अब बांग्लादेश की बारी, गंगा संधि की समीक्षा की तैयारी मे मोदी सरकार, पड़ोसी देश पर डाला दबाव

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भारत को पड़ोसी देश उसे आंखे दिखाने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में भारत सरकार ने भी इनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौते को निलंबित कर दिया है। अब मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया है।

बांग्लादेश को पहुंचाया संदेश

भारत ने बांग्लादेश के साथ भी गंगा जल संधि पर फिर दोबारा विचार शुरू कर दिया है। बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि की मियाद अगले साल ही पूरी होने वाली है। ऐसे में भारत ने अभी से बांग्लादेश को यह संदेश पहुंचा दिया है कि उसे अपनी जरूरत पूरा करने लिए और पानी चाहिए। भारत ने अपने समकक्ष को बताया है कि उसे अपनी विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है।

छोटी अवधी के लिए हो सकती है नई संधि

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अगर संधि बढ़ी भी तो पहली जितनी लंबी अवधि के लिए नहीं होगी। नई संधि संभवतः छोटी अवधि की होगी, जो 10 से 15 वर्ष तक चलेगी। छोटी अवधि दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने में लचीलापन और अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देगी।

बता दें कि गंगा जल संधि पर 12 दिसम्बर 1996 को हस्ताक्षर किये गये थे, जिसमें जल बंटवारे, विशेष रूप से कम वर्षा वाले मौसम में फरक्का बैराज के आसपास जल बंटवारे पर जोर दिया गया था।

पहलगाम हमले के बाद स्थिति बदली

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि पहले सरकार गंगा जल संधि को पहले की तरह 30 साल के लिए बढ़ाना चाहती थी। लेकिन, पहलगाम की घटना के बाद स्थिति बदल गई। मई में बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी। अधिकारी ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक थी, जो साल में दो बार होती है। इस बैठक में भारत ने अपने लिए पानी की जरूरत के बारे में बताया।

कैसे होता है गंगा जल संधि के तहत पानी का बंटवारा

1996 की गंगा जल संधि के अनुसार अगर फरक्का में पानी की उपलब्धता 70,000 क्यूसेक या उससे कम रहती है, तो दोनों देशों को आधा-आधा पानी मिलता है। लेकिन, अगर यह उपलब्धता 70,000 क्यूसेक से 75,000 क्यूसेक के बीच होता है तो बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक और भारत को बाकी हिस्सा मिलता है। लेकिन, अगर पानी की उपलब्धता 75,000 क्यूसेक या उससे भी ज्यादा होता है तो भारत उसका 40,000 क्यूसेक हिस्सा इस्तेमाल कर सकता है और बाकी प्रवाह बांग्लादेश को जाता है

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

कुंभ भगदड़ पर राहुल गांधी का सरकार को घेरा, बोले-आंकड़ों में छुपाई गई गरीबों की लाशें

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इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। महाकुंभ हादसे में मरने वालों की तादाद को लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार को घर रहा है।विपक्ष का आरोप रहा है कि वहां हुई भगदड़ व हादसों में मृतकों के आंकड़ों को छुपाया गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दबा दी गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

आंकड़े गायब कर दो, ज़िम्मेदारी भी खत्म-राहुल गांधी

बीबीसी के हवाले से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि बीजेपी सरकार का यही तरीका है-'आंकड़े गायब कर दो, तो ज़िम्मेदारी भी खत्म हो जाती है।' राहुल ने आरोप लगाया कि यही खेल कोविड महामारी के समय भी हुआ था, जब गरीबों की लाशें गंगा किनारे बहती मिलीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतें बहुत कम बताई गईं। 

मृतकों के आंकड़े छिपाना 'बीजेपी मॉडल'-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता का कहना था कि हर बड़े रेल हादसे के बाद भी यही होता है, असली आंकड़े छुपा दिए जाते हैं। हादसे के बाद मृतकों के आंकड़े छिपाने को उन्होंने 'बीजेपी मॉडल' करार देते हुए कहा कि गरीबों की गिनती नहीं तो जवाबदेही भी नहीं।

अखिलेश यादव ने भी लगाया झूठ बोलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग "झूठे आंकड़े" पेश करते हैं, जनता के विश्वास के लायक नहीं हैं।

बीबीसी ने रिपोर्ट में क्या?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उसने कुंभ के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े बताए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ में कम से कम 82 लोगों की जान गई जबकि सरकार ने कहा कि 37 लोगों की मौत हुई है।

लालू यादव का नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप, बोले-कानून व्यवस्था का किया अंतिम संस्कार

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राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीखा वार किया है। लालू यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर नीतीश सरकार को आंकड़े दिखाकर घेरने की कोशिश की है।लालू यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये आंकड़ों का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने कानून व्यवस्था का अंतिम संस्कार कर दिया है।

नीतीश के शासनकाल में 65,000 हत्याएं ?

