जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगा इंडिया गठबंधन, जानें क्या है मामला?

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मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्षी इंडी गठबंधन ने मोर्चा खोल दिया है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की पूरी तैयारी हो गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया है।

जस्टिस स्वामीनाथन पर ये आरोप

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को विपक्ष ने जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का जो नोटिस दिया है,उसमें उनपर 'मिसकंडक्ट' का आरोप लगाया गया है। लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी सांसदों के नोटिस में जज की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष व्यवहार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष की यह भी शिकायत है कि जज का बर्ताव एक विशेष समुदाय के सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट के प्रति 'पक्षपातपूर्ण' रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जस्टिस स्वामीनाथन से तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके इस बात से नाराज है कि उन्होंने न सिर्फ एक मंदिर से जुड़े कथित विवादित स्थल पर परंपरागत दीपक प्रज्वलन का आदेश दिया, बल्कि आदेश तामील नहीं होने पर श्रद्धालुओं को खुद ही दीपक जलाने की अनुमति दे दी और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर दी।

क्या है मामला?

यह कदम थिरुपरनकुंद्रम में पहाड़ी के ऊपर पारंपरिक कार्तिगाई दीपम दीपक जलाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच उठाया गया है. थिरुपरनकुंद्रम एक मंदिर और पास में ही एक दरगाह वाला स्थल है। इस विवाद के पीछे की वजह एक आदेश है जिसमें जस्टिस स्वामीनाथन ने मदुरै जिले के थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ियों पर एक मंदिर में पारंपरिक कार्यक्रम कार्तिगई दीपम जलाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस पारंपरिक अनुष्ठान से दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का किसी तरह से कोई उल्लंघन नहीं होगा लेकिन तमिलनाडु सरकार ने कानून और व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया था। डीएमके का कहना है कि जज के ऐसे आदेश से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

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अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।

आईआईटी-ISM धनबाद के 100वें स्थापना दिवस पर गौतम अडानी का संदेश: भारत को महाशक्ति बनाने के लिए युवाओं को दिया मंत्र

देश के प्राचीन और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (ISM) धनबाद ने अपने 100वें स्थापना दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों को करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की महाशक्ति बनने की राह के बारे में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

गौतम अडानी ने कहा कि भारत को अपनी तकदीर खुद लिखनी होगी और इसके लिए सबसे पहले उसे अपनी जमीन और संसाधनों को पूरी तरह समझना और नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यदि भारत की जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर उसका पूरा अधिकार नहीं होगा तो वह कभी पूर्ण रूप से संप्रभु नहीं बन सकता। अडानी ने यह स्पष्ट किया कि जमीन पर कब्जा हो तो उसी की ऊर्जा पर भी कब्जा होता है, और ऊर्जा पर नियंत्रण ही संप्रभुता की कुंजी है।

अडानी ने आईआईटी-ISM धनबाद के 1926 में स्थापना के समय की दूरदर्शिता का महत्व बताते हुए कहा कि उस दौर में देश में स्वतंत्रता की आंधी के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने भविष्य को देखते हुए खनन और भू-वैज्ञानिक इंजीनियरों की जरूरत को पहचाना था। उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट जैसे संसाधन भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, और आज ये संसाधन भारत को विश्व में महाशक्ति बनाने की आधारशिला होंगे।

विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर अडानी ने कहा कि पुराना वैश्विक व्यापार और सहयोग ढांचा टूट रहा है। अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे शक्तिशाली देश अब अपनी घरेलू सुरक्षा और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मिट्टी जैसे संसाधनों की महत्त्वपूर्ण लड़ाई छिड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस नए परिवर्तन को समझकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और संसाधनों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।

गौतम अडानी ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इतिहास को कभी कैनवास नहीं समझना चाहिए, जिस पर कोई और अपनी मर्जी से तस्वीर बनाए। इतिहास को आईना बनाना चाहिए, जिससे अपने अतीत को समझकर भविष्य खुद बनाया जा सके। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी धरती की ताकत को पहचानें और उस पर पूरा हक जमाएं।

अखिर में उन्होंने संस्थान के छात्रों को याद दिलाया कि वे उस धरती पर अध्ययन कर रहे हैं जहां देश के 70 प्रतिशत से अधिक कोयला खदानें, लौह अयस्क, यूरेनियम और दुर्लभ खनिज मौजूद हैं। वे सिर्फ इंजीनियर नहीं, बल्कि उस टीम के हिस्से हैं जो आने वाले 50 वर्षों तक भारत की ऊर्जा और संप्रभुता की नींव रखेगी। अडानी ने इस काम को केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का महान कार्य बताया।

इस प्रकार, गौतम अडानी ने आईआईटी-ISM के शताब्दी समारोह के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर देश के ऊर्जा और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, जिससे भारत अपने महाशक्ति बनने के सपने को साकार कर सके।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

Neck Pain Treatment with Homeopathy in Hyderabad

Discover effective and holistic relief for neck pain with homeopathy in Hyderabad. Learn symptoms, causes, and how spiritual healing brings long-term comfort.

