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May 26 2023, 11:03

Uttar Pradesh Common Nursing Admission Test UPCNET 2023 : Admit Card Download

  • Exam Date : 04/06/2023

Participating Institute / University :

  • All Nursing Colleges Affiliated to ABVMU
  • SGPGIMS, Lucknow
  • KGMU, Lucknow
  • RMLIMS, Lucknow
  • UPUMS, Saifai
  • All Govt. & Private Universities / Deemed Universities of U.P

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Download Notification :

CNET BSc Nursing 4 Year | CNET Post BSc Nursing 2 Year | CNET MSc Nursing 2 Year

Official Website : ABVMUUP Official Website

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May 24 2023, 20:27

MP DElEd Admission 2023 : Apply Online

Important Dates :

  • Starting Date: 18-05-2023
  • Last Date: 29-05-2023

Admission Schedule :

Eligibility :

Board of Secondary Education, Bhopal M.P. Or equivalent board with higher secondary (+2) school certificate or equivalent examination with minimum 50 percent marks.

There will be 05 percent relaxation in the above mentioned eligibility for the candidates belonging to Scheduled Castes and Scheduled Tribes of Madhya Pradesh.

Age Limit : Min. Age 17 years as on 01 July 2023.

Application Fee :

  • 1st Round Registration Charge : Rs.50/-
  • 1st Round Choice Filling Charge : Rs.100/-

Important Instructions :

  • It is mandatory for the native of MP to have a certificate issued by the competent authority.
  • It is mandatory to have the certificate of the competent authority for caste and cadre.
  • Applicants must check their name, father's/ husband's name, mother's name, date of birth, permanent address, details of marks and total marks, mobile number and their photo after filling the online form.
  • Payment Related: The applicant / candidate may please ensure that the payment / payment made by him / her is correct and he / she has received the receipt of "paid" / success payment. If due to any reason online net banking / credit card / debit card payment / payment is not done, then please try again or go to any nearest kiosk and deposit the fee and get the receipt of “PAYED” / SUCCESS PAYMENT. In case of deduction of money from online net banking / credit card / debit card and non-payment, the deducted money of the candidates will be returned / refunded to their account.

Important Links :

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May 24 2023, 18:50

इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन के मूड में शहबाज सरकार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दी चेतावनी

#govtconsideringbanningimrankhans_pti

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है।सत्तारूढ़ पीडीएम सरकार उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को इसकी पुष्टि की कि सरकार पीटीआई पर पाबंदी लगाने पर विचार किया जा रहा है। 9 मई को पीटीआई चीफ इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए दंगों के बाद उनकी पार्टी पर बैन का खतरा मंडरा रहा है। 

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि देश में गहरा रहे राजनीतिक संकट के बीच सरकार इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि पीटीआई ने देश के आधार पर हमला किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि इमरान खान की पार्टी के लोगों, नेताओं और समर्थकों ने मिलकर पाकिस्‍तान की सेना, पुलिस और सरकारी इमारतों पर हमला किया। पूरे देश में आगजनी, तोड़फोड़ और दंगा किया, इसलिए अब सरकार ऐसी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। उन्‍होंने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश में अराजकता का माहौल बनाया गया और सेना तक पर हमला किया गया। इससे देश की प्रतिष्‍ठा धूमिल हुई है।

सेना को अपना दुश्‍मन मानते- ख्‍वाजा आसिफ

रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने कहा कि इमरान खान, लगातार देश की सेना को निशाने पर ले रहे हैं, उनके हर भाषण में सेना प्रमुख और सेना ही होते हैं। वो सेना को अपना दुश्‍मन मानते हैं। इमरान खान की पूरी राजनीति सेना से शुरू हुई थी और आज वही इमरान खान सेना का विरोध कर रहे हैं और उनके कार्यकर्ता, नेता और समर्थक सेना के मुख्‍यालय पर हमला कर रहे हैं। ऐसा काम शर्मनाक है। आसिफ ने कहा कि ये बातें इमरान खान की पार्टी छोड़ने वाले तमाम नेता कह रहे हैं।

पीटीआई चीफ का दावा है कि हिंसा सुनियोजित थी

बता दें कि इमरान खान ने भी 9 मई की हिंसा की आलोचना की है। इमरान हिंसा मामले में स्वतंत्र जांच की मांग कर चुके हैं। पीटीआई चीफ का दावा है कि हिंसा सुनियोजित थी। पीटीआई को खत्म करने की साजिश के आरोपों के साथ इमरान खान का कहना है कि जांच होगी तो असमाजिक तत्वों का खुलासा हो जाएगा।

क्या है मामलाल?