लालू यादव ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही है? क्या नीतीश जानते, पहचानते व समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? नीतीश-बीजेपी ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही।

लालू का नीतीश सरकार पर जारी है हमला

इससे पहले भी लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। तीन दिन पहले सात जून को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं। अफसरशाही मदमस्त हैं। सरकार बेहोश है और महंगाई रिकॉर्डतोड़ है।राज्य गरीबी, बेरोजगारी, पलायन बढ़ गई है। 20 वर्षों की इस एनडीए सरकार ने बिहार का बंटाधार कर दिया है।

बिहार में आपराध के बढ़े मामले

दरअसल, बिहार में हाल की घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में मुजफ्फरपुर में एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या, पटना सिटी में डबल मर्डर, आरा में ज्वेलरी लूटकांड समेत बिहार के अलग-अलग जिलों में अपराध के बढ़ते मामले लगातार बिहार में कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों वीआईपी इलाके में खुलेआम हुई फायरिंग की घटना ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने का काम किया है।

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में प्रवेश शुरू, जानिए कब तक ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन…

दुर्ग- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में सत्र 2025-26 के तहत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में नियमित प्रवेश के लिए ऑनलाइन प्रवेश 5 जून से शुरू हो गया है. छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबबसाइट www.durguniversity.ac.in पर जाकर अथवा http://durg1.ucanapply.com के जरिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं.

विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रथम चरण के लिए 5 जून से शुरू हुई प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी, 16 जून को मेरिट सूची जारी की जाएगी. इसके बाद 16 से 20 जून तक सूची में शामिल छात्र प्रवेश ले सकते हैं. इसके बाद दूसरे चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 21 से 30 जून तक चलेगी. एक जुलाई को मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी.

मेरिट लिस्ट में शामिल छात्र एक जुलाई से 7 जुलाई तक प्रवेश ले सकते हैं. इसी तरह तृतीय चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 8 से 21 जुलाई तक चलेगी. मेरिट लिस्ट 22 जुलाई को जारी की जाएगी. चयनित छात्र 22 से 31 जुलाई तक महाविद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं.

महाविद्यालयों में सीटें रिक्त होने की स्थिति में कुलपति की अनुमति से प्रवेश की अंतिम तिथि 14 अगस्त है. बीसीए, बीबीए, बीएससी. गृह विज्ञान, बीए, डीसीए कक्षाओं के लिए प्रवेश आवेदन पोर्टल खोला जा रहा है. इसी तरह से प्राइवेट विद्यार्थियों के अलग से पंजीयन पोर्टल खोला जाएगा. जिसके लिए वेबसाइट www.durguniversity.ac.in का अवलोकन करने कहा गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि प्रवेश आवेदन फार्म पूर्णतः निःशुल्क है. छात्रों को ABC (Academic Bank of Credit) आईडी (Link:- http://www.abc.gov.in) बनाना अनिवार्य है. ABC (Academic Bank of Credit) आई.डी. बनाने के पश्चात ही विद्यार्थी प्रवेश आवेदन फार्म भर सकेंगे.

साइंस कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (साइंस कॉलेज) में 6 जून से प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ शुरू हो गई है. प्रथम सेमेस्टर विज्ञान संकाय के अंतर्गत जीव विज्ञान के समस्त समूह, गणित संकाय के समस्त समूह, वाणिज्य संकाय, कला संकाय तथा कम्प्यूटर साइंस विषय हेतु प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक विद्यार्थी सांइस कॉलेज की वेबसाइट www.govtsciencecollegedurg.ac.in पर प्रवेश के लिए लिंक पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे मोहम्मद यूनुस, इमरजेंसी मीटिंग के बाद “यूटर्न

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे।बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलों के बीच बुलाई गई आपात बैठक के बाद ये साफ हो गया है कि यूनुस फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। उनके मंत्रिमंडल के एक सलाहकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। दो दिन पहले यूनुस के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा था कि वह इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। अब उन्होंने इसे पूरी तरह से नकार दिया है।

शनिवार को सलाहकार परिषद की एक गैर-निर्धारित बैठक के बाद योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने कहा कि यूनुस ने यह नहीं कहा था कि वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि हमें सौंपे गए काम और जिम्मेदारियों को पूरा करने में कई बाधाएं आ रही हैं, लेकिन हम उन पर काबू पाने की कोशिश रहे हैं। वहीदुद्दीन महमूद ने आगे कहा- वे निश्चित रूप से बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी सलाहकार कहीं नहीं जा रहा है क्योंकि हमें सौंपी गई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है; हम इस कर्तव्य को नहीं छोड़ सकते। यह बयान ऐसे समय आया है जब यूनुस के इस्तीफे की अटकलें दो दिन पहले सामने आई थीं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को अपने प्रशासन, राजनीतिक दलों और सेना के बीच बढ़ती असहजता की समीक्षा के लिए सलाहकार परिषद की एक बैठक बुलाई थी। इससे पहले यूनुस ने मुख्य सलाहकार के पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने बदलाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति न बन पाने के कारण काम करने में आ रहीं परेशानियों का हवाला दिया था।

