India

Jul 26 2024, 12:09

कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब, जानें क्या बताई वजह

#kanwaryatranameplatedisputeupgovtfiledreplyinsupremecourt 

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नामपट्टिका लगाने के अपने आदेश का बचाव किया है। सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए यूपी सरकार ने कहा, यह आदेश इसीलिए लागू किया गया था जिससे गलती से भी कांवड़िए किसी दुकान से कुछ ऐसा न खा लें जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो।

उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों में मालिक के नाम की नेम प्लेट लगाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। यह मामला मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ था जिसके बाद योगी सरकार के आदेश देने के बाद यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया था। इस आदेश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 22 जुलाई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से शुक्रवार (26 जुलाई) तक जवाब मांगा था और राज्यों के जवाब देने तक इस आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद इस मामले में अगली सुनवाई आज 26 जुलाई को होगी।

आदेश का उद्देश्य पारदर्शिता कायम करना

इससे पहले यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसके दिशा-निर्देश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन और पारदर्शिता कायम करने के लिए उद्देश्य से दिए गए थे। निर्देश के पीछे का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम करना और यात्रा के दौरान उपभोक्ताओं/कांवड़ियों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था। ये निर्देश कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर दिए गए ताकि वे गलती से कुछ ऐसा न खाएं, जो उनकी आस्थाओं के खिलाफ हो। 

+संभावित भ्रम से बचने का उपाय

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं। हलफनामे में कहा गया है, मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने किया याचिकाओं का विरोध

उत्तर प्रदेश सरकार ने नेमप्लेट विवाद में दाखिल याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है कि, हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने के नाते, प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करता है, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो। राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा कदम उठाता है कि सभी धर्मों के त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाएं।

bharathnews

Jul 25 2024, 10:12

BIG NEWS J&K LG Manoj Sinha dismissed 4 Government employees for links with terr0rists.

They are -Imtiyaz Ahmad Lone (Police Constable) -

He was involved in the commission of supplying, transporting and facilitating the delivery of arms and ammunition for executing terr0r acts.

2) Bazil Ahmad Mir - School Education Dept

3) Mushtaq Ahmad Pir - Police Constable

4) Mohd Zaid Shah - Rural Development Dept

Govt said it adopts zero-tolerance policy towards anti-national elements who have been taking advantage of being in Govt service.

India

Jul 24 2024, 19:56

भारत ने चाबहार के लिए खोला खजाना, बजट में 100 करोड़ रुपए आवंटित

# indian_govt_releases_rs_100_crore_for_iran_chabahar_port

ईरान और भारत ने मई में ही चाबहार पोर्ट को लेकर बड़ी डील की थी। इस डील के मुताबिक भारत को चाबहार पोर्ट का 10 साल चलाने तक संचालन करना है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के कार्यकाल में जब यह डील हुई तो कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने धमकी दी थी।डील के तुरंत बाद ही अमेरिका ने प्रतिबंधों की धमकी का ऐलान किया था। अमेरिका ने कहा था कि ईरान के साथ कुछ सौदों पर विचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधों के जोखिम के बारे में पता होना चाहिए। हालांकि भारत सरकार ने इस दरकिनार कर दिया था। अब मंगलवार को आए आम बजट में भी इसको लेकर कुछ ऐलान किए गए। सरकार ने बजट में चाबहार पोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

चाबहार पोर्ट भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। भारत ने लैंडलॉक्ड अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह समझौता किया। इसके जरिए चीन को दरकिनार किया जाएगा। साथ ही पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को भी इग्नोर कर अफगानिस्तान पर भी प्रभाव डाला जाएगा। ऐसे में चाबहार पोर्ट भारत के लिए काफी अहम है। यही वजह है कि चाबहार बंदरगाह के लिए लगातार चौथे वर्ष भारत ने 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। यह दिखाता है कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत इस प्रोजेक्ट में ईरान के साथ है। 

एक बड़ी बाधा ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंध हैं। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ईरान को ब्लैकलिस्ट करना और इलेक्ट्रॉनिक अंतरराष्ट्रीय भुगतान की स्विफ्ट प्रणाली तक ईरान की पहुंच की कमी होना शामिल है। ईरान डॉलर में लेन-देन नहीं कर सकता है। लेकिन सिर्फ यहीं समस्याएं नहीं हैं। बल्कि लॉजिस्टिक से जुड़ी बाधाएं भी हैं। ईरान ने दो रेलवे लाइनों को पूरा करने में देरी की है।

13 मई को भारत और ईरान के बीच एक डील हुई थी। इसके तहत भारत ने ईरान के चाबहार में शाहिद बेहेशती पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लिया था। अब पोर्ट का पूरा मैनेजमेंट भारत के पास होगा। भारत और ईरान दो दशक से चाबहार पर काम कर रहे हैं। भारत दुनियाभर में अपने व्यापार को बढ़ाना चाहता है। चाबहार पोर्ट इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। भारत इस पोर्ट की मदद से ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार कर सकता है। ईरान और भारत ने 2018 में चाबहार पोर्ट तैयार करने का समझौता किया था।

चाबहार को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट की तुलना में भारत के रणनीतिक पोर्ट के तौर पर देखा जा रहा है। यह बंदरगाह के विकास के बाद से अफगानिस्तान माल भेजने का यह सबसे अच्छा रास्ता है। भारत अफगानिस्तान को गेंहू भी इस रास्ते से भेज रहा है। अफगानिस्तान के अलावा यह पोर्ट भारत के लिए मध्य एशियाई देशों के भी रास्ते खोलेगा। इन देशों से गैस और तेल भी इस पोर्ट के जरिए लाया जा सकता है।

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Jul 24 2024, 14:39

मालदीव को भारत ने बजट में दिया बड़ा झटका, पैकेज में 370 करोड़ कम किए

#indian_govt_reduced_budget_allocation_for_maldives

मोदी 3.0 सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया। इसमें विदेश मंत्रालय को 22 हजार 154 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह 2023-24 के बजट से करीब 24% यानी कम है। पिछले साल विदेश मंत्रालय को 29 हजार 121 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसमें 6,967 हजार करोड़ की कटौती की गई है।इस बार के बजट में सरकार ने मालदीव को झटका द‍िया है। मालदीव को आवंट‍ित की जाने वाली राश‍ि में कटौती की गई है।

विदेश मंत्रालय के बजट में 'नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी' और 'सागर मिशन' के तहत भारत के पड़ोसी और मित्र देशों को आर्थिक मदद के लिए राशि आवंटित की गई है। इनमें भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव समेत 10 देश शामिल हैं। इसके अलावा कई अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और यूरोएशियाई देशों के लिए भी एड का प्रावधान है। केंद्र सरकार इस वित्तीय वर्ष सबसे अधिक भूटान के विकास पर खर्च करेगा। भूटान के लिए 2 हजार 68 करोड़ का पैकेज रखा गया है। हालांकि, यह पिछले साल से करीब 400 करोड़ कम है। 

मालदीव को मिलने वाले बजट पर केंद्र सरकार ने कैंची चलाई है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।मालदीव को आंवटित की जाने वाली राशि में कटौती ऐसे समय में की गई है जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मोहम्मद मुइज्जू के द्विपीय देश का राष्ट्रपति बनने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आया गया है।

इस साल के बजट में मालदीव के ल‍िए 400 करोड़ रुपये का आवंटन क‍िया गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए यह राश‍ि 770.90 करोड़ थी, ज‍िसे 370 करोड़ रुपये घटा द‍िया गया है।बजट में सबसे ज्यादा कटौती चीन समर्थक मालदीव के पैकेज में की गई है। 2023 में मालदीव के लिए आर्थिक मदद को 183 करोड़ से बढ़ाकर 770 करोड़ किया गया था। वहीं इस साल इसे 400 करोड़ कर दिया गया है। 