Neck pain has become one of the most common health concerns in today’s fast-paced lifestyle. Long working hours, continuous mobile usage, poor posture, stress, and sudden injuries often lead to stiffness, discomfort, and reduced mobility. Many individuals experience radiating pain to the shoulders, upper back, or arms, which affects sleep, productivity, and overall quality of life. Understanding the underlying cause is the first step in finding long-term relief.

Symptoms of neck pain vary from mild stiffness to severe, sharp pain. Some individuals experience headaches, tingling sensations, muscle tightness, or difficulty turning the head. Common causes include muscle strain, cervical spondylosis, disc issues, whiplash injuries, bad posture, stress-related muscle tightening, and repetitive movements. Ignoring early symptoms can worsen the condition over time, leading to chronic discomfort.

Homeopathy in Hyderabad offers a holistic and gentle approach to managing neck pain by focusing on the root cause rather than temporary relief. Instead of just addressing the physical symptoms, homeopathy considers emotional stress, lifestyle habits, and individual health patterns. This personalized method helps reduce inflammation, improve mobility, and strengthen the body’s natural healing ability. With regular treatment and supportive lifestyle changes, patients often experience long-term improvement without side effects.

Spiritual Homeopathy plays an essential role in providing dedicated care for neck pain. With an expert team, advanced case-taking methods, and a patient-centered treatment approach, the clinic focuses on delivering effective and sustainable results. Spiritual Homeopathy aims to help patients restore comfort, improve flexibility, and return to daily activities with confidence. Their holistic guidance ensures overall well-being and enhanced quality of life.

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सोनिया गांधी को कोर्ट ने जारी किया नोटिस, दिल्ली पुलिस से भी मांगा जवाब, जानें क्या है मामला

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दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कथित रूप से बिना भारतीय नागरिकता लिए वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है।

राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया गया था। आरोप है कि सोनिया गांधी ने वर्ष 1980 में कथित रूप से अपने नाम को मतदाता सूची में शामिल कराया था। यह याचिका अधिवक्ता विकस त्रिपाठी ने दायर की है।

नागरिकता मिलने से पहले मतदाता सूची में नाम!

वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर कर आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी को 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता मिली, लेकिन इसके तीन साल पहले यानी 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम पहले से मौजूद था। याचिकाकर्ता का कहना है कि मतदाता सूची में नाम केवल उन्हीं का शामिल हो सकता है, जिनके पास भारतीय नागरिकता हो, इसलिए 1980 की लिस्ट में एंट्री अपने आप में संदेह पैदा करती है।

फर्जी कागज के इस्तेमाल का अंदेशा

सवाल उठाया गया है कि जब वह भारतीय नागरिक नहीं थीं, तब 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे जोड़ा गया। याचिकाकर्ता ने पूछा है कि 1980 में उनका नाम जोड़ने के लिए कौन से दस्तावेज दिए गए थे और क्या कोई गलत या फर्जी कागज इस्तेमाल किए गए थे।

सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग

दरअसल पिछले दिनों SIR को लेकर जारी विवाद के बीच ऐसे दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले कथित रूप से मतदाता सूची यानी इलेक्टोरल रोल में दर्ज था। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए और अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

कानून नियम जरूरी, लेकिन किसी को परेशानी न हो...इंडिगो संकट के बीच पीएम मोदी का बड़ा बयान

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को यात्रियों को पिछले कुछ समय से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। करीब एक हफ्ते में इसकी 4,500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिगो संकट पर बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा है कि नियम-कानून बनाने का मकसद सिस्टम को बेहतर करना होना चाहिए, न कि आम नागरिकों को परेशान करना।

पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों की बैठक के दौरान इंडिगो संकट पर ये बात कही।संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज संसद परिसर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल दलों के सांसदों की बैठक हुई।

सांसदों से सभी क्षेत्रों में सुधार का आह्वान

एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, आज की बैठक में बिहार चुनावों में एनडीए की जीत के लिए सभी एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को बधाई दी। पीएम मोदी ने सभी एनडीए सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए काम करने का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने जनता के जीवन को आसान बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में सुधार करने पर जोर दिया कि उन्हें कोई समस्या न हो।

कानून लोगों पर बोझ नहीं बने

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी ऐसा कानून, नियम नहीं होना चाहिए, जो बिना मतलब नागरिकों को परेशान करें। कानून लोगों पर बोझ नहीं बल्कि उनकी सुविधा के लिए होना चाहिए। पीएम ने कहा कि कानूनों से लोगों की मदद होनी चाहिए। उन्होंने सांसदों से युवाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

