चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

रूस में 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी, जापान और अमेरिका तक दहशत

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रूस में एक जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। बुधवार को रूस के कमचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे स्थानीय प्रशासन ने दशकों में सबसे शक्तिशाली बताया है। रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद समंदर में सुनामी की लहरें उठी हैं। रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के बड़े उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय इलाकों में सुनामी आ गई। होनोलूलू में मंगलवार को सुनामी चेतावनी सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया।

भूकंप के बाद सुनामी

समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई है। यह घटना रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद हुई है। कुरिल आइसलैंड के कुछ हिस्सों में सुनामी की लहरें टकराई हैं। कई जगहों पर प्रशासन की तरफ से लोगों को आगाह करने के लिए सायरन भी बजाय जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि तटीय क्षेत्रों में न जाएं। भूकंप की वजह से समुद्र का स्तर काफी बढ़ गया।

जापान के तट पर 1.3 फीट ऊंची सुनामी

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने देश के सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडों के दक्षिणी तट पर स्थित टोकाची में 1.3 फीट ऊंची सुनामी की जानकारी दी है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर नेमुरो पहुंची। भूकंप और सुनामी चेतावनी के बाद जापान के उत्तर-पूर्वी फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से सभी कर्मचारियों को एहतियातन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

3 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि सुबह 10 बजे से 11.30 बजे के बीच जापान के प्रशांत तट पर 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अमेरिका के हवाई राज्य में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई है।

मेक्सिको में भी सुनामी को लेकर अलर्ट

रूस में भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी के बाद मेक्सिको ने लोगों को प्रशांत महासागर के तटों से दूर रहने की चेतावनी दी है। मेक्सिको के अधिकारियों ने प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों में लोगों की पहुंच रोकने के लिए सभी सरकारी स्तरों पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है।

फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी सुनामी चेतावनी

रूस भूकंप लाइव न्यूज: रूस के पूर्वी तट पर आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद फिलीपींस और इंडोनेशिया ने अपने तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. फिलीपींस के ज्वालामुखी और भूकंपीय संस्थान के अनुसार, देश के प्रशांत महासागर से सटे तटवर्ती क्षेत्रों में 1 मीटर तक ऊंची लहरें दोपहर 1:20 बजे से 2:40 बजे के बीच पहुंच सकती हैं। वहीं, इंडोनेशिया की भू-भौतिकी एजेंसी ने भी चेताया है कि बुधवार दोपहर कुछ क्षेत्रों में 0.5 मीटर तक की लहरें आ सकती हैं।

ट्रंप के बाद NATO ने दी भारत को धमकी, 100% टैरिफ लगाने का दिखाया डर

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नाटो चीफ मार्क रूट ने भारत को रूस के साथ संबंधों को लेकर खुली चेतावनी दी और कहा कि अगर वह रूस के साथ व्यापार जारी रखता है तो गंभीर आर्थिक दंड (सेकंडरी सैंक्शन) का सामना करना पड़ सकता है। नाटो महासचिव मार्क रूट ने कहा कि अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो यह समझें कि रूस के साथ व्यापार जारी रखने का भारी नुकसान हो सकता है।

100% सेकेंडरी प्रतिबंध की धमकी

रूट ने बुधवार को अमेरिकी सीनेटरों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इन तीनों देशों को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालना चाहिए, ताकि वह शांति वार्ता को गंभीरता से लें। रूट ने तीनों देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ये देश रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखते हैं तो इन देशों पर 100% सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

पुतिन से बात करने की अपील

रूट ने भारत और दोनों अन्य देशों के नेताओं से पुतिन से शांति वार्ता के लिए सीधे तौर पर आग्रह करने अपील की। उन्होंने कहा, 'प्लीज व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता को लेकर गंभीर होना होगा, वरना इसका ब्राजील, भारत और चीन पर बड़े पैमाने पर असर होगा।

जानें रूस ने क्या कहा?

वहीं, रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने अमेरिका और नाटो की धमकियों को खारिज किया। उन्होंने कहा, रूस ट्रंप के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इस तरह के अल्टीमेटम मंजूर नहीं हैं। रियाबकोव ने कहा कि रूस आर्थिक दबाव के बावजूद अपनी नीतियां नहीं बदलेगा और ऑप्शनल बिजनेस रूट तलाशेगा।

नाटो महासचिव की यह चेतावनी उस समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को नए हथियार देने और रूस के व्यापारिक साझीदारों पर भारी टैक्स लगाने की घोषणा की है। अमेरिका अब यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल जैसे आधुनिक हथियार देने वाला है, ताकि वह रूस के हमलों से बच सके।

क्या होता है सेकेंडरी टैरिफ?

सेकेंडरी टैरिफ सीधे प्रतिबंधित देश पर नहीं, बल्कि उसके साथ व्यापार करने वाले देशों या कंपनियों पर लगाए जाते हैं। इसे एक उदाहरण से समझिए। मान लें कि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगा रखा है। अगर अब भारत रूस से तेल खरीदता है, तो अमेरिका भारत पर इसकी सजा के तौर पर द्वितीयक टैरिफ लगा सकता है। इसका उद्देश्य प्रतिबंधित देश को आर्थिक चोट पहुंचाना होता है, क्योंकि टैरिफ के डर से व्यापार से बचने लगते हैं।

सेकेंडरी प्रतिबंध का भारत पर क्या असर होगा?

भारत रूस से कच्चे तेल का एक बड़ा खरीदार है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया है। अगर सेकेंडरी प्रतिबंध लागू होते हैं, तो भारत पर इसके बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं।

-तेल आपूर्ति में रुकावट: भारत रूस से अपनी कुल तेल आयात का एक बड़ा हिस्सा खरीदता है। प्रतिबंधों के कारण रूसी तेल की आपूर्ति रुक सकती है। इससे भारत को वैकल्पिक स्रोतों (जैसे सऊदी अरब, इराक) से महंगा तेल खरीदना पड़ सकता है, जिससे तेल की कीमतें बढ़ेंगी।

-आर्थिक नुकसान: अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो ईंधन की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर आम जनता पर पड़ेगा। अगर भारत रूस के साथ व्यापार जारी रखता है, तो अमेरिका भारतीय कंपनियों या बैंकों पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिससे भारत का निर्यात और वित्तीय लेनदेन प्रभावित होगा।

-ऊर्जा संकट: रूस से तेल आयात बंद होने पर भारत की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। वैश्विक तेल बाजार पहले से ही अस्थिर है, और नए प्रतिबंध इस स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं।

पुतिन ने तालिबान को दी मान्यता, ऐसा करने वाला पहला देश बना, क्या भारत ले सकेगा ये फैसला?

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रूस ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता दे दी है। ऐसा करने वाला वह पहला देश है।वर्ष 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में उसकी सरकार को औपचारिक रूप से अभी तक अन्य किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है। मगर अब रूस ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही मॉस्को ने तालिबान को अपने प्रतिबंधित संगठनों की सूची से भी हटा दिया।

रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसने अफगानिस्तान के नए राजदूत गुल हसन हसन से प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। मंत्रालय ने कहा कि अफगान सरकार की आधिकारिक मान्यता द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगी। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा हमारा मानना है कि अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात की सरकार को आधिकारिक मान्यता देने से हमारे देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादक द्विपक्षीय सहयोग के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

“साहसी निर्णय दूसरों के लिए उदाहरण होगा”

वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे “अन्य देशों के लिए एक अच्छा उदाहरण” कहा। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव के साथ काबुल में बैठक की। एक्स पर बैठक का वीडियो पोस्ट करते हुए मुत्ताकी ने कहा, यह साहसी निर्णय दूसरों के लिए उदाहरण होगा। अब जब मान्यता की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो रूस सभी से आगे है। मुत्ताकी ने कहा, 'यह हमारे संबंधों के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर है।

2021 में लागू हुआ था तालिबानी शासन

तालिबान का शासन 2021 में अफगानिस्तान में लागू हुआ था। तालिबान ने अगस्त 2021 में अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद से वह देश पर शासन कर रहा है। हालांकि, उसे अभी तक किसी देश ने उसकी सरकार को मान्यता नहीं दी थी।

क्या भारत भी तालिबान को मान्यता देगा?

पुतिन के इस फैसले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत भी तालिबान को मान्यता देगा? दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के दावों पर तालिबान ने भारत का साथ दिया। बिक्रम मिस्री तालिबान विदेश मंत्री से मिल भी चुके हैं।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award - 2025 !

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award – 2025 Presented by Krishna Chouhan Foundation on Thursday 19th June 2025 at Mayor’s Hall, Andheri (West).

Chief Guest Dheeraj Kumar, Deepak Parashar, Pratima Kanan, Kannan Arunachalam, B N Tiwari, Singer Deepa Narayan Jha, Singer Rutu Pathak, ACP Sanjay Patil, Dilip Sen, Producer Actor CD Shete, Rekha Rao, Abhishek Khanna, Bright Outdoor Media representatives were presented.

Shantanu Bhamare with ACP Sanjay Patil

KCF presented this awards ceremony honoured celebrities who have established their distinct identity in the film world. Many celebrities were present in this award ceremony organized by Dr. Krishna Chauhan, among whom this name is notable. Chief guest idol Kanan, ACP Sanjay Patil, Deepak Parashar, Rekha Rao, Dilip Sen, Abhishek Khanna, Singer Sagar Acharya, Singer Naresh etc.

Shantanu Bhamare with Dheeraj Kumar, Kannan Arunachalam & B N Tiwari

On this occasion Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ for his work done in Bollywood.

Shantanu Bhamare with Deepak Parashar

As a Bollywood Film Producer work done by Shantanu Bhamare :

Co – Producer Of Bollywood Film - Fire Of Love : RED. Starring Krushna Abhishek, Payal Ghosh Kamlesh Sawant, Shantanu Bhamare & Bharat Dabholkar.

Producer Of Teri Aashiqui Mein - Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Elena Tuteja (Russian Actress), which got 1.2 Million Views in short period.

Producer Of Baby De Ek Chance – Romantic Pop Item Song he played Lead Male Role with Female Lead Abhilasha Suryawanshi (Miss Maharashtra), which got more than Half Million Views in short period.

Producer Of Mann Kyun Behka Ja Raha Hai - Seductive Romantic Song, he played Lead Male Role with Female Lead Anna Gavrichkova (another Russian Actress), which got 1.5 Million Views in short period.

Producer Of Tu Hi Meri Jaan – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Prachi Thorat, which got 200K+ Views in short period.

Producer Of Tere Bina Jeena Nahin – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Ruchita Aglawe.

Tags : Shantanu Bhamare, Shan Se Entertainment, Actor, Producer, Best Bollywood Film Producer, Bollywood Iconic Award

महबूबा की बेटी इल्तिजा ने पीएम मोदी को कियों दिलाई रूस में दिए बयान की याद?


#iltija_mufti_pm_modi_russia_statement

पाकिस्तान के साथ तनातनी के बीच भारत मॉक ड्रिल की तैयारियों में जुटा है। वहीं, दूसरी ओर जम्‍मू कश्‍मीर की इल्तिजा मुफ्ती ने भारत पाकिस्‍तान दोनों मुल्‍कों के बीच युद्ध न करने की अपील की है। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने युद्ध के जम्मू-कश्मीर पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम नरेन्‍द्र मोदी को उनके रूस में दिए बयान की याद दिलाई है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने जो भी हुआ, बहुत गलत हुआ और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। आतंकवादियों ने जो यहां पर किया, मैं इसकी पुरजोर तरीके से विरोध करती हूं। पहलगाम में जो हुआ, हम सभी का दिल टूटा है। जो तस्वीरें, वीडियो हमारे सामने आईं, उनसे बहुत दुख पहुंचा है। इस हमले में हम सभी ने देखा कि हमारे यहां टूरिस्टों को दिन-दहाड़े मारा गया। हिमांशी नरवाल, शान्या दुबे के लिए हम सभी लोगों को बुरा लगा। इस हमले के बाद हमसे लगातार पूछा जाता है कि क्या आपको बुरा लगा। हमें बुरा क्यों नहीं लगेगा? क्या हम इंसान नहीं हैं? एक कश्मीरी, हिन्दुस्तानी, मुस्लिम होने से पहले हम एक इंसान हैं और जो वहां पर टारगेट किलिंग हुई, सच मानिए दिल टूटा है।

युद्ध कभी भी इसका समाधान नहीं- इल्तिजा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव है। क्या दोनों देशों के बीच युद्ध होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने कहा कि जब भी युद्ध की बात होती है, तो जम्मू-कश्मीर के लोगों को बहुत तकलीफ़ होती है, क्योंकि हम एक सीमावर्ती राज्य हैं। हम ही हैं जो इसका खामियाज़ा भुगतेंगे और नुकसान भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि युद्ध कभी भी इसका समाधान नहीं है। पिछले साल जब प्रधानमंत्री मोदी रूस गए थे, तो उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि युद्ध का युग खत्म हो चुका है। मेरा मानना है कि अब उन शब्दों को याद करने का समय आ गया है।

पीएम मोदी सिर्फ हिंदू के ही प्रधानमंत्री नहीं-इल्तिजा

पीएम मोदी पर भरोसा के सवालपर उन्होंने एक कश्मीरी के तौर पर मैं काफी निराश हूं। हमें जिस प्रकार से शक की नजर से देखा जाता है। पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कश्मीरी छात्रों, बिजनेसमैन को तंग किया जा रहा है। पीएम मोदी हमेशा एक चीज कहते हैं कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी। अगर आपको दिल्ली की दूरी कम करनी होगी तो आपके यहां के लोगों से बात करनी ही पड़ेगी। लेकिन, कश्मीर के लोगों से आपने बातचीत करना बंद ही कर दिया है। 2019 में जो हमारे साथ बुरा हुआ, उसके बाद मुसलमान के साथ जो हो रहा है, आपका दिल तो टूटता ही है। पीएम मोदी सिर्फ हिंदू के ही प्रधानमंत्री नहीं, सभी के प्रधानमंत्री हैं। कश्मीर में जो छह साल से चल रहा है, मैं यकीनन काफी निराश हूं।

रूस नहीं जाएंगे पीएम मोदी, पाकिस्तान से तनाव के बीच रद्द किया दौरा, विक्ट्री डे परेड में नहीं होंगे शामिल

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पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान खौफ में है कि भारत की तरफ से हमले किए जा सकते हैं। इधर, दिल्ली में पीएम मोदी लगातार बैठकें कर रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत आतंकवाद पर बड़े एक्शन की तैयारी में है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस दौरा रद्द हो गया है। पीएम मोदी को 9 मई को मॉस्को में आयोजित विजय दिवस समारोह में शामिल होना था। लेकिन अब वे विक्ट्री डे परेड में शामिल नहीं होंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ये जानकारी दी है।

अब कौन करेगा भारत का प्रतिनिधित्व?

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अगले महीने मॉस्को में आयोजित होने वाले विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल नहीं होंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भले ही उपस्थित नहीं होंगे, लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व एक अलग राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के जरिए किया जाएगा।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की जगह कौन इस समारोह में शामिल होंगे। वहीं, स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 9 मई के कार्यक्रम में पीएम मोदी की जगह भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा फैसला

पहलगाम अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को उनके आवास पर हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस की बैठक हुई। यह महत्वपूर्ण बैठक 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। राष्ट्रीय सुरक्षा पर निर्णय लेने वाली शीर्ष समिति की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर दूसरी बार बुलाई गई थी। इससे पहले 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक हुई थी, जिसमें आतंकी हमले की निंदा की गई थी।

जर्मनी पर विजय का जश्न

बता दें कि रूस नौ मई को द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर विजय का जश्न मनाता है और इस वर्ष उसने 80वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेने के लिए चुनिंदा मित्र देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। पुतिन ने इस खास मौके के लिए अपने मित्र नरेन्द्र मोदी को भी न्योता भेजा था। उस समय रूस के उपविदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको ने बताया था कि इस जश्न के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण भेजा जा चुका है। हालांकि, अब जानकारी मिल रही कि पीएम मोदी मॉस्को में होने वाले विक्ट्री डे परेड में शामिल नहीं होंगे।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

रूस में 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी, जापान और अमेरिका तक दहशत

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रूस में एक जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। बुधवार को रूस के कमचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे स्थानीय प्रशासन ने दशकों में सबसे शक्तिशाली बताया है। रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद समंदर में सुनामी की लहरें उठी हैं। रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के बड़े उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय इलाकों में सुनामी आ गई। होनोलूलू में मंगलवार को सुनामी चेतावनी सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया।

भूकंप के बाद सुनामी

समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई है। यह घटना रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद हुई है। कुरिल आइसलैंड के कुछ हिस्सों में सुनामी की लहरें टकराई हैं। कई जगहों पर प्रशासन की तरफ से लोगों को आगाह करने के लिए सायरन भी बजाय जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि तटीय क्षेत्रों में न जाएं। भूकंप की वजह से समुद्र का स्तर काफी बढ़ गया।

जापान के तट पर 1.3 फीट ऊंची सुनामी

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने देश के सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडों के दक्षिणी तट पर स्थित टोकाची में 1.3 फीट ऊंची सुनामी की जानकारी दी है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर नेमुरो पहुंची। भूकंप और सुनामी चेतावनी के बाद जापान के उत्तर-पूर्वी फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से सभी कर्मचारियों को एहतियातन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

3 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि सुबह 10 बजे से 11.30 बजे के बीच जापान के प्रशांत तट पर 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अमेरिका के हवाई राज्य में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई है।

मेक्सिको में भी सुनामी को लेकर अलर्ट

रूस में भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी के बाद मेक्सिको ने लोगों को प्रशांत महासागर के तटों से दूर रहने की चेतावनी दी है। मेक्सिको के अधिकारियों ने प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों में लोगों की पहुंच रोकने के लिए सभी सरकारी स्तरों पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है।

फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी सुनामी चेतावनी

रूस भूकंप लाइव न्यूज: रूस के पूर्वी तट पर आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद फिलीपींस और इंडोनेशिया ने अपने तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. फिलीपींस के ज्वालामुखी और भूकंपीय संस्थान के अनुसार, देश के प्रशांत महासागर से सटे तटवर्ती क्षेत्रों में 1 मीटर तक ऊंची लहरें दोपहर 1:20 बजे से 2:40 बजे के बीच पहुंच सकती हैं। वहीं, इंडोनेशिया की भू-भौतिकी एजेंसी ने भी चेताया है कि बुधवार दोपहर कुछ क्षेत्रों में 0.5 मीटर तक की लहरें आ सकती हैं।

ट्रंप के बाद NATO ने दी भारत को धमकी, 100% टैरिफ लगाने का दिखाया डर

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नाटो चीफ मार्क रूट ने भारत को रूस के साथ संबंधों को लेकर खुली चेतावनी दी और कहा कि अगर वह रूस के साथ व्यापार जारी रखता है तो गंभीर आर्थिक दंड (सेकंडरी सैंक्शन) का सामना करना पड़ सकता है। नाटो महासचिव मार्क रूट ने कहा कि अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो यह समझें कि रूस के साथ व्यापार जारी रखने का भारी नुकसान हो सकता है।

100% सेकेंडरी प्रतिबंध की धमकी

रूट ने बुधवार को अमेरिकी सीनेटरों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इन तीनों देशों को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालना चाहिए, ताकि वह शांति वार्ता को गंभीरता से लें। रूट ने तीनों देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ये देश रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखते हैं तो इन देशों पर 100% सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

पुतिन से बात करने की अपील

रूट ने भारत और दोनों अन्य देशों के नेताओं से पुतिन से शांति वार्ता के लिए सीधे तौर पर आग्रह करने अपील की। उन्होंने कहा, 'प्लीज व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता को लेकर गंभीर होना होगा, वरना इसका ब्राजील, भारत और चीन पर बड़े पैमाने पर असर होगा।

जानें रूस ने क्या कहा?

वहीं, रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने अमेरिका और नाटो की धमकियों को खारिज किया। उन्होंने कहा, रूस ट्रंप के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इस तरह के अल्टीमेटम मंजूर नहीं हैं। रियाबकोव ने कहा कि रूस आर्थिक दबाव के बावजूद अपनी नीतियां नहीं बदलेगा और ऑप्शनल बिजनेस रूट तलाशेगा।

नाटो महासचिव की यह चेतावनी उस समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को नए हथियार देने और रूस के व्यापारिक साझीदारों पर भारी टैक्स लगाने की घोषणा की है। अमेरिका अब यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल जैसे आधुनिक हथियार देने वाला है, ताकि वह रूस के हमलों से बच सके।

क्या होता है सेकेंडरी टैरिफ?

सेकेंडरी टैरिफ सीधे प्रतिबंधित देश पर नहीं, बल्कि उसके साथ व्यापार करने वाले देशों या कंपनियों पर लगाए जाते हैं। इसे एक उदाहरण से समझिए। मान लें कि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगा रखा है। अगर अब भारत रूस से तेल खरीदता है, तो अमेरिका भारत पर इसकी सजा के तौर पर द्वितीयक टैरिफ लगा सकता है। इसका उद्देश्य प्रतिबंधित देश को आर्थिक चोट पहुंचाना होता है, क्योंकि टैरिफ के डर से व्यापार से बचने लगते हैं।

सेकेंडरी प्रतिबंध का भारत पर क्या असर होगा?

भारत रूस से कच्चे तेल का एक बड़ा खरीदार है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया है। अगर सेकेंडरी प्रतिबंध लागू होते हैं, तो भारत पर इसके बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं।

-तेल आपूर्ति में रुकावट: भारत रूस से अपनी कुल तेल आयात का एक बड़ा हिस्सा खरीदता है। प्रतिबंधों के कारण रूसी तेल की आपूर्ति रुक सकती है। इससे भारत को वैकल्पिक स्रोतों (जैसे सऊदी अरब, इराक) से महंगा तेल खरीदना पड़ सकता है, जिससे तेल की कीमतें बढ़ेंगी।

-आर्थिक नुकसान: अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो ईंधन की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर आम जनता पर पड़ेगा। अगर भारत रूस के साथ व्यापार जारी रखता है, तो अमेरिका भारतीय कंपनियों या बैंकों पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिससे भारत का निर्यात और वित्तीय लेनदेन प्रभावित होगा।

-ऊर्जा संकट: रूस से तेल आयात बंद होने पर भारत की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। वैश्विक तेल बाजार पहले से ही अस्थिर है, और नए प्रतिबंध इस स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं।

पुतिन ने तालिबान को दी मान्यता, ऐसा करने वाला पहला देश बना, क्या भारत ले सकेगा ये फैसला?

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रूस ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता दे दी है। ऐसा करने वाला वह पहला देश है।वर्ष 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में उसकी सरकार को औपचारिक रूप से अभी तक अन्य किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है। मगर अब रूस ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही मॉस्को ने तालिबान को अपने प्रतिबंधित संगठनों की सूची से भी हटा दिया।

रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसने अफगानिस्तान के नए राजदूत गुल हसन हसन से प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। मंत्रालय ने कहा कि अफगान सरकार की आधिकारिक मान्यता द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगी। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा हमारा मानना है कि अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात की सरकार को आधिकारिक मान्यता देने से हमारे देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादक द्विपक्षीय सहयोग के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

“साहसी निर्णय दूसरों के लिए उदाहरण होगा”

वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे “अन्य देशों के लिए एक अच्छा उदाहरण” कहा। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव के साथ काबुल में बैठक की। एक्स पर बैठक का वीडियो पोस्ट करते हुए मुत्ताकी ने कहा, यह साहसी निर्णय दूसरों के लिए उदाहरण होगा। अब जब मान्यता की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो रूस सभी से आगे है। मुत्ताकी ने कहा, 'यह हमारे संबंधों के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर है।

2021 में लागू हुआ था तालिबानी शासन

तालिबान का शासन 2021 में अफगानिस्तान में लागू हुआ था। तालिबान ने अगस्त 2021 में अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद से वह देश पर शासन कर रहा है। हालांकि, उसे अभी तक किसी देश ने उसकी सरकार को मान्यता नहीं दी थी।

क्या भारत भी तालिबान को मान्यता देगा?

पुतिन के इस फैसले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत भी तालिबान को मान्यता देगा? दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के दावों पर तालिबान ने भारत का साथ दिया। बिक्रम मिस्री तालिबान विदेश मंत्री से मिल भी चुके हैं।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

#bjpmpnishikantdubeyallegesrussianfundingof150congressmps

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award - 2025 !

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award – 2025 Presented by Krishna Chouhan Foundation on Thursday 19th June 2025 at Mayor’s Hall, Andheri (West).

Chief Guest Dheeraj Kumar, Deepak Parashar, Pratima Kanan, Kannan Arunachalam, B N Tiwari, Singer Deepa Narayan Jha, Singer Rutu Pathak, ACP Sanjay Patil, Dilip Sen, Producer Actor CD Shete, Rekha Rao, Abhishek Khanna, Bright Outdoor Media representatives were presented.

Shantanu Bhamare with ACP Sanjay Patil

KCF presented this awards ceremony honoured celebrities who have established their distinct identity in the film world. Many celebrities were present in this award ceremony organized by Dr. Krishna Chauhan, among whom this name is notable. Chief guest idol Kanan, ACP Sanjay Patil, Deepak Parashar, Rekha Rao, Dilip Sen, Abhishek Khanna, Singer Sagar Acharya, Singer Naresh etc.

Shantanu Bhamare with Dheeraj Kumar, Kannan Arunachalam & B N Tiwari

On this occasion Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ for his work done in Bollywood.

Shantanu Bhamare with Deepak Parashar

As a Bollywood Film Producer work done by Shantanu Bhamare :

Co – Producer Of Bollywood Film - Fire Of Love : RED. Starring Krushna Abhishek, Payal Ghosh Kamlesh Sawant, Shantanu Bhamare & Bharat Dabholkar.

Producer Of Teri Aashiqui Mein - Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Elena Tuteja (Russian Actress), which got 1.2 Million Views in short period.

Producer Of Baby De Ek Chance – Romantic Pop Item Song he played Lead Male Role with Female Lead Abhilasha Suryawanshi (Miss Maharashtra), which got more than Half Million Views in short period.

Producer Of Mann Kyun Behka Ja Raha Hai - Seductive Romantic Song, he played Lead Male Role with Female Lead Anna Gavrichkova (another Russian Actress), which got 1.5 Million Views in short period.

Producer Of Tu Hi Meri Jaan – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Prachi Thorat, which got 200K+ Views in short period.

Producer Of Tere Bina Jeena Nahin – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Ruchita Aglawe.

Tags : Shantanu Bhamare, Shan Se Entertainment, Actor, Producer, Best Bollywood Film Producer, Bollywood Iconic Award

महबूबा की बेटी इल्तिजा ने पीएम मोदी को कियों दिलाई रूस में दिए बयान की याद?


#iltija_mufti_pm_modi_russia_statement

पाकिस्तान के साथ तनातनी के बीच भारत मॉक ड्रिल की तैयारियों में जुटा है। वहीं, दूसरी ओर जम्‍मू कश्‍मीर की इल्तिजा मुफ्ती ने भारत पाकिस्‍तान दोनों मुल्‍कों के बीच युद्ध न करने की अपील की है। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने युद्ध के जम्मू-कश्मीर पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम नरेन्‍द्र मोदी को उनके रूस में दिए बयान की याद दिलाई है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने जो भी हुआ, बहुत गलत हुआ और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। आतंकवादियों ने जो यहां पर किया, मैं इसकी पुरजोर तरीके से विरोध करती हूं। पहलगाम में जो हुआ, हम सभी का दिल टूटा है। जो तस्वीरें, वीडियो हमारे सामने आईं, उनसे बहुत दुख पहुंचा है। इस हमले में हम सभी ने देखा कि हमारे यहां टूरिस्टों को दिन-दहाड़े मारा गया। हिमांशी नरवाल, शान्या दुबे के लिए हम सभी लोगों को बुरा लगा। इस हमले के बाद हमसे लगातार पूछा जाता है कि क्या आपको बुरा लगा। हमें बुरा क्यों नहीं लगेगा? क्या हम इंसान नहीं हैं? एक कश्मीरी, हिन्दुस्तानी, मुस्लिम होने से पहले हम एक इंसान हैं और जो वहां पर टारगेट किलिंग हुई, सच मानिए दिल टूटा है।

युद्ध कभी भी इसका समाधान नहीं- इल्तिजा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव है। क्या दोनों देशों के बीच युद्ध होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने कहा कि जब भी युद्ध की बात होती है, तो जम्मू-कश्मीर के लोगों को बहुत तकलीफ़ होती है, क्योंकि हम एक सीमावर्ती राज्य हैं। हम ही हैं जो इसका खामियाज़ा भुगतेंगे और नुकसान भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि युद्ध कभी भी इसका समाधान नहीं है। पिछले साल जब प्रधानमंत्री मोदी रूस गए थे, तो उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि युद्ध का युग खत्म हो चुका है। मेरा मानना है कि अब उन शब्दों को याद करने का समय आ गया है।

पीएम मोदी सिर्फ हिंदू के ही प्रधानमंत्री नहीं-इल्तिजा

पीएम मोदी पर भरोसा के सवालपर उन्होंने एक कश्मीरी के तौर पर मैं काफी निराश हूं। हमें जिस प्रकार से शक की नजर से देखा जाता है। पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कश्मीरी छात्रों, बिजनेसमैन को तंग किया जा रहा है। पीएम मोदी हमेशा एक चीज कहते हैं कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी। अगर आपको दिल्ली की दूरी कम करनी होगी तो आपके यहां के लोगों से बात करनी ही पड़ेगी। लेकिन, कश्मीर के लोगों से आपने बातचीत करना बंद ही कर दिया है। 2019 में जो हमारे साथ बुरा हुआ, उसके बाद मुसलमान के साथ जो हो रहा है, आपका दिल तो टूटता ही है। पीएम मोदी सिर्फ हिंदू के ही प्रधानमंत्री नहीं, सभी के प्रधानमंत्री हैं। कश्मीर में जो छह साल से चल रहा है, मैं यकीनन काफी निराश हूं।

रूस नहीं जाएंगे पीएम मोदी, पाकिस्तान से तनाव के बीच रद्द किया दौरा, विक्ट्री डे परेड में नहीं होंगे शामिल

#pmmoditoskiprussiavictoryday_celebrations

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान खौफ में है कि भारत की तरफ से हमले किए जा सकते हैं। इधर, दिल्ली में पीएम मोदी लगातार बैठकें कर रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत आतंकवाद पर बड़े एक्शन की तैयारी में है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस दौरा रद्द हो गया है। पीएम मोदी को 9 मई को मॉस्को में आयोजित विजय दिवस समारोह में शामिल होना था। लेकिन अब वे विक्ट्री डे परेड में शामिल नहीं होंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ये जानकारी दी है।

अब कौन करेगा भारत का प्रतिनिधित्व?

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अगले महीने मॉस्को में आयोजित होने वाले विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल नहीं होंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भले ही उपस्थित नहीं होंगे, लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व एक अलग राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के जरिए किया जाएगा।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की जगह कौन इस समारोह में शामिल होंगे। वहीं, स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 9 मई के कार्यक्रम में पीएम मोदी की जगह भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा फैसला

पहलगाम अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को उनके आवास पर हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस की बैठक हुई। यह महत्वपूर्ण बैठक 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। राष्ट्रीय सुरक्षा पर निर्णय लेने वाली शीर्ष समिति की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर दूसरी बार बुलाई गई थी। इससे पहले 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक हुई थी, जिसमें आतंकी हमले की निंदा की गई थी।

जर्मनी पर विजय का जश्न

बता दें कि रूस नौ मई को द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर विजय का जश्न मनाता है और इस वर्ष उसने 80वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेने के लिए चुनिंदा मित्र देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। पुतिन ने इस खास मौके के लिए अपने मित्र नरेन्द्र मोदी को भी न्योता भेजा था। उस समय रूस के उपविदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको ने बताया था कि इस जश्न के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण भेजा जा चुका है। हालांकि, अब जानकारी मिल रही कि पीएम मोदी मॉस्को में होने वाले विक्ट्री डे परेड में शामिल नहीं होंगे।