दरअसल, पिछले साल नवंबर में मालदीव में 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाने वाले मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद से दोनों देशों में तनाव है।सरकार बनाते ही मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालने की घोषणा की थी। इस साल मई में सभी 88 सैनिक भारत लौट आए। इसके अलावा 4 जनवरी को PM मोदी के लक्षदीप दौरे के बाद मालदीव के मंत्रियों ने मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत सर्विस के मामले में मालदीव का मुकाबला नहीं कर सकता। इस विवाद के बाद भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट आई। दोनों देशों में तनाव के बीच राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट भी खत्म कर दिया था।

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Jul 24 2024, 14:03

बजट पर राज्यसभा में खूब गरजे खरगे, बोले- बस दो राज्यों की थाली में पकौड़ा और जलेबी

#congressleaderkhargetargetedmodigovtregarding_budget

संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। कल यानी बीते मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। आज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा होनी है। आज संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। 

इससे पहले उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट पर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। बजट का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी।’’

खरगे ने कहा कि न तमिलनाडु को कुछ मिला, न केरल, न कर्नाटक, न महाराष्ट्र, न पंजाब, न हरियाणा, न छत्तीसगढ़... दिल्ली और ओडिशा को भी कुछ नहीं दिया। ये सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए, किसी को खुश करने के लिए हुआ है। हम इसकी निंदा करते हैं। उनका इशारा एनडीए सरकार में शामिल घटक दल जेडीयू और टीडीपी की तरफ था।

जिस जगह ने नकार, उसे कुछ नहीं मिला-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा कि वह कर्नाटक से (राज्यसभा में) आई हैं। मेरी तो अपेक्षा यही थी कि सबसे ज्यादा मुझे ही मिलेगा लेकिन हमको तो कुछ नहीं मिला। हम इसके खिलाफ प्रोटेस्ट करेंगे। कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक करेंगे। खरगे ने आगे कहा कि जिस-जिस जगह विपक्षी पार्टी चुनकर आ गई, जिस जगह आपको नकार दिया गया उस जगह कुछ नहीं मिला। अगर आप ऐसा करते गए, अगर बैलेंस नहीं होगा तो गवर्नेंस कैसे होगा।

खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री ने दिया जवाब

वहीं, खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। उन्होंने कहा,"हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है?

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।"

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Jul 22 2024, 13:59

कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी-उत्तराखंड सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक
#supreme_court_interim_stay_on_yogi_adityanath_govt_name_plate_order
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रूट पर नेमप्लेट लगाने के आदेश को लेकर पूरे देश में बहस जारी है। इस बीच इस मामले में मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है और शुक्रवार तक जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने नेमप्लेट लिखने के निर्देश पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा से जुड़े एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। यूपी सरकार के आदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने को कहा गया है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को अपना नाम बताने की जरूरत नहीं है। वे सिर्फ यह बताएं कि उनके पास कौन-से और किस प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। कांवड़ियों को वेज खाना मिले और साफ सफाई रहे। खाना शाकाहारी है या मांसाहारी ये बताना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही यूपी, उत्तराखंड और एमपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक पुलिस के निर्देशों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक किसी को जबरन नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपने दलीलों कहा कि यह एक चिंताजनक स्थिति है। पुलिस अधिकारी विभाजन पैदा कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के वकील सी यू सिंह ने दलील दी कि शासन का आदेश समाज को बांटने जैसा है। यह एक तरह से अल्पसंख्यक दुकानदारों को पहचानकर उनके आर्थिक बहिष्कार जैसा है।इनमें यूपी और उत्तराखंड ऐसा कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- यह एक प्रेस वक्तव्य था या एक आदेश? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पहले एक प्रेस बयान आया था। फिर सार्वजनिक आक्रोश हुआ। राज्य सरकार कहती है “स्वेच्छा से”, लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। इसका कोई वैधानिक समर्थन नहीं है। कोई भी कानून पुलिस कमिश्नर को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता।

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Jul 20 2024, 18:06

बृजमोहन अग्रवाल ने रखा अपनी उपलब्धियों का ब्यौरा, तेज होगी रायपुर के विकास की गति

रायपुर-  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को एक पत्रकारों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री पद के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का लेखाजोखा पेश किया। साथ ही बतौर सांसद अपनी भविष्य की कार्ययोजनाओं की जानकारी दी।

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत रायपुर लोकसभा क्षेत्र में 11 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसमे से रायपुर जिले में 8 लाख और बलौदाबाजार जिले में 3 लाख पौधे लगाए जायेंगे। शासकीय सीएसआर, जनभागीदारी से यह पौधारोपण किया जा रहा है। अभियान की शुरुवात भाटापारा, बलौदाबाजार, अभनपुर एवं आरंग में शासकीय स्कूलों और कार्यालयों परिसर में में पौधे लगाकर की गई है। उन्होंने कहा कि एक नया छत्तीसगढ़ बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

भाजपा सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर छत्तीसगढ़ को देश में अग्रिणी राज्य बनाया : बृजमोहन अग्रवाल

भाजपा सरकार बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन हुआ है। कांग्रेस सरकार ने राज्य में नई शिक्षा नीति लागू नहीं की थी लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद हमने इस दिशा में काम किया और उच्च शिक्षा के साथ-साथ स्कूल शिक्षा में भी नई शिक्षा नीति को लागू किया। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं तथा 12वीं की मुख्य परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने के निर्णय लिया गया। जनवरी 2024 से अभी तक 2 हजार शिक्षकों की सीधी भर्ती की गई। 52 पीएम श्री स्कूलों की स्वीकृति। सभी आत्मानंद उ.मा.वि. 190 प्राथमिक शालाओं को पी.एम.श्री. स्कूल में शामिल किया गया। 1000 नए बालबाडी केन्द्र प्रारंभ। 16 बोलियों एवं 4 अंर्तराज्यीय भाषा में पाठ्यपुस्तक तैयार की गई। विद्यालयों में न्योता भोजन का आयोजन।

श्री अग्रवाल ने बताया कि, शिक्षा विभाग द्वारा नवाचार पहल करते हुए पहली बार शासकीय स्कूलों में समर कैम्प का आयोजन किया गया। स्कूल प्रशासन में पारदार्शिता लाने विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना। अधिकारियों/कर्मचारियों का एकीकृत एच.आर. एम. आई. एस. पोर्टल जिससे अवकाश पेंशन, एवं सेवानिवृत्त के प्रकरणों का तत्काल निराकरण। 53 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक। 30 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्क गणवेश। 1 लाख 60 हजार छात्राओं को निःशुल्क साइकिल, 30 लाख से अधिक बच्चों को पीएम पोषण शक्ति योजना के तहत गर्म भोजन तथा सरकारी स्कूलों में 3000 स्मार्ट क्लास रूम बनाया और 1700 आई.सी.टी. लैब। सभी वर्गों की पदोन्नति की प्रकिया प्रारंभ।

उच्च शिक्षा

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया की उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रदेश में लागू की गई जिसमें सेमेस्टर सिस्टम के तहत अध्यापन शुरू किया गया। 19 विषयों में राज्य पात्रता परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय 15 अन्य विषय भी शामिल करने यूजीसी की अनुमति। मिली जिसका आयोजन 21 जुलाई को होगा। राज्य में जनभागीदारी समिति को सुदृढ बनाया गया है एवं अनुशंसित कार्यों के लिए पूर्णतः अधिकृत किया गया।

