस मामले की त्वरित सुनवाई की जाए।

याचिका में मुस्लिम-ईसाई समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों का जिक्र

ऐडवोकेट एलसी विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का जज नियुक्त के फैसले के विरोध में याचिका सुप्रीम कोर्ट मे दायर की गई है। जिसमें उन्हें शपथ लेने से रोकने की मांग हो रही है। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट के कुछ वकीलों ने अपनी अर्जी में कहा है कि विक्टोरिया इस पद के योग्य नहीं हैं।सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में मुस्लिम-ईसाई समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों का जिक्र किया गया है। मद्रास हाई कोर्ट के तीन वकीलों ने याचिका दाखिल की है।

बीजेपी से क्या है कनेक्शन ?

याचिका में वकीलों ने कहा कि विक्टोरिया गौरी की राजनीतिक पृष्ठभूमि है, जिन्होंने राजनीतिक दलों के सदस्यों के रूप में भी काम किया है। उनका कहना है कि गौरी भाजपा की महिला मोर्चा की महासचिव रह चुकी हैं। साथ ही कहा गया है कि इस तरह की नियुक्तियां न्यायपालिका को कमजोर कर सकती हैं। वकीलों का मानना है कि गौरी के विचार संवैधानिक मूल्यों से काफी अलग हैं। उन्होंने गौरी की धार्मिक कट्टरता को लेकर आपत्ति दर्ज की है। साथ ही कहा है कि गौरी हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में अयोग्य हैं।

किसी को भावनाएं भड़काने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

पठान फिल्म को लेकर हुआ विवाद किसी से छुपा नहीं है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के साथ -साथ देश के विभिन्न हिस्सों में इसका विरोध हुआ था। अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे पर फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी की अपील वाला वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। जिसके बाद अब सीएम योगी ने बॉलीवुड के खिलाफ बायकॉट पर बयान दिया है। इस दौरान उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर्स से भी अपील की है। कहा कि हमें इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि जब इस तरह की कोई फिल्में आती हैं तो उनमें जनभावनाओं का सम्मान जरूर होना चाहिए। किसी को भवनाएं भड़काने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

बायकॉट बॉलीवुड पर मुख्यमंत्री योगी का तीखा जवाब

बॉयकॉट कल्चर के सवाल पर जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, किसी भी कलाकार या साहित्यकार का, जिसके पास कोई खास उपलब्धि है तो उसका सम्मान होना चाहिए। हम उन सभी का सम्मान करते हैं। उत्तर प्रदेश ने फिल्म के लिए अपनी पॉलिसी भी बनाई है। पहले की तुलना में अब यहां ज्यादा फिल्मों का निर्माण हो रहा है। उसके बारे में तमाम कार्यक्रम चल भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने फिल्म डायरेक्टर्स पर कहा ये फिल्म डायरेक्टर को भी ध्यान रखना होगा कि फिल्म बनाते समय भूल से कोई घटना होती हो तो अलग विषय है. लेकिन जानबुझकर इस प्रकार के कोई सीन नहीं दें। वहीं विवाद को जन्म देते हैं और जनभावनाओं को आहत करते हों। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये बयान एक निजी मीडिया चैनल के साथ बातचीत के दौरान आया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में पठान के विरोध पर कहा था, यूपी में फिल्म का कहीं कोई विरोध नहीं हुआ। एक जगह आपसी विवाद हुआ था, जहां एक दर्शक पूरी फिल्म की रील बना रहा था। इसको लेकर सिनेमा हॉल के कर्मचारियों ने उस दर्शक को रोका तो विवाद हुआ।

तुर्की हुआ तबाहः भूकंप से अब तक 4000 से ज्यादा लोगों की मौत, भारत ने भेजी मदद

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भूकंप के कारण तुर्की में तबाही जैसा मंजर देखा जा रहा है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है जबकि हजारों इमारतें जमींदोज हो गई है। मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही और जैसे-जैसे राहत और बचाव का काम आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