देश की राजनीति इस समय अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटाए जाने के बाद से हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। विरोधी पार्टियों, छात्र संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने पिछले कुछ दिनों में ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन तेज कर दिया है। यूनुस की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को भंग कर दिया है और उसके कई वरिष्ठ नेताओं को जेल भेज दिया है। इधर बीएनपी की मांग है कि जल्द से जल्द चुनाव की तारीख घोषित की जाए। पार्टी ने इस सप्ताह बड़े प्रदर्शन भी किए हैं। साथ ही, उन्होंने कैबिनेट से छात्र प्रतिनिधियों को हटाने की मांग की है, जबकि एनसीपी ने दो सलाहकारों को हटाने की बात कही है, जिन पर बीएनपी के हित में काम करने का आरोप है।

सुशासन तिहार : जशपुर जिले के दोकड़ा गांव पहुंचे सीएम साय, पीएम आवास के हितग्राहियों को सौंपी चाबी, बोर्ड टॉपर्स का किया सम्मान

रायपुर-  सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रदेश के कोने-कोने में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने निकले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उड़नखटोला आज उनके गृह जिले जशपुर के दोकड़ा ग्राम में उतरा। यहाँ समाधान शिविर में उन्होंने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की हकीकत जानी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमनागरिको को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आपके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी है। विगत डेढ़ वर्ष में विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार बनते ही पहले केबिनेट में पीएम आवास के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार आवास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 3 लाख आवास के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। अम्बिकापुर में केंद्रीय पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका मकान पक्का नहीं है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। एसईसीसी और आवास प्लस के सर्वे में जिनका भी नाम है सभी का मकान बनेगा। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के लिए इस वर्ष बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया। 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, दो साल का बकाया बोनस की राशि भी दी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि देना शुरू किया है। महतारी वन्दन योजना से महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार की राशि देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तेन्दूपत्ता के हितग्राहियों को लाभान्वित करने 4000 एकड़ प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना अंतर्गत अयोध्या में प्रभु राम के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को भेजने के साथ ही अब मुख्यमंत्री तीर्थ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में हमारे प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक कोई भी व्यक्ति देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में निःशुल्क जा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाकर नामान्तरण की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। अब नामान्तरण के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सेवाएं उपलब्ध होगी। किसानों को गाँव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी 24 अप्रैल को प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने स्वयं भी देखा है कि इस सेवा का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। इस अवसर पर पत्थलगांव की विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि यह सुशासन का साक्ष्य है, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार घर-घर पहुँच रही है। गाँव की समस्याओं को सुनकर दूर किया जा रहा है। केंद्र और राज्य की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने के लिए सरकार लगी है। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख 32 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों में से एक लाख 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है। जशपुर जिले में 54 क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदन के आधार पर हितग्राहियों को योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। कुछ मांग शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से हर आवेदन के निराकरण की कोशिश की गई। ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3258 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

कमी को नोटकर ठीक करने के दे रहे निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा किया गया है। उन योजनाओं के तहत कार्य हुआ है या नहीं, इसे धरातल में जानने के लिए दौरा कर रहे हैं। आज जशपुर जिले के दोकड़ा आया हूँ, यह मेरा 21वां जिला है। मेरे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी समाधान शिविरों में जा रहे हैं। मैं आकस्मिक निरीक्षण के तहत प्रदेश के हर दूरस्थ अंचलों में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ। पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहा हूँ। सभी जगह व्यवस्था ठीक है और जहाँ कोई कमी है उसे नोटकर अधिकारियों को कमी ठीक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

दोकड़ा में कॉलेज,पीएचसी का उन्नयन, मिनी स्टेडियम सहित अन्य कार्यों की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम दोकड़ा को अपना गाँव घर बताया और यहाँ के लोगों को अपना। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें 4 बार सांसद बनाया। मैनी नदी में पुल यहाँ के लोगों की प्रमुख मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। अभी जो माँग आई है उसे भी पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए राशि 20 लाख देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा भी की।

पीएम आवास की चाबी,समूह को चेक का किया वितरण मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद और सामग्री का वितरण

जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को अनेक सौगातें दी। उन्होंने पीएम आवास के हितग्राही बिकेश्वर राम, सुमेर सिंह से संवाद किया। पीएम आवास के हितग्राही सुमेर सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को अपने घर भी आमंत्रित किया। समाधान शिविर में राशनकार्ड प्राप्त करने वाले परमेश्वर राम, किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही संजय शर्मा ने भी समस्या का समाधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर पीएम आवास के हितग्राहियों को चाबी सौंपी। खाद्य विभाग अंतर्गत राशनकार्ड, समाज कल्याण विभाग अंतर्गत पेंशन स्वीकृति पत्र, मत्स्य विभाग अंतर्गत जाल और आइस बॉक्स, कृषि विभाग अंतर्गत केसीसी कार्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बैग एवं टिफिन बॉक्स, बॉटल, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत किसानों को सब्जी बीज किट, मनरेगा अंतर्गत जॉब कार्ड स्वीकृति आदेश,स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयुषमान कार्ड, फ़ूड बॉक्स, एनआरएलएम अंतर्गत महिला समूह के सदस्यों को मुद्रा लोन का चेक और क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट किट आदि का वितरण किया।

