Ayodhya

Apr 17 2024, 19:31

मार्डन पूजा/साधना पद्धति के 432 पृष्ठ की पुस्तक का श्रीरामलला के दरबार में उप निदेशक सूचना अयोध्या धाम द्वारा वरिष्ठ संतो के आशीर्वाद के साथ किय

अयोध्या ।उल्लेखनीय है कि अयोध्या का इतिहास सदियों पुराना है इसका सतयुग त्रेता, द्वापर और कलयुग में व्यापक रूप से धर्म ग्रंथों में उल्लेख किया है। अयोध्या की संस्कृति लगभग 496 साल से इस आर्यावर्त के मर्यादा पुरूषोत्तम राम की नगरी में उनके जन्मस्थान पर मंदिर के लिए संघर्ष रहा।

इसका परिणाम 9 नवम्बर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हुआ तथा जिसका अंतिम परिणाम श्रीरामलला विराजमान मंदिर का लोकार्पण 22 जनवरी 2024 को हो गया। इस घटनाओं को सामान्य व्यक्ति होने के कारण तथा सूचना विभाग के अधिकारी होने के कारण मुझे नजदीक से देखने का मौका मिला, जिसमें अयोध्या के निर्माण में करोड़ों लोगों का योगदान है पर 108 उन महानुभावों का विशेष योगदान है जो अपने जीवन के समर्पित कर राम आंदोलन को आगे बढ़ाया।

हमारी इस पुस्तक में उन महानुभावों का विशेष योगदान रहा। यह पुस्तक 432 पेज की है जिसमें 12 कलर पृष्ठ में फोटो भी संलग्न है। इस पुस्तक में मुख्य रूप से अयोध्या के विषय में व्यापक रूप से आरेछा धाम में राम के स्थान का व्यापक रूप से काशी धाम में महादेव के स्थान का व्यापक रूप से तथा राम के 11 वर्ष के वनवास में चित्रकूट धाम में निवास का और भगवान राम के अवतार कृष्ण के धाम मथुरा के विशेष पहलुओं का उल्लेख किया गया।

इस पुस्तक में परम्परागत रूप से हटकर मार्डन पूजा पद्वति एवं साधना पद्वति का भी उल्लेख किया गया, जिसमें कि कोई भी व्यक्ति पैन्ट सर्ट पहनकर पूजा कर सकता है तथा कैनवास का जूता पहनकर माला भी जब सकता है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति 24 घंटे में 21600 सांस लेता है और सभी सांस में हंस स्वरूप परमात्मा का ध्यान करता है। जैसे आप कोई सांस लेता है तो ‘स‘ और कोई व्यक्ति सांस छोड़ता है तो ‘ह‘ का आवाज निकलता है ये दोनों तांत्रिक/वैदिक दृष्टि बीज मंत्र है। ये दोनों को मिलाकर हंस बनता है जो परमात्मा का स्वरूप है तथा मां गायत्री जी को समर्पित है। हंसा स्वरूपे परमात्मे समर्पयेत् यह ऋग्वेद का मंत्र है। यह पुस्तक मूल रूप से स्वान्तः सुखाय है तथा हनुमान जी अयोध्या के अधिपति हनुमान जी एवं गुरुओं को समर्पित है तथा भगवान राम की प्रेरणा से लिखी गयी है इसका सहयोग राशि 641 रुपये है। 641 को अंक दृष्टि से जोड़ेंगे तो कुल 11 होगा, जो परमात्मा को समर्पित है।

यह पुस्तक चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल से सभी बुक स्टालों पर तथा इसके वितरक श्री अयोध्या जी सेवा न्यास (7518077816) के पास उपलब्ध रहेगी। आज इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर श्रीरामलला जी स्वयं साक्षी है। आचार संहिता के कारण हमारे राजनेता अधिकारियों ने केवल आर्शीवाद दिया तथा विशेष आर्शाीवाद सनातन जनमानस के पुरोधा तथा विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ प्रेरक श्री दिनेश जी एवं श्री राजेन्द्र सिंह पंकज जी, श्री चम्पत राय जी, एलएनटी के चीफ श्री विनोद मेहता का आर्शीवाद रहा जो हमें इसको आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस पुस्तक में महामहिम जी के विधानसभा अध्यक्ष जी के, डा0 कर्ण सिंह जी, न्यायमूर्ति गणों के उपमुख्यमंत्री गणों के, मंत्री गणों एवं लेखक के पूर्व सम्पर्क में रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी, श्री चन्द्रशेखर जी, मुख्यमंत्री जी रहे श्री कल्याण सिंह जी, मुलायम सिंह जी, राज्यपाल रहे मोतीलाल बोरा जी, भाजपा के जाने माने विचारक रहे गोविन्दाचार्य जी के आज के विचारों एवं व्यक्तिगत पत्रों का उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक में पांच खण्ड बनाये गये है। पहला धार्मिक स्थानों के अलावा जनोपयोगी केन्द्रीय मंत्रिमण्डल, राज्य मंत्रिमण्डल, उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मण्डल एवं जनपद स्तर के जिला प्रशासन से जुड़े फोन नम्बर आदि दिये गये है। जो आशा करते है कि आम जनमानस को एवं जिज्ञासु जनमानस को जनोपयोगी होगी। पुस्तक की पूरी पीडीएफ भी संलग्न है। आप सभी को बसंतीय नवरात्रि एवं रामनवमी की हार्दिक बधाई।

आपका डा0 मुरलीधर सिंह शास्त्री

उपनिदेशक सूचना अयोध्या धाम/प्रभारी मीडिया सेंटर लोक भवन लखनऊ

ईमेल- मो.7080510637

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Apr 16 2024, 16:38

राहुल बोले- खत्म करेंगे अग्निपथ योजना, देश की रक्षा का सपना देखने वाले युवाओं का ये 'अपमान'

#rahul_gandhi_targeted_modi_govt_and_said_agneepath_scheme_is_insult_to_youth

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में तैयार की गई और सशस्त्र बलों पर थोपी गई है। गांधी ने कहा कि केंद्र में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनते ही अग्निपथ सैन्य योजना को खत्म कर पुरानी स्थायी भर्ती प्रक्रिया वापस लायी जायेगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'अग्निपथ' योजना को लेकर हमेशा से सरकार पर हमलावर रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने एक बार फिर इस योजना की कमियां गिनाई हैं।मंगलवार को राहुल गांधी ने 'एक्स' पर लिखा, 'अग्निपथ' योजना, भारतीय सेना और देश की रक्षा करने का सपना देखने वाले बहादुर युवाओं का अपमान है। यह भारतीय सेना की नहीं, नरेंद्र मोदी के कार्यालय में बनी योजना है, जिसे सेना पर थोप दिया गया है।