दरअसल, 9 मई, 2023 को भ्रष्टाचार एक मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का आरोप है कि खान और उनकी पत्नी ने एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए एक रियल एस्टेट कारोबारी से रिश्वत के रूप में लाखों डॉलर की जमीन हासिल की। उनकी गिरफ्तारी के बाद लाहौर, कराची और इस्लामाबाद सहित कई शहरों में बड़े पैमाने पर और हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता कोर कमांडर लाहौर आवास पर घुस गए

నిజంనిప్పులాంటిది

May 23 2023, 12:46

Cough syrup: దగ్గు మందు ఎగుమతులపై కేంద్రం కీలక నిర్ణయం

దిల్లీ: భారత్‌ (India)లోని కొన్ని కంపెనీలు తయారుచేసిన దగ్గు మందుల (Cough syrup) కారణంగా కొన్ని దేశాల్లో మరణాలు సంభవించడం ఇటీవల తీవ్ర ఆందోళనలకు దారితీసింది.

ఆ సిరప్‌లపై ప్రపంచ ఆరోగ్య సంస్థ (WHO) కూడా ఇటీవల హెచ్చరికలు చేసింది. ఈ నేపథ్యంలోనే దగ్గు మందు ఎగుమతులపై కేంద్రం కొత్త నిబంధనలు తీసుకొచ్చింది. దగ్గు సిరప్‌లకు ప్రభుత్వ ల్యాబ్‌ (Govt Labs)లలో అనుమతి తప్పనిసరి చేసింది. ఆ తర్వాతే ఎగుమతులు (Exports) చేసుకోవాలని స్పష్టం చేసింది. జూన్‌ 1 నుంచి ఈ నూతన నిబంధనలు అమల్లోకి రానున్నట్లు వెల్లడించింది..

''దగ్గు మందు (Cough syrup) ఎగుమతిదారులు తమ ఉత్పత్తులను ఏదైనా ప్రభుత్వ లాబొరేటరీలో పరీక్షించి ధ్రువీకరణ పత్రం తీసుకోవాలి. ఆ సర్టిఫికేట్‌ సమర్పిస్తేనే తమ దగ్గు మందులను ఎగుమతి చేసేందుకు అనుమతులు లభిస్తాయి.

జూన్‌ 1వ తేదీ నుంచి ఈ నిబంధన తప్పనిసరి'' అని డైరెక్టరేట్‌ జనరల్‌ ఆఫ్‌ ఫారిన్‌ ట్రేడ్‌ (DGFT) ఓ అధికారిక నోటిఫికేషన్‌లో వెల్లడించింది.

కేంద్ర ప్రభుత్వ పరిధిలోని ఇండియన్‌ ఫార్మాకోపియా కమిషన్‌, రీజినల్‌ డ్రగ్‌ టెస్టింగ్‌ ల్యాబ్‌ (RDTL - Chandigarh), సెంట్రల్‌ డ్రగ్స్‌ ల్యాబ్‌ (CDL - Kolkata), సెంట్రల్‌ డ్రగ్‌ టెస్టింగ్‌ ల్యాబ్‌ (CDTL - Chennai Hyderabad, Mumbai), ఆర్‌డీటీఎల్‌ (గువాహటి)తో పాటు రాష్ట్ర ప్రభుత్వ పరిధిలోని గుర్తింపు పొందిన ల్యాబ్‌ల్లో దగ్గు మందుకు తనిఖీలు చేయించుకోవాలని కేంద్రం ఎగుమతుదారులకు స్పష్టం చేసింది..