मृत शासकीय सेवकों के आश्रित लोगों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। सभी स्तर के पदोन्नति पर तत्काल निर्णय लिया गया है। प्राचार्य के पदोन्नति पीएससी अनुमोदित हो चुकी है। एवं 125 कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई। 8 नवीन कन्या महाविद्यालय के भवन के लिए 800 लाख रुपए स्वीकृत तथा 12 शासकीय महाविद्यालयों भवनों के लिए 1200 लाख स्वीकृत। रूसा से दो चरणों के लिए 411 करोड़ रुपए की स्वीकृति। पीएम उषा नवीन योजना के तहत् विश्वविद्यालय हेतु 895 करोड़ का प्रस्ताव। मेरू योजना के तहत् बस्तर विश्वविद्यालय को 100 करोड़, रविशंकर शुक्ल विश्वविद्याल -20 करोड़, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय 20 करोड़ रुपए स्वीकृत। प्रदेश के 28 शासकीय महाविद्यालय में 2123 सीटों की वृद्धि। अशासकीय महाविद्यालयों में 3105 सीटों की वृद्धि। 880 चतुर्थ श्रेणी एवं 260 तृतीय श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए व्यापम को प्रस्ताव भेजा गया। 16 महाविद्यालयों के लिए 5-5 करोड की राशि स्वीकृत किए जा चुके हैं।

पर्यटन के क्षेत्र में हमारे प्रयासों को केंद्र से हरी झंडी मिली, छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के तौर पर स्थापित करने का प्रयास: बृजमोहन अग्रवाल

बृजमोहन अग्रवाल ने पर्यटन मंत्री कार्यकाल के दौरान विभाग में किए गए कार्यों का लेखाजोखा दिया। उन्होंने बताया कि, प्रभु श्री रामलला (अयोध्या धाम) दर्शन यात्रा के तहत अभी तक 5100 श्रद्धालु यात्रियों ने निःशुल्क यात्रा कर अयोध्या और बनारस में दर्शन कर चुके हैं।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना की सब स्कीम "चैलेन्ज बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट" के अंतर्गत 'मयाली-बगीचा" जिला जशपुर की परियोजना के लिये रू. 10.00 करोड़ की स्वीकृति दिलाई गई। "प्रसाद योजना" के अंतर्गत "माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ का विकास" परियोजना (पूर्व में स्वीकृत लागत रू. 43.33 करोड़) के लिये रू. 5.10 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है। परियोजना में विगत 06 माह में रू. 6.63 करोड़ के कार्य संपादित कराये गये हैं। योजना का कार्य अंतिम चरणों में है। इसके अलावा कुदरगढ़ जिला सूरजपुर के विकास हेतु 66.14 करोड रुपए का प्रस्ताव भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय को प्रेषित किया गया। नगर पंचायत कुरूद, जिला-धमतरी में एम्पीथियेटर निर्माण कार्य हेतु राशि रू 01.00 करोड़ की स्वीकृति कलेक्टर, जिला-धमतरी को प्रदान की गई है एवं राशि रु. 50.00 लाख जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में विगत 06 माह में 1,64,17,854 घरेलू पर्यटक एवं 1281 विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ है।

राज्य में पर्यटक डाटा आंकडे एकत्रित करने हेतु पर्यटन सर्वेक्षण की योजना प्रक्रियाधीन है। इस कार्य हेतु छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा All India Institute of Local Self Govt. (AIILSG) का चयन किया गया है।

टूरिज्म बोर्ड के द्वारा राज्य में 18 इकाईयों का संचालन किया जा रहा है। जिससे विगत 06 माह में कुल राशि रू. लगभग 04 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के द्वारा लीज पर सौंपी गई 15 ईकाईयों में से 09 ईकाईयों से विगत 06 माह में कुल राशि रू. 88 लाख राजस्व प्राप्त हुयी है। छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 को संशोधित कर नवीन पर्यटन नीति तैयार करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई। पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।

उन्होंने बताया की 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में आयोजित "श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में रामोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें कौशल्या माता धाम, चंदखुरी, जिला-रायपुर में भव्य आयोजन किया गया। 05 साल बाद फिर राजिम कुंभ (कल्प) 2024 का सफलतापूर्वक वृहद आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ ने 19-20 फरवरी 2024 को मुम्बई में आयोजित दादा साहेब फाल्के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2024 में सहभागिता की।

7th Hospitality India Travel Awards 2024 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म को "Best Emerging Wedding and MICE Tourism Destination" अवार्ड प्रदाय किया गया।

संस्कृति विभाग

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया की 14 जनवरी, 24 को बसंत पंचमी के अवसर पर पुरखौती मुक्तांगन में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी उपस्थिति रहे।

• 20 जनवरी, 2024 को श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव 2024 के अवसर पर पुलिस परेड ग्राउंड रायपुर में लाईट एण्ड साउण्ड शो" एवं "गाथा श्रीराम की कार्यक्रम का आयोजन। अयोध्या में आयोजित श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव 2024 के कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी 33 जिलों में करीब 1.14 करोड़ रुपए राशि आवंटित की गई।

उन्होंने बताया कि, घोषणा पत्र के अनुसार 100 दिन के अंतर्गत चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत रामायण मानस मंडलियों को प्रोत्साहन राशि करीब 3.10 करोड़ रुपए सभी जिला कलेक्टर के द्वारा उपलब्ध कराई गई। लोक कलाकारों को कुल 484 मंचीय प्रस्तुति हेतु अवसर प्रदान किया गया। जिसके लिए कुल मानदेय करीब 7.25 करोड़ का भुगतान किया गया। कलाकार कल्याण कोष योजना अंतर्गत 12 अर्थाभावग्रस्त साहित्यकारों/कलाकारों को राशि रु. 3.00 लाख मात्र प्रदान किया गया। प्रदेश में मेला महोत्सव एवं सांस्कृतिक आयोजन हेतु जिला कलेक्टरों को 5 करोड़ 52 लाख प्रदान दिया गया है।

पुरातत्वः-

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, रीवा आरंग, जमराव पाटन, उत्खनन कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। रीवा में 2500 वर्ष और जमराव में 2000 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष प्राप्त। तीन राज्य संरक्षित स्मारकों का रसयानिक संरक्षण कार्य भी शुरू किया जा चुका है। वहीं 300 छात्र-छात्राओं को प्राचीन मूर्तियों और शिल्प बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभागः-

श्री अग्रवाल ने जानकारी दी कि राजिम कल्प कुंभ मेला विधेयक विधानसभा में पारित किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ की पांच शक्तिपीठ को जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को केंद्र से हरी झंडी मिल चुकी है साथ ही राजीव लोचन कॉरिडोर को भी केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है। बस्तर दशहरा में 25 लाख रुपए का आवंटन गिरौदपुरी मेला को 25 लाख, दामाखेड़ा मेला को 50 लाख और लालपुर, मुंगेली मेला हेतु 10 लाख का आवंटन स्वीकृत किया गया।
वहीं राज्य के 22 मंदिरों के मरम्मत एवं पुनःद्धार कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है।

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Jul 19 2024, 12:40

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा, कुप्रबंधन और उपेक्षा को ठहराया जिम्मेदार

#dibrugarh_express_accident_rahul_gandhi_target_govt_for_mismanagement

उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए रेल हादसे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में सहयोग की अपील की। साथ ही हादसे के लिए सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद ने रेल हादसे को सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा बताया।बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के आठ डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गये। इस घटना में 3 यात्रियों की मौत हो गयी तथा 30 अन्य घायल हो गये।

नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से कई यात्रियों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत एवं बचाव कार्यों में हर संभव सहायता प्रदान करें।

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं और सरकार के कुप्रबंधन और उपेक्षा का परिणाम है। राहुल गांधी ने कहा, लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और ये सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा हैं। कुछ दिन पहले लोको पायलटों से हुई चर्चा और हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से भी यह बात स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा, सरकार को तत्काल इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यात्रियों की सुरक्षा तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनी रणनीति देश को बतानी चाहिए।

बता दें कि यूपी के गोंडा में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह हादसा बुधवार दोपहर करीब 2.35 बजे हुआ। हादसे में तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब 30 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उत्तर प्रदेश के गोंडा और झिलाही के बीच स्थित पिकौरा में हुई। गोंडा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। दुर्घटना के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और तुरंत राहत उपायों में तेजी लाने का निर्देश दिया था। यूपी के सीएम ने जिला प्रशासन को घायलों का उचित इलाज करने का आदेश दिया है।

Streetbuzznews

Jul 16 2024, 11:39

Makes360 - a digital consulting company in India, concludes its summer training 2k24

 

Our summer training program is a cornerstone of our commitment to developing the next generation of digital marketing leaders - Anish Kumar, CEO, Makes360”Makes360, a leading IT company headquartered in Mohali, Punjab specializing in digital marketing solutions, wrapped up its summer training on 12 July 2024. The training was initiated on 13 June 2024 and focused on the Advanced Digital Training & Business Leadership Mentorship Program. 

This training was conducted in association with Atal Community Innovation Centre (ACIC) RISE Association, supported by AIM, NITI Aayog (Govt. of India) and Chandigarh Group of College, Landran. It was managed successfully by Makes360’s team. 100+ students became a part of the training that went on for one month. The curriculum included 6 specialized headships delivered by the CEO and co-founder of Makes360, Anish Kumar. 

The students who demonstrated remarkable skills and achievements were felicitated with trophies and certificates by honorable deputies of Chandigarh Group of Colleges and ACIC RISE. Dr. P. N. Hrisheekesha (Campus Director, CGC), Dr. Ruchi Singla (Director Research, ACIC RISE), Dr. Rajdeep Singh (Executive Director, CEC), Dr. Amandeep Kaur (HOD, IT), Dr. Palki Sahib Kaur (Executive Director, CCT) was present as a guest on the event.

The awarded students Tamanna Aggarwal (B.tech, AI-ML, CEC - Best Coordinator), Ankita (B.tech, CSE, COE - Best Achiever), Shikha (B.tech, CSE, CEC - 100% Attendance), Ayush Singh (B.tech, AI-ML, CEC - Best Achiever), Beerpal Singh (UIS Dept. of Mathematics, Chandigarh University - Best Achiever), Aryan Raj (B.tech, CSE, CEC - Best Achiever), Vivek Negi (B.tech, CSE, CEC - Best Achiever), and Shridhar Kumar (B.tech, IT, CEC - Best Coordinator) showed dedication to learning and exceptional performance during the training.

Being the founder and CEO of a Digital Service Providing Company, Makes360, Anish Kumar impressed everyone with his captivating keynote speech. Subsequently, the leadership of the training program together with commitment to encouraging digital innovation has been mainly from him. 

"This past month has been quite productive for all of our students and we want to thank you for your hard work and diligence. This is an exceptional program that has proved the impact of digital education on transforming lives and businesses. We are cheerful to see superb performances by our students, I’m also thankful to ACIC Rise and CGC Landran for trusting in our company" said Anish Kumar, CEO and co-founder of Makes360.

Makes360 is an IT company that provides business consulting, information technology, and outsourcing services to B2B and B2C clients across 54+ industries across the globe. Established in 2018, the company focuses on helping clients enhance their online presence and achieve their marketing goals.

Website :- https://www.makes360.com/services/

India

Jul 15 2024, 19:59

गुजारा भत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में मुस्लिम संगठन, क्या राजीव गांधी की तरह झुकेगी मोदी सरकार
#will_muslim_organizations_be_able_to_bow_down_modi_govt_on_alimony_to_muslim-womens
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जुलाई) को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि एक मुस्लिम महिला सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। अदालत ने कहा कि सीआरपीसी का ये प्रावधान सभी शादीशुदा महिलाओं पर लागू होता है, फिर वे किसी भी धर्म को मानती हों। अदालत ने ये भी साफ कर दिया कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 को धर्मनिरपेक्ष कानून पर तरजीह नहीं मिलेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में बने एक बेहद विवादित कानून को बड़ा झटका दिया है।

*शाह बानो केस को पलटने राजीव सरकार ने लाया था कानून*
दरअसल, राजीव गांधी सरकार ने शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के इसी तरह के आदेश को पलटने के लिए नया कानून बना दिया था। शाह बानो नाम की मुस्लिम महिला को जब सुप्रीम कोर्ट ने पति से गुजारा भत्ता लेने का हकदार बताया था तब 1985 में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत गुजारा भत्ते के हकदार माने जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़क से सदन तक जबरदस्त लड़ाई लड़ी थी। मुस्लिम समुदाय के आक्रोश के आगे झुककर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद से मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 1986 कानून पारित करवा दिया था। इस अधिनियम ने तलाक के बाद केवल 90 दिनों तक मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं को अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने के अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया।

*सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम संगठनों में उत्तेजना*
इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने बोर्ड और मुस्लिम संगठनों को फिर उत्तेजित कर दिया है। ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 सभी धर्म की महिलाओं पर लागू होता है यानी यह एक धर्मनिरपेक्ष प्रावधान है। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कह दिया है कि यह फैसला हर धर्म की महिलाओं पर लागू होगा और मुस्लिम महिलाएं भी इसका सहारा ले सकती हैं। इसके लिए उन्हें सीआरपीसी की धारा 125 के तहत कोर्ट में याचिका दाखिल करने का अधिकार है।

*38 साल पहले वाला वाकया दोहराने की कोशिश*
पहली नजर में सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला एक तलाकशुदा जोड़े अब्दुल समद और उसकी पत्नी के बीच की कानूनी लड़ाई के निपटारे तक सीमित है, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम संगठनों का नजरिया इसे लेकर जुदा है। वे इसे मुस्लिम पर्सनल लॉ में सीधा हस्तक्षेप मानते हैं और इस फैसले के दूरगामी प्रभावों को लेकर फिक्रमंद हैं। स्वाभाविक है कि वे चाहेंगे कि यह पलटा जाए। ठीक वैसे ही जैसे करीब 38 साल पहले शाह बानो मामले में हुआ था।

*विरोध का कानूनी रास्ता तलाश रहे मुस्लिम संगठन*
अब फैसले से असंतुष्ट होने के बाद भी बोर्ड सधे कदमों के साथ आगे बढ़ रहा है और कानूनी रास्तों पर जोर दे रहा है।जिस तरह से देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की मांग तेज हुई है, उसने भी मुस्लिम संगठनों की चिंता बढ़ा दी है। उन्हें लगता है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के पूरे किले के ही ढह जाने का खतरा पैदा हो गया है। तीन तलाक जैसे मामलों में मोदी सरकार के रुख को देखते हुए मुस्लिम संगठन सार्वजनिक तौर पर विरोध के बजाय अंदरखाने रणनीति बनाने में जुटे हैं।
दबाव की राजनीति की जगह आंतरिक बैठकों में विरोध का कानूनी रास्ता तलाशा जा रहा है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं डाली जा सकती हैं। कांग्रेस, सपा व द्रमुक जैसे विपक्षी दलों को भी साथ आने का आह्वान किया जा सकता है, जिससे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है।

