आतंकियों से इतनी गहरी है पाकिस्तानी सेना की दोस्ती, ऑपरेशन सिंदूर के बाद दहशर्तगर्दों के जनाजे में दिखे जवान

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पाकिस्तान भले ही ये मानने को तैयार नहीं है कि वो आतंकियों की ‘फैक्ट्री’ है, लेकिन उसकी हरकतों ने कई बार ये सबूत दिया है। आतंकियों के साथ पाकिस्तानी सेना की दोस्ती एक बार फिर जगजाहिर हो गई है। भारत के एयरस्ट्राइक ऑपरेशन सिंदूर में मारे गये लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के जनाके में पाकिस्तानी फौज के कई अधिकारी पहुंचे। जिसके बाद एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ की पोल खुल गई है।

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में भारतीय एयरफोर्स की एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान में दर्जनों ठिकाने तबाह किए गए और कई आतंकी मारे गए। इन आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी आर्मी के अफसरों और जवानों को बड़ी संख्या में मौजूद देखा गया है। ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं जिनमें देखा जा सकता है कि पाकिस्तान की सेना के बड़े अफसर आतंकियों के जनाजे में शामिल हो रहे हैं।

पाकिस्तानी मीडिया में भी बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना के कर्मी और हाफिज सईद के प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सदस्य लाहौर से करीब 40 किलोमीटर दूर मुरीदके में आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर भारतीय सैन्य हमले में मारे गए तीन लोगों के जनाजे की नमाज में बुधवार को शामिल हुए।जमात उद-दावा के राजनीतिक संगठन पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ताबिश कय्यूम ने कहा कि कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर को कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज-ए-जनाजा अदा की गई। कय्यूम खुद भी जनाजे में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस जनाजे में नागरिक प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हुए।

जमात-उद-दावा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग के प्रवक्ता तबीश कय्यूम ने बताया कि कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर की जनाजे की नमाज मुरीदके में कड़ी सुरक्षा के बीच पढ़ी गई। कय्यूम ने कहा कि जनाजे की नमाज में सिविल नौकरशाही के सदस्य भी मौजूद थे। खुद कय्यूम भी जनाजे की नमाज में शामिल हुआ। कय्यूम ने कहा कि ‘पाकिस्तान पर हमला करने वाले भारत को दिनदहाड़े जवाब मिलेगा।’ उसने कहा कि जब भारतीय हमला हुआ और मस्जिद नष्ट हुई, तब कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर मस्जिद के बगल वाले कमरे में सो रहे थे। माना जाता है कि तीनों जेयूडी के सदस्य थे।

बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय पाकिस्तानी पंजाब के मुरीदके में है, जो लाहौर से करीब 30 किलोमीटर दूर है। ये वही संगठन है, जिसने 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। इसे यूनाइटेड नेशंस समेत कई देशों ने आतंकवादी संगठन बताकर बैन किया हुआ है। भारत के खिलाफ कई आतंकी हमले को अंजाम देने में ये संगठन मास्टरमाइंड रहा है, लेकिन इस बार भारतीय सेना ने उसके हेडक्वार्टर को उड़ा दिया है। भारत के हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर ने एक बयान जारी करते हुए अपने परिवार के 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। भारत के हमले में मसूद अजहर के बहन और बहनोई की भी मौत हो गई है।

ऑपरेशन सिंदूर' से बौखलाया पाकिस्तान, LoC पर फायरिंग में 6 भारतीयों की मौत

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भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की है। इस के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया गया है और उसने आम भारतीयों को निशाना बनाया है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना ने रातभर भारी गोलीबारी की। इस गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं, पाकिस्तानी सेना ने पुंछ, राजौरी और उरी में गोलीबारी की है।

भारतीय सेना के अनुसार बीती रात पाकिस्तान आर्मी ने एलओसी पार और इंटरनेशनल बॉर्डर पार से आर्टिलरी फायर किया। जिसमें भारत के 6 सिविलियंस की मौत हुई है। भारतीय सेना के अनुसार पाकिस्तान की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के इस हमले में कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तान ने तंगधार गांव को अपना निशाना बनाया है।

जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में फायरिंग

बुधवार को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा मिसाइल हमले किए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस पर भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई की है।छह और सात मई की रात में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियों से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी गोलीबारी की है। तंगधार में नियंत्रण रेखा के पास मनमाने तरीके से गोलीबारी की। पाकिस्तान की ओर से पुंछ में की गई अंधाधुंध गोलीबारी में छह नागरिकों की जान चली गई।

12 दिनों से लगातार सीजफायर का उल्लंघन

पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव है। इसके बाद से लगातार पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग की जा रही थी। पाकिस्तान बीते 12 दिनों से LOC पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया है। जिसका भारत ने उसे हर बार मुंहतोड़ जवाब भी दिया। अब उसने भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर यह कदम उठाया।

एयरस्ट्राइक में पाक के 9 ठिकानों पर हमला

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए अटैक का जवाब देते हुए भारत ने 6-7 मई की रात करीब 1:30 बजे पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की। इस एयरस्ट्राइक में पाक के 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसी के बाद भारत के अटैक के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान ने मासूम भारतीयों को एक बार फिर निशाना बनाया।

भारत-पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात, टेंशन के बीच मॉक ड्रिल कल

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पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। इस बीच भारत सरकार ने राज्यों को युद्ध की स्थिति को लेकर मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। इससे जंग की आशंका और बढ़ गई है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे नए खतरों के मद्देनजर सभी राज्यों से सात मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई यानी बुधवार को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। मकसद यह है कि अगर युद्ध या ऐसे इमरजेंसी हालात बनें तो अपने देश के नागरिकों को बचाया जा सके। गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने अपने निर्देशों में हमला होने की स्थिति में पांच पॉइंट पर जोर दिया है। इस मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हवाई हमला होने पर क्या करें।

क्यों हो रही यह मॉक ड्रिल?

सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को किसी भी हमले की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है। अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ब्लैकआउट के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अपडेट करना और उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। मॉक ड्रिल में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है।

54 साल पहले हुआ था मॉक ड्रिल

इससे पहले भारत सरकार ने राज्यों से ठीक 54 साल पहले 1971 में मॉक ड्रिल करने के कहा था। 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध आधिकारिक तौर पर तीन दिसंबर को शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को खत्म हुआ था। पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने ढाका में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. लेकिन उस युद्ध से काफी पहले कई महीनों से तनाव बढ़ रहा था।

मॉक ड्रिल्स की शुरुआत युद्ध से कुछ दिन पहले हुई थी। तमाम मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह मॉक ड्रिल युद्ध से दो-चार दिन पहले शुरू हुई और युद्ध की समाप्ति तक चली थी। इस दौरान देश भर में सिविल डिफेंस की तैयारियां की गईं। इस ड्रिल का मकसद जनता को युद्ध की स्थिति लेकर जागरूक करना था।

भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान ने किया एक और मिसाइल का परीक्षण, 3 दिन में दूसरा टेस्ट

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है कि भारत उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई ना कर दे। इस खौफ से पाकिस्तान में बौखलाहट देखी जा रही है। जिसे छिपाने के लिए पड़ोसी देश हाथ पैर मार रहा है।ऐसे में पाकिस्तान एक के बाद एक अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने एक बार फिर आज मिसाइल 'फतेह' का प्रक्षेपण किया है। पिछले तीन दिन में यह पाकिस्तान का दूसरा मिसाइल टेस्ट है।

पाकिस्तान के दावे के अनुसार, उन्होंने सतह से सतह पर मार करने वाली फतह सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। इस मिसाइल की रेंज 120 किलोमीटर है। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि यह मिसाइल परीक्षण एक्सरसाइज इंडस के तहत किया गया।

पाक सेना ने दी जानकारी

पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर के बयान के मुताबिक पाकिस्तान ने चल रहे अभ्यास इंडस के दौरान 120 किलोमीटर की रेंज वाली फतह सीरीज की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का कामयाब परीक्षण किया है। इस प्रक्षेपण का मकसद सैनिकों की ऑपरेशनल तत्परता सुनिश्चित करना और मिसाइल की एडवांस नेविगेशन प्रणाली और बढ़ी हुई सटीकता समेत कई प्रमुख तकनीकी स्टैंडर्ड का टेस्ट करना था। इस टेस्ट के दौरान पाकिस्तानी सेना कई सीनियर अधिकारियों के साथ साथ कई पाकिस्तानी नेता, वैज्ञानिक और इंजीनियर मौजूद थे।

पहले किया अब्दाली मिसाइल का परीक्षण

इससे पहले पाकिस्तान ने अपनी अब्दाली मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया था, जिसकी रेंज 450 किलोमीटर है। आपको बता दें कि फतह मिसाइल, पाकिस्तान द्वारा विकसित की गई एक टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है, जिसे हाल के वर्षों में बनाया गया है। यह मिसाइल खासकर शॉर्ट-रेंज, हाई-प्रिसीजन अटैक के लिए डिजाइन की गई है। माना जा रहा है कि फतह-1 को एलओसी या इंटरनेशनल बॉर्डर के पास तैनात भारतीय टुकड़ियों को टारगेट करने के लिए विकसित किया गया है।

पाक के खौफ को दिखा रहा मिसाइल टेस्ट

पाकिस्तान के द्वारा एक के बाद एक मिसाइल का टेस्ट उसके डर को साफ दिखाता है। पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया है। बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया। इतना ही नहीं भारत ने चिनाब नदी का पानी भी रोक दिया है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया है और उसने युद्ध की धमकी दी है। पाकिस्तान की सेना बीते 11 दिनों से लगातार सीमा पर गोलीबारी कर अपनी खीझ मिटाने की कोशिश कर रही है।

अगर सिंधु नदी का पानी रोका तो हम हमला कर देंगे” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भारत को गीदड़भभकी

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से सिंधु जल संधि, आयात-निर्यात और किसी भी तरह के पब्लिक इंगेजमेंट पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं, इससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और बार-बार गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने 'पाकिस्तान के पानी को रोकने या उसकी दिशा बदलने के लिए कोई ढांचा या निर्माण किया तो पाकिस्तान हमला करेगा और इसे नष्ट कर दिया जाएगा।

पानी रोकने को युद्ध की कार्रवाई बताया

जियो न्यूज से बात करते हुए आसिफ ने कहा, अगर भारत किसी तरह का ढांचा (बांध) बनाने की कोशिश करता है तो हम बिल्कुल उस पर हमला करेंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत सिंधु नदी पर किसी तरह का बांध बनाकर पानी रोकने की कोशिश की यह पाकिस्तान पर सीधा हमला माना जाएगा। सिंधु नदी पर बांध का निर्माण दोनों देशों के बीच जल समझौते का उल्लंघन होगा। भारत अगर ऐसा कुछ करता है तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और उसपर हमला कर देगा।

सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं-आसिफ

आसिफ ने कहा कि सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं है, यह पाकिस्तान के ख़िलाफ जंग की घोषणा होगी। कोई हमला सिर्फ तोप के गोले या बंदूक चलाने तक ही सीमित नहीं है, इसके कई रूप हैं, जिनमें से एक यह भी है। इससे देश के लोग भूख या प्यास से मर सकते हैं।

भारत कर रहा है नाटक- आसिफ

आसिफ ने भारत पर लगातार उन्हें उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत नाटक कर रहा है और पहलगाम आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान पर झूठे इल्ज़ाम लगा रहा है। आसिफ ने कहा कि भारत ने अभी तक इस बात के ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।

बिलावलने खून बहाने की कही थी बात

इससे पहले सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में कहा था कि या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा। उनके बयान पर भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

भारत का पाकिस्तान पर एक और वार, बंद किया कारोबार, पड़ोसी देश से आयात-निर्यात पर पूरी तरह लगाया बैन