राहुल गांधी ने कहा, शहीदों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता, देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हर व्यक्ति को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, जैसे ही हमारी सरकार बनेगी, हम तुरंत इस योजना को खत्म कर देंगे और पुरानी स्थायी भर्ती प्रक्रिया को वापस लाएंगे।

दरअसल, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अग्निपथ योजना को लेकर पत्र लिखा था। अपने पत्र में खरगे ने कहा कि नियमित भर्ती प्रक्रिया समाप्त होने और अग्निपथ योजना की शुरुआत के कारण देश के सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती चाहने वाले लगभग दो लाख युवा पुरुषों और महिलाओं का भविष्य अनिश्चित हो गया है। उन्होंने लेटर में लिखा, यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है, क्योंकि उनसे काम वही कराया जाएगा, लेकिन बहुत अलग पारिश्रमिक, लाभ और संभावनाओं के साथ। अधिकांश अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद अनिश्चित रोजगार बाजार में छोड़ दिये जाएंगे, जिसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि इससे सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

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Apr 12 2024, 13:43

दिल्ली में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? आतिशी का दावा- केन्द्र सरकार कर रही बड़ी साजिश

#atishi_alleges_modi_govt_may_impose_president_rule_in_delhi

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में बंद हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से आम आदमी पार्टी लगातार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमलावर है। इसी क्रम में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। आतिशी ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली है।

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र प्लान किया जा रहा है। भाजपा को पता है कि चाहें वे कितना भी जोर लगा लें, वे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को हरा नहीं सकते। दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं, दिल्ली के लोग आप को पसंद करते हैं और दिल्ली के लोग भाजपा की हरसंभव कोशिश के बाद आप को ही वोट देते हैं। ये (भाजपा) दिल्ली में चुनाव जीतने वाले नहीं है, इसलिए ये साजिश कर रहे हैं कि दिल्ली की चुनी हुई अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराया जाए।

आप नेता ने कहा, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बैठक में शामिल होना बंद कर दिया है। दिल्ली में पिछले कई दिनों से किसी भी अफसर की पोस्टिंग नहीं हो रही है। दिल्ली में कई विभाग खाली हैं। एलजी साहब पिछले एक हफ्ते से एमएचए को बिना किसी कारण दिल्ली सरकार के खिलाफ चिट्ठी लिख रहे हैं। एक 20 साल पुराने केस को उठाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के सचिव को बर्खास्त कर दिया गया। इन सभी चीजों से पता चलता है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश चल रही है।

आतिशी ने कहा, मैं भाजपा को चेतावनी देती हूं कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना अवैध, असंवैधानिक और दिल्ली के लोगों के जनादेश के खिलाफ होगा। दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को स्पष्ट जनादेश दिया है।

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Apr 02 2024, 15:11

“जेल से सरकार चलाएं केजरीवाल, ना दें इस्तीफा”, केजरीवाल की पत्नी से मिलकर बोले आप के विधायक

#aap_mlas_meet_cm_arvind_kejriwal_wife_sunita_says_run_the_govt_from_jail

दिल्ली के मुक्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश के इतिहास में पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बावजूद भी केजरीवाल ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया था और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। हालांकि विपक्षी दल बीजेपी की ओर से लगातार इस्तीफे के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच आम आदमी पार्टी के विधायकों ने आज अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की। आप विधायकों ने एक सुर में सुनीता केजरीवाल से कहा कि किसी भी तरह सीएम अपने पद से इस्तीफा न दें।सुनीता केजरीवाल के साथ बैठक में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और कैलाश गहलोत सहित 55 विधायक और 6 मंत्री मौजूद थे।

आप नेताओं संग सुनीता केजरीवाल की बैठक के बाद सौरभ भरद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने भी आज हुई बैठक के बारे में बात की। बीजेपी के सुनीता केजरीवाल को अगला सीएम बनाने वाले सवाल पर सौरभ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की पूरी जनता है और सरकार जेल से ही चलेगी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सोचती है कि हमें उन्हें मुख्यमंत्री पद देना चाहिए। हम उन्हें नहीं देंगे,वे चिंतित हो सकते हैं, लेकिन चीजें इस तरह से चलती रहेंगी।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुलाकात के दौरान करीब दो दर्जन विधायकों ने सुनिता जी से कहा कि भाजपा बहुत दवाब बनाएगी कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे, जैसे लोकपाल के समय पर किया गया था। उन्होंने इस्तीफा दिया तो बोले भाग गए। विधायकों ने कहा कि अब हमलोगों का संदेश सुनिता जी ही उन तक पहुंचाएंगी इसलिए हम सभी ये चाहते हैं कि वो इस्तीफा न दें, जेल से ही सरकार चलाएं। उन तक (अरविंद केजरीवाल) ये संदेश पहुंचाए की वो मुख्यमंत्री थे, हैं और आगे भी रहेंगे।

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को कोर्ट ने 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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Mar 28 2024, 15:45

2014 के बाद कितना बदला वाराणसी?