बड़े एयरपोर्ट्स का जायजा लेंगे बड़े अधिकारी

इधर, इंडिगो एयरलाइन की वजह से हवाई अड्डों पर यात्रियों को हो रही भारी दिक्कतों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी जैसे बड़े अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे जल्द ही देश के बड़े हवाई अड्डों पर जाकर जमीनी हकीकत का जायजा लें। ये अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम जैसे हवाई अड्डों का दौरा करेंगे। इसका मकसद यह समझना है कि यात्रियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अवैध खनन पर सख्त पहरा : 5000 वाहनों की जांच, 1.5 करोड़ से अधिक अर्थदण्ड
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने प्रदेशभर में अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। अभियान के दौरान पिछले तीन दिनों में 5000 से अधिक खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई। इनमें से करीब 400 वाहनों में नियमों का उल्लंघन पाया गया, जिन पर विभाग ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का अर्थदंड लगाया है। साथ ही इस दौरान 7 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।

किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न होने दी जाए

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित विशेष प्रवर्तन अभियान की समीक्षा करते हुए सचिव एवं निदेशक माला श्रीवास्तव ने अन्तर्राज्यीय सीमावर्ती जिलों को कड़े एवं स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से उपखनिजों का परिवहन केवल आईएसटीपी (ISTP) के साथ ही सुनिश्चित किया जाए। उन्होने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न होने दी जाए।Source Point पर लोडिंग मानकों का पूर्ण अनुपालन कराया जाए।अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग की रोकथाम हेतु स्थापित आई ओ टी आधारित पी टी जेड एवं ए एन पी आर कैमरा युक्त चेकगेट्स को 24×7 सक्रिय रखा जाए।

5000 से अधिक उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शासन की मंशा के अनुरूप कठोर, सतत एवं प्रभावी प्रवर्तन ही विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।बताया गया कि प्रदेश में अवैध खनन, अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग पर पूर्ण नियंत्रण के उद्देश्य से भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा संचालित विशेष अभियान के तहत विगत तीन दिनों में 5000 से अधिक उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई।जांच में अधिकांश वाहन आवश्यक परिवहन प्रपत्रों के साथ पाए गए, लगभग 400 वाहनों पर अवैध परिवहन/ओवरलोडिंग पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए रू1.5 करोड़ से अधिक का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया।

अभियान के दौरान 07 एफआईआर भी दर्ज कराई गई

अभियान के दौरान 07 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।सोनभद्र मे 54,मीरजापुर मे 23,जालौन मे 32, बलिया मे 21,गोरखपुर 15 वाहनों पर व शेष अन्य जनपदों के 255 वाहनों, कुल लगभग 400 वाहनों पर नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। इस अभियान के सफल संचालन हेतु विशेष सचिव/अपर निदेशक अरुण कुमार द्वारा सभी टीमों को निर्देश दिया गया कि अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी प्रवर्तन लगातार एवं कठोरता से संचालित रहे और किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए।
एमएलसी जास मीर अंसारी ने छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
लहरपुर सीतापुर नगर की प्रमुख शैक्षणिक संस्था एस आर पब्लिक स्कूल का पुरस्कार वितरण समारोह  सोमवार को विद्यालय परिसर में संपन्न।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सदस्य विधान परिषद मोहम्मद जास मीर अंसारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। ज्ञातव्य है कि विगत  शनिवार को विद्यालय के संपन्न हुए वार्षिकोत्सव  में प्रतिभाग  व उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं व शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि एमएलसी जास मीर अंसारी ने कहा कि शिक्षा दुनिया की सबसे बड़ी नियामत है इसको हासिल करके जहां हम अपने व्यक्तित्व का विकास करते हैं वहीं शिक्षित व्यक्ति एक अच्छे समाज का निर्माण करता है, उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने वाले बच्चे अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं लेकिन जिन्हें पुरस्कार नहीं मिला है उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है वह आने वाले कल में इनसे बेहतर करके, इससे बेहतर सम्मान हासिल कर सकते हैं उन्होंने इस मौके पर 150 छात्र छात्राओं को शील्ड, मेडल व उपहार देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक प्रमोद मिश्रा, कोषाध्यक्ष रानी रमा मिश्रा , प्रधानाचार्य अनुपम श्रीवास्तव द्वारा सभी सम्मानित अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को पंकज शुक्ला,अरुण सिंह आचार्य,शोभित मिश्रा ने भी संबोधित किया। विद्यालय की छात्रा आस्था अवस्थी व इरम फातिमा ने स्वागत गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक प्रदीप कश्यप ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से विद्यालय संरक्षक पुत्तन कपूर, हरीश रस्तोगी,विशाल कपूर, डॉ प्रदीप निगम, सईद, पूर्व सभासद नौशाद, मिंटू अंसारी सहित विद्यालय के अध्यापक अध्यापिकाएं छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित थे।
CM सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट के 28 अहम फैसले: ₹2,450 प्रति क्विंटल धान खरीद को मंजूरी