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान में उत्पन्न होने वाली या वहां से निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाने के लिए ये बड़ा फैसला लिया है।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दो मई को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, ताकि अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर रोक लगाई जा सके। इस कार्रवाई से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध पूरी तरह से ठप हो गया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। यह प्रतिबंध उन वस्तुओं पर भी लागू होगा जो स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हैं या अन्यथा अनुमत हैं, साथ ही तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले पारगमन पर भी रोक लगाई गई है। इस प्रतिबंध में किसी भी तरह के अपवाद के लिए भारत सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

कराह उठेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान से भारत को होने वाले आयात में मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, मसाले, और कुछ खाद्य पदार्थ शामिल थे, जो अब पूरी तरह बंद हो जाएंगे। जानकारों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा, खासकर खाद्य पदार्थों की कमी और बढ़ती महंगाई के रूप में। भारत ने पहले ही 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्तों को सीमित कर दिया था, और अब यह प्रतिबंध उस दिशा में एक और कड़ा कदम है।

आतंकी हमले के बाद भारत का पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख

यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। भारत ने जहां कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू किया, वहीं पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया

भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार और प्रतिबंधात्मक कदमों की घोषणा के बाद, पहले तो पाकिस्तान के नेताओं ने आक्रामक बयानबाजी की, लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो उन्होंने पश्चिमी देशों का रुख किया। इसके बाद भी जब भारत की रणनीति में कोई ढील नहीं दिखी, तो पाकिस्तान ने अब संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के फैसलों को “वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा” बताया है और भारत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हालांकि ये बयान भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो अब तक नाकाम ही रहा है।

पाकिस्तानी परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, वापस भेजने पर लगाई रोक

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पाकिस्तान निर्वासित होने के कगार पर पहुंचे एक परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान भेजने के आदेश पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता और उनके परिवार के सदस्यों ने भारतीय नागरिकता का दावा करते हुए भारतीय दस्तावेज पेश किए हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिकारियों को परिवार के दस्तावेज जांचने और कोई फैसला लेने तक परिवार को पाकिस्तान निर्वासित न करने का निर्देश दिया है।

भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज का दावा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हिन्दुओं के नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागिरकों का वीजा रद्द कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब तक कई पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान वापस भेजे जा चुके हैं। हालांकि इस बीच बेंगलुरु में रहने वाले छह सदस्यों के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया है कि उनके पास भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज मौजूद हैं।

अपनी याचिका में बेंगलुरु में नौकरी कर रहे अहमद तारिक बट ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के पांच सदस्यों को श्रीनगर के फॉरेन रजिस्ट्रेशन ऑफिस से पाकिस्तान डिपोर्ट किए जाने का नोटिस मिला है। इन सभी सदस्यों का दावा है कि वे भारतीय नागरिक हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं।

कोर्ट ने क्या कहा?

उनकी इस याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ताओं की तरफ से प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा याचिका में याचिकाकर्ता 2 और 3 पति-पत्नी हैं। याचिकाकर्ता 1, 4, 5 और 6 उनके बच्चे हैं। वे मौजूदा समय श्रीनगर के निवासी हैं। सरकारी निर्देश के अनुसार वीजा रद्द कर दिए गए हैं, सिवाय उन लोगों के जो संरक्षित हैं, ऐसे में याचिकाकर्ताओं को निर्वासित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। कुछ लोगों को निर्वासन के लिए हिरासत में लिया गया है। याचिकाकर्ता अपने पक्ष में जारी किए गए आधिकारिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा कर रहे हैं कि वे भारतीय नागरिक हैं। ऐसे में तथ्यात्मक दलील को सत्यापित करने की आवश्यकता है, इसलिए हम अधिकारियों को इन दस्तावेजों और उनके ध्यान में लाए जाने वाले किसी भी अन्य तथ्य को सत्यापित करने के निर्देश देने के साथ याचिका की योग्यता पर कुछ भी कहे बिना इसे समाप्त कर देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए। हम कोई समयसीमा निर्धारित नहीं कर रहे हैं। इस मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए उचित निर्णय लिए जाने तक अधिकारी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई न करें। अगर याचिकाकर्ता अंतिम निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर सकता है। इस आदेश को मिसाल नहीं माना जाएगा, क्योंकि यह इस मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार है।

मुझे नहीं लगता कि यह किसी से छिपा हुआ”, ख्वाजा आसिफ के बाद बिलावल ने कबूला पाकिस्तान का सच

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पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है...पहले पड़ोसी मुल्क के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बात कबूला अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस पर मुहर लगा दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पाकिस्तान का अतीत आतंकी समूहों से जुड़ा रहा है, यह कोई रहस्य नहीं है। ये एक सच है कि देश में ये सब हुआ है। भारत की ओर से सख्त कार्रवाइयों और जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान के नेताओं की बौखलाहट ने मुल्क का असली चेहरा दुनिया के सामने ला दिया है।

मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने बात मानी

अमेरिकी टीवी चैनल स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बात करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, रक्षा मंत्री ने जो कहा मुझे नहीं लगता कि यह कोई सीक्रेट या छिपी हुई बात है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है। जिसका खामियाजा हमने भुगता है, पाकिस्तान ने भुगता है। उन्होंने पहले अफगान युद्ध के दौरान मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका की ओर इशारा किया। ख्वाजा आसिफ की तरह उन्होंने भी कहा कि पाकिस्तान ने यह काम पश्चिमी देशों के साथ मिलकर किया, जिसका खामियाजा बाद में उनके देश ने भुगता है। हम एक के बाद एक चरमपंथ यानी आतंकवाद की मार झेलते रहे हैं। लेकिन जिस भी तकलीफ से हम गुजरे हैं, उससे हमने सबक भी लिया है।

आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गई-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा, हमने अपने देश में कट्टरपंथ और आतंक के कई दौर देखे लेकिन हाल के वर्षों में स्थिति बदल गई। पाकिस्तान में हालिया वर्षों में आतंक को कोई पनाह नहीं मिली है बल्कि हम खुद इससे पीड़ित और आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमने आंतरिक सुधार किए हैं। खासतौर से मेरी मां पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गए। पाकिस्तान ने बीते वर्षों में आतंकी समूहों के खिलाफ गंभीर और सफल कार्रवाई की है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी किया था सच कबूल

इससे पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था, हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम किया। यह एक बड़ी गलती थी, जिसकी सजा हमने भुगती। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।

यह कबूलनामा ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया, जो पाकिस्तान से संचालित एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है।

सीमा पर हथियार जुटा रहा पाकिस्तान, भारत से सटी सीमाओं पर चीनी तोप तैनात

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पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर लगातार गोलीबारी हो रही है। एलओसी पर लगातार आठवें दिन सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। पाकिस्तानी सेना ने बारामूला, कुपवाड़ा, पुंछ, रौशेरा और अखनूर में छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारत की तरफ से हमले होने का दावा कर रहा पाकिस्तान खुद उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। यही नहीं, पाकिस्तान ने भारत से सटी सीमा पर अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाई है। पाकिस्तानी सेना ने रडार, वायु रक्षा प्रणाली और चीन में बनी हॉवित्जर तोपों समेत कई तरह के हथियार सीमा पर तैनात किए हैं।

एक साथ 3 सैन्य अभ्यास कर रही पाक वायुसेना

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से हमले को लेकर खौफजदा पाकिस्तान सीमाओं पर लगातार सैन्य जमावड़ा बढ़ा रहा है। उसने अग्रिम मोर्चों पर वायु रक्षा प्रणाली और चीनी एसएच-15 होवित्जर तोपें भी तैनात कर दी हैं। पाकिस्तानी वायु सेना फिलहाल एक साथ 3 सैन्य अभ्यास कर रही है। इन्हें फिजा-ए-बद्र, ललकार-ए-मोमिन और जर्ब-ए-हैदरी नाम दिया गया है। इनमें वायुसेना के एफ-16, जे-10 और जेएफ-17 सहित सभी प्रमुख लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। वायुसेना का ये अभ्यास 29 अप्रैल को शुरू हुआ और इसमें साब एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम विमान भी हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान ने लाहौर और कराची के ऊपर अपना हवाई क्षेत्र भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।

सीमा पर चीनी हॉवित्जर तोपों की तैनाती

पाकिस्तानी सेना चीन से खरीदी गई एसएच-15 हॉवित्जर तोपों को भी अपनी आर्टिलरी रेजीमेंट में शामिल कर रही है। इन आधुनिक तोपों को अब सीमा के नजदीक तैनात किया जा रहा है। इससे पाकिस्तान की फायरिंग क्षमता काफी बढ़ गई है। पाकिस्तान का एसएच -15 हॉवित्जर हथियार को लेकर दावा है कि परमाणु हमला करने में माहिर है।

2019 में पाकिस्तान ने 236 ऐसी तोपें खरीदने के लिए चीन से समझौता किया था। यह 155 मिमी/52-कैलिबर का स्वचालित, व्हीकल-माउंटेड तोप है। यानी यह हथियार 155 एमएम के गोले दाग सकता है।

चीनी हॉवित्जर की खासियत

इसकी खासियत की बात करें तो इसे पाक और चीन मारक और घातक बताते हैं। एसएच-15 की रेंज 20 किमी से 53 किमी तक है। यानी यह नाटो गोला-बारूद के साथ-साथ र जीपीएस-निर्देशित गोले भी दाग सकता है। इसकी डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम, स्वचालित गन-लेइंग, और जीपीएस-नेविगेशन सटीकता बढ़ाते हैं। इस हथियार को 6×6 शानक्सी ट्रक के चेसिस पर फिट किया गया है। यह 90 किमी/घंटा की गति और 500 किमी की रेंज के साथ ‘शूट एंड स्कूट’ रणनीति के लिए बेस्ट माना जाता है। इसके बख्तरबंद केबिन और हाइड्रो-न्यूमैटिक सस्पेंशन पहाड़ी और जटिल इलाकों में प्रभावी बनाते हैं। यानी पहाड़ी इलाकों के लिए एसच-15 को बेस्ट माना जाता है। दावा तो पाकिस्तान की तरफ से यह भी कहा जाता है कि यह न्यूक्लियर गोले दाग सकता है।

पहलगाम हमले पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भारत से की संयम बरतने की अपील, पाक को आतंकियों पर एक्शन की सीख

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के प्रति समर्थन जताया साथ ही भारत से संयम बरतने की अपील की। वहीं, जेडी वेंस ने पाकिस्तान को पहलगाम हमले की जांच में भारत का सहयोग करने की बात कही, ताकि हमले के जिम्मेदार दोषियों को सजा दी जा सके। बता दें कि पहलगाम में जब हमला हुआ था, उस समय जेडी वेंस परिवार के साथ भारत के दौरे पर थे। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने अंजाम दिया था, जिसके बाद से दोनों परमाणु सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

भारत के साथ सहयोग करना पाक की जिम्मेदारी-वेंस

अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज पर एक इंटरव्यू में अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा, हमारी उम्मीद है कि भारत इस आतंकवादी हमले का इस हमले का इस तरह से जवाब देगा, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष न हो। वेंस ने आगे कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जहां तक पाकिस्तान की जिम्मेदारी है, वह भारत के साथ सहयोग करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके क्षेत्र में कभी-कभी सक्रिय आतंकवादियों का पता लगाया जाए और उनसे निपटा जाए।

वेंस ने पहले भी की थी हमले की निंदा

22 अप्रैल को जब जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, उस वक्त जेडी वेंस अपने परिवार के साथ भारत दौरे पर ही थे। वेंस ने तब हमले की निंदा की थी। एक्स पर एक पोस्ट में पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की थी। साथ ही जेडी वेंस ने बीते हफ्ते पीएम मोदी से फोन पर बात कर पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा भी की थी।