दसवीं-बोर्ड परीक्षा के टॉपर विद्यार्थियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यालयों से पढ़ाई कर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप कर जिले का राज्य स्तर पर नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया। उन्होंने कक्षा 12 वी कक्षा में राज्य में पांचवा स्थान हासिल करने वाली नेहा एक्का और कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नमन खुटिया सहित अन्य विद्यार्थियों का सम्मान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

केन्द्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तमिलनाडु, फंड रोकने के आरोप में स्टालिन सरकार ने दायर कराई अर्जी

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार और तमिलनाडु की एम के स्टालिन सरकार आमने-सामने हैं। इस बीच तमिलनाडु ने एनईपी 2020 और पीएम श्री स्कूल योजना को लागू न करने को लेकर समग्र शिक्षा योजना (एसएसएस) के तहत धनराशि रोके रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है।

अनुदान का भुगतान करने का निर्देश देने की अपील

तमिलनाडु सरकार की ओर से केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में 2 हजार 299 करोड़ 30 लाख 24 हजार 769 रुपये की रिकवरी की अपील की गई है। साथ ही मूल राशि पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भुगतान की मांग की गयी है। सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने गुहार लगाई है कि प्रतिवादी को अपने निर्देशों का पालन और निष्पादन जारी रखने का निर्देश दिया जाना चाहिए। वादी को राज्य अनुदान की सहायता का भुगतान करने के वैधानिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। केंद्र सरकार को योजना व्यय का 60% हिस्सा शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ से पहले भुगतान करना होगा।

एनईपी लागू करने के लिए बलपूर्वक बाध्य करने का आरोप

तमिलनाडु ने कहा कि केंद्र सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाने वाले फंड को रोककर राज्य को तीन भाषा फॉर्मूला अपनाने के लिए बलपूर्वक बाध्य नहीं कर सकती। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर संघवाद का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि समग्र शिक्षा योजना और पीएम श्री स्कूल योजनाओं को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता ऐसा करना संघवाद का उल्लंघन है।

पाकिस्तान से तनाव के बीच एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से की बात, नए कूटनीति संबंधों का आगाज

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पहले से ही खराब चल रहे भारत और पाकिस्तान के संबंध इन दिनों नीचले स्तर पर पहुंच गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक और उसके बाद भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। हालांकि, भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने घूटने टेक दिए। अब भारत-पाक का संघर्ष तो खत्म हो गया है, लेकिन तनाव बरकरार है। इस बीच भारत ने अफगानिस्तान के साथ ने कूटनीतिरक संबंधों की शुरूआत की है। 

दरअसल, एस जयशंकर ने पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बात की है। एस जयशंकर ने ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ फोन पर बात की। इस बातचीत में भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के कोशिशों का भी जिक्र हुआ।

भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी दी कि उन्होंने तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री से भारत-पाक तनाव के बाद बातचीत की। जयशंकर ने पोस्ट कर कहा, अफगान के एक्टिंग विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। विदेश मंत्री ने यह बताते हुए कि भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ है। उन्होंने कहा, पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं सराहना करता हूं। दरअसल, अफगानिस्तान ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी, इस अटैक में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। 

तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ

इसी के साथ जहां पाकिस्तान की तरफ से भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में आग लगाने की कोशिश की गई, उसको लेकर भी जयशंकर ने तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ की।

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा, झूठी और आधारहीन रिपोर्टों के जरिए से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की हालिया कोशिशों को अफगानिस्तान ने जो अस्वीकार किया उसका भी स्वागत करता हूं। अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक दोस्ती और विकास-सहयोग के लिए लगातार दोनों देशों के एक दूसरे के सहयोग को भी सामने रखा।

पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार का एक्शन जारी, आज सर्वदलीय बैठक में क्या होगा फैसला?

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश बदला मांग रहा है। मंगलवार को हुए इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस घटना को लेकर बुधवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में सीसीएस की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान पर तगड़ा एक्शन लिया गया। पाकिस्तानी राजदूत को देर रात तलब किया गया। वहीं, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गुरुवार यानी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक

केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले पर राजनीतिक नेताओं को जानकारी देने और इस मामले पर उनकी राय जानने के लिए गुरुवार शाम को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से स्थिति पर महत्वपूर्ण अपडेट देने की उम्मीद है।

क्या अब होगी सैन्य कार्रवाई?

सूत्रों ने बताया कि राजनाथ के साथ सीडीएस व तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले सैन्य कदमों पर चर्चा हुई। बाद में राजनाथ ने इन कदमों की जानकारी सीसीएस बैठक में पीएम मोदी व अन्य मंत्रियों के साथ साझा की। राजनयिक कदमों के अलावा पाकिस्तान को जल्द ही किसी सैन्य कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।

राहुल गांधी ने बैठक में होंगे शामिल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तमाम नेता अपने कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं। पीएम मोदी के सऊदी यात्रा बीच में छोड़कर भारत वापस आने का बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी अमेरिका यात्रा बीत में खत्म कर दिल्ली वापस लौट आए हैं। राहुल गांधी आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे।

राहुल के भारत वापस लौटने की जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दी। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी है।

28 लोगों की दर्दनाक मौत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। 28 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को 'हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा' हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं।