ग्रामीण अवसंरचना को बढ़ावा; रांची में ₹470 करोड़ का फ्लाईओवर; दो नए डिग्री कॉलेज को प्रशासनिक स्वीकृति

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज (08 दिसंबर 2025) झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और किसान कल्याण से संबंधित 28 महत्वपूर्ण निर्णयों को स्वीकृति दी गई।

किसान कल्याण एवं धान खरीद पर बड़ा फैसला

किसानों से किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में सरकार ने सबसे बड़ा फैसला लिया है:

धान अधिप्राप्ति योजना: खरीफ विपणन मौसम 2025-26 एवं आगामी वर्षों के लिए 'झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना' को स्वीकृति दी गई।

बोनस और MSP: धान के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को बोनस की राशि को स्वीकृति दी गई। इसके लिए ₹48.60 करोड़ स्वीकृत किए गए।

अंतिम दर: न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस दोनों मिलाकर ₹2,450 प्रति क्विंटल धान अधिप्राप्ति की दर निर्धारित किए जाने की स्वीकृति दी गई।

प्रमुख सड़क एवं फ्लाईओवर परियोजनाओं को स्वीकृति

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़ी राशि की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई:

रांची फ्लाईओवर: सिरमटोली चौक-राजेंद्र चौक-मेकॉन गोलचक्कर (2.34 किमी) पर चार लेन फ्लाईओवर/एलिवेटेड रोड सह आरओबी निर्माण कार्य के लिए ₹470.12 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति।

गुमला पथ: बांकुटोली-कुरकुरा बानो पथ (33.568 किमी) के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण हेतु ₹140.51 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

गोड्डा पथ: घाटबंका से देवडांड़ वाया संदमारा (17.808 किमी) के चौड़ीकरण हेतु ₹127.54 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

साहेबगंज पथ: दिग्धी मोड़ से मालिन रिसौड़ मोड़ (8.176 किमी) के चौड़ीकरण हेतु ₹61.57 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डालटनगंज सेतु: डालटनगंज से चैनपुर पथ में नॉर्थ कोयल नदी पर उच्चस्तरीय सेतु निर्माण हेतु ₹64.06 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

शिक्षा एवं नियुक्ति

शिक्षा के क्षेत्र में और कोर्ट के आदेश के अनुपालन में महत्वपूर्ण निर्णय:

नए डिग्री कॉलेज:

नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के अंतर्गत बालूमाथ, लातेहार में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण हेतु ₹38.82 करोड़ की स्वीकृति।

विनोबाभावे विश्वविद्यालय के अंतर्गत सिमरिया, चतरा में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण हेतु ₹34.62 करोड़ की स्वीकृति।

संस्कृत महाविद्यालय: सम्बद्धता प्राप्त उपशास्त्री (इंटर) और शास्त्री स्तर (स्नातक) के संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम, छठा एवं सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति।

RIMS प्रोन्नति: रिम्स, रांची के अधीन कार्यरत सरकारी सह-प्राध्यापकों को प्राध्यापक के पद पर दिनांक 01.07.2019 के प्रभाव से प्रोन्नति।

होमियोपैथिक इंटर्नी: राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, गोड्डा के इंटर्नी छात्र-छात्राओं के मासिक वृत्तिका (स्टाइपेंड) राशि में वृद्धि।

प्रोत्साहन योजना: "मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना" में संशोधन को स्वीकृति।

प्रशासनिक एवं अन्य निर्णय

अवकाश: वर्ष 2026 में झारखंड सरकार के सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों तथा बैंकों में सार्वजनिक एवं अन्य अवकाश घोषित करने की स्वीकृति।

बांध सुरक्षा: केंद्र सरकार के बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के तहत राज्य में State Committee on Dam Safety (SCDS) के पुनर्गठन की स्वीकृति।

गिद्ध संरक्षण: गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, मुटा के संचालन हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक और Bombay Natural History Society (BNHS) के बीच MoU का अनुमोदन।

NTPC को लीज: बादम कोयला खनन परियोजना हेतु NTPC Ltd. के साथ हजारीबाग के बड़कागांव अंचल की कुल 94.535 एकड़ गैरमजरूआ खास एवं आम भूमि की 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती को स्वीकृति।

सेवा नियमितीकरण: माननीय न्यायालयों के आदेश के अनुपालन में बुकेश्वर हाँसदा एवं अन्य, वंदना भारती, सुषमा बड़ाईक, नीरा कुमारी, स्व. राम बहादुर मोची तथा डॉ. पुष्पलता से संबंधित सेवा नियमितीकरण, नियुक्ति तिथि संशोधन एवं वित्तीय लाभ प्रदान करने को स्वीकृति दी गई।

जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगा इंडिया गठबंधन, जानें क्या है मामला?