#varanasichangedinmodigovt  

दुनिया की सबसे प्राचीन नगरों में से एक

हिंदुओं का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल

अब बना भारत की सियासत का केन्द्र

बाबा विश्वनाथ की नगरी को क्योटो बनाने की कवायद

दस वर्षों में काशी का हो गया कायाकल्प

पूरी तरह से बदला वाराणसी शहर का रूप-रंग

दुनिया के प्राचीनतम नगरों में एक शिव की यह नगरी हिंदुओं के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में एक है। देश के हरेक कोने से तीर्थयात्री यहाँ आते हैं। यह बाबा काशी विश्वनाथ के नाम पर दुनिया भर में विख्यात है। जो अब भारत की राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका एकमात्र कारण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से लगातार दो वार जीत कर देश की बागडोर संभाल रहे हैं। अब तीसरी बार भी विजय रथ पर सवार होने को आतुर हैं। वाराणसी लोकसभा सीट पर अब एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं। 

सन् 1956 में 24 मई को बनारस या काशी को वाराणसी नाम दिया गया। अब उस काशी को पिछले कुछ सालों से क्योटो बनाने की कवायद जारी है। पिछले दस वर्षों में वाराणसी एक विशिष्ट नगर के रूप में उभर कर आया है। नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में इस शहर का नये सिरे से कायाकल्प हो गया। तमाम चुनौतियों के बावजूद बनारस का नया रूप अब दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं की बदौलत दुनिया भर में इस धार्मिक नगरी को एक अलग पहचान मिली है।

2014 में चुनाव जीतने के बाद मोदी कई बार वाराणसी गए। उन्होंने वाराणसी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रोजेक्ट करने का मौक़ा कभी भी नहीं गंवाया। वे 2015 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे और 2018 में फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी वाराणसी ले कर गए। इसके अलावा 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और 2023 की शुरुआत में काशी-तमिल संगमम के साथ ही जी-20 सम्मेलन की छह बैठकों से काशी का मान देश दुनिया में बढ़ा।  

बीते दस वर्षों में वाराणसी के लिए विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। साल 2014 में पीएम मोदी के वाराणसी से लोकसभा का चुनाव जीतने से लेकर साल 2023 तक पिछले 9 सालों में वाराणसी शहर का रूप और रंग पूरी तरह से बदल चुका है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी जब गुजरात मॉडल को यूपी की धार्मिक नगरी वाराणसी में लाने के मिशन से पहुंचे तो शुरुआत उन्होंने सफाई अभियान के साथ की। 2014 में वाराणसी की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाड़ू हाथ में थामा और अस्सी घाट के पास जगन्नाथ गली में स्वच्छता अभियान चलाया। एक तरह से इसी दिन वाराणसी के कायाकल्प को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प ले लिया। वह कार्य अब तक जारी है।

2014 से लेकर 2021 तक वाराणसी में 310 योजनाएं शुरू की गईं। वहीं 162 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसके बाद प्रधावनमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2021 को 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का भी उद्घाटन किया। बीएचयू में 100-बेड एमसीएच विंग, गोदौलिया में बहुस्तरीय पार्किंग, वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन-लेन फ्लाईओवर पुल सहित अनेक सार्वजनिक परियोजनाएं थीं। साथ ही इनमें शहरी क्षेत्र के सड़क कार्यों के लिए 3.32 करोड़, तालाब और पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए 2.86 करोड़़, ट्रांस वरुणा प्रोजेक्ट के लिए 19.49 करोड़ रुपये, गंगा पेयजल योजना के लिए 46.49करोड़ आदि भी शामिल हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण और सौन्दर्यीकरण योजना पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट था। 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण भी कर दिया। मंदिर परिसर के नए और भव्य स्वरूप से काशी नगरी खिल उठी। साल 2023 में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में 7.3 करोड़ की वृद्धि हुई। निवेशक स्थानीय पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। पिछले साल 40 से अधिक निवेशकों ने पर्यटन विभाग के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

इस साल 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी पहुंचे तो उन्होंने 1800 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। यहां उन्होंने देश में पहली बार रोप-वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी उद्घाटन किया। इस दिन प्रधानमंत्री ने शहरवासियों को 28 परियोजनाओं सौंपी और 19 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया।

नरेंद्र मोदी के बनारस का सांसद और देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले तक बनारस में भी दुश्वारियों का पहाड़ था। दूसरे शहरों की तरह यहां भी बदइंतजामी थी, सड़कें जर्जर, बिजली-पानी का संकट, कुंड-तालाब कब्जे में वगैरह-वगैरह। समय ने करवट ली, पीएम मोदी की चाहत के अनुरूप विकास की ओर बढ़े कदमों ने शहर में लटकते बिजली के तारों को गायब कर दिया। आईपीडीएस की सौगात से शहर की कई कालोनियों और मुहल्लों में बिजली के तार भूमिगत हो गए। काशी की प्राचीनता से मेल खाते लैंप पोस्टों से निकलती दूधिया रोशनी आपको पूरे शहर में दिखेगी। वर्तमान में बदलते बनारस की तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती है कि आज जो है, वो कल से बेहतर है।

SanatanDharm

Mar 22 2024, 09:17

आज प्रदोष व्रत,यह दिन महादेव को है समर्पित,इस दिन सुख समृद्धि के लिए लोग रखते हैं ब्रत

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Mar 21 2024, 15:28

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना पर लगाई रोक, कहा-ये अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा

#national_supreme_court_bans_centre_govt_fact_check_unit 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से जारी फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।सुप्रीम कोर्ट ने आईटी संशोधन नियम 2023 के तहत केंद्र सरकार द्वारा फैक्ट चेक यूनिट की 20 मार्च की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी का है। 

सरकार ने 20 मार्च को ही आईटी (संशोधन) कानून के तहत फैक्ट चेक यूनिट के नियम लागू किए थे। आईटी संशोधन कानून 2023 के नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले तक फैक्ट चेक यूनिट के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी खबरों की पहचान करने के लिए संशोधित आईटी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

फैक्ट चेक यूनिट सरकार की तरफ से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स या इंस्टाग्राम आदि पर कंटेंट की निगरानी करेगी और ये यूनिट किसी जानकारी को फर्जी या गलत बता सकती है। फैक्ट चेक यूनिट की आपत्ति के बाद उस कंटेंट या पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाना होगा और इंटरनेट से उसका यूआरएल भी ब्लॉक करना होगा। फैक्ट चेक यूनिट एक नोडल एजेंसी होगी।

आईटी नियमों में संशोधन के खिलाफ स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आईटी संशोधन कानून के नियमों को असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया। एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि फर्जी खबरें तय करने की पूरी शक्ति सरकार के हाथ में आ जाएगी, जो कि मीडिया की आजादी के विरोध में है।