आतंकियों से इतनी गहरी है पाकिस्तानी सेना की दोस्ती, ऑपरेशन सिंदूर के बाद दहशर्तगर्दों के जनाजे में दिखे जवान

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पाकिस्तान भले ही ये मानने को तैयार नहीं है कि वो आतंकियों की ‘फैक्ट्री’ है, लेकिन उसकी हरकतों ने कई बार ये सबूत दिया है। आतंकियों के साथ पाकिस्तानी सेना की दोस्ती एक बार फिर जगजाहिर हो गई है। भारत के एयरस्ट्राइक ऑपरेशन सिंदूर में मारे गये लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के जनाके में पाकिस्तानी फौज के कई अधिकारी पहुंचे। जिसके बाद एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ की पोल खुल गई है।

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में भारतीय एयरफोर्स की एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान में दर्जनों ठिकाने तबाह किए गए और कई आतंकी मारे गए। इन आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी आर्मी के अफसरों और जवानों को बड़ी संख्या में मौजूद देखा गया है। ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं जिनमें देखा जा सकता है कि पाकिस्तान की सेना के बड़े अफसर आतंकियों के जनाजे में शामिल हो रहे हैं।

पाकिस्तानी मीडिया में भी बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना के कर्मी और हाफिज सईद के प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सदस्य लाहौर से करीब 40 किलोमीटर दूर मुरीदके में आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर भारतीय सैन्य हमले में मारे गए तीन लोगों के जनाजे की नमाज में बुधवार को शामिल हुए।जमात उद-दावा के राजनीतिक संगठन पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ताबिश कय्यूम ने कहा कि कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर को कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज-ए-जनाजा अदा की गई। कय्यूम खुद भी जनाजे में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस जनाजे में नागरिक प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हुए।

जमात-उद-दावा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग के प्रवक्ता तबीश कय्यूम ने बताया कि कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर की जनाजे की नमाज मुरीदके में कड़ी सुरक्षा के बीच पढ़ी गई। कय्यूम ने कहा कि जनाजे की नमाज में सिविल नौकरशाही के सदस्य भी मौजूद थे। खुद कय्यूम भी जनाजे की नमाज में शामिल हुआ। कय्यूम ने कहा कि ‘पाकिस्तान पर हमला करने वाले भारत को दिनदहाड़े जवाब मिलेगा।’ उसने कहा कि जब भारतीय हमला हुआ और मस्जिद नष्ट हुई, तब कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर मस्जिद के बगल वाले कमरे में सो रहे थे। माना जाता है कि तीनों जेयूडी के सदस्य थे।

बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय पाकिस्तानी पंजाब के मुरीदके में है, जो लाहौर से करीब 30 किलोमीटर दूर है। ये वही संगठन है, जिसने 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। इसे यूनाइटेड नेशंस समेत कई देशों ने आतंकवादी संगठन बताकर बैन किया हुआ है। भारत के खिलाफ कई आतंकी हमले को अंजाम देने में ये संगठन मास्टरमाइंड रहा है, लेकिन इस बार भारतीय सेना ने उसके हेडक्वार्टर को उड़ा दिया है। भारत के हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर ने एक बयान जारी करते हुए अपने परिवार के 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। भारत के हमले में मसूद अजहर के बहन और बहनोई की भी मौत हो गई है।

ऑपरेशन सिंदूर' से बौखलाया पाकिस्तान, LoC पर फायरिंग में 6 भारतीयों की मौत

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भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की है। इस के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया गया है और उसने आम भारतीयों को निशाना बनाया है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना ने रातभर भारी गोलीबारी की। इस गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं, पाकिस्तानी सेना ने पुंछ, राजौरी और उरी में गोलीबारी की है।

भारतीय सेना के अनुसार बीती रात पाकिस्तान आर्मी ने एलओसी पार और इंटरनेशनल बॉर्डर पार से आर्टिलरी फायर किया। जिसमें भारत के 6 सिविलियंस की मौत हुई है। भारतीय सेना के अनुसार पाकिस्तान की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के इस हमले में कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तान ने तंगधार गांव को अपना निशाना बनाया है।

जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में फायरिंग

बुधवार को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा मिसाइल हमले किए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस पर भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई की है।छह और सात मई की रात में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियों से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी गोलीबारी की है। तंगधार में नियंत्रण रेखा के पास मनमाने तरीके से गोलीबारी की। पाकिस्तान की ओर से पुंछ में की गई अंधाधुंध गोलीबारी में छह नागरिकों की जान चली गई।

12 दिनों से लगातार सीजफायर का उल्लंघन

पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव है। इसके बाद से लगातार पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग की जा रही थी। पाकिस्तान बीते 12 दिनों से LOC पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया है। जिसका भारत ने उसे हर बार मुंहतोड़ जवाब भी दिया। अब उसने भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर यह कदम उठाया।

एयरस्ट्राइक में पाक के 9 ठिकानों पर हमला

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए अटैक का जवाब देते हुए भारत ने 6-7 मई की रात करीब 1:30 बजे पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की। इस एयरस्ट्राइक में पाक के 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसी के बाद भारत के अटैक के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान ने मासूम भारतीयों को एक बार फिर निशाना बनाया।

भारत-पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात, टेंशन के बीच मॉक ड्रिल कल

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पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। इस बीच भारत सरकार ने राज्यों को युद्ध की स्थिति को लेकर मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। इससे जंग की आशंका और बढ़ गई है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे नए खतरों के मद्देनजर सभी राज्यों से सात मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई यानी बुधवार को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। मकसद यह है कि अगर युद्ध या ऐसे इमरजेंसी हालात बनें तो अपने देश के नागरिकों को बचाया जा सके। गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने अपने निर्देशों में हमला होने की स्थिति में पांच पॉइंट पर जोर दिया है। इस मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हवाई हमला होने पर क्या करें।

क्यों हो रही यह मॉक ड्रिल?

सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को किसी भी हमले की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है। अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ब्लैकआउट के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अपडेट करना और उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। मॉक ड्रिल में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है।

54 साल पहले हुआ था मॉक ड्रिल

इससे पहले भारत सरकार ने राज्यों से ठीक 54 साल पहले 1971 में मॉक ड्रिल करने के कहा था। 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध आधिकारिक तौर पर तीन दिसंबर को शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को खत्म हुआ था। पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने ढाका में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. लेकिन उस युद्ध से काफी पहले कई महीनों से तनाव बढ़ रहा था।

मॉक ड्रिल्स की शुरुआत युद्ध से कुछ दिन पहले हुई थी। तमाम मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह मॉक ड्रिल युद्ध से दो-चार दिन पहले शुरू हुई और युद्ध की समाप्ति तक चली थी। इस दौरान देश भर में सिविल डिफेंस की तैयारियां की गईं। इस ड्रिल का मकसद जनता को युद्ध की स्थिति लेकर जागरूक करना था।

भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान ने किया एक और मिसाइल का परीक्षण, 3 दिन में दूसरा टेस्ट

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है कि भारत उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई ना कर दे। इस खौफ से पाकिस्तान में बौखलाहट देखी जा रही है। जिसे छिपाने के लिए पड़ोसी देश हाथ पैर मार रहा है।ऐसे में पाकिस्तान एक के बाद एक अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने एक बार फिर आज मिसाइल 'फतेह' का प्रक्षेपण किया है। पिछले तीन दिन में यह पाकिस्तान का दूसरा मिसाइल टेस्ट है।

पाकिस्तान के दावे के अनुसार, उन्होंने सतह से सतह पर मार करने वाली फतह सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। इस मिसाइल की रेंज 120 किलोमीटर है। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि यह मिसाइल परीक्षण एक्सरसाइज इंडस के तहत किया गया।

पाक सेना ने दी जानकारी

पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर के बयान के मुताबिक पाकिस्तान ने चल रहे अभ्यास इंडस के दौरान 120 किलोमीटर की रेंज वाली फतह सीरीज की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का कामयाब परीक्षण किया है। इस प्रक्षेपण का मकसद सैनिकों की ऑपरेशनल तत्परता सुनिश्चित करना और मिसाइल की एडवांस नेविगेशन प्रणाली और बढ़ी हुई सटीकता समेत कई प्रमुख तकनीकी स्टैंडर्ड का टेस्ट करना था। इस टेस्ट के दौरान पाकिस्तानी सेना कई सीनियर अधिकारियों के साथ साथ कई पाकिस्तानी नेता, वैज्ञानिक और इंजीनियर मौजूद थे।

पहले किया अब्दाली मिसाइल का परीक्षण

इससे पहले पाकिस्तान ने अपनी अब्दाली मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया था, जिसकी रेंज 450 किलोमीटर है। आपको बता दें कि फतह मिसाइल, पाकिस्तान द्वारा विकसित की गई एक टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है, जिसे हाल के वर्षों में बनाया गया है। यह मिसाइल खासकर शॉर्ट-रेंज, हाई-प्रिसीजन अटैक के लिए डिजाइन की गई है। माना जा रहा है कि फतह-1 को एलओसी या इंटरनेशनल बॉर्डर के पास तैनात भारतीय टुकड़ियों को टारगेट करने के लिए विकसित किया गया है।

पाक के खौफ को दिखा रहा मिसाइल टेस्ट

पाकिस्तान के द्वारा एक के बाद एक मिसाइल का टेस्ट उसके डर को साफ दिखाता है। पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया है। बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया। इतना ही नहीं भारत ने चिनाब नदी का पानी भी रोक दिया है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया है और उसने युद्ध की धमकी दी है। पाकिस्तान की सेना बीते 11 दिनों से लगातार सीमा पर गोलीबारी कर अपनी खीझ मिटाने की कोशिश कर रही है।

अगर सिंधु नदी का पानी रोका तो हम हमला कर देंगे” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भारत को गीदड़भभकी

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से सिंधु जल संधि, आयात-निर्यात और किसी भी तरह के पब्लिक इंगेजमेंट पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं, इससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और बार-बार गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने 'पाकिस्तान के पानी को रोकने या उसकी दिशा बदलने के लिए कोई ढांचा या निर्माण किया तो पाकिस्तान हमला करेगा और इसे नष्ट कर दिया जाएगा।

पानी रोकने को युद्ध की कार्रवाई बताया

जियो न्यूज से बात करते हुए आसिफ ने कहा, अगर भारत किसी तरह का ढांचा (बांध) बनाने की कोशिश करता है तो हम बिल्कुल उस पर हमला करेंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत सिंधु नदी पर किसी तरह का बांध बनाकर पानी रोकने की कोशिश की यह पाकिस्तान पर सीधा हमला माना जाएगा। सिंधु नदी पर बांध का निर्माण दोनों देशों के बीच जल समझौते का उल्लंघन होगा। भारत अगर ऐसा कुछ करता है तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और उसपर हमला कर देगा।

सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं-आसिफ

आसिफ ने कहा कि सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं है, यह पाकिस्तान के ख़िलाफ जंग की घोषणा होगी। कोई हमला सिर्फ तोप के गोले या बंदूक चलाने तक ही सीमित नहीं है, इसके कई रूप हैं, जिनमें से एक यह भी है। इससे देश के लोग भूख या प्यास से मर सकते हैं।

भारत कर रहा है नाटक- आसिफ

आसिफ ने भारत पर लगातार उन्हें उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत नाटक कर रहा है और पहलगाम आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान पर झूठे इल्ज़ाम लगा रहा है। आसिफ ने कहा कि भारत ने अभी तक इस बात के ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।

बिलावलने खून बहाने की कही थी बात

इससे पहले सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में कहा था कि या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा। उनके बयान पर भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

भारत का पाकिस्तान पर एक और वार, बंद किया कारोबार, पड़ोसी देश से आयात-निर्यात पर पूरी तरह लगाया बैन