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मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्षी इंडी गठबंधन ने मोर्चा खोल दिया है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की पूरी तैयारी हो गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया है।

जस्टिस स्वामीनाथन पर ये आरोप

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को विपक्ष ने जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का जो नोटिस दिया है,उसमें उनपर 'मिसकंडक्ट' का आरोप लगाया गया है। लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी सांसदों के नोटिस में जज की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष व्यवहार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष की यह भी शिकायत है कि जज का बर्ताव एक विशेष समुदाय के सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट के प्रति 'पक्षपातपूर्ण' रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जस्टिस स्वामीनाथन से तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके इस बात से नाराज है कि उन्होंने न सिर्फ एक मंदिर से जुड़े कथित विवादित स्थल पर परंपरागत दीपक प्रज्वलन का आदेश दिया, बल्कि आदेश तामील नहीं होने पर श्रद्धालुओं को खुद ही दीपक जलाने की अनुमति दे दी और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर दी।

क्या है मामला?

यह कदम थिरुपरनकुंद्रम में पहाड़ी के ऊपर पारंपरिक कार्तिगाई दीपम दीपक जलाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच उठाया गया है. थिरुपरनकुंद्रम एक मंदिर और पास में ही एक दरगाह वाला स्थल है। इस विवाद के पीछे की वजह एक आदेश है जिसमें जस्टिस स्वामीनाथन ने मदुरै जिले के थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ियों पर एक मंदिर में पारंपरिक कार्यक्रम कार्तिगई दीपम जलाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस पारंपरिक अनुष्ठान से दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का किसी तरह से कोई उल्लंघन नहीं होगा लेकिन तमिलनाडु सरकार ने कानून और व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया था। डीएमके का कहना है कि जज के ऐसे आदेश से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

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अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।

आईआईटी-ISM धनबाद के 100वें स्थापना दिवस पर गौतम अडानी का संदेश: भारत को महाशक्ति बनाने के लिए युवाओं को दिया मंत्र

देश के प्राचीन और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (ISM) धनबाद ने अपने 100वें स्थापना दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों को करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की महाशक्ति बनने की राह के बारे में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

गौतम अडानी ने कहा कि भारत को अपनी तकदीर खुद लिखनी होगी और इसके लिए सबसे पहले उसे अपनी जमीन और संसाधनों को पूरी तरह समझना और नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यदि भारत की जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर उसका पूरा अधिकार नहीं होगा तो वह कभी पूर्ण रूप से संप्रभु नहीं बन सकता। अडानी ने यह स्पष्ट किया कि जमीन पर कब्जा हो तो उसी की ऊर्जा पर भी कब्जा होता है, और ऊर्जा पर नियंत्रण ही संप्रभुता की कुंजी है।

अडानी ने आईआईटी-ISM धनबाद के 1926 में स्थापना के समय की दूरदर्शिता का महत्व बताते हुए कहा कि उस दौर में देश में स्वतंत्रता की आंधी के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने भविष्य को देखते हुए खनन और भू-वैज्ञानिक इंजीनियरों की जरूरत को पहचाना था। उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट जैसे संसाधन भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, और आज ये संसाधन भारत को विश्व में महाशक्ति बनाने की आधारशिला होंगे।

विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर अडानी ने कहा कि पुराना वैश्विक व्यापार और सहयोग ढांचा टूट रहा है। अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे शक्तिशाली देश अब अपनी घरेलू सुरक्षा और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मिट्टी जैसे संसाधनों की महत्त्वपूर्ण लड़ाई छिड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस नए परिवर्तन को समझकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और संसाधनों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।

गौतम अडानी ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इतिहास को कभी कैनवास नहीं समझना चाहिए, जिस पर कोई और अपनी मर्जी से तस्वीर बनाए। इतिहास को आईना बनाना चाहिए, जिससे अपने अतीत को समझकर भविष्य खुद बनाया जा सके। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी धरती की ताकत को पहचानें और उस पर पूरा हक जमाएं।

अखिर में उन्होंने संस्थान के छात्रों को याद दिलाया कि वे उस धरती पर अध्ययन कर रहे हैं जहां देश के 70 प्रतिशत से अधिक कोयला खदानें, लौह अयस्क, यूरेनियम और दुर्लभ खनिज मौजूद हैं। वे सिर्फ इंजीनियर नहीं, बल्कि उस टीम के हिस्से हैं जो आने वाले 50 वर्षों तक भारत की ऊर्जा और संप्रभुता की नींव रखेगी। अडानी ने इस काम को केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का महान कार्य बताया।

इस प्रकार, गौतम अडानी ने आईआईटी-ISM के शताब्दी समारोह के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर देश के ऊर्जा और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, जिससे भारत अपने महाशक्ति बनने के सपने को साकार कर सके।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

Neck Pain Treatment with Homeopathy in Hyderabad

Discover effective and holistic relief for neck pain with homeopathy in Hyderabad. Learn symptoms, causes, and how spiritual healing brings long-term comfort.