Hazaribagh

Mar 16 2024, 20:47

डीएमएफटी मद के अंतर्गत जिला स्तरीय विज्ञान क्विज का किया गया आयोजन


हजारीबाग: डीएमएफटी मद के अंतर्गत आज जिला स्तरीय विज्ञान क्विज का आयोजन किया गया. इसमें 15 विद्यालयों के 29 विद्यार्थियों ने भाग लिया. इसमें पहला स्थान नमन विद्या स्कूल ने प्राप्त किया जिन्हे 25000 रु का इनाम दिया गया। दूसरे स्थान पर +2 उच्च विद्यालय, बड़कगांव रहे,जिन्हे 15000 रु इनाम दिया गया. तीसरे स्थान पर +2 उच्च विद्यालय,बरकठ्ठा रहे जिन्हे 10 हजार रु का इनाम दिया गया।

सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो प्रदान किया गया।उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित एवं सहायक समाहर्ता सुलोचना मीणा ने सभी प्रतिभागियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी l

प्रथम स्थान: नमन विद्या केंद्र,कटकमदाग के श्रीजा शुभम एवं लक्ष्य जैन।

द्वितीय स्थान + 2 हाई स्कूल, बड़कागांव के रिया कुमारी एवं लकी संगम।

तृतीय स्थान Govt. हाई स्कूल, बरकट्ठा के बिराज कुमार, टिंकू कुमार.

चतुर्थ स्थान केबीएसएस +2 हाई स्कूल चौपारण के अमन हुसैन.

पांचवा स्थान सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, जिला स्कूल, सदर के तनवीर सिंह, सूरज कुमार रहे।

29 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को 8 शिक्षकों की अगुवाई में इसरो श्री हरी कोटा जानें का अवसर दिया जा रहा है।

India

Mar 15 2024, 20:20

केन्द्र सरकार ने नई ईवी नीति को दी मंजूरी, टेस्ला की भारत में एंट्री होगी आसान

# central_govt_get_nod_to_new_ev_electric_vehicle_policy

केंद्र सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत अब देश में कंपनियां न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए प्लांट लगा सकती हैं। इसके लिए उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में कम से कम 25 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करना होगा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि देश में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत भारत की कोशिश होगी कि दुनिया की बड़ी ईवी कंपनियां भारत में निवेश करें।नई नीति के हिसाब से अगर कोई इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग या असेंबलिंग प्लांट लगाना चाहती है, तो उसे कम से कम 50 करोड़ डॉलर (यानी 4,150 करोड़ रुपए) का निवेश करना जरूरी होगा। जबकि इस सेगमेंट में अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं है। ज्यादा से ज्यादा कंपनियां भारत आएं, इसके लिए सरकार उन्हें कई तरह की टैक्स छूट का फायदा देगी

मोदी सरकार का इस फैसले से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी आएगी।वाहन निर्माण क्षेत्र की उन कंपनियों को जो नई वाहन नीति में उल्लिखित शर्तों को पूरा करेंगी उन्हें 35 हजार डॉलर या उससे अधिक महंगी कारों पर 15 फीसदी से कम आयात शुल्क लगेगा। अभी भारत आयातित कारों पर 70 से 100 फीसदी तक कर वसूलता है। कार के मूल्य के आधार पर वाहन कंपनी को हर साल 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी। अगर कोई कंपनी भारत में 80 करोड़ डॉलर यानी करीब 6630 करोड़ रुपए या उससे अधिक का निवेश करती है, तो उसे हर साल अधिकतम 40,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट की इजाजत होगी।0 हालांकि इसमें भारत के हितों का ख्याल रखा गया है। कंपनी को उसकी इंवेस्टमेंट कमिटमेंट के बदले जो टैक्स छूट मिलेगी, वह बैंक गारंटीड होगी। ऐसे में कंपनी के इंवेस्टमेंट कमिटमेंट पूरी नहीं करने की स्थिति में भी नुकसान नहीं होगा। सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस कदम से नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करने और ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल में समर्थन मिलने की उम्मीद है। इम्पोर्ट किए जा सकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क छूट वार्षिक पीएलआई प्रोत्साहन (6,484 करोड़ रुपये) या मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा किए गए निवेश, जो भी कम हो, तक सीमित है।

सरकार की इस नीति से एलन मस्क की टेस्ला की राह काफी आसान हुई है। टेस्ला भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने से पहले कुछ समय के लिए गाड़ियों को इंपोर्ट करना चाहती थी। साथ ही इस पर इंपोर्ट शुल्क में छूट भी चाहती थी। जबकि सरकार का पक्ष था कि कंपनी भारत में ही उत्पादन करे। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान एलन मस्क से मुलाकात की थी और उसके बाद से ही देश में नई तरह की ईवी पॉलिसी की जरूरत बढ़ गई थी। अब इस नई पॉलिसी में बीच का रास्ता निकाला गया है। इससे टेस्ला जैसी कंपनियों को भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ अपनी गाड़ियों को रियायती दर पर इंपोर्ट करने में भी आसानी होगी।

India

Mar 12 2024, 16:49

सीएए के तहत नागरिकता लेने के लिए वेबसाइट लॉन्च, ऐसे करें अप्लाई

#caagovtstartedportaltogetindian_citizenship

केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार यानी 11 मार्च को सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। अब सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्ति इस पोर्टल पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। मोबाइल 'ऐप' के माध्यम से आवेदन की सुविधा के लिए जल्द ही एक मोबाइल ऐप 'सीएए-2019' भी जारी किया जाएगा। केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन के लिए नियम अधिसूचित किए हैं। ये कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।

आवेदन करने के लिए क्या-क्या चाहिए?

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी पासपोर्ट की कॉपी

-भारत में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र या आवासीय परमिट, अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र।

-अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में स्कूल या कॉलेज या बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्कूल प्रमाणपत्र या शैक्षिक प्रमाणपत्र।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान सरकार या इन देशों में किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण या सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किसी भी प्रकार का पहचान दस्तावेज।

-अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी कोई भी लाइसेंस या प्रमाणपत्र।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में भूमि या किरायेदारी का रिकॉर्ड।

-कोई भी दस्तावेज़ जो दर्शाता है कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा में से कोई एक तीन देशों में से किसी एक का नागरिक है या रहा है।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में किसी सरकारी प्राधिकरण या सरकारी एजेंसी द्वारा जारी कोई अन्य दस्तावेज जो यह स्थापित करे कि आवेदक अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान से है।

दूसरी तरफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सीएए पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2019 और सिटिजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 के विवादित प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि वे राज्य में ये कानून लागू नहीं करेंगे