अब बांग्लादेश की बारी, गंगा संधि की समीक्षा की तैयारी मे मोदी सरकार, पड़ोसी देश पर डाला दबाव

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भारत को पड़ोसी देश उसे आंखे दिखाने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में भारत सरकार ने भी इनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौते को निलंबित कर दिया है। अब मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया है।

बांग्लादेश को पहुंचाया संदेश

भारत ने बांग्लादेश के साथ भी गंगा जल संधि पर फिर दोबारा विचार शुरू कर दिया है। बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि की मियाद अगले साल ही पूरी होने वाली है। ऐसे में भारत ने अभी से बांग्लादेश को यह संदेश पहुंचा दिया है कि उसे अपनी जरूरत पूरा करने लिए और पानी चाहिए। भारत ने अपने समकक्ष को बताया है कि उसे अपनी विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है।

छोटी अवधी के लिए हो सकती है नई संधि

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अगर संधि बढ़ी भी तो पहली जितनी लंबी अवधि के लिए नहीं होगी। नई संधि संभवतः छोटी अवधि की होगी, जो 10 से 15 वर्ष तक चलेगी। छोटी अवधि दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने में लचीलापन और अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देगी।

बता दें कि गंगा जल संधि पर 12 दिसम्बर 1996 को हस्ताक्षर किये गये थे, जिसमें जल बंटवारे, विशेष रूप से कम वर्षा वाले मौसम में फरक्का बैराज के आसपास जल बंटवारे पर जोर दिया गया था।

पहलगाम हमले के बाद स्थिति बदली

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि पहले सरकार गंगा जल संधि को पहले की तरह 30 साल के लिए बढ़ाना चाहती थी। लेकिन, पहलगाम की घटना के बाद स्थिति बदल गई। मई में बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी। अधिकारी ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक थी, जो साल में दो बार होती है। इस बैठक में भारत ने अपने लिए पानी की जरूरत के बारे में बताया।

कैसे होता है गंगा जल संधि के तहत पानी का बंटवारा

1996 की गंगा जल संधि के अनुसार अगर फरक्का में पानी की उपलब्धता 70,000 क्यूसेक या उससे कम रहती है, तो दोनों देशों को आधा-आधा पानी मिलता है। लेकिन, अगर यह उपलब्धता 70,000 क्यूसेक से 75,000 क्यूसेक के बीच होता है तो बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक और भारत को बाकी हिस्सा मिलता है। लेकिन, अगर पानी की उपलब्धता 75,000 क्यूसेक या उससे भी ज्यादा होता है तो भारत उसका 40,000 क्यूसेक हिस्सा इस्तेमाल कर सकता है और बाकी प्रवाह बांग्लादेश को जाता है

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

कुंभ भगदड़ पर राहुल गांधी का सरकार को घेरा, बोले-आंकड़ों में छुपाई गई गरीबों की लाशें

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इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। महाकुंभ हादसे में मरने वालों की तादाद को लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार को घर रहा है।विपक्ष का आरोप रहा है कि वहां हुई भगदड़ व हादसों में मृतकों के आंकड़ों को छुपाया गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दबा दी गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

आंकड़े गायब कर दो, ज़िम्मेदारी भी खत्म-राहुल गांधी

बीबीसी के हवाले से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि बीजेपी सरकार का यही तरीका है-'आंकड़े गायब कर दो, तो ज़िम्मेदारी भी खत्म हो जाती है।' राहुल ने आरोप लगाया कि यही खेल कोविड महामारी के समय भी हुआ था, जब गरीबों की लाशें गंगा किनारे बहती मिलीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतें बहुत कम बताई गईं। 

मृतकों के आंकड़े छिपाना 'बीजेपी मॉडल'-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता का कहना था कि हर बड़े रेल हादसे के बाद भी यही होता है, असली आंकड़े छुपा दिए जाते हैं। हादसे के बाद मृतकों के आंकड़े छिपाने को उन्होंने 'बीजेपी मॉडल' करार देते हुए कहा कि गरीबों की गिनती नहीं तो जवाबदेही भी नहीं।

अखिलेश यादव ने भी लगाया झूठ बोलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग "झूठे आंकड़े" पेश करते हैं, जनता के विश्वास के लायक नहीं हैं।

बीबीसी ने रिपोर्ट में क्या?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उसने कुंभ के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े बताए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ में कम से कम 82 लोगों की जान गई जबकि सरकार ने कहा कि 37 लोगों की मौत हुई है।

लालू यादव का नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप, बोले-कानून व्यवस्था का किया अंतिम संस्कार

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राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीखा वार किया है। लालू यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर नीतीश सरकार को आंकड़े दिखाकर घेरने की कोशिश की है।लालू यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये आंकड़ों का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने कानून व्यवस्था का अंतिम संस्कार कर दिया है।

नीतीश के शासनकाल में 65,000 हत्याएं ?