Neck pain has become one of the most common health concerns in today’s fast-paced lifestyle. Long working hours, continuous mobile usage, poor posture, stress, and sudden injuries often lead to stiffness, discomfort, and reduced mobility. Many individuals experience radiating pain to the shoulders, upper back, or arms, which affects sleep, productivity, and overall quality of life. Understanding the underlying cause is the first step in finding long-term relief.

Symptoms of neck pain vary from mild stiffness to severe, sharp pain. Some individuals experience headaches, tingling sensations, muscle tightness, or difficulty turning the head. Common causes include muscle strain, cervical spondylosis, disc issues, whiplash injuries, bad posture, stress-related muscle tightening, and repetitive movements. Ignoring early symptoms can worsen the condition over time, leading to chronic discomfort.

Homeopathy in Hyderabad offers a holistic and gentle approach to managing neck pain by focusing on the root cause rather than temporary relief. Instead of just addressing the physical symptoms, homeopathy considers emotional stress, lifestyle habits, and individual health patterns. This personalized method helps reduce inflammation, improve mobility, and strengthen the body’s natural healing ability. With regular treatment and supportive lifestyle changes, patients often experience long-term improvement without side effects.

Spiritual Homeopathy plays an essential role in providing dedicated care for neck pain. With an expert team, advanced case-taking methods, and a patient-centered treatment approach, the clinic focuses on delivering effective and sustainable results. Spiritual Homeopathy aims to help patients restore comfort, improve flexibility, and return to daily activities with confidence. Their holistic guidance ensures overall well-being and enhanced quality of life.

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सोनिया गांधी को कोर्ट ने जारी किया नोटिस, दिल्ली पुलिस से भी मांगा जवाब, जानें क्या है मामला

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दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कथित रूप से बिना भारतीय नागरिकता लिए वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है।

राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया गया था। आरोप है कि सोनिया गांधी ने वर्ष 1980 में कथित रूप से अपने नाम को मतदाता सूची में शामिल कराया था। यह याचिका अधिवक्ता विकस त्रिपाठी ने दायर की है।

नागरिकता मिलने से पहले मतदाता सूची में नाम!

वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर कर आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी को 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता मिली, लेकिन इसके तीन साल पहले यानी 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम पहले से मौजूद था। याचिकाकर्ता का कहना है कि मतदाता सूची में नाम केवल उन्हीं का शामिल हो सकता है, जिनके पास भारतीय नागरिकता हो, इसलिए 1980 की लिस्ट में एंट्री अपने आप में संदेह पैदा करती है।

फर्जी कागज के इस्तेमाल का अंदेशा

सवाल उठाया गया है कि जब वह भारतीय नागरिक नहीं थीं, तब 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे जोड़ा गया। याचिकाकर्ता ने पूछा है कि 1980 में उनका नाम जोड़ने के लिए कौन से दस्तावेज दिए गए थे और क्या कोई गलत या फर्जी कागज इस्तेमाल किए गए थे।

सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग

दरअसल पिछले दिनों SIR को लेकर जारी विवाद के बीच ऐसे दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले कथित रूप से मतदाता सूची यानी इलेक्टोरल रोल में दर्ज था। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए और अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

कानून नियम जरूरी, लेकिन किसी को परेशानी न हो...इंडिगो संकट के बीच पीएम मोदी का बड़ा बयान

#pmnarendramodibigstatementonindigo_crisis

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को यात्रियों को पिछले कुछ समय से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। करीब एक हफ्ते में इसकी 4,500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिगो संकट पर बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा है कि नियम-कानून बनाने का मकसद सिस्टम को बेहतर करना होना चाहिए, न कि आम नागरिकों को परेशान करना।

पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों की बैठक के दौरान इंडिगो संकट पर ये बात कही।संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज संसद परिसर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल दलों के सांसदों की बैठक हुई।

सांसदों से सभी क्षेत्रों में सुधार का आह्वान

एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, आज की बैठक में बिहार चुनावों में एनडीए की जीत के लिए सभी एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को बधाई दी। पीएम मोदी ने सभी एनडीए सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए काम करने का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने जनता के जीवन को आसान बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में सुधार करने पर जोर दिया कि उन्हें कोई समस्या न हो।

कानून लोगों पर बोझ नहीं बने

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी ऐसा कानून, नियम नहीं होना चाहिए, जो बिना मतलब नागरिकों को परेशान करें। कानून लोगों पर बोझ नहीं बल्कि उनकी सुविधा के लिए होना चाहिए। पीएम ने कहा कि कानूनों से लोगों की मदद होनी चाहिए। उन्होंने सांसदों से युवाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