Ayodhya

Apr 17 2024, 19:31

मार्डन पूजा/साधना पद्धति के 432 पृष्ठ की पुस्तक का श्रीरामलला के दरबार में उप निदेशक सूचना अयोध्या धाम द्वारा वरिष्ठ संतो के आशीर्वाद के साथ किय

अयोध्या ।उल्लेखनीय है कि अयोध्या का इतिहास सदियों पुराना है इसका सतयुग त्रेता, द्वापर और कलयुग में व्यापक रूप से धर्म ग्रंथों में उल्लेख किया है। अयोध्या की संस्कृति लगभग 496 साल से इस आर्यावर्त के मर्यादा पुरूषोत्तम राम की नगरी में उनके जन्मस्थान पर मंदिर के लिए संघर्ष रहा।

इसका परिणाम 9 नवम्बर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हुआ तथा जिसका अंतिम परिणाम श्रीरामलला विराजमान मंदिर का लोकार्पण 22 जनवरी 2024 को हो गया। इस घटनाओं को सामान्य व्यक्ति होने के कारण तथा सूचना विभाग के अधिकारी होने के कारण मुझे नजदीक से देखने का मौका मिला, जिसमें अयोध्या के निर्माण में करोड़ों लोगों का योगदान है पर 108 उन महानुभावों का विशेष योगदान है जो अपने जीवन के समर्पित कर राम आंदोलन को आगे बढ़ाया।

हमारी इस पुस्तक में उन महानुभावों का विशेष योगदान रहा। यह पुस्तक 432 पेज की है जिसमें 12 कलर पृष्ठ में फोटो भी संलग्न है। इस पुस्तक में मुख्य रूप से अयोध्या के विषय में व्यापक रूप से आरेछा धाम में राम के स्थान का व्यापक रूप से काशी धाम में महादेव के स्थान का व्यापक रूप से तथा राम के 11 वर्ष के वनवास में चित्रकूट धाम में निवास का और भगवान राम के अवतार कृष्ण के धाम मथुरा के विशेष पहलुओं का उल्लेख किया गया।

इस पुस्तक में परम्परागत रूप से हटकर मार्डन पूजा पद्वति एवं साधना पद्वति का भी उल्लेख किया गया, जिसमें कि कोई भी व्यक्ति पैन्ट सर्ट पहनकर पूजा कर सकता है तथा कैनवास का जूता पहनकर माला भी जब सकता है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति 24 घंटे में 21600 सांस लेता है और सभी सांस में हंस स्वरूप परमात्मा का ध्यान करता है। जैसे आप कोई सांस लेता है तो ‘स‘ और कोई व्यक्ति सांस छोड़ता है तो ‘ह‘ का आवाज निकलता है ये दोनों तांत्रिक/वैदिक दृष्टि बीज मंत्र है। ये दोनों को मिलाकर हंस बनता है जो परमात्मा का स्वरूप है तथा मां गायत्री जी को समर्पित है। हंसा स्वरूपे परमात्मे समर्पयेत् यह ऋग्वेद का मंत्र है। यह पुस्तक मूल रूप से स्वान्तः सुखाय है तथा हनुमान जी अयोध्या के अधिपति हनुमान जी एवं गुरुओं को समर्पित है तथा भगवान राम की प्रेरणा से लिखी गयी है इसका सहयोग राशि 641 रुपये है। 641 को अंक दृष्टि से जोड़ेंगे तो कुल 11 होगा, जो परमात्मा को समर्पित है।

यह पुस्तक चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल से सभी बुक स्टालों पर तथा इसके वितरक श्री अयोध्या जी सेवा न्यास (7518077816) के पास उपलब्ध रहेगी। आज इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर श्रीरामलला जी स्वयं साक्षी है। आचार संहिता के कारण हमारे राजनेता अधिकारियों ने केवल आर्शीवाद दिया तथा विशेष आर्शाीवाद सनातन जनमानस के पुरोधा तथा विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ प्रेरक श्री दिनेश जी एवं श्री राजेन्द्र सिंह पंकज जी, श्री चम्पत राय जी, एलएनटी के चीफ श्री विनोद मेहता का आर्शीवाद रहा जो हमें इसको आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस पुस्तक में महामहिम जी के विधानसभा अध्यक्ष जी के, डा0 कर्ण सिंह जी, न्यायमूर्ति गणों के उपमुख्यमंत्री गणों के, मंत्री गणों एवं लेखक के पूर्व सम्पर्क में रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी, श्री चन्द्रशेखर जी, मुख्यमंत्री जी रहे श्री कल्याण सिंह जी, मुलायम सिंह जी, राज्यपाल रहे मोतीलाल बोरा जी, भाजपा के जाने माने विचारक रहे गोविन्दाचार्य जी के आज के विचारों एवं व्यक्तिगत पत्रों का उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक में पांच खण्ड बनाये गये है। पहला धार्मिक स्थानों के अलावा जनोपयोगी केन्द्रीय मंत्रिमण्डल, राज्य मंत्रिमण्डल, उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मण्डल एवं जनपद स्तर के जिला प्रशासन से जुड़े फोन नम्बर आदि दिये गये है। जो आशा करते है कि आम जनमानस को एवं जिज्ञासु जनमानस को जनोपयोगी होगी। पुस्तक की पूरी पीडीएफ भी संलग्न है। आप सभी को बसंतीय नवरात्रि एवं रामनवमी की हार्दिक बधाई।

आपका डा0 मुरलीधर सिंह शास्त्री

उपनिदेशक सूचना अयोध्या धाम/प्रभारी मीडिया सेंटर लोक भवन लखनऊ

ईमेल- मो.7080510637

India

Apr 16 2024, 16:38

राहुल बोले- खत्म करेंगे अग्निपथ योजना, देश की रक्षा का सपना देखने वाले युवाओं का ये 'अपमान'