India

Jul 26 2024, 12:09

कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब, जानें क्या बताई वजह

#kanwaryatranameplatedisputeupgovtfiledreplyinsupremecourt 

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नामपट्टिका लगाने के अपने आदेश का बचाव किया है। सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए यूपी सरकार ने कहा, यह आदेश इसीलिए लागू किया गया था जिससे गलती से भी कांवड़िए किसी दुकान से कुछ ऐसा न खा लें जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो।

उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों में मालिक के नाम की नेम प्लेट लगाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। यह मामला मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ था जिसके बाद योगी सरकार के आदेश देने के बाद यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया था। इस आदेश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 22 जुलाई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से शुक्रवार (26 जुलाई) तक जवाब मांगा था और राज्यों के जवाब देने तक इस आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद इस मामले में अगली सुनवाई आज 26 जुलाई को होगी।

आदेश का उद्देश्य पारदर्शिता कायम करना

इससे पहले यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसके दिशा-निर्देश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन और पारदर्शिता कायम करने के लिए उद्देश्य से दिए गए थे। निर्देश के पीछे का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम करना और यात्रा के दौरान उपभोक्ताओं/कांवड़ियों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था। ये निर्देश कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर दिए गए ताकि वे गलती से कुछ ऐसा न खाएं, जो उनकी आस्थाओं के खिलाफ हो। 

+संभावित भ्रम से बचने का उपाय

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं। हलफनामे में कहा गया है, मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने किया याचिकाओं का विरोध

उत्तर प्रदेश सरकार ने नेमप्लेट विवाद में दाखिल याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है कि, हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने के नाते, प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करता है, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो। राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा कदम उठाता है कि सभी धर्मों के त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाएं।

bharathnews

Jul 25 2024, 10:12

BIG NEWS J&K LG Manoj Sinha dismissed 4 Government employees for links with terr0rists.

They are -Imtiyaz Ahmad Lone (Police Constable) -

He was involved in the commission of supplying, transporting and facilitating the delivery of arms and ammunition for executing terr0r acts.

2) Bazil Ahmad Mir - School Education Dept

3) Mushtaq Ahmad Pir - Police Constable

4) Mohd Zaid Shah - Rural Development Dept

Govt said it adopts zero-tolerance policy towards anti-national elements who have been taking advantage of being in Govt service.

India

Jul 24 2024, 19:56

भारत ने चाबहार के लिए खोला खजाना, बजट में 100 करोड़ रुपए आवंटित

# indian_govt_releases_rs_100_crore_for_iran_chabahar_port

ईरान और भारत ने मई में ही चाबहार पोर्ट को लेकर बड़ी डील की थी। इस डील के मुताबिक भारत को चाबहार पोर्ट का 10 साल चलाने तक संचालन करना है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के कार्यकाल में जब यह डील हुई तो कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने धमकी दी थी।डील के तुरंत बाद ही अमेरिका ने प्रतिबंधों की धमकी का ऐलान किया था। अमेरिका ने कहा था कि ईरान के साथ कुछ सौदों पर विचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधों के जोखिम के बारे में पता होना चाहिए। हालांकि भारत सरकार ने इस दरकिनार कर दिया था। अब मंगलवार को आए आम बजट में भी इसको लेकर कुछ ऐलान किए गए। सरकार ने बजट में चाबहार पोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

चाबहार पोर्ट भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। भारत ने लैंडलॉक्ड अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह समझौता किया। इसके जरिए चीन को दरकिनार किया जाएगा। साथ ही पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को भी इग्नोर कर अफगानिस्तान पर भी प्रभाव डाला जाएगा। ऐसे में चाबहार पोर्ट भारत के लिए काफी अहम है। यही वजह है कि चाबहार बंदरगाह के लिए लगातार चौथे वर्ष भारत ने 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। यह दिखाता है कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत इस प्रोजेक्ट में ईरान के साथ है। 

एक बड़ी बाधा ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंध हैं। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ईरान को ब्लैकलिस्ट करना और इलेक्ट्रॉनिक अंतरराष्ट्रीय भुगतान की स्विफ्ट प्रणाली तक ईरान की पहुंच की कमी होना शामिल है। ईरान डॉलर में लेन-देन नहीं कर सकता है। लेकिन सिर्फ यहीं समस्याएं नहीं हैं। बल्कि लॉजिस्टिक से जुड़ी बाधाएं भी हैं। ईरान ने दो रेलवे लाइनों को पूरा करने में देरी की है।

13 मई को भारत और ईरान के बीच एक डील हुई थी। इसके तहत भारत ने ईरान के चाबहार में शाहिद बेहेशती पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लिया था। अब पोर्ट का पूरा मैनेजमेंट भारत के पास होगा। भारत और ईरान दो दशक से चाबहार पर काम कर रहे हैं। भारत दुनियाभर में अपने व्यापार को बढ़ाना चाहता है। चाबहार पोर्ट इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। भारत इस पोर्ट की मदद से ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार कर सकता है। ईरान और भारत ने 2018 में चाबहार पोर्ट तैयार करने का समझौता किया था।

चाबहार को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट की तुलना में भारत के रणनीतिक पोर्ट के तौर पर देखा जा रहा है। यह बंदरगाह के विकास के बाद से अफगानिस्तान माल भेजने का यह सबसे अच्छा रास्ता है। भारत अफगानिस्तान को गेंहू भी इस रास्ते से भेज रहा है। अफगानिस्तान के अलावा यह पोर्ट भारत के लिए मध्य एशियाई देशों के भी रास्ते खोलेगा। इन देशों से गैस और तेल भी इस पोर्ट के जरिए लाया जा सकता है।

India

Jul 24 2024, 14:39

मालदीव को भारत ने बजट में दिया बड़ा झटका, पैकेज में 370 करोड़ कम किए

#indian_govt_reduced_budget_allocation_for_maldives

मोदी 3.0 सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया। इसमें विदेश मंत्रालय को 22 हजार 154 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह 2023-24 के बजट से करीब 24% यानी कम है। पिछले साल विदेश मंत्रालय को 29 हजार 121 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसमें 6,967 हजार करोड़ की कटौती की गई है।इस बार के बजट में सरकार ने मालदीव को झटका द‍िया है। मालदीव को आवंट‍ित की जाने वाली राश‍ि में कटौती की गई है।

विदेश मंत्रालय के बजट में 'नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी' और 'सागर मिशन' के तहत भारत के पड़ोसी और मित्र देशों को आर्थिक मदद के लिए राशि आवंटित की गई है। इनमें भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव समेत 10 देश शामिल हैं। इसके अलावा कई अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और यूरोएशियाई देशों के लिए भी एड का प्रावधान है। केंद्र सरकार इस वित्तीय वर्ष सबसे अधिक भूटान के विकास पर खर्च करेगा। भूटान के लिए 2 हजार 68 करोड़ का पैकेज रखा गया है। हालांकि, यह पिछले साल से करीब 400 करोड़ कम है। 

मालदीव को मिलने वाले बजट पर केंद्र सरकार ने कैंची चलाई है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।मालदीव को आंवटित की जाने वाली राशि में कटौती ऐसे समय में की गई है जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मोहम्मद मुइज्जू के द्विपीय देश का राष्ट्रपति बनने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आया गया है।

इस साल के बजट में मालदीव के ल‍िए 400 करोड़ रुपये का आवंटन क‍िया गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए यह राश‍ि 770.90 करोड़ थी, ज‍िसे 370 करोड़ रुपये घटा द‍िया गया है।बजट में सबसे ज्यादा कटौती चीन समर्थक मालदीव के पैकेज में की गई है। 2023 में मालदीव के लिए आर्थिक मदद को 183 करोड़ से बढ़ाकर 770 करोड़ किया गया था। वहीं इस साल इसे 400 करोड़ कर दिया गया है। 