लालू यादव ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही है? क्या नीतीश जानते, पहचानते व समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? नीतीश-बीजेपी ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही।

लालू का नीतीश सरकार पर जारी है हमला

इससे पहले भी लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। तीन दिन पहले सात जून को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं। अफसरशाही मदमस्त हैं। सरकार बेहोश है और महंगाई रिकॉर्डतोड़ है।राज्य गरीबी, बेरोजगारी, पलायन बढ़ गई है। 20 वर्षों की इस एनडीए सरकार ने बिहार का बंटाधार कर दिया है।

बिहार में आपराध के बढ़े मामले

दरअसल, बिहार में हाल की घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में मुजफ्फरपुर में एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या, पटना सिटी में डबल मर्डर, आरा में ज्वेलरी लूटकांड समेत बिहार के अलग-अलग जिलों में अपराध के बढ़ते मामले लगातार बिहार में कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों वीआईपी इलाके में खुलेआम हुई फायरिंग की घटना ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने का काम किया है।

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में प्रवेश शुरू, जानिए कब तक ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन…

दुर्ग- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में सत्र 2025-26 के तहत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में नियमित प्रवेश के लिए ऑनलाइन प्रवेश 5 जून से शुरू हो गया है. छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबबसाइट www.durguniversity.ac.in पर जाकर अथवा http://durg1.ucanapply.com के जरिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं.

विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रथम चरण के लिए 5 जून से शुरू हुई प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी, 16 जून को मेरिट सूची जारी की जाएगी. इसके बाद 16 से 20 जून तक सूची में शामिल छात्र प्रवेश ले सकते हैं. इसके बाद दूसरे चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 21 से 30 जून तक चलेगी. एक जुलाई को मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी.

मेरिट लिस्ट में शामिल छात्र एक जुलाई से 7 जुलाई तक प्रवेश ले सकते हैं. इसी तरह तृतीय चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 8 से 21 जुलाई तक चलेगी. मेरिट लिस्ट 22 जुलाई को जारी की जाएगी. चयनित छात्र 22 से 31 जुलाई तक महाविद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं.

महाविद्यालयों में सीटें रिक्त होने की स्थिति में कुलपति की अनुमति से प्रवेश की अंतिम तिथि 14 अगस्त है. बीसीए, बीबीए, बीएससी. गृह विज्ञान, बीए, डीसीए कक्षाओं के लिए प्रवेश आवेदन पोर्टल खोला जा रहा है. इसी तरह से प्राइवेट विद्यार्थियों के अलग से पंजीयन पोर्टल खोला जाएगा. जिसके लिए वेबसाइट www.durguniversity.ac.in का अवलोकन करने कहा गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि प्रवेश आवेदन फार्म पूर्णतः निःशुल्क है. छात्रों को ABC (Academic Bank of Credit) आईडी (Link:- http://www.abc.gov.in) बनाना अनिवार्य है. ABC (Academic Bank of Credit) आई.डी. बनाने के पश्चात ही विद्यार्थी प्रवेश आवेदन फार्म भर सकेंगे.

साइंस कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (साइंस कॉलेज) में 6 जून से प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ शुरू हो गई है. प्रथम सेमेस्टर विज्ञान संकाय के अंतर्गत जीव विज्ञान के समस्त समूह, गणित संकाय के समस्त समूह, वाणिज्य संकाय, कला संकाय तथा कम्प्यूटर साइंस विषय हेतु प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक विद्यार्थी सांइस कॉलेज की वेबसाइट www.govtsciencecollegedurg.ac.in पर प्रवेश के लिए लिंक पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे मोहम्मद यूनुस, इमरजेंसी मीटिंग के बाद “यूटर्न

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे।बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलों के बीच बुलाई गई आपात बैठक के बाद ये साफ हो गया है कि यूनुस फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। उनके मंत्रिमंडल के एक सलाहकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। दो दिन पहले यूनुस के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा था कि वह इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। अब उन्होंने इसे पूरी तरह से नकार दिया है।

शनिवार को सलाहकार परिषद की एक गैर-निर्धारित बैठक के बाद योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने कहा कि यूनुस ने यह नहीं कहा था कि वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि हमें सौंपे गए काम और जिम्मेदारियों को पूरा करने में कई बाधाएं आ रही हैं, लेकिन हम उन पर काबू पाने की कोशिश रहे हैं। वहीदुद्दीन महमूद ने आगे कहा- वे निश्चित रूप से बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी सलाहकार कहीं नहीं जा रहा है क्योंकि हमें सौंपी गई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है; हम इस कर्तव्य को नहीं छोड़ सकते। यह बयान ऐसे समय आया है जब यूनुस के इस्तीफे की अटकलें दो दिन पहले सामने आई थीं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को अपने प्रशासन, राजनीतिक दलों और सेना के बीच बढ़ती असहजता की समीक्षा के लिए सलाहकार परिषद की एक बैठक बुलाई थी। इससे पहले यूनुस ने मुख्य सलाहकार के पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने बदलाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति न बन पाने के कारण काम करने में आ रहीं परेशानियों का हवाला दिया था।