#rahul_gandhi_targeted_modi_govt_and_said_agneepath_scheme_is_insult_to_youth

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में तैयार की गई और सशस्त्र बलों पर थोपी गई है। गांधी ने कहा कि केंद्र में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनते ही अग्निपथ सैन्य योजना को खत्म कर पुरानी स्थायी भर्ती प्रक्रिया वापस लायी जायेगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'अग्निपथ' योजना को लेकर हमेशा से सरकार पर हमलावर रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने एक बार फिर इस योजना की कमियां गिनाई हैं।मंगलवार को राहुल गांधी ने 'एक्स' पर लिखा, 'अग्निपथ' योजना, भारतीय सेना और देश की रक्षा करने का सपना देखने वाले बहादुर युवाओं का अपमान है। यह भारतीय सेना की नहीं, नरेंद्र मोदी के कार्यालय में बनी योजना है, जिसे सेना पर थोप दिया गया है।

राहुल गांधी ने कहा, शहीदों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता, देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हर व्यक्ति को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, जैसे ही हमारी सरकार बनेगी, हम तुरंत इस योजना को खत्म कर देंगे और पुरानी स्थायी भर्ती प्रक्रिया को वापस लाएंगे।

दरअसल, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अग्निपथ योजना को लेकर पत्र लिखा था। अपने पत्र में खरगे ने कहा कि नियमित भर्ती प्रक्रिया समाप्त होने और अग्निपथ योजना की शुरुआत के कारण देश के सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती चाहने वाले लगभग दो लाख युवा पुरुषों और महिलाओं का भविष्य अनिश्चित हो गया है। उन्होंने लेटर में लिखा, यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है, क्योंकि उनसे काम वही कराया जाएगा, लेकिन बहुत अलग पारिश्रमिक, लाभ और संभावनाओं के साथ। अधिकांश अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद अनिश्चित रोजगार बाजार में छोड़ दिये जाएंगे, जिसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि इससे सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

India

Apr 12 2024, 13:43

दिल्ली में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? आतिशी का दावा- केन्द्र सरकार कर रही बड़ी साजिश

#atishi_alleges_modi_govt_may_impose_president_rule_in_delhi

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में बंद हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से आम आदमी पार्टी लगातार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमलावर है। इसी क्रम में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। आतिशी ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली है।

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र प्लान किया जा रहा है। भाजपा को पता है कि चाहें वे कितना भी जोर लगा लें, वे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को हरा नहीं सकते। दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं, दिल्ली के लोग आप को पसंद करते हैं और दिल्ली के लोग भाजपा की हरसंभव कोशिश के बाद आप को ही वोट देते हैं। ये (भाजपा) दिल्ली में चुनाव जीतने वाले नहीं है, इसलिए ये साजिश कर रहे हैं कि दिल्ली की चुनी हुई अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराया जाए।

आप नेता ने कहा, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बैठक में शामिल होना बंद कर दिया है। दिल्ली में पिछले कई दिनों से किसी भी अफसर की पोस्टिंग नहीं हो रही है। दिल्ली में कई विभाग खाली हैं। एलजी साहब पिछले एक हफ्ते से एमएचए को बिना किसी कारण दिल्ली सरकार के खिलाफ चिट्ठी लिख रहे हैं। एक 20 साल पुराने केस को उठाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के सचिव को बर्खास्त कर दिया गया। इन सभी चीजों से पता चलता है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश चल रही है।

आतिशी ने कहा, मैं भाजपा को चेतावनी देती हूं कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना अवैध, असंवैधानिक और दिल्ली के लोगों के जनादेश के खिलाफ होगा। दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को स्पष्ट जनादेश दिया है।

India

Apr 02 2024, 15:11

“जेल से सरकार चलाएं केजरीवाल, ना दें इस्तीफा”, केजरीवाल की पत्नी से मिलकर बोले आप के विधायक

#aap_mlas_meet_cm_arvind_kejriwal_wife_sunita_says_run_the_govt_from_jail

दिल्ली के मुक्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश के इतिहास में पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बावजूद भी केजरीवाल ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया था और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। हालांकि विपक्षी दल बीजेपी की ओर से लगातार इस्तीफे के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच आम आदमी पार्टी के विधायकों ने आज अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की। आप विधायकों ने एक सुर में सुनीता केजरीवाल से कहा कि किसी भी तरह सीएम अपने पद से इस्तीफा न दें।सुनीता केजरीवाल के साथ बैठक में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और कैलाश गहलोत सहित 55 विधायक और 6 मंत्री मौजूद थे।

आप नेताओं संग सुनीता केजरीवाल की बैठक के बाद सौरभ भरद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने भी आज हुई बैठक के बारे में बात की। बीजेपी के सुनीता केजरीवाल को अगला सीएम बनाने वाले सवाल पर सौरभ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की पूरी जनता है और सरकार जेल से ही चलेगी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सोचती है कि हमें उन्हें मुख्यमंत्री पद देना चाहिए। हम उन्हें नहीं देंगे,वे चिंतित हो सकते हैं, लेकिन चीजें इस तरह से चलती रहेंगी।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुलाकात के दौरान करीब दो दर्जन विधायकों ने सुनिता जी से कहा कि भाजपा बहुत दवाब बनाएगी कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे, जैसे लोकपाल के समय पर किया गया था। उन्होंने इस्तीफा दिया तो बोले भाग गए। विधायकों ने कहा कि अब हमलोगों का संदेश सुनिता जी ही उन तक पहुंचाएंगी इसलिए हम सभी ये चाहते हैं कि वो इस्तीफा न दें, जेल से ही सरकार चलाएं। उन तक (अरविंद केजरीवाल) ये संदेश पहुंचाए की वो मुख्यमंत्री थे, हैं और आगे भी रहेंगे।

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को कोर्ट ने 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

India

Mar 28 2024, 15:45

2014 के बाद कितना बदला वाराणसी?

