जिन्हें जनता ने 80 बार नकारा, वो संसद का काम रोक रहे,' पीएम मोदी का विपक्ष पर जोरदार हमला

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आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी मीडिया से रूबरू हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि आज से शीतकालिन सत्र की शुरुआत हो रही है उम्मीद है माहौल भी शीत रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि संसद का ये सत्र कई मामलों में विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। हम चाहते हैं कि संसद में स्वस्थ्य चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में योगदान दें।

प्रधानमंत्री न विपक्ष पर निशाना साधते हुए संसद में चर्चा न होने देने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, जिनको जनता ने अस्वीकार किया है, मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी से सदन को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि को रोकने से सफल होता नहीं। लेकिन उनकी ऐसी हरकतें देखकर जनता उन्हें नकार देती है। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों को 80-90 बार जनता नकार चुकी है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि सबसे ज्यादा पीड़ा की बात ये है कि जो नए सांसद नए विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं। सदन में उनको बोलने का अवसर नहीं मिलता।लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम करना है अगली पीढ़ी को तैयार करें, लेकिन 80-90 बार जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे न संसद में चर्चा होने देते हैं और न ही लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न ही वे लोगों की आकांक्षाओं को समझते हैं। उसका परिणाम है कि वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। इसके चलते जनता को उन्हें बार-बार रिजेक्ट करना पड़ रहा है।'

सदन में एक साथ गांधी परिवार के 3 सदस्‍य, वायनाड से धमाकेदार जीत के बाद भाई-मां के साथ संसद में बैठेंगी प्रियंका

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वायनाड संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने धमाकेदार जीत दर्ज करने के साथ अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की है। इसी के साथ प्रियंका गांधी आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के साथ संसद में एंट्री करेंगी। शीतकालीन सत्र के दौरान गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी भी नजर आएंगी। यह पहला मौका होगा जब प्रियंका एक सांसद के रूप में पार्लियामेंट में प्रवेश करेंगी।

संसद में एक साथ गांधी परिवार के 3 सदस्‍य

प्रियंका गांधी की संसद में एंट्री के साथ अब गांधी परिवार के तीन सदस्‍य लोकतंत्र के मंदिर में पहुंच गए हैं। यह पहला मौका है जब परिवार के तीन सदस्‍य एक साथ सदन में नजर आएंगे। केरल के वायनाड उपचुनाव में उनके निर्वाचन के बाद यह पहली बार है कि संसद में गांधी-नेहरू परिवार तीन सदस्य होंगे। उनके भाई राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तथा मां सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं।

आजादी के बाद से गांधी परिवार के तीन सदस्य कभी एक साथ संसद में नहीं बैठे थे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय भी ऐसा अवसर नहीं आया। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों ही अलग-अलग समय में प्रधानमंत्री रहे थे, लेकिन कभी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में नहीं थे। इस बदलाव ने गांधी परिवार के राजनीतिक महत्व को एक नया आयाम दिया है।

गांधी परिवार की चौथी महिला सांसद

प्रियंका संसद पहुंचने वाली गांधी परिवार की 9वीं सदस्य और चौथी महिला सदस्य हैं। प्रियंका से पहले गांधी परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, मेनका गांधी, वरुण गांधी और राहुल गांधी सियासत में उतर चुके हैं। गांधी परिवार की महिला के तौर पर इससे पहले उनकी दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और चाची मेनका गांधी लोकसभा सांसद चुनी गई थीं।

भाई ने बहन के लिए छोड़ी थी यह सीट

बता दें कि राहुल गांधी ने साल 2004 में कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी से पहला चुनाव लड़ा था। इस सीट से वह तीन बार सांसद चुने गए थे। लेकिन साल 2019 के आम चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने हरा दिया था। 2019 में उन्होंने अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ा था, वह अमेठी से हार गए थे, लेकिन वायनाड से चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीत लिया था। साल 2024 के आम चुनाव में राहुल गांधी ने यूपी की रायबरेली और वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों से जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद, जून में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली संसदीय क्षेत्र रखेंगे और केरल की वायनाड सीट खाली कर देंगे, जहां से प्रियंका लड़ेंगी। इस सीट से राहुल लगातार दो चुनावों में जीते थे। लोकसभा चुनाव में प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका निभाई।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, वक्फ-अडानी और मणिपुर हिंसा से गरमाएगा सदन

