*गरीबों पर मोदी सरकार का “साइलेंट स्ट्राइक”, बजट पर बोली सोनिया गांधी*

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केन्द्र सरकार ने 2023 का बजट पेश कर दिया है। 1 फरवरी को पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। अब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बजट को लेकर तंज कसा है। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट को गरीबों पर किया गया साइलेंट स्ट्राइक बताया है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने बजट 2023 को महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने में विफल बताया है। उन्होंने कहा कि चाहे गरीब हो या मध्यम वर्ग, ग्रामीण हो या शहरी वे रुपये में आ रही गिरावट और आय में कमी जैसी समस्याओं को झेल रहे हैं। ऐसे में बजट में गरीबों और कमजोरों के लिए आवंटन को कम करके स्थिति को और खराब किया जा रहा है।

दोस्तों को फायदा पहुंचाने की पीएम की नीति को देश बर्बादी की तरफ ले जा रही-सोनिया गांधी

द इंडियन एक्सप्रेस के ओपिनियन पीस में छपे अपने लेख में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास किया है। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग की कीमत पर अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाने की प्रधानमंत्री की नीति को देश बर्बादी की तरफ ले जा रही है। उन्होंने कहा, चार साल में कीमतों में वृद्धि का मतलब है कि रुपया 2018 की तुलना में काफी नीचे गिर गया है। अपर्याप्त धन और बढ़ती मुद्रास्फीति का यह घातक मेल देश के सबसे गरीब और वंचित लोगों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाता है।

गरीब और मध्यम वर्ग की कमाई पर खतरा-सोनिया गांधी

केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा, मोदी सरकार के निजीकरण ने राष्ट्रीय संपत्तियों को बहुत ही सस्ते में निजी हाथों में सौंप दिया है, इससे बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, यहां तक कि सरकार एलआईसी और एसबीआई जैसे सार्वजनिक संस्थानों को भी अपने खास दोस्तों के स्वामित्व वाली प्रबंधन कंपनियों में निवेश करने के लिए मजबूर कर रही है, इससे करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की गाढ़ी कमाई को भी खतरा है। 

सरकार ने गरीबों और वंचितों पर यह साइलेंट अटैक किया- सोनिया गांधी

सोनिया ने कहा, मोदी सरकार ने गरीबों और वंचितों पर यह साइलेंट अटैक ऐसे समय में किया है, जब आर्थिक स्थिति लगातार दयनीय बनी हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण कहते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी से पहले के स्तर को छू चुकी है, लेकिन सिर्फ अमीर ही इस सुधार का लाभ उठा रहे हैं।

*मुशर्रफ को लेकर किए गए ट्विट पर घिरे शशि थरूर, बीजेपी ने कहा 'पाकिस्तान परस्त' तो मिला ये जवाब*

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किसी की मृत्यु हो जाए, तो उसके लिए “भला इंसान था” वाली कहावत हमारे देश में प्रचलित है। अब ये बात अलग है कि उस “भले इंसान” ने अपने जीते जी दूसरे के लिए कितने गड्ढ़े खोदे हों। अब हमारे देश में इन दिनों किसी की मौत पर ऐसी ही भलमनसाहत दिखाने पर सियासत छिड़ गई है। 

दरअसल, रविवार को दुबई से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के निधन की खबर आई। जाहिर सी बात हैं, पड़ोसी थे तो भारत में भी उन्हें याद किया जाने लगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी उन्हें याद किया। थरूर ने ट्विटर पर कहा, पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुर्लभ बीमारी से निधन हो गया। कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे मुशर्रफ 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैं उन दिनों संयुक्त राष्ट्र में हर साल उनसे मिला और उन्हें अपनी रणनीतिक सोच में स्मार्ट, आकर्षक और स्पष्ट पाया।

देश को करगिल का जख्म देने वाले शख्स को कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा शांति के लिए असली ताकत बताने पर भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। मुशर्रफ को शशि थरूर की ओर से दी गई श्रद्धांजली भाजपा को नागवार गुजरी है। उसने कांग्रेस पर 'पाकिस्तान परस्त' होने का आरोप लगाया।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर के ट्वीट को टैग करते हुए कहा था, परवेज मुशर्रफ करगिल युद्ध के साजिशकर्ता, तानाशाह, जघन्य अपराधों के आरोपी थे। उन्होंने तालिबान और ओसामा को ‘भाई' और ‘नायक' माना था और जिन्होंने अपने ही सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकार कर दिया था, कांग्रेस द्वारा उनकी प्रशंसा की जा रही है! आश्चर्य हो रहा है? कांग्रेस की पाकिस्तान परस्ती फिर सामने आई है। उन्होंने कहा, एक समय मुशर्रफ ने राहुल गांधी को सज्जन व्यक्ति बताते हुए उनकी प्रशंसा की थी, शायद इसी कारण कांग्रेस को मुशर्रफ प्रिय है।