तुर्की में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा

भूकंप की वजह से हुई हजारों मौत के बाद तुर्की में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने घोषणा की कि कई दक्षिणी प्रांतों में भूकंप आने के बाद तुर्की में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक रहेगा। एर्दोगन ने एक ट्वीट में कहा 6 फरवरी को देश में आए भूकंपों के कारण सात दिनों के लिए राष्ट्रीय शोक की अवधि घोषित की गई थी। देश का झंडा 12 फरवरी सूर्यास्त तक आधा झुका रहेगा। वहीं तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि 7,840 लोगों को मलबे से निकाला गया है। रात और बचाव कार्य में 11,022 लोगों को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि 338,000 भूकंप पीड़ितों को छात्रावासों, विश्वविद्यालयों और आश्रय स्थलों में रखा गया है।

भारत ने भेजी मदद

भारत ने भी इस भीषण त्रासदी में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। यहां से एनडीआरएफ की दो टीमें राहत सामग्री समेत रवाना की गई है। मंगलवार सुबह इंडियन एयर फोर्स के विमान सी-17 से इन टीमों को रवाना किया गया है। इस टीम में स्निफर डॉग भी शामिल हैं।एनडीआरएफ के डीआईजी, ऑपरेशन और प्रशिक्षण मोहसिन शहीदी ने कहा कि भारत सरकार ने एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) कार्यों के लिए एनडीआरएफ की दो टीमों को तुर्की भेजने का निर्णय लिया है। दो प्रशिक्षित टीमों को तुर्की और सीरिया के लिए रवाना किया गया है। गाजियाबाद में आठ बटालियन में से एक और कोलकाता में दूसरी बटालियन की दो टीमों के लगभग 101 एनडीआरएफ कर्मी इस मिशन के लिए जा रहे हैं। इस टीम के साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी मौजूद है।

तुर्की और सीरिया सहित चार देशों में सोमवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। यहां बीते दिन तीन बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गईं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई।

अडानी मामले पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर बोला सीधा हमला, कहा- दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए

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अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष ने इस मामले में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। संसद में विपक्ष अडानी ग्रुप से जुड़े मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग को लेकर लगातार हंगामा कर रहा है। इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला है।

ये 'हम दो, हमारे दो' की सरकार-राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम नहीं चाहते कि संसद में इस मामले पर चर्चा हो। लेकिन देश को ये पता तो चलना चाहिए कि अडानी के पीछे कौन सी शक्तियां काम कर रही हैं। उनका कहना था कि वो 2-3 साल से अडानी का मुद्दा उठा रहे थे पर सरकार नहीं सुन रही थी।राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के बारे में काफी समय से बोल रहा हूं कि ये 'हम दो, हमारे दो' की सरकार है।

सरकार अडानी मामले में चर्चा से डरी हुई है-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि, सरकार पूरी कोशिश करेगी कि संसद में अडानी मुद्दे पर कोई चर्चा न हो। सरकार नहीं चाहती कि अडानी के मामले पर संसद में चर्चा हो, वह डरी हुई है।राहुल गांधी ने कहा कि लाखों-करोड़ों के भ्रष्टाचार हो रहे हैं और किस तरह देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक आदमी ने हाइजैक कर लिया। 

दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि हम अडानी के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। सरकार क्यों इस चर्चा से बच रही है ?

Turkey-Syria Earthquake: चारों तरफ काल का तांडव, चीख-पुकार और तबाही...लगातार 78 भूकंप से दहले सीरिया-तुर्की, 1400 से ज्यादा की मौत

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप के कारण अब तक 1472 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. रिक्टर पैमाने पर 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया में 3,320 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. तुर्की में अब तक 912 और सीरिया में 560 लोगों की मौत हो चुकी है. सोमवार को आया भूकंप तुर्की में 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद से सबसे शक्तिशाली माना जाता है, जो 1939 में पूर्वी एरजि़नकन प्रांत में आया था, जिसमें 33,000 लोग मारे गए थे. 

तुर्की के उप-राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि अब तक 1,700 से ज्यादा इमारतें तहस-नहस हो गई हैं और 6.6 की अधिकतम तीव्रता के साथ शुरुआती झटकों के बाद कम से कम 78 लगातार भूकंप दर्ज किए गए. सीरिया में 560 लोगों की जान चली गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हैं.

इस बीच, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने भूकंप के प्रभावों पर चर्चा करने के लिए अपने मंत्रिमंडल के साथ एक आपातकालीन बैठक की. विनाशकारी भूकंप तब आया जब इस क्षेत्र में गुरुवार तक जारी रहने वाले बर्फीले तूफान की आशंका थी. भूकंप के कारण, तुर्की के दक्षिणी प्रांत हैटे में एक गैस पाइपलाइन में विस्फोट हुआ. राज्य के स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी बीओटीएएस ने दक्षिणी गाजियांटेप, हटे और कहरामनमारस प्रांतों में नेचुरल गैस फ्लो को निलंबित कर दिया है.