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May 22 2023, 19:37

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की आलोचना टीचर को पड़ी महंगी, हुए सस्पेंड

#karnataka_govt_teacher_suspended_for_criticizing_cm_siddaramaiah

कर्नाटक में सरकारी स्कूल के टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है। वजह बनी राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना करना।दरअसल, उस टीचर ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की राजकोषीय नीति की आलोचना की थी।उन्होंने सूबे के कुछ पूर्व सीएम का नाम लिखते हुए बताया था कि किसके कार्यकाल में कितना खर्च हुआ।के बाद शिक्षक के निलंबन की कार्रवाई की गई है।

चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्गा तालुक के शिक्षक शांतामूर्ति एमजी ने फेसबुक पर सूबे के कुछ पूर्व सीएम का नाम लिखते हुए बताया था कि किसके कार्यकाल में कितना खर्च हुआ। दावा किया गया कि सिद्दारमैया के समयकाल में 2,42,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।उनके पोस्ट में लिखा गया था, "पूर्व सीएम एसएम कृष्का के कार्यकाल में 3,590 करोड़, धर्म सिंह के समय 15,635 करोड़, एचडी कुमार स्वामी के वक्त 3,545 करोड़, बीएस येदियुरप्पा के समयकाल में 26,653 करोड़, डीवी सदानंद गौड़ के टाइम पर 9,464, जगदीश शेट्टर के समय पर 13,464 करोड़ और सिद्दारमैया के समय 2,42,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।

सरकारी टीचर ने खास तौर पर सरकार के फ्री वादों पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। जिसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर कर्जा बढ़ जाता है। टीचर ने पोस्ट में लिखा, 'इसलिए सिद्धारमैया के लिए मुफ्त उपहारों की घोषणा करना आसान है।जिसके बाद टीचर को सस्पेंड कर दिया गया।

खास बात ये है कि शिक्षक उसका सस्पेंशन लेटर उसी दिन भेजा गया जिस दिन सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यानी शनिवार को।चित्रदुर्ग में जन निर्देश के जिला उप निदेशक के रविशंकर रेड्डी ने कहा कि शिक्षक के निलंबन का आदेश दिया गया है। क्योंकि उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम - 1966 का उल्लंघन किया है। साथ ही कहा कि शांतामूर्ति की विभागीय जांच भी कराई जाएगी।

कांग्रेस की चुनाव में जीत के बाद से ही लगातार यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि उनकी ओर से जिस तरह के मुफ्त चीजें देने के वायदे किए गए हैं उसके लिए राज्य की नई सरकार पैसे कहां से लाएगी?

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May 18 2023, 15:25

किरण रिजिजू से क्यों छिना गया कानून मंत्रालय, क्या जूडिशरी से टकराव बनी वजह ?

#kiren_rijiju_why_law_minister_changed_by_modi_govt

किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय वापस लिया गया है। किरण रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। रिजिजू को भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया। जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह पर रिजिजू को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अचानक किरेन रिजिजू के हाथों से कानून मंत्रालय क्यों छिन लिया गया? सवाल उठने लगे कि क्या सुप्रीम कोर्ट से उलझने के कारण कानून मंत्री हटाए गए?

करीब दो साल पहले रविशंकर प्रसाद को हटाकर किरेन रिजिजू को कानून मंत्री की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। आज सुबह अचानक राष्ट्रपति भवन से मोदी सरकार में बड़े फेरबदल का आदेश आया। रिजिजू को हटाकर राजस्थान के बड़े दलित नेता और कई मंत्रालय संभाल चुके अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। रिजिजू को नया भूविज्ञान मंत्री बनाया गया है। यह फैसला क्यों लिया गया, इसकी दो प्रमुख वजहें हो सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट से टकराव बनी वजह?

कानून मंत्री रहते हुए किरेन रिजिजू लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे।कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर किरेन लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे। सार्वजनिक तौर पर वह न्यायपालिका और न्यायाधीशों को लेकर तंज कस रहे थे। इससे न्यायपालिका और सरकार के बीच की दूरियां बढ़ने लगी थीं।हालात ऐसे बन गए कि सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की जाने लगी। हालांकि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसके पास इससे निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण है। 

हालांकि,पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले आए, जो एक तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ ही थे। ऐसे में अगर रिजिजू और न्यायपालिका के बीच का ये विवाद आगे भी जारी रहता तो आने वाले दिनों में केंद्र सरकार को ज्यादा फजीहत का सामना करना पड़ सकता था। अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। इसलिए संभव है कि सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। संभव है कि इसी के चलते रिजिजू का मंत्रालय बदला गया हो।

राजस्थान और अरूणाचल प्रदेश का चुनाव तो नहीं है वजह?