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान में उत्पन्न होने वाली या वहां से निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाने के लिए ये बड़ा फैसला लिया है।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दो मई को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, ताकि अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर रोक लगाई जा सके। इस कार्रवाई से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध पूरी तरह से ठप हो गया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। यह प्रतिबंध उन वस्तुओं पर भी लागू होगा जो स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हैं या अन्यथा अनुमत हैं, साथ ही तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले पारगमन पर भी रोक लगाई गई है। इस प्रतिबंध में किसी भी तरह के अपवाद के लिए भारत सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

कराह उठेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान से भारत को होने वाले आयात में मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, मसाले, और कुछ खाद्य पदार्थ शामिल थे, जो अब पूरी तरह बंद हो जाएंगे। जानकारों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा, खासकर खाद्य पदार्थों की कमी और बढ़ती महंगाई के रूप में। भारत ने पहले ही 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्तों को सीमित कर दिया था, और अब यह प्रतिबंध उस दिशा में एक और कड़ा कदम है।

आतंकी हमले के बाद भारत का पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख

यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। भारत ने जहां कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू किया, वहीं पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया

भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार और प्रतिबंधात्मक कदमों की घोषणा के बाद, पहले तो पाकिस्तान के नेताओं ने आक्रामक बयानबाजी की, लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो उन्होंने पश्चिमी देशों का रुख किया। इसके बाद भी जब भारत की रणनीति में कोई ढील नहीं दिखी, तो पाकिस्तान ने अब संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के फैसलों को “वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा” बताया है और भारत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हालांकि ये बयान भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो अब तक नाकाम ही रहा है।

पाकिस्तानी परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, वापस भेजने पर लगाई रोक

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पाकिस्तान निर्वासित होने के कगार पर पहुंचे एक परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान भेजने के आदेश पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता और उनके परिवार के सदस्यों ने भारतीय नागरिकता का दावा करते हुए भारतीय दस्तावेज पेश किए हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिकारियों को परिवार के दस्तावेज जांचने और कोई फैसला लेने तक परिवार को पाकिस्तान निर्वासित न करने का निर्देश दिया है।

भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज का दावा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हिन्दुओं के नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागिरकों का वीजा रद्द कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब तक कई पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान वापस भेजे जा चुके हैं। हालांकि इस बीच बेंगलुरु में रहने वाले छह सदस्यों के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया है कि उनके पास भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज मौजूद हैं।

अपनी याचिका में बेंगलुरु में नौकरी कर रहे अहमद तारिक बट ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के पांच सदस्यों को श्रीनगर के फॉरेन रजिस्ट्रेशन ऑफिस से पाकिस्तान डिपोर्ट किए जाने का नोटिस मिला है। इन सभी सदस्यों का दावा है कि वे भारतीय नागरिक हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं।

कोर्ट ने क्या कहा?

उनकी इस याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ताओं की तरफ से प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा याचिका में याचिकाकर्ता 2 और 3 पति-पत्नी हैं। याचिकाकर्ता 1, 4, 5 और 6 उनके बच्चे हैं। वे मौजूदा समय श्रीनगर के निवासी हैं। सरकारी निर्देश के अनुसार वीजा रद्द कर दिए गए हैं, सिवाय उन लोगों के जो संरक्षित हैं, ऐसे में याचिकाकर्ताओं को निर्वासित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। कुछ लोगों को निर्वासन के लिए हिरासत में लिया गया है। याचिकाकर्ता अपने पक्ष में जारी किए गए आधिकारिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा कर रहे हैं कि वे भारतीय नागरिक हैं। ऐसे में तथ्यात्मक दलील को सत्यापित करने की आवश्यकता है, इसलिए हम अधिकारियों को इन दस्तावेजों और उनके ध्यान में लाए जाने वाले किसी भी अन्य तथ्य को सत्यापित करने के निर्देश देने के साथ याचिका की योग्यता पर कुछ भी कहे बिना इसे समाप्त कर देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए। हम कोई समयसीमा निर्धारित नहीं कर रहे हैं। इस मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए उचित निर्णय लिए जाने तक अधिकारी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई न करें। अगर याचिकाकर्ता अंतिम निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर सकता है। इस आदेश को मिसाल नहीं माना जाएगा, क्योंकि यह इस मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार है।

मुझे नहीं लगता कि यह किसी से छिपा हुआ”, ख्वाजा आसिफ के बाद बिलावल ने कबूला पाकिस्तान का सच

#bilawalbhuttoadmitspakistantiestoterror

पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है...पहले पड़ोसी मुल्क के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बात कबूला अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस पर मुहर लगा दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पाकिस्तान का अतीत आतंकी समूहों से जुड़ा रहा है, यह कोई रहस्य नहीं है। ये एक सच है कि देश में ये सब हुआ है। भारत की ओर से सख्त कार्रवाइयों और जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान के नेताओं की बौखलाहट ने मुल्क का असली चेहरा दुनिया के सामने ला दिया है।

मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने बात मानी

अमेरिकी टीवी चैनल स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बात करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, रक्षा मंत्री ने जो कहा मुझे नहीं लगता कि यह कोई सीक्रेट या छिपी हुई बात है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है। जिसका खामियाजा हमने भुगता है, पाकिस्तान ने भुगता है। उन्होंने पहले अफगान युद्ध के दौरान मुजाहिदीन को धन और समर्थन देने में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका की ओर इशारा किया। ख्वाजा आसिफ की तरह उन्होंने भी कहा कि पाकिस्तान ने यह काम पश्चिमी देशों के साथ मिलकर किया, जिसका खामियाजा बाद में उनके देश ने भुगता है। हम एक के बाद एक चरमपंथ यानी आतंकवाद की मार झेलते रहे हैं। लेकिन जिस भी तकलीफ से हम गुजरे हैं, उससे हमने सबक भी लिया है।

आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गई-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा, हमने अपने देश में कट्टरपंथ और आतंक के कई दौर देखे लेकिन हाल के वर्षों में स्थिति बदल गई। पाकिस्तान में हालिया वर्षों में आतंक को कोई पनाह नहीं मिली है बल्कि हम खुद इससे पीड़ित और आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमने आंतरिक सुधार किए हैं। खासतौर से मेरी मां पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आतंक पर हमारी नीति पूरी तरह बदल गए। पाकिस्तान ने बीते वर्षों में आतंकी समूहों के खिलाफ गंभीर और सफल कार्रवाई की है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी किया था सच कबूल

इससे पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था, हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम किया। यह एक बड़ी गलती थी, जिसकी सजा हमने भुगती। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।

यह कबूलनामा ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया, जो पाकिस्तान से संचालित एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है।

सीमा पर हथियार जुटा रहा पाकिस्तान, भारत से सटी सीमाओं पर चीनी तोप तैनात

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पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर लगातार गोलीबारी हो रही है। एलओसी पर लगातार आठवें दिन सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। पाकिस्तानी सेना ने बारामूला, कुपवाड़ा, पुंछ, रौशेरा और अखनूर में छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारत की तरफ से हमले होने का दावा कर रहा पाकिस्तान खुद उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। यही नहीं, पाकिस्तान ने भारत से सटी सीमा पर अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाई है। पाकिस्तानी सेना ने रडार, वायु रक्षा प्रणाली और चीन में बनी हॉवित्जर तोपों समेत कई तरह के हथियार सीमा पर तैनात किए हैं।

एक साथ 3 सैन्य अभ्यास कर रही पाक वायुसेना

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से हमले को लेकर खौफजदा पाकिस्तान सीमाओं पर लगातार सैन्य जमावड़ा बढ़ा रहा है। उसने अग्रिम मोर्चों पर वायु रक्षा प्रणाली और चीनी एसएच-15 होवित्जर तोपें भी तैनात कर दी हैं। पाकिस्तानी वायु सेना फिलहाल एक साथ 3 सैन्य अभ्यास कर रही है। इन्हें फिजा-ए-बद्र, ललकार-ए-मोमिन और जर्ब-ए-हैदरी नाम दिया गया है। इनमें वायुसेना के एफ-16, जे-10 और जेएफ-17 सहित सभी प्रमुख लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। वायुसेना का ये अभ्यास 29 अप्रैल को शुरू हुआ और इसमें साब एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम विमान भी हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान ने लाहौर और कराची के ऊपर अपना हवाई क्षेत्र भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।

सीमा पर चीनी हॉवित्जर तोपों की तैनाती

पाकिस्तानी सेना चीन से खरीदी गई एसएच-15 हॉवित्जर तोपों को भी अपनी आर्टिलरी रेजीमेंट में शामिल कर रही है। इन आधुनिक तोपों को अब सीमा के नजदीक तैनात किया जा रहा है। इससे पाकिस्तान की फायरिंग क्षमता काफी बढ़ गई है। पाकिस्तान का एसएच -15 हॉवित्जर हथियार को लेकर दावा है कि परमाणु हमला करने में माहिर है।

2019 में पाकिस्तान ने 236 ऐसी तोपें खरीदने के लिए चीन से समझौता किया था। यह 155 मिमी/52-कैलिबर का स्वचालित, व्हीकल-माउंटेड तोप है। यानी यह हथियार 155 एमएम के गोले दाग सकता है।

चीनी हॉवित्जर की खासियत

इसकी खासियत की बात करें तो इसे पाक और चीन मारक और घातक बताते हैं। एसएच-15 की रेंज 20 किमी से 53 किमी तक है। यानी यह नाटो गोला-बारूद के साथ-साथ र जीपीएस-निर्देशित गोले भी दाग सकता है। इसकी डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम, स्वचालित गन-लेइंग, और जीपीएस-नेविगेशन सटीकता बढ़ाते हैं। इस हथियार को 6×6 शानक्सी ट्रक के चेसिस पर फिट किया गया है। यह 90 किमी/घंटा की गति और 500 किमी की रेंज के साथ ‘शूट एंड स्कूट’ रणनीति के लिए बेस्ट माना जाता है। इसके बख्तरबंद केबिन और हाइड्रो-न्यूमैटिक सस्पेंशन पहाड़ी और जटिल इलाकों में प्रभावी बनाते हैं। यानी पहाड़ी इलाकों के लिए एसच-15 को बेस्ट माना जाता है। दावा तो पाकिस्तान की तरफ से यह भी कहा जाता है कि यह न्यूक्लियर गोले दाग सकता है।

पहलगाम हमले पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भारत से की संयम बरतने की अपील, पाक को आतंकियों पर एक्शन की सीख

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के प्रति समर्थन जताया साथ ही भारत से संयम बरतने की अपील की। वहीं, जेडी वेंस ने पाकिस्तान को पहलगाम हमले की जांच में भारत का सहयोग करने की बात कही, ताकि हमले के जिम्मेदार दोषियों को सजा दी जा सके। बता दें कि पहलगाम में जब हमला हुआ था, उस समय जेडी वेंस परिवार के साथ भारत के दौरे पर थे। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने अंजाम दिया था, जिसके बाद से दोनों परमाणु सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

भारत के साथ सहयोग करना पाक की जिम्मेदारी-वेंस

अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज पर एक इंटरव्यू में अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा, हमारी उम्मीद है कि भारत इस आतंकवादी हमले का इस हमले का इस तरह से जवाब देगा, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष न हो। वेंस ने आगे कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जहां तक पाकिस्तान की जिम्मेदारी है, वह भारत के साथ सहयोग करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके क्षेत्र में कभी-कभी सक्रिय आतंकवादियों का पता लगाया जाए और उनसे निपटा जाए।

वेंस ने पहले भी की थी हमले की निंदा

22 अप्रैल को जब जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, उस वक्त जेडी वेंस अपने परिवार के साथ भारत दौरे पर ही थे। वेंस ने तब हमले की निंदा की थी। एक्स पर एक पोस्ट में पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की थी। साथ ही जेडी वेंस ने बीते हफ्ते पीएम मोदी से फोन पर बात कर पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा भी की थी।