एशिया कप में टीम इंडिया को पाकिस्तान नहीं जाने के फैसले से बौखलाए मियांदाद, भारत के खिलाफ उगला जहर, कहा-भाड़ में जाए

#javedmiandadaggresive_statement 

एशिया कप को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल एशिया कप 2023 का आयोजन इस साल पाकिस्तान में होना था। लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पहले ही साफ कर दिया है कि टीम इंडिया पाकिस्तान में नहीं खेलेगी। वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान में ही हो। ऐसे में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। 

एक इवेंट में जब मियांदाद से भारतीय टीम के पाकिस्तान नहीं आने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं तो पहले भी कहता था, नहीं आते तो भाड़ में जाएं। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें हमारी क्रिकेट मिल रही है। ये आईसीसी का काम है। ये चीजें अगर आईसीसी कंट्रोल नहीं कर सकती तो फिर गवर्निंग बॉडी का कोई काम नहीं है। 

आईसीसी को बीसीसीआई के खिलाफ सख्त कारवाई करनी चाहिए-मियांदाद

जावेद मियांदाद ने कहा कि एशिया कप पाकिस्तान में ही होना चाहिए और अगर भारत इसमें भाग नहीं लेता है, तो आईसीसी को बीसीसीआई के खिलाफ सख्त कारवाई करना चाहिए और भारत को आईसीसी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। मियांदाद ने कहा कि आईसीसी हर देश के लिए एक नियम ही अपनाए। कोई भी टीम कितनी भी बड़ी टीम हो, पर अगर वह किसी टूर्नामेंट में जाने से मना करती है तो उसे आईसीसी से हटा देना चाहिए। अगर एक बार आईसीसी सख्त कदम उठाएगा तो वो फिर टूर्नामेंट में खेलने के लिए मना नहीं कर पाएंगे।

टीम इंडिया पाकिस्तान में आकर हारने से डरती है-मियांदाद

जावेद मियांदाद ने आगे कहा कि, भारत को पाकिस्तान से खेलने में डर क्यों लगता है? मियांदाद ने कहा कि टीम इंडिया पाकिस्तान में आकर हारने से डरती है। भारतीय फैन अच्छे नहीं हैं। वह भारतीय टीम की हार को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। टीम के हारने पर वह खिलाड़ियों के घरों तक में आग लगा देते हैं। हमारे समय में भी टीम इंडिया हार से डरती थी। जब वे हमसे हारते थे, तब भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था।

बता दें कि एशिया कप 2023 की मेजबानी को लेकर 4 फरवरी को एशियाई क्रिकेट परिषद की बैठक हुई।बैठक में तय हुआ कि एशिया कप कहां आयोजित किया जाएगा, इसका फैसला मार्च के पहले हफ्ते में लिया जाएगा। इस बैठक में काउंसिल के चेयरमैन और बीसीसीआई के सचिव जय शाह और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन नजम सेठी भी शामिल हुए।

तुर्की में भूकम्प से अब तक 912 लोगों की मौत जबकि 5,380 लोग घायल, मलबे से 2470 लोगों को बचाया गया वहीं 2818 इमारतें जमींदोज

तुर्की में सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप में अब तक 912 लोगों की मौत हो गई है जबकि 5,380 लोग घायल हो गए हैं। मलबे के भीतर से 2470 लोगों को बचाया गया है। भूकंप में 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं। बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने भूकंप के मद्देनजर आपात बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की है।

सोमवार सुबह करीब सवा चार बजे तुर्की में भूकंप आया। भूकंप का केंद्र गजियांटेप इलाके में था, जो सीरिया बॉर्डर से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है। सीरिया में भी भूकंप का काफी असर रहा। सीरिया के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। तुर्की और सीरिया, दोनों में ही 6 बार भूकंप के तेज झटकों ने हिलाया।