बीजेपी की ओर से हो रही कड़ी आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने एक ट्वीट में कहा, मैं ऐसे भारत में पला-बढ़ा हूं, जहां लोगों के मरने पर आपसे उम्मीद की जाती है कि आप उनके बारे में भली बातें करें। परवेज़ मुशर्रफ़ कट्टर दुश्मन थे, कारगिल के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन उन्होंने अपने हित में, 2002-7 में भारत के साथ शांति के लिए काम किया। वह कोई मित्र नहीं थे, लेकिन उन्होंने शांति में रणनीतिक लाभ देखा, जैसा कि हमने किया।

भाजपा के वार का पलटवार करते हुए थरूर ने ट्वीट किया और लिखा, अगर मुशर्रफ भारत के लिए अभिशाप थे, तो 2003 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उसके साथ युद्ध विराम पर बातचीत क्यों की और 2004 में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर क्यों किए? क्या उन्हें तब एक विश्वसनीय शांति साथी के रूप में नहीं देखा गया था?

*पीएम मोदी ने बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक 2023 का किया शुभारंभ, कहा- भारत में ऊर्जा क्षेत्र के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं*

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक 2023 कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने इंडियन ऑयल द्वारा विकसित सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सीएम बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे। 

इंडिया एनर्जी वीक के उद्घाटन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बेंगलुरु टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन की एनर्जी से भरा एक शहर है। मेरी तरह आप भी यहां के युवा ऊर्जा को अनुभव कर रहे होंगे। ये भारत की जी-20 प्रेसिडेंसी कैलेंडर का पहला बड़ा एनर्जी इवेंट है।

भारत को 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' बनने से कुछ ना रोक सका-पीएम मोदी

इस दौरान भारत को एनर्जी सेक्टर में निवेश के लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित देश बताया और कहा कि महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत वैश्विक तौर पर चमकता रहा।उन्होंने कहा, आईएमएफ द्वारा हाल ही में किए गए ग्रोथ प्रोजेक्शन से पता चलता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। न तो महामारी और न ही युद्ध भारत को 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' बनने से रोक सके। पीएम ने कहा कि बाहरी परिस्थितियां जो भी रहीं, भारत ने हर चुनौती को पार किया। इसके पीछे कई फैक्टर्स ने काम किया। इनमें स्थिर सरकार, निरंतर सुधार, जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण शामिल है।

ऊर्जा क्षेत्र में अद्वितीय अवसर-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के विश्व का भविष्य तय करने में ऊर्जा क्षेत्र की बहुत बड़ी भूमिका है। ऊर्जा के नए संसाधन के विकास में ऊर्जा संक्रमण में आज भारत विश्व की सबसे मजबूत आवाजों में से एक है। पीएम मोदी ने कहा, ऊर्जा क्षेत्र के विकास के भारत के पास अद्वितीय अवसर हैं। 

भारत एक महान भविष्य का निर्माण करेगा-पीएम मोदी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत वास्तव में 21वीं सदी में राष्ट्र के लिए एक महान भविष्य का निर्माण करेगा। आज भारत में करोड़ों लोगों की जीवन के स्तर में बदलाव आया है। आज करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर मध्यम वर्ग के स्तर तक पहुंच रहे हैं।

*तीसरी कोशिश भी नाकामः फिर टला दिल्ली मेयर का चुनाव, हंगामे की भेंट चढ़ी कार्यवाही*

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दिल्ली एमसीडी मेयर चुनाव पर तो जैसे ग्रहण ही लग गया है। दिल्ली मेयर का चुनाव लगातार तीसरी बार टल गया है। मेयर का चुनाव आज भी नहीं हो सका। पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्रवाही अगले आदेश तक स्थगित कर दी।