मोदी कैबिनेट में फेरबदल की दूसरी बड़ी वजह चुनाव से भी जोड़कर देखी जा रही है।राजस्थान में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। वहीं, अगले साल अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं।कर्नाटक में हार के बाद भाजपा कोई नया रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में संभव है कि अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री का पद देकर राजस्थान को साधने की कोशिश की गई है।राजस्थान में दलितों की आबादी 17 फीसदी है। अर्जुन राम मेघवाल दलितों के बड़े नेता माने जाते हैं। बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद का कद बढ़ाकर राजस्थान को संदेश देने की भी कोशिश की गई है। अब तक मेघवाल संस्कृति और संसदीय कार्य राज्यमंत्री थे।

वहीं, दूसरी तरफ अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं। ऐसे में संभव है कि इसकी तैयारियों के लिए रिजिजू को फ्री किया गया हो। कानून मंत्री रहते हुए वह ज्यादा समय अरुणाचल प्रदेश में नहीं दे सकते थे। ऐसे में संभव है कि एक तरफ रिजिजू का फोकस अरुणाचल प्रदेश करने और इधर, राजस्थान में विधानसभा चुनावो के मद्देनजर मेघवाल की पद्दोन्नति करके भाजपा राजनीतिक फायदा उठाने की उम्मीद कर रही हो।

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May 17 2023, 16:00

*फिर बेघर हुए पाकिस्तान से आए हिंदू, जैसलमेर में कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद घरों पर चला बुलडोजर*

#ias_tina_dabi_orders_eviction_of_pakistan_hindu_migrants_from_govt_land_in_jaisalmer

चर्चित आईएएस टीना डाबी के एक आदेश ने दर्जनों पाक विस्तापित हिन्दुओं के आशियाने उजाड़ दिए हैं। टीना डाबी जैसलमेल कलेक्टर हैं और उन्होंने यूआईटी के अधिकारियों को आदेश दिए कि अमर सागर इलाके में डेरा डाले बैठे लोगों की बस्ती को हटा दिया जाए। फिर क्या था, यूआईटी के सहायक अभियंता की अगुवाई में दस्ता जैसलमेर के अमर सागर इलाके में पहुंचा और दर्जनों आशियानों पर बुलडोजर चला दिया। जिसके बाद महिलाएं और बच्चों समेत सैंकड़ों लोग इस भीषण गर्मी में सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए।

पाकिस्तान में उत्पीड़न से परेशान होकर राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे हिंदुओं की मुश्किलों का अंत नहीं हुआ है। यहां अतिक्रमण की कार्रवाई में इनका आशियाना गिरा दिया गया है।। पाकिस्तान में आतंक और सरकार के दमन से बचकर किसी तरह भारत आए ये लोग काफी वक्त से अमर सागर में रह रहे थे, लेकिन जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर इनके घरों को जमीदोज़ कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई का इन हिंदू परिवारों की महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिसबल के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने इनके घरों को गिरा दिया। अब इस भीषण गर्मी में इन लोगों के सिर पर कोई छाया नहीं है।

आईएएस टीना डाबी के निर्देश पर अस्थायी बस्तियों के 28 मकानों को अतिक्रमण बताकर प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया। जिसके बाद बच्चों समेत 150 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। अब वे सब खुले आसमान के नीचे तपती धूप में रहने को मजबूर हैं। मई के महीने में जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया। इस भीषण गर्मी में जिला कलेक्टर के एक आगेश से पाक विस्तापित परिवारों के आशियाने ध्वस्त कर दिए। कार्रवाई के दौरान पीड़ित परिवार रोते बिलखते रहे लेकिन किसी को इन पर तरस नहीं आया।

इस कदम का बचाव करते हुए आईएएस टीना डाबी ने कहा कि कार्रवाई अमरसागर सरपंच और स्थानीय निवासियों से मिली शिकायतों के आधार पर की गई है। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया था कि हिंदू प्रवासियों ने कथित रूप से राज्य सरकार शहरी सुधार ट्रस्ट (यूआईटी) से संबंधित भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को जमीन खाली करने के लिए पहले भी नोटिस भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने हटने से इनकार कर दिया। अब तक 28 अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। डाबी ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक उन प्रवासियों के पुनर्वास के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है, जिन्हें भारत की नागरिकता नहीं दी गई है।