भूकंप से तुर्की में भारी तबाही, जमींदोज हुई इमारत, देखें वीडियो 

तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर है। इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है। बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है। जो अरेबियन प्लेटके साथ जुड़ता है। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट है। जबकि, उत्तर दिशा की तरफ यूरेशियन प्लेट है, जो उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन से जुड़ा है। घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रही है एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट तुर्की के नीचे मौजूद एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रहा है। यानी एंटीक्लॉकवाइज। साथ ही इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है। अब ये घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तब यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है। तब भूकंप के तगड़े झटके लगते हैं।

*गरीबों पर मोदी सरकार का “साइलेंट स्ट्राइक”, बजट पर बोली सोनिया गांधी*

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केन्द्र सरकार ने 2023 का बजट पेश कर दिया है। 1 फरवरी को पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। अब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बजट को लेकर तंज कसा है। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट को गरीबों पर किया गया साइलेंट स्ट्राइक बताया है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने बजट 2023 को महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने में विफल बताया है। उन्होंने कहा कि चाहे गरीब हो या मध्यम वर्ग, ग्रामीण हो या शहरी वे रुपये में आ रही गिरावट और आय में कमी जैसी समस्याओं को झेल रहे हैं। ऐसे में बजट में गरीबों और कमजोरों के लिए आवंटन को कम करके स्थिति को और खराब किया जा रहा है।

दोस्तों को फायदा पहुंचाने की पीएम की नीति को देश बर्बादी की तरफ ले जा रही-सोनिया गांधी

द इंडियन एक्सप्रेस के ओपिनियन पीस में छपे अपने लेख में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास किया है। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग की कीमत पर अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाने की प्रधानमंत्री की नीति को देश बर्बादी की तरफ ले जा रही है। उन्होंने कहा, चार साल में कीमतों में वृद्धि का मतलब है कि रुपया 2018 की तुलना में काफी नीचे गिर गया है। अपर्याप्त धन और बढ़ती मुद्रास्फीति का यह घातक मेल देश के सबसे गरीब और वंचित लोगों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाता है।

गरीब और मध्यम वर्ग की कमाई पर खतरा-सोनिया गांधी

केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा, मोदी सरकार के निजीकरण ने राष्ट्रीय संपत्तियों को बहुत ही सस्ते में निजी हाथों में सौंप दिया है, इससे बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, यहां तक कि सरकार एलआईसी और एसबीआई जैसे सार्वजनिक संस्थानों को भी अपने खास दोस्तों के स्वामित्व वाली प्रबंधन कंपनियों में निवेश करने के लिए मजबूर कर रही है, इससे करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की गाढ़ी कमाई को भी खतरा है। 

सरकार ने गरीबों और वंचितों पर यह साइलेंट अटैक किया- सोनिया गांधी

सोनिया ने कहा, मोदी सरकार ने गरीबों और वंचितों पर यह साइलेंट अटैक ऐसे समय में किया है, जब आर्थिक स्थिति लगातार दयनीय बनी हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण कहते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी से पहले के स्तर को छू चुकी है, लेकिन सिर्फ अमीर ही इस सुधार का लाभ उठा रहे हैं।

*मुशर्रफ को लेकर किए गए ट्विट पर घिरे शशि थरूर, बीजेपी ने कहा 'पाकिस्तान परस्त' तो मिला ये जवाब*

#shashi_tharoor_as_he_mourns_pervez_musharrafs_death 

किसी की मृत्यु हो जाए, तो उसके लिए “भला इंसान था” वाली कहावत हमारे देश में प्रचलित है। अब ये बात अलग है कि उस “भले इंसान” ने अपने जीते जी दूसरे के लिए कितने गड्ढ़े खोदे हों। अब हमारे देश में इन दिनों किसी की मौत पर ऐसी ही भलमनसाहत दिखाने पर सियासत छिड़ गई है। 

दरअसल, रविवार को दुबई से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के निधन की खबर आई। जाहिर सी बात हैं, पड़ोसी थे तो भारत में भी उन्हें याद किया जाने लगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी उन्हें याद किया। थरूर ने ट्विटर पर कहा, पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुर्लभ बीमारी से निधन हो गया। कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे मुशर्रफ 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैं उन दिनों संयुक्त राष्ट्र में हर साल उनसे मिला और उन्हें अपनी रणनीतिक सोच में स्मार्ट, आकर्षक और स्पष्ट पाया।