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आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है। संसद का यह सत्र बेहद हंगामेदार होने की संभावना है। शीतकालीन सत्र में अडानी और वक्फ संशोधन विधेयक की ही गूंज सुनाई देने के आसार हैं। अडानी समूह को लेकर समय-समय पर सरकार पर निशाना साधते रहे विपक्ष ने रिश्वत प्रकरण सामने आने के बाद और भी हमलावर रुख अपना लिया है। दरअसल, हाल ही में अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में अमेरिका में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। इसे लेकर विपक्ष संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए इतनी आसानी से राजी नहीं होगी।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को इंडिया ब्लॉक की पार्टियों की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में होगी। पार्टी ने एक दिन पहले ही गौतम अडानी से लेकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर अपने इरादे साफ कर चुकी है। अब लोकसभा सेशन से ठीक पहले कांग्रेस संसद में पार्टी के ऑफिस में साढ़े 10 बजे बैठक करने जा रही है। इस बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

वक्फ विधेयक पर और चर्चा की मांग कर रहा विपक्ष

वक्फ विधेयक पर गठित जेपीसी विपक्ष के भारी विरोध के बीच शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करेगी। विपक्ष इस मामले में और चर्चा के लिए कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहा है, जबकि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा है कि अंतिम बैठक संपन्न होने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने इस विधेयक को इसी सत्र में पेश और पारित कराने की योजना बनाई है। चूंकि जेपीसी की सभी बैठकों में हंगामा हुआ है, ऐसे में इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश होने से ले कर विधेयक को पेश करने तक सरकार और विपक्ष के बीच जबर्दस्त सियासी खींचतान होगी।

एक देश एक चुनाव विधेयक सूचीबद्ध नहीं

शीत सत्र के लिए सरकार ने पांच नए विधेयकों समेत कुल 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना विधेयक भी शामिल है। सरकार वक्फ विधेयक को भी इसी सत्र में चर्चा के बाद पारित कराना चाहती है। दस पुराने विधेयकों में आठ लोकसभा तो दो राज्यसभा में लंबित हैं। बहरहाल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित एक देश एक चुनाव से जुड़ा विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। हालांकि, केंद्रीय मंत्रिमंडल इस रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इस सत्र में पंजाब न्यायालय संशोधन, कोस्टल शिपिंग, इंडियन पोर्ट्स विधेयकों को भी सूचीबद्ध किया गया है।

श्रीलंका में दिसानायके की ‘आंधी’, राष्ट्रपति की पार्टी एनपीपी को संसदीय चुनाव में प्रचंड बहुमत

#ruling_npp_heading_for_absolute_majority_in_sri_lanka_parliamentary_poll 

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) ने संसदीय चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की।श्रीलंका के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मलीमावा (कम्पास) चिह्न के तहत चुनाव लड़ने वाली एनपीपी ने 225 सदस्यीय संसद में 113 सीटें हासिल कीं। एनपीपी को 68 लाख यानी कुल वोटिंग के 61 फीसदी वोट मिले हैं।अब यह तय हो गया है कि अनुरा कुमारा दिसानायके की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है और वह आराम से श्रीलंका में सरकार चलाते रहेंगे। इस चुनावी रिजल्ट का मतलब है कि श्रीलंका में वामपंथी सरकार ने जड़ मजबूत कर ली है।

दिसानायके ने भ्रष्टाचार से लड़ने, चुराई गई संपत्तियों को वापस लाने के वादे पर सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। दिसानायके सितंबर में ही 42.31 फीसदी वोट हासिल कर राष्ट्रपति चुने गए थे, लेकिन उनकी पार्टी के पास श्रीलंका की संसद में बहुमत नहीं था। जिसके चलते राष्ट्रपति ने संसद भंग कर समय से पहले चुनाव कराने के आदेश दे दिए थे। राष्ट्रपति चुनाव के बाद संसदीय चुनाव में भी वामपंथी लीडर अनुरा दिसानायके ने साबित कर दिया कि उनका दबदबा कायम है।