#varanasichangedinmodigovt  

दुनिया की सबसे प्राचीन नगरों में से एक

हिंदुओं का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल

अब बना भारत की सियासत का केन्द्र

बाबा विश्वनाथ की नगरी को क्योटो बनाने की कवायद

दस वर्षों में काशी का हो गया कायाकल्प

पूरी तरह से बदला वाराणसी शहर का रूप-रंग

दुनिया के प्राचीनतम नगरों में एक शिव की यह नगरी हिंदुओं के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में एक है। देश के हरेक कोने से तीर्थयात्री यहाँ आते हैं। यह बाबा काशी विश्वनाथ के नाम पर दुनिया भर में विख्यात है। जो अब भारत की राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका एकमात्र कारण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से लगातार दो वार जीत कर देश की बागडोर संभाल रहे हैं। अब तीसरी बार भी विजय रथ पर सवार होने को आतुर हैं। वाराणसी लोकसभा सीट पर अब एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं। 

सन् 1956 में 24 मई को बनारस या काशी को वाराणसी नाम दिया गया। अब उस काशी को पिछले कुछ सालों से क्योटो बनाने की कवायद जारी है। पिछले दस वर्षों में वाराणसी एक विशिष्ट नगर के रूप में उभर कर आया है। नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में इस शहर का नये सिरे से कायाकल्प हो गया। तमाम चुनौतियों के बावजूद बनारस का नया रूप अब दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं की बदौलत दुनिया भर में इस धार्मिक नगरी को एक अलग पहचान मिली है।

2014 में चुनाव जीतने के बाद मोदी कई बार वाराणसी गए। उन्होंने वाराणसी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रोजेक्ट करने का मौक़ा कभी भी नहीं गंवाया। वे 2015 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे और 2018 में फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी वाराणसी ले कर गए। इसके अलावा 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और 2023 की शुरुआत में काशी-तमिल संगमम के साथ ही जी-20 सम्मेलन की छह बैठकों से काशी का मान देश दुनिया में बढ़ा।  

बीते दस वर्षों में वाराणसी के लिए विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। साल 2014 में पीएम मोदी के वाराणसी से लोकसभा का चुनाव जीतने से लेकर साल 2023 तक पिछले 9 सालों में वाराणसी शहर का रूप और रंग पूरी तरह से बदल चुका है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी जब गुजरात मॉडल को यूपी की धार्मिक नगरी वाराणसी में लाने के मिशन से पहुंचे तो शुरुआत उन्होंने सफाई अभियान के साथ की। 2014 में वाराणसी की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाड़ू हाथ में थामा और अस्सी घाट के पास जगन्नाथ गली में स्वच्छता अभियान चलाया। एक तरह से इसी दिन वाराणसी के कायाकल्प को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प ले लिया। वह कार्य अब तक जारी है।

2014 से लेकर 2021 तक वाराणसी में 310 योजनाएं शुरू की गईं। वहीं 162 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसके बाद प्रधावनमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2021 को 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का भी उद्घाटन किया। बीएचयू में 100-बेड एमसीएच विंग, गोदौलिया में बहुस्तरीय पार्किंग, वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन-लेन फ्लाईओवर पुल सहित अनेक सार्वजनिक परियोजनाएं थीं। साथ ही इनमें शहरी क्षेत्र के सड़क कार्यों के लिए 3.32 करोड़, तालाब और पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए 2.86 करोड़़, ट्रांस वरुणा प्रोजेक्ट के लिए 19.49 करोड़ रुपये, गंगा पेयजल योजना के लिए 46.49करोड़ आदि भी शामिल हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण और सौन्दर्यीकरण योजना पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट था। 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण भी कर दिया। मंदिर परिसर के नए और भव्य स्वरूप से काशी नगरी खिल उठी। साल 2023 में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में 7.3 करोड़ की वृद्धि हुई। निवेशक स्थानीय पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। पिछले साल 40 से अधिक निवेशकों ने पर्यटन विभाग के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

इस साल 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी पहुंचे तो उन्होंने 1800 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। यहां उन्होंने देश में पहली बार रोप-वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी उद्घाटन किया। इस दिन प्रधानमंत्री ने शहरवासियों को 28 परियोजनाओं सौंपी और 19 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया।

नरेंद्र मोदी के बनारस का सांसद और देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले तक बनारस में भी दुश्वारियों का पहाड़ था। दूसरे शहरों की तरह यहां भी बदइंतजामी थी, सड़कें जर्जर, बिजली-पानी का संकट, कुंड-तालाब कब्जे में वगैरह-वगैरह। समय ने करवट ली, पीएम मोदी की चाहत के अनुरूप विकास की ओर बढ़े कदमों ने शहर में लटकते बिजली के तारों को गायब कर दिया। आईपीडीएस की सौगात से शहर की कई कालोनियों और मुहल्लों में बिजली के तार भूमिगत हो गए। काशी की प्राचीनता से मेल खाते लैंप पोस्टों से निकलती दूधिया रोशनी आपको पूरे शहर में दिखेगी। वर्तमान में बदलते बनारस की तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती है कि आज जो है, वो कल से बेहतर है।

SanatanDharm

Mar 22 2024, 09:17

आज प्रदोष व्रत,यह दिन महादेव को है समर्पित,इस दिन सुख समृद्धि के लिए लोग रखते हैं ब्रत

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India

Mar 21 2024, 15:28

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना पर लगाई रोक, कहा-ये अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा

#national_supreme_court_bans_centre_govt_fact_check_unit 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से जारी फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।सुप्रीम कोर्ट ने आईटी संशोधन नियम 2023 के तहत केंद्र सरकार द्वारा फैक्ट चेक यूनिट की 20 मार्च की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी का है। 

सरकार ने 20 मार्च को ही आईटी (संशोधन) कानून के तहत फैक्ट चेक यूनिट के नियम लागू किए थे। आईटी संशोधन कानून 2023 के नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले तक फैक्ट चेक यूनिट के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी खबरों की पहचान करने के लिए संशोधित आईटी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

फैक्ट चेक यूनिट सरकार की तरफ से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स या इंस्टाग्राम आदि पर कंटेंट की निगरानी करेगी और ये यूनिट किसी जानकारी को फर्जी या गलत बता सकती है। फैक्ट चेक यूनिट की आपत्ति के बाद उस कंटेंट या पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाना होगा और इंटरनेट से उसका यूआरएल भी ब्लॉक करना होगा। फैक्ट चेक यूनिट एक नोडल एजेंसी होगी।

आईटी नियमों में संशोधन के खिलाफ स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आईटी संशोधन कानून के नियमों को असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया। एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि फर्जी खबरें तय करने की पूरी शक्ति सरकार के हाथ में आ जाएगी, जो कि मीडिया की आजादी के विरोध में है।