देश की राजनीति इस समय अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटाए जाने के बाद से हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। विरोधी पार्टियों, छात्र संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने पिछले कुछ दिनों में ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन तेज कर दिया है। यूनुस की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को भंग कर दिया है और उसके कई वरिष्ठ नेताओं को जेल भेज दिया है। इधर बीएनपी की मांग है कि जल्द से जल्द चुनाव की तारीख घोषित की जाए। पार्टी ने इस सप्ताह बड़े प्रदर्शन भी किए हैं। साथ ही, उन्होंने कैबिनेट से छात्र प्रतिनिधियों को हटाने की मांग की है, जबकि एनसीपी ने दो सलाहकारों को हटाने की बात कही है, जिन पर बीएनपी के हित में काम करने का आरोप है।

सुशासन तिहार : जशपुर जिले के दोकड़ा गांव पहुंचे सीएम साय, पीएम आवास के हितग्राहियों को सौंपी चाबी, बोर्ड टॉपर्स का किया सम्मान

रायपुर-  सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रदेश के कोने-कोने में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने निकले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उड़नखटोला आज उनके गृह जिले जशपुर के दोकड़ा ग्राम में उतरा। यहाँ समाधान शिविर में उन्होंने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की हकीकत जानी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमनागरिको को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आपके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी है। विगत डेढ़ वर्ष में विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार बनते ही पहले केबिनेट में पीएम आवास के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार आवास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 3 लाख आवास के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। अम्बिकापुर में केंद्रीय पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका मकान पक्का नहीं है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। एसईसीसी और आवास प्लस के सर्वे में जिनका भी नाम है सभी का मकान बनेगा। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के लिए इस वर्ष बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया। 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, दो साल का बकाया बोनस की राशि भी दी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि देना शुरू किया है। महतारी वन्दन योजना से महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार की राशि देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तेन्दूपत्ता के हितग्राहियों को लाभान्वित करने 4000 एकड़ प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना अंतर्गत अयोध्या में प्रभु राम के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को भेजने के साथ ही अब मुख्यमंत्री तीर्थ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में हमारे प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक कोई भी व्यक्ति देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में निःशुल्क जा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाकर नामान्तरण की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। अब नामान्तरण के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सेवाएं उपलब्ध होगी। किसानों को गाँव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी 24 अप्रैल को प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने स्वयं भी देखा है कि इस सेवा का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। इस अवसर पर पत्थलगांव की विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि यह सुशासन का साक्ष्य है, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार घर-घर पहुँच रही है। गाँव की समस्याओं को सुनकर दूर किया जा रहा है। केंद्र और राज्य की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने के लिए सरकार लगी है। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख 32 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों में से एक लाख 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है। जशपुर जिले में 54 क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदन के आधार पर हितग्राहियों को योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। कुछ मांग शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से हर आवेदन के निराकरण की कोशिश की गई। ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3258 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

कमी को नोटकर ठीक करने के दे रहे निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा किया गया है। उन योजनाओं के तहत कार्य हुआ है या नहीं, इसे धरातल में जानने के लिए दौरा कर रहे हैं। आज जशपुर जिले के दोकड़ा आया हूँ, यह मेरा 21वां जिला है। मेरे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी समाधान शिविरों में जा रहे हैं। मैं आकस्मिक निरीक्षण के तहत प्रदेश के हर दूरस्थ अंचलों में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ। पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहा हूँ। सभी जगह व्यवस्था ठीक है और जहाँ कोई कमी है उसे नोटकर अधिकारियों को कमी ठीक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

दोकड़ा में कॉलेज,पीएचसी का उन्नयन, मिनी स्टेडियम सहित अन्य कार्यों की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम दोकड़ा को अपना गाँव घर बताया और यहाँ के लोगों को अपना। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें 4 बार सांसद बनाया। मैनी नदी में पुल यहाँ के लोगों की प्रमुख मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। अभी जो माँग आई है उसे भी पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए राशि 20 लाख देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा भी की।

पीएम आवास की चाबी,समूह को चेक का किया वितरण मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद और सामग्री का वितरण

जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को अनेक सौगातें दी। उन्होंने पीएम आवास के हितग्राही बिकेश्वर राम, सुमेर सिंह से संवाद किया। पीएम आवास के हितग्राही सुमेर सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को अपने घर भी आमंत्रित किया। समाधान शिविर में राशनकार्ड प्राप्त करने वाले परमेश्वर राम, किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही संजय शर्मा ने भी समस्या का समाधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर पीएम आवास के हितग्राहियों को चाबी सौंपी। खाद्य विभाग अंतर्गत राशनकार्ड, समाज कल्याण विभाग अंतर्गत पेंशन स्वीकृति पत्र, मत्स्य विभाग अंतर्गत जाल और आइस बॉक्स, कृषि विभाग अंतर्गत केसीसी कार्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बैग एवं टिफिन बॉक्स, बॉटल, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत किसानों को सब्जी बीज किट, मनरेगा अंतर्गत जॉब कार्ड स्वीकृति आदेश,स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयुषमान कार्ड, फ़ूड बॉक्स, एनआरएलएम अंतर्गत महिला समूह के सदस्यों को मुद्रा लोन का चेक और क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट किट आदि का वितरण किया।