शुक्रवार को जारी नतीजों में एनपीपी ने श्रीलंका की संसद की 196 सीटों में से 141 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। इस बीच, साजिथ प्रेमदासा की समागी जना बालवेगया (SJB) 35 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। श्रीलंका चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक काउंटिंग में एनपीपी ने राष्ट्रीय स्तर पर करीब 62% या 68.63 लाख से अधिक वोट हासिल किए हैं। प्रेमदासा की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालावेगया (SJB) को करीब 18 फीसदी, तो वहीं पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समर्थन वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) को महज 4.5 फीसदी वोट मिले हैं।

225 सीटों वाली श्रीलंका की संसद में किसी भी दल को बहुमत के लिए 113 सीटों पर जीत हासिल करनी होती है। इनमें से 196 सीटों पर जीत का फैसला जनता वोटिंग के जरिए होता है, बची हुई 29 सीटों के लिए उम्मीदवार एक नेशनल लिस्ट के जरिए चुने जाते हैं। नेशनल लिस्ट प्रक्रिया के तहत श्रीलंका तमाम सियासी दलों या निर्दलीय समूहों की ओर से कुछ उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी जाती है, बाद में पार्टी या समूह को जनता से मिले वोट के अनुपात में प्रत्येक दल की लिस्ट से उम्मीदवार चुने जाते हैं।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश

#session_of_parliament_25_november_start

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था।

इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश*
#session_of_parliament_25_november_start
18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था। इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
Humanitarian & Social Activist Kamal H. Muhamed adds one more medal to his credentials, wins the 3rd Award in month of September at Kathmandu


Human Rights Activist, Social Worker and Entrepreneur  Kamal H. Muhammad won the International Achievers Award Nepal for Best Social Activist  of the Year 2024.Award was presented by Chief Guest Dr Suhasini Sudan Madame Miss Universe for Humanity ,India in the presence of Shri.Santosh Subedi Chairman NCFC Shri.Amol Ji Bollywood Film Producer  and Shri.Dinesh Khadka Nepal movie actor, few others from film industry personalities and entrepreneurs here at British College Trade Hall  Kathmandu  on 15th September. Ceremonial kick started with Watering Plants initiated as a code of respect on environmental

Kamal H. Muhamed was the only important Awardee invited from India  in addition, the Award Certificates were signed by Honourable Shree Bimal ThakuriJi Minister of Culture Tourism and Finance, Government of Nepal.

On 28th August Kamal H. Muhamed  won Junior Chamber International (JCI) Award  for Humanitarian Puraskaram and the Dada Saheb Phalke International Motivational Award on 24th August for his active efforts in the field of Humanitarian & Social Services .

Shri. Hibi Eden Member of Parliament presented the JCI award was given on the occasion of JCI's 60th anniversary at a ceremony held in Kochi. JCI National President Dr. Rakesh Sharma, Cochin Chapter President Dr. Shabir Iqbal ,Dy Commissioner of Police Kochi Shri Sudarshan IPS and others participated .

Dada Saheb Phalke International Motivation award was given out by Punjabi & Hindi Singer Shri.Baljeet Singh Ji in the presence of Founder & Organiser Shri.A .Bhagat ji in presence of various dignitaries at Mumbai.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS ( Member  United Nations Global Compact) , Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital  Wellmed Trip Mauritius.& Well Wisher of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation)

Kamal H. Muhamed also had written his Autobiography "Daring Prince” ( Truth Revealed). Book was released by his Childhood Classmate Globally fame Spiritual Guide & Philanthropist Dr.Mohanji in the presence of various high profiled dignitaries  on March 23rd 2024 at Adlux Paragon Angamaly Kochi.Muhamed is survived with Wife & 3 Children.

YouTube: Instagram: https://www.instagram.com/kamalonlymerit?igsh=MW52NHI3bXFuZmwxcA==

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

#amit_shah_reacts_on_akhilesh_yadav_in_parliament 

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।

वक्फ एक्ट में बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार, आज संसद में संशोधन बिल कर सकती है पेश

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संसद का मॉनसून सत्र जारी है। आज सत्र का 11वां दिन है। आज मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और बड़ा फैसला हो सकता है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ एक्ट में संसोधन के लिए बिल पेश कर सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। वहीं विपक्ष हंगामा कर सकता है। इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया है। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर हमला बोला है और उनका कहना है कि सरकार जमीन छीनना चाहती है। 

नए संशोधनों का मकसद क्या?

साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है। नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है।

वहीं, लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक पेश करेंगी। इसके अलावा कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गोवा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व को फिर से समायोजित करने के लिए विधेयक पेश करेंगे। राज्यसभा में मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक पेश करेंगे।

जिन्हें जनता ने 80 बार नकारा, वो संसद का काम रोक रहे,' पीएम मोदी का विपक्ष पर जोरदार हमला

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आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी मीडिया से रूबरू हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि आज से शीतकालिन सत्र की शुरुआत हो रही है उम्मीद है माहौल भी शीत रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि संसद का ये सत्र कई मामलों में विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। हम चाहते हैं कि संसद में स्वस्थ्य चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में योगदान दें।

प्रधानमंत्री न विपक्ष पर निशाना साधते हुए संसद में चर्चा न होने देने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, जिनको जनता ने अस्वीकार किया है, मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी से सदन को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि को रोकने से सफल होता नहीं। लेकिन उनकी ऐसी हरकतें देखकर जनता उन्हें नकार देती है। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों को 80-90 बार जनता नकार चुकी है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि सबसे ज्यादा पीड़ा की बात ये है कि जो नए सांसद नए विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं। सदन में उनको बोलने का अवसर नहीं मिलता।लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम करना है अगली पीढ़ी को तैयार करें, लेकिन 80-90 बार जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे न संसद में चर्चा होने देते हैं और न ही लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न ही वे लोगों की आकांक्षाओं को समझते हैं। उसका परिणाम है कि वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। इसके चलते जनता को उन्हें बार-बार रिजेक्ट करना पड़ रहा है।'

सदन में एक साथ गांधी परिवार के 3 सदस्‍य, वायनाड से धमाकेदार जीत के बाद भाई-मां के साथ संसद में बैठेंगी प्रियंका

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वायनाड संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने धमाकेदार जीत दर्ज करने के साथ अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की है। इसी के साथ प्रियंका गांधी आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के साथ संसद में एंट्री करेंगी। शीतकालीन सत्र के दौरान गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी भी नजर आएंगी। यह पहला मौका होगा जब प्रियंका एक सांसद के रूप में पार्लियामेंट में प्रवेश करेंगी।

संसद में एक साथ गांधी परिवार के 3 सदस्‍य

प्रियंका गांधी की संसद में एंट्री के साथ अब गांधी परिवार के तीन सदस्‍य लोकतंत्र के मंदिर में पहुंच गए हैं। यह पहला मौका है जब परिवार के तीन सदस्‍य एक साथ सदन में नजर आएंगे। केरल के वायनाड उपचुनाव में उनके निर्वाचन के बाद यह पहली बार है कि संसद में गांधी-नेहरू परिवार तीन सदस्य होंगे। उनके भाई राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तथा मां सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं।

आजादी के बाद से गांधी परिवार के तीन सदस्य कभी एक साथ संसद में नहीं बैठे थे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय भी ऐसा अवसर नहीं आया। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों ही अलग-अलग समय में प्रधानमंत्री रहे थे, लेकिन कभी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में नहीं थे। इस बदलाव ने गांधी परिवार के राजनीतिक महत्व को एक नया आयाम दिया है।

गांधी परिवार की चौथी महिला सांसद

प्रियंका संसद पहुंचने वाली गांधी परिवार की 9वीं सदस्य और चौथी महिला सदस्य हैं। प्रियंका से पहले गांधी परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, मेनका गांधी, वरुण गांधी और राहुल गांधी सियासत में उतर चुके हैं। गांधी परिवार की महिला के तौर पर इससे पहले उनकी दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और चाची मेनका गांधी लोकसभा सांसद चुनी गई थीं।

भाई ने बहन के लिए छोड़ी थी यह सीट

बता दें कि राहुल गांधी ने साल 2004 में कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी से पहला चुनाव लड़ा था। इस सीट से वह तीन बार सांसद चुने गए थे। लेकिन साल 2019 के आम चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने हरा दिया था। 2019 में उन्होंने अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ा था, वह अमेठी से हार गए थे, लेकिन वायनाड से चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीत लिया था। साल 2024 के आम चुनाव में राहुल गांधी ने यूपी की रायबरेली और वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों से जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद, जून में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली संसदीय क्षेत्र रखेंगे और केरल की वायनाड सीट खाली कर देंगे, जहां से प्रियंका लड़ेंगी। इस सीट से राहुल लगातार दो चुनावों में जीते थे। लोकसभा चुनाव में प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका निभाई।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, वक्फ-अडानी और मणिपुर हिंसा से गरमाएगा सदन