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May 16 2023, 15:50

त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

#maharashtragovtsetsupsitforprobeoftrimbakeshwartempleinsult_case 

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

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May 16 2023, 15:38

त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

#maharashtragovtsetsupsitforprobeoftrimbakeshwartempleinsult_case

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

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May 16 2023, 15:38

त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

#maharashtragovtsetsupsitforprobeoftrimbakeshwartempleinsult_case

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

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May 26 2023, 11:03

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  • It is mandatory to have the certificate of the competent authority for caste and cadre.
  • Applicants must check their name, father's/ husband's name, mother's name, date of birth, permanent address, details of marks and total marks, mobile number and their photo after filling the online form.
  • Payment Related: The applicant / candidate may please ensure that the payment / payment made by him / her is correct and he / she has received the receipt of "paid" / success payment. If due to any reason online net banking / credit card / debit card payment / payment is not done, then please try again or go to any nearest kiosk and deposit the fee and get the receipt of “PAYED” / SUCCESS PAYMENT. In case of deduction of money from online net banking / credit card / debit card and non-payment, the deducted money of the candidates will be returned / refunded to their account.

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India

May 24 2023, 18:50

इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन के मूड में शहबाज सरकार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दी चेतावनी

#govtconsideringbanningimrankhans_pti

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है।सत्तारूढ़ पीडीएम सरकार उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को इसकी पुष्टि की कि सरकार पीटीआई पर पाबंदी लगाने पर विचार किया जा रहा है। 9 मई को पीटीआई चीफ इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए दंगों के बाद उनकी पार्टी पर बैन का खतरा मंडरा रहा है। 

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि देश में गहरा रहे राजनीतिक संकट के बीच सरकार इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि पीटीआई ने देश के आधार पर हमला किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि इमरान खान की पार्टी के लोगों, नेताओं और समर्थकों ने मिलकर पाकिस्‍तान की सेना, पुलिस और सरकारी इमारतों पर हमला किया। पूरे देश में आगजनी, तोड़फोड़ और दंगा किया, इसलिए अब सरकार ऐसी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। उन्‍होंने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश में अराजकता का माहौल बनाया गया और सेना तक पर हमला किया गया। इससे देश की प्रतिष्‍ठा धूमिल हुई है।

सेना को अपना दुश्‍मन मानते- ख्‍वाजा आसिफ

रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने कहा कि इमरान खान, लगातार देश की सेना को निशाने पर ले रहे हैं, उनके हर भाषण में सेना प्रमुख और सेना ही होते हैं। वो सेना को अपना दुश्‍मन मानते हैं। इमरान खान की पूरी राजनीति सेना से शुरू हुई थी और आज वही इमरान खान सेना का विरोध कर रहे हैं और उनके कार्यकर्ता, नेता और समर्थक सेना के मुख्‍यालय पर हमला कर रहे हैं। ऐसा काम शर्मनाक है। आसिफ ने कहा कि ये बातें इमरान खान की पार्टी छोड़ने वाले तमाम नेता कह रहे हैं।

पीटीआई चीफ का दावा है कि हिंसा सुनियोजित थी

बता दें कि इमरान खान ने भी 9 मई की हिंसा की आलोचना की है। इमरान हिंसा मामले में स्वतंत्र जांच की मांग कर चुके हैं। पीटीआई चीफ का दावा है कि हिंसा सुनियोजित थी। पीटीआई को खत्म करने की साजिश के आरोपों के साथ इमरान खान का कहना है कि जांच होगी तो असमाजिक तत्वों का खुलासा हो जाएगा।

क्या है मामलाल?

दरअसल, 9 मई, 2023 को भ्रष्टाचार एक मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का आरोप है कि खान और उनकी पत्नी ने एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए एक रियल एस्टेट कारोबारी से रिश्वत के रूप में लाखों डॉलर की जमीन हासिल की। उनकी गिरफ्तारी के बाद लाहौर, कराची और इस्लामाबाद सहित कई शहरों में बड़े पैमाने पर और हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता कोर कमांडर लाहौर आवास पर घुस गए

నిజంనిప్పులాంటిది

May 23 2023, 12:46

Cough syrup: దగ్గు మందు ఎగుమతులపై కేంద్రం కీలక నిర్ణయం

దిల్లీ: భారత్‌ (India)లోని కొన్ని కంపెనీలు తయారుచేసిన దగ్గు మందుల (Cough syrup) కారణంగా కొన్ని దేశాల్లో మరణాలు సంభవించడం ఇటీవల తీవ్ర ఆందోళనలకు దారితీసింది.