दरअसल, पिछले साल नवंबर में मालदीव में 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाने वाले मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद से दोनों देशों में तनाव है।सरकार बनाते ही मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालने की घोषणा की थी। इस साल मई में सभी 88 सैनिक भारत लौट आए। इसके अलावा 4 जनवरी को PM मोदी के लक्षदीप दौरे के बाद मालदीव के मंत्रियों ने मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत सर्विस के मामले में मालदीव का मुकाबला नहीं कर सकता। इस विवाद के बाद भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट आई। दोनों देशों में तनाव के बीच राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट भी खत्म कर दिया था।

India

Jul 24 2024, 14:03

बजट पर राज्यसभा में खूब गरजे खरगे, बोले- बस दो राज्यों की थाली में पकौड़ा और जलेबी

#congressleaderkhargetargetedmodigovtregarding_budget

संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। कल यानी बीते मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। आज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा होनी है। आज संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। 

इससे पहले उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट पर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। बजट का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी।’’

खरगे ने कहा कि न तमिलनाडु को कुछ मिला, न केरल, न कर्नाटक, न महाराष्ट्र, न पंजाब, न हरियाणा, न छत्तीसगढ़... दिल्ली और ओडिशा को भी कुछ नहीं दिया। ये सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए, किसी को खुश करने के लिए हुआ है। हम इसकी निंदा करते हैं। उनका इशारा एनडीए सरकार में शामिल घटक दल जेडीयू और टीडीपी की तरफ था।

जिस जगह ने नकार, उसे कुछ नहीं मिला-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा कि वह कर्नाटक से (राज्यसभा में) आई हैं। मेरी तो अपेक्षा यही थी कि सबसे ज्यादा मुझे ही मिलेगा लेकिन हमको तो कुछ नहीं मिला। हम इसके खिलाफ प्रोटेस्ट करेंगे। कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक करेंगे। खरगे ने आगे कहा कि जिस-जिस जगह विपक्षी पार्टी चुनकर आ गई, जिस जगह आपको नकार दिया गया उस जगह कुछ नहीं मिला। अगर आप ऐसा करते गए, अगर बैलेंस नहीं होगा तो गवर्नेंस कैसे होगा।

खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री ने दिया जवाब

वहीं, खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। उन्होंने कहा,"हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है?

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।"

India

Jul 22 2024, 13:59

कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी-उत्तराखंड सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक
#supreme_court_interim_stay_on_yogi_adityanath_govt_name_plate_order
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रूट पर नेमप्लेट लगाने के आदेश को लेकर पूरे देश में बहस जारी है। इस बीच इस मामले में मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है और शुक्रवार तक जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने नेमप्लेट लिखने के निर्देश पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा से जुड़े एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। यूपी सरकार के आदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने को कहा गया है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को अपना नाम बताने की जरूरत नहीं है। वे सिर्फ यह बताएं कि उनके पास कौन-से और किस प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। कांवड़ियों को वेज खाना मिले और साफ सफाई रहे। खाना शाकाहारी है या मांसाहारी ये बताना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही यूपी, उत्तराखंड और एमपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक पुलिस के निर्देशों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक किसी को जबरन नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपने दलीलों कहा कि यह एक चिंताजनक स्थिति है। पुलिस अधिकारी विभाजन पैदा कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के वकील सी यू सिंह ने दलील दी कि शासन का आदेश समाज को बांटने जैसा है। यह एक तरह से अल्पसंख्यक दुकानदारों को पहचानकर उनके आर्थिक बहिष्कार जैसा है।इनमें यूपी और उत्तराखंड ऐसा कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- यह एक प्रेस वक्तव्य था या एक आदेश? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पहले एक प्रेस बयान आया था। फिर सार्वजनिक आक्रोश हुआ। राज्य सरकार कहती है “स्वेच्छा से”, लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। इसका कोई वैधानिक समर्थन नहीं है। कोई भी कानून पुलिस कमिश्नर को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता।

cgstreetbuzz

Jul 20 2024, 18:06

बृजमोहन अग्रवाल ने रखा अपनी उपलब्धियों का ब्यौरा, तेज होगी रायपुर के विकास की गति

रायपुर-  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को एक पत्रकारों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री पद के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का लेखाजोखा पेश किया। साथ ही बतौर सांसद अपनी भविष्य की कार्ययोजनाओं की जानकारी दी।

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत रायपुर लोकसभा क्षेत्र में 11 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसमे से रायपुर जिले में 8 लाख और बलौदाबाजार जिले में 3 लाख पौधे लगाए जायेंगे। शासकीय सीएसआर, जनभागीदारी से यह पौधारोपण किया जा रहा है। अभियान की शुरुवात भाटापारा, बलौदाबाजार, अभनपुर एवं आरंग में शासकीय स्कूलों और कार्यालयों परिसर में में पौधे लगाकर की गई है। उन्होंने कहा कि एक नया छत्तीसगढ़ बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

भाजपा सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर छत्तीसगढ़ को देश में अग्रिणी राज्य बनाया : बृजमोहन अग्रवाल

भाजपा सरकार बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन हुआ है। कांग्रेस सरकार ने राज्य में नई शिक्षा नीति लागू नहीं की थी लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद हमने इस दिशा में काम किया और उच्च शिक्षा के साथ-साथ स्कूल शिक्षा में भी नई शिक्षा नीति को लागू किया। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं तथा 12वीं की मुख्य परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने के निर्णय लिया गया। जनवरी 2024 से अभी तक 2 हजार शिक्षकों की सीधी भर्ती की गई। 52 पीएम श्री स्कूलों की स्वीकृति। सभी आत्मानंद उ.मा.वि. 190 प्राथमिक शालाओं को पी.एम.श्री. स्कूल में शामिल किया गया। 1000 नए बालबाडी केन्द्र प्रारंभ। 16 बोलियों एवं 4 अंर्तराज्यीय भाषा में पाठ्यपुस्तक तैयार की गई। विद्यालयों में न्योता भोजन का आयोजन।

श्री अग्रवाल ने बताया कि, शिक्षा विभाग द्वारा नवाचार पहल करते हुए पहली बार शासकीय स्कूलों में समर कैम्प का आयोजन किया गया। स्कूल प्रशासन में पारदार्शिता लाने विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना। अधिकारियों/कर्मचारियों का एकीकृत एच.आर. एम. आई. एस. पोर्टल जिससे अवकाश पेंशन, एवं सेवानिवृत्त के प्रकरणों का तत्काल निराकरण। 53 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक। 30 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्क गणवेश। 1 लाख 60 हजार छात्राओं को निःशुल्क साइकिल, 30 लाख से अधिक बच्चों को पीएम पोषण शक्ति योजना के तहत गर्म भोजन तथा सरकारी स्कूलों में 3000 स्मार्ट क्लास रूम बनाया और 1700 आई.सी.टी. लैब। सभी वर्गों की पदोन्नति की प्रकिया प्रारंभ।

उच्च शिक्षा

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया की उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रदेश में लागू की गई जिसमें सेमेस्टर सिस्टम के तहत अध्यापन शुरू किया गया। 19 विषयों में राज्य पात्रता परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय 15 अन्य विषय भी शामिल करने यूजीसी की अनुमति। मिली जिसका आयोजन 21 जुलाई को होगा। राज्य में जनभागीदारी समिति को सुदृढ बनाया गया है एवं अनुशंसित कार्यों के लिए पूर्णतः अधिकृत किया गया।

मृत शासकीय सेवकों के आश्रित लोगों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। सभी स्तर के पदोन्नति पर तत्काल निर्णय लिया गया है। प्राचार्य के पदोन्नति पीएससी अनुमोदित हो चुकी है। एवं 125 कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई। 8 नवीन कन्या महाविद्यालय के भवन के लिए 800 लाख रुपए स्वीकृत तथा 12 शासकीय महाविद्यालयों भवनों के लिए 1200 लाख स्वीकृत। रूसा से दो चरणों के लिए 411 करोड़ रुपए की स्वीकृति। पीएम उषा नवीन योजना के तहत् विश्वविद्यालय हेतु 895 करोड़ का प्रस्ताव। मेरू योजना के तहत् बस्तर विश्वविद्यालय को 100 करोड़, रविशंकर शुक्ल विश्वविद्याल -20 करोड़, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय 20 करोड़ रुपए स्वीकृत। प्रदेश के 28 शासकीय महाविद्यालय में 2123 सीटों की वृद्धि। अशासकीय महाविद्यालयों में 3105 सीटों की वृद्धि। 880 चतुर्थ श्रेणी एवं 260 तृतीय श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए व्यापम को प्रस्ताव भेजा गया। 16 महाविद्यालयों के लिए 5-5 करोड की राशि स्वीकृत किए जा चुके हैं।

पर्यटन के क्षेत्र में हमारे प्रयासों को केंद्र से हरी झंडी मिली, छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के तौर पर स्थापित करने का प्रयास: बृजमोहन अग्रवाल

बृजमोहन अग्रवाल ने पर्यटन मंत्री कार्यकाल के दौरान विभाग में किए गए कार्यों का लेखाजोखा दिया। उन्होंने बताया कि, प्रभु श्री रामलला (अयोध्या धाम) दर्शन यात्रा के तहत अभी तक 5100 श्रद्धालु यात्रियों ने निःशुल्क यात्रा कर अयोध्या और बनारस में दर्शन कर चुके हैं।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना की सब स्कीम "चैलेन्ज बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट" के अंतर्गत 'मयाली-बगीचा" जिला जशपुर की परियोजना के लिये रू. 10.00 करोड़ की स्वीकृति दिलाई गई। "प्रसाद योजना" के अंतर्गत "माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ का विकास" परियोजना (पूर्व में स्वीकृत लागत रू. 43.33 करोड़) के लिये रू. 5.10 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है। परियोजना में विगत 06 माह में रू. 6.63 करोड़ के कार्य संपादित कराये गये हैं। योजना का कार्य अंतिम चरणों में है। इसके अलावा कुदरगढ़ जिला सूरजपुर के विकास हेतु 66.14 करोड रुपए का प्रस्ताव भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय को प्रेषित किया गया। नगर पंचायत कुरूद, जिला-धमतरी में एम्पीथियेटर निर्माण कार्य हेतु राशि रू 01.00 करोड़ की स्वीकृति कलेक्टर, जिला-धमतरी को प्रदान की गई है एवं राशि रु. 50.00 लाख जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में विगत 06 माह में 1,64,17,854 घरेलू पर्यटक एवं 1281 विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ है।

राज्य में पर्यटक डाटा आंकडे एकत्रित करने हेतु पर्यटन सर्वेक्षण की योजना प्रक्रियाधीन है। इस कार्य हेतु छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा All India Institute of Local Self Govt. (AIILSG) का चयन किया गया है।

टूरिज्म बोर्ड के द्वारा राज्य में 18 इकाईयों का संचालन किया जा रहा है। जिससे विगत 06 माह में कुल राशि रू. लगभग 04 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के द्वारा लीज पर सौंपी गई 15 ईकाईयों में से 09 ईकाईयों से विगत 06 माह में कुल राशि रू. 88 लाख राजस्व प्राप्त हुयी है। छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 को संशोधित कर नवीन पर्यटन नीति तैयार करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई। पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।

उन्होंने बताया की 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में आयोजित "श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में रामोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें कौशल्या माता धाम, चंदखुरी, जिला-रायपुर में भव्य आयोजन किया गया। 05 साल बाद फिर राजिम कुंभ (कल्प) 2024 का सफलतापूर्वक वृहद आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ ने 19-20 फरवरी 2024 को मुम्बई में आयोजित दादा साहेब फाल्के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2024 में सहभागिता की।

7th Hospitality India Travel Awards 2024 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म को "Best Emerging Wedding and MICE Tourism Destination" अवार्ड प्रदाय किया गया।

संस्कृति विभाग

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया की 14 जनवरी, 24 को बसंत पंचमी के अवसर पर पुरखौती मुक्तांगन में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी उपस्थिति रहे।

• 20 जनवरी, 2024 को श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव 2024 के अवसर पर पुलिस परेड ग्राउंड रायपुर में लाईट एण्ड साउण्ड शो" एवं "गाथा श्रीराम की कार्यक्रम का आयोजन। अयोध्या में आयोजित श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा-रामोत्सव 2024 के कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी 33 जिलों में करीब 1.14 करोड़ रुपए राशि आवंटित की गई।

उन्होंने बताया कि, घोषणा पत्र के अनुसार 100 दिन के अंतर्गत चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत रामायण मानस मंडलियों को प्रोत्साहन राशि करीब 3.10 करोड़ रुपए सभी जिला कलेक्टर के द्वारा उपलब्ध कराई गई। लोक कलाकारों को कुल 484 मंचीय प्रस्तुति हेतु अवसर प्रदान किया गया। जिसके लिए कुल मानदेय करीब 7.25 करोड़ का भुगतान किया गया। कलाकार कल्याण कोष योजना अंतर्गत 12 अर्थाभावग्रस्त साहित्यकारों/कलाकारों को राशि रु. 3.00 लाख मात्र प्रदान किया गया। प्रदेश में मेला महोत्सव एवं सांस्कृतिक आयोजन हेतु जिला कलेक्टरों को 5 करोड़ 52 लाख प्रदान दिया गया है।

पुरातत्वः-

बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, रीवा आरंग, जमराव पाटन, उत्खनन कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। रीवा में 2500 वर्ष और जमराव में 2000 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष प्राप्त। तीन राज्य संरक्षित स्मारकों का रसयानिक संरक्षण कार्य भी शुरू किया जा चुका है। वहीं 300 छात्र-छात्राओं को प्राचीन मूर्तियों और शिल्प बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभागः-

श्री अग्रवाल ने जानकारी दी कि राजिम कल्प कुंभ मेला विधेयक विधानसभा में पारित किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ की पांच शक्तिपीठ को जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को केंद्र से हरी झंडी मिल चुकी है साथ ही राजीव लोचन कॉरिडोर को भी केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है। बस्तर दशहरा में 25 लाख रुपए का आवंटन गिरौदपुरी मेला को 25 लाख, दामाखेड़ा मेला को 50 लाख और लालपुर, मुंगेली मेला हेतु 10 लाख का आवंटन स्वीकृत किया गया।
वहीं राज्य के 22 मंदिरों के मरम्मत एवं पुनःद्धार कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है।

India

Jul 19 2024, 12:40

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा, कुप्रबंधन और उपेक्षा को ठहराया जिम्मेदार

#dibrugarh_express_accident_rahul_gandhi_target_govt_for_mismanagement

उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए रेल हादसे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में सहयोग की अपील की। साथ ही हादसे के लिए सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद ने रेल हादसे को सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा बताया।बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के आठ डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गये। इस घटना में 3 यात्रियों की मौत हो गयी तथा 30 अन्य घायल हो गये।

नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से कई यात्रियों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत एवं बचाव कार्यों में हर संभव सहायता प्रदान करें।

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं और सरकार के कुप्रबंधन और उपेक्षा का परिणाम है। राहुल गांधी ने कहा, लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और ये सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा हैं। कुछ दिन पहले लोको पायलटों से हुई चर्चा और हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से भी यह बात स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा, सरकार को तत्काल इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यात्रियों की सुरक्षा तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनी रणनीति देश को बतानी चाहिए।

बता दें कि यूपी के गोंडा में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह हादसा बुधवार दोपहर करीब 2.35 बजे हुआ। हादसे में तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब 30 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उत्तर प्रदेश के गोंडा और झिलाही के बीच स्थित पिकौरा में हुई। गोंडा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। दुर्घटना के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और तुरंत राहत उपायों में तेजी लाने का निर्देश दिया था। यूपी के सीएम ने जिला प्रशासन को घायलों का उचित इलाज करने का आदेश दिया है।

Streetbuzznews

Jul 16 2024, 11:39

Makes360 - a digital consulting company in India, concludes its summer training 2k24

 

Our summer training program is a cornerstone of our commitment to developing the next generation of digital marketing leaders - Anish Kumar, CEO, Makes360”Makes360, a leading IT company headquartered in Mohali, Punjab specializing in digital marketing solutions, wrapped up its summer training on 12 July 2024. The training was initiated on 13 June 2024 and focused on the Advanced Digital Training & Business Leadership Mentorship Program. 

This training was conducted in association with Atal Community Innovation Centre (ACIC) RISE Association, supported by AIM, NITI Aayog (Govt. of India) and Chandigarh Group of College, Landran. It was managed successfully by Makes360’s team. 100+ students became a part of the training that went on for one month. The curriculum included 6 specialized headships delivered by the CEO and co-founder of Makes360, Anish Kumar. 

The students who demonstrated remarkable skills and achievements were felicitated with trophies and certificates by honorable deputies of Chandigarh Group of Colleges and ACIC RISE. Dr. P. N. Hrisheekesha (Campus Director, CGC), Dr. Ruchi Singla (Director Research, ACIC RISE), Dr. Rajdeep Singh (Executive Director, CEC), Dr. Amandeep Kaur (HOD, IT), Dr. Palki Sahib Kaur (Executive Director, CCT) was present as a guest on the event.

The awarded students Tamanna Aggarwal (B.tech, AI-ML, CEC - Best Coordinator), Ankita (B.tech, CSE, COE - Best Achiever), Shikha (B.tech, CSE, CEC - 100% Attendance), Ayush Singh (B.tech, AI-ML, CEC - Best Achiever), Beerpal Singh (UIS Dept. of Mathematics, Chandigarh University - Best Achiever), Aryan Raj (B.tech, CSE, CEC - Best Achiever), Vivek Negi (B.tech, CSE, CEC - Best Achiever), and Shridhar Kumar (B.tech, IT, CEC - Best Coordinator) showed dedication to learning and exceptional performance during the training.

Being the founder and CEO of a Digital Service Providing Company, Makes360, Anish Kumar impressed everyone with his captivating keynote speech. Subsequently, the leadership of the training program together with commitment to encouraging digital innovation has been mainly from him. 

"This past month has been quite productive for all of our students and we want to thank you for your hard work and diligence. This is an exceptional program that has proved the impact of digital education on transforming lives and businesses. We are cheerful to see superb performances by our students, I’m also thankful to ACIC Rise and CGC Landran for trusting in our company" said Anish Kumar, CEO and co-founder of Makes360.

Makes360 is an IT company that provides business consulting, information technology, and outsourcing services to B2B and B2C clients across 54+ industries across the globe. Established in 2018, the company focuses on helping clients enhance their online presence and achieve their marketing goals.

Website :- https://www.makes360.com/services/

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Jul 15 2024, 19:59

गुजारा भत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में मुस्लिम संगठन, क्या राजीव गांधी की तरह झुकेगी मोदी सरकार
#will_muslim_organizations_be_able_to_bow_down_modi_govt_on_alimony_to_muslim-womens
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जुलाई) को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि एक मुस्लिम महिला सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। अदालत ने कहा कि सीआरपीसी का ये प्रावधान सभी शादीशुदा महिलाओं पर लागू होता है, फिर वे किसी भी धर्म को मानती हों। अदालत ने ये भी साफ कर दिया कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 को धर्मनिरपेक्ष कानून पर तरजीह नहीं मिलेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में बने एक बेहद विवादित कानून को बड़ा झटका दिया है।

*शाह बानो केस को पलटने राजीव सरकार ने लाया था कानून*
दरअसल, राजीव गांधी सरकार ने शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के इसी तरह के आदेश को पलटने के लिए नया कानून बना दिया था। शाह बानो नाम की मुस्लिम महिला को जब सुप्रीम कोर्ट ने पति से गुजारा भत्ता लेने का हकदार बताया था तब 1985 में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत गुजारा भत्ते के हकदार माने जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़क से सदन तक जबरदस्त लड़ाई लड़ी थी। मुस्लिम समुदाय के आक्रोश के आगे झुककर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद से मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 1986 कानून पारित करवा दिया था। इस अधिनियम ने तलाक के बाद केवल 90 दिनों तक मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं को अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने के अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया।

*सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम संगठनों में उत्तेजना*
इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने बोर्ड और मुस्लिम संगठनों को फिर उत्तेजित कर दिया है। ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 सभी धर्म की महिलाओं पर लागू होता है यानी यह एक धर्मनिरपेक्ष प्रावधान है। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कह दिया है कि यह फैसला हर धर्म की महिलाओं पर लागू होगा और मुस्लिम महिलाएं भी इसका सहारा ले सकती हैं। इसके लिए उन्हें सीआरपीसी की धारा 125 के तहत कोर्ट में याचिका दाखिल करने का अधिकार है।

*38 साल पहले वाला वाकया दोहराने की कोशिश*
पहली नजर में सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला एक तलाकशुदा जोड़े अब्दुल समद और उसकी पत्नी के बीच की कानूनी लड़ाई के निपटारे तक सीमित है, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम संगठनों का नजरिया इसे लेकर जुदा है। वे इसे मुस्लिम पर्सनल लॉ में सीधा हस्तक्षेप मानते हैं और इस फैसले के दूरगामी प्रभावों को लेकर फिक्रमंद हैं। स्वाभाविक है कि वे चाहेंगे कि यह पलटा जाए। ठीक वैसे ही जैसे करीब 38 साल पहले शाह बानो मामले में हुआ था।

*विरोध का कानूनी रास्ता तलाश रहे मुस्लिम संगठन*
अब फैसले से असंतुष्ट होने के बाद भी बोर्ड सधे कदमों के साथ आगे बढ़ रहा है और कानूनी रास्तों पर जोर दे रहा है।जिस तरह से देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की मांग तेज हुई है, उसने भी मुस्लिम संगठनों की चिंता बढ़ा दी है। उन्हें लगता है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के पूरे किले के ही ढह जाने का खतरा पैदा हो गया है। तीन तलाक जैसे मामलों में मोदी सरकार के रुख को देखते हुए मुस्लिम संगठन सार्वजनिक तौर पर विरोध के बजाय अंदरखाने रणनीति बनाने में जुटे हैं।
दबाव की राजनीति की जगह आंतरिक बैठकों में विरोध का कानूनी रास्ता तलाशा जा रहा है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं डाली जा सकती हैं। कांग्रेस, सपा व द्रमुक जैसे विपक्षी दलों को भी साथ आने का आह्वान किया जा सकता है, जिससे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है।