#parliamentwintersession

आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है। संसद का यह सत्र बेहद हंगामेदार होने की संभावना है। शीतकालीन सत्र में अडानी और वक्फ संशोधन विधेयक की ही गूंज सुनाई देने के आसार हैं। अडानी समूह को लेकर समय-समय पर सरकार पर निशाना साधते रहे विपक्ष ने रिश्वत प्रकरण सामने आने के बाद और भी हमलावर रुख अपना लिया है। दरअसल, हाल ही में अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में अमेरिका में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। इसे लेकर विपक्ष संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए इतनी आसानी से राजी नहीं होगी।

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को इंडिया ब्लॉक की पार्टियों की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में होगी। पार्टी ने एक दिन पहले ही गौतम अडानी से लेकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर अपने इरादे साफ कर चुकी है। अब लोकसभा सेशन से ठीक पहले कांग्रेस संसद में पार्टी के ऑफिस में साढ़े 10 बजे बैठक करने जा रही है। इस बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

वक्फ विधेयक पर और चर्चा की मांग कर रहा विपक्ष

वक्फ विधेयक पर गठित जेपीसी विपक्ष के भारी विरोध के बीच शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करेगी। विपक्ष इस मामले में और चर्चा के लिए कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहा है, जबकि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा है कि अंतिम बैठक संपन्न होने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने इस विधेयक को इसी सत्र में पेश और पारित कराने की योजना बनाई है। चूंकि जेपीसी की सभी बैठकों में हंगामा हुआ है, ऐसे में इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश होने से ले कर विधेयक को पेश करने तक सरकार और विपक्ष के बीच जबर्दस्त सियासी खींचतान होगी।

एक देश एक चुनाव विधेयक सूचीबद्ध नहीं

शीत सत्र के लिए सरकार ने पांच नए विधेयकों समेत कुल 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना विधेयक भी शामिल है। सरकार वक्फ विधेयक को भी इसी सत्र में चर्चा के बाद पारित कराना चाहती है। दस पुराने विधेयकों में आठ लोकसभा तो दो राज्यसभा में लंबित हैं। बहरहाल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित एक देश एक चुनाव से जुड़ा विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। हालांकि, केंद्रीय मंत्रिमंडल इस रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इस सत्र में पंजाब न्यायालय संशोधन, कोस्टल शिपिंग, इंडियन पोर्ट्स विधेयकों को भी सूचीबद्ध किया गया है।

श्रीलंका में दिसानायके की ‘आंधी’, राष्ट्रपति की पार्टी एनपीपी को संसदीय चुनाव में प्रचंड बहुमत

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श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) ने संसदीय चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की।श्रीलंका के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मलीमावा (कम्पास) चिह्न के तहत चुनाव लड़ने वाली एनपीपी ने 225 सदस्यीय संसद में 113 सीटें हासिल कीं। एनपीपी को 68 लाख यानी कुल वोटिंग के 61 फीसदी वोट मिले हैं।अब यह तय हो गया है कि अनुरा कुमारा दिसानायके की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है और वह आराम से श्रीलंका में सरकार चलाते रहेंगे। इस चुनावी रिजल्ट का मतलब है कि श्रीलंका में वामपंथी सरकार ने जड़ मजबूत कर ली है।

दिसानायके ने भ्रष्टाचार से लड़ने, चुराई गई संपत्तियों को वापस लाने के वादे पर सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। दिसानायके सितंबर में ही 42.31 फीसदी वोट हासिल कर राष्ट्रपति चुने गए थे, लेकिन उनकी पार्टी के पास श्रीलंका की संसद में बहुमत नहीं था। जिसके चलते राष्ट्रपति ने संसद भंग कर समय से पहले चुनाव कराने के आदेश दे दिए थे। राष्ट्रपति चुनाव के बाद संसदीय चुनाव में भी वामपंथी लीडर अनुरा दिसानायके ने साबित कर दिया कि उनका दबदबा कायम है।

शुक्रवार को जारी नतीजों में एनपीपी ने श्रीलंका की संसद की 196 सीटों में से 141 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। इस बीच, साजिथ प्रेमदासा की समागी जना बालवेगया (SJB) 35 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। श्रीलंका चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक काउंटिंग में एनपीपी ने राष्ट्रीय स्तर पर करीब 62% या 68.63 लाख से अधिक वोट हासिल किए हैं। प्रेमदासा की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालावेगया (SJB) को करीब 18 फीसदी, तो वहीं पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समर्थन वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) को महज 4.5 फीसदी वोट मिले हैं।

225 सीटों वाली श्रीलंका की संसद में किसी भी दल को बहुमत के लिए 113 सीटों पर जीत हासिल करनी होती है। इनमें से 196 सीटों पर जीत का फैसला जनता वोटिंग के जरिए होता है, बची हुई 29 सीटों के लिए उम्मीदवार एक नेशनल लिस्ट के जरिए चुने जाते हैं। नेशनल लिस्ट प्रक्रिया के तहत श्रीलंका तमाम सियासी दलों या निर्दलीय समूहों की ओर से कुछ उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी जाती है, बाद में पार्टी या समूह को जनता से मिले वोट के अनुपात में प्रत्येक दल की लिस्ट से उम्मीदवार चुने जाते हैं।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश

#session_of_parliament_25_november_start

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था।

इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश*
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18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था। इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
Humanitarian & Social Activist Kamal H. Muhamed adds one more medal to his credentials, wins the 3rd Award in month of September at Kathmandu


Human Rights Activist, Social Worker and Entrepreneur  Kamal H. Muhammad won the International Achievers Award Nepal for Best Social Activist  of the Year 2024.Award was presented by Chief Guest Dr Suhasini Sudan Madame Miss Universe for Humanity ,India in the presence of Shri.Santosh Subedi Chairman NCFC Shri.Amol Ji Bollywood Film Producer  and Shri.Dinesh Khadka Nepal movie actor, few others from film industry personalities and entrepreneurs here at British College Trade Hall  Kathmandu  on 15th September. Ceremonial kick started with Watering Plants initiated as a code of respect on environmental

Kamal H. Muhamed was the only important Awardee invited from India  in addition, the Award Certificates were signed by Honourable Shree Bimal ThakuriJi Minister of Culture Tourism and Finance, Government of Nepal.

On 28th August Kamal H. Muhamed  won Junior Chamber International (JCI) Award  for Humanitarian Puraskaram and the Dada Saheb Phalke International Motivational Award on 24th August for his active efforts in the field of Humanitarian & Social Services .

Shri. Hibi Eden Member of Parliament presented the JCI award was given on the occasion of JCI's 60th anniversary at a ceremony held in Kochi. JCI National President Dr. Rakesh Sharma, Cochin Chapter President Dr. Shabir Iqbal ,Dy Commissioner of Police Kochi Shri Sudarshan IPS and others participated .

Dada Saheb Phalke International Motivation award was given out by Punjabi & Hindi Singer Shri.Baljeet Singh Ji in the presence of Founder & Organiser Shri.A .Bhagat ji in presence of various dignitaries at Mumbai.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS ( Member  United Nations Global Compact) , Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital  Wellmed Trip Mauritius.& Well Wisher of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation)

Kamal H. Muhamed also had written his Autobiography "Daring Prince” ( Truth Revealed). Book was released by his Childhood Classmate Globally fame Spiritual Guide & Philanthropist Dr.Mohanji in the presence of various high profiled dignitaries  on March 23rd 2024 at Adlux Paragon Angamaly Kochi.Muhamed is survived with Wife & 3 Children.

YouTube: Instagram: https://www.instagram.com/kamalonlymerit?igsh=MW52NHI3bXFuZmwxcA==

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

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संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।

वक्फ एक्ट में बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार, आज संसद में संशोधन बिल कर सकती है पेश

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संसद का मॉनसून सत्र जारी है। आज सत्र का 11वां दिन है। आज मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और बड़ा फैसला हो सकता है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ एक्ट में संसोधन के लिए बिल पेश कर सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। वहीं विपक्ष हंगामा कर सकता है। इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया है। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर हमला बोला है और उनका कहना है कि सरकार जमीन छीनना चाहती है। 

नए संशोधनों का मकसद क्या?

साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है। नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है।

वहीं, लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक पेश करेंगी। इसके अलावा कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गोवा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व को फिर से समायोजित करने के लिए विधेयक पेश करेंगे। राज्यसभा में मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक पेश करेंगे।