ఆ సిరప్‌లపై ప్రపంచ ఆరోగ్య సంస్థ (WHO) కూడా ఇటీవల హెచ్చరికలు చేసింది. ఈ నేపథ్యంలోనే దగ్గు మందు ఎగుమతులపై కేంద్రం కొత్త నిబంధనలు తీసుకొచ్చింది. దగ్గు సిరప్‌లకు ప్రభుత్వ ల్యాబ్‌ (Govt Labs)లలో అనుమతి తప్పనిసరి చేసింది. ఆ తర్వాతే ఎగుమతులు (Exports) చేసుకోవాలని స్పష్టం చేసింది. జూన్‌ 1 నుంచి ఈ నూతన నిబంధనలు అమల్లోకి రానున్నట్లు వెల్లడించింది..

''దగ్గు మందు (Cough syrup) ఎగుమతిదారులు తమ ఉత్పత్తులను ఏదైనా ప్రభుత్వ లాబొరేటరీలో పరీక్షించి ధ్రువీకరణ పత్రం తీసుకోవాలి. ఆ సర్టిఫికేట్‌ సమర్పిస్తేనే తమ దగ్గు మందులను ఎగుమతి చేసేందుకు అనుమతులు లభిస్తాయి.

జూన్‌ 1వ తేదీ నుంచి ఈ నిబంధన తప్పనిసరి'' అని డైరెక్టరేట్‌ జనరల్‌ ఆఫ్‌ ఫారిన్‌ ట్రేడ్‌ (DGFT) ఓ అధికారిక నోటిఫికేషన్‌లో వెల్లడించింది.

కేంద్ర ప్రభుత్వ పరిధిలోని ఇండియన్‌ ఫార్మాకోపియా కమిషన్‌, రీజినల్‌ డ్రగ్‌ టెస్టింగ్‌ ల్యాబ్‌ (RDTL - Chandigarh), సెంట్రల్‌ డ్రగ్స్‌ ల్యాబ్‌ (CDL - Kolkata), సెంట్రల్‌ డ్రగ్‌ టెస్టింగ్‌ ల్యాబ్‌ (CDTL - Chennai Hyderabad, Mumbai), ఆర్‌డీటీఎల్‌ (గువాహటి)తో పాటు రాష్ట్ర ప్రభుత్వ పరిధిలోని గుర్తింపు పొందిన ల్యాబ్‌ల్లో దగ్గు మందుకు తనిఖీలు చేయించుకోవాలని కేంద్రం ఎగుమతుదారులకు స్పష్టం చేసింది..

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May 22 2023, 19:37

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की आलोचना टीचर को पड़ी महंगी, हुए सस्पेंड

#karnataka_govt_teacher_suspended_for_criticizing_cm_siddaramaiah

कर्नाटक में सरकारी स्कूल के टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है। वजह बनी राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना करना।दरअसल, उस टीचर ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की राजकोषीय नीति की आलोचना की थी।उन्होंने सूबे के कुछ पूर्व सीएम का नाम लिखते हुए बताया था कि किसके कार्यकाल में कितना खर्च हुआ।के बाद शिक्षक के निलंबन की कार्रवाई की गई है।

चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्गा तालुक के शिक्षक शांतामूर्ति एमजी ने फेसबुक पर सूबे के कुछ पूर्व सीएम का नाम लिखते हुए बताया था कि किसके कार्यकाल में कितना खर्च हुआ। दावा किया गया कि सिद्दारमैया के समयकाल में 2,42,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।उनके पोस्ट में लिखा गया था, "पूर्व सीएम एसएम कृष्का के कार्यकाल में 3,590 करोड़, धर्म सिंह के समय 15,635 करोड़, एचडी कुमार स्वामी के वक्त 3,545 करोड़, बीएस येदियुरप्पा के समयकाल में 26,653 करोड़, डीवी सदानंद गौड़ के टाइम पर 9,464, जगदीश शेट्टर के समय पर 13,464 करोड़ और सिद्दारमैया के समय 2,42,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।

सरकारी टीचर ने खास तौर पर सरकार के फ्री वादों पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। जिसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर कर्जा बढ़ जाता है। टीचर ने पोस्ट में लिखा, 'इसलिए सिद्धारमैया के लिए मुफ्त उपहारों की घोषणा करना आसान है।जिसके बाद टीचर को सस्पेंड कर दिया गया।