Hazaribagh

Mar 16 2024, 20:47

डीएमएफटी मद के अंतर्गत जिला स्तरीय विज्ञान क्विज का किया गया आयोजन


हजारीबाग: डीएमएफटी मद के अंतर्गत आज जिला स्तरीय विज्ञान क्विज का आयोजन किया गया. इसमें 15 विद्यालयों के 29 विद्यार्थियों ने भाग लिया. इसमें पहला स्थान नमन विद्या स्कूल ने प्राप्त किया जिन्हे 25000 रु का इनाम दिया गया। दूसरे स्थान पर +2 उच्च विद्यालय, बड़कगांव रहे,जिन्हे 15000 रु इनाम दिया गया. तीसरे स्थान पर +2 उच्च विद्यालय,बरकठ्ठा रहे जिन्हे 10 हजार रु का इनाम दिया गया।

सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो प्रदान किया गया।उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित एवं सहायक समाहर्ता सुलोचना मीणा ने सभी प्रतिभागियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी l

प्रथम स्थान: नमन विद्या केंद्र,कटकमदाग के श्रीजा शुभम एवं लक्ष्य जैन।

द्वितीय स्थान + 2 हाई स्कूल, बड़कागांव के रिया कुमारी एवं लकी संगम।

तृतीय स्थान Govt. हाई स्कूल, बरकट्ठा के बिराज कुमार, टिंकू कुमार.

चतुर्थ स्थान केबीएसएस +2 हाई स्कूल चौपारण के अमन हुसैन.

पांचवा स्थान सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, जिला स्कूल, सदर के तनवीर सिंह, सूरज कुमार रहे।

29 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को 8 शिक्षकों की अगुवाई में इसरो श्री हरी कोटा जानें का अवसर दिया जा रहा है।

India

Mar 15 2024, 20:20

केन्द्र सरकार ने नई ईवी नीति को दी मंजूरी, टेस्ला की भारत में एंट्री होगी आसान

# central_govt_get_nod_to_new_ev_electric_vehicle_policy

केंद्र सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत अब देश में कंपनियां न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए प्लांट लगा सकती हैं। इसके लिए उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में कम से कम 25 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करना होगा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि देश में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत भारत की कोशिश होगी कि दुनिया की बड़ी ईवी कंपनियां भारत में निवेश करें।नई नीति के हिसाब से अगर कोई इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग या असेंबलिंग प्लांट लगाना चाहती है, तो उसे कम से कम 50 करोड़ डॉलर (यानी 4,150 करोड़ रुपए) का निवेश करना जरूरी होगा। जबकि इस सेगमेंट में अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं है। ज्यादा से ज्यादा कंपनियां भारत आएं, इसके लिए सरकार उन्हें कई तरह की टैक्स छूट का फायदा देगी

मोदी सरकार का इस फैसले से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी आएगी।वाहन निर्माण क्षेत्र की उन कंपनियों को जो नई वाहन नीति में उल्लिखित शर्तों को पूरा करेंगी उन्हें 35 हजार डॉलर या उससे अधिक महंगी कारों पर 15 फीसदी से कम आयात शुल्क लगेगा। अभी भारत आयातित कारों पर 70 से 100 फीसदी तक कर वसूलता है। कार के मूल्य के आधार पर वाहन कंपनी को हर साल 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी। अगर कोई कंपनी भारत में 80 करोड़ डॉलर यानी करीब 6630 करोड़ रुपए या उससे अधिक का निवेश करती है, तो उसे हर साल अधिकतम 40,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट की इजाजत होगी।0 हालांकि इसमें भारत के हितों का ख्याल रखा गया है। कंपनी को उसकी इंवेस्टमेंट कमिटमेंट के बदले जो टैक्स छूट मिलेगी, वह बैंक गारंटीड होगी। ऐसे में कंपनी के इंवेस्टमेंट कमिटमेंट पूरी नहीं करने की स्थिति में भी नुकसान नहीं होगा। सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस कदम से नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करने और ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल में समर्थन मिलने की उम्मीद है। इम्पोर्ट किए जा सकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क छूट वार्षिक पीएलआई प्रोत्साहन (6,484 करोड़ रुपये) या मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा किए गए निवेश, जो भी कम हो, तक सीमित है।

सरकार की इस नीति से एलन मस्क की टेस्ला की राह काफी आसान हुई है। टेस्ला भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने से पहले कुछ समय के लिए गाड़ियों को इंपोर्ट करना चाहती थी। साथ ही इस पर इंपोर्ट शुल्क में छूट भी चाहती थी। जबकि सरकार का पक्ष था कि कंपनी भारत में ही उत्पादन करे। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान एलन मस्क से मुलाकात की थी और उसके बाद से ही देश में नई तरह की ईवी पॉलिसी की जरूरत बढ़ गई थी। अब इस नई पॉलिसी में बीच का रास्ता निकाला गया है। इससे टेस्ला जैसी कंपनियों को भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ अपनी गाड़ियों को रियायती दर पर इंपोर्ट करने में भी आसानी होगी।

India

Mar 12 2024, 16:49

सीएए के तहत नागरिकता लेने के लिए वेबसाइट लॉन्च, ऐसे करें अप्लाई

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केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार यानी 11 मार्च को सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। अब सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्ति इस पोर्टल पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। मोबाइल 'ऐप' के माध्यम से आवेदन की सुविधा के लिए जल्द ही एक मोबाइल ऐप 'सीएए-2019' भी जारी किया जाएगा। केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन के लिए नियम अधिसूचित किए हैं। ये कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।

आवेदन करने के लिए क्या-क्या चाहिए?

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी पासपोर्ट की कॉपी

-भारत में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र या आवासीय परमिट, अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र।

-अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में स्कूल या कॉलेज या बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्कूल प्रमाणपत्र या शैक्षिक प्रमाणपत्र।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान सरकार या इन देशों में किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण या सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किसी भी प्रकार का पहचान दस्तावेज।

-अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी कोई भी लाइसेंस या प्रमाणपत्र।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में भूमि या किरायेदारी का रिकॉर्ड।

-कोई भी दस्तावेज़ जो दर्शाता है कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा में से कोई एक तीन देशों में से किसी एक का नागरिक है या रहा है।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में किसी सरकारी प्राधिकरण या सरकारी एजेंसी द्वारा जारी कोई अन्य दस्तावेज जो यह स्थापित करे कि आवेदक अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान से है।

दूसरी तरफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सीएए पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2019 और सिटिजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 के विवादित प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि वे राज्य में ये कानून लागू नहीं करेंगे