दरअसल दिल्ली एमसीडी मेयर चुनाव कराने के लिए नियुक्त की गईं पीठासीन अधिकारी ने मतदान से पहले बड़ा ऐलान किया। पीठासीन अधिकारी ने कहा कि मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद भी मतदान करेंगे। पीठासीन अधिकारी के ऐलान के अनुसार, एमसीडी मेयर चुनाव, डिप्टी मेयर चुनाव और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव एकसाथ होंगे। पीठासीन अधिकारी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के 2016 के फैसले में साफ कहा गया है कि एल्डरमैन मेयर चुनाव में वोट डाल सकते हैं। पीठासीन अधिकारी के इस ऐलान के बाद एमसीडी में आम आदमी पार्टी पार्षदों की तरफ से हंगामा शुरू कर दिया गया है। 

पीठासीन अधिकारी ने कहा कि, जनता ने उन्हें दिल्ली की सेवा करने के लिए भेजा है, बार-बार हंगामा करना ठीक नहीं। इसके बाद भी जब पार्षदों का हंगामा नहीं रुका तो सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। 10 मिनट के स्थगन के बाद पीठासीन अधिकारी सदन में फिर से अपनी चेयर पर लौटीं। स्थाई समिति की पूर्व अध्यक्ष रहीं भाजपा पार्षद शिखा राय ने पीठासीन अधिकारी के सामने मांग रखी है कि आम आदमी पार्टी के दो विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी व एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है इसलिए उन्हें वोट देने का हक ना दिया जाए। इसके बाद सदन में फिर से हंगामा बढ़ गया। बढ़ते हंगामे के चलते पीठासीन अधिकारी ने सदन को अगली तिथि के लिए स्थगित कर दिया और इस तरह आज भी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया।

बता दें कि इससे पहले मेयर चुनने की दो कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भाजपा और आप के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने मेयर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी थी।

संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- पंडितों ने बनाए जाति, वर्ण और संप्रदाय, यह पूरी तरह गलत; भगवान के लिए सब एक समान

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 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जाति, वर्ण और संप्रदाय पंडितों के द्वारा बनाए गए थे। उन्होंने कहा, "जब हम आजीविका कमाते हैं तो समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए होता है तो कोई भी काम छोटा या बड़ा कैसे हो सकता है। भगवान ने हमेशा कहा है कि हर कोई उनके लिए समान है और कोई जाति या वर्ण नहीं है, उसके लिए संप्रदाय नहीं है, यह पंडितों द्वारा बनाई गई थी जो गलत है।"

मुंबई में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे संघ प्रमुख

संत शिरोमणि रोहिदास जयंती के अवसर पर मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि संत रोहिदास ने कहा कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज की उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है और यही वजह है कि समाज के बड़े-बड़े लोग संत रोहिदास के भक्त बनें।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को लिखा था खत

उन्होंने कहा कि काशी का मंदिर टूटने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को खत लिखकर कहा था कि 'हिंदू-मुसलमान सब एक ही ईश्वर के बच्चे हैं। आपके राज में एक के ऊपर अत्याचार हो रहा है, वह गलत है। सब का सम्मान करना आपका कर्तव्य है। अगर यह नहीं रुका तो तलवार से इसका जवाब दूंगा'।

अडानी मामले पर सदन में विपक्ष का हंगामा जारी, लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

#parliament_session

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कांग्रेस पार्टी समेत पूरा विपक्ष अडानी के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। जिसके कारण लगातार सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है।बजट पेश होने के बाद से अब तक संसद में एक भी दिन चर्चा नहीं हो पाई है।आज भी हंगामे के बाद लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है।

आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। स्पीकर ने भूटान से आए मेहमानों का परिचय कराया और उसके बाद प्रश्नकाल शुरू कराना चाहा लेकिन हंगामा बढ़ गया। विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है। 

बता दें कि बजट पेश किए जाने के बाद से ही विपक्ष अडानी मामाले की जेपीसी यानी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से जांच की मांग पर अड़ा हुआ है। जिसको लेकर सदन में लगातार हंगामा हो रहा है। एक सप्ताह पहले शुरू हुए संसद के बजट सत्र में अभी तक किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं पाई है। दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होना है लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से अब तक कई बार कार्यवाही को स्थगित करनी पड़ी है।

विपक्षी दल संसद से सड़क तक सरकार को घेरने का प्लान बना चुके हैं। आज कांग्रेस पार्टी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने जा रही है।अदाणी मामले को लेकर कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता एसबीआई और एलआईसी कार्यालयों के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।