बड़े एयरपोर्ट्स का जायजा लेंगे बड़े अधिकारी

इधर, इंडिगो एयरलाइन की वजह से हवाई अड्डों पर यात्रियों को हो रही भारी दिक्कतों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी जैसे बड़े अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे जल्द ही देश के बड़े हवाई अड्डों पर जाकर जमीनी हकीकत का जायजा लें। ये अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम जैसे हवाई अड्डों का दौरा करेंगे। इसका मकसद यह समझना है कि यात्रियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अवैध खनन पर सख्त पहरा : 5000 वाहनों की जांच, 1.5 करोड़ से अधिक अर्थदण्ड
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने प्रदेशभर में अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। अभियान के दौरान पिछले तीन दिनों में 5000 से अधिक खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई। इनमें से करीब 400 वाहनों में नियमों का उल्लंघन पाया गया, जिन पर विभाग ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का अर्थदंड लगाया है। साथ ही इस दौरान 7 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।

किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न होने दी जाए

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित विशेष प्रवर्तन अभियान की समीक्षा करते हुए सचिव एवं निदेशक माला श्रीवास्तव ने अन्तर्राज्यीय सीमावर्ती जिलों को कड़े एवं स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से उपखनिजों का परिवहन केवल आईएसटीपी (ISTP) के साथ ही सुनिश्चित किया जाए। उन्होने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न होने दी जाए।Source Point पर लोडिंग मानकों का पूर्ण अनुपालन कराया जाए।अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग की रोकथाम हेतु स्थापित आई ओ टी आधारित पी टी जेड एवं ए एन पी आर कैमरा युक्त चेकगेट्स को 24×7 सक्रिय रखा जाए।

5000 से अधिक उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शासन की मंशा के अनुरूप कठोर, सतत एवं प्रभावी प्रवर्तन ही विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।बताया गया कि प्रदेश में अवैध खनन, अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग पर पूर्ण नियंत्रण के उद्देश्य से भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा संचालित विशेष अभियान के तहत विगत तीन दिनों में 5000 से अधिक उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई।जांच में अधिकांश वाहन आवश्यक परिवहन प्रपत्रों के साथ पाए गए, लगभग 400 वाहनों पर अवैध परिवहन/ओवरलोडिंग पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए रू1.5 करोड़ से अधिक का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया।

अभियान के दौरान 07 एफआईआर भी दर्ज कराई गई

अभियान के दौरान 07 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।सोनभद्र मे 54,मीरजापुर मे 23,जालौन मे 32, बलिया मे 21,गोरखपुर 15 वाहनों पर व शेष अन्य जनपदों के 255 वाहनों, कुल लगभग 400 वाहनों पर नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। इस अभियान के सफल संचालन हेतु विशेष सचिव/अपर निदेशक अरुण कुमार द्वारा सभी टीमों को निर्देश दिया गया कि अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी प्रवर्तन लगातार एवं कठोरता से संचालित रहे और किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए।
एमएलसी जास मीर अंसारी ने छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
लहरपुर सीतापुर नगर की प्रमुख शैक्षणिक संस्था एस आर पब्लिक स्कूल का पुरस्कार वितरण समारोह  सोमवार को विद्यालय परिसर में संपन्न।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सदस्य विधान परिषद मोहम्मद जास मीर अंसारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। ज्ञातव्य है कि विगत  शनिवार को विद्यालय के संपन्न हुए वार्षिकोत्सव  में प्रतिभाग  व उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं व शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि एमएलसी जास मीर अंसारी ने कहा कि शिक्षा दुनिया की सबसे बड़ी नियामत है इसको हासिल करके जहां हम अपने व्यक्तित्व का विकास करते हैं वहीं शिक्षित व्यक्ति एक अच्छे समाज का निर्माण करता है, उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने वाले बच्चे अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं लेकिन जिन्हें पुरस्कार नहीं मिला है उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है वह आने वाले कल में इनसे बेहतर करके, इससे बेहतर सम्मान हासिल कर सकते हैं उन्होंने इस मौके पर 150 छात्र छात्राओं को शील्ड, मेडल व उपहार देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक प्रमोद मिश्रा, कोषाध्यक्ष रानी रमा मिश्रा , प्रधानाचार्य अनुपम श्रीवास्तव द्वारा सभी सम्मानित अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को पंकज शुक्ला,अरुण सिंह आचार्य,शोभित मिश्रा ने भी संबोधित किया। विद्यालय की छात्रा आस्था अवस्थी व इरम फातिमा ने स्वागत गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक प्रदीप कश्यप ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से विद्यालय संरक्षक पुत्तन कपूर, हरीश रस्तोगी,विशाल कपूर, डॉ प्रदीप निगम, सईद, पूर्व सभासद नौशाद, मिंटू अंसारी सहित विद्यालय के अध्यापक अध्यापिकाएं छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित थे।
CM सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट के 28 अहम फैसले: ₹2,450 प्रति क्विंटल धान खरीद को मंजूरी