देश को करगिल का जख्म देने वाले शख्स को कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा शांति के लिए असली ताकत बताने पर भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। मुशर्रफ को शशि थरूर की ओर से दी गई श्रद्धांजली भाजपा को नागवार गुजरी है। उसने कांग्रेस पर 'पाकिस्तान परस्त' होने का आरोप लगाया।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर के ट्वीट को टैग करते हुए कहा था, परवेज मुशर्रफ करगिल युद्ध के साजिशकर्ता, तानाशाह, जघन्य अपराधों के आरोपी थे। उन्होंने तालिबान और ओसामा को ‘भाई' और ‘नायक' माना था और जिन्होंने अपने ही सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकार कर दिया था, कांग्रेस द्वारा उनकी प्रशंसा की जा रही है! आश्चर्य हो रहा है? कांग्रेस की पाकिस्तान परस्ती फिर सामने आई है। उन्होंने कहा, एक समय मुशर्रफ ने राहुल गांधी को सज्जन व्यक्ति बताते हुए उनकी प्रशंसा की थी, शायद इसी कारण कांग्रेस को मुशर्रफ प्रिय है।

बीजेपी की ओर से हो रही कड़ी आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने एक ट्वीट में कहा, मैं ऐसे भारत में पला-बढ़ा हूं, जहां लोगों के मरने पर आपसे उम्मीद की जाती है कि आप उनके बारे में भली बातें करें। परवेज़ मुशर्रफ़ कट्टर दुश्मन थे, कारगिल के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन उन्होंने अपने हित में, 2002-7 में भारत के साथ शांति के लिए काम किया। वह कोई मित्र नहीं थे, लेकिन उन्होंने शांति में रणनीतिक लाभ देखा, जैसा कि हमने किया।

भाजपा के वार का पलटवार करते हुए थरूर ने ट्वीट किया और लिखा, अगर मुशर्रफ भारत के लिए अभिशाप थे, तो 2003 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उसके साथ युद्ध विराम पर बातचीत क्यों की और 2004 में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर क्यों किए? क्या उन्हें तब एक विश्वसनीय शांति साथी के रूप में नहीं देखा गया था?

*पीएम मोदी ने बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक 2023 का किया शुभारंभ, कहा- भारत में ऊर्जा क्षेत्र के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं*

#pmmodiinauguratesindiaenergyweek2023inbengaluru 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक 2023 कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने इंडियन ऑयल द्वारा विकसित सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सीएम बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे। 

इंडिया एनर्जी वीक के उद्घाटन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बेंगलुरु टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन की एनर्जी से भरा एक शहर है। मेरी तरह आप भी यहां के युवा ऊर्जा को अनुभव कर रहे होंगे। ये भारत की जी-20 प्रेसिडेंसी कैलेंडर का पहला बड़ा एनर्जी इवेंट है।

भारत को 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' बनने से कुछ ना रोक सका-पीएम मोदी

इस दौरान भारत को एनर्जी सेक्टर में निवेश के लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित देश बताया और कहा कि महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत वैश्विक तौर पर चमकता रहा।उन्होंने कहा, आईएमएफ द्वारा हाल ही में किए गए ग्रोथ प्रोजेक्शन से पता चलता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। न तो महामारी और न ही युद्ध भारत को 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' बनने से रोक सके। पीएम ने कहा कि बाहरी परिस्थितियां जो भी रहीं, भारत ने हर चुनौती को पार किया। इसके पीछे कई फैक्टर्स ने काम किया। इनमें स्थिर सरकार, निरंतर सुधार, जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण शामिल है।

ऊर्जा क्षेत्र में अद्वितीय अवसर-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के विश्व का भविष्य तय करने में ऊर्जा क्षेत्र की बहुत बड़ी भूमिका है। ऊर्जा के नए संसाधन के विकास में ऊर्जा संक्रमण में आज भारत विश्व की सबसे मजबूत आवाजों में से एक है। पीएम मोदी ने कहा, ऊर्जा क्षेत्र के विकास के भारत के पास अद्वितीय अवसर हैं। 

भारत एक महान भविष्य का निर्माण करेगा-पीएम मोदी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत वास्तव में 21वीं सदी में राष्ट्र के लिए एक महान भविष्य का निर्माण करेगा। आज भारत में करोड़ों लोगों की जीवन के स्तर में बदलाव आया है। आज करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर मध्यम वर्ग के स्तर तक पहुंच रहे हैं।