तुर्की और सीरिया में भूकंप से भारी तबाही, दोनों देशों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत, 7.8 तीव्रता के झटकों से सहमें कई शहर

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तुर्की के दक्षिणी पूर्वी हिस्से में सोमवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता के भूकंप के झटके राजधानी अंकारा, नूरदगी शहर समेत 10 शहरों में महसूस किए गए। इसके अलावा सीरिया, लेबनान और इजराइल में भूकंप के झटके महसूस किए गए।इन झटकों से न केवल धरती कांपी बल्कि वहां लगभग 100 लोगों की जान चली गई। वहीं कई शहरों में तबाही का मंजर देखा गया।

न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि तुर्किये में अब तक 76 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 440 लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 42 लोग मारे गए हैं। 200 से ज्यादा घायल हुए हैं।मृतक संख्या के बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। मारे गए लोगों में ज्यादातर लोग माल्टा और सेनलुइर्फ़ा के शामिल हैं। तुर्की के अडाना शहर में 17 मंजिला और 14 मंजिला इमारतें ढह गई। राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।

भूकंप का पहला झटका स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया। इस भूकंप की वजह से जोरदार धमाका हुआ है और आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं। यह झटका राजधानी अंकारा समेत तुर्की के दूसरे शहरों में भी महसूस किया गया। पहले भूकंप का केंद्र कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और जमीन से करीब 24 किलोमीटर नीचे था। इसी के कुछ मिनट बाद भूकंप का दूसरा झटका केंद्रीय तुर्की में महसूस किया गया। इस भूकंप की वजह से सीरिया में भी कई इमारतें गिर गई हैं। तुर्किए में आए इस भूंकप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई।

सोशल मीडिया पर सामने आए वहां के कुछ वीडियो में इमारतें चंद सेकेंड्स में ढहती और मलबे में तब्दील होती नजर आईं। इस बीच, एक शॉपिंग मॉल भी ढह गया और वहां आपातकाल लागू कर दिया गया। घटना के दौरान कई के जख्मी होने की भी आशंका है।

तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने बताया कि भूकंप के झटकों के चलते 10 शहर प्रभावित हुए। इनमें कहमानमारश, हैटे, गाज़िएनटेप, ओस्मानिये, अदियामान, सनलिउर्फ़ा, मलेटिया, अदाना, दियारबाकिएर और किलिस शामिल हैं। बीएनओ न्यूज के मुताबिक तुर्किए के आंतरिक मंत्रालय का कहना है कि शक्तिशाली भूकंप के बाद हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

अदाणी ग्रुप को अब उत्तरप्रदेश में लगा झटका, स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर रद्द, खरीद लागत करीब 5400 करोड़ रुपये आंकी गई थी


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 अदाणी समूह के लिए उत्तर प्रदेश से भी बुरी खबर है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (एमवीवीएन) ने तय दर से 40 प्रतिशत अधिक दर को आधार बनाते हुए अदाणी समूह के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की अन्य कंपनियों पश्चिमांचल, पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में भी निविदा भी फंसने के आसार दिखाई दे रहे हैं। सभी जगह पर टेंडर निरस्त करने का अंतिम फैसला सेंट्रल स्टोर परचेज कमेटी करेगी।

इधर, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने कहा कि अभी उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम से रिपोर्ट आने के बाद वे कुछ कह सकेंगे। बता दें कि प्रदेश में बीते दिनों करीब 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में 2.5 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर खरीदने की टेंडर प्रक्रिया हुई थी। टेंडर में सभी जगह अदाणी समूह ने भाग लिया था। अधिकतर टेंडर में इस ग्रुप की दरें न्यूनतम आई थीं।

न्यूनतम दर होने के कारण टेंडर इस ग्रुप को मिलने के पूरे आसार थे। हालांकि, अदाणी समूह ने जो दरें दी थीं वो स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन छह हजार रुपये प्रति मीटर से कहीं अधिक दस हजार रुपये रहीं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने टेंडर निरस्त करने का आधार इसे ही बनाया गया है। मध्यांचल वितरण निगम ने अपने क्षेत्र के लिए करीब 70 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने का टेंडर किया था, जिसे निरस्त किया गया है। इन स्मार्ट मीटर की खरीद लागत करीब 5400 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