ग्रामीण अवसंरचना को बढ़ावा; रांची में ₹470 करोड़ का फ्लाईओवर; दो नए डिग्री कॉलेज को प्रशासनिक स्वीकृति

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज (08 दिसंबर 2025) झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और किसान कल्याण से संबंधित 28 महत्वपूर्ण निर्णयों को स्वीकृति दी गई।

किसान कल्याण एवं धान खरीद पर बड़ा फैसला

किसानों से किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में सरकार ने सबसे बड़ा फैसला लिया है:

धान अधिप्राप्ति योजना: खरीफ विपणन मौसम 2025-26 एवं आगामी वर्षों के लिए 'झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना' को स्वीकृति दी गई।

बोनस और MSP: धान के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को बोनस की राशि को स्वीकृति दी गई। इसके लिए ₹48.60 करोड़ स्वीकृत किए गए।

अंतिम दर: न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस दोनों मिलाकर ₹2,450 प्रति क्विंटल धान अधिप्राप्ति की दर निर्धारित किए जाने की स्वीकृति दी गई।

प्रमुख सड़क एवं फ्लाईओवर परियोजनाओं को स्वीकृति

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़ी राशि की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई:

रांची फ्लाईओवर: सिरमटोली चौक-राजेंद्र चौक-मेकॉन गोलचक्कर (2.34 किमी) पर चार लेन फ्लाईओवर/एलिवेटेड रोड सह आरओबी निर्माण कार्य के लिए ₹470.12 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति।

गुमला पथ: बांकुटोली-कुरकुरा बानो पथ (33.568 किमी) के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण हेतु ₹140.51 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

गोड्डा पथ: घाटबंका से देवडांड़ वाया संदमारा (17.808 किमी) के चौड़ीकरण हेतु ₹127.54 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

साहेबगंज पथ: दिग्धी मोड़ से मालिन रिसौड़ मोड़ (8.176 किमी) के चौड़ीकरण हेतु ₹61.57 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डालटनगंज सेतु: डालटनगंज से चैनपुर पथ में नॉर्थ कोयल नदी पर उच्चस्तरीय सेतु निर्माण हेतु ₹64.06 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

शिक्षा एवं नियुक्ति

शिक्षा के क्षेत्र में और कोर्ट के आदेश के अनुपालन में महत्वपूर्ण निर्णय:

नए डिग्री कॉलेज:

नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के अंतर्गत बालूमाथ, लातेहार में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण हेतु ₹38.82 करोड़ की स्वीकृति।

विनोबाभावे विश्वविद्यालय के अंतर्गत सिमरिया, चतरा में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण हेतु ₹34.62 करोड़ की स्वीकृति।

संस्कृत महाविद्यालय: सम्बद्धता प्राप्त उपशास्त्री (इंटर) और शास्त्री स्तर (स्नातक) के संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम, छठा एवं सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति।

RIMS प्रोन्नति: रिम्स, रांची के अधीन कार्यरत सरकारी सह-प्राध्यापकों को प्राध्यापक के पद पर दिनांक 01.07.2019 के प्रभाव से प्रोन्नति।

होमियोपैथिक इंटर्नी: राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, गोड्डा के इंटर्नी छात्र-छात्राओं के मासिक वृत्तिका (स्टाइपेंड) राशि में वृद्धि।

प्रोत्साहन योजना: "मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना" में संशोधन को स्वीकृति।

प्रशासनिक एवं अन्य निर्णय

अवकाश: वर्ष 2026 में झारखंड सरकार के सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों तथा बैंकों में सार्वजनिक एवं अन्य अवकाश घोषित करने की स्वीकृति।

बांध सुरक्षा: केंद्र सरकार के बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के तहत राज्य में State Committee on Dam Safety (SCDS) के पुनर्गठन की स्वीकृति।

गिद्ध संरक्षण: गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, मुटा के संचालन हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक और Bombay Natural History Society (BNHS) के बीच MoU का अनुमोदन।

NTPC को लीज: बादम कोयला खनन परियोजना हेतु NTPC Ltd. के साथ हजारीबाग के बड़कागांव अंचल की कुल 94.535 एकड़ गैरमजरूआ खास एवं आम भूमि की 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती को स्वीकृति।

सेवा नियमितीकरण: माननीय न्यायालयों के आदेश के अनुपालन में बुकेश्वर हाँसदा एवं अन्य, वंदना भारती, सुषमा बड़ाईक, नीरा कुमारी, स्व. राम बहादुर मोची तथा डॉ. पुष्पलता से संबंधित सेवा नियमितीकरण, नियुक्ति तिथि संशोधन एवं वित्तीय लाभ प्रदान करने को स्वीकृति दी गई।