खास बात ये है कि शिक्षक उसका सस्पेंशन लेटर उसी दिन भेजा गया जिस दिन सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यानी शनिवार को।चित्रदुर्ग में जन निर्देश के जिला उप निदेशक के रविशंकर रेड्डी ने कहा कि शिक्षक के निलंबन का आदेश दिया गया है। क्योंकि उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम - 1966 का उल्लंघन किया है। साथ ही कहा कि शांतामूर्ति की विभागीय जांच भी कराई जाएगी।

कांग्रेस की चुनाव में जीत के बाद से ही लगातार यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि उनकी ओर से जिस तरह के मुफ्त चीजें देने के वायदे किए गए हैं उसके लिए राज्य की नई सरकार पैसे कहां से लाएगी?

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May 18 2023, 15:25

किरण रिजिजू से क्यों छिना गया कानून मंत्रालय, क्या जूडिशरी से टकराव बनी वजह ?

#kiren_rijiju_why_law_minister_changed_by_modi_govt

किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय वापस लिया गया है। किरण रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। रिजिजू को भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया। जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह पर रिजिजू को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अचानक किरेन रिजिजू के हाथों से कानून मंत्रालय क्यों छिन लिया गया? सवाल उठने लगे कि क्या सुप्रीम कोर्ट से उलझने के कारण कानून मंत्री हटाए गए?

करीब दो साल पहले रविशंकर प्रसाद को हटाकर किरेन रिजिजू को कानून मंत्री की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। आज सुबह अचानक राष्ट्रपति भवन से मोदी सरकार में बड़े फेरबदल का आदेश आया। रिजिजू को हटाकर राजस्थान के बड़े दलित नेता और कई मंत्रालय संभाल चुके अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। रिजिजू को नया भूविज्ञान मंत्री बनाया गया है। यह फैसला क्यों लिया गया, इसकी दो प्रमुख वजहें हो सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट से टकराव बनी वजह?

कानून मंत्री रहते हुए किरेन रिजिजू लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे।कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर किरेन लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे। सार्वजनिक तौर पर वह न्यायपालिका और न्यायाधीशों को लेकर तंज कस रहे थे। इससे न्यायपालिका और सरकार के बीच की दूरियां बढ़ने लगी थीं।हालात ऐसे बन गए कि सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की जाने लगी। हालांकि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसके पास इससे निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण है। 

हालांकि,पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले आए, जो एक तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ ही थे। ऐसे में अगर रिजिजू और न्यायपालिका के बीच का ये विवाद आगे भी जारी रहता तो आने वाले दिनों में केंद्र सरकार को ज्यादा फजीहत का सामना करना पड़ सकता था। अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। इसलिए संभव है कि सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। संभव है कि इसी के चलते रिजिजू का मंत्रालय बदला गया हो।

राजस्थान और अरूणाचल प्रदेश का चुनाव तो नहीं है वजह?

मोदी कैबिनेट में फेरबदल की दूसरी बड़ी वजह चुनाव से भी जोड़कर देखी जा रही है।राजस्थान में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। वहीं, अगले साल अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं।कर्नाटक में हार के बाद भाजपा कोई नया रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में संभव है कि अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री का पद देकर राजस्थान को साधने की कोशिश की गई है।राजस्थान में दलितों की आबादी 17 फीसदी है। अर्जुन राम मेघवाल दलितों के बड़े नेता माने जाते हैं। बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद का कद बढ़ाकर राजस्थान को संदेश देने की भी कोशिश की गई है। अब तक मेघवाल संस्कृति और संसदीय कार्य राज्यमंत्री थे।

वहीं, दूसरी तरफ अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं। ऐसे में संभव है कि इसकी तैयारियों के लिए रिजिजू को फ्री किया गया हो। कानून मंत्री रहते हुए वह ज्यादा समय अरुणाचल प्रदेश में नहीं दे सकते थे। ऐसे में संभव है कि एक तरफ रिजिजू का फोकस अरुणाचल प्रदेश करने और इधर, राजस्थान में विधानसभा चुनावो के मद्देनजर मेघवाल की पद्दोन्नति करके भाजपा राजनीतिक फायदा उठाने की उम्मीद कर रही हो।