मध्यांचल व अन्य वितरण निगम द्वारा निकाले गए टेंडर में अदाणी समूह के अलावा जीएमआर व इन टेलीस्मार्ट की दरें भी एस्टीमेटेड दर छह हजार रुपये से

 48 से 65 प्रतिशत तक अधिक आई थीं। उपभोक्ता परिषद ने इस मामले को लेकर विद्युत नियामक आयोग में याचिका डाली और पावर कारपोरेशन प्रबंधन से भी इसे निरस्त करने की मांग की थी। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग उठाई थी। यह भी तर्क दिया था कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें गुजरात में 15 से 20 प्रतिशत तक कम आई हैं।

दिल्ली में फिर सियासी हलचल तेज, मेयर चुनाव के लिए आज तीसरी बार तैयारी

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दिल्ली में नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया मेयर नहीं मिला है। हंगामे, हाथापाई और धरना प्रदर्शन के बीच दिल्ली नगर निगम मेयर पद का चुनाव दो बार पहले ही टल चुका है। आज तीसरी बार दिल्ली के मेयर को चुनने के लिए नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक बुलाई गई है। ऐसे में अहम सवाल यही है कि क्या आज मेयर चुना जाएगा या नहीं?

6 जनवरी और 24 जनवरी को टल चुका है चुनाव

दिल्ली नगर निगम अधिनियम (DMC Act) 1957 के तहत मेयर और डेप्युटी मेयर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए। हालांकि ऐसा नहीं हो सका है। यह चुनाव दो बार टाला जा चुका है। मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए आज तीसरी बार मीटिंग हो रही है।इससे पहले दो बार 6 जनवरी और 24 जनवरी को सदन में हंगामे के चलते चुनाव नहीं हो पाया था।भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दिया था।

आप की शैली ओबेरॉय और भाजपा की रेखा गुप्ता के बीच टक्कर

भाजपा ने मेयर पद के लिए रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं आप की ओर से शैली ओबरॉय महापौर पद की दौड़ में शामिल हैं। उप महापौर के लिए आप और भाजपा ने क्रमश: आले मोहम्मद इकबाल और कमल बागरी को मैदान में उतारा है। सोमवार को महापौर और उप महापौर के साथ एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव होना है।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव बीते साल दिसंबर में हुआ था। दिल्ली में नगर निगम के लिए चार दिसंबर को वोट डाले गए थे और सात दिसंबर को रिजल्ट आए थे। आम आदमी पार्टी 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि 15 सालों से एमसीडी की सत्ता पर काबिज भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं।

कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र की मुहर के बाद सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नए जज, आज होगा शपथ ग्रहण*

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आज सुप्रीम कोर्ट को पाच नए जज मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए पांच जजों के नामों को केन्द्र की मंजूरी दिए जाने के बाद आज शपथ ग्रहण होना है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में ही इन नामों की सिफारिश की थी। केन्द्र सरकार की मंजूरी से एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति को स्वीकृति ना मिलने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर ना करें।

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सुप्रीम कोर्ट में आज जिन 5 नए जजों को शपथ दिलाई जा रही है, 3 चीफ जस्टिस जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पीवी संजय कुमार शामिल होंगे। वहीं दो जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस मनोज मिश्रा भी शपथ लेंगे। नई नियुक्तियों के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 27 जज हैं। जबकि यहां 34 जजों के पद स्वीकृत हैं।

जाने सभी पांच न्यायाधीशों के बारे मेः-

जस्टिस पंकज मित्तल-राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस थे। इससे पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस थे। मित्तल को साल 1985 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में शामिल किया गया था।

जस्टिस संजय करोल- नवंबर 2019 से पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले, उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर काम कर चुके हैं।

जस्टिस पीवी संजय कुमार- 2021 से मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी जस्टिस के रूप में काम किया है। संजय कुमार को अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के मेंबर के रूप में शामिल किया गया था।

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह- पटना हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। 2011 में पटना हाईकोर्ट में जस्टिस बनकर पहुंचे, फिर 2021 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया। इसके बाद, उन्हें जून 2022 में दोबारा पटना हाईकोर्ट में भेजा गया। जस्टिस अमानुल्लाह को सितंबर 1991 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में शामिल किया गया था।

जस्टिस मनोज मिश्रा-* इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। उन्होंने साल 2011 में जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में अभ्यास किया है।