दसवीं-बोर्ड परीक्षा के टॉपर विद्यार्थियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यालयों से पढ़ाई कर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप कर जिले का राज्य स्तर पर नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया। उन्होंने कक्षा 12 वी कक्षा में राज्य में पांचवा स्थान हासिल करने वाली नेहा एक्का और कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नमन खुटिया सहित अन्य विद्यार्थियों का सम्मान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

केन्द्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तमिलनाडु, फंड रोकने के आरोप में स्टालिन सरकार ने दायर कराई अर्जी

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार और तमिलनाडु की एम के स्टालिन सरकार आमने-सामने हैं। इस बीच तमिलनाडु ने एनईपी 2020 और पीएम श्री स्कूल योजना को लागू न करने को लेकर समग्र शिक्षा योजना (एसएसएस) के तहत धनराशि रोके रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है।

अनुदान का भुगतान करने का निर्देश देने की अपील

तमिलनाडु सरकार की ओर से केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में 2 हजार 299 करोड़ 30 लाख 24 हजार 769 रुपये की रिकवरी की अपील की गई है। साथ ही मूल राशि पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भुगतान की मांग की गयी है। सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने गुहार लगाई है कि प्रतिवादी को अपने निर्देशों का पालन और निष्पादन जारी रखने का निर्देश दिया जाना चाहिए। वादी को राज्य अनुदान की सहायता का भुगतान करने के वैधानिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। केंद्र सरकार को योजना व्यय का 60% हिस्सा शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ से पहले भुगतान करना होगा।

एनईपी लागू करने के लिए बलपूर्वक बाध्य करने का आरोप

तमिलनाडु ने कहा कि केंद्र सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाने वाले फंड को रोककर राज्य को तीन भाषा फॉर्मूला अपनाने के लिए बलपूर्वक बाध्य नहीं कर सकती। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर संघवाद का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि समग्र शिक्षा योजना और पीएम श्री स्कूल योजनाओं को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता ऐसा करना संघवाद का उल्लंघन है।

पाकिस्तान से तनाव के बीच एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से की बात, नए कूटनीति संबंधों का आगाज

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पहले से ही खराब चल रहे भारत और पाकिस्तान के संबंध इन दिनों नीचले स्तर पर पहुंच गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक और उसके बाद भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। हालांकि, भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने घूटने टेक दिए। अब भारत-पाक का संघर्ष तो खत्म हो गया है, लेकिन तनाव बरकरार है। इस बीच भारत ने अफगानिस्तान के साथ ने कूटनीतिरक संबंधों की शुरूआत की है। 

दरअसल, एस जयशंकर ने पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बात की है। एस जयशंकर ने ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ फोन पर बात की। इस बातचीत में भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के कोशिशों का भी जिक्र हुआ।

भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी दी कि उन्होंने तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री से भारत-पाक तनाव के बाद बातचीत की। जयशंकर ने पोस्ट कर कहा, अफगान के एक्टिंग विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। विदेश मंत्री ने यह बताते हुए कि भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ है। उन्होंने कहा, पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं सराहना करता हूं। दरअसल, अफगानिस्तान ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी, इस अटैक में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। 

तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ

इसी के साथ जहां पाकिस्तान की तरफ से भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में आग लगाने की कोशिश की गई, उसको लेकर भी जयशंकर ने तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ की।

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा, झूठी और आधारहीन रिपोर्टों के जरिए से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की हालिया कोशिशों को अफगानिस्तान ने जो अस्वीकार किया उसका भी स्वागत करता हूं। अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक दोस्ती और विकास-सहयोग के लिए लगातार दोनों देशों के एक दूसरे के सहयोग को भी सामने रखा।

पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार का एक्शन जारी, आज सर्वदलीय बैठक में क्या होगा फैसला?

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश बदला मांग रहा है। मंगलवार को हुए इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस घटना को लेकर बुधवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में सीसीएस की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान पर तगड़ा एक्शन लिया गया। पाकिस्तानी राजदूत को देर रात तलब किया गया। वहीं, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गुरुवार यानी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक

केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले पर राजनीतिक नेताओं को जानकारी देने और इस मामले पर उनकी राय जानने के लिए गुरुवार शाम को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से स्थिति पर महत्वपूर्ण अपडेट देने की उम्मीद है।

क्या अब होगी सैन्य कार्रवाई?

सूत्रों ने बताया कि राजनाथ के साथ सीडीएस व तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले सैन्य कदमों पर चर्चा हुई। बाद में राजनाथ ने इन कदमों की जानकारी सीसीएस बैठक में पीएम मोदी व अन्य मंत्रियों के साथ साझा की। राजनयिक कदमों के अलावा पाकिस्तान को जल्द ही किसी सैन्य कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।

राहुल गांधी ने बैठक में होंगे शामिल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तमाम नेता अपने कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं। पीएम मोदी के सऊदी यात्रा बीच में छोड़कर भारत वापस आने का बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी अमेरिका यात्रा बीत में खत्म कर दिल्ली वापस लौट आए हैं। राहुल गांधी आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे।

राहुल के भारत वापस लौटने की जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दी। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी है।

28 लोगों की दर्दनाक मौत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। 28 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को 'हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा' हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं।