फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मास्टरमाइंड है मौलवी इमरान, डॉक्टर्स का किया माइंडवॉश, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम में हुए एक कार विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। इस बीच मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। अब तक की जांच से यह पता चला है कि इस विस्फोट का संबंध सोमवार को ही पकड़े गए फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मॉड्यूल का फंडाफोड़ किया है। इस मॉड्यूल में कई डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। अब एक बड़ा सवाल ये है कि लोगों की जिंदगियां बचाने वाले डॉक्टर्स कैसे जानलेवा हो गए?
लाल किले के पास हुए कार धमाके से कुछ घंटे पहले हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इस मॉड्यूल में कई डॉक्टरों के शामिल होने के कारण इसे व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल कहा गया है। दिल्ली बम विस्फोट की जांच में अब यह खुलासा हुआ है कि इस मॉड्यूल के पीछे असली दिमाग मौलवी इरफान अहमद का था। जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई में इस शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
डॉक्टर्स का माइंडवॉश कर बनाया कट्टरपंथी
जम्मू-कश्मीर के शोपियां का रहने वाला मौलवी इरफान कथित तौर पर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल चला रहा था। यह मेडिकल छात्रों और युवा डॉक्टरों को निशाना बनाता था। सोमवार को नई दिल्ली में हुए कार विस्फोट से कुछ घंटे पहले फरीदाबाद में पकड़े गए नेटवर्क से भी इसका लिंक है। माना जा रहा है कि डॉक्टर्स का माइंडवॉश करके उन्हें कट्टरपंथी बनाने में इसका अहम रोल है।
जैश-ए-मोहम्मद से प्रेरित था मौलवी
खुफिया सूत्रों के अनुसार, मौलवी इरफान ने फरीदाबाद मॉड्यूल के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथी बनाया था। वह पहले श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ़ था और छात्रों से लगातार संपर्क में था। इसके अलावा, वह नौगाम मस्जिद का इमाम भी रह चुका है। सूत्रों के अनुसार, मौलवी इरफान जैश-ए-मोहम्मद से प्रेरित था और छात्रों को इसके वीडियो दिखाता था वह टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से जैश-ए-मोहम्मद का प्रचार करता था।
ऐसे मौलवी तक पहुंची पुलिस
19 अक्टूबर को बनपोरा नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर सामने आने के बाद जांच शुरू हुई, जिनमें पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी दी गई थी। नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पत्थरबाज़ों का इतिहास रखने वाले तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। उन्होंने पूछताछ में पुलिस को मौलवी इरफान अहमद तक पहुंचाया। उनकी सूचना के आधार पर डॉ. अदील अहमद और शोपियां के मौलवी से जुड़े ज़मीर अहंगर को गिरफ़्तार किया गया।















4 hours ago
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